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शशि थरूर बोले– आज का भारत अलग है, इमरजेंसी जैसे हालात दोहराए नहीं जा सकते

नई दिल्ली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इससे पता चलता है कि किस तरह से अक्सर आजादी को छीना जाता है. उन्होंने कहा कि आपातकाल यह भी दिखाता है कि कैसे दुनिया 'मानवाधिकारों के हनन' से अनजान रही. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 1975 की इमरजेंसी पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी के इस फैसले की जमकर आलोचना की है. लोकतंत्र के समर्थक रहें सतर्क प्रोजेक्ट सिंडीकेट की तरफ से प्रकाशित लेख में थरूर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तावादी नजरिये ने सार्वजनिक जीवन को डर और दमन की स्थिति में धकेल दिया. थरूर ने लिखा कि पचास साल पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल ने दिखाया था कि कैसे आज़ादी को छीना जाता है, शुरू में तो धीरे-धीरे, भले-बुरे लगने वाले मकसद के नाम पर छोटी-छोटी लगने वाली आजादियों को छीन लिया जाता है. इसलिए यह एक ज़बरदस्त चेतावनी है और लोकतंत्र के समर्थकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. थरूर ने लिखा, 'इंदिरा गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि कठोर कदम जरूरी थे, सिर्फ आपातकाल की स्थिति ही आंतरिक अव्यवस्था और बाहरी खतरों से निपट सकती थी, और अराजक देश में अनुशासन और दक्षता ला सकती थी.' जून 1975 से मार्च 1977 तक करीब दो साल तक चले आपातकाल में नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गईं और विपक्षी नेताओं को जेल में भर दिया गया.  उन्होंने कहा कि अनुशासन और व्यवस्था की चाहत अक्सर बिना कहे ही क्रूरता में तब्दील हो जाती थी, जिसका उदाहरण इंदिराजी के बेटे संजय गांधी की ओर से चलाए गए जबरन नसबंदी अभियान थे, जो गरीब और ग्रामीण इलाकों में केंद्रित थे, जहां मनमाने लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़बरदस्ती और हिंसा का इस्तेमाल किया जाता था. इमरजेंसी में हजारों लोग हुए बेघर उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहरी केंद्रों में बेरहमी से की गई झुग्गी-झोपड़ियों को ढहाने की कार्रवाई ने हज़ारों लोगों को बेघर कर दिया और उनके कल्याण की कोई चिंता नहीं की गई. उन्होंने लिखा कि आपातकाल ने इस बात का ज्वलंत उदाहरण पेश किया कि लोकतांत्रिक संस्थाएं कितनी कमज़ोर हो सकती हैं, यहां तक कि ऐसे देश में भी जहां वे मज़बूत दिखती हैं. इसने हमें याद दिलाया कि एक सरकार अपनी नैतिक दिशा और उन लोगों के प्रति जवाबदेही की भावना खो सकती है जिनकी वह सेवा करने का दावा करती है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता थरूर ने यह भी बताया कि किस तरह अहम लोकतांत्रिक स्तंभों को खामोश कर दिया गया और हिरासत में यातनाएं दी गईं. एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल हत्याएं बड़े पैमाने पर की गईं, जिससे उन लोगों के लिए 'काली सच्चाई' की तस्वीर सामने आई, जिन्होंने शासन की अवहेलना करने की हिम्मत दिखाई थी.  थरूर ने कहा कि न्यायपालिका भी भारी दबाव के आगे झुक गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण और नागरिकों के स्वतंत्रता के अधिकार को निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा, 'पत्रकार, कार्यकर्ता और विपक्षी नेता सलाखों के पीछे पाए गए. व्यापक संवैधानिक उल्लंघनों ने मानवाधिकारों के हनन की एक भयावह सीरीज को को जन्म दिया. आज का भारत ज्यादा मजबूत अपने लेख में थरूर ने कहा कि आज का भारत 1975 का भारत नहीं है. हम ज़्यादा आत्मविश्वासी, ज़्यादा समृद्ध और कई मायनों में ज़्यादा मज़बूत लोकतंत्र हैं. फिर भी आपातकाल के सबक चिंताजनक रूप से प्रासंगिक बने हुए हैं. सत्ता को केंद्रीकृत करने, आलोचकों को चुप कराने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों को दरकिनार करने का लालच कई रूपों में उभर सकता है. उन्होंने कहा कि अक्सर राष्ट्रीय हित, इस अर्थ में आपातकाल एक ज़बरदस्त चेतावनी के रूप में काम करना चाहिए और लोकतंत्र के समर्थकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए.

रायगढ़ के बनोरा गांव स्थित अघोर गुरुपीठ में पहुंचे मुख्यमंत्री साय, गुरु पूर्णिमा पर लिया आशीर्वाद

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी की प्रतिमा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आश्रम में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी के प्रिय शिष्य प्रियदर्शी भगवान राम जी के दर्शन भी किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, लोक सभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह , विधायक पुरंदर मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

MP में पुलों की सुरक्षा पर फोकस, इंजीनियरों से शार्प मोड़ वाले स्ट्रक्चर की रिपोर्ट तलब

भोपाल  मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर फिर बड़ा ऐक्शन देखने को मिल रहा है। हाल ही में राजधानी भोपाल के दो प्रमुख पुलों- ऐशबाग के 90 डिग्री वाले पुल और सुभाष नगर के सर्पाकार फ्लाईओवर पर मौजूद खतरनाक मोड़ों की समस्या सुर्खियों में रही। मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर  खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. हाल ही में राजधानी भोपाल के दो प्रमुख पुलों- ऐशबाग के 90 डिग्री वाले पुल और सुभाष नगर के सर्पाकार फ्लाईओवर पर मौजूद खतरनाक मोड़ों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था. इस खबर के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे सभी ब्रिज और निर्माणाधीन पुलों जांच के निर्देश दिए हैं.  रिपोर्ट के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत प्रदेश के सभी निर्माणाधीन और मौजूदा पुलों, फ्लाईओवर, ROB (रेलवे ओवर ब्रिज) और एलिवेटेड कॉरिडोर की गहन जांच की जाएगी. PWD ने दिया जांच का निर्देश पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी निर्माणाधीन ब्रिजों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की जाएगी. यदि किसी भी पुल में कोई तकनीकी खामी पाई जाती है तो ब्रिज एक्सपर्ट उसका तुरंत समाधान करेंगे. 'जब तक सड़कें हैं, गड्ढे होते रहेंगे…', MP के PWD मंत्री राकेश सिंह का बयान मध्यप्रदेश की सड़कों में बारिश के दौरान हो चुके गड्ढों पर राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने अटपटा बयान दिया है. कहा कि बारिश में कौन-सी सड़क पर गड्ढे नहीं होते? हैवी रेन और हैवी ट्रैफिक से सड़कों पर गड्ढे होते हैं. अभी ऐसी कोई तकनीक नहीं आई है, जिसके आधार पर कह सकें कि हम ऐसी सड़क बनाएंगे जिस पर कभी गड्ढा होगा ही नहीं. जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे होते रहेंगे. PWD मंत्री सिंह ने आगे कहा, ''गलत तब है, जब चार साल तक खराब न होने वाली सड़क में 6 महीने में ही गड्ढे होने लग जाएं. लेकिन हम ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी करते हैं.'' राकेश सिंह ने कहा, ''मुझे ध्यान में नहीं आता कि दुनिया में कोई ऐसी सड़क भी है, जिसमें गड्ढा होता ही नहीं और ऐसी कोई तकनीक अभी पीडब्ल्यूडी के ध्यान में नहीं आई है. इसका मतलब यह नहीं कि सड़कों पर गड्ढे होना चाहिए. सड़कों की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और इसलिए हम कई बदलाव कर रहे हैं जिससे बेहतर सड़कें बनाई जा सकें.  इसके लिए पीडब्लूडी ने तय किया है कि सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाला बिटुमिन अब स्थानीय स्तर पर नहीं खरीदा जा सकेगा और सिर्फ भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही बिटुमिन खरीदी होगी. जब बिटुमिन निकलेगा तो डिजिटल लॉक के साथ निकलेगा. जिस क्षेत्र के लिए बिटुमिन जाएगा, वहां के सब-इंजीनियर के मोबाइल पर ओटीपी आएगा और ओटीपी डालने के बाद ही डिजिटल लॉक खुलेगा और बिटुमिन अनलोड किया जा सकेगा, इससे गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.'' वहीं, सीधी ज़िले में लीला साहू के वायरल हो रहे वीडियो पर मंत्री राकेश सिंह ने कहा, ''ऐसे कई मामले हैं जहां सड़क की डिमांड है. पीडब्ल्यूडी या किसी भी विभाग के पास इतना बजट नहीं होता कि किसी की एक पोस्ट पर हम सीमेंट कंक्रीट लेकर या डंपर लेकर सड़क बनाने पहुंच जाएं. कौन सी सड़क कौन बनाएगा, इसकी व्यवस्था तय है. विभाग की अपनी सीमाएं होती हैं.'' 3 दिन में उपलब्ध करानी होगी जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग ने पूरे प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर (ब्रिज), सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में उन सभी पुलों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर की जांच करें, जिनमें- तीव्र मोड़, वाहनों के स्पीड के अनुसार पर्याप्त टर्निंग रेडियस और ट्रांजिशन लेंथ की कमी, इंटरनल-एक्सटर्नल वाइंडिंग का प्रावधान न होना और वाहनों की गति के अनुसार मोड़ो पर सुपर ऐलीवेशन की कमी.  विभाग ने इन कमियों की जानकारी तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सभी पुल, फ्लाईओवर की जांच IRC के नियमों जैसे IRC 38, IRC-73:2023 और IRC SP 90:2023 के आधार पर होगी. 7 इंजीनियर निलंबित आपको बता दें कि इससे पहले सीएम मोहन यादव ने  ऐशबाग में 90 डिग्री वाले पुल के निर्माण में लापरवाही बरतने वाले सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था और एक रिटायर्ड इंजीनियर पर विभागीय जांच का आदेश दिया था.

राशन के साथ पोषण भी पहुंचाएंगी उचित मूल्य दुकानें, उपभोक्ताओं के लिए बढ़ेगी सुविधा

अभिनव पहल भोपाल  उपभोक्ताओं के हित में और उचित मूल्य दुकानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा नवाचार किया जा रहा है। अब शासकीय उचित मूल्य दुकानों से उपभोक्ताओं को राशन के साथ ही गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पाद और अन्य पोषण सामग्रियाँ भी उचित मूल्य पर देने की व्यवस्था शुरू की गई हैं। इन दुकानों से जैविक उत्पाद भी उपलब्ध कराये जाने का भी लक्ष्य है। योजना में इंदौर जिले में 30 चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जन पोषण केन्द्र की स्थापना की गई है। इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुये जिला उज्जैन एवं सागर में 15-15 उचित मूल्य दुकानों को जन पोषण केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये दुकानों का चयन कर लिया गया है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा चयनित विक्रेताओं को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि सरकारी राशन की दुकानों को पोषण केंद्रों में बदलने की यह एक अभिनव पहल है। इसका उद्देश्य लोगों को पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ मुहैया कराना है। उपभोक्ताओं ने भी की सराहना स्थानीय उपभोक्ताओं द्वारा उचित मूल्य दुकान पर उक्त सामग्री की उपलब्धता पर प्रसन्नता जाहिर की जा रही है। उनका कहना है कि राशन के साथ ही अन्य सामग्री भी एक ही जगह पर मिलने से अब अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। उचित मूल्य की दुकानों पर जन पोषण केन्द्र शुरू हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को तो लाभ होगा ही, इसके साथ ही राशन डीलरों की आय में भी वृद्धि होगी और लोगों को पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ मिलेंगे। जन पोषण केंद्रों में पोषण से जुड़े उत्पादों का भंडारण होगा। इन केंद्रों में राशन डीलर्स को आसान लोन की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही केंद्रों में डिजिटल टूल्स और सहायता प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाएगा। कॉमन सर्विस सेंटर, बैंकिग कॅरसपोंडेंस बनाने की कार्यवाही भी जन पोषण केन्द्र पर की जा रही है। जन पोषण केन्द्रों में पोषण सघन वस्तुओं जैसे कि बाजरा, दालें, खाद्य तेल, सोयाबीन और डेयरी उत्पाद का भण्डारण कर उचित मूल्य पर देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। उचित मूल्य दुकानों के डीलर्स को राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रोजेक्ट के प्रबंधन एवं निगरानी के लिये एक राज्य स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है।  

मानसून का कहर: 36 जिलों में मूसलधार बारिश, नदियों में उफान, कई इलाके जलमग्न

भोपाल मध्य प्रदेश में इन दिनों झमाझम बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। इस बार मध्य प्रदेश में सामान्य से 74 फ़ीसदी अधिक बारिश हो चुकी है जिसकी वजह से कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश और अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में फिलहाल कुछ ट्रफ सिस्टम एक्टिव हैं। जिसकी वजह से लगातार बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। इसके अलावा साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है जिसकी वजह से अधिकांश हिस्सों में आने वाले दिनों में बारिश का दौर जारी रहेगा।  मध्य प्रदेश में मानसून पूरी तरह एक्टिव हो चुका है। पिछले 24 घंटे में दमोह, शिवपुरी, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला, शहडोल और रीवा संभाग के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई है। लगातार हो रही तेज बारिश से कई जगहों पर जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने 14 जिलों में अति भारी बारिश और 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश में एक्टिव है सिस्टम मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एक लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। इसकी एक्टिविटी के कारण अगले कुछ दिनों तक बारिश का मौसम जारी रहने वाला है। 13 जुलाई तक प्रदेश में इसी तरह का माहौल बना रहने वाला है। मध्य प्रदेश में बारिश लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर चुकी है।जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर और ग्वालियर सहित कई जिले ऐसे हैं जहां बाढ़ के हालात बने हुए हैं। आज मौसम विभाग ने 14 जिलों में अति भारी बारिश और 22 दिनों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां होगी अति भारी बारिश नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुर्णा, मंडला, दमोह, डिंडोरी, उमरिया, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिरने की संभावना जताई गई है। यहां भारी बारिश की चेतावनी आज भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, विदिशा, अशोक नगर, मुरैना, शिवपुरी, रायसेन, निवाड़ी, अशोक नगर, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, सतना, सागर, पन्ना, मऊगंज, कटनी, रीवा, सीधी, सिंगरौली में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 4 इंच तक बरसात हो सकती है। इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, भोपाल, बड़वानी, हरदा, धार सहित कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश का क्षेत्रीय प्रभाव और आंकड़े प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कई जिलों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई: दमोह – सबसे ज्यादा 4.1 इंच बारिश शिवपुरी – 3 इंच नौगांव-सतना – 1.8 इंच टीकमगढ़ – 1.5 इंच सागर – 1.1 इंच रायसेन – 1 इंच भोपाल – आधा इंच से अधिक हादसे और घटनाएं     दमोह में पुलिया से नीचे लटकी बस  ड्राइवर ने उफनते नाले से बस पार कराने की कोशिश की, जिससे बस अनियंत्रित होकर पुलिया से लटक गई। 6 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। घटना तेजगढ़ थाना क्षेत्र की है।     सागर में कार बही बंडा क्षेत्र में एक कार उफनते नाले में बह गई। कार में सवार 3 लोग कूदकर अपनी जान बचा पाए।     कटनी में बिजली गिरने से 4 झुलसे  धान का रोपा लगाते समय आकाशीय बिजली गिरने से 4 लोग घायल हो गए।     नरसिंहपुर में बच्चे नदी में डूबे   विपतपुरा गांव में तीन बच्चे नदी में डूब गए। स्थानीय प्रशासन बचाव में जुटा है।     शिवपुरी में बाइक सवार बहे  गूगरीपुरा गांव में युवक रपटे को पार करते समय पानी में बह गए। एक युवक बाइक समेत बहा, लेकिन बाद में तैरकर बाहर आ गया।     बैतूल में बोलेरो बह गई  बीजादेही थाना क्षेत्र में बोलेरो वाहन नदी में बह गया, ग्रामीणों ने ड्राइवर और गाड़ी को सुरक्षित बचाया।     सीहोर में झरने में बहा युवक  सीहोर में सतकुंडा झरने में नहाते समय एक युवक के बहने का वीडियो वायरल हो रहा है। वह चट्टान से टकराकर रुका, जिससे जान बच गई। 14 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट इन जिलों में अगले 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है: जबलपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, दमोह, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर। 22 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट इन जिलों में 4.5 इंच तक बारिश की चेतावनी: ग्वालियर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, रायसेन, सीहोर, विदिशा, सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, कटनी, पन्ना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, निवाड़ी, उज्जैन और भोपाल। बाढ़ जैसे हालात और चेतावनी प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। कई गांवों का संपर्क टूटा है। बारिश के कारण सड़कें डूबी हुई हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। 13 जुलाई तक ऐसा ही रहेगा मौसम विभाग ने बताया है कि मध्यप्रदेश में लो प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इसके चलते अगले तीन दिन तक लगातार भारी बारिश होती रहेगी। 13 जुलाई तक मौसम का यही मिजाज बना रहेगा।

खंडवा में गुरु पूर्णिमा पर सत्कार की परंपरा जीवंत, ‘अतिथि देवो भव:’ भाव से हो रहा स्वागत

 खंडवा  खंडवा निमाड़ की वह धरती है जहां पर पत्रकारिता के माखनलाल चतुर्वेदी , कलाकार किशोर कुमार और खंडवा के सबसे बड़े दादाजी केशवानंद महाराज हरिहरानंद महाराज कि यहां पर समाधि है जहां पर लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा पर दादा जी महाराज के भक्त हजारों किलो .मीटर से नंगे पांव निशान रथ लेकर दर्शन के लिए खंडवा पहुंचते हैं दादाजी महाराज के दरबार में वही पर भक्तों के  लिए निशुल्क खंडवा पहुंचने पर अनेक प्रकार के भोजन के लिए स्टॉल लगाए जाते हैं और खंडवा शहर के तमाम लोगों द्वारा भक्ति भाव से 2 दिन तक आने वाले लाखों की संख्या में भक्तों की सेवा करते हैं और यहां तक पूरा खंडवा शहर भक्ति भाव में डूब जाता है और बडे पैमाने पर भंडारे भी किए जाते हैं लेकिन इस बीच एक अनोठी भक्ति भी देखने को मिली जहां पर एक भक्त 12 से अधिक प्रजाति के फूल और फल वाले पौधे भी बांटते नजर आया जहां पर हर एक श्रद्धालु लाइन में लगकर पौधे लेते नजर आए गुरु पूर्णिमा के मौके पर खंडवा में अतिथि देवो भव: की परंपरा निभाई जा रही है। दादा जी धूनीवाले के दरबार में आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका यहां पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां आने वालों के लिए खाना-पीना पूरी तरह से फ्री है। यहां 500 से ज्यादा भंडारों में नाश्ता-भोजन परोसा जा रहा है। हर पंडाल में खाने को कुछ अलग है। यानी कह सकते हैं कि यहां 56 प्रकार के व्यंजन भक्तों को परोसे जा रहे हैं। इन भंडारों को मजदूर, हम्माल, अफसर-कर्मचारी से लेकर कारोबारी तक संचालित कर रहे हैं। रोचक है भंडारे के शुरुआत की कहानी भंडारे के शुरुआत की कहानी भी बहुत रोचक है। यहां रहने वाले बताते हैं कि 34 साल पहले अतिथि देवो भव: की परंपरा की शुरुआत एक घटना से हुई थी। पहले बाहर से आए भक्त भोजन के लिए होटल पर निर्भर रहते थे। इस दौरान 1991 में एक भक्त यहां दादाजी दरबार दर्शन करने पहुंचा, उसके पास रुपए नहीं थे। भूख लगी तो होटल में खाना खाने पहुंचा। यहां दुकानदार ने भक्त को अपमानित किया। यहां मौजूद दादा जी के भक्तों ने यह देखा, उन्हें अच्छा नहीं लगा। इसके बाद 1992 से यहां भंडारे की शुरुआत हुई, जो अब सैकड़ों स्टॉल तक पहुंच चुका है। कुंभ में भंडारा देख खंडवा में की शुरुआत गणेश गोशाला समिति के सचिव रामचंद्र मौर्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में भक्त निशान लेकर दादा जी के दरबार में पहुंचते हैं। सबसे बड़ी तादाद में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, महाराष्ट्र और गुजरात के भक्तों की आवाजाही रहती है। इनकी भक्ति को देखकर पूरा शहर इनकी सेवा और सत्कार के लिए उमड़ता है। शहर में बजरंग दल ने 34 साल पहले दादाजी मंदिर के पास भंडारा शुरू किया था। जिले से बजरंग दल के 2300 कार्यकर्ता 1992 में उज्जैन कुंभ मेले गए थे, तब वहां श्रद्धालुओं को चाय, पोहे व प्रसादी भंडारे में दी जा रही थी। वहीं से प्रेरणा लेकर खंडवा में भंडारों की शुरुआत हुई। एक भंडारा शुरू होने के बाद इनकी संख्या 4 से 5 हुई। आज शहर में 500 से अधिक भंडारों में पूड़ी-सब्जी से लेकर 56 से भी ज्यादा पकवान परोसे जाते हैं। कई सदस्यों की दूसरी पीढ़ी कर रही भंडारों में सहयोग कमल यूथ क्लब के सतनाम सिंह होरा ने बताया कि क्लब द्वारा पहले जय अंबे चौक पर फरियाली खिचड़ी का वितरण किया जाता था, लेकिन भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर क्लब ने भी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था शुरू की। क्लब में ऐसे सदस्य भी हैं, जिनकी दूसरी पीढ़ी भंडारे में सहयोग कर रही है। क्लब में 140 सदस्य हैं। इसकी शुरुआत 7 लोगों ने कीं, लेकिन आज कई नए सदस्य जुड़कर सेवा दे रहे हैं। 28 साल पहले नाश्ते से शुरुआत, अब गुलाब जामुन बांट रहे दादाजी मंदिर मार्ग पर अंजनी बालाजी नगर के सामने दादाजी सेवा मंडली ने स्टॉल लगाया है। यहां दादाजी भक्तों को गुलाब जामुन बांटे जा रहे हैं। आयोजक साधुराम अग्रवाल बताते हैं कि, इस स्टॉल को 28 साल हो गए हैं। शुरुआत में पोहा बांटते थे, अब यह सिलसिला मिठाई तक पहुंच गया है। पहले आईस्क्रीम और बालूसाई भी बांट चुके हैं। कलेक्ट्रेट, आरटीओ, एनएचएआई विभाग का भी स्टॉल निजी संस्थानों के साथ सरकारी विभाग के भी यहां स्टॉल लगे हुए हैं। इनमें आरटीओ विभाग तो पिछले 19 साल से भंडारे का आयोजन कर रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी स्टॉल लगाकर सेवा कर रहे हैं। विपणन संघ सब्जी-पुड़ी बांट रहा है। एनएचएआई ने भी थाना पदमनगर के सामने स्टॉल लगाया है। मोहल्ले का ग्रुप परोस रहा जलेबी और भजिए आनंद नगर क्षेत्र में पारस स्टेशनरी के पास एक्टिव ग्रुप ने नाश्ते का स्टॉल लगाया है। यहां भक्तों को जलेबी और भजिए परोसे जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े संस्थान, स्कूल कॉलेज और कोचिंग क्लासेस द्वारा ज्यूस और चाय बांट रहे हैं। 3 साल से मंदिर प्रांगण में भी भक्तों के लिए भंडारा हो रहा दादाजी मंदिर प्रांगण में रोजाना दोनों समय लंगर लगता है। सेवादार महेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस भंडारे से मंदिर के सेवादार, पुलिसकर्मी और निशान लाने वाले भक्तों को आसानी से भोजन प्रसादी मिल जाती है। यहां भक्तों को बैठाकर खिचड़ा, कड़ी और रोटी दे रहे हैं। वहीं, इस बार बूंदी साढ़े 12 ‎‎क्विंटल बेसन, 140 डिब्बे‎ घी, 25 क्विंटल शकर से पांच‎ भटि्टयों पर तैयार की गई है। इसके अलावा तीन‎ दिन‎ भोजन प्रसादी के लिए 20‎ क्विंटल आटे की पुड़ी,‎ 115 ‎क्विंटल चावल, 5‎ क्विंटल मूंग की दाल और‎ 25 डिब्बे घी से‎ हलवा‎ तैयार किया गया है। चिकित्सा मित्र बांट रहे साड़ियां-खिलौने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टरों ने भी चिकित्सा मित्र नाम से एक ग्रुप बनाया है। यह ग्रुप पिछले पांच साल से बच्चों को खिलौने बांट रहा है। बच्चों के लिए पानी की बोतल, पेन-कॉपी और किताबों सहित स्कूल बैग का वितरण भी कर रहा है। यहां तक की महिलाओं को साड़ियां भी बांटी जा रही है। ग्रुप में 30 सदस्य हैं। दादा दरबार से लेकर पूरा शहर बाजारवाद से परे है सीनियर जर्नलिस्ट मनीष जैन ने बताया … Read more

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत रायपुर  छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया। कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुस्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन 18 औद्योगिक नीतियों और प्रोत्साहनकारी प्रावधानों की दी जानकारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के उद्यमियों को किया निवेश के लिए मध्यप्रदेश आमंत्रित मुख्यमंत्री डॉ. यादव फर्नीचर, टिंबर व्यवसाय और होटल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि हुए बैठक में शामिल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन 18 औद्योगिक नीतियों और प्रोत्साहनकारी प्रावधानों की दी जानकारी भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को राजस्थान के जोधपुर प्रवास के दौरान विभिन्न फर्नीचर, टिंबर व्यवसाइयों और होटल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों से भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सघन वन संपदा है। मध्यप्रदेश जैसे सागौन वन कहीं नहीं है। फर्नीचर व्यवसाय में इनको बढ़ावा देते हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश में उद्योगों और व्यवसायों के उन्नयन के साथ नवीन निवेश आ रहा है। प्रदेश में उद्योग और निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों को बताया कि भोपाल में इस वर्ष फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई थी। इस अवसर पर 18 नई औद्योगिक नीतियों को लागू किया गया है। इनके लाभकारी प्रावधानों का लाभ देश भर के उद्यमियों द्वारा लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में उद्योग क्षेत्र में अनेक नवाचार भी किए गए हैं। नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निजी संस्थाओं को रियायती दर पर भूमि और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। जिस प्रदेश में सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज थे वहां आज 36 मेडिकल कॉलेज हैं। आने वाले 2 वर्ष में इनकी संख्या 50 हो जाएगी। चिकित्सा और उपचार क्षेत्र के साथ ही निवेश के अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहा है। विभिन्न राज्यों के उद्यमी उत्साह पूर्वक मध्यप्रदेश आ रहे हैं। मध्यप्रदेश आएं, उद्योग लगाएं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों से कहा कि वे विभिन्न उद्योगों की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश आ सकते हैं। उन्हें नीतियों के अंतर्गत उद्योग स्थापना के लिए पूरा प्रोत्साहन और सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग और रोजगार वर्ष 2025 में हुए विभिन्न कॉन्क्लेव, विभिन्न नगरों में रोड-शो आदि की जानकारी भी प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को राजस्थान के उद्यमियों ने अनेक सुझाव भी दिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रारंभ में राजस्थान के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।  

गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में होंगे शामिल डॉ. यादव आज 10 जुलाई को भोपाल में मनाएंगे गुरु पूर्णिमा, महोत्सव में लेंगे भाग गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, 10 जुलाई को भोपाल में रहेंगे मौजूद कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में होगा कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वरामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे, लॉर्ड्स टेस्ट में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते

लॉर्ड्स   5 मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर आने के बाद रोमांचक मोड़ पर है. पहला टेस्ट इंग्लैंड की टीम ने जीता था. लेकिन दूसरे टेस्ट में बाजी भारत ने मारी. इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 'क्रिकेट के मक्का' लॉर्ड्स में 10 जुलाई से है. इस मुकाबले पर सभी की नजर है. लेकिन इस मैच में कप्तान शुभमन गिल पर खासा फोकस होगा. क्योंकि गिल शानदार फॉर्म में चल  रहे हैं. पिछले मैच में उन्होंने दोहरा शतक और शतक लगाया है. गिल एक के बाद एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे हैं. इस मैच में भी वो कई कीर्तिमान बना सकते हैं. एक नजर गिल के प्रदर्शन पर… इस सीरीज में गिल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो लीड्स में खेले गए पहले मैच की पहली पारी में गिल ने 147 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. वहीं दूसरी पारी में गिल के बल्ले से केवल 8 रन ही आए थे. लेकिन दूसरे मैच की पहली पारी में गिल ने 269 रन बनाए. इसके बाद दूसरी पारी में भी गिल के बल्ले से 161 रनों का तूफान देखने को मिला. यानी दो मैचों में गिल के बल्ले से अबतक 585 रन बन चुके हैं. अभी गिल के पास 3 मैच हैं यानी 6 पारियां. गिल तोड़ सकते हैं इन दिग्गजों का रिकॉर्ड एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी डॉन ब्रेडमैन के नाम है. जिन्होंने 1930 में एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की 7 पारियों में 974 रन बनाए थे.   इसमें उन्होंने एक तिहरा शतक भी लगाया था. वहीं, दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के हैमांड का नाम आता है जिन्होंने 5 मैच की 9 पारियों में 905 रन बनाए थे. इसके बाद एमए टेलर ने 1989 में एक सीरीज में 839 रन बनाए. वहीं, इस लिस्ट में तीन भारतीय खिलाड़ियों का नाम आता है. पहला नाम सुनील गावस्कर का है, जिन्होंने 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 4 मैच की 8 पारियों में 774 रन बनाए थे. 1978-89 में फिर गावस्कर ने एक सीरीज में 732 रन बनाए. वहीं, 2023 में यशस्वी जायसवाल ने 5 मैच की 9 पारियों में 712 रन बनाए. वहीं, 2014-15 में विराट कोहली ने 4 मैच की सीरीज में 692 रन बनाए थे.  अब अगर गिल बचे हुए 3 मैचों की 6 पारियों में इसी लय में नजर आते हैं तो गावस्कर, रिचर्ड्स समेत कई दिग्गजों का रिकॉर्ड वो ध्वस्त कर सकते हैं. साथ ही एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीयों की लिस्ट में भी वो सबसे आगे निकल सकते हैं.  बता दें कि इससे पहले शुभमन गिल अब किसी टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन चुके हैं. शुभमन ने इस मैच में कुल 430 रन (269 & 161) बनाए. शुभमन ने सुनील गावस्कर का 54 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था. गावस्कर ने अप्रैल 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट मैच में कुल 344 रन (124 & 220) रन बनाए थे.