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पंडित जी से जानें: देवउठनी एकादशी पर व्रत, पूजन और पारण का शुभ समय

हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का खास महत्व है। देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। इस दिन से ही शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में मुक्ति पाता है। इस बार एकादशी पर भद्रा व पंचक का साया रहने वाला है। हिंदू धर्म में भद्रा व पंचक को शुभ व कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है। जानें पंडित जी से इस साल देवउठनी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा, पूजन व व्रत पारण का समय- देवउठनी एकादशी व्रत कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर प्रारंभ होगी और 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, उदयातिथि में देवउठनी एकादशी व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। देवउठनी एकादशी पूजन मुहूर्त 2025: देवउठनी एकादशी पर पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। पूजन का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। अमृत काल सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। देवउठनी एकादशी पर भद्रा व पंचक कब से कब तक: देवउठनी एकादशी के दिन पंचक पूरे दिन रहेगा, जबकि भद्राकाल रात 08 बजकर 27 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। देवउठनी एकादशी व्रत पारण का समय: देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 2 नवंबर को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय दोपहर 12 बजकर 55 मिनट है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान नहीं करना चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है।

बच्चों की पढ़ाई में बढ़ावा: स्टडी रूम के वास्तु टिप्स

बच्चों की पढ़ाई में ध्यान न लगना, जल्दी थक जाना या मन भटकना आजकल आम समस्या बन गई है। कई बार इसका कारण सिर्फ आदतें या पढ़ाई का तरीका नहीं होता, बल्कि घर का वास्तु भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। अगर स्टडी रूम का वास्तु सही न हो, तो बच्चे का फोकस और मेमोरी दोनों प्रभावित हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे आसान वास्तु उपाय, जो आपके बच्चे के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। स्टडी रूम की दिशा का सही चयन करें वास्तु के अनुसार, बच्चों का स्टडी रूम उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना सबसे शुभ माना जाता है। इन दिशाओं से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा एकाग्रता बढ़ाती है और बच्चे में सीखने की क्षमता को मजबूत करती है। पढ़ाई की मेज की दिशा वास्तु के अनुसार, बच्चों को पढ़ते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इससे याददाश्त बेहतर होती है और मन शांत रहता है। ध्यान रखें कि पीठ दरवाजे या खिड़की की ओर न हो, क्योंकि इससे ध्यान भटकता है। कमरे में प्रकाश और हवा का सही संतुलन स्टडी रूम में प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा का आना बहुत ज़रूरी है। तेज और साफ रोशनी दिमाग को सक्रिय रखती है। अगर संभव हो तो स्टडी टेबल को ऐसी जगह रखें जहां दिन की रोशनी आसानी से पहुंचे। आईना और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं न रखें वास्तु के अनुसार, स्टडी रूम में आईना, टीवी या मोबाइल जैसी चीज़ें रखने से बचें। ये वस्तुएं ध्यान भटकाती हैं और बच्चों के फोकस को कम करती हैं।

सफल बनने का फ़ॉर्मूला: इन 3 बातों के बिना नामुमकिन है सफलता

लाइफ में सक्सेज तो सभी चाहते हैं। लेकिन सफलता उसे ही मिलती है जो मेहनत करता है। हालांकि इसके साथ मेहनत किस दिशा में और कितनी की जा रही है, ये बात भी निर्भर करती है। अगर आप अपने करियर, फैमिली या किसी भी चीज में सफलता चाहते हैं तो इन तीन चीजों को जरूर याद रखें। तभी सक्सेज मिलने में आसानी होगी। जानें क्या हैं वो तीन चीजें, जिसे करने के लिए हर सफल इंसान कहता है। आत्मविश्वास किसी भी काम को करने के लिए आत्मविश्वास का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। जब आप खुद पर भरोसा करेंगे कि ये काम आप कर सकते हैं। फिर वो चाहे आसान हो या कठिन पूरा जरूर होता है। स्पष्टता लाइफ में किस इंसान के साथ जिंदगी बितानी है या फिर किस दिशा में करियर बनाना है। आपकी सोच और माइंड बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। तभी आप सफल हो सकते हैं। जब आपका माइंड बिल्कुल क्लियर होगा उसमे दुविधा की स्थिति नहीं होगी तभी आप सही दिशा में मेहनत कर पाएंगे और खुद में आत्मविश्वास भी महसूस करेंगे। निरंतरता यानी कंस्सिटेंसी 'करत-करत अभ्यास ते, जड़मत होत सुजान' इस दोहे का अर्थ है कि लगातार अभ्यास करने से मूर्ख भी बुद्धिमान हो जाता है। जब आप किसी काम को लगातार करते हैं, बिना रुके करते हैं। तो एक ना एक दिन सफलता आपको जरूर मिलती है। इसलिए अपने काम में निरंतरता बनाकर रखें। बिना रुके सही दिशा में और पूरे आत्मविश्वास के साथ किया गया काम आपको सफलता जरूर दिलाता है।  

घर के प्रवेश द्वार पर करें यह छोटा सा काम, खुशियों से भर जाएगा जीवन

हम सभी जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक घर में सही ऊर्जा का होना उसके रहन-सहन, मानसिक शांति, और समृद्धि को प्रभावित करता है। जब भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, तो यह न केवल वहां रहने वाले लोगों की मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में भी परेशानियाँ ला सकता है। वास्तु शास्त्र में ऐसी कई उपायों का उल्लेख किया गया है, जिनके माध्यम से हम अपने घर की ऊर्जा को शुद्ध कर सकते हैं। एक ऐसा प्रभावी और सरल उपाय है- नमक का उपाय, जिसे मुख्य द्वार पर किया जा सकता है, जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में सहायक है। नमक का उपाय कैसे करें वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के पास एक छोटा सा नमक का ढेर रखना घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने का एक प्रभावी तरीका है।  घर के मुख्य द्वार पर एक छोटा सा बर्तन या प्लेट लें। उस बर्तन में सफेद नमक भरकर रखें। ध्यान रखें कि नमक को पूरी तरह से ढक कर रखें, ताकि यह अधिक समय तक प्रभावी बने। यदि आपको किसी खास स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है, तो वहां भी नमक रखें। यह उपाय न केवल घर के वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को सोखने और सकारात्मकता को आकर्षित करने में भी मदद करता है। नमक और काली मिर्च का मिश्रण: अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक है, तो आप नमक और काली मिर्च का मिश्रण भी बना सकते हैं। काली मिर्च भी एक शुद्धिकरण सामग्री है, जो घर के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। इसके लिए आप निम्नलिखित विधि अपना सकते हैं: नमक से घर की सफाई करना: नमक का उपयोग केवल वातावरण को शुद्ध करने के लिए नहीं बल्कि घर की सफाई में भी किया जा सकता है। विशेष रूप से, मुख्य द्वार और प्रवेश स्थानों की सफाई नमक के पानी से करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। एक बाल्टी पानी में एक चम्मच नमक डालकर अच्छे से घोलें। इस पानी से मुख्य द्वार और आसपास के स्थानों की सफाई करें। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया केवल सफाई के लिए हो  और नमक का पानी घर के अन्य स्थानों पर न फैलने पाए। नमक के उपाय से घर में होने वाले लाभ नमक का उपाय घर के वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे घर में मानसिक शांति बनी रहती है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। नमक का उपाय न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि यह समृद्धि और सुख-शांति का संचार भी करता है। जब घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, तो यह आर्थिक समृद्धि, खुशहाल पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।  नमक के उपाय से शुद्ध वातावरण बनता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह वातावरण में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे घर में रहने वाले लोग मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब घर में नकारात्मक ऊर्जा होती है, तो यह रिश्तों में तनाव और विवाद का कारण बन सकती है। नमक के उपाय से घर में शांति बनी रहती है, जिससे रिश्तों में सुधार होता है और परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ अच्छे से रहते हैं।

आज का राशिफल: मकर राशि के लिए बन रहे हैं शुभ योग, जानिए 21 अक्टूबर को आपकी राशि का हाल

मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए यह सप्ताह एनर्जी और आत्मविश्वास से भरपूर रहेगा। कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारियां मिल सकती है। रुके हुए कार्यों में सफलता मिलेगी। लव लाइफ पहले से बेहतर रहेगी। यात्रा का योग बनेगा।  वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों के जीवन में आर्थिक स्थिरता आएगी। रोजी-रोजगार में तरक्की मिल सकती है। निवेश के अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा। किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। 3. मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हो सकता है। आप नई जिम्मेदारियां निभाने में सफल रहेंगे। आर्थिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। शिक्षा में अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। मानसिक रूप से आप स्ट्रांग महसूस करेंगे।  कर्क राशि– कर्क राशि वालों के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहने वाला है। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है। सेहत में सुधार होगा। जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे। सेहत में सुधार होगा। कड़ी मेहनत का अच्छा परिणाम मिलेगा। सिंह राशि- सिंह राशि वालों को इस सप्ताह भाग्य का साथ मिलेगा। ऑफिस में किसी नए प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिल सकती है। लव लाइफ पहले से बेहतर होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। कन्या राशि– कन्या राशि वालों को निवेश से जुड़े मामलों में सतर्कता बरतने की जरूरत है। सेहत अच्छी रहेगी। किसी महत्वपूर्ण काम में सफलता मिल सकती है। धन की स्थिति में सुधार होगा। अपनों का साथ मिलेगा।  तुला राशि- तुला राशि वालों के लिए यह समय बैलेंस व क्रिएटिविटी से भरा रहने वाला है। आपको माता-पिता का साथ मिलेगा। लव लाइफ अच्छी रहेगी। आर्थिक स्थिरता मिलने के संकेत हैं। सप्ताह के अंत में खुद के लिए समय निकालना अच्छा रहेगा।  वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वालों को इस समय अपने फैसलों पर विचार करना चाहिए। परिवार में खुशियों का आगमन होगा। सेहत अच्छी रहेगी। धन से जुड़े मामलों में सतर्कता बरतने की जरूरत है। काम पर दबाव महसूस कर सकते हैं। धनु राशि- धनु राशि वालों को इस सप्ताह उन्नति मिल सकती है। आपको कोई नई योजना सफल हो सकती है। कारोबार के सिलसिले में यात्रा का योग है। धन लाभ हो सकता है। संतान पक्ष से अच्छी खबर मिल सकती है।  मकर राशि– मकर राशि वालों के लिए यह समय अच्छा रहने वाला है। काम में सफलता मिलेगी। पुराने निवेश के अच्छे लाभ मिलेंगे। व्यापारियों के लिए पार्टनरशिप लाभकारी रहने वाली है। रिश्तों में सुधार होगा। करियर में नई उपलब्धि मिल सकती है। 11. कुंभ राशि- कुंभ राशि वालों के लिए यह सप्ताह सफलता से भरा रहने वाला है। आर्थिक रूप से आप बेहतर स्थिति में आ सकते हैं। कामकाज में सुधार के संकेत हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। जीवनसाथी का साथ मिलेगा।  मीन राशि- मीन राशि वालों के लिए यह समय उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है, लेकिन सप्ताह के अंत तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। सेहत में सुधार होगा। वित्त, करियर व व्यवसाय में भी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। बस धन के मामलों में सतर्कता बरतें।

दिवाली से दिवाली तक रहेगा इन राशियों का राज, मिलेगी तरक्की और धनलाभ

20 अक्टूबर यानी आज पूरे देश में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. हर वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस महापर्व पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, मां सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा की जाती है. वहीं, ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली 2025 से दिवाली 2026 तक कई राशियों के अच्छे दिन शुरू होने जा रहे हैं और उनपर पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी. तो चलिए ज्योतिर्विद प्रवीण मिश्र से जानते हैं कि दिवाली 2025 से दिवाली 2026 तक राशियों को लाभ होने जा रहा है और उनके लिए ये साल कैसा बीतेगा.  1. मेष इस दिवाली से अगली दिवाली तक आपका संपत्ति क्षेत्र मजबूत होगा. प्रॉपर्टी में इजाफा होने की संभावना है. नौकरीपेशा मेष राशि वालों को करियर में तरक्की मिलेगी, और बिजनेस करने वालों, विशेषकर सर्विस प्रोवाइडर, को अच्छी सफलता और लाभ होगा. ध्यान दें कि अनजान लोगों के साथ बड़ी डील से बचें. पारिवारिक व सामाजिक रिश्तों में मान-सम्मान बढ़ेगा. धार्मिक कार्यों में सहभागिता बढ़ेगी. सेहत अच्छी रहेगी, पर शाकाहारी भोजन अपनाएं. उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. विशेषकर स्नान और ध्यान करें. 2. वृषभ इस दिवाली से अगली दिवाली तक वृषभ राशि वालों के धन लाभ के अवसर प्रबल होंगे. मेहनत का फल मिलेगा. नौकरी में स्थिरता और व्यापार में धीरे-धीरे तरक्की होगी. जीवन में नैतिकता का पालन करें. रिश्तों में मधुरता बढ़ेगी. जल्दबाजी से बचें. परिवार को समय दें. सेहत ठीक रहेगी. संक्रमण से बचें और बाजार के भोजन से दूर रहें. उपाय: रोज़ाना भगवान कृष्ण का पूजन और आरती करें. 3. मिथुन इस दिवाली से अगली दिवाली तक भाग्य आपको सहयोग प्रदान करेगा. रोजगार मिलेंगे. खर्चो में नियंत्रण रहेगा. आलस्य त्यागें और व्यापार में ध्यान दें. रिश्तों में वाणी पर संयम रखें. परिवार में प्रेम बढ़ाएं. सेहत का विशेष ध्यान रखें.  खान-पान संतुलित रखें.  उपाय: रोजाना भगवान गणेश की आरती करें. 4. कर्क इस दिवाली से अगली दिवाली तक कर्क राशि वालों को धन लाभ के अवसर मिलेंगे. नौकरी में प्रमोशन की संभावना है. व्यापार में लाभ होगा. रिश्तों में विनम्रता रखें. परिवार का समर्थन मिलेगा. सेहत ठीक रहेगी. फैटी चीजें कम खाएं और योग करें.  उपाय: रोज गौ माता को रोटी खिलाएं. 5. सिंह इस दिवाली से अगली दिवाली तक कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी. नौकरी में तरक्की और व्यवसाय में लाभ होगा. धैर्य से काम करें. अवरोध आए तो घबराएं नहीं. रिश्तों में उतार-चढ़ाव रहेंगे, पर परिवार से खुलकर बात करें. सेहत अच्छी रहेगी. आलस्य से बचें. उपाय: प्रतिदिन भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. 6. कन्या इस दिवाली से अगली दिवाली तक कन्या राशि वालों को भाग्य का सहयोग मिलेगा. अधूरे कार्य पूरे होंगे. करियर में उन्नति होगी. व्यापार में वृद्धि होगी. कोर्ट केस में सफलता मिलेगी. परिवार का सहयोग मिलेगा. बड़े फैसलों में परिवार की सलाह लें. सेहत अच्छी रहेगी. नियमित व्यायाम करें. उपाय: प्रतिदिन गौ माता को रोटी खिलाएं 7. तुला इस दिवाली से अगली दिवाली तक जॉब और रिसर्च संबंधी कार्यों में सफलता मिलेगी. व्यापार में सावधानी बरतें. बच्चों की पढ़ाई में लाभ होगा. रिश्तों को संभालें. ससुराल वालों से सौम्यता से बात करें. सेहत ठीक रहेगी और संक्रमण से बचें.  उपाय: रोजाना मां दुर्गा की आरती करें. 8. वृश्चिक इस दिवाली से अगली दिवाली तक भाग्य साथ देगा. नौकरी में प्रमोशन होगा. व्यापार में धन लाभ होगा. अधूरे कार्य पूरे होंगे. नेतृत्व कौशल विकसित होगा. रिश्तों में प्रेम और सम्मान बढ़ेगा. सेहत ठीक रहेगी. मिर्च मसालों से दूर रहें.  उपाय: मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें. 9. धनु इस दिवाली से अगली दिवाली तक काम में लापरवाही न करें. मित्रों का सहयोग मिलेगा. व्यापार में उधार से बचें. फैसले सोच-समझकर लें. परिवार को समय दें. समाज में सम्मान बढ़ेगा. सेहत की देखभाल आवश्यक है. योग और व्यायाम करें.  उपाय: रोजाना भगवान विष्णु की आरती करें. 10. मकर इस दिवाली से अगली दिवाली तक मकर राशि वालों को प्रमोशन और धन लाभ के अवसर मिलेंगे. व्यापार बढ़ेगा. योजना बनाकर काम करें. परिवार में बातचीत से समस्याओं का समाधान करें. सेहत अच्छी रहेगी.   उपाय: रोजाना गौ माता को रोटी खिलाएं. 11. कुंभ इस दिवाली से अगली दिवाली तक प्रॉपर्टी संबंधी लाभ होगा. मेहनत का फल मिलेगा. व्यापार में सोच-समझकर निर्णय लें. रिश्तेदारों से धैर्यपूर्वक बात करें. परिवार को समय दें. सेहत का ध्यान रखें.   उपाय: प्रतिदिन भगवान विष्णु की आरती करे तो आपके लिए ये समय बहुत अच्छा बीतेगा. 12. मीन इस दिवाली से अगली दिवाली तक मीन राशि वालों को कई अवसरों पर धन कमाने का मौका मिलेगा, लेकिन आलस्य को अपने रास्ते में न आने दें. अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें और मेहनत से काम करें. नौकरीपेशा लोगों को जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए, वहीं व्यापार करने वालों को निवेश बढ़ाने से पहले अच्छी तरह से विचार करना चाहिए. किसी भी काम को अधूरा न छोड़ें, लगातार प्रयास करते रहें और आप सफलता प्राप्त करेंगे.

लक्ष्मीजी का आशीर्वाद चाहते हैं? इस दीपावली मेहमानों को परोसें उनका प्रिय भोग

यदि दीपावली की रात आप लक्ष्मी जी का पूजन कर इन सात्विक भोगों को श्रद्धापूर्वक अर्पित करते हैं, भोजन नियमों का पालन करते हैं और मन में प्रेम व कृतज्ञता रखते हैं, तो महालक्ष्मी दोनों हाथों से धन-समृद्धि का वरदान देती हैं। यह साधारण नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि का आरंभ होता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी को अर्पित करें ये शुभ भोग महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भोजन में सात्विकता और पवित्रता का होना आवश्यक है। नीचे दिए गए भोग पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करें, फिर परिवार व मेहमानों को परोसें- बताशा – लक्ष्मी का प्रिय भोग, पवित्रता का प्रतीक। शहद से भरा पान – सौभाग्य व मधुरता बढ़ाने वाला। जल सिंघारा – शुद्धता और जल तत्व का प्रतिनिधि। खीर – चंद्रमा और शांति का प्रतीक, जो सुख-समृद्धि प्रदान करती है। मखाने – लक्ष्मी जी का स्वरूप माने जाते हैं, धनवृद्धि के लिए। नारियल या नारियल की मिठाई – पवित्रता और समर्पण का प्रतीक। चीनी के खिलौने – बालकों में आनंद व उल्लास लाते हैं। दूध से बनी मिठाईयां – सात्त्विकता और स्वास्थ्य की द्योतक। चावल – अन्नपूर्णा का आशीर्वाद, समृद्धि का प्रतीक। दही – स्थिरता और शीतलता प्रदान करता है। खील-बताशे – पारंपरिक लक्ष्मी पूजन का आवश्यक भाग।  भोजन ग्रहण करने के शास्त्रीय नियम भोजन से पूर्व हाथ, पैर और मुख धोना चाहिए। विशेष रूप से भीगे हुए पैरों से भोजन करना शुभ माना गया है, क्योंकि इससे शरीर का तापमान संतुलित रहता है और पाचन क्रिया मजबूत होती है। शास्त्रों के अनुसार भोजन का भी दिशा और स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना अत्यंत शुभ है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन अशुभ फल देता है। पश्चिम दिशा की ओर मुख करने से रोगों की संभावना बढ़ती है। भोजन बनाने वालों के लिए धार्मिक निर्देश भोजन बनाने वाला व्यक्ति स्नान करके, शुद्ध वस्त्र धारण कर, मन शांत रखे। क्रोध, ईर्ष्या या नकारात्मक विचार से भोजन बनाना या खाना वर्जित है। भोजन बनाते समय मंत्र जप या स्तोत्र पाठ करने से भोजन में दिव्यता बढ़ती है। कहा गया है- यथा भोजनं तथाचित्तं, यथा चित्तं तथाऽचरः अर्थात जैसे विचार होंगे, वैसा ही आचरण और भाग्य बनेगा।

वास्तु से बदलें अपने घर का माहौल: तनाव कम, प्रेम बढ़े

आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण घर में शांति और सुकून की कमी होना एक आम समस्या बन गई है। तनाव और उलझनों से भरी जिंदगी में घर का वातावरण बहुत मायने रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के वातावरण में बदलाव लाकर न सिर्फ शांति की अनुभूति की जा सकती है, बल्कि रिश्तों में भी सुधार हो सकता है। यदि आपके घर में तनाव बढ़ रहा है या रिश्तों में खटास आ रही है, तो कुछ वास्तु उपायों से आप घर में शांति और प्रेम ला सकते हैं। मुख्य द्वार का ध्यान रखें वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को घर की आत्मा माना जाता है। यदि यह स्थान सही नहीं है, तो घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ और व्यवस्थित होना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। मुख्य द्वार पर कोई भी रुकावट न हो। यह हमेशा खुला और साफ रखें। द्वार के आसपास अंधेरा या गंदगी न हो। मुख्य द्वार को सिंगल डोर रखें और यदि द्वार का रंग हल्का हो, जैसे सफेद, हल्का नीला या क्रीम रंग, तो यह और भी अच्छा रहेगा। रसोई घर का स्थान सही रखें घर का रसोई घर स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर का स्थान भी घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि रसोईघर सही दिशा में नहीं है, तो घर में तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। रसोई घर का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। यह दिशा अग्नि से संबंधित है और रसोई के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। सोने के कमरे का वास्तु ध्यान रखें सोने का कमरा घर में शांति और आराम का स्थान होता है। यदि यह कमरा वास्तु के अनुसार नहीं है, तो इसका असर आपकी नींद, मानसिक स्थिति और रिश्तों पर पड़ सकता है। बेड का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा मानसिक शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।बेड के नीचे कोई भी अव्यवस्था न हो, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। पानी का सही प्रबंधन वास्तु शास्त्र में पानी का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि पानी का प्रवाह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। घर में पानी से संबंधित स्थानों पर ध्यान देने से शांति और प्रेम बढ़ सकता है। घर में पानी के स्रोत जैसे जल टंकी, बर्तन धोने का स्थान या पानी के बर्तन हमेशा साफ और व्यवस्थित रखने चाहिए। घर में कोई भी पानी की नलकी या पाइप लीक न हो। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकता है। पानी का स्थान घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। फूलों और पौधों का महत्व प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोत जैसे फूल और पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में पौधों और फूलों का होना शांति और खुशी को बढ़ाता है। घर में हरे पौधे रखें, विशेषकर तुलसी, बांस और मनी प्लांट जैसे पौधे। घर के अंदर मृत पौधे या मुरझाए फूल न रखें। कंटीली पौधों को घर के अंदर न रखें क्योंकि वे नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं।

दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती: करनी चाहिए या नहीं? जानें सही तरीका

दिवाली, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ अयोध्या लोटे थे. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दिवाली को कुछ जगहों पर लक्ष्मी पूजन के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी के साथ आराधना करने का विधान है. हालांकि, ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती नहीं करनी चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती क्यों नहीं करनी चाहिए. दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए? दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करने के बारे में अलग-अलग मान्यताएं मिलती हैं. लेकिन ज्यादातर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती नहीं करनी चाहिए. इसके पीछे यह माना जाता है कि आरती के बाद लोग उठकर चले जाते हैं, जिससे मां लक्ष्मी को लगता है कि उन्हें विदा किया जा रहा है और वे घर से चली जाती हैं, जिससे धन की कमी हो सकती है. ऐसे में आप दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती के अलावा गणेश जी और भगवान विष्णु की आरती कर सकते हैं. आरती क्यों नहीं करनी चाहिए? मां लक्ष्मी का चले जाना:- यह मुख्य कारण है. मान्यता है कि आरती के बाद सभी लोग खड़े होकर चले जाते हैं और इसी तरह मां लक्ष्मी भी आपके घर से चली जाती हैं, जिसके कारण आर्थिक तंगी हो सकती है. शांति की कमी:- मां लक्ष्मी को शांति प्रिय है और आरती के दौरान घंटी और शंख की तेज आवाज होती है, जिससे वे अशांत महसूस कर सकती हैं. विदाई का संकेत:- आरती को विदाई का संकेत माना जाता है. चूंकि दिवाली पर मां लक्ष्मी को स्थायी निवास के लिए घर बुलाया जाता है, इसलिए उन्हें विदा करने वाली आरती करना शुभ नहीं माना जाता है. लक्ष्मी जी की आरती के बजाय क्या करें? दिवाली पूजा के दौरान आप गणेश जी और विष्णु जी की आरती कर सकते हैं. इसके अलावा, दिवाली पर आप मां लक्ष्मी की आरती के बजाय उनके जाप, मंत्रों का उच्चारण या चालीसा का पाठ कर सकते हैं. धनतेरस पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा कर उन्हें फल, फूल और अन्य प्रिय चीजें अर्पित करें.

पेन और डायरी रखें इस दिशा में, ऑफिस में मिलेगा सफलता और पॉजिटिव वाइब्स

कार्यक्षेत्र में हमारी उत्पादकता और मनोबल बढ़ाने के लिए ऑफिस डेस्क की स्थिति और उस पर रखे जाने वाले सामान का सही ढंग से चयन बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, डेस्क पर छोटी-छोटी चीजों की सही दिशा में रखने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि कार्य में सफलता की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। साथ ही कार्यक्षेत्र में सही वास्‍तु का पालन करना आपके काम में ऊर्जा और उत्साह बढ़ाने में मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं ऑफिस डेस्क पर पेन और डायरी रखने की सही दिशा के बारे में- डेस्क की दिशा डेस्क हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें। इससे मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। अगर संभव हो तो कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठने से बचें, क्योंकि इससे थकान और नकारात्मक विचार बढ़ सकते हैं। पेन और डायरी का स्थान पेन और अन्य लेखन सामग्री को डेस्क के उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें। यह रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देता है। डायरी या नोटबुक को हमेशा हाथ में आसानी से पहुँचने वाली जगह पर रखें, ताकि योजनाएं और कार्य नियमित रूप से लिखे जा सकें। जरूरी चीजों की व्यवस्था कंप्यूटर और लैपटॉप को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। साथ ही डेस्क पर अव्यवस्था न होने दें। केवल जरूरी वस्तुएं ही रखें। सजावट और सकारात्मकता डेस्क पर छोटा पौधा, जैसे बांस का पौधा या सुख-संतान वाले पौधे, सकारात्मक ऊर्जा और ताजगी बनाए रखते हैं। अगर पसंद हो तो डेस्क पर प्रेरक कोट्स या फोटो भी रख सकते हैं।