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यमुना को खतरा! आप नेता सौरभ भारद्वाज का सरकार पर तंज, मंत्री प्रवेश वर्मा पर सवाल

नई दिल्ली  दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. सौरभ ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता के दौरान सीएम रेखा और मंत्री प्रवेश वर्मा पर यमुना नदी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो बीजेपी के यही नेता नोटंकी करते थे. अधिकारियों से बदसलूकी करते थे और उनके कामों का विरोध करते थे. सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि यमुना नदी को साफ करने के लिए जो काम उनकी सरकार कर रही थी, वही काम आज रेखा गुप्ता की सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि आज से 5 साल पहले डी फॉमिंग का टेंडर दिया गया था. यमुना नदी से उठने वाले झागों और फोम को खत्म करने का शुरू किया गया था, लेकिन प्रवेश वर्मा ने काम करने नहीं दिया. वो बार-बार वहां पहुंच जाते थे और अधिकारियों से बदतमीजी करते थे. क्योंकि इनकी पुलिस है तो कोई भी बदतमीजी कर सकता है. दिल्ली में झूठे लोगों की सरकार सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब से पहले यमुना में उनकी सरकार द्वारा केमिकल डालकर उसे साफ किया जा रहा था. उस समय बीजेपी नेता इसका विरोध करते थे. आज पुराने ही केमिकल को टेंडर जारी कर यमुना को साफ किया जा रहा है. अगर ऐसा था तो पहले इसका विरोध क्यों करते थे. असल में ये राजीनितक रोटियां सेंक रहे हैं. पहले ये बोलते थे कि ये यमुना नदी में केमिकल है छठ में इसमें नहीं नहाएं, अब उसी में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जा कर राजनीति कर रही हैं.   भाजपा और प्रवेश वर्मा पर की थी राजनीति बुराड़ी विधानसभा से आप विधायक संजीव झा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में संजीव झा यमुना नदी पर दिखाई दे रहे हैं. संजीव झा एक केमिकल केन पर इशारा करके बताते हैं कि अब छठ को देखते हुए यमुना नदी को साफ करने के लिए केमिकल डाला जा रहा है. करीब 5 साल पहले इसी केमिकल को डालने को लेकर प्रवेश वर्मा और भाजपा के सभी नेता आप सरकार को घेरते थे. कहते थे कि आप सरकार यमुना नदी में जहर डलवा रही है. आज बीजेपी उसी केमिकल को यमुना में डलवा रही है.   दिल्ली के लोगों से माफी मांगे प्रवेश वर्मा संजीव झा ने आगे कहा कि ऐसे में प्रवेश को यह बताना पड़ेगा वो ये केमिकल क्या डलवा रहे हैं. अगर उन्होंने आप सरकार के दौरान झूठ बोला था तो उन्हें दिल्ली के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. प्रवेश वर्मा की पुरानी वीडियो भी उनके पास है. संजीव ने कहा कि उन्हें भाजपा सरकार और प्रवेश वर्मा के जवाब का इंतजार रहेगा. आप विधायक ने पुरानी प्रवेश वर्मा और भाजपा प्रवक्ता की पुरानी पुरानी वीडियो को भी एक्स पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर सवाल दागा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने यमुना को लेकर बेहद घटिया राजनीति की थी. दूसरी पार्टी की सरकारों को काम करने से रोकती है भाजपा आप प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस-जिस राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार है. भाजपा उन्हें करने से रोक रही है. बंगाल में टीएमसी सरकार को काम करने से रोकते हैं. दिल्ली अरविंद केजरीवाल को काम करने रोकते थे. पंजाब में आप की भगवंत मान को काम करने रोक रहे हैं. अगर केंद्र सरकार राज्य सरकारों को काम करने से रोकेगी तो देश पीछे चला जाएगा. असल में इनकी यही राजनीति है.  

पटाखों की धमाल, लेकिन हवा रहेगी फ्रेश! दिल्ली में लागू हुई सुपर-कूल तकनीक

नई दिल्ली  दिल्ली में दिवाली से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है. बीते दिन दिल्ली के 5 अलग-अलग सेंटरों आनंद विहार, नॉर्थ कैंपस, मथुरा रोड, द्वारका, वजीरपुर में एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया. इसी बीच दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराए जाने की तैयारियां चल रही हैं. तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण पर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा कुछ चुनिंदा इलाकों में दिवाली के एक दिन बाद प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश कराए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका एक सैंपल लिया जाएगा. हालाकिं इसके लिए मौसम विभाग से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. उन्होंने कहा कि हम जल्द बादलों के छाने का इंतजार कर रहे हैं. एक प्लेन भेजकर कृत्रिम बारिश के लिए काम शुरू कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. इतना ही नहीं 2 पायलट इसके लिए 4 दिन तक ट्रेनिंग ले चुके हैं. 3 घंटे में इसका असर नजर आ जाएगा. इधर, दिल्ली से लगे नोएडा में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ हो गई थी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 14 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में GRAP-1 लागू किया था. नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए GRAP-1 उपायों के तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहा है. दिल्ली में प्रदूषण का लेवल दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण आनंद विहार में दर्ज किया गया. यहां एक्यू्आई 345 दर्ज किया गया. वहीं डीयू नॉर्थ कैंपस में 307, सीआरआरआई मथुरा रोड में 307, द्वारका सेक्टर-8 में 314 गया. जबकि वजीरपुर में प्रदूषण का स्तर 325 बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया. दिल्ली के 20 सेंटरों पर AQI खराब कैटेगरी में दर्ज किया, जबकि 13 सेंटरों पर यह मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया. प्रदूषण की वजह पराली जलाना दरअसल, उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद किसान पराली जलाना शुरू कर देते है. इसी वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज हो जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है. 2015 में एनजीटी ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाए जाने से किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी. केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए. इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए के जुर्माना लगाने की बात कही गई. 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है. AQI 400 के पार पहुंचने पर लगाया जाता है GRAP वायु प्रदूषण की जांच के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है. इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं. इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है. दरअसल, 201 से 300 तक एक्यूआई होने पर धूल पर नियंत्रण और खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई जाती है. 301 से 400 तक डीजल जनरेटर चालाने पर रोक लगाई जाती है और पानी का छिड़काव शुरू कर दिया जाता है. 401 से 450 एक्यूआई होने पर गैरजरूरी निर्माण और ईंट भट्टों पर पाबंदियां लगा दी जाती हैं. वहीं एक्यूआई 450 से अधिक होने पर भारी वाहन पर रोक, निर्माण पर रोक और स्कूलों को बंद कर दिया जाता है. दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की तैयारियां कर ली है. दरअसल, कृत्रिम बारिश के लिए पहले से तैयारियां की जाती हैं. हेलीकॉप्टर, विमान या ड्रोन से बादलों के पास सिल्वर आयोडाइड छोड़ा जाता है. जिससे भाप इसके संपर्क में आते ही ठंडी होकर बारिश की बूदों में बदल जाती है. इस प्रक्रिया को संघनन कहा जाता है. जानकारी के अनुसार 50 से अधिक देश बारिश के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.  

राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ीं: CJI पर हमला मामले में कोर्ट ने दिया हरी झंडी

नई दिल्ली  भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश करने वाले राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने गुरुवार को जूताकांड में राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाने की अपनी मंजूरी दे दी है। भगवान विष्णु पर सीजेआई गवई की टिप्पणी से नाराज राकेश किशोर ने छह अक्टूबर को उन पर भरी कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश की थी। हालांकि, बाद में सीजेआई ने उन्हें माफ करते हुए कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल द्वारा अवमानना की मंजूरी दिए जाने की बात की जानकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब दी, जब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के सामने इस मामले को उठाया। कोर्ट की अवमानना क नियम सेक्शन 15 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के खिलाफ इसकी कार्रवाई शुरू किए जाने से पहले अटॉर्नी जनरल की मंजूरी की जरूरत होती है। सीजेआई गवई पर जूता फेंकने के मामले में अटॉर्नी जनरल की ओर से यह मंजूरी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की थी और एजी वेकंटरमणी को पत्र लिखा था। विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को कल लिस्ट करने की मांग की। उन्होंने लिखा, ''जूता फेंकने के मामले को ऐसे ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। राकेश किशोर को जूता फेंकने पर कोई पछतावा नहीं है। मैंने अटॉर्नी जनरल से मंजूरी मांगी थी और इसे कल लिस्ट किया जा सकता है। सोशल मीडिया इस मामले में पागल हो गया है।'' सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस मामले को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा, ''राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए एजी द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। संस्था की ईमानदारी दांव पर है। कुछ कार्रवाई की जरूरत है।'' हालांकि, इतना सब सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस घटना को जाने देना ही सबसे बेहतर होगा। मेहता और सिंह ने अदालत से सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री पोस्ट करने पर रोक से संबंधी आदेश पारित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि हर तरह की अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। पीठ ने कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार दूसरों की गरिमा की कीमत पर नहीं हो सकता है। इसने सोशल मीडिया की अनियमित प्रकृति के दुष्प्रभावों की ओर इशारा किया और कहा, ‘‘हम सामग्री के उत्पाद और उपभोक्ता दोनों हैं’’। हालांकि, कोर्ट ने मामले की कल मामले की सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं किया है। जस्टिस कांत ने कहा, ''देखते हैं एक हफ्ते में क्या होता है और भी बिकने वाली चीजें पढ़ेंगे।'' वहीं, जस्टिस बागची ने कहा कि शायद छुट्टियों के बाद कुछ और बिकने वाली चीजें सामने आएंगी। प्रधान न्यायाधीश पर जूता फेंकने के प्रयास की यह अभूतपूर्व घटना छह अक्टूबर को हुई। उस दिन सुबह करीब 11:35 बजे अदालत कक्ष संख्या-एक में 71-वर्षीय अधिवक्ता राकेश किशोर ने अपने जूते उतारकर उन्हें प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर फेंकने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी अधिवक्ता को तुरंत हिरासत में ले लिया। अदालती कार्यवाही के दौरान हुई इस घटना से अविचलित प्रधान न्यायाधीश ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा।  

BJP नेता के बयान से चौंकी AAP, प्रशांत किशोर की बुराई में मिला ‘केजरीवाल गुणगान’ का एंगल

नई दिल्ली  भाजपा नेता और अरविंद केजरीवाल की तारीफ! हैरान हो गए। आम आदमी पार्टी के नेता भी भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के एक ट्वीट में केजरीवाल के जिक्र को पूर्व सीएम की तारीफ मानकर इतने ही अचरज में हैं। दरअसल, जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर की आलोचना करते हुए मालवीय ने केजरीवाल का जिक्र किया। अब इसे आप प्रमुख के लिए तारीफ बताकर आप नेता राजेश गुप्ता ने कहा कि उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा है। दरअसल, अमित मालवीय ने यह टिप्पणी प्रशांत किशोर के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को लेकर की। प्रशांत किशोर के पहले करगहर से लड़ने की चर्चा थी। बाद में उन्होंने खुद राघोपुर में तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही। अब उन्होंने खुद किसी सीट से नहीं उतरने की बात कही तो मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें लगा था कि वह (पीके) अरविंद केजरीवाल हैं। मालवीय ने कहा, 'दिल्ली की मीडिया जिनको बिहार चुनाव का X फैक्टर बता रही थी, वो तो Z निकले – Z मतलब जीरो असल में बात ये है कि उन्हें लगा वो अरविंद केजरीवाल हैं, लेकिन बिहार की जनता ने जमीन पर उतार दिया। खबर ये भी है कि उनकी अपनी पार्टी में पैसों और टिकट के बंटवारे को लेकर इतना बवाल है कि अगर वो चुनाव लड़ भी लेते, तो अपने ही कार्यकर्ता उन्हें हरा देते। जो इंसान किसी एक विचारधारा या संगठन के प्रति ईमानदार नहीं हो सकता, वो बिहार के लोगों का क्या होगा? राजनीति में पाले बदलना और कपड़े बदलने में फर्क होता है। राजनीति संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास मांगती है।' 'उन्हें लगा वो अरविंद केजरीवाल हैं, लेकिन…' अब इस बात को आम आदमी पार्टी ने आप के राष्ट्रीय संयोजक की तारीफ के रूप में लिया और हैरानी जाहिर की। दिल्ली के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश गुप्ता ने मालवीय के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, 'भाई साहब अगर आप भी अरविंद केजरीवाल जी की तारीफ करेंगे तो हम क्या करेंगे। मुझे तो अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा।'  

रेलवे का बड़ा फैसला: भीड़ नियंत्रण के लिए कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री पर रोक

नई दिल्ली  त्योहारों के मौसम में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तरी रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार टर्मिनल और गाजियाबाद रेलवे स्टेशनों पर 15 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री रोक दी गई है। यह फैसला दिवाली (20 अक्टूबर) और छठ पर्व (25 से 28 अक्टूबर) के दौरान संभावित भारी भीड़ को देखते हुए लिया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस अवधि में स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी की संभावना है। ऐसे में भीड़-भाड़ से होने वाली अव्यवस्था और हादसों से बचने के लिए केवल टिकटधारी यात्रियों को ही स्टेशन परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। हालांकि, रेलवे ने कुछ श्रेणियों के लोगों को छूट दी है। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, अशिक्षित या महिला यात्रियों के साथ आने वाले परिजनों या सहायकों को प्लेटफॉर्म टिकट प्राप्त करने की अनुमति होगी। ऐसे लोगों को स्टेशन के पूछताछ काउंटर पर जाकर अपनी आवश्यकता बतानी होगी, जिसके बाद उन्हें विशेष अनुमति के तहत प्लेटफॉर्म टिकट जारी किया जाएगा। रेलवे सूत्रों ने बताया कि यह कदम सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिहाज से आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के आने की अफवाह के बाद प्लेटफॉर्म पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। उसी के बाद से रेलवे ने भीड़ नियंत्रण के उपायों को और कड़ा कर दिया है। इसी तर्ज पर पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे ने भी मुंबई और गुजरात के कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय लिया है। पश्चिम रेलवे के बयान के अनुसार, 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मुंबई बांद्रा टर्मिनस, वापी, उधना और सूरत स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट नहीं बेचे जाएंगे। वहीं, मध्य रेलवे ने भी मुंबई डिवीजन के प्रमुख स्टेशनों- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), दादर, लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT), ठाणे, कल्याण और पनवेल पर इसी अवधि में यह प्रतिबंध लागू करने की घोषणा की है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन भीड़ प्रबंधन के लिए स्टेशन परिसर में केवल यात्रियों को प्रवेश देना ही सबसे प्रभावी उपाय है। इससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी की घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।

प्रदूषण का ‘बम’ फूटा दिल्ली में! दिवाली से पहले ही लागू हुआ GRAP-1 अलर्ट

नई दिल्ली  दिवाली आने से पहले ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब श्रेणी में पहुंच गई है.  सुबह 6 बजे आनंद विहार की एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे ज्यादा दर्ज किया है. वहीं, सबसे कम AQI श्री ऑरोबिंदो मार्ग का रिकॉर्ड किया गया है. आज दिन भर मौसम साफ बना रहेगा. बढ़ते AQI के कारण दिल्ली में GRAP-1 नियम लागू कर दिया गया है. जिसके चलते कई कामों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली-NCR में AQI खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहा है. हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के कारण दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-1 को लागू कर दिया है. मंगलवार को दिल्ली का ओवरऑल AQI 211 दर्ज किए जाने के बाद इसे लागू किया गया है. वहीं, बुधवार सुबह 6 बजे ओवरऑल AQI 204 रिकॉर्ड किया गया, जो कि खराब श्रेणी में आता है. खराब श्रेणी में पहुंचा AQI दिल्ली के 18 इलाकों में AQI खराब श्रेणी में पहुंच गया है. अलीपुर में 211, शादीपुर में 235, सिरी फोर्ट में 223, आरके पुरम में 209, मथुरा रोड़ में 298, आईजीआई एयरपोर्ट में 238, द्वारका सेक्टर 8 में 273, पपड़गंज में 230, अशोक विहार में 215, जहांगीरपुरी में 257, रोहिणी में 223, विवेक विहार में 226, नरेला में 209, ओखला फेस-2 में 225, बवाना में 251, मुंडका में 220, चांदनी चौक में 256 और बुराड़ी क्रॉसिंग में 201 AQI दर्ज किया गया है. इन इलाकों स्थिति खराब श्रेणी दर्ज की गई है. आनंद विहार की स्थिति हुई गंभीर वहीं, दिल्ली के 2 इलाकों में AQI बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. आनंद विहार का AQI सबसे ज्यादा 351, जबकि वजीरपुर का AQI 303 दर्ज किया गया है. प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली के लोगों ने एक बार फिर मास्क का इस्तेमाल शुरू कर दिया. आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता की स्थिति और भी भयावह हो सकती है. GRAP-1 लागू होने के बाद दिल्ली में कई चीजों पर प्रतिबंध लग गया है. GRAP-1 लागू होने से इन नियमों को मानना होगा.     कंस्ट्रक्शन साइट पर धूल उड़ने से रोकने के उपाय होने चाहिए. यानी स्मोक गन होना चाहिए.     500 SQM से ऊपर भी नई कंस्ट्रक्शन साइट को अनुमति नहीं दी जाएगी.     सड़को की मशीन से सफाई की जाएगी.     खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगेगा.     गाड़ियों में PUC मेंडेटरी को सख्ती से लागू किया जायेगा.     सड़क पर जाम ना लगे इसके लिए अधिक से अधिक ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाएगी.     स्मोक गन का ज्यादा के ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा. कैसा रहेगा वेदर? दिल्ली का मौसम आज दिनभर साफ बना रहेगा. इस दौरान अधिकतम तापमान 33, जबकि न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. 2 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. वहीं, हवा में 85 प्रतिशत ह्यूमिडिटी रहने की संभावना है. आने वाले 3 से 4 दिनों तक लगभग यहीं स्थिति बनी रहेगी.  

दिल्ली के LG का बड़ा फैसला: जनप्रतिनिधियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई का रास्ता साफ

नई दिल्ली सीपीसीआर अधिनियम, 2005 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालतें अब पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों के खिलाफ भी मामलों की सुनवाई कर सकेंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को इसके दायरे में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे राउज एवेन्यू स्थित इन विशेष अदालतों का दायरा बढ़ गया है।   इससे पहले, जुलाई 2023 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों से निपटने के लिए राजधानी के राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में तीन नामित/विशेष अदालतों की स्थापना को मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि यह अधिसूचना दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 2020 में जारी की गई थी। हालाँकि, केजरीवाल सरकार ने बिना किसी कारण के इस अधिसूचना को तीन साल से ज़्यादा समय तक लंबित रखा। सीपीसीआर अधिनियम की धारा 25 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 28 के तहत इन नामित/विशेष अदालतों के गठन के लिए उपराज्यपाल की मंज़ूरी हेतु प्रस्ताव दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया था और विधि विभाग द्वारा इसकी जाँच की गई थी। ये तीन अदालतें बच्चों के विरुद्ध अपराधों, बाल अधिकारों के उल्लंघन और पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए पहले से अधिसूचित आठ अदालतों के अतिरिक्त हैं। पॉक्सो अधिनियम की धारा 28(1) में कहा गया है कि त्वरित सुनवाई के लिए, राज्य सरकार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए प्रत्येक ज़िले के लिए एक सत्र न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में नामित करेगी। सीपीसीआर अधिनियम की धारा 25 में कहा गया है कि बच्चों के खिलाफ अपराध या बाल अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए, राज्य सरकार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से, अधिसूचना द्वारा, राज्य में कम से कम एक न्यायालय या प्रत्येक जिले के लिए, उक्त अपराधों की सुनवाई के लिए एक सत्र न्यायालय को बाल न्यायालय के रूप में निर्दिष्ट कर सकती है। बशर्ते कि इस धारा की कोई भी बात लागू नहीं होगी यदि – (क) सत्र न्यायालय को पहले से ही एक विशेष न्यायालय के रूप में नामित किया गया है या (ख) किसी अन्य कानून के तहत ऐसे अपराधों के लिए पहले से ही एक विशेष न्यायालय का गठन किया गया है। इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से नामित न्यायालय 1. विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 09, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर 2. विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 23, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर 3. विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) (सीबीआई) का न्यायालय – 24, राउज एवेन्यू, न्यायालय परिसर

दिल्ली में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, तय किए इतने दिन का समय

नई दिल्ली दिवाली के त्योहार से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट  ने दिल्ली-एनसीआर  के निवासियों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने क्षेत्र में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को 25 अक्टूबर तक के लिए हटा दिया है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सुझावों पर विचार करने के बाद लिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सिफारिश की थी कि पटाखों के उत्पादकों और त्योहार के मद्देनजर लोगों को यह अस्थायी राहत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने उनकी सिफारिश को मानते हुए यह आदेश जारी किया है। यह छूट विशेष रूप से ग्रीन पटाखों के लिए दी गई है जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। यह आदेश 25 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा जिससे दिवाली के दौरान लोग ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण की चिंताओं और त्योहार के मौके पर लोगों की भावनाओं के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।  

रेखा गुप्ता की बड़ी घोषणा: दिल्लीवासियों को अब देना होगा सिर्फ ₹1,000, पहले लगता था ₹25,000

नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पानी बिल पर लेट पेमेंट सरचार्ज माफी योजना की शुरुआत करते हुए बड़ा राहत दी है। 31 दिसंबर तक बिल जमा करने पर लेट पेमेंट सरचार्ज में 100 फीसदी की छूट दी गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब महज एक हजार रुपये में घरेलू कनेक्शन को वैध कराया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि अवैध कनेक्शन काटे जाएंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में हजारों अवैध कनेक्शन हैं। ऐसा नहीं हो सकता है कि 2.5 करोड़ की आबादी में केवल 29 लाख कनेक्शन हो। उन्होंने कनेक्शन नियमित कराने पर भारी छूट का ऐलान करते हुए कहा, 'अभी तक अवैध कनेक्शन को नियमित कराने पर 25 हजार रुपये लिया जाता था। अब इसे महज एक हजार रुपये में रेग्युलराइज किया जाएगा। गैर घरेलू कनेक्शन में पेनल्टी 61 हजार रुपये थी, इन्हें महज 5 हजार में नियमित किया जाएगा।' कनेक्शन नियमित नहीं कराने पर इसे काटा जाएगा। पिछली सरकारों ने दिल्ली जल बोर्ड को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने सॉफ्टवेर अपडेट नहीं किया जिसके चलते नए कनेक्शन नहीं दिए। जल विभाग ने इसे अपडेट किया है और अब यह बेहतर तरीके से काम करेगा। जल बोर्ड की सभी आर्थिक शक्ति को उन्होंने जल बोर्ड की जगह अपने पास रखें थे। सीएम ने कहा किआज आधी दिल्ली बिना पानी की पाइपलाइन और अवैध कनेक्शन पर चल रही है। भाजपा सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को आर्थिक शक्ति दी जिससे काम तेज हुआ। इसके अलावा काम को कर्मचारियों में बराबर बांटा गया है। प्रत्येक दो विधानसभा पर एक दफ्तर होगा ताकि बेहतर काम हो सके।

राजधानी में अवैध प्रवासियों पर शिकंजा, पुलिस ने पकड़े छह अफ्रीकी नागरिक

नई दिल्ली   दिल्ली के निहाल विहार इलाके में पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे छह अफ्रीकी नागरिकों को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई बाहरी जिला पुलिस के विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अवैध प्रवास पर रोक लगाना और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। 10 अक्टूबर को निहाल विहार पुलिस थाने की गश्ती टीम को चंदर विहार में अवैध प्रवासियों की मौजूदगी की सूचना मिली। हेड कांस्टेबल गजानंद, दलवीर, जगपाल, सरदार मल और कांस्टेबल महेंद्र की टीम ने तुरंत कार्रवाई की। मौके पर पहुंचने पर छह विदेशी नागरिकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में इनकी पहचान फ्रैंक फॉचिंग (कैमरून), रोमियो लुसिएन (कैमरून), सैमुनेल (नाइजीरिया), माल्क फैराडे (नाइजीरिया), इवांस डांसो (घाना), और इनौसा (नाइजीरिया) के रूप में हुई। सत्यापन के दौरान पता चला कि इनके पास वैध वीजा या पासपोर्ट नहीं थे और ये सभी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। पुलिस ने विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946 की धारा 14(सी) के तहत मकान मालिक के खिलाफ अवैध शरण देने का मामला दर्ज किया। इसके बाद विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय के सहयोग से निर्वासन प्रक्रिया शुरू की गई। वर्तमान में सभी छह व्यक्तियों को लामपुर, नरेला के हिरासत केंद्र में रखा गया है, जहां से उनकी निर्वासन प्रक्रिया पूरी होगी। बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त सचिन शर्मा (आईपीएस) ने बताया कि दिल्ली में अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त नीति अपनाई जा रही है। पुलिस नियमित गश्त, सत्यापन और खुफिया जानकारी के आधार पर ऐसे मामलों पर नजर रख रही है। यह अभियान स्थानीय लोगों की सुरक्षा और आव्रजन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें। अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई के लिए पुलिस का अभियान आगे भी जारी रहेगा।