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बंगाल में TMC के गुंडों ने BJP सांसद को पीटा, गजेंद्र सिंह बोले: महिलाएं भी असुरक्षित

बीकानेर राजस्थान के बीकानेर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने बयान दिया है। सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर देशभर में आक्रोश है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि रात में लड़कियों को कॉलेज के बाहर नहीं जाना चाहिए। इस बयान ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील करार दिया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने ममता सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि राज्य में न रात में कोई सुरक्षित है और न ही दिन में, और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध इस बात का प्रमाण हैं। गजेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए ममता बनर्जी का यह बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि इससे यह संदेश जाता है कि पीड़ितों को अपने आप को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी, जबकि अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडों द्वारा भाजपा सांसद पर हाल ही में हमला किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, और इस तरह की अराजक परिस्थितियों में महिलाओं का असुरक्षित होना और उनके साथ दुराचार होना आम बात बन गई है। गजेंद्र सिंह ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की होती, तो यह स्पष्ट संदेश जाता कि भविष्य में कोई भी अपराध करने से पहले सोचेगा। गजेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र में ममता बनर्जी के इस बयान का जवाब अगले चुनाव में वहां की माताएं, बहनें और बेटियां निश्चित रूप से देंगी। वे कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी को श्रद्धांजलि देने बीकानेर पहुंचे थे।

उपचुनाव से पहले सुरक्षा समीक्षा: झारखंड पुलिस ने पड़ोसी राज्यों के साथ की बैठक

रांची झारखंड में 11 नवंबर को होने वाले घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा प्रबंधों को अंतिम रूप देने में पुलिस सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में आईजी अभियान ने बीते शुक्रवार को रांची स्थित पुलिस मुख्यालय सभागार में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक अहम समीक्षा बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में चुनाव से पहले सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत बनाना था। बैठक में तीनों राज्यों के बीच अंतररज्यीय समन्वय को बढ़ावा देने और संयुक्त कारर्वाई पर जोर दिया गया। विशेष रूप से अवैध शराब, मादक पदार्थों, अवैध हथियारों और अवैध धन की आवाजाही को रोकने की रूपरेखा पर चर्चा हुई। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में मिरर चेक पोस्ट स्थापित करने और उनकी सक्रियता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र के आसपास के जिलों जैसे पश्चिम बंगाल के झारग्राम और पुरुलिया तथा ओडिशा के मयूरभंज में विशेष मिरर चेक पोस्ट बनाए जाएंगे और उन्हें चौबीसों घंटे सक्रिय रखा जाएगा। यह कदम न सिर्फ अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा, बल्कि सीमा पार से अपराधियों और नक्सलियों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखने में सहायक होगा। बैठक में अंतररज्यीय वांछित अपराधियों, वारंटियों और हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई करने और खुफिया जानकारी साझा करने पर भी सहमति बनी। इससे प्रभावी और तेज पुलिसिया कार्रवाई सुनिश्चित होगी और संगठित अपराधियों की सक्रियता को कम करने में मदद मिलेगी। इन सभी तैयारियों का उद्देश्य उपचुनाव के दौरान एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है, ताकि सभी मतदाता भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।  

सांसद मुर्मू पर पथराव से हमला, भाजपा प्रतिनिधिमंडल पर पश्चिम बंगाल में बरसी हिंसा

जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारतीय जनता पार्टी सांसद खागेन मुर्मू पथराव में घायल हो गए हैं। खास बात है कि भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल पहुंचा था। पार्टी ने राज्य में सत्तारूढ़ TMC यानी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं और कहा है कि राहत कार्य करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, 'बंगाल में टीएमसी का जंगल राज। भाजपा सांसद खगेन मुर्मू एक सम्मानित आदिवासी नेता हैं और वह उत्तर मालदा से दो बार सांसद रहे हैं। जब वह भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बाद जलपाईगुड़ी के दुआर क्षेत्र में मौजूद नगरकाटा जा रहे थे, तो टीएमसी के गुंडों ने उनपर हमला कर दिया।' उन्होंने लिखा, 'ममता बनर्जी कोलकाता कार्निवल में डांस कर रही हैं, तो वहीं टीएमसी और राज्य प्रशासन गायब है। असल में लोगों की मदद कर रहे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर राहत कार्य करने के लिए हमले किए जा रहे हैं। यह टीएमसी का बंगाल है, जहां क्रूरता का राज है और दया को सजा मिलती है।' उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री बांटने गए बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू और विधायक डॉ. शंकर घोष पर हमले की खबर है. बीजेपी नेताओं ने इस हमले के पीछे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों का हाथ होने का आरोप लगाया है. बीजेपी विधायक डॉ. शंकर घोष ने आरोप लगाया कि नागराकाटा में राहत सामग्री बांटने के दौरान भीड़ ने पत्थरबाजी कर दी, जिसमें मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू के सिर पर चोट लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि हमले के दौरान पुलिस मौजूद थी, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने फोन कर मुर्मू का हालचाल जाना है. सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को घेरा इस घटना के बाद बीजेपी नेताओं ने केंद्र सरकार और राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है. बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी घबराई हुई हैं. जब उत्तर बंगाल बाढ़ और भूस्खलन की त्रासदी झेल रहा था, तब वह कोलकाता कार्निवाल में सेलिब्रिटीज के साथ नाच रही थीं. जनता ने उनके इस अमानवीय व्यवहार को नापसंद किया है. अब उन्होंने ‘स्पेशल कम्युनिटी’ के गुंडों को बीजेपी सांसदों और विधायकों पर हमला करने के लिए उकसाया है ताकि वे राहत कार्य न कर सकें. सांसद खगेन मुर्मू पर नागराकाटा में बर्बरतापूर्वक हमला किया गया.’ वहीं प्रदीप भंडारी ने इसे ‘टीएमसी का आतंक’ करार देते हुए कहा कि ‘ममता बनर्जी जहां कोलकाता कार्निवाल में व्यस्त थीं, वहीं बीजेपी नेता और कार्यकर्ता राहत पहुंचाने निकले और उन पर हमला कर दिया गया.’ इस हमले के बावजूद बीजपी नेताओं ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत अभियान जारी रखने का संकल्प लिया है. उत्तर बंगाल में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. यहां अचानक बाढ़ और भूस्खलन से जानमाल का खासा नुकसान हुआ है. उत्तर बंगाल में वर्षा जनित आपदा में 22 लोगों की जान जा चुकी है.

पश्चिम बंगाल में SIR का श्रीगणेश, भर्ती प्रक्रिया शुरू, तैयारियों में तेजी

कलकत्ता पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की तीखी आलोचना करने के बावजूद राज्य में यह कवायद जल्द ही शुरू हो रही है. निर्वाचन आयोग ने इसका श्रीगणेश कर दिया है. आयोग के निर्देश पर राज्य प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओएस) की नियुक्ति का निर्देश दिया है. बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की लंबित नियुक्ति को भी निश्चित समय सीमा में भरने को कहा गया है. राज्य प्रशासन को यह निर्देश पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यानी सीईओ मनोज अग्रवाल के पत्र के जरिए दिया गया है. इसमें राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को ईआरओएस और एईआरओएस के सभी रिक्त पदों को भरने के लिए कहा गया है. सीईओ अग्रवाल ने इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) या डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) को भी इस बाबत पत्र भेजा है. राज्य में बूथ लेवल ऑफिसर्स यानी बीएलओ की भर्ती प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. इसे शुक्रवार तक पूरा करना है. 'एसआईआर के लिए तैयार रहें' अगले चुनाव के लिए बनाई जा रही व्यवस्था के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 80,000 मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 95,000 से अधिक हो जाएगी. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन पत्रों का उद्देश्य बंगाल में एसआईआर शुरू करने के लिए तैयार रहना है. जब भी निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा करे काम तत्काल आगे बढ़े. इसीलिए मुख्य सचिव ने सभी डीएम के साथ बैठक में सभी ईआरओ और एईआरओ को नियुक्त करने का आदेश दिया है. शुक्रवार तक पूरी करनी होगी बीएलओ भर्ती की प्रक्रिया राज्य के सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि ईआरओ पदों पर डिप्टी मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए. आमतौर पर एसडीओ (उप-विभागीय अधिकारी) स्तर के अधिकारियों को ईआरओएस के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए. हालांकि, यदि उस स्तर का कोई अधिकारी उपलब्ध न हो, तो वरिष्ठ डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को ईआरओ को भी ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. वर्तमान में राज्य भर में एईआरओ के 610 पद रिक्त हैं. इनके लिए भर्ती प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जानी है. बीएलओ भर्ती की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. इसे शुक्रवार तक पूरा करना है. उसके बाद 95,000 मतदान केंद्रों, बीएलओ पर्यवेक्षकों के इन पदों पर भर्ती और 'रिजर्व' की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.  बिहार में दूसरे चरण के सिर्फ चार दिन बाकी इस बीच, बिहार में मतदाता सूची के दूसरे चरण के समापन में केवल चार दिन शेष रह गए हैं. राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राजद ने तीन शिकायतें दर्ज कराकर इस प्रक्रिया में प्रवेश कर लिया है. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि कुल 1.95 लाख आवेदन मतदाताओं से प्राप्त हुए हैं, जिनमें सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के 79 आवेदन शामिल हैं.  उन्होंने बताया कि ईसीआई को व्यक्तिगत मतदाताओं से प्राप्त कुल 1,95,802 आवेदनों में से 24,991 का निपटारा ईआरओ द्वारा किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि दावे और आपत्तियां की अवधि, जो 1 अगस्त को शुरू हुई थी, 1 सितंबर तक सक्रिय रहेगी. सिर्फ सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और आरजेडी ने दर्ज कराईं शिकायतें   अधिकारियों ने बताया कि सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और आरजेडी ही दो राजनीतिक दल हैं जिन्होंने अब तक मसौदा सूची से संबंधित 82 शिकायतें दर्ज करते हुए आपत्तियां दर्ज कराई हैं. उन्होंने आगे बताया कि बार-बार अपील के बावजूद, अन्य राजनीतिक दलों ने संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया है.  उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से अब तक 8,51,788 नए मतदाताओं ने, जो एसआईआर के शुरू होने के बाद 18 वर्ष के हो गए हैं, नामावलियों में शामिल होने के लिए आवेदन किया है और उनमें से 37,050 फार्मों का निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा निपटारा किया जा चुका है.