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चुनाव से पहले बड़ा झटका! JDU ने 5 शीर्ष नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया

पटना  बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) से पहले बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी ने अपने विवादित बयानों और गतिविधियों के लिए सुर्खियों में रहने वाले विधायक गोपाल मंडल (Gopal mandal) समेत कुल पांच नेताओं को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। जेडीयू ने जारी किया आधिकारिक पत्र जेडीयू के प्रदेश महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि इन नेताओं ने पार्टी की विचारधारा और संगठनात्मक आचरण के विपरीत कार्य किए हैं। पार्टी-विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण इनकी प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है। निष्कासित नेताओं की सूची     नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, विधायक, गोपालपुर (भागलपुर)     हिमराज सिंह, पूर्व मंत्री, कदवा (कटिहार)     संजीत श्याम सिंह, पूर्व विधायक, गया जी     महेश्वर प्रसाद यादव, पूर्व विधायक, गयाघाट (मुजफ्फरपुर)     प्रभात किरण, गयाघाट, मुजफ्फरपुर  

नक्सलवाद को करारा झटका: 21 नक्सली हुए आत्मसमर्पण, विजय शर्मा ने किया स्वागत

रायपुर अंतागढ़ क्षेत्र में सक्रिय 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण का उप मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्वागत करते हुए एक बार से दोहराया कि निर्धारित समय (मार्च 2026) तक नक्सलवाद समाप्त होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आह्वान किया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्ग पर सेंट्रल टीम ने काम किया है. आर्म्ड फोर्स ने काम किया है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 21 नक्सलियों ने हथियारों के साथ पुनर्वास किया है. इनमें 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं. नक्सलियों से 3 AK 24, 2 इंसास, रायफल, लांचर सहित कुल 18 हथियारों के साथ भी मिले हैं . डीवीसीएम लेवल के 4 नक्सली है. मैं नक्सलियों के आत्मसमर्पण का स्वागत करता हूं. इन लोगों ने सैकड़ों जान को जाने से बचाया. गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में 210 नक्सलियों ने 129 हथियारों के साथ पुनर्वास किया था. 21 लोगों के पुनर्वास करने से पश्चिम बस्तर रीजन में स्थिति स्पष्ट हो गई है. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को मिलाकर ये स्थिति स्पष्ट हुई. यह पुनर्वास शब्द का उपयोग है. पुनर्वास करने के बाद हथियार आप छोड़े. बस्तर के साथ मिलकर काम करना चाहिए. इसके साथ उन्होंने दोहराया कि आर्म्ड फॉर्स पूरी ताकत के साथ अपना काम करेगी. वहीं छत्तीसगढ़ महतारी के प्रतिमा को अज्ञात द्वारा तोड़ने पर विजय शर्मा ने कहा कि यह एक चिंतन का विषय है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. वहीं इस मामले में कांग्रेस के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि इटली वालों भारत से क्या लेना-देना है. देख ले अपने आप को, फिर बात करें.

प्रकृति की गोद में बसा रानीदाह जलप्रपात — जहाँ हर बूंद कहती है कहानी

रायपुर, रानीदाह जलप्रपात का सबसे आकर्षक रूप मानसून के दौरान देखने को मिलता है, जब पानी का बहाव चरम पर होता है और चारों ओर हरियाली व वादियां निखर उठती हैं। एडवेंचर, फोटोग्राफी, और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान अद्भुत अनुभव देता है। यहाँ की स्वच्छ बूंदें, हरियाली भरी घाटियाँ और झरने की गूंज हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देती है।       रानीदाह जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला मुख्यालय से लगभग 15 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झरना घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के मध्य स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। बरसात के मौसम में यहाँ का नजारा अत्यंत मनोहारी होता है, झरने की धाराएं विशाल चट्टानों से गिरती हैं और एक विशाल जलकुंड में मिल जाती हैं। आसपास जंगल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, और ऊँची-नीची पहाड़ियाँ इस जगह को रोमांचक बनाते हैं। यहाँ के माहौल में शांति, ताजगी और हरियाली छायी रहती है, जिससे यह पिकनिक और प्रकृति प्रेमियों का आदर्श स्थल है।       रानीदाह जलप्रपात से जुड़ी एक रोचक किंवदंती भी है। कहा जाता है कि उड़ीसा की रानी शिरोमणि अपने प्रेमी के साथ भागकर जशपुर आई थीं, जहाँ उन्होंने अपने भाईयों से छिपते हुए इसी झरने के समीप आत्मसमर्पण किया। इसी वजह से इस स्थल का नाम रानीदाह पड़ा। आज भी यहाँ रानी की समाधि और पंचमैया नामक स्थल देखने को मिलता है, जो रानी के पाँच भाईयों को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है। जलप्रपात के निकट एक शिव मंदिर भी है, जिससे इसका धार्मिक महत्त्व बढ़ जाता है।        यह जलप्रपात वर्ष पर्यन्त विशेष रूप से जून से फरवरी तक चालू रहता है। जशपुर से आरा मार्ग पर लगभग 18 किमी दूरी और मुख्य सड़क से 5 किमी अंदर की ओर स्थित इस स्थल तक सड़क मार्ग, ट्रेन (रांची व अंबिकापुर रेलवे स्टेशन), और हवाई यात्रा (रांची व रायपुर एयरपोर्ट) से पहुँचा जा सकता है। यहाँ जिला प्रशासन ने व्यू प्वाइंट, सीढ़ियाँ, एवं पिकनिक के लिए सुरक्षित व्यवस्था की है ताकि पर्यटक पूर्ण रूप से प्रकृति का आनंद उठा सकें।       रानीदाह जलप्रपात न केवल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण बिंदु है, बल्कि प्रकृति, इतिहास और रोमांच से भरपूर एक अविस्मरणीय स्थल भी है। यहाँ आकर मनुष्य को प्रकृति के शांत, पवित्र एवं रमणीय स्वरूप का गहरा अहसास होता है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा- हिनौती गौधाम में संरक्षित शत प्रतिशत गौवंश का पंजीयन करायें

भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिये कि हिनौती गौधाम में संरक्षित शत प्रतिशत गौवंश का आगामी तीन दिनों में पंजीयन सुनिश्चित करें। उन्होंने लगभग 1200 से अधिक गौवंश की गणना कर पंजीयन कराने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने न्यू सर्किट हाउस राजनिवास में आयोजित बैठक में हिनौती गौधाम में निर्णाणाधीन कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्रशासनिक भवन सहित सुरभि, कपिला व कामधेनु कूल गौशेड के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के लिये प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है उनमें शीघ्र राशि जारी करें जिससे कार्य में विलंब न हो। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बसामन मामा गौवंश वन्य विहार में प्राकृतिक खेती को प्रारंभ कराया जाय। हिनौती गौधाम में गत दिनों कराये गये वृक्षारोपण की स्थिति तथा फेंसिंग कार्य की भी जानकारी उप मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से प्राप्त की। बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि सभी कार्य शीघ्र पूर्ण करें तथा गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाय। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी, अध्यक्ष नगर निगम श्री व्यंकटेश पाण्डेय, सीईओ जिला पंचायत मेहताब सिंह गुर्जर, एसडीएम अनुराग तिवारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।  

मंत्री टंक राम वर्मा बोले – किसान हैं विकसित भारत की रीढ़, तिलहन उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सारंगढ़ कृषि उपज मंडी प्रांगण में ‘‘तिलहन कृषक मेला सह सम्मेलन’’ का आयोजन किया गया। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल के अंतर्गत कृषि कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास एवं उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा शामिल हुए।        मंत्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर अग्रसर हैं। इस दिशा में दलहन-तिलहन का अधिक उत्पादन देश को खाद्य तेल के आयात से मुक्ति दिलाएगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता मजबूत करेगा।     इस अवसर पर मंत्री वर्मा ने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्य विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन करते हुए हितग्राहियों, महिला स्व-सहायता समूहों और विभागीय अधिकारियों से उत्पादों एवं तकनीकों की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को नई कृषि तकनीकें अपनाने, मृदा परीक्षण शिविरों में भाग लेने तथा कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सारंगढ़ क्षेत्र की मिट्टी तिलहन उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। तिलहन नगदी फसल है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार किसानों के लिए घोषित अधिकांश वादों को पूरा कर चुकी है, जिनमें भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपये की सहायता राशि एक प्रमुख उपलब्धि है।      कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय एवं कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों को संबोधित किया। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और हितग्राहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए।      इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अपर कलेक्टर  प्रकाश सर्वे, पूर्व विधायक केराबाई मनहर तथा कृषि, मत्स्य, उद्यानिकी एवं पशुधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

एमएसएमई मंत्री काश्यप ने कहा- खिलाड़ी भारतीय खेलों को बढ़ावा दें

भोपाल एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने रविवार को विद्या भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अ.भा. जूडो, कुश्ती और कुराश प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए। प्रतियोगिता सरस्वती विद्या मंदिर शारदा विहार भोपाल में हुई। श्री काश्यप क्रीड़ा भारती के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। मंत्री श्री काश्यप ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों की सराहना की और आह्वान किया कि वे भारत के परंपरागत खेलों को बढ़ावा दें। उन्होंने खेलों का महत्व बताते हुए कहा कि खेलों से स्वस्थ शरीर बनता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। खेलों से व्यक्तित्व का विकास होता है, इसलिए खेलना आवश्यक है। इसमें 22 राज्यों के 1100 खिलाड़ियों ने अपने प्रतिभा कौशल का प्रदर्शन किया। स्पर्धा के विजेता खिलाड़ी आगे एस.जी.एफ.आई. में विद्या भारती का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस अवसर पर ग्राम भारती के प्रांतीय सचिव श्री वीरेंद्र सेंगर, विद्या भारती के पर्यवेक्षक श्री सतपाल सिंह, शारदा विहार समिति के सदस्य श्री राजेंद्र आर्य, प्रबंधक श्री राजेश तिवारी तथा विद्या भारती मध्य क्षेत्र के खेल सह संयोजक श्री मनीष वाजपेई उपस्थित रहे।  

RJD में शामिल हुआ JDU का दिग्गज नेता, नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ीं

छपरा बिहार में जैसे-जैसे चुनाव  नजदीक आ रहे हैं, विभिन्न दलों में नेताओं का आना-जाना जारी है। राजनीतिक गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू  को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, जनता दल (यूनाइटेड) के निवर्तमान जिलाध्यक्ष और मढौरा से पूर्व प्रत्याशी अल्ताफ आलम राजू .ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है। शनिवार को पटना में तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में अल्ताफ आलम राजू ने राजद की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर मढौरा के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र यादव भी मौजूद रहे। अल्ताफ आलम राजू वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मढौरा सीट से जदयू के प्रत्याशी रह चुके हैं। इस बार एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के दौरान मढौरा सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में चली गई और अभिनेत्री सीमा सिंह को उम्मीदवार बनाया गया। इस फैसले से नाराज होकर अल्ताफ आलम राजू ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। हालांकि, नामांकन पत्रों की जांच (स्क्रूटनी) के दौरान लोजपा उम्मीदवार सीमा सिंह और अल्ताफ आलम राजू दोनों के नामांकन रद्द कर दिए गए थे। राजद को मिला मढौरा में मजबूत चेहरा राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मढौरा क्षेत्र में अल्ताफ आलम राजू की पकड़ मजबूत है, जिससे राजद को स्थानीय स्तर पर लाभ मिल सकता है।  

राजनीति और दौलत: चिराग की पार्टी के उम्मीदवार की संपत्ति ने सबको चौंका दिया

सहरसा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान सिमरी बख्तियारपुर सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह का नामांकन हलफनामा इन दिनों सुर्खियों में है। 58 वर्षीय संजय कुमार सिंह न केवल उच्च शिक्षित हैं, बल्कि वे और उनकी पत्नी शबनम कुमारी 32 करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त संपत्ति के मालिक हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस संपत्ति का बड़ा हिस्सा उनकी पत्नी के नाम पर है। अचल संपत्ति के मामले में शबनम कुमारी अपने पति से करीब छह गुना अधिक संपन्न हैं। कुल संपत्ति 32 करोड़ के पार, पत्नी हैं 'किंगमेकर' संजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी दोनों ही व्यवसाय से जुड़े हैं। शपथ पत्र के मुताबिक, इस दंपति की कुल संपत्ति 32 करोड़ रुपये से अधिक है। संजय सिंह की चल संपत्ति ₹2,90,49,773 रुपये और अचल संपत्ति ₹5,06,00,000 रुपये है। वहीं, पत्नी शबनम कुमारी की चल संपत्ति ₹6,53,19,618 रुपये और अचल संपत्ति ₹29,11,22,798 रुपये दर्ज है। इस तरह संजय सिंह की कुल संपत्ति ₹8 करोड़ से अधिक और उनकी पत्नी की संपत्ति ₹35 करोड़ के करीब आंकी गई है। कर्ज का बोझ भी भारी करोड़ों की संपत्ति के बावजूद दंपति पर भारी कर्ज भी दर्ज है। प्रत्याशी संजय सिंह पर ₹4 करोड़ 15 लाख 73 हजार 122 रुपये का कर्ज है, जबकि उनकी पत्नी पर ₹11 करोड़ 92 लाख 2 हजार 297 रुपये का। कुल मिलाकर इस दंपति पर लगभग ₹16 करोड़ 07 लाख रुपये का कर्ज है। सोने के शौकीन, पर गाड़ी है ‘आम’ व्यवसाय से जुड़े इस दंपति को आभूषणों से खास लगाव है। उनके पास कुल 90 लाख रुपये मूल्य का सोना दर्ज है। संजय सिंह के पास 250 ग्राम सोना (कीमत ₹25 लाख) और शबनम कुमारी के पास 650 ग्राम सोना (कीमत ₹65 लाख) है। हालांकि, करोड़ों की संपत्ति के बावजूद उनके पास कार के रूप में केवल 2017 मॉडल की मारुति स्विफ्ट डिजायर है। शिक्षित और साफ छवि के मालिक संजय कुमार सिंह की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी प्रभावशाली है। उन्होंने 1982 में मैट्रिक पास करने के बाद उच्च शिक्षा हासिल की। 1989 में बीएससी, 1991 में एल.एन. मिथिला विश्वविद्यालय से एमएससी और 1994 में बीएनएमयू विश्वविद्यालय मधेपुरा से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 58 वर्षीय संजय सिंह ने अपने हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज या लंबित नहीं है। आय का विवरण वित्तीय वर्ष 2024-25 में संजय सिंह ने ₹35,69,830 रुपये की आय घोषित की है, जबकि उनकी पत्नी शबनम कुमारी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹1,33,02,910 रुपये की आय दिखाई है। यह दूसरा मौका है जब संजय कुमार सिंह सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव में वे लोजपा प्रत्याशी थे, लेकिन उन्हें केवल 6,962 वोट मिले थे और वे जमानत बचाने में भी असफल रहे थे। इस बार वे दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं और अपने प्रभावशाली हलफनामे के कारण फिर चर्चा में हैं।

एएसआई संदीप लाठर के घर पहुंचे हरियाणा के राज्यपाल

जुलाना हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष आज एएसआई संदीप लाठर के घर पहुंचे और उनके परिजनों से मिलकर सांत्वना व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने एएसआई के परिजनों से 40 मिनट कर बातचीत की।   राज्यपाल असीम कुमार घोष के जुलाना पहुंचने से पहले एएसआई संदीप लाठर के घर के बाहर और गलियों में पुलिस तैनात की गई थी। वहीं,  सुबह से ही नगर पालिका के कर्मचारियों की ओर से गलियों की सफाई की गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि कुछ देर में हरियाणा के राज्यपाल के आने के चलते नगर पालिका ने इलाके की गलियों की सफाई की है।   

राजस्थान प्रशासन में बड़ा फेरबदल: 67 RAS अधिकारियों का ट्रांसफर, जिलों में बदलाव

जयपुर राजस्थान सरकार ने शनिवार देर रात प्रशासनिक फेरबदल करते हुए राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के 67 अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन के आदेश जारी किए हैं।  सूची में 24 अफसरों को उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) के पद पर नियुक्त किया गया है। तबादला सूची में वे अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्हें दो दिन पहले ही पदोन्नत किया गया था। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार गजेन्द्र सिंह राठौड़ को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर का सचिव, भागचंद बधाल को जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में अतिरिक्त आयुक्त, दिनेश कुमार शर्मा को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का सचिव, गुंजन सोनी को राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर का रजिस्ट्रार, संजय कुमार माथुर को अतिरिक्त जिला कलक्टर (एडीएम-III) जयपुर और नरेन्द्र कुमार वर्मा को अतिरिक्त जिला कलक्टर जयपुर पूर्व के पद पर नियुक्त किया गया है।     गजेंद्र सिंह राठौड़ — सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर     (केशव चंद्र मीणा के स्थान पर)     गोपाल राम बिरदा — अतिरिक्त आयुक्त, उपनिवेशन-कम-राजस्व अपीलीय अधिकारी, बीकानेर     भागनंद बघाल — अतिरिक्त आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर     दिनेश कुमार शर्मा — सचिव, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर     मुकुट बिहारी जांगिड़ — संयुक्त शासन सचिव, कार्मिक विभाग, जयपुर     भागीरथ विश्नोई — अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन),एचसीएम रीपा, जोधपुर     कैलाश चंद्र शर्मा — मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, दौसा     डॉ. गुंजन सोनी — रजिस्ट्रार, राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर     बृजमोहन नोगिया — सचिव, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग, जयपुर     संजय कुमार माथुर — अतिरिक्त जिला कलेक्टर-III, जयपुर     निशु कुमार अग्निहोत्री — अतिरिक्त आयुक्त (TAD-माडा), जयपुर     अरविंद कुमार झाखड़ — मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, नागौर     रामस्वरूप चौहान — उप आयुक्त, उपनिवेशन विभाग, जैसलमेर     आकाश दीप अरोड़ा — उपायुक्त , एसएसए एवं राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर     डॉ. नरेंद्र चौधरी —  अतिरिक्त निदेशक, साक्षरता एवं सतत शिक्षा, जयपुर     अनुराधा गोगिया — शासन उप सचिव, कला, संस्कृति एवं साहित्य विभाग, जयपुर     राकेश कुमार-I —  अयुक्त (प्रशासन), वाणिज्यिक कर विभाग, जयपुर     प्रभा व्यास —  अतिरिक्त निदेशक, एचसीएम रीपा, जयपुर     नरेंद्र कुमार वर्मा — अतिरिक्त कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर), जयपुर (पूर्व)     डॉ. राष्ट्रदीप यादव — शासन उप सचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग, जयपुर     जितेंद्र कुमार पांडेय —  मुख्य कार्यकारी अधिकारी नाथद्वारा     बिरदी चंद — अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, दौसा     रामवतार कुमावत — उप महासचिव, पंजीयन एवं मुद्रांक, बांसवाड़ा-वृत्त     सुरेन्द्र सिंह यादव — अतिरिक्त निदेशक, कृषि विपणन विभाग, जयपुर     नवीन यादव — रजिस्ट्रार, कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर     डॉ. प्रीति सिंह पंवार —  उप सचिव, देवनारायण बोर्ड, जयपुर     कपिल कुमार यादव —  उपयुक्त, भरतपुर विकास प्राधिकरण, भरतपुर     रविंद्र सिंह — उप निदेशक, राजस्व मंडल, अजमेर-II     अश्विन के. पंवार — अतिरिक्त आयुक्त , जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग, जोधपुर     प्रकाश चंद रैगर —  अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, शाहपुरा (भीलवाड़ा)           रागिनी डामोर – उप महा निरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक, उदयपुर वृत्त     ओम प्रभा – अतिरिक्त जिला कलेक्टर (सीलिंग), न्यायालय पाली     नरेंद्र कुमार मीणा – अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर), अजमेर     सुख राम पिण्डेल – सचिव, नगर विकास न्यास, अजमेर     मुकेश कुमार चौधरी-I – उपखंड अधिकारी, डीग     समदर सिंह भाटी – रजिस्ट्रार, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर     रामावतार मीणा-III – उपखंड अधिकारी, कोटपूतली-बहरोड़     जे.पी. बैरवा – उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर-I     सचिन यादव – उपखंड अधिकारी, नदबई (भरतपुर)     दूराराम – उपखंड अधिकारी, धोरीमन्ना(बाड़मेर)     लाखाराम – उपखंड अधिकारी, बागोड़ा (जालोर)     गांगाधर मीणा – उपखंड अधिकारी, वैर (भरतपुर)     सुनील कुमार चौहान – उपखंड अधिकारी, खेतड़ी     वर्षा मीणा – उपखंड अधिकारी, खण्डार (सवाई माधोपुर)     विनित कुमार सुखाड़िया – उपखंड अधिकारी, धरियाबाद (प्रतापगढ़)     चंद्र प्रकाश वर्मा – सहायक निदेशक, लोक सेवाएं, प्रतापगढ़     सोहन सिंह नरूका – आयुक्त, नगर निगम, अलवर     सुशीला मीणा – उपखंड अधिकारी, राजाखेड़ा (धौलपुर)     निहारिका शर्मा – विशेषाधिकारी (भूमि अवाप्ति), रीको, जयपुर     अमिता मान – कार्यालय निदेशालय, राज्य भ्रष्टाचार नियंत्रण प्रकोष्ठ, जयपुर     बृजेश कुमार-II – उपखंड अधिकारी, अकलेरा (झालवाड़)     पूजा मीणा – उपखंड अधिकारी, जिनियारा (टोंक)