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बचत का बड़ा मौका: कल से शुरू हो रहा ‘बचत उत्सव’, पीएम मोदी का बड़ा बयान

नई दिल्ली  कल यानी सूर्योदय के साथ ही नेक्सट जनरेशन जीएसटी दरें लागू हो जाएंगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नाम संबोधन में यह बात कही। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल, नवरात्री के पहले दिन से ‘बचत उत्सव’ शुरू हो रहा है। इस बचत उत्सव से त्योहारों के सीजन में सबका मुंह मीठा होगा। पीएम ने अपने संबोधन में कहा है कि आज की जरूरतों और भविष्य को ध्यान में रखते नेक्सट जनरेशन रिफॅार्म लागू किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इनकम टैक्स और जीएसटी में मिली छूट की वजह से अब लोग 2.5 लाख रुपये की सालाना बचत कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्वदेशी सामानों के प्रयोग पर भी जोर दिया। 99% सामान अब 5% टैक्स के दायरे में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि जो सामान पहले 12 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आते थे। उसमें से 99 प्रतिशत सामान अब 5 प्रतिशत के दायरे में आ गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल से हो रहे बदलावों से अब महिलाओं, युवाओं, मिडिल क्लास, नियो मिडिल क्लास को बड़ी बचत होगी। उनके लिए अपने सपनों को पूरा करना अब और आसान हो जाएगा। क्या-क्या हो रहा 22 सितंबर से सस्ता रसोई में इस्तेमाल के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरणों से लेकर वाहन तक लगभग 375 वस्तुएं सोमवार यानी 22 सितंबर से सस्ती हो जाएंगी। घी, पनीर, मक्खन, नमकीन, केचप, जैम, सूखे मेवे, कॉफी और आइसक्रीम जैसी आम इस्तेमाल की चीजें और टीवी, एयर कंडीशनर (एसी), वॉशिंग मशीन जैसे महंगे उत्पाद भी सस्ते हो जाएंगे। सीमेंट होगा सस्ता अधिकांश दवाओं और फॉर्मूलेशन और ग्लूकोमीटर और डायग्नॉस्टिक किट जैसे मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे आम आदमी को दवाएं सस्ती मिलेंगी। सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे घर बनाने वालों को भी फायदा होगा। जीएसटी दर में कटौती से सबसे बड़ा फायदा वाहन खरीदारों को होगा, क्योंकि छोटी और बड़ी कारों पर कर दरें क्रमशः 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत कर दी गई हैं। अब रह जाएंगे सिर्फ 2 जीएसटी स्लैब कल 22 सितंबर से 4 की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब ही प्रभावी रहेंगे। बीते दिनों हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को समाप्त करने का फैसला किया गया था। कल से अब 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब ही रह जाएंगे। कुछ लक्जरी सामान और तम्बाकू प्रोडक्ट्स पर सरकार ने 40 प्रतिशत टैक्स लगाया है। देश के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देश के लोगों से स्वदेशी चीजें अपनाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा कि रोजमर्रा की चीजों में बहुत सी चीजें विदेशी जुड़ गई हैं, हमें इनसे भी मुक्ति पानी होगी। मेड इन इंडिया सामान खरीदना होगा। जिसमें हमारे देश के नौजवानों की मेहनत लगी है। हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है। हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। गर्व से कहो मैं स्वदेशी खरीदता हूं। गौरतलब है कि पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका में ट्रंप सरकार के आने के बाद व्यापारिक डील में परेशानी सामने आ रही है।

GST में बड़े बदलाव की तैयारी? पीएम मोदी आज करेंगे देश को संबोधित

दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे देश को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि पीएम मोदी जीएसटी सुधारों पर जानकारी दे सकते हैं. इसके साथ ही कल यानी 22 सितंबर से नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है, इसे लेकर भी पीएम मोदी चर्चा कर सकते हैं. हालांकि, उनके संबोधन को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. बता दें कि सरकार ने GST 2.0 के तहत कई उत्पादों पर जीएसटी की दरों में कमी की है. अब सिर्फ 2 जीएसटी स्‍लैब 5% और 18% ही रखे गए हैं, जबकि 12 फीसदी और 28 फीसदी टैक्‍स स्लैब को खत्‍म कर दिया गया है. 12 फीसदी स्‍लैब में शामिल ज्‍यादातर प्रोडक्‍ट्स को 5 फीसदी स्लैब की कैटेगरी में रखा गया है, जबकि 28 फीसदी वाले ज्‍यादातर प्रोडक्‍ट्स को 18% वाले स्‍लैब में रखा गया है. वहीं कुछ चीजों पर जीएसटी रेट को शून्‍य कर दिया गया है. इसका मतलब है कि 22 सितंबर के बाद इन प्रोडक्‍ट्स पर '0' जीएसटी लागू होगा, जिससे ये सभी चीजें बेहद सस्ती हो जाएंगी. पीएम मोदी का ये संबोधन ऐसे समय में हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में अमेरिका के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. इसका कारण अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीद पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना है, जिसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.  साथ ही ट्रंप प्रशासन ने नए एच-1बी वीज़ा आवेदनों पर सालाना शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दिया है, जिससे भारतीयों खासकर एच-1बी धारकों में चिंता और अस्थिरता फैल गई है.  हालांकि ट्रंप प्रशासन ने कहा कि एच-1बी वीज़ा पर नया 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क केवल नए आवेदनों पर लागू होगा. मौजूदा वीज़ा धारकों को यह भुगतान नहीं करना पड़ेगा. साथ ही जो वीज़ा धारक वर्तमान में अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें अमेरिका में लौटने के लिए भी यह शुल्क नहीं देना होगा. टैरिफ और एच-1बी वीज़ा पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर की भारी फीस के अमेरिकी फैसले का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि भारत का सबसे बड़ा विरोधी अन्य देशों पर उसकी निर्भरता है. उन्होंने सेमीकंडक्टर से लेकर जहाज निर्माण तक के क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की बात कही.

रायपुर में जीएसटी चोरी का बड़ा खुलासा, 170 फर्जी फर्मों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी

जाँच में 1.64 करोड़ रूपये नकद और 400 ग्राम सोना जब्त रायपुर मो. फरहान सोरठियाराज्य जीएसटी विभाग ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा जीएसटी प्राईम पोर्टल का उपयोग करके बोगस फर्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का पता लगाया है। इसका मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया है, जो जीएसटी के कर सलाहकार के रूप में कार्य करता था। इस सिंडिकेट के कारण राज्य को प्रतिमाह करोड़ों रूपये के कर राजस्व का नुकसान होता था। राज्य जीएसटी की बी.आई.यू. टीम इस प्रकरण पर एक माह से कार्य कर रही थी। मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया के ऑफिस में 12 सितंबर को जांच की गयी। जांच के दौरान यहां से 172 फर्मों के बारे में जानकारियां मिली। फरहान ने अपने 5 ऑफिस स्टॉफ को फर्मों का पंजीयन कराने, रिटर्न फाईल करने और ई-वे बिल तैयार करने के लिये रखा था। इसके अलावा मास्टर माइंड के आफिस से बोगस पंजीयन के लिये किरायानामा, सहमति पत्र, एफिडेविट तैयार करने के भी साक्ष्य मिले हैं। 26 बोगस फर्मों से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल जनरेट किया गया, जबकि रिटर्न में 106 करोड रूपये का ही टर्नओव्हर दिखाया गया है। केवल इन फर्मों से ही राज्य को 100 करोड़ रूपये के जीएसटी का नुकसान होने का प्रारंभिक आंकलन है। यहां से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार राज्य के भीतर और पंजाब, असम, मणिपुर, ओडिसा में भी पंजीयन लिया गया है। पंजीयन के लिए बोगस दस्तावेज जैसे किरायानामा एवं सहमति पत्र भी तैयार किये जाते थे। इन फर्मों के माध्यम से बोगस सप्लाई बिल और ई-वे बिल जारी किए जा रहे थे। मो. फरहान के बोगस फर्मों से संबंधित दस्तावेज छुपाये जाने की सूचना पर विभाग ने 17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के आवास में सर्च (जांच) किया गया। वहां अधिकारियों को 1 करोड़ 64 लाख रूपये के नोट और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। विभाग के अधिकारियों ने इसे जब्त कर के आयकर विभाग को सूचना दे दी है। जीएसटी अधिकारियों द्वारा इन फर्मों से करोड़ों रूपए के जीएसटी फ्रॉड की राशि की गणना की जा रही है। इस प्रकरण में कई ब्रोकर, स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ लेने वाली कम्पनियाँ भी विभाग के जांच के दायरे में है। राज्य कर विभाग द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे की विधिक कार्यवाही प्रगति पर है।

Suzuki Motorcycle इंडिया ने कीमतों में किया संशोधन, GST 2.0 के कारण बड़ी बचत

मुंबई   GST 2.0 के चलते वाहन निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतों में संशोधन कर रही हैं. नई GST दरों के चलते 350cc से कम क्षमता वाली बाइक और स्कूटरों की कीमतों में कटौती की जा रही है. अब तक कई दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने अपनी कीमतों की घोषणा कर दी है. इसी क्रम में Suzuki Motorcycle India भी अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती करने वाली है. Suzuki Motorcycle के उत्पादों की कीमतों में होने वाली कटौती Suzuki की बाइक्स और स्कूटर की संशोधित कीमतें मॉडल पुरानी कीमत (एक्स-शोरूम, दिल्ली) नई कीमतें (एक्स-शोरूम, दिल्ली) कीमत में अंतर Suzuki Access 125 1,02,400 रुपये 93,877 रुपये 8,523 रुपये Suzuki Avenis 125 94,000 रुपये 86,177 रुपये 7,823 रुपये Suzuki Burgman Street 1,00,600 रुपये 92,227 रुपये 8,373 रुपये Suzuki Burgman Street EX 1,17,700 रुपये 1,07,902 रुपये 9,798 रुपये Suzuki GIXXER 1,38,401 रुपये 1,26,881 रुपये 11,520 रुपये Suzuki GIXXER SF 1,47,901 रुपये 1,35,590 रुपये 12,311 रुपये Suzuki GIXXER 250 1,98,501 रुपये 1,81,976 रुपये 16,525 रुपये Suzuki GIXXER SF 250 2,16,500 रुपये 1,98,476 रुपये 18,024 रुपये Suzuki V-Strom SX 2,16,000 रुपये 1,98,018 रुपये 17,982 रुपये जानकारी के अनुसार Suzuki Motorcycle ने 350cc और उससे कम क्षमता के अपने पूरे लाइन-अप की कीमतों में कटौती करने वाली है. सबसे पहले, कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली 125cc वाहनों में से एक Suzuki Access 125 की बात करें तो कंपनी इसकी कीमत में 8,523 रुपये की कटौत करने वाली है. वहीं दूसरी ओर Suzuki Access के स्पोर्टी वर्ज़न, Suzuki Avenis 125 की कीमत में 7,823 रुपये तक की अपेक्षाकृत कम कटौती की जा सकती है. इसके अलावा, Suzuki Burgman Street की बात करें तो इसकी कीमतों में 8,373 रुपये तक की कटौती की जाएगी. Suzuki Burgman Street के ज्यादा महंगे EX वेरिएंट की कीमतों में 9,798 रुपये की ज़्यादा कटौती की जाएगी. बाइक्स की कीमतों की बात करें तो, Suzuki Gixxer लाइनअप की कीमतों में कम से कम 11,520 रुपये की कटौती की जाएगी, जबकि ज़्यादा महंगी Gixxer SF 250 पर सबसे ज़्यादा 18,024 रुपये की छूट दी जाएगी. इसके अलावा Suzuki Motorcycle की क्वार्टर-लीटर टूरर मोटरसाइकिल Suzuki V-Strom SX की कीमत में 17,982 रुपये की गिरावट आएगी. इसके अलावा, Suzuki Motorcycle का कहना है कि स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज पर कम GST का लाभ भी मालिकों को दिया जाएगा और इससे रखरखाव की लागत भी कम होगी.    

शैंपू-साबुन पर GST घटा, डव-लाइफबॉय के नए रेट जारी – जानें कितनी होगी बचत

नई दिल्ली 22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी रेट के चलते अब हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के कई पॉपुलर प्रॉडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे। दरअसल, कंपनी ने अपने इन प्रॉडक्ट्स के प्राइस में बड़ी कटौती की है। डव शैंपू, किसान जैम, हॉर्लिक्स, लक्स साबुन और लाइफबॉय साबुन जैसे प्रॉडक्ट्स की प्राइस अब 15% तक कम हो जाएगी। 22 सितंबर से ये बदलाव वाले रेट लागू होंगे। बता दें कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया था। सरकार द्वारा जीएसटी के मेथड को और भी सरल बनाने के लिए दो टैक्स स्लैब्स को इंट्रोड्यूस किया गया। पहले टैक्स स्लैब्स 5%, 12% और 18% के थे, लेकिन अब इन सभी को सिर्फ दो टैक्स स्लैब्स 5% और 18% में लाया गया। सस्ते होने वाले हैं डव शैंपू, हॉर्लिक्स और लाइफबॉय साबुन जैसे HUL के कई प्रोडक्ट्स, जानिए कितनी कम हो जाएगी कीमत ये प्रोडक्ट्स हो जाएंगे सस्ते जीएसटी में हुए इन बदलावों के चलते कई प्रॉडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे। इनमें खास तौर पर फूड आइटम्स शामिल हैं। दूध, पनीर और जैम्स को जीएसटी से छूट मिली है, यानी इन पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि कुछ प्रॉडक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें 5% टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है। वहीं साबुन, शैंपू और टूथपेस्ट जैसे प्रॉडक्ट्स पर लगने वाला 18% का टैक्स अब 5% कर दिया गया है। टैक्स कटौती से अब सीधा फायदा कंज्यूमर्स को पहुंचेगा। ऐसे में कई बड़ी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स के रेट भी घट जाएंगे। 22 सितंबर से लागू होंगे नए रेट सरकार की ओर से 22 सितंबर से लागू होने वाले नए रेट के चलते कंपनियों को अपने पुराने बचे हुए स्टॉक की एमआरपी बदलने की इजाजत भी दी गई है। अब मैन्युफैक्चरर, पैकर्स और इंपोर्टर्स पुराने स्टॉक पर नई कीमतें स्टांप, स्टीकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग से लगा सकेंगे, जिससे मैन्युफैक्चर का स्टॉक खराब नहीं होगा। हालांकि 31 दिसंबर 2025 तक पुराना स्टॉक खत्म करना जरूरी होगा। नई कीमतों के साथ कंपनियों को अब पुराना एमआरपी दिखाना भी जरूरी होगा। कंपनी ने ये क्यों किया? इसी महीने 3 सितंबर 2025 को GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग हुई। इस मीटिंग में सरकार ने GST को सरल बनाने का फैसला लिया। पहले टैक्स स्लैब 5%, 12% और 18% के थे, लेकिन अब 12% वाला स्लैब हटा दिया गया। इससे सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% बचे रहेंगे। कई फूड आइटम्स जैसे UHT मिल्क, पनीर और जैम्स को या तो GST से छूट मिल गई या फिर 5% टैक्स स्लैब में डाल दिया गया। इसके अलावा साबुन, शैम्पू और टूथ पेस्ट पर GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया है। सरकार ने साफ कहा कि ये टैक्स कटौती का फायदा कंज्यूमर्स तक पहुंचना है। इसी के चलते कंपनी ने दाम घटाने का फैसला किया है। सरकार ने कंपनियों को पुराने स्टॉक की MRP बदलने की इजाजत दी सरकार ने 22 सितंबर से लागू हो रहीं नई GST दरों से पहले सरकार ने कंपनियों को अपने पुराने बचे हुए माल (अनसोल्ड स्टॉक ) की मैक्सिमम रिटेल प्राइज (MRP) बदलने की इजाजत दे दी है। मैन्युफैक्चरर्स, पैकर्स और इम्पोर्टर्स अब पुराने स्टॉक पर नई कीमतें स्टैंप, स्टिकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग से डाल सकेंगे। भारत के कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा कि ये अनुमति 31 दिसंबर 2025 तक या पुराना स्टॉक खत्म होने तक लागू रहेगी। नई कीमतों के साथ कंपनियों को पुराना MRP दिखना जरूरी होगा। लग्जरी आइटम्स पर ज्यादा टैक्स लगेगा लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगे। इससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।

जनता को राहत: सरकार ने 12% टैक्स स्लैब घटाकर 5% किया, 99% वस्तुएं होंगी सस्ती

चेन्नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार ने 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इससे लोगों पर कर का बोझ कम होगा। ट्रेड एडं इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ज्वाइंट कॉन्क्लेव में लोगों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "सरकार ने जीएसटी सुधार के तहत टैक्स स्लैब की संख्या को चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दिया गया है।" वित्त मंत्री ने आगे कहा, "जब लोगों को लगा कि सरकार ज्यादा टैक्स लगा रही है तो प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्स के बोझ को घटाने के लिए कदम उठाए। जीएसटी में कटौती का हमारे 140 करोड़ नागरिकों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री दिवाली से पहले देश को यह छूट देना चाहते थे, लेकिन हमें नवरात्रि से पहले ही इसकी घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। यह सभी भारतीयों की जीत है।" वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 90 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया है। इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री ने बताया कि 2017 में केवल 65 लाख लोग की जीएसटी का भुगतान कर रहे थे, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ पर पहुंच गई है। साथ ही जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो कि 2018 में 7.18 लाख करोड़ रुपए था। जीएसटी में कटौती का श्रेय राज्यों के साथ साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के मंत्री जीएसटी परिषद की शुरुआत से ही इसका हिस्सा रहे हैं, और यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया है। इस सफलता में राज्य सरकारों की भी भूमिका है। हमने 350 से ज्यादा वस्तुओं पर कर कम किया है और कर ढांचे को केवल दो स्लैब तक सीमित कर दिया है। नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे। नए जीएसटी ढांचे में सरकार ने 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रखे हैं। वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का अलग से टैक्स लगाया जाएगा।

GST कटौती ने इस कार को किया किफायती, त्योहारों पर ग्राहकों को मिलेगा बड़ा ऑफर

मुंबई होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (HCIL) की लग्जरी सिटी सेडान को 22 सितंबर से खरीदने सस्ता हो जाएगा। दरअसल, नए GST स्लैब का असर इस कार की कीमत पर भी देखने को मिलेगा। ऐसे में कंपनी ने बताया कि इस कार पर ग्राहकों का 57,500 रुपए के टैक्स की बचत होगी। इतना ही नहीं, कंपनी इस कार पर इस महीने 1.07 लाख रुपए के बेनिफिट भी दे रही है। यानी इस सेडान को खरीदने पर कुल मिलाकर 1.64 लाख रुपए तक का फायदा मिल जाएगा। होंडा सिटी में e:HEV के साथ SV, V, VX और ZX वैरिएंट आते हैं। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 12.38 लाख रुपए है। भारत में इसका मुकाबला स्कोडा स्लाविया, हुंडई वरना और फॉक्सवैगन वर्टूस से होता है। होंडा सिटी का इंजन, फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस होंडा सिटी में 1.5-लीटर का पेट्रोल इंजन दिया गया है. जो 121bhp की पावर और 145Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। कार के इंजन को 6-स्पीड मैनुअल और 7-स्टेप सीबीटी गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। कंपनी 1.5-लीटर ऑटोमेटिक वैरिएंट में 17.8 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज देने का दावा करती है। जबकि 1.5-लीटर CVT वैरिएंट 18.4 किमी प्रति लीटर तक माइलेज देता है। वही, हाइब्रिड मॉडल का माइलेज 26.5Km/l तक है। होंडा सिटी में वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और एपल कारप्ले के साथ 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, लैदर अपहोल्स्ट्री, रेन-सेंसिंग वाइपर, वायरलैस फोन चार्जर, क्रूज कंट्रोल, सनरूफ और एम्बिएंट लाइटिंग जैसे फीचर्स दिए गए हैं।सेफ्टी के लिए 6 एयरबैग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, रियर व्यू कैमरा, ABS के साथ EBD और ADAS जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इसमें होंडा ADAS सेफ्टी फीचर्स भी ऑफर करती है। छोटी और लग्जरी कारों पर नए GST 2.0 की कंडीशन छोटी पेट्रोल और पेट्रोल हाइब्रिड कारों पर अब 18% GST ही देना होगा। इसी तरह CNG और LPG कारों पर भी यही टैक्स लिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए कंडीशन ये तय की गई है कि पेट्रोल और CNG कारों में 1200cc या इससे कम कैपेसिटी वाला इंजन हो। या फिर इन कारों की लंबाई 4 मीटर से ज्यादा ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसी तरह, डीजल और डीजल हाइब्रिड कारों पर भी अब 28% के बजाय 18% GST लगेगा, लेकिन ये छूट सिर्फ 1500cc पावर तक कैपिसिटी वाली और 4 मीटर तक लंबी कारों को ही मिलेगी। दूसरी तरफ, लग्जरी और मिड साइज कारों के लिए अब 40% टैक्स कर दिया है। सरकार ने इन्हें लग्जरी आइटम मानते हुए 40% GST स्लैब के दायरे में रखा है। 1200cc से बड़ी पेट्रोल कारें और 1500cc से अधिक क्षमता वाली डीजल कारें इस दायरे में आएंगी। ऐसे में यूटीलिटी व्हीकल (UV), स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल (SUV), मल्टी यूटीलिटी व्हीकल (MUV) और मल्टी पर्पज व्हीकल (MPV) या क्रॉस ओवर यूटीलिटी (XUV) व्हीकल पर 40% GST देना होगा। जिन व्हीकल का ग्राउंड क्लीयरेंस 170mm से अधिक होगा वो भी इसी कैटेगरी में आएंगे। सरकार ने लग्जरी और बड़ी कारों म को 40% कर दिया है। हालांकि, अच्छी खबर ये है कि पुराने GST स्टैब की तुलना में इसे कम किया गया है। जी हां, पहले लग्जरी कारों पर 28% GST और 22% सेस लगता था। इस तरह ग्राहकों को कुल 50% टैक्स देना पड़ता था। अब नए GST स्लैब में इसे घटाकर कुल 40% कर दिया गया है। यानी ग्राहकों को यहां भी 10% टैक्स से छुटकारा दिया गया है। यानी इसमें 28% GST को बढ़ाकर 40% कर दिया गया है, लेकिन सेस को 00% कर दिया है।

GST में छूट का दिखा असर: वाहन बाजार में बुकिंग का उछाल, लेकिन सप्लाई चेन बना रोड़ा

ग्वालियर जीएसटी काउंसिल ने फेस्टिवल सीजन को देखते हुए आम लोगों की जेब पर बड़ा फायदा देने का ऐलान किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, इंश्योरेंस और अन्य रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी दरों में कटौती की गई है, लेकिन इसका एक साइड इफेक्ट ये हुआ है कि बाजार फिलहाल थम सा गया है। ज्यादातर लोग नई दरों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे खरीदारी 70-80 फीसदी तक गिर गई है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में बुकिंग जारी, डिलीवरी रुकी ग्वालियर ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरिकांत समाधिया ने बताया कि सरकार की ओर से जीएसटी की दरें कम करने के बाद कंपनियां दिमाग लगा रही हैं। कंपनियां सेस का कंपन्सेशन एडजस्ट नहीं करना चाहती, ऐसे में वे स्कीम्स को बंद करने का मन बना रही हैं। जहां तक कारों की खरीदारी की बात है तो फिलहाल सिर्फ वाहनों की बुकिंग हो रही है, खरीदारी 22 सितंबर के बाद होगी। एक छोटी गाड़ी पर 50 हजार तक की बचत होगी। सरकार को 22 सितंबर को ही घोषणा करनी थी इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारी केदारनाथ गुप्ता ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में जीएसटी की दरें 28 से कम होकर 18 फीसदी होने वाली हैं। पर सरकार को इसकी घोषणा 22 सितंबर को ही करनी थी, फिलहाल बाजार एकदम से थम सा गया है। यानी खरीदारी 80 फीसदी तक कम हो गई है। लोग अब 22 सितंबर का ही इंतजार कर रहे हैं। एक लाख रुपए के 75 इंच के एलइडी पर 10 हजार और 55 इंच के एलइडी पर करीब 3906 रुपए की बचत होगी। नहीं करा रहे इंश्योरेंस, रिन्युअल प्रीमियम भी नहीं भर रहे स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इंश्योरेंस कंसल्टेंट प्रणव कुमार दास ने बताया कि 22 सितंबर तक कोई भी व्यक्ति इंश्योरेंस कराने को तैयार नहीं है। यहां तक कि लोग अपनी रिन्युअल प्रीमियम भी नहीं जमा कर रहे। हम उन्हें समझा रहे हैं कि आपकी पॉलिसी लेप्स हो जाएगी और उसमें रिस्क कवर भी नहीं है। फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं और कह रहे हैं कि 16-17 दिनों में कुछ नहीं होगा। इसके साथ ही जिन बीमा कंपनियों ने अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए प्रतियोगिताएं निकाली थीं, उन्हें या तो बंद कर दिया गया है या फिर उनकी तारीख बढ़ा दी है। सिर्फ तीन दिन में होगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन जीएसटी कॉउंसिल की ओर से किए गए रिफॉर्म्स में जीएसटी करदाताओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी अब बेहद सरल बना दिया गया है। कॉउंसिल ने महज 3 दिन में ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन देने की बात कही है। इससे व्यापार करने में सुगमता आएगी और विभाग के चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं होगी। इसमें खास बात यह है कि ये रजिस्ट्रेशन अब बिना वेरिफिकेशन के ही प्रदान कर दिए जाएंगे। इस नई स्कीम से करीब 96 फीसदी करदाताओं को लाभ मिलेगा, जो नया पंजीयन लेते हैं। ये स्कीम एक नवंबर 2025 से चालू होगी। इसके साथ ही जीएसटी के 90 फीसदी रिफंड का रुपया प्रोविजनल आधार पर ही मिल सकेगा। सीए पंकज शर्मा ने बताया कि व्यापार की सुगमता के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाना अच्छा कदम है। इससे लंबा समय लेने वाली प्रक्रिया से बचाव होगा।

दिवाली पर किसानों की झोली होगी भारी! GST कटौती और PM KISAN 21वीं किस्त की तैयारी

नई दिल्ली केंद्र की मोदी सरकार ने GST Rate Cut करके किसानों को ही नहीं पूरे देशवासियों को दिवाली का गिफ्ट नवरात्रि में ही दे दिया। 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होंगी। रोजमर्रा की जरूरतों का लगभग हर सामान सस्ता हो गया। कुछ वस्तुओं पर तो 0 जीएसटी लगेगा। ये गिफ्ट देश के हर वर्ग के लोग किसानों से लेकर मिडिल क्लास तक सभी के लिए हैं। लेकिन किसानों को दिवाली पर मोदी सरकार एक और तोहफा दे सकती है। ये तोहफा PM KISAN YOJANA की 21वीं किस्त का हो सकता है। पीएम किसान योजना केंद्र सरकार की एक योजना है जिसे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इससे पहले 2 अगस्त को PM Modi ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 20वीं किस्त जारी की थी। अब किसानों को अगली किस्त का इंतजार है। GST Rate Cut के बाद अब दिवाली पर PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त? कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि किसानों को दिवाली या दिवाली से पहले 21वीं किस्त का तोहफा मिल सकता है। पिछले साल की बात करें तो अक्टूबर 2024 में मोदी सरकार ने 18वीं किस्त जारी की थी। इस बार दिवाली 20 और 21 अक्टूबर को पड़ रही है।  ऐसे में संभावना यही है कि इस बार भी अक्टूबर में मोदी सरकार PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त जारी कर सकती है। हालांकि, अभी सरकार द्वारा आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। बैंक खाते में आएंगे 2-2 हजार? अगर दिवाली से पहले किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये आते हैं तो यह डबल धमाके जैसे होगा। क्योंकि सरकार ने पहले ही जीएसटी की दरों में कटौती कर दी है। 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से New GST Rates लागू हो रहे हैं। सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त (21st installment of the PM Kisan Samman Nidhi Yojana) जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जो 2,000 रुपये की तीन किस्तों में विभाजित होते हैं, सीधे उनके बैंक खातों में।  

कब और कैसे हुआ GST सुधार का आगाज़? जानें वित्त मंत्री की बारीक बातें

नई दिल्ली  जीएसटी में व्यापक सुधार रातों-रात नहीं हुआ बल्कि इसकी शुरुआत माल एवं सेवा कर परिषद की पिछले साल दिसंबर में जैसलमेर में हुई बैठक से पहले ही हो गयी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फोन कर जीएसटी को व्यवसायों के लिए सुविधाजनक बनाने और दरों को युक्तिसंगत बनाने को कहा था, जिसके बाद इस पर काम तेजी से आगे बढ़ा। यह बात स्वयं सीतारमण ने बतायी। इसके परिणामस्वरूप सरल जीएसटी प्रणाली का रास्ता साफ हुआ जिसमें कर की दरें कम हैं। इससे एक तरफ जहां कंपनियों के लिए अनुपालन का बोझ कम हुआ है वहीं रोजमर्रा के इस्तेमाल के समेत लगभग 400 वस्तुओं पर कर दरें कम हुई हैं। सीतारमण ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘वास्तव में जीएसटी में व्यापक सुधारों का काम पहले ही शुरू हो चुका था। राजस्थान के जैसलमेर में हुई पिछली जीएसटी परिषद की बैठक से पहले ही, प्रधानमंत्री ने मुझे फोन करके कहा था,‘एक बार आप जीएसटी को देख लो, व्यवसायों के लिए सुविधाजनक बनाओ और दरों पर इतने सारे भ्रम की स्थिति क्यों है? मुझे लगता है कि नौ महीने पहले हुई जैसलमेर बैठक से पहले की बात है।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिर, बजट के दौरान, जब हम आयकर उपायों पर चर्चा कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे (प्रधानमंत्री) याद दिलाया कि ‘आप जीएसटी के ऊपर काम कर रही हैं न।' यह एक चीज थी।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘दूसरा, मंत्री समूह (जीओएम) डेढ़ साल से काम कर रहे थे और मैं उनमें से प्रत्येक की सराहना करती हूं कि उन्होंने रिपोर्ट तैयार करने के लिए बहुत मेहनत की और उनके सुझाव सामने आए।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री की बात सुनने के बाद मैंने यह निर्णय लिया कि अब समय आ गया है कि हम जीएसटी के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा करें, न केवल दरों की, न केवल स्लैब की संख्या की, बल्कि इस दृष्टिकोण से भी देखें कि एक व्यवसाय, लघु या मझोले व्यवसाय के लिए यह कितना और बेहतर होगा'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमने इन सब बातों पर गौर किया। वस्तुओं के वर्गीकरण को देखा जिससे काफी भ्रम पैदा हो रहा था… फिर, स्वभाविक रूप से दर पर भी गौर किया। एक फरवरी, 2025 से लेकर लगभग 15 मई तक हम इसकी अध्ययन समीक्षा आदि का काम करते रहे।'' सीतारमण ने कहा, ‘‘मई के मध्य में… मैं प्रधानमंत्री के पास गयी, उन्हें जानकारी दी और बताया कि हम कदम उठाने के करीब हैं। यह एक प्रस्ताव का रूप ले सकता है और उनसे समय देने का अनुरोध किया…। उसके बाद उन्होंने कहा कि आप देखिये इसे कैसे जीएसटी परिषद में ले जा सकती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिर मैं टीम के साथ बैठी और तय किया कि यह केंद्र का प्रस्ताव होगा, जो जीओएम को भेजा जाएगा, क्योंकि जीओएम में राज्यों के मंत्री हैं। मैं वहां नहीं हूं। वास्तव में हम चाहते थे कि यह स्पष्ट हो जाए कि हम जीओएम द्वारा किए गए सभी कार्यों का सम्मान करते हैं। लेकिन यहां एक प्रस्ताव विशेष रूप से केंद्र की ओर से आ रहा है, जो परिषद में एक-तिहाई भागीदार है।'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘नियमानुसार, हमने मंत्री समूहों को प्रस्ताव दिया और मंत्री समूहों ने उस पर विचार करना शुरू कर दिया। इस बीच, और उससे भी पहले, जैसलमेर में, वित्त राज्यमंत्री को क्षतिपूर्ति उपकर पर गठित मंत्री समूह का चेयरमैन बनाया गया था और वह उस पर विचार कर रहे थे। लेकिन वहां भी, क्षतिपूर्ति उपकर के बाद, अगर वह उसे समाप्त करने का फैसला लेते हैं, तो उन मदों का क्या होगा जो क्षतिपूर्ति उपकर के अंतर्गत आती हैं? अब वे कहां जाएंगी? यह दरों को युक्तिसंगत बनाने का मामला है। इसलिए मंत्रिसमूह ने यह निर्णय लिया कि उपकर और उसे समाप्त करने के संबंध में, उन्हें हर नियम एवं शर्तों पर काम करना होगा। लेकिन इसके अलावा, दरें तय करने के लिए गठित मंत्रियों का समूह दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा था। इसलिए, मंत्रिसमूह के सदस्यों की सहमति से, यह तय किया गया कि उपकर पर काम कर रहे सदस्य भी दरों को युक्तिसंगत बनाने वाली समूह समिति में भाग लेंगे…।'' फिर दरों को युक्तिसंगत बनाने वाली समिति जिसकी शुरुआत वास्तव में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज सोमप्पा बोम्मई से हुई थी और जिसका नेतृत्व बाद में बिहार के उपमुख्यमंत्री ने किया, ने मंत्रिसमूह द्वारा किए गए कार्यों के अलावा, केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर भी विचार किया। सीतारमण के अनुसार, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बेहतर होगा कि यह पूरा मामला परिषद में ही रखा जाए, बजाय इसके कि वे इस प्रस्ताव पर आगे विचार करें। फिर यह सब परिषद के पास आया और परिषद ने इसे स्वीकार कर लिया। जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह बुधवार को माल एवं सेवा कर के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया। अब कर की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी जबकि विलासिता एवं सिगरेट जैसी अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। दरों को युक्तिसंगत बनाये जाने के तहत टेलीविजन एवं एयर कंडीशनर जैसे उपभोक्ता उत्पादों के अलावा खानपान और रोजमर्रा के कई सामान समेत करीब 400 वस्तुओं पर दरें कम की गयी हैं।