samacharsecretary.com

पटना से दिल्ली तक BJP में हलचल, 18 से अधिक MLA के टिकट पर भारी विवाद

पटना  बिहार में एनडीए आगामी विधानसभा चुनावों (Bihar Elections) की तैयारी में जोरों से लगा है। इस बीच, सत्ता के गलियारे से एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इस बार भाजपा (BJP) के 18 से ज्यादा विधायकों के टिकट पर संकट मंडरा रहा है। पार्टी सूत्रों ने बिहार में कई भाजपा विधायकों के टिकट (BJP Ticket Strategy) कटने का संकेत दिया है। माना जा रहा है कि भाजपा चुनाव में इस बार ऐसे विधायकों को मैदान में उतारने से बच रही है, जिनके खिलाफ क्षेत्र में विरोध की भावना है। 6 अक्टूबर के बाद हो सकती है उम्मीदवारों की घोषणा साथ ही यह जानकारी भी सामने आ रही है कि पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है। जिसकी औपचारिक घोषणा 6 अक्टूबर के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम जारी करने के बाद होने की संभावना है। बिहार भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का हवाला हुए 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने 145-150 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर विस्तार से चर्चा की है। इनमें बेतिया, समस्तीपुर, अररिया और सीमांचल क्षेत्र की कई सीटें शामिल हैं। बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा सीवान, सोनपुर, राघोपुर, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, भागलपुर, दानापुर और मनेर सहित लगभग 35 क्षेत्रों में मामूली अंतर से हारी थी। मनेर सीट से निखिल को मिल सकता है टिकट राघोपुर से फिलहाल बिहार में विपक्ष के नेता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव विधायक हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मनेर सीट से निखिल आनंद को चुनाव लड़ाने की तैयारी है। वह भाजपा के राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के महासचिव हैं। पिछले चुनाव में भी भाजपा ने निखिल को इस सीट से उतारा था। नए चेहरों का मिल सकता है मौका फिलहाल मनेर सीट से राजद के भाई बीरेंद्र विधायक हैं। निखिल भाजपा का टिकट मिलने से पहले ही क्षेत्र में लगातार जन-संपर्क अभियान चला रहे हैं। वहीं, भाजपा के अंदर यह भी चर्चा है कि क्षेत्र में जिन मौजूदा विधायकों के खिलाक लहर, उनकी जगह पर पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। यह भी माना जा रहा है कि भाजपा इस बार नारी-शक्ति और युवा-शक्ति को ध्यान में रखते हुए टिकटों का बंटवारा कर सकती है। बिहार में अधिकांश सीटों पर महिलाओं और युवाओं को भाजपा कैंडिडेट बना सकती है। बिहार चुनाव के लिए ये है रणनीति भाजपा सूत्रों का यह भी दावा है कि इस बार बिहार चुनाव में भाजपा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मॉडल को फॉलो कर सकती है। राज्य चुनाव में भाजपा इस बार मौजूदा और पूर्व सांसदों को भी मैदान में उतारने का विचार कर रही है। सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राम कृपाल यादव व आरके सिंह जैसे पूर्व सांसदों को इस बार विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है। मंगल पांडे सहित राज्य के कई मंत्रियों को भी उनके क्षेत्र से मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है।

भाजपा पंजाब में विवाद: बड़े नेता के भाई पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई

लुधियाना  थाना पीएयू की पुलिस ने बीजेपी के पूर्व प्रधान राजेंद्र भंडारी के भाई सहित तीन लोगों के खिलाफ साजिश तहत धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए जांच अधिकारी अमरीक सिंह ने बताया कि ये कार्रवाई शिकायतकर्ता संजीव गर्ग पुत्र धर्मपाल गर्ग वासी संत नगर कॉलेज रोड ने शिकायत के आधार पर की गई है। उन्होंने बताया कि संजीव गर्ग ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई थी कि उपेंद्र जीत कौर वासी सराभा नगर, शशि इंदर सिंह वासी शास्त्री नगर और राजकुमार भंडारी वासी बी.आर.एस. नगर ने साजिश तहित धोखाधड़ी करते हुए प्लाट की गलत रजिस्ट्री करवाई है। इसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की गई और जांच करने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

रामशंकर कठेरिया का सियासी कनेक्शन, BJP की दलित नेता पर नजर: यूपी अध्यक्ष पद की संभावनाएं

लखनऊ  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में लगातार देरी हो रही है। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में अध्यक्ष का चुनाव पहले होगा और उसके बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मुहर लगेगी। इस बीच यूपी भाजपा अध्यक्ष को लेकर भी कयास जोरों पर हैं। शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस मसले पर कुछ भी कहा नहीं जा रहा है, लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच कई नामों पर चर्चा है। चर्चा है कि पार्टी की ओर से किसी ब्राह्मण, ओबीसी या फिर दलित नेता के नाम पर मुहर लग सकती है। लेकिन पूरा जोर इस बात पर है कि ऐसे लीडर पर सहमति बनाई जाए, जो वैचारिक रूप से मजबूत हो और आरएसएस के बैकग्राउंड वाला हो। ऐसे ही एक नेता रामशंकर कठेरिया का नाम भी फिलहाल चर्चा में है। उनकी दावेदारी इसलिए मजबूत मानी जा रही है क्योंकि वह यूपी में गुटबाजी से परे हैं और इटावा के रहने वाले दलित नेता हैं। वह इटावा के सांसद रहे हैं और फिलहाल किसी अहम जिम्मेदारी से दूर हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर संगठन को मजबूत किया जा सकता है। उनके पक्ष में यह है कि वह इटावा के ही रहने वाले हैं, जहां से समाजवादी पार्टी का उभार हुआ था। इटावा, मैनपुरी, एटा समेत आसपास के कई जिलों को सपा का गढ़ माना जाता है। इसलिए यदि वह यादव बेल्ट में संगठन को मजबूत करते हैं तो बड़ी सफलता होगी। इसके अलावा पूरे प्रदेश में नैरेटिव को मजबूत करने में भी सफलता मिलेगी। सपा की ओर से पीडीए का दांव चला जा रहा है। लोहियावादियों और आंबेडकरवादियों को वह साथ लाना चाहती है। ऐसी स्थिति में भाजपा चाहेगी कि दलित लीडर को मौका देकर सपा के प्रचार को कमजोर किया जाए। कठेरिया के पक्ष में यह बात भी है कि वह 13 सालों तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। दलित चेतना पर उनका लंबा अध्ययन रहा है और वह हिंदी के प्रोफेसर के तौर पर आगरा में पढ़ा चुके हैं। इस तरह इटावा से लेकर आगरा तक वह मजबूत उपस्थिति रखते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वी यूपी से हैं तो वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य प्रयाग क्षेत्र से आते हैं। इसके अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लखनऊ का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस लिहाज से कठेरिया को बनाकर भाजपा यादव बेल्ट में सेंध मारना चाहेगी। उनके पास संगठन का अनुभव भी है क्योंकि वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं। केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी वह थे। फिलहाल उनके अनुभव के लिहाज से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर उन्हें बिठा सकती है।

रीवा में BJP ने बनाई नई टीम, ब्राह्मण नेतृत्व को बढ़ावा, महिलाओं को मिली जगह

रीवा  मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर रही है। 62 संगठनात्मक जिलों में से अब तक 30 से ज्यादा जिलों की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी है। अब रीवा के लिए अपनी नई जिला स्तरीय नेतृत्व टीम को घोषित कर दिया है। यह कदम आने वाले समय की राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। चुनौतियों के पहले संगठनात्मक ताकत को मजबूत किया जा सके। इन नियुक्तियों को बीजेपी प्रेदश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने मंजूरी दी। इसकी औपचारिक घोषणा रीवा बीजेपी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने की। उन्होंने बताया कि यह टीम अनुभवी नेताओं और युवा चेहरों का मिश्रण है, जिसका मकसद जिले में पार्टी की पकड़ और मजबूत करना है। इनको मिली जिम्मेदारी पार्टी ने एक बयान में कहा कि इस घोषणा में सात जिला उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, सात सचिव और दो वित्त संबंधी पद शामिल हैं। उपाध्यक्षों में प्रबोध व्यास, मनीषा पाठक, अशोक सिंह गहरवार, शरद साहू, राजेश प्रताप सिंह, मनीष चंद्र शुक्ला और संध्या कोल (गौटिया) को जिम्मेदारी दी गई है। ये बनाए गए महासचिव नियुक्त महासचिवों में उमाशंकर पटेल, विवेक गौतम और जीवनलाल साकेत शामिल हैं। वहीं, सचिवों में कल्पना पटेल, रविराज विश्वकर्मा, प्रणेश ओझा, गीता मांझी, बृजेंद्र गौतम, सुमन शुक्ला और बाबूलाल यादव शामिल हैं। वित्त विभाग में वासुदेव थारवानी को जिला कोषाध्यक्ष और अलकनरायन केशरवानी को सहायक कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 5 महिलाओं को भी मिली जिम्मेदारी इस कार्यकारिणी में पांच महिला नेताओं मनीषा पाठक, संध्या कोल, कल्पना पटेल, गीता मांझी और सुमन शुक्ला को भी शामिल किया गया है। इससे साफ होता है कि भाजपा महिला नेतृत्व और लैंगिक संतुलन पर जोर दे रही है। जिला अध्यक्ष ने किया संबोधित जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि नई टीम का गठन प्रदेश नेतृत्व की सहमति से किया गया है। उम्मीद है कि नई कार्यकारिणी अनुशासन बनाए रखते हुए पार्टी के कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और संगठन की पकड़ मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवनियुक्त पदाधिकारी पार्टी के मूल्यों को बनाए रखेंगे और क्षेत्र में पार्टी के विकास में सार्थक योगदान देंगे। नई टीम का गठन ऐसे समय में हुआ है जब प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ रही है। भाजपा का यह कदम आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर अपनी संगठनात्मक तैयारी को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

पीडीए की एकता पर अखिलेश यादव का बयान: जाति ही हमारी ताकत, भाजपा घबराई

लखनऊ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जाति हमारा इमोशनल कनेक्ट है। पिछड़ों को जाति के आधार पर आरक्षण दिया गया है। मंडल कमीशन की प्रस्तावना में ये बात आई कि हम जाति के आधार पर पिछड़े हैं तो हमें आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की एकता से घबरा गई है। जबसे हमने अलग-अलग विभागों में पीडीए की तैनाती के आंकड़े जारी किए हैं तब से भाजपा घबरा गई और लोगों को अपमानित कर रही है। अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने योगी सरकार के आदेश कि एफआईआर, अरेस्ट वारंट या किसी भी दस्तावेज पर जाति नहीं लिखी जाएगी के आदेश पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हरिजन एक्ट तो जाति पर ही बना है। जिन लोगों ने गंगाजल से मकान को धुलवाया उन पर कार्रवाई हुई क्या? मैं जिस मंदिर में गया था उसके पंडित के मना करने पर भी भाजपा के लोगों ने मंदिर को धुलवाया। उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा क्यों किया? पीडीए को अब समाजवादी पार्टी पर भरोसा है। भाजपा ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। विधायक मंच से बोल रहे हैं कि 10 प्रतिशत कमीशन है उस पर बोलेंगे नहीं और हमें क्रीम, पाउडर और शैंपू में उलझा रहे हैं। हम भी बाजार जाएंगे। कहा कि जो लोग ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं उन्हीं से बात की जा रही है। अखिलेश यादव ने सपा में शामिल होने वाले सुधीर चौहान, पूर्व विधायक चौधरी अमर सिंह, विद्यासागर और लालजी भारती (बसपा से आए हैं) का स्वागत किया। किसानों के साथ अन्याय की कीमत पर विकास का समर्थन नहीं करते अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग षडयंत्र करते हैं और किसानों से उनकी जमीन जबरदस्ती ले लेते हैं। किसानों से धोखा करने का रास्ता विकास का रास्ता नहीं हो सकता है। ये लोग जो कानून हैं उन कानून की परवाह ना कर करके, दबाव बनाकर,  झूठे मुकदमें लगाकर, जमीन छीनने का काम करते हैं और ये सिलसिला चल रहा है। हम लोग इसका विरोध करते हैं और जब हमारी सरकार आएगी तो किसानों को सर्किल रेट बढ़ाकर मुआवजा दिया जाएगा। किसानों के साथ अन्याय की कीमत पर विकास को सही नहीं ठहराया जा सकता। 

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने प्रियंका गांधी के बिहार दौरे पर साधा निशाना बोले – ‘बस टहलने आई हैं’

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी राज्य का दौरा करेंगी। भाजपा ने प्रियंका के आगामी बिहार दौरे पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ ‘टहलने’ के लिए बिहार आ रही हैं। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कांग्रेस शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा, प्रियंका गांधी यहां ‘टहलने’ आएं, अब बिहार ने बहुत तरक्की कर ली है। कांग्रेस के ‘जमाने’ में बिहार की हालत ऐसी थी कि गाड़ियां-मोटरसाइकिल यहां बहुत कम थीं, फिर भी पटना में भयंकर ट्रैफिक जाम लगता था। अब वे जब आएंगी तो बेहतरीन फ्लाइओवर ट्रैफिक सुविधाओं से युक्त बिहार देखेंगी, जिसे देखकर उन्हें अच्छा लगेगा। सांसद जायसवाल ने प्रियंका को सलाह देते हुए कहा, “मैं उनसे यही कहूंगा कि वे बापू सभागार जरूर जाएं, जहां नीतीश कुमार ने देश का सबसे बड़ा इंडोर ऑडिटोरियम बनवाया है, वहां जाकर वे नीतीश सरकार की तरक्की देखें। उन्हें पटना म्यूजियम भी घूमना चाहिए। बिहार पर्यटन का शानदार स्थल बन गया है। प्रियंका अभी एक दिन के लिए आ रही हैं, तो पटना घूमकर ही वापस लौटें।” बिहार में महागठबंधन द्वारा ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ पेश किए जाने पर सांसद जायसवाल ने हमला बोला। उन्होंने कहा, घोषणापत्र बिहार के सभी नागरिकों के लिए होता है, जिसे संपूर्ण समाज के लिए एक साथ जारी किया जाता है। लेकिन, जिन लोगों की दिलचस्पी समाज को बांटने और विभाजन में हो, जिन्होंने जीवन में कुछ नहीं किया, वे ही अलग-अलग फर्जी घोषणापत्र जारी करते हैं, जिसमें झूठी बातें लिखी होती हैं। संजय जायसवाल ने बिहार की महिलाओं के लिए शुक्रवार के दिन को खास बताया। ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार’ योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, शुक्रवार का दिन बहुत खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिलकर हर परिवार की हर महिला को 10,000 रुपए देंगे। पहले ही दिन इस योजना से 70 लाख परिवारों को फायदा होगा। एनडीए सरकार जो कहती है, उसे पूरा जरूर करती है।  

धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी गई बिहार की जिम्मेदारी, BJP ने बनाया चुनाव प्रभारी

नई दिल्ली बिहार चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए अपनी चाल चल दी है. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे अहम सियासी राज्यों के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की घोषणा की है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनाव प्रभारी बनाया है. यह नियुक्ति बिहार में एनडीए की मजबूती को बढ़ावा देने के लिए अहम मानी जा रही है. बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है. धर्मेंद्र प्रधान के साथ सह-प्रभारी के रूप में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और गुजरात BJP के पूर्व अध्यक्ष सीआर पाटिल को नियुक्त किया गया है. भाजपा के लिए धर्मेंद्र प्रधान का चयन इसलिए खास है क्योंकि वे ओडिशा से आते हैं और पहले भी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में चुनावी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. भाजपा सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र प्रधान की रणनीतिक क्षमता और संगठनात्मक कौशल बिहार में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को चुनौती देने में कारगर साबित होगा. हालांकि, बिहार में NDA पहले से सत्ता में है, मगर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की यात्राओं से माहौल थोड़ा बदला है. ऐसे में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि अच्छा-खासा सियासी अनुभव रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान को बिहार फतह करने की जिम्मेदारी दी गई है. बंगाल में किसे कमान? पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी बनाया गया है, जबकि त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब सह-प्रभारी होंगे. पश्चिम बंगाल में टीएमसी की मजबूत पकड़ को तोड़ने के लिए BJP की यह रणनीति अगम है. वैसे भी अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हैं. 2026 में होने वाले चुनावों में भूपेंद्र यादव की भूमिका अहम होगी. भूपेंद्र यादव के पास भी अच्छा खासा संगठनात्मक अनुभव है. वहीं, बिप्लब देब का अनुभव पूर्वोत्तर राज्यों से बंगाल की राजनीति को मजबूत करेगा. तमिलनाडु का प्रभारी कौन? तमिलनाडु के लिए BJP ने ओडिशा से सांसद बैजयंत पांडा को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जबकि महाराष्ट्र से सांसद मुरलीधर मोहोल सह-प्रभारी होंगे. पश्चिम बंगाल की तरह तमिलनाडु में भी साल 2026 में विाधानसभा चुनाव हैं. अगले साल होने वाले चुनाव के लिए भाजपा DMK-AIADMK के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर काम कर रही है. पांडा की नियुक्ति दक्षिण भारत में भाजपा की विस्तार योजना का हिस्सा है. हाल ही में BJP की कोर कमिटी मीटिंग में 2026 चुनाव रणनीति पर चर्चा हुई, जिसमें जिला स्तर के प्रभारियों की नियुक्ति और गठबंधन वार्ता शामिल थी.

पंडित दीनदयाल जी की 109 वीं जयंती पर माल्यार्पण,पुष्पांजलि सभा का आयोजन

रायपुर  जवाहर नगर मंडल द्वारा 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 109 वीं जयंती मंडल के वार्डो में बूथ स्तर पर मनाई गई। इस अवसर पर आज सुबह 10 बजे तात्यापारा वार्ड क्र 36 स्थित श्री दुलार धर्म शाला बढ़ई पारा मुख्य मार्ग पर पंडित दीनदयाल जी की छायाचित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें जवाहर मंडल के पदाधिकारी,कार्यकर्ता गण,एवं वार्ड वासी शामिल होकर सभी ने पंडित दीनदयाल उपाध्यक्ष जी को याद कर पुष्पांजलि अर्पित की। जयंती के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व साभापति,लौह शिल्पकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि पंडित दीनदयाल का मूल मंत्र कार्यकर्ताओं का सम्मान था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्मक मानववाद के संस्थापक थे। जनसंघ की संस्थापक सदस्य में एक थे। वह जनसंघ के महासचिव और अध्यक्ष भी बनाए गए। तात्यापारा वार्ड की पार्षद एवं जोन 7 की अध्यक्ष श्रीमती श्वेता विश्वकर्मा द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। आज के कार्यक्रम में विशेष रूप से लौह शिल्पकार मंडल के अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा, तात्यापारा वार्ड की पार्षद एवं जोन 7 की अध्यक्ष श्रीमती श्वेता विश्वकर्मा,इंदिरा गांधीं वार्ड के पार्षद एवं mic सदस्य श्री अवतार सिंह बागल,पूर्व जिला अध्यक्ष श्री राजेश पांडे, जवाहर नगर मंडल अध्यक्ष श्री संदीप जंघेल,भाजपा जिला से असगर अली,मनोज विश्वकर्मा मंडल महामंत्री श्री रमेश शर्मा,गीता रेड्डी,रिखी राम श्रीवास,कान्हा सिंह ठाकुर,सूरज शर्मा,शंकर शर्मा,नीलू तलमेल,दिनेश अग्रवाल,संतोष निहाल,राहुल विश्वकर्मा,पूनम सोनी,प्रियंका साहू,सरोज गुरुगोसाई,विजय सोनी,दीप लक्ष्मी साहू,कुशल गेडेकर,मीडिया प्रभारी प्रणीत जैन के साथ दर्जनों मोहल्ला वासी और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सीट शेयरिंग पर सस्पेंस खत्म, JDU निभाएगी बिहार में बड़े भाई की भूमिका

  पटना  बिहार में विधानसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय है. कहा जा रहा है कि JDU 102 सीटों पर, भाजपा 101 और चिराग की पार्टी एलजेपी (आर) 20 (बाद में 1 एक एमएलसी , एक राज्यसभा मिल सकता है) सीटों पर चुनाव लड़ेगी, हम-RLM को 10-10 सीटें. मिल सकती हैं. कहा जा रहा है कि इसमें एक दो सीट घट या बढ़ सकता है कुछ सीटों की अदला बदली हो सकती हैं. हाल ही में मंत्री संतोष सुमन ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि बस दस दिनों में सीटों का बंटवारा हो जाएगा. चिराग पासवान के सम्मानजनक सीटों की डिमांड और गठबंधन में रहने के सवाल पर कहा कि सबको सम्मानजनक सीटें मिलेंगी. किसी के नाराज होने की बात नहीं है. पटना में होने वाली कांग्रेस की बैठक पर संतोष सुमन ने कहा कि- कांग्रेस को समझ में आ गया है कि पिछलग्गू बनने से काम नहीं चलेगा. क्रेडिट मिलेगा तो एक ही पार्टी को मिलेगा. अगर चिंतन करने के बाद कांग्रेस को सद्बुद्धि आई है तो मैं उनका स्वागत करता हूं. कांग्रेस बहुत बड़ी पार्टी रही है और मुझे लगता है कि पहली बार उनकी बैठक हो रही है. उनके बड़े-बड़े नेता आएंगे. ज्यादा सीटों की डिमांड बता दें कि, बता दें कि, बीते दिनों केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी मुखिया जीतनराम मांझी ने ज्यादा सीटों की डिमांड की थी. जिसमें उन्होंने हम पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड कराने का हवाला देते हुए सीटों की मांग की थी. उनके साथ ही एनडीए के अन्य घटक दलों में भी सीटों की डिमांड को लेकर खींचतान थी. ऐसे में हर किसी की नजर सीटों के बंटवारे पर टिकी हुई है. जिस पर एनडीए जल्द ही औपचारिक घोषणा कर सकता है. पिछला चुनाव साल 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल जेडीयू ने कुल 243 विधानसभा सीटों में 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इस चुनाव में भी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की अहम भूमिका में थी. तब जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (सेक्युलर) को सात सीटें मिली थी. बीजेपी के साथ गठबंधन में रही मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.  

बगावत खत्म! गुरुग्राम के 7 पार्षद BJP में शामिल, जिलाध्यक्ष को किया दरकिनार

गुरुग्राम  गुरुग्राम में पूर्व डिप्टी मेयर परमिंद्र कटारिया समेत सात पार्षदों को BJP जॉइन करा राव इंद्रजीत ने विरोधियों को पटकनी दी है। गुरुग्राम में नगर निगम चुनाव में भाजपा से बागी होकर जीतने वाले 7 पार्षदों ने फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया है। इनमें से पांच पार्षद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कट्‌टर समर्थक माने जाते हैं। चंडीगढ़ में कबीर कुटीर में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई वापसी।  इस घटना ने गुरुग्राम नगर निगम की सियासत में नए समीकरण बनाए हैं और राव इंद्रजीत की स्थिति को और मजबूत किया है। वापसी करने वाले पार्षदों में वार्ड 35 से परमिंद्र कटारिया, प्रदीप परम, वार्ड 10 से महावीर यादव, दिनेश दहिया, अवनीश राघव, पार्षद प्रतिनिधि प्रशांत भारद्वाज और गगनदीप किरोड़ के नाम शामिल हैं। इनमें से भाजपा ने परमिंद्र कटारिया, महावीर यादव, दिनेश दहिया, अवनीश राघव और गगनदीप किरोड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते छह साल के लिए निष्कासित कर रखा था। निष्कासन को दरकिनार कर अब इन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया गया है। जिलाध्यक्ष को खबर नहीं चौंकाने वाली बात ये है कि जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी को कानोंकान खबर नहीं चली और रविवार शाम को चंडीगढ़ में ज्वाइन करने के बाद सोमवार सुबह उन्हें इस बारे में पता चला। उन्होंने स्वीकार किया कि मुझे नहीं पता कि कब पार्टी ज्वाइन करने चंडीगढ़ पहुंचे। इस बारे में उनसे कोई चर्चा भी नहीं हुई। यह जिलाध्यक्ष के लिए भी एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित थे परमिंद्र कटारिया पहले डिप्टी मेयर रह चुके हैं, उनकी ज्वाइनिंग को लेकर चर्चा ज्यादा हैं। कटारिया को राव इंद्रजीत भाजपा से टिकट नहीं दिला पाए थे, जिसके चलते उन्होंने बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। निगम चुनाव के वक्त कटारिया को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया था। अब राव इंद्रजीत की बढ़ती राजनीतिक ताकत को देखते हुए इन पार्षदों को गुपचुप तरीके से फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई गई है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कब्जे की रणनीति भाजपा के राजनीतिक सूत्रों के अनुसार यह वापसी गुरुग्राम नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर कब्जा करने की रणनीति का हिस्सा है। इन पदों के लिए लॉबिंग जोरों पर है, और राव इंद्रजीत के खेमे की यह रणनीति उनके प्रभाव को और बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। अब राव नरबीर खेमा सक्रिय हुआ वहीं सात पार्षदों की भाजपा में ज्वाइनिंग के बाद कैबिनेट मंत्री राव नरबीर खेमा भी सक्रिय हो गया है। इस बीच राव इंद्रजीत की बढ़ती ताकत को देखकर राव नरबीर सिंह का खेमा भी सक्रिय हो गया है। आज एक गुप्त बैठक बुलाई गई है, जिसमें नरबीर खेमा भी अपनी रणनीति तैयार करेगा। ताकि नगर निगम में अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके। यह राजनीतिक उलटफेर गुरुग्राम की सियासत में दोनों खेमों के बीच एक नया टकराव पैदा कर सकता है। कभी पार्टी से दूर नहीं गए: कटारिया इस बारे में जब पूर्व डिप्टी मेयर और निर्दलीय पार्षद परमिंदर कटारिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे 32 साल से भाजपा से जुड़े हैं और 80 फीसदी कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा एक्सपीरियंस हैं। मैंने कभी पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं किया। जब मैंने अपने वार्ड के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया तो उन्होंने मुझे पूरे हरियाणा में सबसे ज्यादा वोटों से जिताया। उन्होंने कहा कि वे पहले भी पार्टी के साथ थे और आज भी पूरे दिल से पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा से दूर नहीं गए। यहां से वे 4464 वोटों से जीते हैं, जो कि पूरे प्रदेश में पार्षदों में सबसे ज्यादा अंतर है। जिले में 58 कार्यकर्ता हुए थे निष्कासित नगर निगम गुरुग्राम-वार्ड एक से साहब राम (लीलू सरपंच), इंद्रजीत यादव, वार्ड-2 से रिम्पल यादव, पूर्व मेयर विमल यादव, वार्ड-3 से राकेश यादव, राहुल यादव, वार्ड-7 से संदीप मेहलावत, नवीन दहिया व दिनेश दहिया हैं। वार्ड-8 से दीपक कटारिया, पूर्व पार्षद लखपत कटारिया व पूर्व पार्षद संजय प्रधान, वार्ड-9 से अवनीश राघव खांडसा जिला सचिव, वार्ड-10 से महावीर यादव, वार्ड-11 से अजय नंबरदार, वार्ड-12 से गगनदीप किल्होड़ व रूचि किल्होड़ है। वार्ड-13 से श्रेयस जैन व अश्विनी शर्मा, वार्ड-14 से प्रमोद यादव व सचिन तंवर, वार्ड-15 राकेश यादव फाजिलपुर, प्रवीण लता व नीरज यादव (मंडल उपाध्यक्ष) शामिल हैं। जबकि, वार्ड-17 से प्रेम गैराठी, वार्ड-19 बीनू चाहर महिला मोर्चा, वार्ड-20 से मंगल सिंह ग्वाल पहाड़ी, वार्ड-21 से पूर्व मंडल महामंत्री अशोक डबास, अशोक पहलवान, मीनाक्षी व रिंकू हैं। वार्ड-23 से पूर्व पार्षद रमा रानी राठी, कुनाल यादव, दीपक यादव व पंकज यादव। वार्ड-24 से सज्जन यादव, बरखा शर्मा व दीपक शर्मा। वार्ड-28 से महेश कुमार, वार्ड-32 से पूर्व मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र बजाज व ज्योत्स्ना बजाज, वार्ड-34 से पूर्व पार्षद योगेन्द्र सारवान, वार्ड-35 से पूर्व डिप्टी मेयर परमिन्द्र कटारिया और वार्ड-36 से भगत कटारिया का नाम शामिल है। मानेसर नगर निगम- वार्ड एक से राघव सैनी, वार्ड-दो से स्नेहलता व नरेन्द्र चौहान, वार्ड-6 से अजित यादव मंडल सचिव व जयपाल यादव जिला कार्यकारिणी, वार्ड-7 से अजित प्रजापति, विक्रम प्रजापति व जसबीर धनकड़, वार्ड-12 से प्रवीण यादव मानेसर आपदा प्रबंधक प्रदेश कार्यकारिणी, वार्ड-15 से हरी सिंह नखडोला एससी मोर्चा पूर्व अध्यक्ष व पिंकी नखडोला, वार्ड-16 प्रवीण नौरंगपुर उपाध्यक्ष मानेसर मंडल और वार्ड-17 दयाराम चेयरमैन एसी मोर्चा जिला उपाध्यक्ष है। पटौदी- जिला कार्यकारिणी सदस्य सुनील दोचानिया का नाम भी निष्कासित कार्यकर्ताओं की सूची में शामिल था।