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किसानों के लिए खुशखबरी: शिवराज का बड़ा ऐलान, दोबारा मिलेगा मुआवजे का मौका

भोपाल  मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अतिवृष्टि और पीला मोजिक रोग से खराब हुई सोयाबीन फसल पर अब दोबारा सर्वे कराया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राहत राशि से कोई भी किसान वंचित न रहे, इसके लिए री-सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश के 12 जिलों में लाखों किसानों की सोयाबीन फसल बर्बाद हुई थी। राज्य सरकार अब तक करीब 9 लाख किसानों को मुआवजा दे चुकी है, लेकिन कई किसान अब भी राहत राशि से वंचित हैं। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि हर पात्र किसान को राहत मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने रबी फसल की तैयारियों को लेकर खाद की उपलब्धता पर भी बैठक की। चौहान ने बताया कि NPK, DAP और यूरिया जैसे खादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को रबी सीजन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 

छात्रा को नहीं मिला था तीसरे राउंड में एडमिशन, हाईकोर्ट ने दी NEET UG केस में फौरन राहत

इंदौर  इंदौर हाई कोर्ट से NEET UG छात्रा को मिली राहत मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक NEET UG की छात्रा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को छुट्टी के दिन भी सुनवाई करते हुए छात्रा के पक्ष में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इस आदेश […] मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक NEET UG की छात्रा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को छुट्टी के दिन भी सुनवाई करते हुए छात्रा के पक्ष में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत छात्रा को तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी गई है, जो उसके भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम है। क्या था मामला? दरअसल, यह छात्रा, जिसका नाम आर्ची अनन्या अग्रवाल है, को NEET की दूसरी काउंसलिंग में सेकंड राउंड में सीट मिल गई थी। लेकिन, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने उसे तीसरे राउंड में भाग लेने से मना कर दिया। इसका तर्क यह था कि जब छात्रा को दूसरी काउंसलिंग में सीट मिल गई है, तो वह तीसरे राउंड में भाग नहीं ले सकती। इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए छात्रा के वकील के तर्कों पर गौर किया। वकील ने बताया कि 2024 में इस संबंध में कुछ संशोधन किए गए हैं, जिससे छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। हाई कोर्ट का आदेश इंदौर हाई कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने सुनवाई की। छात्रा के वकील नितिन सिंह भाटी ने अदालत में तर्क दिया कि छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। अंततः, कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक याचिका का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक छात्रा को तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाए। आर्ची अनन्या अग्रवाल की तैयारी आर्ची अनन्या अग्रवाल ने 22 सितंबर 2025 को NEET की दूसरी काउंसलिंग में श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस (सीहोर) में सीट प्राप्त की थी। उसने 720 में से **443** अंक प्राप्त किए थे और तीसरे राउंड की काउंसलिंग की फीस भी जमा कर दी थी। अब उसे 22 अक्टूबर 2025 को होने वाली तीसरी काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति प्राप्त हो गई है। क्या कहते हैं नियम? छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने से रोकने का मुख्य कारण 2018 के नियमों को बताया गया था, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी छात्र को दूसरी काउंसलिंग में सीट मिल जाती है, तो वह तीसरे राउंड में भाग नहीं ले सकता। हालांकि, वकील ने 2024 के संशोधन का हवाला देते हुए तर्क किया कि इस मामले में छूट दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए। इंदौर निवासी छात्रा का नाम आर्ची अनन्या अग्रवाल है। उसे 22 सितंबर 2025 में NEET की दूसरी काउंसलिंग में श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस (सीहोर) में सीट अलॉट हो गई थी। उसे 720 में से 443 नंबर मिले थे। उसने तीसरे राउंड की भी फीस भरी थी दो 22 अक्टूबर 2025 को होनी है, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई। अनुमति नहीं देने का कारण 2018 के नियम का हवाला दिया गया कि भले ही फीस भरी हो लेकिन दूसरी काउंसलिंग में सीट मिलने पर तीसरे राउण्ड में पार्टिसिपेट नहीं कर सकती। इस पर छात्रा के एडवोकेट की ओर से 2024 के संशोधन का तर्क दिया गया कि उसे अनुमति दी जा सकती है। इसमें मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट डबल बेंच में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस गजेंद्रसिंह के समक्ष सुनवाई हुई। उसकी ओर से एडवोकेट नितिन सिंह भाटी ने तर्क रखे।इसमें कोर्ट आदेश दिया कि जब तक याचिका तय नहीं होती तब तक छात्रा को अनुमति दें। थर्ड राउंड की काउंसलिंग बुधवार 22 अक्टूबर को है। अब वह इसमें वह शामिल हो सकेगी। भविष्य की उम्मीदें इस निर्णय से आर्ची अनन्या अग्रवाल और उसके परिवार में खुशी का माहौल है। छात्रा अब तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेकर अपने मेडिकल करियर की दिशा में एक और कदम बढ़ा सकती है। यह निर्णय न केवल आर्ची के लिए, बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो अपने हक के लिए लड़ने की प्रेरणा ले सकते हैं। इस तरह के मामलों में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्रा के भविष्य को संवारने में मदद की है। यह निर्णय निश्चित रूप से उन छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।     एमपी के 75 छात्रों के लिए दोबारा होगी NEET-UG परीक्षा इस प्रकार, इंदौर हाई कोर्ट ने एक बार फिर साबित किया है कि न्याय की राह में किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।  

फसल बचाने की जुगाड़: शाजापुर में हेलीकॉप्टर से हांका देकर हिरणों को किया काबू

शाजापुर   शाजापुर जिले में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान चलाया गया है. दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों की मदद से 45 काले हिरणों (कृष्णमृग) को पकड़ा गया और उन्हें गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया  यह ऑपरेशन जिले के इमलीखेड़ा गांव में चलाया गया. इस दौरान हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक का उपयोग करते हुए नीलगाय और काले हिरणों को पकड़ा गया.शाजापुर जिला कलेक्टर रिजु बाफना ने बताया, "दक्षिण अफ्रीका की एक टीम और वन विभाग की मदद से इमलीखेड़ा से पकड़े गए काले हिरणों को बिना किसी पशु हानि के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया." उन्होंने पुष्टि की कि 45 काले हिरणों को हेलीकॉप्टर की मदद से पकड़ा गया था. क्या है बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका की एक लोकप्रिय विधि है, जिसमें जानवरों को हेलीकॉप्टर का उपयोग करके झुंड में एक बाड़े (पेन) में खदेड़कर पकड़ा जाता है.  इस पहल का उद्देश्य जिले में जंगली जानवरों (नीलगाय और कृष्णमृग) द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करना है. वन विभाग ने एक वीडियो शेयर करते हुए इसे 'वन्यजीवों के संतुलन की दिशा में ऐतिहासिक कार्य' बताया है. सरकार के अधिकारियों के अनुसार, यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश के खेतों से काले हिरणों को दक्षिण अफ्रीकी तकनीक की मदद से पकड़कर जंगलों में छोड़ा गया है. यह अभियान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति और राज्य सरकार की सहमति से चलाया जा रहा है.

दक्षिणी मध्यप्रदेश में एक्टिव हुआ सिस्टम, 15 जिलों में बारिश और गरज-चमक की चेतावनी

 इंदौर मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट बदल चुका है। दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हुए नए सिस्टम की वजह से मंगलवार से ही आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी इंदौर, बुरहानपुर, बैतूल, खरगोन, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट समेत 15 जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है। दिवाली की रात जबलपुर में तेज बारिश ने जहां लोगों को चौंका दिया, वहीं मंगलवार को भोपाल और आसपास के जिलों में बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई। विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेजी से बढ़ने की संभावना है। अरब सागर में सिस्टम एक्टिव, असर MP तक दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है। साथ ही, समुद्र में चक्रवातीय गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में पड़ेगा। रात में ठंड, दिन में गर्मी राज्य में मौसम के इस बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। रातें ठंडी हो गई हैं, जबकि दिन में धूप के कारण गर्मी बनी हुई है। भोपाल में रात का तापमान गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री, जबकि जबलपुर में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 15.4 डिग्री रहा। नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी के अंत तक रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। साथ ही, सर्दियों में सामान्य से ज्यादा बारिश की भी संभावना है। विदा हो चुका है मानसून, फिर भी जारी है बारिश मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले सिस्टम के कारण छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। इस साल प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी और कुल 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा। बारिश में कई जिलों ने तोड़ा रिकॉर्ड इस मानसून सीजन में प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। गुना सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में औसत से दोगुनी बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई, जो भारी कमी की श्रेणी में आता है। उज्जैन, सीहोर और बैतूल में कोटा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन सामान्य के करीब वर्षा हुई। 

CM मोहन यादव आज आएंगे इंदौर, हातोद के रेशम केंद्र गोशाला में मनाएंगे गोवर्धन पूजा

इंदौर  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) आज (22 अक्टूबर) इंदौर और विदिशा जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे इन जिलों में आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। आइए जानते हैं मुख्यमंत्री के दौरे का पूरा शेड्यूल और उनके जरिए किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में… सीएम मोहन यादव का आज का कार्यक्रम भोपाल से इंदौर रवाना होंगे सुबह 11:35 बजे मुख्यमंत्री सुबह 11:35 बजे भोपाल से इंदौर के लिए रवाना होंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार वे दोपहर 12:20 बजे इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित रेशम केंद्र गौशाला, खजूरिया जाएंगे। यहां सीएम गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इंदौर कार्यक्रम के बाद दोपहर 2:00 बजे सीएम इंदौर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए रवाना होंगे। नगर निगम की हातोद स्थित रेशम केंद्र गोशाला में गोवर्धन पूजा का आयोजन बुधवार को किया गया है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए सीएम डॉ.मोहन यादव आ रहे है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सीएम डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर गोवर्धन पूजा संपन्न करेंगे और गो सेवा से जुड़े कामों का अवलोकन करेंगे। आयोजन की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी। प्रोग्राम में नगर निगम के जनप्रतिनिधि, नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। बता दे कि गोशाला में आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भोपाल से विदिशा जाएंगे सीएम सीएम मोहन यादव दोपहर 2:30 बजे भोपाल से विदिशा जिले के ग्राम पथरिया पहुंचेंगे। यहां वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद दोपहर 2:50 बजे ग्राम पथरिया से विदिशा के ग्राम बल्ला खड़ी जाएंगे। यहां भी वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। भोपाल वापसी इसके बाद मुख्यमंत्री दिन के कार्यक्रम का समापन कर शाम 4:00 बजे भोपाल वापस लौटेंगे।

डॉ. यादव ने जताया संकल्प: बहनों, युवाओं और किसानों के हित में सरकार निरंतर सक्रिय, लाड़ली बहनों के वादे होंगे पूरे

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में बहनों, युवाओं, किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों को भाईदूज के अवसर पर लाड़ली बहना योजना में 250 रुपए की राशि देने का वादा पूरा किया जा रहा है। अब बहनों के योजना के अंतर्गत 1500 रुपए प्राप्त होंगे। भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा की तरह लाड़ली बहनों को यह राशि योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी लाड़ली बहनों को भाईदूज की बधाई भी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के त्यौहार सौगात देने का अवसर बने हैं। इस क्रम में किसानों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के लिए 1800 करोड़ की राहत राशिजिलों में दी गई। प्रत्येक क्षेत्र में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, पीला मोजेक जैसी समस्याओं का सर्वे करवाकर किसानों को मदद पहुंचाई गई। इसके लिए जिलों में आवश्यक प्रबंधन किया गया। सरकार अन्नदाता के जीवन में आए कष्ट में उसके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ईदगाह हिल्स में निर्धन बेटियों के साथ दीपावली मनाने के बाद टीवी चैनल प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।  

किसानों और मंडी व्यापारियों के हित में किये जा रहे हैं कार्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उज्जैन  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन के तिलकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर गौशाला में गोवर्धन पूजा की। मुख्यमंत्री ने गौमाता की पूजा भी की और विशाल गौ-अन्नकूट में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-सेवा और प्रकृति के सम्मान में हर घर गौशाला और हर गांव में गोवर्धन पूजा आज पूरे प्रदेश में की जा रही है। हमारी सनातन संस्कृति हमें प्रकृति से सदैव जुड़े रहना सिखाती है। गौमाता अपने बछड़े के साथ हम सभी का भी ध्यान रखती है। भगवान श्रीकृष्ण गोपाल कृष्ण के नाम से भी जाने जाते हैं। वर्तमान में शासन और आमजन साथ मिलकर सभी त्यौ‍हार आनंद और हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। हमारा देश किसानों और गौ-पालकों का देश है। सही अर्थों में हम सब के लिए दीपावली तभी सार्थक है जब हमारे किसान और हमारा गौ-वंश उन्नत रहे, तभी समृद्धि आती है। गौ-शालाओं में प्रत्येक गौमाता की सेवा के लिए अनुदान राशि बढ़ाई गई है। जो लोग दुग्ध उत्पादन करना चाहते हैं, उन्हें भी शासन की और से अनुदान राशि दी जाएगी। हम हर घर गोपाल बनाने का कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई के रकबे को बढ़ाने के लिए नदी जोड़ो अभियान प्रारंभ किया गया है। सूर्य घर योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप लगाने पर 90 प्रतिशत तक अनुदान राशि दी जाएगी।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन द्वारा सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना प्रारंभ की गई है। यह किसानों और व्यापारियों के बीच में सेतु का कार्य करेगी। अनाज मंडियों का मान व्यापारियों से बढ़ेगा और किसानों का सम्मान भी बढ़ेगा। शासन द्वारा किसानों और मंडी व्यापारियों के हित में कार्य किए जा रहे हैं। अलग-अलग फसलों के उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी अनुदान राशि दी जाएगी। फूड प्रोसेसिंग में किसान और उपज मंडी के व्यापारी आपसी सहयोग के साथ कार्य करें। मालवा क्षेत्र में फूड पार्क बनाया जाएगा, जिससे किसान अपनी उपज को अच्छे दामों में बेच सकेंगे और व्यापारी भी निश्चिंत होकर व्यापार कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तिलकेश्वर महादेव का अभिषेक कर पूजन-अर्चन किया और प्रदेशवासियों की उन्नति और मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री चिंतामणी मालवीय, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री संजय अग्रवाल, श्री मनीष तल्लेरा, श्री नारायण यादव, श्री रवि सोलंकी, एडीजी श्री उमेश जोगा, कलेक्टर श्री रोशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अभिलाष मिश्रा और नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष श्री जि‍तेन्द्र अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदैव किसानों और व्यापारियों के हित के लिए कार्य किया है। व्यापारी संघ द्वारा मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह और गौमाता की मूर्ति भेंट कर सम्मान किया गया। श्री जगदीश पांचाल ने कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन किया। 

मुख्यमंत्री यादव का निर्देश: किसानों के लिए भावांतर योजना प्रक्रिया को बनाएं पूरी तरह सुगम

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के किसानों के हित में भावांतर योजना प्रारंभ की गई है, जिसका चहुंओर स्वागत हो रहा है। प्रदेश में तीन गुना से अधिक पंजीयन योजना में हुए हैं। कुल 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योजना की संपूर्ण प्रक्रिया में किसानों को कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में किसानों से सोयाबीन खरीदी के लिए लागू की गई भावांतर योजना के संबंध में मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि भावांतर योजना में प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसी तरह 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में किसानों को मंडियों और उपमंडियों में सोयाबीन विक्रय के लिए आवश्यक तैयारियां पूर्ण की जाएं। योजना से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां किसानों को प्रदान की जाएं। इस माह किए गए योजना के प्रचार का ही अच्छा परिणाम है कि बड़ी संख्या में पंजीयन हुए हैं। ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसानों के पंजीकृत बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भावांतर राशि का भुगतान निर्धारित अवधि में किया जाए, साथ ही भुगतान के संबंध में किसान को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाए। मंडियों में की गईं तकनीकी और मानव संसाधन व्यवस्थाएं बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि रहेगी। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के बाद मंडी पोर्टल में ई-मंडी पोर्टल पर सभी कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किए गए हैं। सभी मंडियों और उप मंडियों में तकनीकी एवं मानव संसाधन की व्यवस्था की गई है। मंडी स्तरीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी हुआ है। प्रवेश गेट और प्रांगण की सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक मंडी में हेल्प डेक्स भी बनाई गई है। कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ ही कृषि सचिव द्वारा बैठकों में भावांतर योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक अन्य बैठक में प्रदेश के किसानों के हित में सोलर पंप योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तृत विचार-विमर्श किया। नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में किसानों के लिए सोलर पम्प स्थापना अभियान के संबंध में की जा रही कार्यवाही का विवरण दिया गया। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

MP में किसानों के लिए खुशखबरी! कोदो-कुटकी अब MSP पर खरीदी जाएगी — ऐतिहासिक फैसला घोषित

भोपाल  पहली बार कोदो और कुटकी फसलों का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की नीति लागू की गई है। राज्य शासन ने कोदो और कुटकी उत्पादक किसानों के हित में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इन फसलों के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो गया है, जो 24 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन केन्द्र स्थापित उपसंचालक कृषि ने बताया कि विकासखण्ड सीधी में किसानों की सुविधा के लिए गांधीग्राम और चौफाल कोठार, विकासखण्ड रामपुर नैकिन के लिए कुडिया, बघवार तथा कंधवार, विकासखण्ड मझौली के लिए ताला, मझौली, विकासखण्ड सिहावल के लिए अमिलिया, बघोर एवं विकासखण्ड कुसमी के लिए टमसार में पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन्हीं समितियों के माध्यम से किसानों से उपार्जन किया जाएगा। दोनों फसलों पर बोनस भी मिलेगा उप संचालक कृषि डॉ. राजेश सिंह चौहान ने बताया कि शासन द्वारा कोदो का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल तथा कुटकी का 3500 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों को दोनों फसलों पर 1000 रूपये प्रति क्विंटल बोनस भी मिलेगा। अधिकारियों ने किसानों से अधिक संख्या में पंजीयन कराने की अपील की। कार्यशाला में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और योजना की जानकारी प्राप्त की।

राज्य सरकार गौसेवा और गौवंश संरक्षण के लिए हरसंभव सहयोग देने को तत्पर

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपोत्सव, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास से की जा रही है। हर घर, हर गौ-शाला, हर गांव, वृंदावन है और हम सब गोपाल बन गए हैं। हमारी हर परम्परा और उत्सव में प्रकृति के प्रति आदर और समाज के प्रति उत्तदायित्व समाहित है। गोवर्धन पूजा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारी संस्कृति ने हमें छोटी से छोटी चीज प्रदान करने वालों के प्रति भी आभार करना सिखाया है। आज हम प्रकृति के उसी दाता स्वरूप को प्रणाम कर रहे हैं। आज के दिन गोवर्धन और गौवंश की पूजा कर हम संसार को प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन संवर्धन का संदेश देते हैं। यह सनातन संस्कृति की देन है। यह वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव है। यह हमें स्मरण कराता है कि धरती पर जो भी है, उसके साथ सामंजस्य ही जीवन है। गोवर्धन पूजा 'जियो और जीने दो' के विचार और उपलब्ध खाद्य सामग्री एवं संसाधनों को समाज के साथ मिल-बांटकर साझा करने का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और परम्पराओं को बचाए रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रवीन्द्र भवन में आयोजित गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: कर रहा है स्वीकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौमाता सनातन संस्कृति की आत्मा है। गौमाता के दुग्ध से हमारे शरीर को अमृत मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपालों की सेना बनाकर पशुधन की रक्षा के लिए बृजवासियों को प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने लोक संस्कृति एवं सामान्य जनजीवन को बनाए रखने के लिए बाल्यावस्था में अद्भुत लीलाओं से समाज को चमत्कृत कर प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल स्वरूप में यह संदेश निहित है कि जो गाय पाले वो गोपाल है। गाय के दूध, गोबर और गौ-मूत्र की महिमा अब वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होने लगी है। कैंसर जैसी भयंकर बीमारी में भी गौ-उत्पाद प्रभावी हैं, यह भी सिद्ध हुआ है कि गोबर से लिपे घरों पर विकिरण का प्रभाव कम होता है। खेती में गोबर की खाद की महत्ता से सभी लोग परिचित ही हैं। इसी का परिणाम है कि विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: स्वीकार कर रहा है। सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में निहित है कई संदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में बेहतर जीवन के कई सूत्र समाहित हैं। योग और आयुर्वेद के सिद्धांत इसी के प्रमाण है। सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में कोई न कोई संदेश निहित है। राज्य सरकार ने ऐसे त्यौहारों को समाज के साथ मिलकर मनाने की पहल की है, जिन त्यौहारों में संस्कार और संदेश निहित हैं। प्रदेश में समाज के साथ परम्परानुसार मिल-जुलकर त्यौहार मनाने का यह दूसरा वर्ष है। गोवर्धन पूजा फसल कटने और नई फसल की शुरूआत का समय है। इस घड़ी को उत्साह और उल्लास के साथ मनाने से समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। गोवर्धन पर अन्नकूट का आयोजन भी इसी आनंद का भाग है। गौवंश संरक्षण के लिए समाज भी आए आगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। पशुपालन से दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत मध्यप्रदेश में होता है, इसे 20 प्रतिशत तक ले जाना हमारा लक्ष्य है। हम मध्यप्रदेश को देश का प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। गौवंश के बेहतर आहार के लिए गौशालाओं को मिलने वाली राशि 20 रूपए से बढ़ाकर 40 रूपए प्रति गौवंश किया गया है। गौशालाओं से दूध के साथ गौ-मूत्र और गोबर की उपलब्धता के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सरकार के साथ समाज को भी गोवंश संरक्षण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया। गौवंश संरक्षण सनातन संस्कृति की धारा का सशक्त करने में भी सहायक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जो भी व्यक्ति गौपालन करना चाहता है, गौशाला चलाना चाहता है या गौशाला संचालन में सहयोग करना चाहता है, उन सभी को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार तत्पर है। गोवर्धन पर्वत की मंत्रोच्यार के साथ की पूजा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में रवीन्द्र भवन में वैदिक मंत्रोच्यारों के बीच गोवर्धन पूजा कर प्रकृति के प्रति मनुष्य के समर्पण को अभिव्यक्त किया। गोवर्धन पर्वत की उपस्थित अतिथियों द्वारा पूजा के बाद आरती भी की गई। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कार्यक्रम स्थल पर साफा पहनाकर स्वागत किया गया। परंपरागत वाद्य यंत्रों पर झूमते युवाओं ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अगवानी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौवंश को दुलारा और पशु आहार खिलाया। अन्नकूट की परम्परा के अंतर्गत नया अन्न चढ़ाकर प्रसाद का थाल मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को 56 भोग का थाल भेंट किया गया।