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23 जिलों में बाढ़ से हाहाकार, नांगल-आनंदपुर साहिब में अलर्ट जारी, डूबे 1902 गांव

अमृतसर इन दिनों पूरा पंजाब इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है. इस प्राकृतिक आपदा में 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1.71 लाख हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई हैं. 23 जिलों के 1902 गांव पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं, जिससे 3,84,205 लोग प्रभावित हुए हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि अभूतपूर्व बाढ़ के कारण 23 जिलों के कुल 1,902 गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे 3.84 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 20,972 लोगों को निकाला गया है. 24 घंटे में छह और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही 14 जिलों में मृतकों की संख्या बढ़कर अब 43 हो गई है. 14 जिलों में 43 लोगों की मौत उन्होंने बताया कि मौतें होशियारपुर (7), पठानकोट (6), बरनाला और अमृतसर (5-5), लुधियाना और बठिंडा (4-4), मनसा (3), गुरदासपुर और एसएएस नगर (2-2), पटियाला, रुपनगर, संगरूर, फाजिल्का और फिरोजपुर (1-1) में दर्ज की गई हैं. पठानकोट में तीन लोग लापता हैं. बाढ़ से संबंधित आंकड़े 1 अगस्त से 4 सितंबर तक की अवधि के हैं. उन्होंने बताया कि 1.71 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचने की खबर है, जिसमें गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला और मानसा सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं. इसी बीच AAP आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल ने केंद्र सरकार पंजाब की मदद करने की अपील की है. केजरीवाल ने बयान जारी कर कहा कि मैं केंद्र सरकार से विनती करना चाहूंगा कि इस भीषण स्थिति में जितनी हो सके पंजाब की मदद करें. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अफगानिस्तान को मुहैया कराई मदद का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने अभी देखा कि केंद्र सराकर ने अफगानिस्तान में भूकंप आया तो वहां पर उन्होंने काफी मदद भेजी है. वो अच्छी बात है, दुनिया में कहीं भी कुछ हो तो हमें मदद करनी चाहिए, लेकिन पंजाब में इतना बड़ा संकट है तो पंजाब को भी केंद्र सरकार मदद करे. शिवराज सिंह ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला का दौरा किया और लोगों को आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र उनके साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि दो केंद्रीय दल स्थिति का आकलन करने के लिए पंजाब का दौरा कर रहे हैं और वे केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे. उन्होंने कहा, 'नुकसान साफ़ दिख रहा है. फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं और खेत जलमग्न हो गए हैं.' राज्यपाल ने कृषि मंत्री को सौंपी रिपोर्ट पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर एयरपोर्ट पर शिवराज चौहान को बाढ़ की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जानमाल, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की जानकारी दी गई. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने भी कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्र से इस संकट में पंजाब की मदद करने की अपील की. इससे पहले दिन में केजरीवाल ने चंडीगढ़ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर मान से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. बुखार से पीड़ित मान बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ नहीं जा सके. प्रभावित गांव में गजटेड अधिकारी तैनात मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक गांव में एक गजटेड अधिकारी को तैनात किया गया है. उनका कहना है कि इससे प्रभावित लोगों की समस्याएं आसानी से प्रशासन तक पहुंच सकेंगी, जिससे समस्या का समाधान तुरंत हो सके. राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी का आदेश दिया है. भाखड़ा बांध पर जलस्तर स्थिर इस बीच रूपनगर के उपायुक्त वरजीत सिंह वालिया ने नंगल और आनंदपुर साहिब के कई गांवों में सतलुज नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने या जिला प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में जाने की अपील की है. उन्होंने बताया कि भाखड़ा बांध का जलस्तर स्थिर है. गुरुवार को बांध से लगभग 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे पहले दिन में डीसी ने कहा था कि बांध में जलस्तर 1,679 फीट तक पहुंच गया है, जबकि पानी का डिस्चार्ज लगभग 75,000 क्यूसेक है और इसे बढ़ाकर 80,000 से 85,000 क्यूसेक किया जा सकता है. पटियाला जिला प्रशासन ने भी घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के मद्देनजर पटरान में घग्गर नदी के निकटवर्ती गांवों के निवासियों के लिए अलर्ट जारी किया है. आपको बता दें कि पंजाब दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है. ये बाढ़ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों में आए उफान का नतीजा है. इसके अलावा पंजाब में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश ने लोगों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है.

अरविंद केजरीवाल ने पंजाब बाढ़ पर साधा केंद्र पर निशाना, कहा- अन्य देशों को मदद मिली, हमारी नहीं

पंजाब  पंजाब में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई रखी है और एक के बाद एक राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है। हजारों गांव और लाखों परिवार इस बाढ़ की त्रासदी में बर्बाद हो गए है और दिन पर दिन यहां हालात और बिगड़ते जा रहे है। इस बाढ़ के चलते अब तक पंजाब में 30 लोगों की मौत हो गई है और 67,000 एकड़ कृषि भूमि नष्ट हो गई है। राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही अपने स्तर पर बचाव कार्य कर रही है और लोगों को हर संभव सहायता देने का दावा कर रही है। लेकिन इसी बीच आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर पंजाब के हालातों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। सरकार ने अफगानिस्तान में मदद भेजी, पंजाब में भी भेजे केजरीवाल गुरुवार को पंजाब के कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, चारों तरफ बाढ़ आई हुई है… लोगों को बचाने और राहत देने के लिए हमारे सभी लोग काम कर रहे हैं… बहुत से लोगों को घरों से निकालकर राहत शिविरों में भेजा गया है। सरकार द्वारा राहत शिविरों में भी बहुत अच्छा इंतजाम किया गया है… बाढ़ से करीब 1400 गांव और 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसी दौरान केजरीवाल ने मोदी सरकार पर भी निशाना साध दिया। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान में मदद भेजी है लेकिन सरकार को पंजाब में भी मदद भेजनी चाहिए।   एक्स पर शेयर किया पोस्ट अपने दौरे के बाद दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट इसे लेकर कुछ पोस्ट शेयर किए। केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, पंजाब सरकार हर पीड़िता परिवार के साथ मज़बूती से खड़ी है और लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। एक अन्य पोस्ट में केजरीवाल ने लिखा, 37 साल में पहली बार पंजाब इतनी भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है और हमारी सरकार दिन-रात लोगों की मदद में लगी है। उन्होंने आगे लिखा, यह संकट बड़ा है, पर उससे भी बड़ा है पंजाबियों का जज़्बा और एक-दूसरे की मदद करने की भावना। यही भावना हमें जल्द इस आपदा से बाहर निकालेगी।

बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़ी मदद: पंजाब सरकार ने मंजूर किए 71 करोड़ रुपये

पंजाब  पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बाढ़ के दौरान राज्यवासियों को हुए नुकसान की भरपाई करने तथा उनके लिये समय पर राहत और पुनर्वास उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए तुरंत उपाय के रूप में कुल 71 करोड़ रुपये जारी किए हैं। 71 करोड़ रुपये जारी मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बतया कि पहले चरण में सभी जिलों को 35.50 करोड़ रुपये पहले ही जारी किये जा चुके हैं। अब सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के लिए 35.50 करोड़ रुपये की और राशि मंजूर कर दी गई है। बताया कि राज्य सरकार जन-धन की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही है और प्रभावित परिवारों को बिना किसी देरी के आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भगवंत मान सरकार तुरंत राहत के साथ-साथ पुनर्वास भी सुनिश्चित कर रही है। इस दौरान सरकार द्वारा विशेष ध्यान उन किसानों पर दिया जा रहा है, जिन्हें फसलों का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इन जिलों को आवंटित की गई धनराशि जिलावार विवरण साझा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त आयुक्त (राजस्व) अनुराग वर्मा ने बताया कि जिन जिलों को यह फंड आवंटित किए गए हैं। उनमें अमृतसर को 5 करोड़ रुपये, बठिंडा को 2 करोड़ रुपये, बरनाला को 1 करोड़ रुपये, फरीदकोट को 1 करोड़ रुपये, फिरोज़पुर को 5 करोड़ रुपये, फाजिल्का को 5 करोड़ रुपये, फतेहगढ़ साहिब को 1 करोड़ रुपये, गुरदासपुर को 6.5 करोड़ रुपये, होशियारपुर को 3 करोड़ रुपये, जालंधर को 5 करोड़ रुपये, कपूरथला को 5 करोड़ रुपये, लुधियाना को 5 करोड़ रुपये, मोगा को 1.5 करोड़ रुपये, मानसा को 1 करोड़ रुपये, मालेरकोटला को 1 करोड़ रुपये, पटियाला को 5 करोड़ रुपये, पठानकोट को 4 करोड़ रुपये, रूपनगर को 2.5 करोड़ रुपये, श्री मुक्तसर साहिब को 2 करोड़ रुपये, एसएएस नगर को 2 करोड़ रुपये, एसबीएस नगर को 1 करोड़ रुपये, संगरूर को 1.5 करोड़ रुपये और जिला तरन तारन को 5 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

अब ड्रोन पहुंचाएंगे मदद: बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने की नई व्यवस्था

पंजाब  पंजाब में बाढ़ के हालात से जूझ रहे लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए भगवंत मान सरकार ने अब ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचानी शुरू कर दी है. जिन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है, वहां ड्रोन के ज़रिए सूखा राशन, दवाइयां, पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध और ज़रूरी सामान छतों तक पहुंचाया जा रहा है. अमृतसर, गुरदासपुर, अजनाला, फाजिल्का और पठानकोट जैसे इलाकों में ड्रोन राहत सेवा लगातार सक्रिय है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है. हर ज़रूरतमंद तक समय पर मदद पहुंचाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है. यह तकनीक आधारित राहत अभियान न सिर्फ तेज़ है, बल्कि उन सैकड़ों लोगों के लिए उम्मीद बन गया है जो कई दिनों से फंसे हुए थे. अधिकतर प्रभावित इलाकों में राहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार बाढ़ राहत कार्यों को बखूबी अंजाम दे रही है. यही वजह है कि राज्य के अधिकतर प्रभावित इलाकों में राहत कार्य समय पर और योजनाबद्ध तरीके से हो रहे हैं. सबसे बड़ी और असरदार पहल रही है ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने की. अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे डूबे हुए इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर ड्रोन के ज़रिए मदद पहुंचाने का काम किया है. इन ड्रोन के ज़रिए उन गांवों में भी सामान पहुंचाया गया, जहां नावें भी नहीं जा सकती थीं. लोगों तक छतों के रास्ते राशन, पीने का पानी, ज़रूरी दवाइयां, बच्चों का दूध, बुजुर्गों की दवाएं, महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड और टॉर्च जैसे सामान पहुंचाए गए. ड्रोन टीमें पूरी तरह नि:शुल्क सेवा कई ड्रोन 10 से 15 किलोमीटर तक उड़कर उन जगहों पर गए, जहां लोग दो-तीन दिन से फंसे हुए थे. ये ड्रोन टीमें पूरी तरह नि:शुल्क सेवा दे रही हैं, जो सरकार की कार्यकुशलता और समाज के सहयोग की मिसाल है. इन राहत कार्यों में पुलिसकर्मी, अफसर, मेडिकल टीमें, एनडीआरएफ, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग दिन-रात जुटे हैं. फाजिल्का में पुलिसकर्मी खुद कंधे पर बोरे लादकर राशन पहुंचा रहे हैं. गुरदासपुर और पठानकोट में अधिकारी पानी में उतरकर मेडिकल कैंप चला रहे हैं. अजनाला में प्रशासन ट्रैक्टर और नावों से राहत सामग्री बंटवा रहा है. हालात पर खुद सीएम मान की नजर मुख्यमंत्री खुद स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं, मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन हर गांव तक राहत पहुंचाने में जुटा है. यह सिर्फ राहत की कहानी नहीं है, बल्कि भरोसे और नए सोच वाले पंजाब की कहानी है. जहां सरकार और जनता एक-दूसरे के साथ खड़े हैं. जहां ज़रूरत पड़ने पर टेक्नोलॉजी भी लोगों की सेवा में लगाई जा रही है.  

मुख्यमंत्री भगवंत मान की हेल्थ अपडेट: डॉक्टरों ने क्या दी हिदायत?

पंजाब  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की हालत में अब सुधार है। मेडिकल टीम ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। पिछले साल भी इन्हीं दिनों में मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक संक्रामक बीमारी ने घेर लिया था। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में नियमित जांच के दौरान लेप्टोस्पायरोसिस की पुष्टि हुई थी। यह बीमारी गंदे पानी की वजह से फैलती है। गौरतलब है कि पंजाब के 23 जिलों में इन दिनों बारिश और बाढ़ के कारण तबाही फैली है। मुख्यमंत्री भगवंत मान आज अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने वाले थे, तबीयत को देखते हुए मुख्यमंत्री मान ने आज का दौरा रद्द कर दिया है। अरविंद केजरीवाल सुलतानपुर लोधी के दौरे पर रहेंगे। बीते दिन प्रधानमंत्री मोदी ने भी पंजाब की बाढ़ को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।   बाढ़ पीड़ितों के लिए सीएम मान ने मांगा था सहयोग बीते दिन 3 सितंबर को मुख्यमंत्री मान ने एक्स अकाउंट पर ट्वीट शेयर कर पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहयोग मांगा था। मुख्यमंत्री मान ने लिखा था कि हर मुश्किल घड़ी में पंजाब हमेशा दूसरों के साथ खड़ा रहा है। आज पंजाब में आई प्राकृतिक आपदा को देखते हुए सभी को इसके साथ खड़े होने की जरूरत है। आइए एक-दूसरे का सहारा बनें। बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए चल रहे राहत कार्यों में अपना योगदान दें। आप इसके लिए तस्वीर में दिए गए मुख्यमंत्री राहत कोष के QR कोड को स्कैन करके या फिर दिए बैंक खाते में राशि भेज सकते हैं। समय कठिन ज़रूर है, लेकिन एक-दूसरे के साथ से यह भी बीत जाएगा। पंजाब में पोंग ओर भाखड़ा डैम में बढ़ा जलस्तर गौरतलब है कि पंजाब के मैदानी इलाके और हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते पोंग ओर भाखड़ा डैम में पानी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा।जिस कारण पंजाब के कई जिले बाढ़ से पूर्ण रूप से प्रभावित है।वही लगातार डैमो से हजारों लाखों क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। डैमो से छोड़े जा रहे पानी से पंजाब के मैदानी इलाकों में बाढ़ की स्थिति ज्यों की त्यों ही है।आज पोंग डैम से 99 हजार 673 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा तो दूसरी ओर भाखड़ा डैम से 80 से 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। पोंग ओर भाखड़ा डैम से लगातार पानी छोड़ने के कारण सतलुज ओर ब्यास दरिया का पानी ओर उफान पर चढ़ जाएगा।जिसे लेकर प्रशासन ने दरिया के किनारों से लोगों को दूर रहने के निर्देश दिए है।

हर साल की तबाही नहीं, चाहिए स्थायी उपाय : डॉ. बलबीर सिंह

राजपुरा पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को सराला हेड और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर घनौर का दौरा कर घग्गर नदी के बहाव और स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ की मार केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में भी हालात गंभीर हैं। इसलिए केंद्र सरकार को सभी राज्यों को साथ लेकर इसका स्थाई समाधान निकालना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रभावित इलाकों में पंजाब सरकार हर समय लोगों के साथ खड़ी है। घनौर समेत आसपास के अस्पतालों में 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। आपातकालीन हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त डॉक्टर और स्टाफ तैनात किए गए हैं। पीने के पानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं, वहीं मोबाइल मेडिकल टीमें और रैपिड रिस्पांस टीमें भी सक्रिय हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें। प्रशासन लगातार हालात की निगरानी कर रहा है और जरूरी दिशा-निर्देश समय-समय पर जारी कर रहा है। इस मौके पर पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के वाइस चेयरमैन मनिंदरजीत विक्की घनौर, एसडीएम राजपुरा अविकेश गुप्ता, ड्रेनेज विभाग के एसई रजिंदर घई और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

बाढ़ पर रिपोर्ट सौंपने के बाद राज्यपाल संग बैठक, शिवराज सिंह चौहान पहुंचे पंजाब

पंजाब  केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंच गए हैं। वह आज अमृतसर और गुरदासपुर जिलों सहित विभिन्न इलाकों का निरीक्षण करेंगे और हालात की समीक्षा करेंगे। इससे पहले पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और उन्हें पंजाब के पांच सरहदी जिलों — अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर में आई बाढ़ संबंधी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।   राज्यपाल कटारिया ने 1 से 4 सितंबर तक इन पांच जिलों का दौरा किया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को मानव जीवन, संपत्ति, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए बड़े पैमाने पर नुकसान के बारे में जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनका यह दौरा बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी तात्कालिक जरूरतों को समझने के लिए है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार पंजाब को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी, ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके। मंत्री पूरे दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहकर लोगों से मुलाकात करेंगे और शाम को पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद वे दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

पंजाब त्रासदी: तबाही मचाती बाढ़ से अब तक 37 की जान गई, लाखों लोग बेघर

गुरदासपुर पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है. भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से छोड़े गए पानी के कारण राज्य की प्रमुख नदियां सतलुज, ब्यास और रावी उफान पर हैं. मौसमी नाले भी खतरे के स्तर से ऊपर बह रहे हैं. अब तक बाढ़ में 37 लोगों की मौत हो चुकी है और साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 1,655 गांव पानी से डूब गए हैं. बाढ़ के कारण पंजाब में 1.48 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खड़ी फसलें तबाह हो चुकी हैं. किसानों को पशुधन के नुकसान की भी मार झेलनी पड़ रही है. कई घर जमींदोज हो गए हैं या पानी में बह गए हैं. कई इलाकों में खेत तालाब और झील में तब्दील हो गए हैं, जिनकी गहराई 8 से 10 फीट तक पहुंच गई है. ग्रामीण नावों के सहारे इधर-उधर जा रहे हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सबसे प्रभावित जिलों में शामिल हैं. प्रशासन ने कई राहत शिविर स्थापित किए हैं, लेकिन बहुत से लोग अब भी अपने मवेशियों और घरों के पास ही छतों या ऊंचे प्लेटफार्मों पर डटे हुए हैं. सरकार और नेताओं की अपील मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि सरकार ने विशेष गिरदावरी (नुकसान आकलन सर्वे) शुरू कर दी है. उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा मिलेगा. मान ने कहा, “जब भी देश संकट में आया, पंजाब ने साथ दिया. आज पंजाब संकट में है, देश को हमारे साथ खड़ा होना चाहिए.” आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करेंगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे. इससे पहले मनीष सिसोदिया ने तरनतारन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, जबकि राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपनी स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से 3.25 करोड़ रुपये राहत कार्यों के लिए दिए हैं. जनसहयोग भी जारी पंजाब के कलाकारों और सामाजिक संगठनों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है. सोनू सूद, दिलजीत दोसांझ, गिप्पी ग्रेवाल, करण औजला, अम्मी विर्क और रंजीत बावा जैसे कलाकार लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं. सरकारी एजेंसियों के साथ कई एनजीओ और सिख संस्थाएं राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं. राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 7 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं. वहीं, भाखड़ा डैम में पानी का स्तर 1677.84 फीट तक पहुंच चुका है, जो अधिकतम क्षमता 1680 फीट के बेहद करीब है.

मारवाड़ी सम्मेलन का भव्य अधिवेशन: 6-7 सितंबर को पवन गोयनका संभालेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद

नई दिल्ली दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के आतिथ्य में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन का 28वां राष्ट्रीय अधिवेशन 6 और 7 सितम्बर, 2025 को अध्यात्म साधना केंद्र, छतरपुर में आयोजित किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में देशभर के मारवाड़ी समुदाय के शीर्ष उद्योगपति और सामाजिक क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले लोग भाग लेंगे। अधिवेशन के पहले दिन दिल्ली के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री पवन कुमार गोयनका अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। श्री गोयनका को कोलकाता में आयोजित चुनावों में वर्ष 2025-2027 सत्र के लिए निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में 25 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 400 शाखाओं से लगभग 600 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में मिल्ककोज के चेयरमैन डॉ. श्याम सुन्दर अग्रवाल (स्वागताध्यक्ष), बीकानेरवाला ग्रुप के डायरेक्टर संजय अग्रवाल, रूपा गारमेंट्स के प्रमोटर पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल, टी टी बनियान समूह के प्रमोटर रिखब चंद जैन, गंगा रियलिटी होम्स के प्रमोटर्स अशोक गर्ग एवं सतीश गर्ग, के एल जे ग्रुप के चेयरमैन के एल जैन, रूंगटा माइंस-रुंगटा स्टील ग्रुप के चेयरमैन नन्दलाल रुंगटा, बोथरा फाउंडेशन के चेयरमैन शुभकरण बोथरा, जेकेजे ज्वेलर्स के प्रमोटर संजय मोसून, जीएन हॉस्टल के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश अग्रवाल, त्रिवेणी इम्पेक्स ग्रुप के चेयरमैन अरुण पंसारी सहित देश के चोटी के उद्योगपति भाग लेंगे। अधिवेशन की पूर्व संध्या पर 5 सितम्बर की शाम को प्रसिद्ध गायक संजय मित्तल और शुभम रूपम द्वारा भजन संध्या का आयोजन होगा। 6 सितम्बर को दोपहर 1 बजे से सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले मारवाड़ी समाज के बंधुओं को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम संयोजक राज कुमार मिश्रा एवं प्रांतीय महामंत्री बसंत कुमार पोद्दार ने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन की विधिवत शुरुआत 6 सितम्बर 2025 को दोपहर 2 बजे से की जाएगी। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन देश में समाज की एकमात्र प्रतिनिधि संस्था है, जो 90 वर्षों से समाज सुधार, समाज कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रही है।

डैम से बढ़ा खतरा: पंजाब बेहाल, हरियाणा-UP को भी अलर्ट जारी

नई दिल्ली सतलुज, रावी और ब्यास नदियों में आई बाढ़ से जूझ रहे पंजाब की चिंता बुधवार को और बढ़ गई। इसकी वजह है कि बड़े पैमाने पर भाखड़ा नांगल डैम और पौंग डैम से पानी छोड़ा गया है। भाखड़ा नांगल बांध से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो आमतौर पर 65 हजार रहा करता है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते बांधों में बड़े पैमाने पर पानी जमा है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस पानी के छोड़े जाने से आसपास के कई गांव प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा पौंग डैम से भी बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा गया है। सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ ही रहा है और अब तक राहत के कोई संकेत नहीं मिले हैं। पंजाब के रूप नगर जिले के प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अलर्ट रहने को कहा है। इसके अलावा भाखड़ा नांगल से निकले पानी ने भी समस्या को बढ़ाया है। घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से पटिलाया का जिला प्रशासन भी ऐक्टिव है। दरअसल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली से लेकर पश्चिम यूपी तक मुसीबत यह है कि बारिश का दौर लगातार जारी है। इसके चलते बाढ़ से प्रभावित लोगों के बचाव या फिर जल निकासी का काम भी देरी से हो रहा है। घग्गर नदी के तट पर ही बसे मोहाली के भी कई इलाकों में प्रशासन सतर्क है। सतलुज, रावी और ब्यास नदी में आई बाढ़ इतनी भीषण है कि भारतीय हिस्से के पंजाब के साथ ही पाकिस्तान में भी भारी बाढ़ आई है। पाकिस्तानी पंजाब में तो लाखों लोगों का पलायन हुआ है और करीब ढाई हजार गांव डूब गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार भारत के पंजाब में सूबे में 30 लोग बाढ़ के चलते मारे गए हैं, जबकि 3.50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें पलायन तक करना पड़ा है। इस बीच मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम यूपी तक के लिए अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ, मीरपुर, राजौरी, रियासी, जम्मू, रामबन, उधमपुर, सांबा, कठुआ, डोडा के लिए अलर्ट जारी किया है। भगवंत मान बोले- मदद में लापरवाही कर रही है केंद्र सरकार वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने आपदा के वक्त सहयोग न करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है। मान ने केंद्र पर बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री औऱ केंद्रीय गृहमंत्री से एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवज़े के मौजूदा मानकों को बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत है ताकि पंजाब में बाढ़ से प्रभावित लोगों को ज्यादा मुआवजा दिया जा सके। मंगलवार को फिरोज़पुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का नाव से दौरा करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि किसानों की बढ़ी हुई लागत और बाढ़ से हुए नुकसान को देखते हुए मुआवज़े की राशि बढ़ाना अब जरूरी हो गया है। अरविंद केजरीवाल भी जा रहे दौरा करने, पहुंच रहे सौरभ भारद्वाज इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब का गुरुवार को दौरा करने वाले हैं। वह बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाएंगे और प्रभावितों से बात भी करेंगे। केजरीवाल के साथ सीएम भगवंत मान भी रहेंगे। आम आदमी पार्टी की ओर से बताया गया कि अरविंद केजरीवाल प्रभावितों से मुलाकात करेंगे और उनसे बात करेंगे। इससे पहले केजरीवाल ने ऐलान किया कि आप की दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज राहत सामग्री लेकर पहुंचेंगे। केजरीवाल ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में पूरा देश पंजाब के साथ खड़ा होगा।