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सॉफ्ट और गुलाबी होंठ पाने के लिए आजमाएं ये नैचुरल उपाय

गुलाबी और मुलायम होंठ किसी भी चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। लेकिन धूप, धूल, प्रदूषण, स्मोकिंग, पानी की कमी, केमिकल वाली लिपस्टिक का ज्यादा इस्तेमाल और पोषण की कमी जैसे कारणों से होंठ काले, रूखे और बेजान हो जाते हैं। ऐसे में नेचुरली पिंक लिप्स पाने के लिए केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट के बजाय घरेलू उपायों पर भरोसा करें। ये उपाय सुरक्षित, असरदार और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में। गुलाबी होंठों के लिए आसान टिप्स     गुलाब की पंखुड़ियां और दूध- गुलाब की पंखुड़ियों को रातभर कच्चे दूध में भिगोकर सुबह पीस लें। इस पेस्ट को होंठों पर 15 मिनट लगाकर धो दें। यह होंठों को नमी देता है और उनमें नेचुरली गुलाबी रंग लौटाता है।     चुकंदर का रस- चुकंदर में नेचुरल पिगमेंट होते हैं जो होंठों को हल्का रंग देते हैं। सोने से पहले इसका रस लगाएं और सुबह धो लें। यह धीरे-धीरे होंठों की रंगत सुधारता है।     शहद और नींबू- एक चम्मच शहद में कुछ बूंदें नींबू रस की मिलाएं और होंठों पर लगाएं। ये होंठों की ब्लैकनेस दूर कर उन्हें सॉफ्ट बनाता है।     एलोवेरा जेल- ताजा एलोवेरा जेल को होंठों पर लगाना उन्हें मॉइस्चराइज करता है और डैमेज से बचाता है।     नारियल तेल- रात को सोने से पहले होंठों पर नारियल तेल लगाना उन्हें हाइड्रेट और पोषित रखता है।     ब्राउन शुगर स्क्रब- ब्राउन शुगर और शहद मिलाकर हल्के हाथों से होंठों की स्क्रबिंग करें। इससे डेड स्किन हटती है और होंठ सॉफ्ट और पिंकी बनते हैं।     पानी भरपूर पिएं- डिहाइड्रेशन होंठों को रूखा बना देता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।     विटामिन-ई ऑयल- विटामिन-ई कैप्सूल को तोड़कर उसका तेल होंठों पर लगाएं। यह डैमेज स्किन को रिपेयर करता है।     केमिकल वाले लिपस्टिक से बचें- हमेशा हाई-क्वालिटी या हर्बल लिपस्टिक का इस्तेमाल करें और लिप्स को रात के  समय अच्छे से साफ करके सोएं।     हेल्दी डाइट लें- विटामिन-सी, ई और आयरन से भरपूर फूड्स होंठों की नेचुरल सुंदरता बनाए रखने में मदद करते हैं। इन घरेलू और बेहद आसान उपायों को अपनाकर आप अपने होंठों को न सिर्फ गुलाबी बना सकते हैं, बल्कि उनकी नमी और कोमलता भी लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।  

फास्ट वेट लॉस का राज़: डिनर से तुरंत हटा दें ये 5 चीज़ें

वजन घटाने के लिए रात का खाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि रात में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसलिए डिनर में से हैवी और आसानी से न पचने वाले फूड्स को बाहर कर देना चाहिए। ज्यादा कैलोरी वाला खाना वजन बढ़ाते हैय़ इसलिए रात के समय हल्का, कम कैलोरी और हाई फाइबर वाला खाना खाना चाहिए। वजन घटाना आज के समय में बहुत लोगों की प्राथमिकता बन चुका है, लेकिन अक्सर लोग सिर्फ एक्सरसाइज या डाइटिंग पर ध्यान देते हैं और यह भूल जाते हैं कि कब और क्या खाना है, यह भी उतना ही जरूरी है। खासकर डिनर यानी रात का खाना, वेट लॉस में अहम भूमिका निभाता है। रात को हमारा मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और हम शरीर को आराम देते हैं, इसलिए अगर इस समय गलत डाइट ली जाएं, तो वे आसानी से फैट में बदल सकते हैं। ऐसे में अगर आप अपनी वेट लॉस के लक्ष्य को आसान बनाना चाहते हैं, तो इन चीजों को रात के खाने में शामिल करने से बचें। डिनर में किन चीजों को खाने से बचें?     सफेद चावल- इसमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है और वजन घटाने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।     ऑयली डिशेज- पकोड़े, समोसे, पूरी जैसे डीप फ्राइड फूड्स से फैट और कैलोरी दोनों बढ़ते हैं।     पास्ता और नूडल्स- पास्ता और नूडल्स मैदे से बने होते हैं जो फाइबर में कम और कार्ब्स में ज्यादा होते हैं।     रेड मीट- हाई फैट और प्रोटीन वाले भारी मीट रात में पचने में समय लेते हैं, जिससे नींद और मेटाबॉलिज्म दोनों ही प्रभावित होता है, जिससे वेट बढ़ता है।     मिठाइयां और डेजर्ट्स- आइसक्रीम, केक और मिठाइयों में चीनी और कैलोरी ज्यादा होती है, जो रात को फैट के रूप में स्टोर होती हैं।     सफेद ब्रेड- इसमें मौजूद रिफाइंड कार्ब्स वजन बढ़ाने में मदद करते हैं और फाइबर की कमी से पेट भी जल्दी नहीं भरता, जो वजन बढ़ने का कारण बनता है।     सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा- इन ड्रिंक्स में छिपी हुई शुगर और कैलोरी वेट लॉस की प्रक्रिया को रोक सकती हैं।     प्रोसेस्ड फूड्स- प्रोसेस्ड फूड्स जैसे इंस्टेंट नूडल्स, पैकेज्ड स्नैक्स में नमक, शुगर और प्रिजरवेटिव्स ज्यादा होते हैं।     चीज और डेयरी प्रोडक्ट्स- इनमें सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जो रात को मेटाबॉलिज्म पर असर डालता है।     ज्यादा नमक वाला खाना- यह शरीर में पानी रोककर सूजन और वजन बढ़ा सकता है। अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं, तो सबसे पहले रात के खाने की क्वालिटी और क्वांटिटी पर ध्यान दें। हल्का, लो-कैलोरी और हाई-फाइबर वाला खाना न केवल वजन कम करने में मदद करेगा, बल्कि नींद और पाचन को भी बेहतर बनाएगा।  

महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा ठंड क्यों लगती है? साइंस ने बताया चौंकाने वाला सच!

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब कमरे का तापमान एक जैसा होता है तब भी महिलाओं को अक्सर पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड महसूस होती है? यह सिर्फ महसूस करने का अंतर नहीं है बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक और शारीरिक कारण हैं। शरीर विज्ञान और हार्मोनल अंतर इस लैंगिक असमानता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आइए जानते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा ठंड लगने के पीछे क्या वजहें हैं: कम मांसपेशियों का भार शरीर की मांसपेशियां आराम की अवस्था या गति में होने पर गर्मी पैदा करती हैं। महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में मांसपेशियों का भार कम होता है। इस वजह से उनका शरीर कुल मिलाकर कम गर्मी उत्पन्न करता है। हार्मोन का प्रभाव प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन रक्त परिसंचरण और तापमान को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है जिससे हाथ और पैरों में खून का बहाव कम हो जाता है। इस कारण शरीर के इन हिस्सों में जल्दी ठंड महसूस होती है। धीमा मेटाबॉलिज्म मेटाबॉलिज्म भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया है, जिसमें गर्मी भी पैदा होती है। महिलाओं का मेटाबॉलिक रेट पुरुषों की तुलना में धीमा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर आराम की अवस्था में कम कैलोरी जलाते हैं और परिणामस्वरूप कम गर्मी पैदा करते हैं। फैट इंसुलेशन बनाम हीट प्रोडक्शन महिलाओं में पुरुषों की तुलना में वसा (Fat) का प्रतिशत ज्यादा होता है। यह वसा हीट लॉस के खिलाफ एक इंसुलेटर के रूप में काम करती है (यानी शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती है)। हालांकि यह वसा मांसपेशियों की तरह गर्मी उत्पन्न नहीं करती इसलिए शरीर के अंदरुनी तापमान को बनाए रखने के लिए पुरुषों की तुलना में कम आंतरिक गर्मी उपलब्ध होती है। सतह क्षेत्र और आयतन का अनुपात महिलाओं का सरफेस एरिया (सतह क्षेत्र) उनके शरीर के आयतन की तुलना में ज्यादा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर अपने आसपास के वातावरण में तेजी से गर्मी छोड़ते हैं (हीट लॉस), जिससे उनके लिए शरीर के आंतरिक तापमान को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। थायरॉइड और केमिकल संवेदनशीलता थायरॉइड हार्मोन जैसे कुछ रसायन मेटाबॉलिज्म और गर्मी के उत्पादन  को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं में इन केमिकल्स के प्रति संवेदनशीलता का स्तर थोड़ा अलग हो सकता है। थायरॉइड की कम गतिविधि या धीमा मेटाबॉलिज्म होना महिलाओं में आसानी से ठंड लगने की एक वजह बन सकता है।  

दीपावली की रौशनी में चमकती तस्वीरें: स्मार्टफोन कैमरा सेटिंग्स जो आपकी फोटो बदल दें

नई दिल्ली दिवाली यानी रोशनी का त्योहार, खुशी, उत्साह और अपनों के साथ समय बिताने का मौका है। इस दौरान हर कोई चाहता है कि वो अपने घर की सजावट, जलते दीये, और आतिशबाजी को तस्वीरों में कैद कर ले। अपने स्मार्टफोन और कुछ आसान टिप्स के साथ आप दिवाली की ऐसी तस्वीरें खींच सकते हैं जो हर किसी को वाह कहने पर मजबूर कर दें। आइए, इस लेख में जानते हैं कि कैसे आप अपने स्मार्टफोन से दिवाली की जादुई तस्वीरें ले सकते हैं। तस्वीर का फ्रेम तस्वीर खींचने से पहले यह तय करना जरूरी है कि आपका फ्रेम कैसा होगा। चाहे वो जलता हुआ दीया हो या रंग-बिरंगी आतिशबाजी, अपने स्मार्टफोन को सही जगह पर रखें। फोकस हमेशा अपने सब्जेक्ट पर रखें। स्मार्टफोन को स्थिर रखें, अगर आपके पास ट्राइपॉड है, तो उसका इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे तस्वीरें धुंधली होने से बचेंगी। फ्रेम सेट करते समय बैकग्राउंड पर भी ध्यान दें, ताकि तस्वीर में कोई अनचाही चीज न आए। एक्सपोजर दिवाली की तस्वीरों को खास बनाने में एक्सपोजर की बड़ी भूमिका होती है। एक्सपोजर का मतलब है कि आपके कैमरे का सेंसर कितनी रोशनी लेता है। आप अपने स्मार्टफोन में एक्सपोजर सेटिंग्स को मैन्युअली बदल सकते हैं या Long Exposure Camera 2 जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिवाली के टाइम पर एक्सपोजर अधिक रखें, ताकि चमकदार फोटो आए। पोर्ट्रेट मोड आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पोर्ट्रेट मोड होता है, जो दिवाली की तस्वीरों को शानदार बना सकता है। इस मोड में आप अपने दीया या किसी व्यक्ति पर फोकस कर सकते हैं, जिसके बाद बैकग्राउंड को खुद-ब-खुद धुंधला हो जाएगा। इससे Bokeh इफेक्ट बनता है, जो तस्वीर को प्रोफेशनल लुक देता है। यह मोड खासकर दीयों की तस्वीरें या परिवार के साथ पोर्ट्रेट लेने के लिए बहुत अच्छा है। पैनोरमा मोड अगर आप अपने घर की सजावट या आसमान में छाई आतिशबाजी की पूरी तस्वीर कैद करना चाहते हैं, तो पैनोरमा मोड का इस्तेमाल करें। यह मोड कई तस्वीरों को जोड़कर एक वाइड एंगल तस्वीर बनाता है। ये फीचर्स भी यूज कर सकते हैं अपने स्मार्टफोन के कैमरा ऐप में मौजूद दूसरे फीचर्स को भी आजमाएं। HDR (हाई डायनामिक रेंज), नाइट मोड, और अलग-अलग फिल्टर्स आपकी तस्वीरों को और खूबसूरत बना सकते हैं। इन सेटिंग्स के साथ प्रयोग करके आप अपनी तस्वीरों में क्रिएटिविटी जोड़ सकते हैं।

‘इनवर्टेड ग्राउंडस्क्रेपर’: 4000 करोड़ में तैयार इस होटल के अंदर है झरने जैसी खूबसूरती

नई दिल्ली दुनिया में ऐसी कई इमारतें हैं, जो अपनी अनोखी आर्किटेक्चर के लिए जानी जाती हैं। इस लिस्ट में चीन के एक खास होटल का नाम भी शामिल है। यह होटल एक खदान के अंदर बना है और वॉटर फॉल होटल के नाम से जाना जाता है। आइए जानें क्यों इसे यह नाम मिला और इस होटल की खासियत क्या है। खदान के अंदर बना है होटल चीन के शंघाई शहर के सोंगजियांग जिले में स्थित इंटरकॉन्टिनेंटल शंघाई वंडरलैंड होटल आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग का एक शानदार उदाहरण है। यह अनोखा होटल एक पुरानी खदान के अंदर बना है, जिसकी वजह से इसे 'क्वारी होटल' या 'खदान होटल' के नाम से भी जाना जाता है।    क्यों कहा जाता है वॉटरफॉल होटल? होटल की सबसे खास बात इसकी संरचना है, जो 88 मीटर गहरी खदान की दीवारों में बनाई गई है। इसमें कुल 18 मंजिलें हैं, जिनमें से 16 भूमिगत और दो मंजिलें पानी के नीचे स्थित हैं। इसके सामने 90 मीटर ऊंचा कृत्रिम झरना होटल की खूबसूरती में चार चांद लगाता है, जिसके कारण इसे 'वॉटरफॉल होटल' भी कहा जाता है। 4 हजार करोड़ में बनाया गया होटल इस होटल का इतिहास काफी दिलचस्प है। इस खदान को 1950 के दशक में जापानियों ने युद्ध के दौरान बंकर बनाने के लिए खोदा था। बाद में इसे आंशिक रूप से पानी से भरकर एक आर्टिफिशियल झील में बदल दिया गया। साल 2006 में शंघाई के एक प्रॉपर्टी ग्रुप ने इस जगह में संभावना देखी और इसे एक लग्जरी होटल में तब्दील करने का फैसला किया। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2009 में हुई और इसे पूरा करने में करीब 4 हजार करोड़ रुपये की लागत आई। इनवर्टेड ग्राउंडस्क्रेपर के नाम से भी जाना जाता है इस होटल को डिजाइन करने के लिए कई मशहूर आर्किटेक्चर फर्म्स को चुना गया। होटल की डिजाइन में फेंगशुई के प्रिंसिपल्स को अपनाया गया है और इसे 'इनवर्टेड ग्राउंडस्क्रेपर' कहा जाता है, क्योंकि यह ऊपर की बजाय नीचे की ओर बना है। ऊपर से देखने पर इसका आकार 'एस' जैसा दिखता है। होटल को पर्यावरण के लिए जागरूक बनाते हुए एक सिंगल यूज प्लास्टिक-फ्री होटल के रूप में विकसित किया गया है। यह एक 'ब्राउनफील्ड रिवाइवल प्रोजेक्ट' है, जिसमें छोड़ी हुई जमीन का इस्तेमाल किया गया है। आराम और रोमांच का अनुभव इस होटल में ठहरना केवल आराम का नहीं, बल्कि रोमांच का भी अनुभव है। यहां क्लिफ के किनारे बने विला और पानी के नीचे बने सुइट्स हैं, जहां कांच की दीवारों से मेहमान सीधे झील के भीतर का नजारा देख सकते हैं। होटल में कुल 337 कमरे हैं, जिनमें से हर एक में वॉइस-कंट्रोल सिस्टम जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। खाने-पीने के लिए होटल में पानी के नीचे बना सीफूड रेस्टोरेंट, कैंटोनीज फाइन डाइनिंग और क्वारी बार जैसे ऑप्शन मौजूद हैं। इसके अलावा, होटल में वॉटर स्पोटर्स एरिया, इंफिनिटी पूल और स्पा की सुविधा भी है। रोमांच पसंद करने वालों के लिए पास के थीम पार्क में जिपलाइन, बंजी जंप, रॉक क्लाइम्बिंग और ग्लास वॉकवे जैसी गतिविधियां मौजूद हैं।  

सेल में Google Pixel 10 की भारी छूट, जानें कैसे पाएं 12,000 रुपये की बचत

नई दिल्ली  गूगल का नया स्मार्टफोन 'पिक्सल 10' लोगों ने खूब पसंद किया है। अब दिवाली के अवसर पर अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर दिवाली छूट चल रही है। इस मौके पर गूगल पिक्सल 10 भी सस्ते दामों में मिल रहा है। भारत में 12,000 रुपये से ज्यादा की छूट के साथ उपलब्ध है। अगर आप नया फोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए सही मौका हो सकता है। यह फोन शानदार फीचर्स के साथ आता है, जो इसे खास बनाता है। चलिए जान लेते हैं कि कहां से खरीदने पर आपको यह बेहतरीन ऑफर मिलने वाला है। ऐसे मिलेगा तगड़ा डिस्काउंट गूगल पिक्सल 10 की शुरुआती कीमत 79,999 रुपये थी, लेकिन अब यह अमेजन पर केवल 68,140 रुपये में मिल रहा है। यानी आपको 11,859 रुपये की सीधी छूट मिल रही है। इसके अलावा, अगर आपके पास HDFC बैंक का कार्ड है तो आप एक्स्ट्रा छूट पा सकते हैं, जिससे फोन की कीमत और कम होकर 67,390 रुपये हो जाती है। यह ऑफर सीमित समय के लिए है, इसलिए जल्दी फैसला करना जरूरी है। पिक्सल 10 के शानदार फीचर्स पिक्सल 10 में कई नए और बेहतरीन फीचर्स हैं, जो इसे पिछले मॉडल पिक्सल 9 से अलग बनाते हैं। यह फोन गूगल के टेंसर G5 चिप के साथ आता है, जिसमें 12GB रैम और 256GB स्टोरेज है। इसमें 4,970mAh की बड़ी बैटरी है, जो 30W फास्ट चार्जिंग और 15W वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करती है। फोन की बैटरी लंबे समय तक चलती है, जिससे आपको बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिस्प्ले और कैमरा पिक्सल 10 में 6.3 इंच का एक्टुआ OLED डिस्प्ले है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट और 3000 निट्स की ब्राइटनेस देता है। कैमरे की बात करें तो इसमें 48MP का मेन सेंसर, 13MP का अल्ट्रावाइड लेंस और 10.8MP का नया टेलीफोटो लेंस है, जो 5x जूम देता है। सेल्फी के लिए 10.5MP का फ्रंट कैमरा है। ये कैमरे शानदार तस्वीरें खींचते हैं, फिर चाहे दिन हो या रात। AI फीचर्स और सॉफ्टवेयर अपडेट पिक्सल 10 में कई स्मार्ट AI फीचर्स हैं। जैसे- पिक्सल स्टूडियो, ऑटो फ्रेम, रीइमेजिन, स्काई स्टाइल्स, रिसाइज एंड मूव सब्जेक्ट्स, पोर्ट्रेट ब्लर, मैजिक इरेजर, बेस्ट टेक और फोटो अनब्लर। ये फीचर्स फोटो और वीडियो को और बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा, गूगल ने इस फोन के लिए 7 साल तक सॉफ्टवेयर अपडेट देने का वादा किया है। यानी यह फोन लंबे समय तक नया जैसा रहेगा।

बजट में फोल्डेबल फोन! 2.14 इंच कवर स्क्रीन और दमदार 66W चार्जिंग

नई दिल्ली  हुआवे ने चीन में अपना नया फोल्डेबल स्मार्टफोन Huawei Nova Flip S लॉन्च कर दिया है. यह फोन कंपनी के पहले लॉन्च किए गए Nova Flip (अगस्त 2024) मॉडल का अपग्रेड वर्जन है, लेकिन इसमें कुछ बदलावों के साथ कीमत भी थोड़ी कम रखी गई है. नया Huawei Nova Flip S दो नए कलर ऑप्शन में आया है और इसमें शानदार डिस्प्ले, पावरफुल कैमरा और दमदार बैटरी दी गई है. Huawei Nova Flip S की कीमत और वेरिएंट्स Huawei Nova Flip S दो स्टोरेज ऑप्शन में उपलब्ध है,     256GB वेरिएंट: कीमत CNY 3,388 (लगभग ₹41,900)     512GB वेरिएंट: कीमत CNY 3,688 (लगभग ₹45,600) यह फोन कई आकर्षक कलर ऑप्शन्स में मिलेगा: New Green, Zero White, Sakura Pink, Star Black, Sky Blue और Feather Sand Black. Huawei Nova Flip S का डिस्प्ले इस फोल्डेबल फोन में दो स्क्रीन दी गई हैं:     मुख्य डिस्प्ले: 6.94 इंच का Full HD+ OLED फोल्डेबल डिस्प्ले (2690×1136 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन)     कवर डिस्प्ले: 2.14 इंच का OLED पैनल, जो 480×480 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन के साथ आता है. दोनों डिस्प्ले में राउंड कॉर्नर डिज़ाइन दिया गया है. मुख्य स्क्रीन P3 वाइड कलर गैमट सपोर्ट करती है और इसमें 120Hz LTPO एडाप्टिव रिफ्रेश रेट, 1440Hz हाई-फ्रीक्वेंसी PWM डिमिंग, और 300Hz टच सैंपलिंग रेट दी गई है. इन फीचर्स की वजह से डिस्प्ले बेहद स्मूद और रिस्पॉन्सिव अनुभव देता है. प्रोसेसर और सॉफ्टवेयर हुआवे ने फिलहाल इस फोन के चिपसेट और RAM की आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन टेक रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें वही Kirin 8000 प्रोसेसर दिया गया है, जो पिछले Nova Flip मॉडल में इस्तेमाल हुआ था. कैमरा स्पेसिफिकेशन हुआवेई नोवा फ्लिप एस में डुअल रियर कैमरा सेटअप है:     50 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरा (f/1.9 अपर्चर)     8 मेगापिक्सल अल्ट्रा-वाइड कैमरा (f/2.2 अपर्चर) मुख्य कैमरा 4K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करता है और कंपनी का दावा है कि फोटो क्वालिटी अलग-अलग शूटिंग मोड्स में बेहतर रिजल्ट देती है. सेल्फी के लिए, इनर स्क्रीन पर 32 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा (f/2.2 अपर्चर) दिया गया है. बैटरी और चार्जिंग फोन में 4,400mAh की बैटरी दी गई है, जो 66W फास्ट वायर्ड चार्जिंग सपोर्ट करती है. कंपनी का कहना है कि यह बैटरी कुछ ही मिनटों में फोन को 50% तक चार्ज कर सकती है. फोन अनफोल्ड होने पर इसकी मोटाई सिर्फ 6.88mm है और वजन 195 ग्राम है, जो इसे हल्का और स्टाइलिश बनाता है. अन्य फीचर्स     साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर, जो तेज और सटीक काम करता है.     क्लैमशेल फोल्डिंग डिजाइन, जिससे यह कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल बन जाता है.     कंपनी ने फोन की मजबूती को ध्यान में रखते हुए हिंज सिस्टम को भी अपग्रेड किया है. हुआवेई नोवा फ्लिप एस अपने प्रीमियम लुक, शानदार कैमरा, तेज चार्जिंग और मजबूत डिस्प्ले के साथ मिड-रेंज फोल्डेबल फोन मार्केट में एक बेहतरीन विकल्प बनकर आया है. लगभग ₹42,000 की कीमत में यह फोन Samsung, Oppo और Motorola के फोल्डेबल स्मार्टफोनों को कड़ी टक्कर दे सकता है.

समोसे–पकौड़े बिना डर खाएं! जानिए डॉक्टर के बताए 4 बेस्ट तेल फ्राइंग के लिए

नई दिल्ली भारतीय लोगों को तले-भुने स्नैक्स खाना बहुत पसंद होता है. आलम तो ये है कि ज्यादातर घरों में शाम के स्नैक्स में चाय के साथ समोसे या पकौड़े खाए जाते हैं. क्या आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्हें समोसे, पकौड़े या फ्रेंच फ्राइज देखकर खुद पर कंट्रोल नहीं रहता? अगर हां, तो आपको इनका स्वाद भूलकर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि ये सभी तेल में तला हुआ होता है. अगर आपको भी तेल का नाम आते ही सेहत का डर सताने लगता है, तो ये खबर आपके लिए है.   जाने-माने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (लिवर के डॉक्टर) डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में बताया है कि अगर सही तेल चुना जाए, तो तला-भुना खाना उतना नुकसानदायक नहीं होता जितना हम समझते हैं. बस ध्यान ये रखना होता है कि तेल का स्मोक पॉइंट यानी वो तापमान, जिस पर तेल धुआं छोड़ने लगता है, ज्यादा होना चाहिए. क्योंकि जब तेल ज्यादा गरम होकर धुआं छोड़ने लगता है, तो उसमें मौजूद हेल्दी फैट्स टूटने लगते हैं, जिससे वो हानिकारक कंपाउंड्स में बदल सकता है. डॉ. सेठी ने ऐसे 4 तेल के बारे में बताया, जो फ्राइंग के लिए सबसे ज्यादा सेफ ऑप्शन हो सकते हैं. चलिए जानते हैं. 1. रिफाइंड नारियल तेल: डॉ.सेठी बताते हैं ये तेल सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है और लगभग 400°F के स्मोक पॉइंट के साथ फ्राइंग के लिए काफी स्टेबल है. इससे खाने में स्वाद भी बना रहता है और ये जल्दी खराब भी नहीं होता. 2. रिफाइंड ऑलिव ऑयल: जहां एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल सलाद या लो-हीट कुकिंग के लिए अच्छा होता है, वहीं रिफाइंड ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट 465°F तक होता है, जो डीप फ्राइंग के लिए परफेक्ट है. इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं. 3. घी (क्लैरिफाइड बटर): घी पिछले कई दशकों से भारतीय रसोई का हिस्सा रहा है और इसका इस्तेमाल लोग काफी समय से कर रहे हैं. घी का स्मोक पॉइंट करीब 450°F होता है और ये तले हुए खाने में एक रिच फ्लेवर जोड़ देता है. घी में मौजूद ब्यूट्रिक एसिड डाइजेशन के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. 4. एवाकाडो ऑयल: अगर आप हाई टेंप्रेचर पर डीप फ्राइंग करते हैं, तो एवाकाडो ऑयल सबसे बेहतरीन ऑप्शन होता है. इसका स्मोक पॉइंट लगभग 520°F होता है यानी ये आसानी से ज्यादा गर्मी झेल सकता है. साथ ही, इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स हार्ट और स्किन दोनों के लिए अच्छे हैं.

अब घर पर हीं करें पार्लर जैसा स्पा

बालों को देनी हो नई जान तो स्पा से बेहतर कुछ नहीं। लेकिन इसी स्पा के लिए हमें पार्लर में काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। पर आप पार्लर जैसा हेयर स्पा घर पर भी कर सकती हैं बस आपको थोड़ा ध्यान देना होगा। हम आपके लिए लाएं हैं वो आसान टिप्स जिसकी मदद से आप घर बैठे ही नरिश कर सकती हैं। जानें कैसे घर पर कर सकते हैं पार्लर जैसा स्पा… कैसे करें शुरूआत? स्पा ट्रीटमेंट में कई मसाज थैरेपीज आते हैं। आप अपने बालों के टेक्सचर के हिसाब से इसे चुन लें। आमतौर पर स्पा ट्रीटमेंट चार से पांच स्टेप्स में होते हैं ऑयलिंग, ऑयल से मसाज, स्ट्रीमिंग, शैम्पू से धोना और फिर हेयर मास्क। स्टेप 1 – करें ऑयल से मसाज अपने बालों को पोषण देने का सबसे अच्छा तरीका है इसे ढेर सारे ऑयल से इन्हें मसाज करना, ताकि बालों की जड़े मजबूत बने और रूखापन खत्म हो जाए। आप इसके लिए कोई भी तेल इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर चाहे तो दो-तीन ऑयल्स को मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। हम सलाह देंगे कि नारियल तेल, बादाम का तेल और ऑलिव ऑयल को बराबर मात्रा में मिलाकर इसतेमाल करें। लगाने से पहले इसे गर्म कर लें। हाथों से 15-20 मिनट तक मसाज करें। आप चाहे तो हाथ के बजाए वाइब्रेटिंग मसाज ब्रश का इस्तेमाल कर सकती हैं। स्टेप 2 – स्टीमिंग हर ब्यूटी सैलून के यहां स्टीमर मौजूद होता ही है – वो बड़ी सी चीज जो आपके सिर के ऊपर रखी रहती है। स्टीमर ऑयल्स को जड़ों में सोखने में मदद करता है और बालों को बनाता है कोमल। घर पर इसे करने के लिए पहले एक तौलिए को गर्म पानी में डुबो लें और फिर इसे अच्छी तरह से निचोड़ कर पानी निकाल लें। इसके तुरंत बाद अपने बालों को इस गर्म तौलिए में लपेट लें और 10 मिनट तक छोड़ दें। ऐसा दो बार करें। स्टेप 3 – करें शैम्पू ये सबसे आसान स्टेप है। अपने बालों को शैम्पू से धो लें। इसके लिए माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करें, क्योंकि आपके बाल इससे पहले हीट (स्टीमिंग के दौरान) से गुजर चुके रहते हैं और इसलिए इनके टुटने की गुंजाइश होती है। स्टेप 4 – करें हेयर मास्क का इस्तेमाल बालों का गिरना हो, डैंड्रफ की समस्या हो या बालों को कलर्ड करना हो के लिए पार्लर में इनके हिसाब से आपको अलग-अलग हेयर मास्क मिल जाएंगे। आप चाहे तो इन्हें मार्केट से खरीद सकती हैं या फिर अपना खुद का हेयर मास्क भी बना सकती हैं। अगर आपको केमिकल्स बेस्ड मास्क को इस्तेमाल करने में झिझक हो रही है तो आप होममेड मास्क का इस्तेमाल करें। आप इस हेयर मास्क को 20 मिनट तक लगा कर रखें और फिर पानी से धो लें। बाल को धोते समय किसी भी तरह के शैम्पू या केमिकल्स को इस्तेमाल ना करें। आप इस हेयर स्पा को घर पर हर महीने आसानी से कर सकती हैं।  

केले में छिपा है पोषक तत्वों का खज़ाना

केला भारत का अत्यंत लोकप्रिय और सर्वसुलभ फल है। इसे ‘गरीब और अमीर दोनों का फल’ कहा जाता है, क्योंकि यह सस्ता होने के बावजूद अत्यंत पौष्टिक और ऊर्जा देने वाला होता है। मूसासी परिवार के इस फल का उल्लेख प्राचीन काल से मिलता है। कहा जाता है कि 326 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी सभ्यता में भी इसका उल्लेख था। धार्मिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है—मंदिरों, पूजास्थलों और मांगलिक अवसरों पर इसका उपयोग तोरण, मंडप और सजावट के लिए किया जाता है। ऊर्जा और पोषण का सर्वोत्तम स्रोत केला तुरंत ऊर्जा देने वाला फल है क्योंकि इसमें घुलनशील शर्करा (ग्लूकोज) प्रचुर मात्रा में पाई जाती है जो खाने के साथ ही शरीर में अवशोषित होकर ऊर्जा प्रदान करती है। इसमें लगभग 75 प्रतिशत जल, 22 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 2 प्रतिशत प्रोटीन और 1 प्रतिशत वसा होती है। साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, लौह और तांबा जैसे खनिज तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं, जो रक्त निर्माण और शरीर के शुद्धिकरण में सहायक हैं। पाचन और आंतों के लिए वरदान आयुर्वेद के अनुसार, केला शीतल, पुष्टिकारक और बलवर्धक होता है। यह अम्लीय भोजन पर क्षारीय प्रभाव डालता है, जिससे पेट में एसिडिटी कम होती है। केले में पाया जाने वाला कैल्शियम आंतों की सफाई में सहायक होता है। दस्त, पेचिश और संग्रहणी जैसे रोगों में दो केले और लगभग 100 ग्राम दही एक साथ खाने से विशेष लाभ होता है। जीभ पर छाले होने पर गाय के दूध से बने दही के साथ केला खाने से भी राहत मिलती है। खांसी, अस्थमा और प्रदर में लाभकारी केले का शर्बत खांसी के लिए रामबाण माना गया है। पके केले में थोड़ी चीनी मिलाकर गर्म पानी में पकाने के बाद तैयार किया गया शर्बत न केवल खांसी को शांत करता है बल्कि यह बलवर्धक और प्यास को भी मिटाने वाला है। दमे के रोग में आधा पका केला बीच से चीरकर उसमें नमक और कालीमिर्च भरकर पूरी रात चांदनी में रख दिया जाए, फिर सुबह इसे भूनकर खाने से लाभ होता है। श्वेत प्रदर से पीड़ित महिलाओं के लिए भी केला फायदेमंद है। प्रतिदिन दो पके केले या देसी घी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से राहत मिलती है। गर्मी के दिनों में नकसीर की समस्या होने पर केला दूध और शक्कर के साथ खाने से खून बहना बंद हो जाता है। घाव, सूजन और जलन में उपयोगी केले का छिलका प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है। किसी भी चोट या खरोंच पर उसका छिलका बांधने से सूजन नहीं बढ़ती। आग से जलने पर केले का गूदा फेंटकर लगाने से तुरंत ठंडक और आराम मिलता है। नियमित रूप से केला खाने वालों में आंतों की सूजन की शिकायत कम पाई जाती है। पीलिया और पाण्डु रोग में लाभकारी केले में मौजूद लौह तत्व पाण्डु रोग (एनीमिया) में अत्यंत उपयोगी है। बिना छीले केले पर थोड़ा भीगा चूना लगाकर रात में ओस में रखने और सुबह छीलकर खाने से पीलिया में लाभ होता है। यह प्रयोग एक से तीन सप्ताह तक करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। वजन और शक्ति वृद्धि में सहायक जिन लोगों का वजन कम है, उनके लिए केला दूध के साथ वरदान स्वरूप है। दो पके केले और लगभग 250 मिली दूध का प्रतिदिन सेवन एक महीने तक करने से शरीर में बल और मांस की वृद्धि होती है। छह माह से अधिक उम्र के शिशुओं के लिए भी केला उत्तम आहार माना गया है। इसे मथकर खिलाने से बच्चों को आवश्यक पोषण मिलता है। मानसिक श्रम करने वालों के लिए उपयोगी दिमागी कार्य करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और लेखकों के लिए केला आदर्श आहार है। इसकी प्राकृतिक शर्करा तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है और मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखती है। नियमित सेवन से थकान, चिड़चिड़ापन और कमजोरी दूर होती है।