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कपड़ा उद्योग को नई गति देने के लिए धार में 2158 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा पीएम मित्र पार्क

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का माना आभार केंद्र सरकार से मिली पीएम मित्र पार्क की सौगात – प्रदेश के विकास और कपड़ा  उद्योग में नए युग का शुभारंभ – मुख्यमंत्री डॉ. यादव पीएम मित्र पार्क के प्रथम चरण में विकास कार्यों की प्रक्रिया प्रारम्भ कपड़ा उद्योग को नई गति देने के लिए धार में 2158 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा पीएम मित्र पार्क भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार जिले में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री मित्र पार्क के प्रथम चरण में अधोसंरचना विकास की प्रक्रिया आरंभ होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह का हृदय से आभार माना है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा धार की 2158 एकड़ भूमि पर लगभग 2050 करोड़ की लागत से विकसित हो रहे पीएम मित्र पार्क के लिए हाल ही में 773 करोड़ रुपए लागत के टेंडर जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश में कपड़ा उद्योग (टेक्सटाइल सेक्टर) को नई गति प्रदान करेगी। मध्यप्रदेश लगातार विकसित राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई पीएम मित्र पार्क की सौगात निश्चित रूप से प्रदेश के विकास और कपड़ा उद्योग में नए युग का शुभारंभ करेगी।  

2161 करोड़ का शराब घोटाला : लखमा के साथ एक बड़े कांग्रेसी नेता को भी हर महीने में मिलता 20 करोड़

रायपुर  छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में बड़े अहम और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ईओडब्ल्यू के पूरक चालान के मुताबिक, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अलावा एक अन्य बड़े कांग्रेसी नेता को महीने में दो बार 10-10 करोड़ रुपए मिलते थे. यही नहीं शराब घोटाले से मिली रकम में से 1500 करोड़ रुपए पार्टी फंड के नाम पर दिया गया है, हालांकि, डायरी में इस बात का उल्लेख नहीं है कि किस पार्टी को यह फंड दिया गया है, जिसकी पड़ताल में ईओडब्ल्यू जुटी हुई है. जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया कि फरवरी 2019 से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार शुरू हुआ. शुरुआती महीने में 800 पेटी शराब से भरी ट्रक डिस्टलरी से हर माह निकलती थी. एक पेटी को 2840 रुपए में बेचा जाता था. उसके बाद हर माह 400 ट्रक शराब की सप्लाई शुरू हो गई. अबकी बार प्रति पेटी शराब 3880 रुपए में बेचा जाने लगा. ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि साल में 60 लाख से ज्यादा पेटियां अवैध रूप से बेची गई. 15 जिलों में खपाई जाती थी अवैध शराब दो नंबर की शराब बेचने के लिए राज्य को 8 जोन में बांटकर 15 जिलों को चुना गया था. यहाँ की दुकानों में फैक्ट्री से ही डुप्लीकेट होलोग्राम लगकर शराब आती थी. सिंडीकेट में शामिल अरविंद सिंह का भतीजा अमित सिंह, अनुराग ट्रेडर्स से जुड़े अनुराग द्विवेदी, सत्येंद्र प्रकाश गर्ग, नवनीत गुप्ता ने ओवर बिलिंग और बिना बिल के शराब की बोतल की सप्लाई की. अमित अपने साथी दीपक दुआरी और प्रकाश शर्मा के साथ मिलकर डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई करता था. कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया की सुमित फैसिलिटीज कंपनी के कर्मचारी ही डुप्लीकेट होलोग्राम लगाते थे. इसके एवज में 8 पैसा प्रति होलोग्राम कमीशन लिया जाता था. वसूली के लिए बनी थी अलग टीम शराब घोटाले का पैसा कलेक्ट करने के लिए एक अलग टीम काम करती थी, जिसमें विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू, सिद्धार्थ सिंघानिया अमित सिंह समेत कई लोग शामिल थे. एक साल बाद सिस्टम बदल दिया गया और प्लेसमेंट कंपनी के जरिए पैसों का कलेक्शन होने लगा. घोटाले का पैसा हवाला के जरिए दिल्ली, मुंबई और कोलकाता भेजा गया. इसमें कारोवारी सुमित मालू और रवि बजाज शामिल थे. दोनों ने पूछताछ में यह कबूल किया है. रकम बस, टैक्सी और मालवाहक से भेजा गया. पत्नियों के नाम पर कंपनी बनाकर किया खेल शराब घोटाले में दो अहम किरदारों ने इस काले कारोबार में अपनी पत्नियों के नाम का इस्तेमाल किया. घोटाले में शामिल आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने अपनी पत्नी मंजूलता त्रिपाठी के नाम पर रतनप्रिया मीडिया प्राइवेट कंपनी रजिस्टर कराई. इस कंपनी ने डुप्लीकेट होलोग्राम बनाने वाली कंपनी को 50 लाख में सॉफ्टवेयर बेचा था. वहीं अरुणपति त्रिपाठी के करीबी निलंबित बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह ने अपनी पत्नी पिंकी सिंह के नाम पर अदीप एम्पायर और माउंटेन व्यू इंटरप्राइजेज कंपनी रजिस्टर कराई. फिर इस कंपनी के नाम से शराब का कारोबार करने लगे. पूरा काम अरविंद का भतीजा अमित सिंह देखता था. इसी तरह टुटेजा परिवार और ढेबर परिवार का नाम भी इसमें सामने आया है. उनके नाम से कारोबार निवेश की भी जांच एजेंसी को मिली है.

MP में बड़ा स्कॉलरशिप घोटाला, 40 स्कूलों-मदरसों ने की धोखाधड़ी, क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच

भोपाल मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रों को केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष छात्रवृत्ति योजना में घोटाला का मामला सामने आया है। भोपाल में आठवीं और 10वीं कक्षा तक की मान्यता वाले अल्पसंख्यक स्कूलों और मदरसों ने 11वीं व 12वीं कक्षा के 972 विद्यार्थियों के नाम पर 57 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़प ली। 20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक की शिकायत पर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 20 स्कूलों और 20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट कम मीन्स, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में भोपाल जिले की 83 शिक्षण संस्थाओं को रेड फ्लैग से चिह्नित किया था। राज्य सरकार ने भौतिक निरीक्षण कराया तो खुली पोल राज्य सरकार ने इसका भौतिक निरीक्षण कराया। पता चला कि इनमें से नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर पंजीकृत 20 निजी स्कूल और 20 मदरसे ऐसे हैं, जिनकी मान्यता तो आठवीं और 10वीं कक्षा तक की ही है, लेकिन उन्होंने 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों का पंजीयन पोर्टल पर करा रखा है। उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति निकाली जाती रही है। जिन विद्यार्थियों के नाम पर यह छात्रवृत्ति निकली, वे वास्तव में दूसरे स्कूलों में पढ़ रहे थे। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की शुरुआती जांच के बाद पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक योगेंद्र राज ने क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है। केंद्र सरकार की यह छात्रवृत्ति मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए आती है।  

कलेक्टर रुचिका चौहान ने झांसी रोड पेट्रोल पंप पर दो महिलाओं को शक्ति दीदी की जैकेट पहनाकर फ्यूल डिलीवरी वर्कर का दायित्व सौपा

ग्वालियर  ग्वालियर जिले की महिलाएं अब चौका-चूल्हे और घरेलू कामकाज करने तक ही सीमित नहीं रही हैं। जिले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से किए गए नवाचार ‘शक्ति दीदी’ से जुडकर जरूरतमंद महिलाएं बखूबी ढंग से पुरुषों की तरह फ्यूल डिलेवरी वर्कर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।  5 और जरूरतमंद महिलाएं शक्ति दीदी बनाई गईं। इन सभी महिलाओं ने जिले के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर फ्यूल डिलेवरी वर्कर की जिम्मेदारी संभाल ली है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने शक्ति दीदी जैकेट पहनाकर सौंपा दायित्व  कलेक्टर रुचिका चौहान ने झांसी रोड और अचलेश्वर के पास स्थित पेट्रोल पंप पर दो महिलाओं को शक्ति दीदी की जैकेट पहनाकर उन्हें फ्यूल डिलीवरी वर्कर का दायित्व सौपा। ऐसा ही फुलबाग ,कलेक्ट्रेट के पीछे और काल्पी ब्रिज स्तिथ पेट्रोल पंप पर भी तीन महिलाओं को फ्यूल डिलीवरी वर्कर का जिम्मा दिया गया। आपको बता दें कि ग्वालियर कलेक्टर के इस नवाचार की तारीफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कर चुके हैं। कलेक्टर ने पेट्रोल पंप संचालकों को दिए निर्देश  इस अवसर पर कलेक्टर चौहान ने पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए कि शक्ति दीदियों का विशेष ध्यान रखें और उन्हें प्रावधानों के अनुसार मानदेय व अन्य सुविधाएं एवं साप्ताहिक अवकाश अवश्य प्रदान किया जाए। उन्होंने थाना प्रभारी को भी निर्देश दिए कि जिन पेट्रोल पंप पर शक्ति दीदी तैनात हैं उन पर लगातार गश्त करते रहें। साथ ही एसडीएम, तहसीलदार पुलिस अधिकारी, पेट्रोल पंप संचालक एवं शक्ति दीदियों को शामिल कर एक वॉट्सएप ग्रुप में नई शक्ति दीदियों को जोडें।

राज्य पुलिस सेवा के 10 अधिकारियों को इधर से उधर किया गया

भोपाल   मध्य प्रदेश में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में पदस्थ अधिकारियों का तबादला किया गया है। राज्य पुलिस सेवा के 10 अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है। प्रदेश सरकार ने मंगलवार देर रात इसके आदेश दिए हैं। गृह विभाग की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर लोकायुक्त एसपी का ट्रांसफर किया गया है। जबकि, उज्जैन और जबलपुर के ईओडब्ल्यू अफसर भी बदले गए हैं। एमपी में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के अफसरों का ट्रांसफर ऑर्डर दिए गए हैं। विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, राजेश कुमार मिश्रा एसपी लोकायुक्त ग्वालियर से एआईजी पीएचक्यू, समर वर्मा एएसपी जबलपुर से एसपी ईओडब्ल्यू उज्जैन, अनिल विश्वकर्मा एसपी लोकायुक्त उज्जैन से एसपी ईओडब्ल्यू जबलपुर पदस्थ किया है। पल्लवी त्रिवेदी एआईजी ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल को एआईजी पीएचक्यू, संजय साहू एसपी लोकायुक्त जबलपुर को एआईजी पीएचक्यू भेजा गया है। लोकायुक्त और EOW अफसरों के तबादले वहीं, सुनील पाटीदार एआईजी ईओडब्ल्यू भोपाल को एसपी लोकायुक्त रीवा, अंजुलता पटले उपसेनानी छठवीं वाहिनी एसएएफ जबलपुर को एसपी लोकायुक्त जबलपुर, यास्मीन जहरा जमाल एएसपी क्यूडी पुलिस मुख्यालय पीटीसी भौंरी को एआईजी पीएचक्यू, निरंजन शर्मा एएसपी ग्वालियर को एसपी लोकायुक्त ग्वालियर तथा आनंद यादव एएसपी उपायुक्त जोन 4 नगरीय पुलिस इंदौर को एसपी लोकायुक्त उज्जैन पदस्थ किया है।

राजस्थान पीटीईटी के नतीजे घोषित, यहाँ से डाउनलोड करें अपना स्कोर कार्ड

जयपुर राजस्थान पीटीईटी 2025 का परिणाम घोषित कर दिया गया है। वे उम्मीदवार जो दो वर्षीय बीएड (B.Ed) या चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स (B.A. B.Ed/ B.Sc. B.Ed) में प्रवेश लेना चाहते हैं, वे अब आधिकारिक वेबसाइट ptetvmoukota2025.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा आयोजित इस परीक्षा की फाइनल आंसर-की पहले ही जारी की जा चुकी थी। अब रिजल्ट के साथ ही अगली प्रक्रिया यानी काउंसलिंग और कॉलेज चॉइस फिलिंग की तैयारी शुरू हो गई है।   पीटीईटी परीक्षा के माध्यम से ही राजस्थान के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में दो वर्षीय बीएड कोर्स और चार वर्षीय बीए-बीएड/बीएससी-बीएड कोर्स संचालित किए जाते हैं। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से मेरिट के आधार पर बीएड कॉलेज आवंटित किया जाएगा। महत्वपूर्ण तिथियां राजस्थान पीटीईटी 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत 5 मार्च, 2025 से हुई थी। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 7 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 17 अप्रैल, 2025 किया गया। इसके बाद एक बार फिर आवेदन की समयसीमा बढ़ाई गई और अंतिम तिथि 5 मई, 2025 तय की गई। परीक्षा 15 जून, 2025 को आयोजित की गई थी। ऐसे चेक करें अपना पीटीईटी रिजल्ट     सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट ptetvmoukota2025.in पर जाएं।     अपने कोर्स – दो वर्षीय बीएड या चार वर्षीय बीएड को चुनें।     अपना रोल नंबर व अन्य जरूरी डिटेल्स दर्ज करें।     लॉग इन करते ही आपका रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा।  

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दोबारा नीट यूजी परीक्षा पर रोक, काउंसलिंग पर भी लगाई रोक

इंदौर   हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सोमवार को एनईईटी-यूजी के छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने के आदेश जारी किए थे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसके खिलाफ युगलपीठ में अपील की। मंगलवार को जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी। 4 मई को आयोजित की गई थी परीक्षा डिप्टी एडवोकेट जनरल रोमेश दवे ने बताया कि, 4 मई को एनटीए ने पूरे देश में परीक्षा आयोजित की थी। इंदौर में उस दिन आंधी-तूफान व बारिश हुई थी। इंदौर के कुछ सेंटर्स की बिजली गुल हो गई थी। इसको लेकर कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। दोबारा परीक्षा लेने की मांग की थी। एमपी हाई कोर्ट युगलपीठ में एकलपीठ के फैसले पर लगाई रोक मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट की युगलपीठ में सुनवाई हुई। एनटीए की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा। उन्होंने एकलपीठ के फैसले पर स्टे दिए जाने की मांग रखते हुए कहा कि इस फैसले को लागू करना गलत होगा। परीक्षा में 22 लाख छात्रों ने भाग लिया था। इन 75 छात्रों के लिए अलग से पेपर सेट करना होगा, उसमें ये बात भी सामने आ सकती है कि 22 लाख छात्र ये आरोप लगाएं कि उनका पेपर टफ था, जबकि इनका सरल। ऐसे में नई कंट्रोवर्सी खड़ी हो जाएगी। छात्रों के वकील ने किया विरोध कोर्ट में याचिका दायर करने वाले छात्रों के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि काउंसलिंग शुरू हुई तो उस स्थिति में उनका भविष्य उलझ जाएगा। सेशन शुरू होने पर उनका नुकसान होगा। कोर्ट ने सोमवार को जारी आदेश पर फिलहाल रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही छात्रों को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने के लिए कहा है। अब 10 जुलाई को सुनवाई हो सकती है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए

भोपाल  सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। 1996 बैंच के आईएएस संजीव कुमार झा वर्तमान में राजस्व मंडल ग्वालियर में सदस्य के रूप में पदस्थ है, उनको मध्य प्रदेश का नया मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही वे विधि एवं विधायी कार्य विभाग के पदेन प्रमुख सचिव (केवल निर्वाचन कार्य के लिए) होंगे। वहीं, 1997 बैंच के आईएएस अधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखबीर सिंह को लोक निर्माण विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग (PWD) के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा 2004 बैंच के आईएएस रघुराज एम आर को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग से हटाकर अब सचिव, श्रम विभाग नियुक्त किया गया है।  खनिज साधन एवं पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव श्रम विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। 2006 बैंच के आईएएस अनिल सुचारी को सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को स्थानांतरित कर अब आयुक्त, सागर संभाग बनाया गया है। वहीं, मुकेश चंद्र गुप्ता  वर्तमान में सचिव, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सचिव मुकेश चंद्र गुप्ता को सदस्य, राजस्व मंडल, ग्वालियर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव तथा राहत एवं पुनर्वास आयुक्त विवेक कुमार पोरवाल को प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। 

नया आधार बनवाने व संशोधन में अब नहीं समय लगेगा का समय, UIDAI खोलेगा नया सेंटर

ग्वालियर ग्वालियर शहर में भोपाल-इंदौर की तर्ज पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का आधार सेंटर खुलने जा रहा है। इसके खुलने से लोगों को दिल्ली के भरोसे नहीं रहना होगा। न आधार में छोटी-छोटी कमियां निकालकर निरस्त किया जा सकेगा। वर्तमान में सेंटर पर जो भीड़ हो रही है और नया आधार बनवाने व संशोधन में जो समय लग रहा है, उसमें राहत मिलेगी। वर्तमान में जो आधार बन रहे हैं, उसमें 35 से 40 फीसदी आधार निरस्त हो जाते हैं। इस कारण भीड़ कम नहीं हो रही।  वहीं तीन से अधिक अपडेट में दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिला प्रशासन के अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही जगह भी तय होगी। दरअसल स्कूल में प्रवेश, सरकारी राशन व अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार जरूरी है। एक सेंटर पर दिनभर में औसतन 25 से 30 आधार बन रहे हैं। पोस्ट ऑफिस के बाहर ज्यादा भीड़ हो रही है। दिल्ली करना पड़ रहा संपर्क आधार की जानकारी अपलोड होने के बाद व्यक्ति नंबर जनरेट होने का इंतजार करता है। न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट पहुंचता है और किस वजह से आधार निरस्त हुआ है, उसकी जानकारी लेने के लिए दिल्ली में संपर्क करना पड़ता है। इसके लिए मेल भेजना पड़ता है। सेंटर में यूआईडीएआई का कर्मचारी बैठता है। इसका सीधा संपर्क दिल्ली में रहता है। यदि कोई कमी है तो वह स्थानीय स्तर पर सुधार देता है। ग्वालियर में स्थानीय स्तर पर कमी सुधारने की व्यवस्था नहीं है। बैंक में नहीं जा रहे लोग शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 56 आधार केंद्र हैं। पोस्ट ऑफिस व कलेक्ट्रेट के सेंटर पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, बैंक में लोग आधार बनवाने नहीं जा रहे। यदि बैंक में लोग जाना शुरू हो गए तो पोस्ट ऑफिस का लोड कम हो जाएगा। एक केंद्र पर दिन में औसतन 25 से 30 आधार बनते हैं। इन कारणों से हो रहे हैं निरस्त -कागजों की स्कैनिंग ठीक से नहीं हुई। -नाम में अंतर होने पर। जन्म तिथि के दस्तावेज नहीं होने पर भी निरस्त हो रहे हैं। -व्यक्ति के पते में अंतर होने पर। -सबसे ज्यादा दिक्कत उन बच्चों को आ रही है, जिनके आधार जन्म के तुरंत बाद बन गए हैं। उस वक्त आधार में नाम नहीं लिखा गया है। रुचिका चौहान, कलेक्टर का कहना है कि आधार निरस्त होने की संख्या अधिक है, इसलिए इंदौर भोपाल के आधार सेंटर का फीडबैक लिया था। नया सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके शुरू होने पर आधार निरस्त कम होंगे, आसानी से भी बन सकेंगे।

राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़, पुलिस अब जल्द पेश करेगी चार्जशीट

इंदौर  इंदौर से शिलांग ले जाकर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या करने वाली सोनम और उसके प्रेमी सहित पांचों आरोपियों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट कोर्ट में पेश करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगी। वैसे तीन माह के भीतर चार्जशीट पेश करना होती है, लेकिन पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटा लिए है। इंदौर से बाद में प्राॅपर्टी ब्रोकर और गार्ड की पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनकी गवाही भी इस हत्याकांड में अहम होगी, क्योकि उन्होंने सोनम व राज के कहने पर सबूत मिटाए थे। पुलिस ने राजा के शव के पास से जो टी शर्ट और हथियार जब्त किए है। वे आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत साबित होंगे। पुलिस ने उसकी फोरेंसिक जांच भी कराई है। उसकी रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है। सोनम और तीनों आयोपियों ने जो दोपहिया वाहन किराए पर लिए थे। उनकी जीपीएस लोकेशन भी पुलिस के लिए एक अहम सबूत है,क्योकि हत्या के समय दोनो वाहनों की लोकेशन एक ही थी। अब तक यह सबूत जुटाए शिलांग पुलिस ने अब तक राजा हत्याकांड को लेकर रिवाल्वर, गहरे, जलाए गए बैग के अवशेष, हत्या में प्रयुक्त हथियार, आरोपियों के कपड़े सहित अन्य सबूत जुटाए है। आरोपी विशाल ने हत्या के समय जो शर्ट पहनी थी। उसे भी पुलिस ने उसके घर से जब्त किया है। विशाल ने ही राजा के सिर पर पहला वार किया था। आपको बता दें कि 23 मई को राजा रघुवंशी की सोनम सहित चार आरोपियों ने हत्या कर दी थी। शव को खाई में फेंक कर सोनम इंदौर आ गई थी। राज ने ही हत्या की साजिश रची थी, लेकिन वह शिलांग नहीं गया था।