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मुजफ्फरनगर में ‘पंडित जी ढाबा’ मामले में धार्मिक पहचान जांच को लेकर बढ़ा तनाव, पुलिस जांच में जुटी, केस दर्ज

मुजफ्फरनगर  दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित ‘पंडित जी शुद्ध वैष्णो भोजनालय’ (ढाबा) पर धार्मिक पहचान के नाम पर कथित अपमानजनक व्यवहार और मारपीट के मामले ने जिले में साम्प्रदायिक तनाव को हवा दे दी है। एक ओर जहां होटल के मैनेजर ने होटल संचालक व अन्य पर बंधक बनाकर मारपीट का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर एक कर्मचारी की पैंट उतरवाकर धार्मिक पहचान जांचने का मामला भी सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। होटल मैनेजर ने दी तहरीर, पांच पर केस दर्ज नई मंडी कोतवाली पुलिस ने होटल मैनेजर धर्मेन्द्र भारद्वाज की तहरीर पर होटल मालकिन दीक्षा शर्मा निवासी भोला झाल (थाना जानी, मेरठ), संचालक सनव्वर निवासी खतौली, उसके दो बेटे जुबेर व आदिल खान तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। धर्मेन्द्र ने आरोप लगाया कि स्वामी यशवीर महाराज द्वारा ढाबे पर चेकिंग के बाद जब उन्होंने होटल संचालक के बारे में बताया, तो उनके साथ मारपीट की गई और बंधक बना लिया गया।   छह लोगों को नोटिस न्यू मंडी थाना प्रभारी दिनेश चंद भागल ने बताया कि स्वामी यशवीर महाराज की टीम से जुड़े छह लोगों को तीन दिन के भीतर पूछताछ के लिए थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. ये लोग जिला प्रशासन की अनुमति के बिना कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों के मालिकों की पहचान से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहे थे. उन्होंने कहा, वीडियो में दिखने वाले अन्य लोगों को भी नोटिस भेजे जा सकते हैं. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सभी कानूनी पहलुओं की जांच की जा रही है. पुलिस के अनुसार जिन छह लोगों की पहचान की गई है, उनमें सुमित बहरागी, रोहित, विवेक, सुमित, सनी और राकेश. ये सभी बघरा स्थित स्वामी यशवीर के आश्रम से जुड़े हुए हैं.  पंडित जी वैष्णो ढाबे के एक कर्मचारियों ने तो स्वामी यशवीर जी महाराज की टीम पर पहचान के नाम पर जबरन पेंट उतारने की कोशिश का आरोप भी लगाया था. हालांकि इस आरोप को यशवीर महाराज के द्वारा एक सिरे से नकार दिया गया था धर्मेंद्र के साथ मारपीट का आरोप  इसी बीच पुलिस ने एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें पंडित जी वैष्णो ढाबा के संचालक सनव्वर , उसका बेटा आदिल, जुबैर और दो अन्य लोगों के खिलाफ उनके पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र के साथ मारपीट करने का आरोप है. एफआईआर धर्मेंद्र की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि हिंदू नाम वाले इस ढाबे को एक मुस्लिम चला रहा है, इसी वजह से उन पर हमला किया गया. रविवार को हुआ था बवाल  स्थानीय लोगों के अनुसार, स्वामी यशवीर ने रविवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों की पहचान जांचने का अभियान शुरू किया था. उनका दावा था कि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया था कि यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को मालिक, संचालक और प्रबंधक का नाम और पता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. अब उत्तराखंड सरकार ने भी इस वर्ष कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, जिस पर एक बार फिर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं. सपा ने उठाया सवाल, भाजपा ने दिया जवाब  मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने बुधवार को उत्तराखंड में कांवड़ मार्ग पर ढाबा मालिकों की कथित धार्मिक जांच की निंदा करते हुए इसे आतंकवाद का एक रूप बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो में लोगों को उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए देखा गया है. हसन ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इन कृत्यों को चुपचाप समर्थन दे रही है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में यह व्यवहार शर्मनाक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इसका जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, जहां तक हसन के बयान का सवाल है, मैं पूछना चाहता हूं कि वे ऐसे लोगों के साथ क्यों खड़े होना चाहते हैं जो अपने नाम छिपाते हैं? वे अपना एंटी-मोदी चश्मा उतारें, तभी उन्हें देश की सही तस्वीर नजर आएगी. ओवैसी ने भी उठाए सवाल  AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर सवाल उठाया कि मुजफ्फरनगर बाइपास के पास कई होटल सालों से चल रहे हैं. क्या कांवड़ यात्रा अभी शुरू हुई है? ये तो पहले भी शांतिपूर्वक निकलती रही है. अब अचानक यह सब क्यों हो रहा है? अब होटल मालिकों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है, दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है.ओवैसी ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, पुलिस का काम है उन लोगों को गिरफ्तार करना जो दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं. मगर यहां तो खुद प्रशासन ही तमाशा बना रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कोई कैसे किसी होटल में घुसकर मालिक से उसका धर्म पूछ सकता है? यह सरासर गलत है. सरकार इस पर चुप क्यों है? ओवैसी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा कई तरह के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन विपक्ष लगातार इन निर्देशों को लेकर राज्य सरकार पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहा है.

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता बनाफर ने पर्यावरण संरक्षण में दिया योगदान, बिजली बिल में भी मिली राहत

रायपुर : पीएम सूर्य घर योजना से मिल रही बिजली बिल में छुटकारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घरेलू उपभोक्ता बन रहे ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर रायपुर  प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, बल्कि नागरिकों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बना रही है। योजना के तहत घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे न केवल बिजली बिल शून्य हो रहा है, बल्कि अतिरिक्त बिजली के माध्यम से आमदनी भी प्राप्त हो रही है। कोंडागांव के हास्पिटल वार्ड निवासी अशोक स्वर्णकार ने भी अपने घर की छत पर सौर पैनल लगाकर इस योजना का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें स्थानीय बिजली कार्यालय से प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली और वहीं से योजनांतर्गत पोर्टल पर पंजीयन भी कराया गया। उनके घर पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया, जिसे अधिकृत वेंडर द्वारा लगाया गया। प्लांट स्थापना के दो माह बाद उन्हें 78 हजार रूपए की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। पूर्व में स्वर्णकार का मासिक बिजली बिल दो हजार से ढाई हजार रूपए तक आता था, लेकिन अब यह पूरी तरह शून्य हो गया है, जिससे उनके मासिक खर्च में राहत मिली है। उन्होंने बताया कि सौर पैनल से प्रतिदिन 15 से 20 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उत्पन्न अतिरिक्त बिजली ग्रिड में आपूर्ति होकर आय का स्रोत भी बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य की ऊर्जा के इस सदुपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है और यह पर्यावरण संरक्षण में सहायक है। स्वर्णकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए अन्य नागरिकों से भी अपने घरों में सोलर प्लांट लगाने की अपील की। उल्लेखनीय है कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा घर के छतों में सौर पैनल स्थापना के लिए हितग्राहियों को प्लांट की क्षमता के आधार पर सब्सिडी दी जा रही है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार 01 किलोवॉट के लिए लगभग 65 हजार रूपए की लागत पर केंद्र  सरकार द्वारा 30 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। 02 किलोवाट के लिए 01 लाख 30 हजार रूपए की लागत पर केन्द्र सरकार के द्वारा 60 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए की सब्सिडी मिल रही है इसी तरह 03 किलोवाट से अधिक की सोलर संयंत्र के लिए 01 लाख 95 हजार की लागत पर 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें हितग्राही का अंशदान 10 प्रतिशत रहेगा और शेष राशि के लिए बैंकों द्वारा 07 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराई जाएगी। पीएम सूर्यघर योजना का लाभ उठाने के लिए जिले के विद्युत उपभोक्ता वेब पोर्टल चउेनतलंहींतण्हवअण्पद  या पीएम सूर्य घर मोबाइल एप में पंजीयन करा सकते हैं । रायपुर : पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से 24 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना घर हुए रोशन, बिजली बिल से मिली निजात – हितग्राही श्री परमानंद प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अब बिजली बिल में कमी आ रही है वहीं दूसरी ओर अब लोगों को 24 घंटे निर्बाध रूप बिजली की आपूर्ति हो रही है। महासमुंद जिले के रमनटोला निवासी श्री परमानंद साहू जो कि एक ठेकेदार एवं सप्लायर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम आज से तीन माह पूर्व स्थापित कराया है। उन्होंने बताया कि सोलर सिस्टम स्थापित किए जाने के बाद बारहों महीने बिजली की आपूर्ति होगी। आंधी-तूफान या अन्य मौसमी आपदा में भी उन्हें बिजली मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि अब उनका बिजली बिल शून्य ही नहीं बल्कि माइनस हो गया है, और उन्हें क्रेडिट यूनिट का भी लाभ मिल रहा है।  उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना“ आम नागरिकों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य देश के आवासीय परिवारों को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत 3-5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78,000 रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 30,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल आम जनता को आर्थिक राहत मिल रही है, बल्कि अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा मिल रहा है। महासमुंद जिले के अनेक नागरिक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। श्री साहू ने कहा कि यह योजना वास्तव में आम जनता के लिए लाभकारी पहल है। इससे न केवल बिजली खर्च से राहत मिली है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का अवसर मिल रहा है। हर परिवार को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस योजना से नागरिकों को फायदा ही फायदा है। उन्होंने बताया कि उनके मोहल्ले में 10-12 घरों में सौर ऊर्जा से उनके घर रोशन हो रहे हैं। जिले में 142 हितग्राहियों छत पर सोलर सिस्टम स्थापित किया गया है। जिससे उनके घर रोशन हो रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए इस योजना का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं लोगों को योजना का लाभ उठाने प्रेरित कर रहे हैं। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता बनाफर ने पर्यावरण संरक्षण में दिया योगदान, बिजली बिल में भी मिली राहत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता के बिजली बिल में कमी आई है।दुर्ग जिले के ग्राम धनोरा में रहने वाली रीता बनाफर हमेशा से पर्यावरण के प्रति जागरूक रही हैं। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है और वे अपने स्तर पर इसे संरक्षित करने के लिए प्रयासरत रहती हैं।  रीता का कहना है कि हर व्यक्ति को ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों का उपयोग कर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान देना चाहिए। वह लंबे समय से अपने घर के लिए सौर ऊर्जा समाधान की तलाश में थीं, लेकिन शुरुआती लागत उनके लिए एक चुनौती थी। तभी … Read more

बिजली सबकी जरूरत है, सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्मार्ट मीटर लगवाएं और 20 प्रतिशत सस्ती बिजली पाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए साल भर चलाएं मेंटीनेंस गतिविधियां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बिजली सबकी जरूरत है। सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिजली सस्ती दरों पर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर मॉडल सबसे अच्छा है, इसलिए विद्युत उपभोक्ताओं के हित में सबके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। इससे उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत सस्ती दर पर बिजली मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभों का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उपभोक्ता को खुद की खपत का आंकलन कर ऊर्जा का अपनी सुविधानुसार उपयोग कर अपने बिजली बिल की राशि को कम से कम करने की सुविधा भी मिलती है। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को स्मार्ट मीटर लगाने की गति को और तेज करने के निर्देश दिये। बताया गया कि प्रदेश में 1.34 करोड़ घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 21 लाख से भी अधिक घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मई-जून में विभिन्न स्थानों पर हुए विद्युत अवरोधों पर चर्चा करते हुए कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए साल भर मेंटीनेंस गतिविधियां चलाई जाएं, ताकि आंधी, पानी या अन्य किसी घटना के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने कहा कि मेंटीनेंस गतिविधियों में नई एप्रोच के साथ नए उपाय किए जाएं। नये उपकरण क्रय किये जाएं। जहां घने पेड़ हैं, उनके नीचे से गुजरने वाले बिजली के तारों में कोटिंग कराएं। पॉवर/लाईन लॉसेस कम से कम करें और ऊर्जा की बचत के सभी तरीकों पर गंभीरता से अमल करें। विद्युत उपभोक्ताओं को सोलर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घरेलू हो या औद्योगिक सभी जगह विद्युत का उपयोग बढ़ रहा है। इसलिए घरेलू और औद्योगिक संस्थानों को सोलर पॉवर के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे उपभोक्ता अपनी बिजली स्वयं पैदा कर अतिरिक्त बिजली बेच भी सकेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विद्युत उपयोग को भी सोलर पॉवर से चलित पम्पों पर शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जरूरत वाले जिलों में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट की स्थापना के लिए विभागीय नीति तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को सर्वाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा विभाग मिलकर प्रयास करें। बिजली कंपनियों को दो वर्ष में लाएं लाभ की स्थिति में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले दो साल में तीनों विद्युत वितरण कंपनियां लाभ की ‍स्थिति में आ जाएं इसके लिए विद्युत कंपनियां अपनी आय के साधन बढ़ाने के प्रयास करें। नई तकनीक इस्तेमाल करें, नवाचार करें, ताकि कंपनी के साथ-साथ उपभोक्ताओं को फायदा मिले। रबी सीजन में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रबी 2025-26 के लिये पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके लिये अभी से तैयारियां शुरू करें। बैठक में बताया गया कि रबी सीजन में लगभग 20200 मेगावॉट विद्युत मांग संभावित है। गत वर्ष यह मांग 18 हजार 913 मेगावॉट थी। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली बिल की बकाया राशि के समाधान के लिए विभाग द्वारा वन टाइम सेटलमेंट स्कीम प्रारंभ की जा रही है। घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनकी मूल बिजली बिल राशि में अधिभार की छूट देकर बकाया राशि जमा करने की सुविधा दी गई है। यह स्कीम छह माह की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इस अवधि के बाद भी बिजली बिल भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्तओं का विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया जाएगा। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनियों के नये सेटअप के संबंध में भी चर्चा की। तोमर ने मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग के विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति पर उनका आभार व्यक्त किया। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मंडलोई ने बताया कि दूसरे राज्यों की तुलना में ऊर्जा के प्रमुख सूचकांकों में (संग्रहण दक्षता में) मध्यप्रदेश देश में पहले नम्बर पर है। प्रदेश में 97.92 प्रतिशत संग्रहण क्षमता हासिल की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष के साथ-साथ अगले तीन वर्षों के लिए अपने लक्ष्य तय कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026-27 तक ऊर्जा विभाग बिजली दर टैरिफ में कमी लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान विभाग बिल दक्षता 90 प्रतिशत, संग्रहण दक्षता 99 प्रतिशत और एटी एण्ड सी हानि को 14 प्रतिशत तक कम कर लेने के लक्ष्य के लिए प्रयासरत है। पीएम जन-मन में शत प्रतिशत परिवारों को विद्युतिकृत करने का लक्ष्य बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने बताया कि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में विशेष पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के 29 हजार 290 परिवारों के घरों को शत प्रतिशत विद्युतीकरण कर देने का लक्ष्य लिया गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक 21 हजार से अधिक पीवीटीजी परिवारों के घरों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 55 हजार 795 परिवारों के घरों को भी शतप्रतिशत विद्युतिकृत करने की विभाग की योजना है। यह लक्ष्य इसी वित्त वर्ष में प्राप्त लिया जाएगा। प्रदेश के छह महानगरों में खोले जाएंगे एक-एक विद्युत पुलिस थाने अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा पुलिस संरचना स्थापित की जाएगी। पहले चरण में प्रदेश के छह महानगरों में एक-एक (कुल छह) विशेष विद्युत पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। आगामी वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में यह पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। ये पुलिस थाने चेकिंग अभियान के दौरान चेकिंग दस्तों को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। औचक निरीक्षण करेंगे और केस डायरी भी तैयार करेंगे। विद्युत अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे और अदालती कार्यवाही का अवलोकन भी करेंगे ताकि डिस्कॉम की सम्पत्ति की सुरक्षा और बकाया राशि की वसूली के लिए बकाया वसूली अधिनियम के तहत कार्यवाही करेंगे। … Read more

CM साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की

राज्य की आर्थिक मजबूती और वित्तीय अनुशासन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री ने ली वित्त विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक : वित्तीय प्रबंधन में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश CM साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में प्रदेश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन की गहन समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बजट प्रबंधन, राजस्व संग्रहण, व्यय नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से राज्य की जीएसडीपी, पूंजीगत व्यय और योजनाओं की वित्तीय प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि वित्तीय संसाधनों का उपयोग पारदर्शिता और दक्षता के साथ किया जाए, ताकि जनकल्याणकारी योजनाएं निर्बाध रूप से संचालित हो सकें।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि  राज्य की प्रगति उसकी वित्तीय स्थिरता पर निर्भर करती है। जितनी सशक्त वित्तीय व्यवस्था होगी, उतनी ही तेजी से हम विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है, जिससे राज्य की जीएसडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। बैठक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विभाग की वर्तमान वित्तीय स्थिति, राजस्व प्राप्तियों, व्यय नियंत्रण और आगामी रणनीतियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को समयबद्ध रूप से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और विभाग वित्तीय पारदर्शिता व सुशासन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में विभाग के द्वारा अपनाए गए नवाचारों से राज्य की आर्थिक आधारशिला और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि शासन की प्रत्येक जनकल्याणकारी योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और राज्य वित्तीय सुशासन के साथ विकास की नई ऊंचाइयों को छुए। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल और राहुल भगत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

छात्रवृत्ति योजना की समझ बढ़ाने 3 जुलाई को एक दिवसीय कार्यशाला, फोकस रहेगा NMMSS पर

भोपाल  प्रदेश में राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गुरुवार 3 जुलाई को राजधानी भोपाल के होटल अशोका लेक व्यू में किया जा रहा है। इस कार्यशाला में केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार श्री राघवेन्द्र खरे प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के तहत शासकीय, अनुदान प्राप्त या नगरीय निकाय के विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 8वीं में अध्ययनरत आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली पात्र विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष रुपये 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। विद्यार्थी को छात्रवृत्ति के लिये आयोजित होने वाली चयन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। उक्त छात्रवृत्ति के तहत चयनित विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रतिवर्ष छात्रवृति की राशि प्राप्त होती है। इसके लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर पंजीयन किया जाता है। पंजीयन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के चलते विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित नहीं रह जाए इसी उद्देश्य के दृष्टिगत और योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारी, कर्मचारी तथा समस्त जिले से एनएमएमएसएस के नोडल अधिकारी तथा उनके सहायक सहभागिता करेंगे।  

रक्षा मंत्री ने दी सूर्य किरण एरोबेटिक डिस्प्ले की स्वीकृति, छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर होगा वायुसेना का प्रदर्शन

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस (1 नवंबर 2025) के अवसर पर इस साल राजधानी रायपुर में एक विशेष आयोजन होने जा रहा है। रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण एरोबेटिक टीम एक भव्य एरोबेटिक डिस्प्ले करेगी। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के युवाओं और नागरिकों में देशभक्ति, प्रेरणा और गर्व का भाव जगाने वाला होगा। इस आयोजन की स्वीकृति रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दे दी है। उन्होंने बताया कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल के आग्रह पर भारतीय वायुसेना की ‘सूर्य किरण’ टीम को रायपुर में प्रदर्शन के लिए प्रस्तावित समय पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए भारतीय वायुसेना की टीम द्वारा निर्धारित अभ्यास एवं सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित होगा। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि “छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना दिवस हमारे लिए गर्व और आत्मसम्मान का दिन है। इस दिन राजधानी में भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण टीम का प्रदर्शन प्रदेशवासियों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण होगा। यह आयोजन युवाओं में राष्ट्रीय चेतना, अनुशासन और देशभक्ति को और मजबूत करेगा। मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।” राज्य के स्थापना दिवस पर राजधानी रायपुर में इस प्रकार की प्रेरणादायी और गौरवशाली सैन्य प्रस्तुति आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी राज्य प्रशासन, वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के समन्वय से की जाएगी।

मंत्री सिंह ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा के अनुरूप जबलपुर बनेगा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का नया रूप

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुरूप वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर जबलपुर अब पर्यटन के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान की ओर अग्रसर है। पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के उद्देश्य से मदन महल की पहाड़ियों पर स्थित ठाकुरताल क्षेत्र को एक एमिनेंट पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना में ‘फॉरेस्ट सफारी – ज़ू कम रेस्क्यू सेंटर’ और संग्राम-सागर तालाब के समग्र विकास को भी सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने वन मंडल अधिकारी श्री ऋषि मिश्रा एवं कंसलटेंट श्री दुबे के साथ विस्तृत चर्चा कर योजना की रूपरेखा तैयार की । लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने बताया परियोजना को और अधिक गरिमा प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे वीरांगना रानी दुर्गावती जी के नाम पर विकसित करने की घोषणा की है। यह निर्णय जबलपुर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को और भी सशक्त करेगा। लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने इस उपलब्धि के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार भी व्यक्त किया है। मंत्री श्री सिंह ने बताया यह पर्यटन परियोजना लगभग 85 से 100 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित की जाएगी जिसमें पर्यटकों को प्राकृतिक वन्य जीवन और आधुनिक तकनीकों का समन्वित अनुभव मिलेगा। इस केंद्र में रोबोटिक इंटरप्रिटेशन सेंटर, बटरफ्लाई पार्क, तथा लॉन्ग कार्निवल जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल होंगी, जिसमें येलो टाइगर, व्हाइट टाइगर, पैंथर, लायन और भालू जैसे आकर्षक वन्य-जीव रहेंगे। इसके अतिरिक्त रेप्टाइल हाउस में मगरमच्छ और सांप और एग्जॉटिक और नेटिव बर्ड्स के लिए विशेष क्षेत्र बनाए जाएंगे। ज़ेब्रा और जिराफ के लिए एक अलग एग्जॉटिक पार्क, वाटर इंटरप्रिटेशन सेंटर, और स्पीशीज वाइज इंटरप्रिटेशन सेंटर जैसे अनेक नवाचार इस परियोजना की विशेषता होगी। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि पर्यटकों को रोमांच का अनुभव देने के लिए इस पूरे क्षेत्र को संग्राम-सागर तालाब से ठाकुरताल तक ट्रैकिंग, ज़िपलाइन और बोटिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे यह एक सम्पूर्ण एडवेंचर और ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन बन सके। ठाकुरताल क्षेत्र में फॉरेस्ट बाथिंग और व्यू प्वाइंट्स जैसे प्राकृतिक आनंद देने वाले स्थल भी विकसित किए जाएंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अगले तीन माह में तैयार कर ली जाएगी, जिसके बाद विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी। यह परियोजना न केवल जबलपुर को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर, पर्यावरण संरक्षण, और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।  

दिल्ली-मुरादाबाद हाइवे पर ट्रैफिक अलर्ट! वीकेंड पर रहेगा जीरो मूवमेंट, भारी वाहनों पर रोक

गजरौला  सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस क्रम में अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर व हापुड़ जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों रूट का जायजा भी लिया है। जिसमें शिव भक्तों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इसको लेकर रूट डायवर्जन का खाका भी तैयार किया गया। चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्जन रहेगा। शनिवार-रविवार को जीरो ट्रैफिक रहेगा। यूं तो 1 जुलाई से सावन मास का शुभारंभ हो जाएगा। इस माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बरेली, बदायूं, मुरादबाद, रामपुर आदि जिलाें से शिवभक्तों का आगमन गंगा नगरी ब्रजघाट में होता है। हर साल भारी मात्रा में कांवड़िये उमड़ते हैं। ऐसे में शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर जिले की पुलिस पहले से ही तैयारी कर रही है। 14 जुलाई को पहली सोमवार के लिए जल भरने के लिए कांवड़िये 11 जुलाई से ही निकल पड़ेंगे। उनके लिए रूट डायवर्जन का खाका तैयार किया गया। तय किया गया है कि पूरे चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्ट रहेगा। शनिवार-रविवार को कांवड़ियों की भीड़ अनुसार हाइवे पर ट्रैफिक जीरो रहेगा और दिल्ली से मुरादाबाद जाने वाली हाइवे की साइड कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। बैठक में कांवडियों जाने के मार्गों पर विशेष सर्तकता एवं निगरानी के साथ प्रभावी ड्यूटी लगाए जाने की बात कही। मुख्य स्थानों व चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन कैमरों से निगरानी कराने के लिए भी निर्देश दिए गए। टीएसआइ अनुज तोमन ने बताया कि चार चरणों में रूट डायवर्जन रहेगा। पहला चरण 11 जुलाई से 14 तक, दूसरा चरण 18 से 23 जुलाई तक, तीसरा 25 से 28 जुलाई और चौथा चरण एक से चार अगस्त तक रहेगा। इसके अलावा प्रत्येक सोमवार के लिए शुक्रवार की शाम से ही जीरो ट्रैफिक रहेगा। बिना आइडी के किसी भी श्रद्धालु को गेस्ट हाउस, धर्मशाला में नहीं रुकने दिया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर समय समय पर चेकिंग की जाएगी। इस प्रकार रहेगा रूट डायवर्जन     मुरादाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को मुरादाबाद कांठ, बिजनौर के स्योहारा, धामपुर, बिजनौर बैराज मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     मुरादाबाद से मेरठ- दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को टीएमयू की बगल से अगवानपुर बाईपास, छजलैट, नूरपुर बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना होते हुए मेरठ दिल्ली भेजा जाएगा।     बरेली से दिल्ली जाने वाले वाहनों को आबला से शाहबाद, बिलारी, चंदौसी, बबराला से नरोरा होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     रामपुर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को शाहबाद से डायवर्ट कर बिलारी, चंदौसी, बबराला, नरोरा, जनपद बुलंदशहर होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     अमरोहा से दिल्ली जाने वाले वाहनों को शिवाला कला, नूरपुर, बिजनौर, मेरठ, मवाना गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     दिल्ली और जिला गाजियाबाद की तरफ से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन मसूरी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होकर मुरादाबाद जाएंगे।     दिल्ली व गाजियाबाद की ओर से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन छिजारसी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजौई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते से होकर मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर से आकर उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले सभी भारी वाहन छिजारसी टोल प्लाजा से निजामपुर फ्लाईओवर से, सोना पेट्रोल पंप फ्लाईओवर से ततारपुर चौराहा होते हुए टियाला अंडर पास से किठौर होते हुए परीक्षितगढ़, मवाना, बहसुमा, रामराज बिजनौर होते हुए अपने गंतव्य की ओर जाएंगे।     हापुड़ से मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन सोना पेट्रोल पंप के सामने से गुलावटी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     मेरठ वाया मवाना रोड मीरापुर बैराज, बिजनौर कोतवाली, देहात, नगीना, धामपुर, कांठ, छजलैट होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     गजरौला चौपला से वाया मंडी धनौरा, चांदपुर, हलदौर, बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना, परीक्षित गढ़, किठौर, टियाला अंडरपास, ततारपुर चौराहा, सोना फ्लाईओवर, निजामपुर फ्लाईओवर, छिजारसी टोल प्लाजा से होते हुए दिल्ली गाजियाबाद की ओर जाएंगे।  

छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन में ऐतिहासिक बढ़त: 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल

मुख्यमंत्री साय ने जीएसटी विभाग की समीक्षा बैठक में कर अपवंचन पर सख्ती के दिए निर्देश मुख्यमंत्री साय ने राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन में ऐतिहासिक बढ़त: 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए।  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए। साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है। बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री ओ.पी. चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री साय ने जीएसटी संग्रहण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों एवं उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है।  बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों एवं कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है।  उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण एवं जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपादित किया जा रहा है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत तथा आयुक्त वाणिज्यिक कर पुष्पेंद्र मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से पंथी नृत्य दल ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से  उनके निवास कार्यालय में पंथी नृत्य दल ने सौजन्य मुलाकात की। पंथी नृत्य दल के सदस्यों ने बताया कि वे 13 से 24 फरवरी 2025 तक मिस्र (इजिप्ट) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पंथी नृत्य दल के सभी कलाकारों को अपने कला-प्रदर्शन के माध्यम से विदेश की धरती पर छत्तीसगढ़ की माटी की सुगंध बिखेरने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक श्री खुशवंत सिंह साहेब उपस्थित थे।