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विधानसभा से बाहर किए जाने का जिक्र, अनिल विज ने ममता पर साधा निशाना

हरियाणा  हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। विज ने कहा कि ममता बनर्जी का हाल भी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसा होने वाला है, क्योंकि दोनों का रवैया तानाशाही रहा है। हुड्डा ने भी मुझे विधानसभा से बाहर फिंकवाया मीडिया से बातचीत में विज ने कहा,“जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मुझे कई बार विधानसभा से बाहर उठवाकर फिंकवाया था। अब ममता बनर्जी भी भाजपा विधायकों के साथ वही कर रही हैं, लेकिन यह प्रजातंत्र के खिलाफ है।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि आज हुड्डा ‘‘खुड्डे लाइन’’ लगे हुए हैं और ममता का भी यही हाल होने वाला है। प्रजातंत्र में विधायकों को बोलने का अधिकार विज ने कहा कि भारत की शासन प्रणाली प्रजातंत्र पर आधारित है और इसमें चुने हुए प्रतिनिधियों को विधानसभा में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन कुछ दल और नेता प्रजातंत्र को बर्दाश्त नहीं कर पाते और अपनी तानाशाही प्रवृत्ति दिखाते हैं। चुने हुए विधायकों की आवाज दबाना लोकतंत्र का अपमान है। ममता बैनर्जी का रवैया इसी दिशा को दिखाता है। भाजपा विधायकों को बाहर फिंकवाना गलत कोलकाता में विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायकों को मार्शलों से घसीटकर बाहर निकाले जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने कहा, “यह कृत्य प्रजातंत्र की आत्मा को ठेस पहुंचाने वाला है। विपक्ष की बात सुनना और सहन करना लोकतंत्र की मूल भावना है। लेकिन ममता बैनर्जी इसको स्वीकार नहीं कर पा रही हैं।”

खुशखबरी: हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को तीन दिन में मिलेगा नया कनेक्शन

चंडीगढ़ हरियाणा में बिजली का कनैक्शन हासिल करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। चाहे अस्थाई कनेक्शन हासिल करना हो या फिर स्थाई कनैक्शन के लिए अप्लाई किया हो हरेक सेवा के लिए समय सीमा को कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसके अनुसार अब महानगरीय क्षेत्रों में एल.टी. आपूर्ति के लिए बिजली का स्थाई कनेक्शन निगमों द्वारा तीन दिन के अंदर जारी किया जाएगा। जबकि नगरपालिका क्षेत्रों में यह समयसीमा सात दिन तय की गई है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में अगर कोई नया बिजली का कनेक्शन हासिल करना चाहता है तो 15 दिन के भीतर प्रोसेस पूरा हो जाएगा। अतिरिक्त भार जारी करने के लिए भी यही समय सीमा तय की गई है। हालांकि नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया है कि जहां प्रणाली का विस्तार कार्य चल रहा है वहां समय सीमा 34 दिन तक हो सकती है। अगर किसी उपभोक्ता को अस्थाई कनेक्शन चाहिए तो उसके लिए भी वही समय सीमा होगी जो कि स्थाई कनेक्शन के लिए तय की गई है। नोटिफिकेशन में इस कार्य के लिए अधिकारियों की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। स्थाई और अस्थाई कनेक्शन जारी करने के लिए उपमंडल अधिकारी (ऑपरेशंस), कार्यकारी अभियंता और अधीक्षण अभियंता को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।   इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से नवम्बर 2023 में उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवांए देने के लिए समयसीमा जारी की गई थी। जिसमें स्थाई कनैक्शन हासिल करने या फिर अतिरिक्त लोड के लिए निगमों को 37 दिन का समय दिया जाता था जिस कारण कई दिनों तक उपभोक्ताओं को बिना बिजली के रहना पड़ता था। जबकि 11 के.वी. आपूर्ति के नए कनैक्शन के लिए 78 दिन तक लगते थे। इसी तरह एल. टी. आपूर्ति का अस्थाई कनेक्शन जारी करने में भी 19 दिन का समय लिया जाता था। इस वजह से सबसे बड़ी परेशानी बड़े-बड़े उद्योग भी झेल रहे थे जिन्हें नए कनैक्शन के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ता था। 

राज्य में बदलेगा सिस्टम, हरियाणा के अफसरों के लिए नई व्यवस्था फायदे का सौदा

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने राज्य के विभिन्न नगर निगमों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में तैनात खजाना एवं लेखा विभाग तथा स्थानीय लेखा विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी प्रकार की भौतिक फाइल प्रक्रिया को बंद करें और बिल प्रक्रिया और अनुमोदन से सम्बन्धित सभी कार्य केवल हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यूपी पोर्टल के माध्यम से ही किए जाएं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, ने इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया है। पत्र के अनुसार, सरकार ने पाया है कि फाइलों का भौतिक रूप से आदान-प्रदान न केवल विलंब का कारण बनता है बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से सुशासन स्थापित करने के उद्देश्य को भी बाधित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के विभिन्न नगर निगमों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में तैनात खजाना एवं लेखा विभाग तथा स्थानीय लेखा विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अब किसी भी प्रकार की भौतिक फाइल प्रक्रिया को बंद करें और सभी बिल संबंधी कार्यवाही, अनुमोदन तथा कार्यों की निगरानी केवल एचईडब्ल्यूपी पोर्टल के माध्यम से ही की जाए। पत्र में कहा गया है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

कॉलेजों को चेतावनी: हरियाणा में वेबसाइट अपडेट नहीं रखने पर मिला नोटिस

हिसार  हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से अपनी वेबसाइट अपडेट नहीं रखने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। ऐसा नहीं करने वाले कॉलेजों के खिलाफ अब विभाग की ओर से एक्शन लिया जाएगा। सभी कॉलेजों को अपनी वेबसाइट 8 सितंबर तक अपडेट करनी होगी। शिक्षा विभाग हर कॉलेज की अपनी वेबसाइट बनवा चुका है। प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्टूडेंट को हर प्रकार की जानकारी के लिए कोई दिक्कत न आए, इसके चलते ऐसा किया गया है। लेकिन 9 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक अपना डोमेन भी नहीं खरीदा है। इन्हें विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। 7 दिन में खरीदना होगा डोमेन वेबसाइट डोमेन नहीं खरीदने वालों में भिवानी के 3, सोनीपत के 2, यमुनानगर, पलवल, कैथल और चरखी दादरी के 1-1 सरकारी कॉलेज शामिल हैं। विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस में इन्हें कहा गया है कि ये सभी 7 दिन में ERNET से अपना डोमेन खरीद कर निदेशालय को सूचित करें। अगर ऐसा नहीं किया तो फिर कार्रवाई की जिम्मेदारी संबंधित कालेज की होगी। किसी भी समय हो सकता है निरीक्षण हरियाणा के जो कॉलेज अपनी वेबसाइट को अपडेट नहीं रखते हैं, उन्हें चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि वेबसाइट को रैंडमली किसी भी समय चेक किया जा सकता है। अगर उस समय वेबसाइट अपडेट नहीं मिली तो कार्रवाई के लिए कॉलेज प्रबंधन की जिम्मेदारी रहेगी। वेबसाइट पर क्या होना चाहिए अपडेट वेबसाइट पर कॉलेज में संचालित किए जा रहे कोर्स से लेकर एडमिशन प्रोसेस, फीस स्ट्रेक्चर, नैक स्टेटस, लाइब्रेरी डिटेल, स्पोर्टस फैसिलिटी, कॉलेज स्टाफ की पूरी सूचना, टाइम टेबल, अकेडमिक कैलेंडर और परीक्षा की स्थिति को अपडेट रखना है। वहीं छात्रों के लिए निकलने वाले दैनिक नोटिस भी वेबसाइट पर होने चाहिए।  

मकान ढहने से भिवानी में तीन मासूमों की जान गई, प्रशासन ने दिए मुआवज़े के 12 लाख

भिवानी भिवानी के गांव कलिंगा में 2 सितंबर की रात को मकान की छत ढहने से तीन नाबालिग बहनों की मौत के मामले में प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की है। शुक्रवार को डीसी साहिल गुप्ता के निर्देश पर एसडीएम महेश कुमार मृतकों के परिजनों के घर पहुंचे। इस दौरान बवानीखेड़ा के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि के प्रतिनिधि के रूप में उनके भाई राजेश कुमार भी मौजूद रहे। एसडीएम ने परिवार को हरियाणा सरकार की ओर से 12 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा। हादसे में परिवार के मुखिया ओमपाल, उनकी पत्नी अनिता और पांच साल के बेटे ध्रुव गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि उनकी तीन बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ओमपाल ने चार साल पहले अपने जर्जर मकान को छोड़कर परिवार की सुरक्षा के लिए किराए का मकान लिया था, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन भी किया था। हालांकि, बारिश के कारण किराए के मकान की छत भी ढह गई, जिससे परिवार पर भारी विपत्ति आ पड़ी। प्रशासन ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुई सोनीपत की शिक्षिका सुनीता, राष्ट्रपति ने दी प्रशंसा

सोनीपत हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली टीचर सुनीता ढुल को शुक्रवार को राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक मिला है। शिक्षक दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम सुनीता धुल को सम्मानित किया गया है। सुनीता हरियाणा की इकलौती टीचर हैं, जिन्हें इस बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया. सोनीपत के गांव नसीरपुर की सुनीता ढुल वर्तमान में मुरथल अड्डे पर स्थिति पीएम श्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सामाजिक विज्ञान पढ़ाती हैं। पढ़ाने के साथ-साथ सुनीता ढुल एक कुशल मास्टर ट्रेनर भी हैं। वे रेडक्रॉस में राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करते हुए अब तक करीब 14 हजार बच्चों को फर्स्ट एड और जीवन रक्षक कौशल का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। वे पिछले डेढ़ साल से 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में बच्चों से पौधे लगवाती हैं। जानिये…कैसे पिता की सोच ने बदली बेटी की राह ​सुनीता ढुल का सफर आसान नहीं रहा। पिता आर्मी राज सिंह दहिया में थे। फिर बिजली निगम में काम करने लगे। सुनीता तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी हैं। उस दौर में लड़कियों की पढ़ाई को खास महत्व नहीं दिया जाता था। खासकर ग्रामीण इलाकों में। पिता ने जब बेटियों को पढ़ाना शुरू किया तो लोग ताने देते-“बेटियों को क्यों पढ़ा रहे हो, आखिरकार इन्हें दूसरे घर जाना है।” पिता ने कभी समाज की परवाह नहीं की। उनका जवाब हमेशा यही होता – “बेटी भी पढ़-लिखकर बदलाव की सोच के साथ काम करेगी।” यही सोच सुनीता की सबसे बड़ी ताकत बनी। मां रोज सुबह 3 बजे उठतीं, ताकि बच्चों को पढ़ने के लिए जगा सकें मां सुखदेई रोज सुबह 3 बजे उठ जातीं और बच्चों को 4 बजे पढ़ाई के लिए जगातीं। उस समय गांव की कम ही बेटियां स्कूल जाती थीं, लेकिन मां-बाप की लगन ने सुनीता और उनकी बहनों को शिक्षा के उजाले तक पहुंचाया। शिक्षा के प्रति उनकी लगन बचपन से ही थी। गांव से कॉलेज का आना-जाना 14 किलोमीटर दूर था। सुनीता साइकिल चलाकर जाती थीं। अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया ताकि वे अपनी आगे की पढ़ाई का खर्च उठा सकें। बीएड एंट्रेंस की थर्ड टॉपर बनीं साल 1996 में सुनीता बीएड एंट्रेंस टेस्ट में तीसरी टॉपर रहीं। सरकारी नौकरी से पहले उन्होंने 1996 से 2013 तक निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षिका और प्रिंसिपल के रूप में भी सेवाएं दीं। 2014 में उन्हें गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, समालखा में नौकरी मिली। फिलहाल वे पीएम श्री स्कूल, मुरथल अड्डा में सामाजिक विज्ञान पढ़ाती हैं। ​बतौर टीचर 5 बातों पर जोर दिया 1. ​टाइम टेबल का महत्व: सुनीता ने विद्यार्थियों को टाइम टेबल का पालन करना सिखाया, जिससे वे अपनी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से कर सकें। 2. ​स्टूडेंट कमेटी का गठन: साल 2017 में उन्होंने एक स्टूडेंट कमेटी बनाई। हर महीने होने वाली मीटिंग में वे बच्चों से यह राय लेती थीं कि उनका स्कूल कैसा होना चाहिए। बच्चों को स्कूल से जुड़ाव महसूस हुआ और उनकी संख्या 275 से बढ़कर 450 हो गई।​ 3. व्यावहारिक ज्ञान पर जोर: साल 2014 से वे बच्चों के लिए प्रदर्शनियां लगाती आ रही हैं। वे समय-समय पर बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाती हैं। ताकि किताबी ज्ञान के अलावा बाहरी दुनिया की जानकारी मिले। 4. ​तकनीक का उपयोग: कोविड-19 महामारी के दौरान जब ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी, सुनीता द्वारा बनाई गई 12वीं कक्षा की भूगोल विषय की वीडियो पूरे हरियाणा में हरियाणा सरकार के एजुसेट चैनल पर चलाई गईं। 5. ​सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास: वे स्कूल में विभिन्न भारतीय पर्वों का आयोजन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं भी कराती हैं। ताकि बच्चों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास हो सके। सख्त टीचर के रूप में पहचान को बदला​ शुरुआती दिनों में एक सख्त टीचर के रूप में पहचान बनाने वाली सुनीता ने बाद में अपनी शिक्षण शैली में बदलाव किया। उन्होंने मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया और बच्चों के साथ संवाद स्थापित करने पर जोर दिया। वे बच्चों की समस्याओं को सुनकर उन्हें सुलझाने की कोशिश करती हैं।​सुनीता कहती हैं-शिक्षा सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। सुनीता कहती हैं-पिता ने बेटियों को बोझ नहीं समझा, यह सोच जरूरी सुनीता के बेटे अध्ययन ऑस्ट्रेलिया में नौकरी कर रहे हैं। बेटी वंशिका अशोका यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान की पढ़ाई कर रही हैं। मां सुखदेई 96 वर्ष की आयु में आज भी उनकी प्रेरणा हैं। पति पवन ढुल भी हौसला बढ़ाते हैं। सुनीता कहती हैं-“पिता ने बेटियों को बोझ नहीं समझा। उनकी सोच और मां का समर्पण ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। यही सोच-समर्पण जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार सिर्फ उनका सम्मान नहीं है, बल्कि उस सोच का सम्मान है जो कहती है कि शिक्षा ही समाज में असली बदलाव की चाबी है।” National Teachers award 2025 List 1-सुनीता – सोनीपत 2-शशि पॉल – हिमाचल प्रदेश 3-नरिंदर सिंह – लुधियाना 4-अवधेश कुमार झा – उत्तर पश्चिम दिल्ली 5-मंजूबाला – चम्पावत 6-परवीन कुमारी – चंडीगढ़ 7-नीलम यादव – खैरथल तिजारा 8-भाविनीबेन दिनेशभाई देसाई – दमन 9-विलास रामनाथ सातारकर – उत्तरी गोवा 10-हितेश कुमार प्रवीणचंद्र भुंडिया – राजकोट National Teachers award 2025 List 11-हिरेनकुमार हसमुखभाई शर्मा – गांधीपुरा खेड़ा 12-शीला पटेल – दमोह 13-भेरूलाल ओसारा – आगर मालवा 14-डॉ. प्रज्ञा सिंह – दुर्ग 15-कुलदीप गुप्ता – राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जिंद्राह 16-राम लाल सिंह यादव – भदोही 17-मधुरिमा तिवारी – मिर्जापुर 18-कुमारी निधि – किशनगंज 19-दिलीप कुमार – सुपौल 20-सोनिया विकास कपूर – मुंबई 21-कंधन कुमारेसन – एबरडीन 22-संतोष कुमार चौरसिया – कोरबा 23-डॉ. प्रमोद कुमार – नालंदा 24-तरुण कुमार दाश – कोरापुट 25-बसंत कुमार राणा – मल्कानगिरी 26-तनुश्री दास – मेदिनीपुर पश्चिम 27-नांग एकथानी मौंगलांग – पापुम पारे 28-पेलेनो पेटेनिलहु – कोहिमा 29-कोइजाम मचासन – इम्फाल पश्चिम 30-कर्मा टेम्पो एथेनपा – मंगन 31-डॉ. हेइपोर यूनी बैंग – पूर्वी जयंतिया हिल्स 32-बिदिशा मजूमदार – गोमती 33-देबजीत घोष – डिब्रूगढ़ 34-श्वेता शर्मा – देवघर 35-डॉ. शेख मोहम्मद वाकियोद्दीन शेख हामिदोद्दीन – नांदेड़ 36-डॉ. संदीपन गुरुनाथ जगदाले – लातूर 37-इब्राहिम एस – मूला एंड्रोथ 38-मधुरिमा आचार्य – कोलकाता 39-मदबाथुला थिरुमाला श्रीदेवी – विशाखापत्तनम 40-मरम पवित्रा – सूर्यापेट 41-रेवती परमेश्वरन – चेन्नई 42-विजयलक्ष्मी वी – तिरुपूर 43-किशोरकुमार एम.एस. – तिरुवनंतपुरम 44-डॉ. वी रेक्स उर्फ राधाकृष्णन … Read more

घग्गर-मारकंडा के उफान से हरियाणा के गांव जलमग्न, ट्रेनों का संचालन रद्द

हिसार  हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और चरखी दादरी जिलों में लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। ड्रेन और नहरों के टूटने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, फसलें डूब गई हैं और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। हिसार में ड्रेन टूटने से भारी नुकसान हिसार जिले में घिराय, पातन और भिवानी रोहिल्ला के पास घग्गर ड्रेन के टूटने से करीब 300 एकड़ क्षेत्र में जलभराव हो गया। जिले में अब तक 61 हजार एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। 28 गांवों की बाहरी बस्तियों और ढाणियों में पानी भरा हुआ है, जबकि 34 स्कूलों के परिसर में जलभराव की स्थिति है। रामगढ़ में जलभराव से नाराज ग्रामीणों ने हिसार-सिवानी रोड पर जाम लगाकर विरोध जताया। फतेहाबाद में मजदूर की मौत फतेहाबाद के भट्टूकलां में गांव रामसरा के पास हिसार मल्टीपर्पज चैनल ड्रेन टूटने से 700 एकड़ फसलें डूब गईं। करीब 15 ढाणियों में भी पानी भर गया। बचाव कार्य के दौरान ढिंगसरा गांव के मजदूर निगेह सिंह (42) की हार्टअटैक से मौत हो गई। भूना में बाढ़ जैसे हालात हैं, जहां दहमान गांव के 300 घरों में पानी घुस गया और 15 परिवारों को दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी। खंचाजी मोहल्ला में एक मकान की छत और पुरानी तहसील चौक व गांव गाजूवाला में दीवारें गिर गईं। सिरसा में घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर सिरसा के गांव चामल के पास ढाणी सुखचैन और मल्लेवाला में घग्गर नदी के तटबंध में दरारें आ गईं। चोपटा क्षेत्र में पांच घंटे की बारिश से कई गांवों में जलभराव हो गया। घग्गर नदी का जलस्तर 18,600 क्यूसेक से बढ़कर 21,000 क्यूसेक हो गया, जो खतरे के निशान को पार कर चुका है। शक्करमंदोरी और दड़बा कलां के स्कूलों में पानी भर गया, जबकि लुदेसर का शहीद स्मारक भी जलमग्न हो गया। चरखी दादरी में 7600 एकड़ फसल प्रभावित चरखी दादरी के 15 गांवों में जलभराव से 7600 एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं। गांव चांग और सागवान में आबादी क्षेत्र में पानी भरने से लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बुधवार को गांव अचीना के पास बास माइनर टूटने से छह एकड़ फसल जलमग्न हो गई। गांव कलिंगा में तीन नाबालिग लड़कियों की मौत के बाद प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के जरिए मुनादी कराकर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।फतेहाबाद में भी घग्गर का जलस्तर बढ़ा फतेहाबाद में घग्गर नदी का जलस्तर 14,700 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्कूलों में अवकाश हिसार और सिरसा में 6 सितंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। फतेहाबाद के रतिया, भूना, टोहाना और जाखल खंडों में भी स्कूल 6 सितंबर तक बंद रहेंगे। प्रशासन और स्थानीय टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन बारिश और जलभराव ने किसानों और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अंबाला के 144 गांव जलमग्न, करंट लगने से एक शख्स की मौत, चार घरों की छत गिरी बारिश और नदियों के उफान ने अंबाला के अधिकांश क्षेत्रों को प्रभावित किया है। बुधवार रात्रि को घग्गर, टांगरी और मारकंडा नदी में अत्यधिक पानी आने से अंबाला के 146 से अधिक गांव जलमग्न हो गए। हालात इतने खराब हुए कि कालपी ओवरब्रिज के पास टूटे तार के कारण करंट लगने से एक युवक की मौत हो गई, वहीं जिले में चार घरों की छत गिर गईं। हालांकि घर की छत गिरने से लोग बाल-बाल बच गए, इनमें तीन घर बराड़ा में तो एक घर अंबाला छावनी के मोहड़ा में स्थित है, इसके साथ ही साहा में गंदे पानी की सप्लाई से साहा के बिहटा गांव निवासी 14 वर्षीय नैन्सी की मौत हो गई। बच्ची को दो दिन से उल्टी व दस्त हो रहे थे। दूसरी तरफ अंबाला के इंडस्ट्रियल एरिया में 9 फुट तक पानी भर गया, जिसमें 175 से अधिक लोग फंस गए। जिन्हें रेस्क्यू करने का अभियान एसडीआरएफ ने सुबह चार बजे से ही शुरू कर दिया था, इसमें से 150 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, इसके साथ ही अंबाला साहा राजमार्ग, अंबाला-यमुनानगर राजमार्ग पर टांगरी व मारकंडा नदी का पानी आ गया जिससे एक तरफ का ही मार्ग चला। चंडीगढ़ दिल्ली राजमार्ग को भी हिसार बाईपास से डायवर्ट किया गया। वोडाफोन का नेटवर्क ठप होने से बचाया छावनी के इंडस्ट्रियल एरिया में मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन का प्रदेशस्तरीय कार्यालय है। यहीं से प्रदेश में नेटवर्क तकनीक को संचालित किया जाता है। बुधवार रात्रि को टांगरी का पानी क्षेत्र में आने से यह कार्यालय भी डूब गया। यहां कर्मचारी भी फंस गए। उन्होंने प्रशासन से मदद मांगी तो वीरवार सुबह प्रशासन ने एसडीआरएफ को भेजकर कुछ कर्मचारियों को निकाला तो वहीं कुछ कर्मचारियों को खाने का सामान भी पहुंचाया, इसके साथ ही डीजल की सप्लाई भी की गई ताकि जेनरेटर चलते रहे। सबसे अधिक अंबाला छावनी का हुआ नुकसान इस आपदा में सबसे अधिक नुकसान अंबाला छावनी और साहा क्षेत्र को हुआ है, इसके बाद अंबाला सिटी के ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार उप-तहसील साहा के सभी गांवों में पानी भर गया है। इसके अलावा, कुछ आवासीय क्षेत्रों जैसे विकास विहार, अग्रसेन नगर, कीर्ति नगर, शंकर पार्क, गणेश विहार, और सत्संग विहार के साथ-साथ टांगरी बांध से सटे क्षेत्रों में भी जलभराव की समस्या रही। हलका धन्यौरा और ठरवा माजरी के गांवों में टांगरी नदी का पानी खेतों में घुस गया। खोजकीपुर, प्रधान, नगल, सरसाहेड़ी, सलरेहड़ी, माजरी, धन्यौरा, मोहड़ा, बब्याल, और बाड़ा गांवों के खेतों में भी पानी भर गया है, इसके अलावा, टैगोर गार्डन, पूजा विहार, प्रभु प्रेम आश्रम, ईस्ट सोनिया कॉलोनी, कमल कॉलोनी, करधान, और अर्जुन नगर जैसे इलाकों में भी जलभराव रहा। अंबाला शहर में ये क्षेत्र रहे प्रभावित शहर के कई रिहायशी इलाकों में पानी घरों में घुस गया, इनमें भानोखेड़ी, सोंतली, मलौर, सपेरा, केसरी, गोला, गगनेहरी, पपलोथा, महताबगढ़, अलापुर, लांडा, हलदरी, राजौली, हेमा माजरा, मुलाना, बुधियों, शेरपुर, और सुलखनी शामिल हैं। इन्को चौक अंडरपास, मनमोहन नगर, कपड़ा मार्केट, और टीवी अस्पताल रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर भी जलभराव रहा। बराड़ा और मुलाना में ये क्षेत्र डूबे बराड़ा और मुलाना तहसील के खेतों में जलभराव की समस्या है। सैहला, सरदाहेड़ी, डुलियानी, गगनपुर, होली, मुलाना, घेलड़ी, हेमामाजरा, उगाला, … Read more

विपक्ष का सरकार पर दबाव: हरियाणा में टूटी फसल, मकान और दुकानों का मुआवजा चाहिए

चंडीगढ़ हरियाणा में विपक्ष ने वर्षा से खराब हुई फसल, टूटे मकान और दुकानों का मुआवजा देने की आवाज उठाई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पंजाब के बाद लगभग पूरा हरियाणा भी अब बाढ़ और जलभराव की चपेट में आ चुका है। गांव, खेत, गलियां, सड़कें, हाईवे और शहर सब जलमग्न हो गए हैं। तमाम प्रभावित लोग सरकारी मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं। सरकार को तुरंत विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू कर फसलों को हुए नुकसान का 100 प्रतिशत मुआवजा देना चाहिए। साथ ही मकानों व दुकानों को हुए नुकसान का मुआयना कर जल्द मुआवजे का ऐलान करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार सक्रिय होकर बाढ़ प्रभावित स्थानों पर राहत कार्य शुरू कराए। अब तक जो भी कार्य किए जा रहे हैं, वे नाकाफी हैं, जिसके चलते जलभराव लगातार बढ़ता जा रहा है। भूपेंद्र हुड्डा ने चंडीगढ़ में जारी एक बयान में कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में कांग्रेस के तमाम नेता, कार्यकर्ता, विधायक और सांसद लगातार अपनी क्षमतानुसार राहत कार्यों में लगे हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि जो भी जमीनी जानकारी कांग्रेसजन प्रशासन तक पहुंचाएं, उसका तुरंत संज्ञान लेते हुए मुस्तैदी के साथ समाधान किया जाए। हुड्डा ने तमाम सक्षम लोगों से भी आगे आकर हाथ बंटाने की अपील की है। तमाम लोग आर्थिक या राहत सामग्री के तौर पर बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद कर सकते हैं। मुश्किल की इस घड़ी में एक-दूसरे का साथ देना ही इंसानियत और भाईचारा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अधिक बारिश होने की संभावना है, जो चिंता बढ़ाने वाली बात है। इससे निपटने के लिए सरकार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल निकासी के लिए वाटर पंप, मोटर और जनरेटर की व्यवस्था तुरंत करनी चाहिए। साथ ही लोगों के लिए खाने के सामान व पीने के पानी की सप्लाई सुनिश्चित करें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की व्यवस्था की जाए।

रेवाड़ी में स्कूल सुरक्षा बढ़ाई, नियम तोड़े तो मिलेगी सख्त सजा

रेवाड़ी  जिले में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी (DCPO) दीपिका यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी प्ले स्कूलों, निजी और सरकारी विद्यालयों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बाल सुरक्षा से संबंधित अनिवार्य व्यवस्थाओं का सख्ती से पालन किया जाए। यह कदम हाल ही में सामने आई एक गंभीर घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें विद्यालय परिवहन सेवा से जुड़े एक कर्मचारी पर नाबालिग बच्ची के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगा। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि संबंधित विद्यालय ने न तो अपने स्टाफ का पुलिस सत्यापन कराया था और न ही स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे या महिला अटेंडेंट की व्यवस्था की गई थी। DCPO के आदेशों के अनुसार, ''सभी ड्राइवर, कंडक्टर और गैर-शिक्षण स्टाफ का पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। प्रत्येक स्कूल बस/वैन और स्कूल परिसर में CCTV कैमरे लगाए जाएं और रिकॉर्डिंग कम से कम 30 दिन तक सुरक्षित रखी जाए। प्रत्येक स्कूल वाहन में महिला अटेंडेंट या एस्कॉर्ट की नियुक्ति अनिवार्य होगी। स्कूलों में चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी (Child Protection Policy) लागू की जाए और शिकायत पेटी व हेल्पलाइन नंबर की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। किसी भी घटना की सूचना तुरंत पुलिस, बाल कल्याण समिति (CWC) और DCPO को दी जाए। सभी प्ले स्कूलों का पंजीकरण NCPCR के सरल पोर्टल पर अनिवार्य किया जाए। DCPO दीपिका यादव ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी विद्यालय द्वारा इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना की गई, तो उसके खिलाफ POCSO एक्ट, जेजे एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल इन सुरक्षा मानकों का पालन करें और उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं की अनदेखी गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है और दोषी संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

6 सितंबर तक स जिले में सभी स्कूल रहेंगे बंद, भारी बारिश को देखते हुए लिया फैसला

सिरसा  सिरसा जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और जलभराव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी सिरसा द्वारा जारी आदेशानुसार, उपायुक्त के निर्देश पर जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल 5 और 6 सितंबर को बंद रहेंगे।  आदेश में कहा गया है कि यदि मौसम सामान्य रहा तो विद्यालय 8 सितंबर से नियमित रूप से खुल जाएंगे। जिला शिक्षा विभाग ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इस फैसले से विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।