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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्टः सीएम योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण डोमेस्टिक टर्मिनल, सुरक्षा और उद्घाटन समारोह स्थल का लिया जायजा एयरपोर्ट के शुभारंभ की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ की विस्तृत समीक्षा सीएम ने दिए गुणवत्ता, समयबद्धता और यात्री सुविधा को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश उच्च मानकों के अनुरूप सभी निर्माण और सुरक्षा कार्य संपन्न कराए जाएंः मुख्यमंत्री उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाएः सीएम योगी गौतमबुद्धनगर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन समारोह स्थल, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और अन्य निर्माण कार्यों की प्रगति का बारीकी से अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट के बोर्डरूम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और एयरपोर्ट निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में परियोजना की प्रगति, आगामी कार्ययोजना और उद्घाटन समारोह की तैयारियों पर पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई। इस दौरान, सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च मानकों के अनुरूप पूरे किए जाएँ और उद्घाटन समारोह की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और यात्री सुविधा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। साथ ही सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए ठोस और समन्वित कार्ययोजना तैयार करने को कहा। एयरपोर्ट से जुड़ी सड़क और मेट्रो लिंक परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने नागरिक उड्डयन, सुरक्षा, विस्फोटक निरोधक दस्ता, नियंत्रण इकाई, उप स्टेशन और आधारभूत संरचना से संबंधित अद्यतन जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे के संचालन से जुड़े सभी तकनीकी, सुरक्षा एवं प्रशासनिक पहलुओं की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीओओ किरण जैन ने एनआईए अनुज्ञा निर्गमन, यात्री सुरक्षा, रनवे, वायुसंचालन परीक्षण और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को पूर्ण रूप से सुदृढ़ और चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए तथा कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता अस्वीकार्य होगी। गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे से सड़क संपर्क, माल परिवहन संपर्क, अग्निशमन केंद्र, जल शोधन संयंत्र, जलभराव निस्तारण एवं वाहन पार्किंग की व्यवस्थाओं की भी विस्तार से समीक्षा की। नायल के सीईओ राकेश कुमार सिंह और नोडल अफसर शैलेन्द्र भाटिया ने प्रगति और कनेक्टिविटी के सम्बन्ध में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों को सुगम एवं सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां निर्धारित समय सीमा में पूरी कर ली जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि हवाई अड्डे के सभी कार्यों की प्रगति नियमित रूप से समीक्षा कर गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। जनसभा स्थल तक सभी मार्गों पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था हो दुरुस्त मुख्यमंत्री ने आगामी जनसभा एवं रैली की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभा स्थल पर भूमि समतलीकरण, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पुलिस सुरक्षा, पेयजल, शौचालय और अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त रखा जाए ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनसभा स्थल तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था सुचारू रखी जाए तथा संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा प्रबंध, स्वच्छता एवं प्रकाश की व्यवस्था उच्च स्तर की सुनिश्चित की जाए। 150 उड़ानें प्रतिदिन हो सकेंगी संचालित जेवर एयरपोर्ट का लोकार्पण कराए जाने वाले हिस्से का क्षेत्रफल 3,300 एकड़ है, जबकि कुल 6,700 एकड़ भूमि का अब तक अधिग्रहण किया जा चुका है शेष 5,100 एकड़ भूमि अगले तीन माह में ली जाएगी। भूमि क्रय की लागत लगभग ₹5,000 करोड़ और एयरपोर्ट निर्माण की लागत ₹7,000 करोड़ है। उद्घाटन के समय एयरपोर्ट एक रनवे के साथ क्रियाशील होगा और इसकी वार्षिक यात्री क्षमता 1.2 करोड़ होगी। साथ ही, औसतन प्रतिदिन 150 उड़ानें यहां से संचालित होंगी। भविष्य में यात्रियों की संख्या 1 करोड़ से अधिक होने पर दूसरे रनवे का निर्माण शुरू हो जाएगा और दोनों रनवे मिलकर 7 करोड़ यात्रियों की सेवा करेंगे। जेवर एयरपोर्ट के पूर्ण स्वरूप में कुल 5 रनवे होंगे, इसका कुल क्षेत्रफल 11,750 एकड़ होगा और यह प्रतिवर्ष 30 करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा। उत्तर प्रदेश में 24 एयरपोर्ट्स, 16 संचालित उत्तर प्रदेश में कुल 24 एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें से 16 संचालित हो चुके हैं। वहीं जेवर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुका है और अब इसका जल्द ही शुभारंभ होने वाला है। वहीं, 7 एयरपोर्ट्स निर्माणाधीन हैं। संचालित एयरपोर्ट्स में घरेलू स्तर पर आगरा, त्रिशूल (बरेली), गोरखपुर, हिंडन (गाजियाबाद), प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट और सहारनपुर शामिल हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ होते ही उत्तर प्रदेश 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का इकलौता राज्य बन जाएगा। निर्माणाधीन एयरपोर्ट्स की बात करें तो सोनभद्र, ललितपुर, मेरठ, गाजीपुर, झांसी, अमेठी और पलिया में भी इस पर तेजी से कार्य चल रहा है जो भविष्य में प्रदेश के वायु संपर्क और पर्यटन को और मजबूत करेंगे। योगी सरकार में सिविल एविएशन की तीव्र प्रगति उत्तर प्रदेश अब सिविल एविएशन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है। वर्ष 2024-25 में करीब 1.5 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की, जिसमें 1.3 करोड़ घरेलू यात्री तो वहीं 13 लाख से ज्यादा इंटरनेशनल यात्री शामिल रहे। 2017 से 2025 के बीच यात्री संख्या में 10.1 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हुई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत से लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। वहीं, बेहतर एयर कनेक्टिविटी से प्रदेश में पर्यटन को भी नया आयाम मिला है, विशेषकर अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों पर … Read more

नक्सलवाद पर उपमुख्यमंत्री शर्मा बड़ा बयान: आत्मसमर्पण स्वागत योग्य, अभियान नहीं रुकेगा

जगदलपुर बस्तर संभाग प्रवास के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों का सरकार लाल कालिन पर मुख्यधारा में स्वागत कर रही है. लेकिन जो नक्सली नहीं आएंगे, उनके खिलाफ आर्म्ड फोर्सेज कार्रवाई करेंगे. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक मिनट के लिए भी किसी को भी विश्राम करने का समय नहीं है. नक्सलियों के खिलाफ फिर से ऑपरेशन लॉन्च किए जाएंगे. जवानों के भुजाओं की ताकत के आधार पर ही निर्णय हो रहा है. बता दें कि उप मुख्यमंत्री शर्मा बीजापुर और सुकमा के दौरे पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने आत्म समर्पण करने वाले माओवादियों से मुलाकात की. साथ ही शासन द्वारा किए जा रहे पुनर्वास करने वाले माओवादियों के लिए रोजगारमुखी कार्यों को भी देखा. इस दौरान जगदलपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने उक्त बयान दिया.

छठ मनाने के बाद लंबी यात्रा नहीं होगी परेशानी, रेलवे की स्पेशल ट्रेनें मददगार

नई दिल्ली  रेलवे ने दीपावली और छठ महापर्व को मनाने के बाद वापस लौटने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक तैयारी की है, जिसमें 6181 विशेष ट्रेनों का परिचालन शामिल है। रेलवे की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि यात्रियों की त्योहारों की यात्रा को सुगम और आरामदायक बनाने के लिए देशभर में 12,000 से अधिक विशेष ट्रेनों की सेवाएं संचालित की जा रही है।  इन स्टेशनों पर बनेंगे होल्डिंग एरिया  यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नई दिल्ली, आनंद विहार टर्मिनल, गुजरात के उधना, महाराष्ट्र के पुणे, मुंबई और कर्नाटक के बेंगलुरु सहित देशभर के स्टेशनों पर सुविधाओं से युक्त होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। रेलवे कर्मचारी चौबीसों घंटे यात्रियों का मार्गदर्शन करने, व्यवस्था बनाए रखने और सभी को सुरक्षित रूप से उनके घर तक पहुंचाने में जुटे हैं, ताकि वे अपने परिजनों के साथ त्योहार मना सकें। रेलवे ने कहा कि अब दिवाली और छठ पूजा के बाद यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक वापसी यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे पूरी तरह तैयार है। इसके लिए 28 अक्टूबर से नवंबर महीने तक 6181 विशेष ट्रेन सेवाएं चलाई जाएंगी। बढ़ती मांग को देखते हुए नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी जोड़े जा रहे हैं।  स्टेशनों पर RPF के जवान पर्याप्त संख्या में तैनात   प्रमुख स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया को मौसम रोधी बनाया गया है ताकि यात्रियों को ट्रेनों के प्रस्थान से पहले सुविधाजनक प्रतीक्षा स्थल मिल सके। बिहार के पटना, दानापुर, राजेंद्र नगर टर्मिनल, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, समस्तीपुर, बरौनी तथा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलिया और बनारस जैसे स्टेशनों पर ये व्यवस्थाएं की जा रही हैं। रेलवे के अनुसार इसके अतिरिक्त, यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम), पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरए) काउंटर और मोबाइल अनरिजर्व्ड टिकटिंग (एम-यूटीएस) जैसी सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा और संचालन की सुचारू व्यवस्था के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है।  यात्री सहायता बूथ, सूचना काउंटर, कतार प्रबंधन प्रणाली और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम को भी और सशक्त किया गया है। प्रमुख स्टेशनों पर स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और सैनिटेशन सुविधाओं की लगातार निगरानी की जा रही है। रेल भवन, ज़ोनल और मंडल स्तर पर समर्पित वार रूम चौबीसों घंटे कार्यरत हैं ताकि संचालन की वास्तविक समय में निगरानी की जा सके और यात्रियों की किसी भी आवश्यकता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। रेलवे ने बताया है कि पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, सहरसा आदि स्टेशनों पर मेडिकल बूथ स्थापित किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके। राज्य सरकार, अग्निशमन विभाग और एंबुलेंस सेवाओं के साथ समन्वय स्थापित कर आपातकालीन सेवाओं को तत्पर रखा गया है।

निजी अस्पताल पर CM फ्लाइंग का एक्शन: न लाइसेंस, न डॉक्टर, सख्त कार्रवाई की तैयारी

बाढडा  सीएम फ्लाइंग रोहतक की टीम ने बाढड़ा कस्बे के जुई रोड स्थित एक निजी अस्पताल में छापा मारा। इस दौरान टीम को अनियमितताएं मिलने पर दवाएं सील कर पुलिस को सौंप दिया। टीम को निजी अस्पताल में ना लैब का लाइसेंस मिला और ना ही समक्ष चिकित्सक। पुलिस ने लैब संचालित करने वाले एक युक्क को गिरफ्तार किया है। टीम में शामिल चिकित्सक व पुलिस अधिकारियों ने टेस्ट लैब का मुआयना कर लाइसेंस मांगा तो वहां लैब संचालक व चिकित्सा प्रभारी कोई कागजात पेश नहीं कर पाए। टीम ने उसके बाद रजिस्टर की जांच की तो पाया गया कि यहां पर एमबीबीएस चिकित्सक की जगह बीएएमएस चिकित्सक हड्डियों, श्वांस, वायरल बुखार का उपचार कर रहे थे। सीएम फ्लाइंग प्रभारी सब इंस्पेक्टर पूनम, चिकित्सक दयाल, एएसआइ सोमबीर सिंह ने बताया कि अस्पताल में समक्ष चिकित्सक, रजिस्टर्ड लैब लाइसेंस ना होने के बाद भी चिकित्सक मनमर्जी से मरीजों का अलग-अलग टेस्ट व उपचार कर रहा है।  

रेल हादसा: अहिवारा-भिलाई मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतरा

दुर्ग दुर्ग में अहिवारा से भिलाई 3 जा रही मालगाड़ी जामुल के पास पटरी से डिरेल हो गई। मालगाड़ी के एक डिब्बा के चार चक्का पटरी से उतर गई। इस घटना की जानकारी लगाने पर रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचकर घंटो मशक्कत के बाद पटरी से उतरे चक्के को पटरी पर लाकर रवाना किया गया। अहिवारा के जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट के सेंटिंग एसए सीमेंट लोडकर भिलाई 3 की ओर आ रही मालगाड़ी तड़के 3 बजे जामुल के पास मालगाड़ी के एक डिब्बा के 4 चक्का पटरी से डिरेल हो गई। मालगाड़ी एसीसी एवं जेके लक्ष्मी शेडिंग के लिए बिछाई गई रेल लाइन पर आ रही थी।   इसी दौरान मालगाड़ी एक डिब्बा के 4 चक्का पटरी से उतर गए।इस घटना की जानकारी लगाने पर रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचकर हाइड्रोलिक जैक के माध्यम से डिब्बे के पहिए को पटरी पर फिर से लाया गया।और पूरी तरह से जांच के बाद मालगाड़ी को आगे की ओर रवाना किया गया। आपको बता दे कि यह रेलवे लाइन सिंगल लाइन और इस लाइन पर मालगाड़ी की आवाजाही होती है जिसके चलते कोई भी ट्रेन की आजावही प्रभावित नही हुई है।

मुख्यमंत्री गुप्ता का ऐलान: दिल्ली में 27 अक्टूबर को सभी सरकारी संस्थान रहेंगे बंद

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 27 अक्टूबर को छठ पर्व के अवसर पर सरकारी छुट्टी की शुक्रवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि चार दिवसीय इस उत्सव का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण है और इसीलिए सोमवार को अवकाश रखा गया है. सीएमओ के बयान में बताया गया है कि छठ पूजा के दिन श्रद्धालु जलाशयों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और इसकी तैयारियां सुबह से ही शुरू हो जाती हैं. परिवार मिलकर विभिन्न अनुष्ठान करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 27 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. मुख्यमंत्री गुप्ता ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा में लोग सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. यह त्योहार आस्था और भक्ति के साथ-साथ स्वच्छता का प्रतीक है. जल और सूर्य की पूजा के जरिए यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है. दिल्ली सरकार ने छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी दिल्ली सरकार ने पूरे शहर में 1,300 से अधिक छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. यमुना के किनारे 17 मॉडल घाटों को बेहतर सुविधाओं जैसे टेंट, रोशनी, शौचालय, पीने का पानी और सुरक्षा के साथ अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आराम और सुरक्षा के साथ पूजा-अर्चना कर सकें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉवका सेक्टर 23B के पोचनपुर छठ घाट का निरीक्षण किया. आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू आज 25 अक्टूबर 2025 से लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है. यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा की विशेषता यह है कि व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं, यानी न जल पीती हैं और न अन्न ग्रहण करती हैं. इसके बावजूद वे पूरे समर्पण और आस्था के साथ सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देती हैं—पहले डूबते सूर्य को और अगले दिन उगते सूर्य को. इसी के साथ पावन व्रत संपन्न होता है.

राजद-कांग्रेस की टक्कर: चार विधानसभा सीटों पर राहुल और तेजस्वी की रणनीति

पटना महागठबंधन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा हो गई। सीएम फेस बने तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में भी निकल गए। वह ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। लेकिन, एक सवाल अब भी बना हुआ कि जिन सीटों पर राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं, वहां पर कांग्रेस में नंबर वन की हैसियत वाले राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव किसके समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे? दूसरे चरण के चुनाव में चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान हैं। वहीं दो सीटों में से एक पर राजद- वीआईपी और दूसरे पर कांग्रेस-सीपीआई आमने सामने है। आइए पहले इन सीटों के बारे में जानते हैं… सुल्तानगंज विधानसभा सीट     यहां पर राजद के चंदन सिन्हा का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव से है। वहीं एनडीए ने जदयू के उम्मीदवार ललित नारायण मंडल को चुनावी मैदान में उतारा है। कहलगांव विधानसभा सीट     यहां पर राजद के रजनीश भारती का मुकाबला कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा से है। वहीं एनडीए ने जदयू के उम्मीदवार शुभानंद मुकेश को चुनावी मैदान में उतारा है। सिकंदरा विधानसभा सीट     यहां पर राजद के उदयनारयण चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के विनोद चौधरी से है। वहीं एनडीए ने हम के उम्मीदवार प्रफुल्ल मांझी को चुनावी मैदान में उतारा है। नरकटियागंज विधानसभा सीट     यहां पर राजद के दीपक यादव का मुकाबला कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय से है। वहीं एनडीए ने भाजपा के संजय पांडेय को टिकट दिया है। चैनपुर विधानसभा सीट     यहां पर राजद के ब्रिज किशोर बिंद का मुकाबला वीआईपी के गोविंद बिंद से है। वहीं जदयू ने जमा खान को चुनावी मैदान में उतारा है। करगहर विधानसभा सीट     यहां पर कांग्रेस के संतोष मिश्रा का मुकाबला सीपीआई के महेंद्र गुप्ता से है। वहीं एनडीए ने जदयू के वशिष्ट सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर प्रचार से बचना चाहेंगे राहुल-तेजस्वी राजनीतिक पंडितों का कहना है कि छठ के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार शुरू होने जा रहा है। जाहिर सी बात है कि यह लोग कांग्रेस और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। तेजस्वी यादव ने 24 अक्तूबर से अपनी चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। अब तक वह फ्रेंडली फाइल वाली सीटों पर नहीं गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि राहुल और तेजस्वी फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर चुनाव प्रचार करने से बचना चाहेंगे। क्योंकि, अब तक इन सीटों पर इनके चुनाव प्रचार करने की बात सामने नहीं आई है। गहलोत बोले- हमलोग मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि  महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और पांच-छह सीटों पर आपसी सहमति से 'फ्रेंडली फाइट' हो सकती है। हम मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। सत्ता पक्ष के लोग अफवाह फैला रहे हैं, आपलोग उनकी बातों पर ध्यान न दें। महागठबंधन ने अपना सीएम फेस भी घोषित कर दिया है। लेकिन, एनडीए वालों ने अब तक नहीं किया है। भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती है।  

दवाई खाने वाले रहें सावधान! पंजाब में 11 Medicines को लेकर हुई चौंकाने वाली रिपोर्ट

चंडीगढ़ सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में जांची गई दवाओं में से कुल 112 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें से 11 दवाइयां पंजाब में बनी हुई हैं। इन दवाइयों का इस्तेमाल पेट दर्द, बुखार, दिल की बीमारियां, कैंसर, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इंफेक्शन, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इन फेल हुई दवाओं में तीन कफ सिरप भी शामिल हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 8 दवाइयों पर रोक लगाई थी। सबसे ज्यादा दवाइयां 49 सैंपल हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्रियों में बनी फेल पाए गए हैं। इसके अलावा 16 गुजरात, 12 उत्तराखंड, 11 पंजाब, और 6 मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों की दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को इन दवाइयों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, जिन फार्मा कंपनियों ने ये दवाइयां बनाई हैं, वे अब जांच के दायरे में आ गई हैं।

फीस वसूली का उल्लंघन महंगा पड़ेगा, नियम तोड़ने पर कॉलेज की संबद्धता रद्द

जयपुर प्रदेश में स्थापित सभी निजी मेडिकल काॅलेजों को फीस संरचना के नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित करनी होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि कुछ निजी मेडिकल काॅलेजों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वसूलने की शिकायतें मिलती थीं। इसके बाद राज्य सरकार ने छात्रों के हित में फीस वसूली के नियमों में पूर्ण पारदर्शिता रखने के उद्देश्य से यह आदेश जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन बनाम कर्नाटक राज्य मामले में दिए गए निर्णय की अनुपालना में यह आदेश जारी किया गया है, जिसमें निजी शैक्षणिक संस्थानों में शुल्क निर्धारण और प्रवेश प्रक्रिया को विनियमित करने पर जोर दिया गया है। आदेश  के अनुसार राज्य स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित शुल्क संरचना का पालन सभी मेडिकल काॅलेजों के लिए अनिवार्य है। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि यह आदेश मुख्य रूप से निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा अनाधिकृत रूप से अतिरिक्त शुल्क वसूली की शिकायतों के आधार पर जारी किया गया है। विशेष रूप से यूजी काउंसलिंग बोर्ड की वेबसाइट पर कुछ निजी कॉलेजों द्वारा 15 प्रतिशत सीटों को मैनेजमेंट सीट्स बताकर अतिरिक्त शुल्क प्रदर्शित किया जा रहा है, जो शुल्क नियामक समिति द्वारा अधिकृत नहीं है। यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना है, जिसमें शिक्षा को लाभकारी व्यवसाय बनाने पर रोक लगाई गई है। शिकायतों एवं निरीक्षणों से सामने आई स्थिति कई मामलों में छात्रों से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल करने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। राज्य सरकार को प्राप्त शिकायतों और निरीक्षणों से पता चला कि कुछ संस्थाएं व्यावसायीकरण की प्रवृत्ति अपनाकर छात्रों का शोषण कर रही हैं, जो संवैधानिक मूल्यों के विरूद्ध है। इस आदेश से ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सकेगी। आदेश के अनुसार निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को अनुमोदित शुल्क संरचना का पालन करना होगा। सभी निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं डेंटल महाविद्यालयों को समिति द्वारा निर्धारित शुल्क संरचना के अनुसार ही छात्रों से शुल्क वसूल करना होगा। ज्यादा शुल्क लिया तो ब्याज सहित लौटाना होगा, संबद्धता भी हो सकती है समाप्त चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि अनुमोदित शुल्क से अधिक कोई अन्य शुल्क किसी भी संस्था द्वारा वसूला जाता है, तो प्रभावित छात्रों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ शुल्क वापस (रिफंड) किया जाएगा।नियमों का अनुपालन न करने पर संस्था की संबद्धता आरयूएचएस एवं एमएमयू से समाप्त की जा सकती है, अतिरिक्त शुल्क काॅलेज की संपत्तियों से वसूल किया जाएगा और प्रभावित छात्रों को अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसकी जानकारी  एनएमसी एवं डीसीआई को भी दी जाएगी। संबद्धता समाप्त होने पर छात्रों के शुल्क और वित्तीय भार की वसूली संबंधित संस्था से की जाएगी। आदेश से फीस वसूली में आएगी पारदर्शिता, चिकित्सा शिक्षा होगी बेहतर राज्य सरकार के इस आदेश से छात्रों से अनुचित फीस वसूली पर प्रभावी रोकथाम लगेगी। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा अधिक सुलभ और किफायती बनेगी। इससे मेरिट-आधारित प्रवेश प्रक्रिया मजबूत होगी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को लाभ मिलेगा। शिक्षा प्रणाली के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी, व्यावसायीकरण पर रोक लगेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। चिकित्सा शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान करने वाले योग्य डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। ईमानदार संस्थाओं को समान प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा है कि छात्र और अभिभावक प्रवेश से पहले शुल्क की आधिकारिक सूची की जांच कर लें और कोई अनियमितता पाएं तो तुरंत चिकित्सा शिक्षा विभाग या शुल्क निर्धारण समिति से शिकायत करें। 

दो बार हुई असफल कोशिश, अब FNG एक्सप्रेसवे की सफाई में खर्च होंगे 23 करोड़

फरीदाबाद फरीदाबाद-नोएडा-गुरुग्राम (एफएनजी) एक्सप्रेसवे की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्राधिकरण ने एक बार फिर प्रयास तेज कर दिए हैं. अधूरी पड़ी इस परियोजना के पांच किलोमीटर हिस्से की सफाई के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है. एजेंसियों से आवेदन 3 नवंबर तक मांगे गए हैं. यह टेंडर जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किया गया है. पहले दो टेंडर रहे बेअसर इससे पहले दो बार जारी किए गए टेंडर में कोई भी एजेंसी आगे नहीं आई थी. रखरखाव के अभाव में एक्सप्रेसवे की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. टूटी सड़कों और जमा कचरे के कारण आवागमन में दिक्कत बढ़ी हैं. एफएनजी से सेवन एक्स समेत कई सेक्टर जुड़े हुए हैं, जिससे इसकी स्थिति शहर की स्वच्छता और यातायात दोनों को प्रभावित कर रही है. पांच सालों के लिए होगा टेंडर नए टेंडर के तहत चयनित एजेंसी को 5 वर्ष के लिए अनुबंधित किया जाएगा. सफाई कार्य के लिए प्राधिकरण स्वयं मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें उपलब्ध कराएगा. एजेंसी को इसके बदले 23.07 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. प्राधिकरण का मानना है कि इस बार प्रक्रिया सफल होने पर एक्सप्रेसवे पर साफ सफाई नजर आएगी.