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यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया कार्यक्रम को संबोधित

उत्तम स्वास्थ्य पहले गरीब के लिए चिंता का विषय था, आज यह अधिकार के रूप में उसके दरवाजे तक पहुंच रहा : रक्षा मंत्री 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, आज 800 हो गये हैं, एमबीबीएस सीटें केवल 50 हजार थीं, आज यह 1 लाख 20 हजार से ज्यादा हो चुकी हैं : राजनाथ सिंह दक्षिण एशिया में रोबोटिक्स सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में पहचानी जाएगी यशोदा मेडिसिटी : राजनाथ सिंह गाजियाबाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां आयोजित यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम उस भारत की ओर बढ़ रहे हैं जिसका सपना हमारे पूर्वजों ने देखा था, जो शक्तिशाली और स्वस्थ हो। हमारा हर कदम, हर नीति, हर प्रयास देश के गरीब, वंचित और ग्रामीण जनमानस को समर्पित है। हम मानते हैं कि जब भारत का हर नागरिक स्वस्थ होगा तभी भारत सशक्त होगा। हमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए राष्ट्र के नागरिकों का स्वास्थ्य उत्तम होना बहुत जरूरी है। मेडिकल ट्रेनिंग और टेक्निकल रिसर्च को मिलेगी नई दिशा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यशोदा मेडिसिटी के लिए गौरव की बात है कि इसे दक्षिण एशिया में रोबोटिक्स सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में मान्यता मिली है। यह उपलब्धि निश्चित रूप से मेडिकल ट्रेनिंग और टेक्निकल रिसर्च को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि हम जब भी किसी सफल इंसान की कहानी पढ़ते हैं, आपको यही देखने को मिलेगा कि हर बड़ी यात्रा की शुरुआत किसी न किसी बड़ी व्यक्तिगत पीड़ा से निकलती है। यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ पीएन अरोड़ा ने 1986 में अपनी माता को कैंसर की वजह से मृत्युशैया पर देखा, उनकी इसी पीड़ा ने यशोदा मेडिसिटी को जन्म दिया। आज यह अस्पताल समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए विश्वास का प्रतीक बनकर उभरी है। सरकार एक संरक्षक के रूप में बुजुर्गों के साथ खड़ी है राजनाथ सिंह ने कहा कि यशोदा मेडिसिटी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का उत्तरदायित्वपूर्ण निर्वाह किया है। ठीक उसी प्रकार हम भी समाज के अंतिम व्यक्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ने नया रूप लिया है। पहले जहां यह गरीब के लिए चिंता का कारण होता था, वही आज उसके अधिकार के रूप में उसके दरवाजे तक पहुंच रहा है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत का कोई गरीब किसी भी बीमारी के कारण अपने जीवन की उम्मीद न खोए। इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के 10 करोड़ परिवारों को हर वर्ष पांच लाख रूपए के स्वास्थ्य बीमा का कवच प्रदान किया गया है। अब 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में शामिल किया गया है। ताकि जीवन के उस पड़ाव में जब देखभाल की सबसे अधिक आवश्यकता होती है तब सरकार एक संरक्षक के रूप में उसके साथ खड़ी रहे। जेनरिक मेडिसिन से गांव-गांव में लोग हो रहे लाभान्वित रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से आम जनता को अत्यंत किफायती दर पर जेनरिक मेडिसिन उपलब्ध कराई जा रही हैं। आज गांव गांव में लोग इन केंद्रों से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही हमने एक मजबूत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर विशेष बल दिया है। 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे वही आज बढ़कर 800 पहुंच चुकी है। 2014 में एमबीबीएस की सीटें केवल 50 हजार हुआ करती थीं, आज यह 1 लाख 20 हजार से ज्यादा हो चुकी हैं। 22 नये एम्स की स्थापना का निर्णय लिया गया। इसमें से 12 पूरी क्षमता के साथ कार्यरत हैं, बाकियों का निर्माण पूरी तेजी पर हैं। जब ये सभी संस्थान पूरी तरह से कार्यरत होंगी तो हमारा हेल्थ नेटवर्क और मजबूत होगा। दक्षिण एशिया में नवाचार की नई परिभाषा गढ़ेगी यशोदा मेडिसिटी अंत में उन्होंने यह कहकर अपनी खुशी जाहिर की कि, यशोदा समूह इस क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास कर रहा है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यह संस्था आने वाले समय में न केवल भारत बल्कि दक्षिण एशिया में नवाचार की नई परिभाषा गढ़ेगी। रक्षामंत्री ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने यहां आकर यहां के चिकित्सक और कर्मचारियों के मन में नई ऊर्जा का संचार किया है। राजनाथ सिंह ने यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन और एमडी डॉ पीएन अरोड़ा, सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा और उनकी टीम को बधाई दी। इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यशोदा मेडिसिटी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी का किया उद्घाटन

कोविड महामारी में यशोदा मेडिसिटी का बड़ा योगदान, उत्तर भारत में 'स्टेप्स' मॉडल लागू करने वाला पहला अस्पताल : द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति ने यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. पीएन अरोड़ा को दी शुभकामनाएं, कहा- यह अस्पताल बनेगा हेल्थकेयर में बदलाव की मिसाल  'अफोर्डेबल वर्ल्ड क्लास हेल्थ सर्विस टू ऑल' के मिशन को पूरा करेगी यशोदा मेडिसिटी : राष्ट्रपति गाजियाबाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में यशोदा मेडिसिटी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के आधुनिक स्वास्थ्य ढांचे और जनसेवा की भावना की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि देशवासियों को निष्ठा के साथ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थानों में आकर उन्हें गर्व और खुशी दोनों का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि यशोदा मेडिसिटी ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरी निष्ठा के साथ अपनाया है। कोविड महामारी के दौरान इस संस्थान ने बड़ी संख्या में लोगों का उपचार किया और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भी उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने बताया कि 'सिस्टम फॉर टीबी एलिमिनेशन इन प्राइवेट सेक्टर (स्टेप्स)' के तहत उत्तर भारत का पहला केंद्र यशोदा मेडिसिटी को बनाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह संस्थान सिकल सेल एनीमिया जैसी जनजातीय क्षेत्रों में होने वाली बीमारियों पर विशेष रूप से काम कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यशोदा मेडिसिटी इस दिशा में और अधिक योगदान देगी। अस्पताल के चेयरमैन और एमडी डॉ. पी.एन. अरोड़ा के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सेल्फ मेड हेल्थकेयर मिशन के तहत एक विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित किया है, जो समाज सेवा और राष्ट्र सेवा को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल को अपनी माता यशोदा जी के नाम पर रखना भारतीय संस्कारों और स्वदेशी भावना का उदाहरण है। राष्ट्रपति मुर्मु ने अस्पताल का दौरा भी किया और कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना अत्याधुनिक अस्पताल देखा है, जहां एक ही छत के नीचे सभी परीक्षण और उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों का कीमती समय बचता है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और यह तभी संभव है जब देश का हर नागरिक स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि इस तरह की मेडिसिटी न केवल इलाज के लिए बल्कि अनुसंधान और नवाचार के लिए भी जरूरी हैं। राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि यशोदा मेडिसिटी आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थानों के साथ मिलकर कैंसर की जीन थैरेपी जैसी स्वदेशी तकनीकों को अपनाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र निर्माण का अभिन्न अंग है और सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि निजी क्षेत्र के अच्छे स्वास्थ्य संस्थान देश के लिए अमूल्य योगदान दे सकते हैं। मेडिकल रिस्पॉन्सिबिलिटी के साथ सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी निभाना इन संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। अंत में उन्होंने यशोदा मेडिसिटी से उम्मीद जताई कि यह 'अफोर्डेबल वर्ल्ड क्लास हेल्थ सर्विस टू ऑल' के मिशन को पूरा करेगी और देश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगी। उन्होंने डॉ. पी.एन. अरोड़ा और उनकी टीम को शुभकामनाएं दीं कि वे सेवा, गुणवत्ता और नवाचार के साथ देश को गौरवान्वित करते रहें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा, सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। विशेष शॉल भेंट कर हुआ अतिथियों का स्वागत यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन समारोह में शामिल सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत संस्थान के चेयरमैन और एमडी डॉ पीएन अरोड़ा ने विशेष शॉल भेंट कर किया। शॉल पर रामायण के दृष्यों को रेशम के धागों से उकेरा गया है और प्रत्येक शॉल को बनाने में कारीगरों को एक वर्ष का समय लगा है। इसके साथ ही अतिथियों को शंख और स्मृति चिह्न देकर उनका अभिवादन किया गया।

कचरे से कर्म की मिसाल: ‘मन की बात’ में PM ने किया अंबिकापुर के गार्बेज कैफे का ज़िक्र

अंबिकापुर स्वच्छता और नवाचार के क्षेत्र में अंबिकापुर ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम की सराहना करते हुए कहा कि 'गार्बेज कैफे जैसी पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सामाजिक संवेदनशीलता और मानवता की एक प्रेरक मिसाल भी है।' उन्होंने कहा, यह एक बेहतरीन उदाहरण है। अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री की इस प्रशंसा के बाद अंबिकापुर का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर गूंज उठा है।   प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन और नाश्ता साल 2019 में अंबिकापुर नगर निगम ने देश का पहला ‘गार्बेज कैफे’ शुरू किया था। इसका उद्देश्य था शहर से प्लास्टिक कचरा हटाना और जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक भोजन उपलब्ध कराना। इस कैफे में कोई भी व्यक्ति पैसे से नहीं, बल्कि प्लास्टिक के कचरे से अपनी भूख मिटा सकता है।   यहां का नियम बेहद दिलचस्प है एक किलो प्लास्टिक कचरे के बदले चावल, दाल, दो सब्ज़ी, रोटी, सलाद और अचार से सजी थाली मिलती है। आधा किलो प्लास्टिक के बदले समोसा, वड़ा पाव या आलू चाप जैसा स्वादिष्ट नाश्ता दिया जाता है।इस व्यवस्था ने गरीबों को भोजन देने के साथ-साथ शहर की सफाई व्यवस्था को भी नया जीवन दिया है।   स्वच्छता और सम्मान की कहानी अंबिकापुर नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि शहर को स्वच्छ रखने में कचरा बीनने वाले लोग असली योद्धा हैं। गार्बेज कैफे उनके लिए न केवल भोजन का माध्यम बना, बल्कि उनके काम को सम्मान भी दिलाया।यह पहल यह संदेश देती है कि समाज जिन लोगों को अक्सर अनदेखा कर देता है, वही पर्यावरण संरक्षण की रीढ़ हैं। कैफे से जमा हुआ प्लास्टिक बाद में रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है और उसका उपयोग प्लास्टिक सामग्रियों के निर्माण में किया जाता है। सड़क निर्माण में भी इसकी उपयोगिता सुनिश्चित की गई है। देशभर में गूंजा अंबिकापुर का मॉडल अंबिकापुर की इस पहल ने देशभर के नगर निगमों को प्रेरित किया है। उत्तर और दक्षिण के राज्यों के कई नगर निगमों ने प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए अलग-अलग नाम से गार्बेज कैफे की शुरुआत की जहां नाश्ता,चाय-काफी उपलब्ध कराया जाता है। निगम अधिकारियों का मानना है कि यदि हर शहर में ऐसे कैफे खोले जाएं, तो यह दोहरी समस्या का समाधान बन सकता है। एक ओर गरीबों को भोजन मिलेगा, तो दूसरी ओर शहर प्लास्टिक मुक्त होंगे। इससे रिसाइक्लिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

बिहार चुनाव में दिलचस्प मुकाबला: नीतीश के भरोसे ‘श्रवण’ बनाम रिकॉर्ड के भूखे हरिनारायण

पटना  बिहार में प्रथम चरण में छह नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नालंदा जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले मंत्री श्रवण कुमार आठवीं बार जबकि पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह दसवीं बार जीत का सेहरा बांधने के लिये चुनावी रण में उतरे हैं। विश्व के प्राचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेषों को अपने आंचल में समेटे नालंदा जिले में होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ,महागठबंधन और क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार चरम पर है। नालंदा जिले में सात विधानसभा क्षेत्र नालंदा,हरनौत, बिहारशरीफ, राजगीर (सुरक्षित),अस्थावां, हिलसा और इस्लामपुर है। यहां पर राजग का पलड़ा भारी है। इनमें पांच सीटें नालंदा,हरनौत,राजगीर (सुरक्षित) ,अस्थावां और हिलसा पर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) , बिहारशरीफ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इस्लामपुर में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में सभी की नजरें टिकी हुयी है। नालंदा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू के विधायक और मंत्री श्रवण कुमार की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। सियासी पिच पर सात बार जीत दर्ज कर चुके श्रवण कुमार आठवीं बार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। महागबंधन की ओर से कांग्रेस ने कौशलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है। दो दशक से नालंदा सीट पर श्रवण कुमार का वर्चस्व बरकरार है। जदयू के श्रवण कुमार इस सीट से वर्ष 1995, 2000, फरवरी 2005,अक्टूबर 2005, वर्ष 2010, वर्ष 2015 और वर्ष 2020 में निर्वाचित हो चुके हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री कुमार ने जनतांत्रिक विकास पार्टी के उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार को मात दी थी। कांग्रेस के गुंजन पटेल तीसरे नंबर पर रहे थे।नालंदा से 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। हरनौत विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने नौ बार विधायकी का दम दिखा चुके पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक हरिनारायण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के अरूण कुमार से है। जदयू के श्री सिंह इसके पूर्व चंडी विधानसभा से वर्ष 1977, 1983 उप चुनाव,1990, 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 और इसके बाद वर्ष 2010 ,वर्ष 2015 और 2020 में हरनौत से विधानसभा से निर्वाचित हो चुके हैं। हरनौत विधानसभा सीट ,नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र भी है, उनका पैतृक गांव कल्याण बिगहा इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है।इस सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह दो बार 1977 और 1980 में हार गए जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में वह विजयी हुए। हरनौत सीट को जदयू का अभेद किला माना जाता है। वर्ष 2005 से लेकर अबतक हुए चुनावों में यहां कभी नीतीश के विरोधियों की दाल नहीं गली है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के हरिनारायण सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार ममता देवी को शिकस्त दी थी। कांग्रेस के कुंदन कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे।जदयू के हरिनारायण सिंह नौ बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। यदि वह इस बार का चुनाव भी जीतते हैं तो सर्वाधिक बार विधानसभा पहुंचने वाले विधायक बन जाएंगे। अब तक दस बार बिहार विधानसभा का चुनाव कोई नहीं जीत सका है। नौ बार विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड तीन लोगों के नाम हैं। इनमें हरिनारायण सिंह, सदानंद सिंह और रमई राम शामिल हैं। सदानंद सिंह और रमई राम दिवंगत हो चुके हैं। हरनौत में 11 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। सिक्सर लगाने को बेताब डॉ. सुनील कुमार बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक और मंत्री डॉ. सुनील कुमार चुनावी मैदान में सिक्सर लगाने के लिये बेताब है, जबकि उनसे लोहा लेने के लिये कांग्रेस ने यहां नये खिलाड़ी उमैद खान को उनके सामने लाकर खड़ा कर दिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के शिव कुमार यादव ने यहां से उम्मीदवार हैं, जो कांग्रेस प्रत्याशी के लिये मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।भाजपा के डाक्टर सुनील कुमार ने फरवरी 2005, अक्टूबर 2005, 2010, 2015 और 2020 में जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनव में डॅा. सुनील ने राजद के सुनील कुमार को मात दी थी। पूर्व विधायक नौशादुन नवी उर्फ पप्पू खान की पत्नी निर्दलीय उम्मीदवार आफरीन सुलताना तीसरे नंबर पर रही थी। बिहारशरीफ में 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में जोर आजमां रहे हैं। राजगीर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा के पूर्व राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के पुत्र और जदयू विधायक कौशल किशोर और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) उम्मीदवार विश्वनाथ चौधरी के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है। वर्ष 2015 में जदयू के श्रवण कुमार ने भाजपा के आर्य को 5390 मतों से शिकस्त दी थी। वर्ष 2020 के चुनाव में आर्या वर्ष 1977, 1980, 1985, 1990, 1995,2000, 2005 फरवरी और अक्टूबर 2005 ,2010 में इस सीट से जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री किशोर ने कांग्रेस के रवि ज्योति कुमार को पराजित किया था। राजगीर में सात उम्मीदवार चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं। अस्थावां विधानसभा क्षेत्र से सियासी पिच पर पांच का दम दिखा चुके जदयू प्रत्याशी जितेन्द्र कुमार सिक्सर लगाने के लिये बेताब हैं। राजद ने यहां रवि रंजन कुमार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी (जनसुराज) ने कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष (अब जनसुराज में शामिल )रामचंद्र प्रसाद सिंह (आर.सी.पी सिंह) की बेटी लता सिंह को मैदान में उतारा है। चुनावी दंगल में उतरी लता सिंह यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगी हुयी हैं।जदयू के श्री कुमार ने फरवरी 2005, अक्टूबर 2005, 2010 ,2015 और 2020 में जीत हासिल की है। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के श्री कुमार ने राजद के अनिल कुमार को हराया था।अस्थांवा विधानसभा सीट से कुल सात प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने पूर्व विधायक राजीव रंजन सिंह के पुत्र रूहेल रंजन को चुनावी अखाड़े में उतारा है, जहां उनका मुकाबला पूर्व विधायक कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह के पुत्र और वर्तमान राजद विधायक राकेश कुमार रोशन से है। कृष्ण बल्लभ प्रसाद यहां से 1977, 1990 और 1995 में जीत हासिल कर चुके हैं।पिछले कुछ दशकों में जदयू ने यहां मजबूत पकड़ बनाई। अब तक जदयू यहां पांच बार जीत दर्ज … Read more

राजधानी में एनकाउंटर! ‘गला घोटूं गैंग’ का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर पकड़ा गया

नई दिल्ली  दिल्ली पुलिस ने अपराध पर नकेल कसते हुए एक बार फिर बहादुरी दिखाई है। साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 'गला घोटूं गैंग' के एक सक्रिय सदस्य हिमांशु को शनिवार रात एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। बदरपुर फ्लाइओवर के पास पुलिस और गैंगस्टर हिमांशु के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान हिमांशु के पैर में गोली लगी, जिसके बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा। घायल हिमांशु को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिमांशु पुल प्रहलादपुर इलाके में हाल ही में हुई एक सनसनीखेज लूट की वारदात में वांछित था। उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर फूड डिलीवरी एग्जीक्यूटिव का गला घोंटकर लूटपाट की थी। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें अपराधी डिलीवरी एग्जीक्यूटिव का गला घोंटते हुए और फिर मौके से भागते हुए दिखाई दिए थे। हिमांशु के खिलाफ पहले भी अपहरण और लूट के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। कैसे काम करता है गला घोटूं गैंग? ये गैंग लोगों का गला घोटकर उन्हें लूटने का काम करता है। गिरोह के सदस्य आमतौर पर टू व्हीलर पर सवार होकर जोड़े में वारदातों को अंजाम देते हैं। वे अपने शिकार के पास पीछे से आते हैं और उनका गला तब तक घोंटते हैं जब तक वे बेहोश न हो जाएं। बेहोश होने के बाद वे उनका कीमती सामान और नकदी लूटकर फरार हो जाते हैं।  

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय क्रिटिकॉन रायपुर-2025 कॉन्फ्रेंस में हुए शामिल

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सस्ती और गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे आज राजधानी के नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित क्रिटिकल केयर पर आधारित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ‘क्रिटिकॉन रायपुर-2025’ में शामिल हुए।   मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि क्रिटिकॉन रायपुर-2025 चिकित्सा विज्ञान, विशेषकर क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का मंच है। यह देश और विदेश के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर इस क्षेत्र में नई दिशाएं तय करने का अवसर देता है। क्रिटिकल केयर मेडिसिन जीवन रक्षा की रीढ़ है, जो गंभीर परिस्थितियों में मरीजों को नया जीवन देती है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अस्पतालों, क्रिटिकल केयर इकाइयों और मेडिकल सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा  कि नवा रायपुर अटल नगर में मेडिसिटी और फार्मा हब का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में भी लगातार नए अस्पतालों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये कदम छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री साय ने रामकृष्ण केयर ग्रुप की पूरी टीम को इस राष्ट्रीय आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देशभर में एक चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उभर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि क्रिटिकल केयर जैसे अति महत्वपूर्ण विषय पर कॉन्फ्रेंस की मेजबानी रायपुर को मिलना गौरव की बात है। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में विशेषज्ञों के विचार-विमर्श से निश्चित रूप से ऐसे उत्कृष्ट नवाचार सामने आएंगे, जो मानव स्वास्थ्य उपचार के लिए वरदान साबित होंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि आज चिकित्सा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी के उपयोग से इलाज की नई संभावनाएं खुल रही हैं। यही नई तकनीक नए भारत की नई कहानी लिख रही है। उन्होंने चिकित्सकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि जब घर में कोई आपात स्थिति होती है और मरीज को सही समय पर हॉस्पिटल पहुँचाया जाता है, तब परिवार के भय को मिटाने में क्रिटिकल केयर डॉक्टरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि आज समय की आवश्यकता है कि हर जिले और प्रत्येक बड़े अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट्स स्थापित हों। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। आयुष्मान योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार आम लोगों के लिए बड़ी राहत है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करने वाले देश-विदेश और प्रदेश के डॉक्टरों का मंच से सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संदीप दवे, केयर ग्रुप के सीईओ श्री वरुण खन्ना, तथा देश-विदेश और राज्य भर से आए 1300 से अधिक डॉक्टर  उपस्थित थे।

जनसभा में हादसा: अनंत सिंह के गिरने से मचा हड़कंप, मंच अचानक ध्वस्त

पटना चर्चित मोकामा विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक अनंत सिंह ताल ठोक रहे हैं। अनंत सिंह बिहार चुनाव में अपनी जीत का दावा भी कर चुके हैंं। इस बीच अनंत सिंह के जमीन पर धड़ाम से गिरने का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि अनंत सिंह उस वक्त जमीन पर धड़ाम से गिर गए जब वो एक मंच पर अपने समर्थकों से साथ खड़े थे और यह मंच अचानक टूट कर बिखर गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि शनिवार को पूर्व विधायक अनंत सिंह मोकामा के पूर्वी इलाके में तूफानी जनसंपर्क में व्यस्त थे। डुमरा गांव में अनंत सिंह के लिए विशेष मंच तैयार किया गया था। इस गांव में आने के बाद यहां लोगों ने अनंत सिंह से कहा कि वो मंच पर आकर लोगों को संबोधित करें। बाद में अनंत सिंह मंच पर पहुंचे और उनके समर्थक भी मंच पर पहुंच गए। इस दौरान अनंत सिंह के एक समर्थक ने हाथ में माइक लेकर अपना भाषण शुरू किया। मंच पर खड़े बाहुबली अनंत सिंह के सपोर्टर लगातार 'अनंत सिंह जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे। इस दौरान अचानक मंच टूट गया और अनंत सिंह समेत मंच पर मौजूद अन्य लोग जमीन पर गिर पड़े। अनंत सिंह जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर मोकामा से चुनावी दंगल में हैं। गनीतम यह रही कि मंच टूटने के बाद पूर्व विधायक को ज्यादा चोटें नहीं आईं और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत उठा लिया। वो अनंत सिंह को तुरंत अपनी गाड़ी में लेकर दूसरी जगह के लिए रवाना हो गए।

चुनाव से पहले बड़ा ऐलान! तेजस्वी यादव ने पंचायत प्रतिनिधियों और पीडीएस डीलरों को दी सौगात

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंन के सीएम उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनावी वादों की झड़ी लगा दी है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो पंचायती राज के पूर्व जन प्रतिनिधियों को पेंशन दिया जाएगा और जन वितरण प्रणाली के डीलरों की आमदनी बढ़ जाएगी। मानदेय के साथ प्रति क्वींटल मार्जिन मनी (कमीशन) की राशि भी बढ़ा दी जाएगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने किसी का कोई नुकसान नहीं किया। नीतीश कुमार के 20 साल के बदले तेजस्वी को 20 माह का मौका दें। हम लोग बिहार को नंबर 1 बनाने का का काम करेंगे। उन्होंने का कि हमारी सरकार बनी तो – 1. त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय, भत्ता दोगुना किया जाएगा और पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन देने की शुरूआत की जाएगी। कई राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू है। 2. पंचायत प्रतिनिधियों का पचास लाख का बीमा कराया जाएगा। ग्राम कचहरी की शक्तियां बढ़ाई जाएंगी। 3. पीडीएस डीलरों को मानदेय दिया जाएगा और प्रति क्वींटल कमीशन की राशि भी बढ़ाई जाएगी। 5. पीडीएस डीलरों की अनुकंपा में 58 साल की उम्र सीमा को समाप्त कर दिया जाएगा। 5. लोहार, कुम्हार, बढ़ई, नाई को पांच लाख का ब्याज रहित लोन दिया जाएगा जिसे पांच वर्षों में चुकाना पड़ेगा। नीतीश कुमार,नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर हमला बोलते हुए राजद नेता ने कहा कि वर्तमान सरकार कोई काम नहीं कर रही है। जैसे पानी एक जगह स्थिर रहने पर सड़ जाता है वही हाल इस सरकार की है। बिहार के लोग भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा समझ चुकी है। बिहार के लोग इस भ्रष्ट सरकार को बदलना चाहते हैं। प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी बिहार में कोई फैक्ट्री नहीं लगाएगी क्योंकि अमित शाह ने इसकी घोषणा कर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी भी बिहार आते हैं तो जुमलेबाजी करके लौट जाते हैं। फैक्ट्री गुजरात में लगाते हैं और वोट मांगने बिहार में आते हैं। इससे पहले तेजस्वी यादव हर घर सरकारी नौकरी देने का वादा कर चुके हैं। सरकार बनने के बीस दिनों के भीतर अध्यादेश लाकर इसकी शुरूआत कर दी जाएगी। वे बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य नागरिक सुविधाओं की बहाली को लेकर बड़ी बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं।  

नेटवर्क न होने पर शिक्षक ने पेड़ पर चढ़कर लगाई ई-अटेंडेंस, देखिए अनोखा तरीका

अगार मालवा  मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले से हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लगाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ रहा है। मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे अटेडेंस प्रभावित हो रही है। दरअसल, सरकार ने शिक्षकों को ई-अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया है। जिससे बड़ौद और उसके आसपास के गांवों मे नेटवर्क की समस्या आ रही है। नेटवर्क नहीं मिलने से ऐप ठीक तरह से काम नहीं करता। जिसके लिए कई बार शिक्षकों को पेड़ पर चढ़कर तो कई बार छतों पर चढ़कर ई-अटेंडेंस लगानी पड़ती है। ताकि वह अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकें। नेटवर्क के कारण आ रही समस्याएं शिक्षकों ने बताया कि स्कूल परिसर में होने के बावजूद भी ऐप में लोकेशन दूसरी दिखती है। नेटवर्क भी नहीं आता, जिसके कारण अलग-अलग लोकेशन दिखाई देती है। कभी-कभी तो अटेंडेंस भी दर्ज नहीं हो पाती। जिससे विभागीय पोर्टल पर अनुपस्थित दिखाई देता है। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मोबाइल नेटवर्क की समस्या लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है। कई गांवों में कमजोर सिग्नल के कारण लोग डिजिटल दुनिया से वंचित हैं। शिक्षकों को ई-अटेंडेंस, ऑनलाइन पढ़ाई, डिजिटल भुगतान और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सेवाओं में दिक्कतें आ रही हैं। 

चाल और कद-काठी ने जीता दिल: पुष्कर मेले में ‘नगीना’ बनी आकर्षण का केंद्र

पुष्कर अजमेर का विश्वप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला इस बार एक खास मेहमान की वजह से चर्चा में है। यह मेहमान है 1 करोड़ रुपये मूल्य की मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी ‘नगीना’, जो अपने सौंदर्य, चाल और अनोखी बनावट से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है।  पंजाब से आई ‘नगीना’, दिलबाग की बेटी और 5 शो की विजेता भटिंडा (पंजाब) के सरां स्टड फार्म के मालिक गोरा भाई हर साल पुष्कर मेले में अपने श्रेष्ठ घोड़े लेकर पहुंचते हैं। इस बार वे 10 घोड़े-घोड़ियों के साथ आए हैं और जल्द ही 15 और पशु लाने वाले हैं। गोरा भाई बताते हैं कि नगीना देशभर में मशहूर घोड़े ‘दिलबाग’ की बेटी है। वह अब तक 5 राष्ट्रीय शो में विजेता रह चुकी है। मात्र 31 महीने की उम्र में ही वह अपनी नस्ल की सर्वश्रेष्ठ घोड़ियों में गिनी जाती है और वर्तमान में ढाई महीने की गर्भवती भी है।   63 इंच की ऊंचाई और रेशमी चाल ने जीता दिल नगीना की हाइट 63 इंच है, जो आने वाले समय में 66 इंच तक पहुंचने की संभावना है। पशु विशेषज्ञों के अनुसार, मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों में यह कद और चाल अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है। गोरा भाई ने बताया कि नगीना की चाल बेहद रेशमी है, उसकी गर्दन की लचक और शरीर की बनावट उसे अन्य घोड़ियों से अलग बनाती है। लग्जरी खानपान और 8 लोगों की टीम करती है देखभाल नगीना की देखभाल किसी रानी से कम नहीं। उसके लिए 7 से 8 लोगों की टीम 24 घंटे तैनात रहती है। उसे उच्च गुणवत्ता वाला चारा, सूखे मेवे और विशेष सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। सरां स्टड फार्म में 5 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की घोड़े-घोड़ियां हैं, जिनमें नगीना सबसे कीमती मानी जाती है।   नगीना बनी दर्शकों की पसंदीदा, खरीददारों की नजरें भी टिकीं पुष्कर मेले में नगीना को देखने के लिए देशभर से आए पशुपालक और पर्यटक जुट रहे हैं। गोरा भाई का कहना है कि यदि कोई उचित कीमत की पेशकश करता है तो वे नगीना को बेचने पर विचार कर सकते हैं। अभी तक नगीना मेले की सबसे आकर्षक और चर्चित घोड़ी बन चुकी है।