samacharsecretary.com

दिव्यांग कल्याण परिषद ने विधायक को सौंपा 10 सूत्रीय मांग पत्र, पेंशन बढ़ाने की मांग

दिव्यांग कल्याण एवं विकास परिषद के सदस्य,10 सूत्रीय मांगों का सौपा मांग पत्र,दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन 600 से बढ़ा कर 5 हजार कराये,सरकार तक भेजे हमारी मांगे,आज जनसुनवाई में आये नागरिको की विधायक ने सुनी समस्याए आष्टा मध्य प्रदेश के आष्टा में दिव्यांग कल्याण एवं विकास परिषद के सदस्य आज विधायक गोपालसिंह इंजीनियर द्वारा प्रत्येक बुधवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में पहुचे । दिव्यांग जनों ने 10 सूत्रीय मांग पत्र विधायक को सौपा एवं उनकी मांगों को शासन तक पहुचने एवं उन मांगो को पूर्ण कराने की मांग की । सौपे गये मांग पत्र में मांग की गई कि अभी दिव्यांजनो को 600₹ पेंशन मिलती है सरकार उसे बढ़ा कर 5 हजार करे । दिव्यांग जनों को एवं आये अन्य  ग्रामीणोंजनों को विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने भरोसा दिया कि उनकी समस्या को जल्द हल कर जो मांग शासन स्तर की है उसे वे शासन तक पहुचायेंगे । आज जनसुनवाई में कई ग्रामो से ग्रामीण विधायक कार्यालय में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में  पहुचे । स्मरण रहे प्रत्येक बुधवार को आष्टा विधायक अपने कार्यालय में सुबाह 10 बजे से जनता की समस्याओं को सुनने,उनेह हल करवाने के लिये जनसुनवाई करते है । आज बुधवार को प्रातः 10 बजे से कार्यालय में उपस्तिथ रह कर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने जनता की समस्याओं को सुना एवं उनकी समस्याओं को हल करने के सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये । आष्टा विधायक गोपालसिंह इंजीनियर जो की हर बुधवार को अपने कार्यालय में जन सुनवाई कार्यक्रम के तहत उपस्तिथ रहते है । आज भी बड़ी संख्या में क्षेत्र से नागरिक जनसुनवाई में पहुचे एवं अपनी अपनी पीड़ा से विधायक को अवगत कराया एवं आवेदन दिये। जनता से प्राप्त आवेदनों पर विधायक ने कहा की आपका जन सेवक होने के नाते आपकी समस्याओं को सुनना, हल करना मेरा धर्म है। आज आये आवेदनों को तत्काल सम्बंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा कर ग्रामीणों की समस्याओं का समय सीमा में तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये । आज जनसुनवाई में कई विभागों के 44 आवेदन प्राप्त हुए उन्हें निराकरण हेतु भेजे गये । विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कार्यालय आये सभी नागरिको को भरोसा दिया कि आपकी समस्याओं का जल्द निराकरण होगा,जो मांग शासन स्तर की है उनेह वे शासन तक पहुचायेंगे। मीडिया प्रभारी सुशील संचेती ने जानकारी देते हुए बताया की आज जनसुनवाई में दिव्यांजनो की दस सूत्रीय मांगों के साथ घाटे वाले बाबा स्थल पर चबूतरा एवं टीन शेड निर्माण कराने,किसान सम्मन निधि अप्राप्त होने की शिकायत,मकान का पट्टा दिलाने,ग्राम टिंगम टेकरी मांडा गुराडिया तहसील जावर में मकान का पट्टा दिलाने,करंट लगने पर आर्थिक सहायता प्रदाय हेतु,स्पेशल मोबाइल एवं दिव्यांगों के लिए छड़ी प्रदाय हेतु मांग पत्र,दुपाड़िया से मुंदीखेड़ी तक रोड एवं डीपी हेतु आवेदन,अज्ञात वाहन से टक्कर मारने पर सहायता राशि दिलाने,काजीपुरा वार्ड क्रमांक 9 आष्टा में बाउंड्री वॉल एवं तीन पहिया वाहन दिलाने,ग्राम पंचायत अरनिया जोहरी में वाधयन्त्र हेतु राशि स्वीकृत करने, इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन हेतु आवेदन,आर्थिक सहायता की मांग,प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम क़िस्त प्रदाय हेतु मांग सहित अन्य 44 आवेदन प्राप्त हुए। सभी आई शिकायतों एवं आवेदनों को सम्बंधित विभागों को निराकरण हेतु निर्देश दिये है । विभागों की आई समस्याओं को लेकर मौके से ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को आई समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिये,कुछ आवेदन निराकरण हेतु सम्बंधित विभागों को भेजे गये ।

BJP की हरियाणा रणनीति: अक्टूबर में होगा मंत्रियों का रिव्यू, वन स्टेट-वन इलेक्शन पर फोकस

चंडीगढ़  हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हारी 42 सीटों पर अगले चुनाव में कमल खिलाने के लिए भाजपा पूरी रणनीति के साथ जुट गई है। मिशन-2029 की तैयारियों को धार देने के लिए हर क्षेत्र के लिए अलग रणनीति तैयार की जा रही है। संगठनात्मक मजबूती, जनता से सीधा संवाद और हारी हुई सीटों पर रणनीति, इन्हीं तीन बिंदुओं पर मिशन-2029 की नींव रखी जा रही है। भाजपा नेताओं ने मंगलवार को चंडीगढ़ और पंचकूला में एक के बाद एक कई बैठकें की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली और संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा ने अलग-अलग बैठकों की कमान संभाली। प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया, डॉ. अर्चना गुप्ता और कृष्ण कुमार बेदी भी इन बैठकों में शामिल हुए। सबसे पहले सुबह मुख्यमंत्री आवास पर जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों और पार्टी पदाधिकारियों की पहली बैठक हुई। इस बैठक में हाल ही में संपन्न जिला कार्यकारिणी की बैठकों की समीक्षा की गई और संगठन व सरकार के बीच बेहतर तालमेल की रणनीति पर चर्चा हुई। हरियाणा भाजपा के प्रदेश महामंत्री व कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, डॉ. अर्चना गुप्ता और सुरेंद्र पूनिया की मौजूदगी में हुई बैठक में तय किया गया कि जनता तक सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को और प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए, ताकि पार्टी की पकड़ जमीनी स्तर पर और मजबूत हो सके। हारे हुए नेताओं को भी बुलाया इसके बाद भाजपा ने उन 42 नेताओं को बुलाया जो 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर हार चुके थे। इनमें पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता जैसे दिग्गज भी शामिल रहे। इस बैठक का मकसद मिशन-2029 के तहत उन सीटों पर विशेष रणनीति बनाना है, जहां भाजपा को पिछली बार झटका लगा था। मुख्यमंत्री और संगठन पदाधिकारियों ने इन नेताओं से फीडबैक लिया और चुनावी समीकरणों पर गहन मंथन किया। पार्टी का मानना है कि यदि इन सीटों पर पुख्ता तैयारी की जाए तो आने वाले चुनावों में भाजपा का ग्राफ दोबारा ऊपर उठ सकता है। भाजपा इन सीटों पर शेडो प्रभारी नियुक्त कर चुकी है। दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधायकों से मुलाकात कर उनके क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों पर चर्चा की। इसके बाद शाम को मंत्रियों के साथ बैठक में विभागीय कार्यों, प्राथमिकताओं और आगामी योजनाओं की समीक्षा की गई। छठी बैठक पंचकूला में मन की बात कार्यक्रम की हुई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री शामिल हुए। बड़े लक्ष्य को साधने की तैयारी राजनीतिक हलकों में भाजपा की इन बैठकों को बेहद अहम माना जा रहा है। एक ओर भाजपा अपने घर को दुरुस्त करने में जुटी है तो दूसरी ओर विपक्षी दलों की नजर भी इन बैठकों पर टिकी हुई है। यह स्पष्ट है कि हरियाणा की राजनीति में आने वाले दिनों में भाजपा अपनी रणनीति और जमीनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए आक्रामक तेवर अपनाएगी। भाजपा की तैयारी बड़े लक्ष्य को साधने की है। 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा विधानसभा चुनाव में हारे भाजपा प्रत्याशियों की बैठक के बाद पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। जिन विधानसभा सीटों पर हार हुई हैं, उनमें कोई प्रतिनिधि न रहने के कारण विकास में कमी न आ जाए, इसके लिए बैठक में कार्ययोजना बनाई गई। उन्होंने ऐसी बैठकों की पहल के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को साधुवाद दिया है। हारी हुई सीटों पर विशेष ध्यान बीजेपी ने अपनी पिछली हार से सबक लेते हुए उन 42 विधानसभा सीटों पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इन सीटों का जिम्मा पहले ही 12 मंत्रियों और 30 विधायकों को सौंपा जा चुका है। बैठक में मुख्यमंत्री ने इन प्रभारियों से जमीनी स्तर का फीडबैक लिया और उन्हें निर्देश दिए कि वे हारे हुए प्रत्याशियों के साथ मिलकर संगठन को मजबूत करें। पार्टी की रणनीति स्पष्ट है: हर महीने इन सीटों की समीक्षा की जाएगी, ताकि 2029 तक पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ा जा सके। पार्टी का लक्ष्य केवल हारी हुई सीटों को जीतना ही नहीं, बल्कि जीती हुई सीटों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना है। इसलिए, हर सीट के लिए अलग रणनीति तैयार की जा रही है। पार्टी ऐसे नए चेहरे भी तैयार करेगी जो विरोधी दलों के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे सकें। मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड और संगठनात्मक मजबूती संगठनात्मक स्तर पर भी बीजेपी ने कमर कस ली है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने बताया कि जिला कार्यकारिणी की बैठकें हो चुकी हैं और अब 23, 24 और 25 अगस्त को 377 मंडलों की बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में विकास कार्यों और मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर भी चर्चा होगी। पार्टी ने सभी मंत्रियों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड बनाने का भी फैसला किया है। इस रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा अक्टूबर में की जाएगी, जब सरकार को एक साल पूरा हो जाएगा। इस समीक्षा का उद्देश्य यह देखना होगा कि किस मंत्री के विभाग में जनहित के कितने काम हुए हैं और उनकी सक्रियता कितनी है। इससे पार्टी को न केवल सरकार की कार्यप्रणाली का आकलन करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी तय हो पाएगा कि कौन से नेता जनता के बीच कितने प्रभावी हैं। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की तैयारी केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की योजना के मद्देनजर, बीजेपी की यह तैयारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह रणनीति इस बात का संकेत देती है कि पार्टी हर परिस्थिति के लिए तैयार है, चाहे चुनाव कभी भी हों। संगठनात्मक स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की ड्यूटी लगाकर और उनके रिपोर्ट कार्ड बनाकर, पार्टी अपनी पूरी मशीनरी को सक्रिय और जवाबदेह बनाना चाहती है। यह योजना न केवल हरियाणा में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि पार्टी हर सीट पर जीत के लिए एक मजबूत और समन्वित रणनीति के साथ मैदान में उतरे।   

बीजेपी नेतृत्व में बड़ा बदलाव, अगला अध्यक्ष हो सकता है उत्तर भारत से

नई दिल्ली बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जब इस सवाल का जवाब पूछा जाता है, तो वे कहते हैं कि अध्यक्ष तो बीजेपी का ही होगा। फिलहाल नाम नहीं बता सकते। लेकिन अब चर्चा है कि बीजेपी का अगला अध्यक्ष 'उत्तर' से हो सकता है। अब सवाल उठता है कि उत्तर से ही अध्यक्ष क्यों होगा, तो आइये जानते हैं इसके पीछे की सियासत। सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी में ही सवाल का जवाब दरअसल, रविवार को बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए साउथ ( तमिलनाडु ) से आने वाले ओबीसी के बड़े नेता सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। सहयोगी दलों ने भी राधाकृष्णन को समर्थन किया है। राधाकृष्णन इस वक्त महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी में ही इस सवाल का जवाब छिपा है। क्षेत्रीय संतुलन का रखा जाएगा ख्याल बीजेपी के नए अध्यक्ष में क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा जाएगा। ठीक उसी तरह, जिस तरह सीपी राधाकृष्णन के चयन से पार्टी ने क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर भारत से हैं। अब चर्चा हो रही है कि नया अध्यक्ष भी उत्तर भारत से ही होगा। इसको लेकर कई कयास भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि बीजेपी अपने अप्रत्याशित फैसलों के लिए जानी जाती है। अंत में कुछ भी हो सकता है। उत्तर भारत ही क्यों? दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूर्वी भारत से हैं। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत से आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम भारत से आते हैं, और संसद में उत्तर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी का अगला अध्यक्ष उत्तर भारत से हो सकता है। इन नामों की है चर्चा नए अध्यक्ष के लिए जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा है, उनमें मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं, जो सभी उत्तर भारत से आते हैं। यही कारण है कि सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के बाद कयास लग रहे हैं कि नया अध्यक्ष उत्तर भारत से हो सकता है। जातीय समीकरण को लेकर भी चर्चा बीजेपी के नए अध्यक्ष के चयन में क्षेत्र के साथ-साथ जातीय समीकरणों को लेकर भी कयास लग रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी हैं, और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भी ओबीसी समुदाय से आते हैं। ऐसे में अनुमान है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष सामान्य वर्ग से हो सकता है। यही कारण है कि नया अध्यक्ष किस क्षेत्र और जाति से होगा, इस पर चर्चा जोरों पर है।

भाजपा का मास्टरस्ट्रोक: विरोध थामने के लिए भाजपा का कदम, जनता को मनाने के लिए मुफ्त में मिलेंगे हजारों हेलमेट

इंदौर  हेलमेट की अनिवार्यता से उपजे जनाक्रोश को शांत करने के लिए भाजपा ने ठोस योजना तैयार कर ली है। जल्द ही जिला प्रशासन उद्योगपतियों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों की बैठक बुलाएगा। इस बैठक में जनता को हेलमेट लगाने के लिए अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों और सामाजिक संगठनों की ओर से निशुल्क हेलमेट वितरण अभियान भी शुरू किया जाएगा। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा कि हेलमेट अनिवार्य करने का निर्णय सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को रोकने के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन ऐसे निर्णय लागू करने से पहले पर्याप्त तैयारी भी होनी चाहिए। हाल ही में भाजपा कार्यालय में सभी विधायकों के साथ इस विषय पर चर्चा हुई, जिसमें कई विधायकों ने अचानक इस नियम के लागू होने पर नाराजगी जताई। बैठक में तय होगी नई तिथि सुमित मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर आशीष सिंह से इस विषय पर बातचीत हो चुकी है। इसके बाद इंदौर के उद्योगपतियों, व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी की राय लेकर हेलमेट लागू करने की नई तिथि तय की जाएगी। तय तिथि तक नागरिकों को हेलमेट खरीदने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे नियम लागू होते ही सभी के पास हेलमेट उपलब्ध हो सके। निशुल्क हेलमेट वितरण की योजना भाजपा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति हेलमेट खरीदने की अनुमति नहीं देती। इसे देखते हुए जिला प्रशासन, नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा अलग-अलग स्थानों पर 500-500 हेलमेट मुफ्त वितरित किए जाएंगे। इसी तरह भाजपा और अन्य सामाजिक संगठन भी हेलमेट वितरण में शामिल होंगे। उद्देश्य यह रहेगा कि नियम लागू होने से पहले हर जिम्मेदार नागरिक के पास हेलमेट पहुंच जाए। शुरू होगा विशेष अभियान मिश्रा ने कहा कि हेलमेट को लेकर विशेष मूवमेंट शुरू किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्धारित तिथि तक सभी तैयारियां पूरी हो जाएं। इसके बाद इंदौर की सड़कों पर दोपहिया वाहन चलाने वाला हर व्यक्ति हेलमेट पहने नजर आए। प्रशासन और भाजपा का लक्ष्य है कि इस अभियान के जरिए सड़क सुरक्षा को मजबूत किया जाए और दुर्घटनाओं में होने वाली जान-माल की हानि को कम किया जा सके। 

भाजपा ने दो नगर परिषदों में मारी बाजी, राजेश्वरी दुबे और पलक ग्रोवर विजयी

विजयराघवगढ़ मध्यप्रदेश में दो नगर परिषदों विजयराघवगढ़ और कैमोर में  अध्यक्ष पद के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर जीत दर्ज की। ढाई-ढाई साल के कार्यकाल वाले फॉर्मूले के तहत विजयराघवगढ़ से राजेश्वरी दुबे और कैमोर से पलक ग्रोवर निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं। ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद विजयराघवगढ़ की मनीषा शर्मा और कैमोर की वसुधा मिश्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दोनों नगर परिषदों में नई अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। निर्वाचन की तय समय सीमा में केवल बीजेपी प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। कैमोर में संयुक्त कलेक्टर महेश मंडलोई और विजयराघवगढ़ में संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा ने नामांकन पत्रों की जांच कर राजेश्वरी दुबे और पलक ग्रोवर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। इसके बाद विधायक संजय पाठक और बीजेपी जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन की मौजूदगी में दोनों को प्रमाणपत्र सौंपा गया। विजय जुलूस भी निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। विजयराघवगढ़ विधानसभा को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, जहां से विधायक संजय पाठक लगातार पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। कैमोर नगर परिषद में सभी 15 पार्षद बीजेपी समर्थित हैं, जबकि विजयराघवगढ़ में 30 में से केवल 3 पार्षद कांग्रेस के हैं। ऐसे में दोनों परिषदों में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा और कांग्रेस उम्मीदवार उतारने में भी असफल रही। विधायक संजय पाठक ने कहा कि दोनों नगर परिषदों में अध्यक्ष पद की कुर्सी ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के फॉर्मूले पर चलती है, और उसी समझौते के तहत पूर्व अध्यक्षों ने इस्तीफा दिया। इस बार भी दोनों सीटें बीजेपी के खाते में गईं।  

एमपी बीजेपी में नेतृत्व बदलाव के बाद कार्यकारिणी गठन पर अटकलें तेज

भोपाल भारतीय जनता पार्टी को पिछले दिनों सभी जिला अध्यक्षों के साथ ही राज्य अध्यक्ष भी मिल चुका है। वहीं, अब तक जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं किया जा सका है। पार्टी संगठन अब प्रदेश और संभाग के दो-दो पदाधिकारी जिलों में भेजकर जिला कार्यकारिणी का गठन कराने पर विचार कर रही है। ये वरिष्ठ पदाधिकारी जिला कार्यकारिणी गठन के लिए कार्यकर्ताओं का चयन कराएंगे। संभागीय प्रभारियों की बैठक हुई गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय भोपाल में प्रदेश और संभाग प्रभारियों बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित कई नेता मौजूद रहे। इस बैठक में जिला कार्यकारिणी गठन का मुद्दा उठा। हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि जिला कार्यकारिणी का गठन जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि इसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाए। जिलों में जाएंगे पार्टी के पदाधिकारी पार्टी का प्लान है कि जिला कार्यकारिणी गठन के लिए दो-दो पदाधिकारी जिलों में जाकर कार्यकारिणी गठन के लिए आम सहमति बनाएंगे, ताकि निर्विरोध कार्यकारिणी का गठन हो सके। कार्यकारिणी में एक प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी होगा और एक अन्य पदाधिकारी संभाग का होगा। इन दो पदाधिकारियों को दो जिलों की कमान सौंपी जाएगी। विभाजन की विभीषिका से युवाओं को कराएंगे परिचित भाजपा ने पूरे प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है। 14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन जुलूस निकालने के साथ प्रदर्शनी लगाने की कार्ययोजना है। बैठकों का आयोजन कर देश के विभाजन के समय पीड़ितों के परिजनों से भेंट करने के साथ प्रदर्शनी और अन्य माध्यमों से युवाओं को देश के विभाजन की विभीषिका से अवगत कराया जाएगा।  

बीजेपी में उपराष्ट्रपति पद को लेकर मंथन, इस जाट नेता का नाम चर्चा में

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब चुनाव का शेड्यूल आ गया है। इसके बाद से ही चर्चाएं तेज हैं कि आखिर एनडीए का उम्मीदवार अब कौन होगा। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या को देखते हुए स्पष्ट है कि एनडीए का कैंडिडेट ही जीतने की स्थिति में है। इसलिए एनडीए की ओर से किसे कैंडिडेट बनाया जाएगा। इस पर कयासों का दौर चल रहा है। दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के एलजी वीके सक्सेना और मनोज सिन्हा का नाम चर्चा में है। इसके अलावा राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश का नाम भी रेस में बताया जा रहा है। इसका कारण बिहार का विधानसभा चुनाव भी है। उनके बिहार कनेक्शन का फायदा भाजपा और जेडीयू उठाना चाहेंगे। इसके अलावा अब एक और नाम तेजी से चर्चा में है। यह नाम है, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का। आचार्य देवव्रत उसी जाट बिरादरी से हैं, जिससे जगदीप धनखड़ आते हैं। ऐसे में जाट समाज के बीच संदेश देने के लिए आचार्य देवव्रत को मौका दिया जा सकता है। वह आर्य समाज से जुड़े रहे हैं और प्रखरता से विचारधारा का प्रचार करने में जुटे रहे हैं। उन्होंने लंबे समय तक कुरुक्षेत्र स्थित एक गुरुकुल में प्रिंसिपल के तौर पर काम किया है। इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रह चुके हैं। वह हरियाणा के ही समालखा के रहने वाले हैं। खबर है कि 18 से 20 अगस्त के बीच किसी भी दिन भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट के नाम का ऐलान हो सकता है। बता दें कि जेडीयू, टीडीपी और शिवसेना जैसे एनडीए के दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी को अधिकार दिया है कि वे किसी भी नेता का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। इस तरह एनडीए में आम सहमति बन गई है कि भाजपा की ओर से दिए गए नाम के पक्ष में ही मतदान किया जाएगा। बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। किरेन रिजिजू का कहना है कि एनडीए के दलों ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा को अधिकृत किया है कि वे जिस नेता पर भी मुहर लगाएंगे, उस पर उनकी सहमति रहेगी।

एमपी की दो नगर परिषदों में फिर से भगवा रंग, बीजेपी ने हासिल किया अध्यक्ष पद

भोपाल BJP- एमपी में भगवा दल ने फिर परचम लहराया है। प्रदेश की दो नगर परिषदों में बीजेपी के अध्यक्ष बने हैं। दोनों ही अध्यक्ष महिलाएं हैं। कटनी जिले की नगर परिषद विजयराघवगढ़ में बीजेपी की राजेश्वरी दुबे अध्यक्ष चुनी गई हैं वहीं कैमोर नगर परिषद में बीजेपी की ही पलक ग्रोवर अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। पार्टी की नवनिवार्चित नगर परिषद अध्यक्षों को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने बधाई दी है। इससे पहले कटनी जिले की दोनों नगर परिषदों के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा की गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष दीपक टण्डन ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने विजयराघवगढ़ से राजेश्वरी दुबे व कैमोर से पलक ग्रोवर को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया। नगर परिषद अध्यक्षों के इस्तीफों के कारण पद रिक्त थे कटनी की कैमोर तथा विजयराघवगढ़ में नगर परिषद अध्यक्षों के इस्तीफों के कारण पद रिक्त थे जिस पर आज निर्वाचन हुआ। दोनों जगहों पर एक ही नामांकन दाखिल होने की उम्मीद थी और आखिरकार वही हुआ भी, दोनों अध्यक्षों का सर्वसम्मति से निर्वाचन हुआ। नगर परिषदों में चुनाव को लेकर गहमागहमी बनी रही। निर्वाचन प्रक्रिया आज करीब 12 बजे से प्रारम्भ हुई। कलेक्‍टर दिलीप कुमार यादव ने नगर परिषद कैमोर में निर्वाचन हेतु पीठासीन अधिकारी एसडीएम विजयराघवगढ़ महेश मंडलोई को बनाया। वहीं नगर परिषद विजयराघवगढ़ के लिए पीठासीन अधिकारी संयुक्त कलेक्टर संस्कृति मुदित लटोरिया बनाई गईं। पीठासीन अधिकारियों को पूरी चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न कराकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। परिषद के नोटिस बोर्ड पर एक प्रति प्रदर्शित करने का निर्देश अध्यक्ष के चुनाव को देखते हुए कैमोर और विजयराघवगढ़ नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सभी निर्वाचित पार्षदों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस और आदेश की प्रतियां तामील करने को कहा गया था। इस संबंध में पावती प्राप्त करने और संबंधित परिषद के नोटिस बोर्ड पर एक प्रति प्रदर्शित करने का निर्देश भी दिया।

महापौर का बयान: अनवर कादरी को पार्षद पद से हटाने की सिफारिश, परिषद में जाएगा प्रस्ताव

इंदौर  लव जिहाद के लिए फंडिंग के आरोपी पार्षद अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव एमआईसी में पारित करेंगे और उस प्रस्ताव को परिषद में रखने का निर्णय लिया है। जल्द अगली परिषद में हम दो-तिहाई बहुमत और जिन मुद्दों पर उनको हटाना जरूरी है उन पर चर्चा करेंगे। पार्षद अनवर कादरी को भी सुनवाई का मौका देंगे। पार्षदी समाप्त करने का प्रस्ताव अगली परिषद में लेकर आने का भी एमआईसी में शिकायत के आधार पर निर्णय लिया गया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अनवर कादरी जैसे पार्षद ने न केवल अपनी पार्षदी का, बल्कि इस निगम और शहर का मान कम करने का काम किया है। डिविजनल कमिश्नर को भी लिखा लेटर महापौर ने बताया कि कई प्रकरणों के कारण, कब्जों के कारण, लव जिहाद की फंडिंग करने के आरोपों के कारण फरार चल रहा है। इस पार्षद का पार्षद बने रहना न तो शहर हित में है न ही निगम हित में। हमने एक लेटर डिविजनल कमिश्नर को लिखा था कि वह धारा 19 के प्रावधान के तहत तत्काल कार्र‌वाई करें। वो अपनी कार्रवाई कर रहे होंगे। मैं मानता हूं कि वो कार्रवाई करेंगे, नहीं करेंगे तो इंदौर की जनता और हमारे पार्षद उनसे सवाल जरूर करेंगे, लेकिन जो काम हमारी सीमा में है हम वो करेंगे। जानलेवा हमले पर 14 साल पहले काटी एक साल की सजा 2011 में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी, उसके भाई और एक अन्य आरोपी को जानलेवा हमले के मामले में अदालत ने एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। यह हमला 6 मई 2009 को इंदौर के आजादनगर चौराहे के पास अनवर हुसैन पर किया गया था। अनवर हुसैन आरोपियों पर चल रहे एक अन्य मामले में गवाह था। पुलिस ने कादरी समेत कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पिस्तौल, कट्टा, तलवार और चाकू बरामद किए गए थे। उज्जैन में डकैती का केस, इसी से मिला डकैत नाम अनवर कादरी पर 1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में डकैती का केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उसे अनवर डकैत के नाम से पहचाना जाने लगा। अनवर ने इंदौर में भी मारपीट, घर में घुसकर धमकाने जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया। अनवर कांग्रेस से तीन बार पार्षद रह चुका है। उसकी पत्नी दो बार पार्षद रही है। प्रमोद टंडन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए अनवर को शहर कांग्रेस का महामंत्री भी नियुक्त किया गया था। उसने एक बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, जेल जाना पड़ा 28 अप्रैल 2025 को अनवर ने इंदौर के वार्ड 58 स्थित बड़वाली चौकी पर पहलगाम हमले के विरोध में पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला दहन किया था। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही कादरी ने 'पाकिस्तान' शब्द बोला, वहां मौजूद उसके कुछ समर्थकों ने 'जिंदाबाद' के नारे लगा दिए। इस मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। घटना के वीडियो को लेकर बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस पर अनवर कादरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

बीजेपी फिलहाल नहीं करेगी अध्यक्ष का खुलासा, क्या VP चुनाव बना देरी की वजह?

नई दिल्ली नए बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव की चर्चा लंबे समय से चल रही है। वहीं पार्टी का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 50 फीसदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठन के चुनाव पूरे हो जाते हैं। बीच में ही उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पार्टी का पूरा फोकस अब शिफ्ट हो गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही अब बीजेपी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी। कब है उपराष्ट्रपति का चुनाव? पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मॉनसून सेशन शुरू होते ही अचानक इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वह पदमुक्त होना चाहते हैं। वहीं चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान भी कर दिया है। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे और इसी दिन शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। यह भी तय माना जा रहा है कि विपक्ष इंडिया गठबंधन का कोई साझा उम्मीदवार उतार सकता है। 21 अगस्त नामांकन दाखिल करने का आखिरी तारीख है। ऐसे में विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के पास उम्मीदवार घोषित करने के लिए पर्याप्त समय है। नंबरगेम की बात करें तो लोकसभा और राज्यसभा में कुल 782 सांसद हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 293 तो इंडिया गठबंधन के पास 232 सांसद हैं। वहीं राज्यसभा में एनडीए के पास 133 और इंडिया गठबंधन के पास 107 सांसद हैं। ऐसे में सदन में एनडीए का पलड़ा भारी है। बीजेपी चीफ के चुनाव में देरी के पीछे कारण मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही खत्म हो रहा था हालांकि उनकी सफलताओं को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया। अब माना जा रहा है कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान के लिए उपराष्ट्रपति चुनाव पूरे होने का इंतजार कर रही है। बिहार चुनाव से पहले बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान कर देना है। फिलहाल बीजेपी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए फ्लोर मैनेजमेंट में लगी हुई है। इस बार के चुनाव में लोकसभा में एनडीए के बहुमत का आंकड़ा कम हो गया था और राज्यसभा में । ऐसे में यह फाइट आसान नहीं माना जा सकती। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा में पांच और लोकसभा में एक सीट रिक्त है, जिससे निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 782 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें। लोकसभा की 543 सीट में से एक सीट, पश्चिम बंगाल में बशीरहाट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में पांच सीट खाली हैं। राज्यसभा में पांच खाली सीट में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है। लोकसभा में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा (प्रभावी सदस्य संख्या 240) में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।