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मानसून के जाते ही छत्तीसगढ़ में बदला मौसम, ठंड की दस्तक शुरू

रायपुर दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के साथ ही छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार, शुक्रवार यानी 17 अक्टूबर को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। आसमान में हल्के बादल जरूर रहेंगे, लेकिन बारिश के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने बताया कि गुरुवार, 16 अक्टूबर को दक्षिण-पश्चिम मानसून की पूरे देश से वापसी हो गई। इसके साथ ही पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय हो गया है और उसकी वर्षा गतिविधियां तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्रप्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल-माहे में शुरू हो गई हैं। प्रदेश में फिलहाल किसी बड़े मौसम तंत्र का प्रभाव नहीं है। हालांकि, उत्तरी झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र तल से लगभग 3.1 किलोमीटर ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, लेकिन इसका असर छत्तीसगढ़ पर नहीं पड़ेगा। गुरुवार को प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस राजनांदगांव में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर में रहा। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है और आने वाले 24 घंटों में भी मौसम शुष्क रहेगा। दो दिन में हल्की बारिश के आसार रायपुर शहर के लिए स्थानीय पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार को आसमान आंशिक रूप से मेघमय रहेगा। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। दो दिनों के बाद प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

भोपाल-इंदौर में बढ़ी ठंड, मानसून गया पर बारिश अभी बाकी; दक्षिण MP में अलर्ट जारी

भोपाल मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई के साथ ही रात और सुबह के समय मौसम में ठंडक का एहसास हो रहा है. मौसम साफ बने रहने के साथ ही यहां कई जगहों पर तापमान 15 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है. इसमें राजगढ़, इंदौर, छतरपुर, भोपाल और खंडवा जैसे जिले शामिल है. हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों के बाद मौसम में बदलाव के साथ ही कुछ जगहों पर बारिश का दौर देखा जाएगा. मौसम विभाग ने यह भी बताया कि इस बार कड़ाके की ठंड का दौर कब से देखा जाएगा. मौसम वैज्ञानिक दिव्या सुरेंद्रन ने मानसून की विदाई से पहले ही कई शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट के सवाल पर कहा कि अक्टूबर की शुरुआत में भी भारी बारिश का दौर प्रदेश के कई जिलों में देखा गया. हालांकि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के सभी जिलों खासतौर पर पश्चिम मध्य प्रदेश से मौसम पूरी तरह साफ बना हुआ है. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों का न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है. इसके पीछे का मुख्य कारण मौसम साफ होना रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के सभी संभागों से बदल छटने के साथ ही न्यूनतम तापमान में सामान्य से 2 से 4 डिग्री तक की गिरावट देखी गई है. हालांकि यह कहना अभी मुश्किल है कि प्रदेश में ठंड का दौर शुरू हो गया है, क्योंकि धीरे-धीरे हम ठंड के मौसम की ओर रुख कर रहे हैं. मगर प्रदेश में ठंड का दौर सामान्य रूप से नवंबर के दूसरे पखवाड़े में ही शुरू होता है. प्रदेश में अभी जो ठंड का एहसास हो रहा है, उसके पीछे की मुख्य वजह लोकल सिस्टम और उत्तरी हवाओं का रुख भी है. एक बार फिर बदलेगा प्रदेश का मौसम मौसम वैज्ञानिक दिव्या सुरेंद्र ने बताया कि आने वाले दिनों में एक बार फिर प्रदेश का मौसम बदलेगा ऐसे में कई जगहों पर बादल जाने के साथ ही बारिश का दौर भी देखा जाएगा, जिसके चलते तापमान में इजाफा होने की संभावना है. खास तौर पर रात के तापमान में सामान्य से हल्की उछाल देखी जा सकती है. मौसम वैज्ञानिक दिव्या सुरेंद्रन के अनुसार, वर्तमान समय में मानसून प्रदेश से विदाई ले चुका है. वही सिस्टम की बात करें तो उत्तर प्रदेश के ऊपर एक ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है. हालांकि इसका असर प्रदेश में दिखाई देने की संभावना कम है, लेकिन लोकल सिस्टम के चलते अगले 24 घंटे के बाद प्रदेश के कुछ शहरों में बारिश का दौर देखा जाएगा. हवा का रुख बदला, रातें हुई ठंडी सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, दक्षिणी हिस्से के जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। मंगलवार को मौसम साफ रहेगा, लेकिन इसके बाद कई जिलों में बूंदाबांदी होने के आसार है। इस बीच प्रदेश में रातें ठंडी हो गई है। हवा का रुख बदलने से ऐसा हो रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से उत्तरी हवा चल रही है और मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा रही है। रविवार-सोमवार की रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के नीचे आ गया। इंदौर-राजगढ़ में 14.6 डिग्री, भोपाल में 15.8 डिग्री, उज्जैन में 17.3 डिग्री, ग्वालियर में 21.3 डिग्री और जबलपुर में पारा 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल में 17.2 डिग्री, धार में 16.9 डिग्री, गुना में 18.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 18.9 डिग्री, खंडवा में 16.4 डिग्री, खरगोन में 17 डिग्री, पचमढ़ी में 17.8 डिग्री, रतलाम में 17.2 डिग्री, शिवपुरी में 18 डिग्री, छिंदवाड़ा में 16.8 डिग्री, नौगांव में 15.3 डिग्री, टीकमगढ़, रीवा-सागर में 18 डिग्री रहा। तापlमान का ताजा हाल अधिकतम तापमान: खजुराहो (छतरपुर) – 34.2°C (सबसे ज्यादा), ग्वालियर – 32.7°C, नर्मदापुरम – 32.6°C, धार/गुना – 32.5°C, टीकमगढ़ – 32.2°C न्यूनतम तापमान: इंदौर/राजगढ़ – 14.6°C (सबसे कम), नौगांव (छतरपुर) – 15.3°C, भोपाल – 15.8°C, नरसिंहगढ़ (राजगढ़) – 16.3°C, खंडवा – 16.4°C, कैसा रहा बड़े शहरों का पारा ग्वालियर – 32.7°C उज्जैन – 32°C इंदौर – 31°C जबलपुर – 30.4°C भोपाल – 29.6°C

MP में अब मानसून की विदाई की तैयारी, अगले 2 दिन हल्की बारिश के आसार

भोपाल  मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बारिशों का दौर अब थमने जा रहा है। अक्टूबर की शुरुआत में तेज बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं अब मौसम साफ होने की ओर है। मौसम विभाग की मानें तो 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो जाएगा, और इसके बाद राज्य में सुहावना और साफ मौसम लौटेगा। अगले दो दिनों तक हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन कहीं भी भारी बारिश का खतरा नहीं है। यानी अब लोगों को न जलभराव की चिंता होगी, न ही अचानक आने वाली तेज बारिश की। इन जिलों में हुई बारिश सोमवार को श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, सागर, दमोह, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नरसिंहपुर, रतलाम, मंदसौर, धार, बड़वानी, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, बैतूल, नर्मदापुरम, हरदा, सीहोर, रायसेन, भोपाल, राजगढ़ और विदिशा जिलों में आंधी के साथ बारिश हुई थी। इनमें से भोपाल, रायसेन, गुना और हरदा भारी बारिश दर्ज की गई थी।   आज इन जिलों में बारिश का अलर्ट     भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, इंदौर, देवास, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सागर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, मंडला, डिंडोरी, मैहर, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर     सीहोर, राजगढ़, उज्जैन, देवास, शाजापुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना और श्योपुर कलां में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है। वर्तमान में सक्रिय है कई मौसम प्रणालियां     अगले 3-4 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की और वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। चक्रवातीय तूफान “शक्ति” वर्तमान में 19.6° उत्तरी अक्षांश और 60.5° पूर्वी देशांतर के पास केंद्रित है। यह मसीरा (ओमान) से लगभग 210 किमी दक्षिण-पूर्व, रास अल हद्द (ओमान) से 310 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, कराची (पाकिस्तान) से 900 किमी दक्षिण-पश्चिम, द्वारका से 940 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम और नलिया से 960 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।     इसके पूर्व- दक्षिण-पूर्व की ओर पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम अरब सागर पर बढ़ने और 7अक्टूबर की सुबह तक एक निम्न दबाव क्षेत्र में बदलने की संभावना है। उत्तरी अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में स्थित पश्चिमी विक्षोभ अब उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर 3.1 से 5.8 किमी की ऊँचाई तक समुद्र तल से ऊपर स्थित है, और ऊपरी क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक ट्रफ 7.6 किमी की ऊँचाई तक समुद्र तल से ऊपर देशांतर 69° पूर्व से अक्षांश 23° उत्तर तक फैली हुई है।     एक चक्रवातीय परिसंचरण उत्तर पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्र के ऊपर स्थित है, जो समुद्र     तल से 1.5 किमी की ऊँचाई तक फैला हुआ है। एक चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्र के ऊपर भी स्थित है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊँचाई तक फैला हुआ है। मध्य प्रदेश : अबतक 12 जिलों से मानसून विदा अबतक मध्य प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इसमें उज्जैन, राजगढ़,अशोकनगर ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन शामिल हैं।आमतौर पर मानसून 6 अक्टूबर तक विदा हो जाता है लेकिन इस बार नया वेदर सिस्टम बनने से मानसून की वापसी में देरी हो रही है। हालांकि 10-12 अक्टूबर से पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई संभव है। इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। 1 जून से 6 अक्टूबर तक कहां कितनी हुई वर्षा     मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 17% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 25% अधिक वर्षा हुई है। एमपी में अब तक 47 इंच बारिश हो चुकी है वैसे 37.3 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.8 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। अब तक 122 प्रतिशत बारिश हो चुकी है पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।     गुना में सबसे ज्यादा 65.5 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।सबसे कम बारिश खरगोन में 27.3 इंच , शाजापुर में 28.7 इंच, खंडवा में 29.1 इंच, बड़वानी में 30.9 इंच और धार में 32.8 इंच हुई है।     ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।

भोपाल समेत 20 जिलों में बारिश, अगले दिन मानसून की वापसी पर संशय

भोपाल   मध्य प्रदेश में पिछले 3 दिन से तेज बारिश का दौर चल रहा है। मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अगले 3 दिन में हल्की बारिश का दौर रहेगा। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग ड्राई रहेगा। फिलहाल कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। रविवार को भोपाल समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। बैतूल में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया।  भदभदा और कलियासोत डैम एक-एक गेट खोले  रविवार को भोपाल, बैतूल समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। भोपाल में ढाई इंच और बैतूल में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। भोपाल में शाम को तेज बारिश का दौर चला। भोपाल-इंदौर रोड पर इतनी तेज बारिश थी कि गाड़ियां रेंगती हुई चली। बारिश की वजह से भदभदा और कलियासोत डैम के एक-एक गेट रात में ही खोल दिए गए। गुना, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, श्योपुर, शिवपुरी, शाजापुर, सीहोर, छिंदवाड़ा, दमोह, सतना, सिवनी, बालाघाट में भी बारिश हुई। श्योपुर और सिवनी में करीब डेढ़ इंच पानी गिरा। देर रात तक प्रदेश के कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। 10 से पूरे प्रदेश में मानसून की वापसी मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की वापसी के लिए अभी परिस्थिति अनुकूल नहीं है, लेकिन 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदाई ले लेगा। इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था। मौसम विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है, लेकिन नया सिस्टम बनने से विदाई की तारीख आगे भी बढ़ सकती है। गुना में सबसे ज्यादा बारिश इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच पानी गिरा है।  एमपी में 24 घंटे के दौरान 21 जिलों में बारिश, रायसेन में 3.7 इंच बरस गया मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान 21 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। रायसेन में सबसे ज्यादा 3.7 इंच पानी गिर गया। भोपाल में ढाई इंच, बैतूल में 2 इंच, बालाघाट के मलाजखंड में 1.8 इंच, श्योपुर-शिवपुरी में 1.7 इंच, सिवनी में डेढ़ इंच, टीकमगढ़ में 1.2 इंच और नर्मदापुरम-दमोह में 1 इंच बारिश हुई। सागर, धार, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, गुना, रतलाम, शाजापुर, सीहोर, देवास, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहा। इतनी तेज बारिश की भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे पर रेंगती हुई चली गाड़ियां रविवार को भोपाल, बैतूल समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। भोपाल में ढाई इंच और बैतूल में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। भोपाल में शाम को तेज बारिश का दौर चला। भोपाल-इंदौर रोड पर इतनी तेज बारिश थी कि गाड़ियां रेंगती हुई चली। बारिश की वजह से भदभदा और कलियासोत डैम के एक-एक गेट रात में ही खोल दिए गए। गुना, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, श्योपुर, शिवपुरी, शाजापुर, सीहोर, छिंदवाड़ा, दमोह, सतना, सिवनी, बालाघाट में भी बारिश हुई। श्योपुर और सिवनी में करीब डेढ़ इंच पानी गिरा। देर रात तक प्रदेश के कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। 1 जून से 5 अक्टूबर तक कहां कितनी हुई वर्षा     मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 17% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 25% अधिक वर्षा हुई है। एमपी में अब तक 47 इंच बारिश हो चुकी है वैसे 37.3 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.8 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। अब तक 122 प्रतिशत बारिश हो चुकी है पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।     गुना में सबसे ज्यादा 65.5 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।सबसे कम बारिश खरगोन में 27.3 इंच , शाजापुर में 28.7 इंच, खंडवा में 29.1 इंच, बड़वानी में 30.9 इंच और धार में 32.8 इंच हुई है।     ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।

दशहरा पर बरसेंगे मेघ: यूपी-बिहार में बारिश के आसार, अन्य राज्यों में भी बदलेगा मौसम

नई दिल्ली मॉनसून की वापसी के साथ ही राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों में उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। भारत मौसम विभाग के अनुसार, एक सुस्पष्ट कम दबाव क्षेत्र पश्चिम विदर्भ और उससे सटे उत्तर मध्य महाराष्ट्र के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, और गुजरात राज्य में कुछ स्थानों पर 28 सितंबर से 1 अक्टूबर के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। IMD ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी जारी है। मॉनसून की वापसी रेखा अभी भी गुजरात के वेरावल, भरूच, उज्जैन, झांसी और शाहजहांपुर से गुजर रही है। वहीं 28 से 30 सितंबर तक पूर्वी और मध्य भारत में मॉनसून फिर से सक्रिय हो सकता है। जानते हैं आपके शहर में कल कैसा मौसम रहेगा… दिल्ली में कल कैसा रहेगा मौसम? भारत मौसम विभाग के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, दिल्ली में 28 व 29 सितंबर को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। दिल्ली-एनसीआर में 30 सितंबर और एक अक्टूबर को हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इस दौरान अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री तक रह सकता है। यूपी में कल कैसा रहेगा मौसम? उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम के शुष्क रहने की संभावना है। पूर्वी यूपी के जिलों में अगले दो-तीन दिनों में हल्की बारिश हो सकती है। दिन का तापमान सामान्य या थोड़ा अधिक रह सकता है। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि दशहरा के मौके पर बारिश होने की संभावना है। लेकिन हल्की-फुल्की ही बारिश होगी। कहीं पर भी बहुत भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। बिहार में कल कैसा रहेगा मौसम? बिहार में पिछले एक सप्ताह से उमस भरी गर्मी ने लोगों को खूब परेशान किया है। हालांकि अगले दो दिनों तक राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में एक से 4 अक्टूबर के बीच कई जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। जबकि 3–4 अक्टूबर को कुछ जगहों पर बहुत भारी वर्षा की संभावना। उत्तराखंड में कल कैसा रहेगा मौसम? उत्तराखंड ने इस साल बारिश बादल फटने के कारण भीषण तबाही का सामना किया है। इस लोगों की प्राकृतिक आपदा से मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोगों का घर तबाह हो गया। उत्तराखंड में कल ज्यादातर इलाकों में साफ या आंशिक बादल रहेंगे। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बौछार पड़ सकती है। तापमान सामान्य के आसपास ही रहेगा। छत्तीसगढ़ में कल कैसा रहेगा मौसम? राज्य में 29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक लगातार बारिश का अनुमान है। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं। किसानों को खेतों में अतिरिक्त पानी निकासी की तैयारी रखने की जरूरत है। महाराष्ट्र में कल कैसा रहेगा मौसम? मौसम विभाग ने कोकण, मुंबई, पालघर, ठाणे, पुणे, नाशिक, विदर्भ व मराठवाड़ा में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 28–29 सितंबर को मुंबई सहित उत्तर कोकण व उत्तर मध्य महाराष्ट्र में बहुत भारी वर्षा संभव है।

मध्य प्रदेश से जल्द विदा लेगा मानसून, 25-26 को झमाझम बारिश का अनुमान, आज कुछ जिलों में फुहारें

भोपाल   मध्यप्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बार-बार रंगत बदल रहा है। कहीं गरज चमक के साथ झमाझम बारिश का दौर जारी है तो कहीं लोग उमस से बेहाल नजर आए। कई राज्यों से मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन एमपी में अभी भी मानसून बरस रहा है, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है। विदाई से पहले प्रदेश में मानसून का तांडव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक, एमपी में अगले 96 घंटे यानि 26-27 सितंबर तक भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग की माने तो 25 सितंबर के आसपास मौसम में बदलाव हो सकता है। वहीं आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में लोकल सिस्टम के कारण बारिश(Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया गया है। दशहरे के आसपास अच्छी बारिश की संभावना मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि अभी मौसम का मिजाज इसी तरह रहने की संभावना, अभी एक दो दिन धूप, उमस रहेगी. इसके बाद गरज चमक के साथ बारिश(Heavy Rain), बौछारों की स्थिति बनती रहेगी। धूप, छांव, बादलों की स्थिति रहेगी। दशहरे के आसपास अच्छी बारिश हो सकती है। शहर से मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने के आसार है। भोपाल का मौसम अभी राजधानी भोपाल के मौसम का मिजाज भी इसी तरह रहने की संभावना है, वहीं 25 के आसपास मौसम में फिर बदलाव हो सकता है। ऐसे में विदाई के पहले एक बार फिर मौसम रंगत बदल सकता है। इस बार सितंबर में शहर के अलग-अलग हिस्सों में बारिश(Heavy Rain) का नजारा अलग दिखाई दिया है। ऐसे में शहर में खंडवृष्टि जैसी स्थिति दिखाई दी है। एक सितंबर से ही अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा बारिश अरेरा हिल्स में हुई है, जबकि बैरागढ़ में सबसे कम बारिश हुई है। 1 जून से अब तक की बारिश की स्थिति देखी जाए तो बैरागढ़ के मुकाबले अरेरा हिल्स में 10 इस इंच ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश में मानसूनी बारिश की स्थिति इस मानसूनी सीजन में अब तक मध्य प्रदेश में औसत से 20% अधिक बारिश हुई है। 16 जून से अब तक प्रदेश में कुल 43.9 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सीजन का सामान्य औसत 37 इंच है। इससे प्रदेश का मानसूनी कोटा 118% पूरा हो चुका है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 16% और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 24% अधिक बारिश हुई है। पूर्वी हिस्सों में जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। वहीं, पश्चिमी हिस्सों में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भी सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई है। जिलेवार बारिश का हाल सबसे अधिक बारिश वाले जिले: गुना (65.4 इंच), रायसेन (61.1 इंच), मंडला (60 इंच), श्योपुर (56.6 इंच), अशोकनगर (56 इंच) सबसे कम बारिश वाले जिले: खरगोन (26.8 इंच), शाजापुर (28.6 इंच), खंडवा (28.8 इंच), बड़वानी (29.8 इंच), धार (31.9 इंच) भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, नर्मदापुरम समेत कई जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। इंदौर और उज्जैन संभाग में शुरुआत में कम बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश से अधिकांश जिलों में सामान्य कोटा पूरा हो गया। आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, 24 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट है। 25-26 सितंबर को नया वेदर सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हो सकती है। विशेष रूप से बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है, जो 25-26 सितंबर के आसपास सक्रिय होगा। इससे प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी संभव है और कई जिलों में दो से तीन दिन तक तेज बारिश हो सकती है। मानसून की विदाई और तापमान मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह तक होने की संभावना है। हालांकि, बारिश की कमी के कारण प्रदेश में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर माह में पहली बार अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पार कर गया। भारी बारिश और मानसून की विदाई के बीच प्रदेश के किसानों को खेतों में काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन गर्मी और उमस बढ़ने से लोगों को असुविधा भी हो सकती है। सितंबर में शहर में कहां कितनी बारिश अरेरा हिल्स में 266 मिमी नवीबाग में 208.6 मिमी कोलार में 205.2 मिमी बैरागढ़ में 169.2 मिमी

मध्य प्रदेश में मानसून एक्टिव! भोपाल से इंदौर तक आज होगी बारिश, चार दिन तक बना रहेगा मौसम का मिजाज

भोपाल  मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में पूर्वी बिहार और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मराठवाड़ा पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर दक्षिणी उत्तर प्रदेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है।अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश में वर्षा हो रही है। अगले 4 दिन तक हल्की बरसात का दौर जारी रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटे के दौरान 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।  एक बार फिर शुरू होगा तेज बारिश का दौर मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून की विदाई के दौरान भी पूरे प्रदेश में तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। फिलहाल 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। हालांकि, गुरुवार को दो टर्फ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी प्रदेश में रही। इस वजह से कुछ जिलों में बारिश का दौर चला। शुक्रवार को सिस्टम कमजोर पड़ सकता है। जिससे तेज बारिश का दौर थम सकता है। इधर मानसून की वापसी भी होने लगी है। आधे राजस्थान से मानसून लौट चुका है। वहीं, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों से भी मानसून लौटा है। गुरुवार को भी कई जिलों से मानसून लौट गया। यदि वापसी ही यही रफ्तार रही तो एमपी के भी कई जिलों में ऐसी स्थिति बन सकती है। मध्य प्रदेश में अब तक 43.2 इंच बारिश दर्ज मध्यप्रदेश में अब तक औसत 43.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.8 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। 

मध्यप्रदेश में बदलेगा मौसम का मिजाज, 24 घंटे का भारी बारिश अलर्ट, कई जिलों में चेतावनी

 भोपाल  मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश का दौर जारी है। सोमवार शाम साढ़े पांच बजे तक कई जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। रायसेन में सबसे ज्यादा 51 मिमी, सतना में 32 मिमी, नर्मदापुरम में 20 मिमी, सिवनी में 18 मिमी और पचमढ़ी में 31 मिमी वर्षा हुई। इसके अलावा 17 अन्य स्थानों पर भी बारिश दर्ज की गई। भोपाल में बारिश राजधानी भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे और शाम को तेज बरसात हुई। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वर्तमान में उत्तरी तेलंगाना और पूर्वी बिहार की ओर हवा के ऊपरी हिस्सों में चक्रवात सक्रिय है, जो 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर बने हुए हैं। इन्हीं सिस्टम की वजह से प्रदेश में अगले दो से तीन दिनों तक छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, यदि लोकल सिस्टम की एक्टिविटी रही तो कुछ जिलों में तेज पानी गिर सकता है। इससे पहले सोमवार को भोपाल में दिनभर धूप खिलने के बाद शाम साढ़े 5 बजे बादल बरस पड़े। कई इलाकों में आधा घंटा तक तेज बारिश हुई। रायसेन, सतना, मंडला, पचमढ़ी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, सिवनी में भी बारिश हुई। रायसेन में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिर गया। वहीं, सतना में सवा इंच और मंडला-पचमढ़ी में आधा इंच पानी बरसा। राजस्थान से लौट रहा मानसून रविवार को राजस्थान के कई जिलों से मानसून की वापसी हो गई। अगले दो-तीन दिन में पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट सकता है। इसके बाद एमपी से भी मानसून की वापसी होने लगेगी। हालांकि, सितंबर में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। एमपी में कोटे से ज्यादा पानी गिरा बता दें कि मध्यप्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 42.1 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.9 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। ग्वालियर, चंबल-सागर की स्थिति सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। अच्छी बारिश वाले 34 में से भोपाल संभाग के चार, जबलपुर संभाग के 5, इंदौर संभाग के 3, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर संभाग के 5, उज्जैन संभाग के 4, रीवा संभाग के 3, शहडोल-नर्मदापुरम संभाग के एक-एक जिला शामिल हैं।  

5 दिन बाद हरियाणा से विदा होगा मानसून, उससे पहले झमाझम बारिश; क्षतिपूर्ति पोर्टल आज होगा बंद

चंडीगढ़   हरियाणा में 22 सितंबर से मानसून के लौटने के आसार है. मौसम विभाग के अनुसार, 16 से 17 सितंबर के बीच राज्य में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इसकी वजह पहाड़ों पर सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ व बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र को माना जा रहा है. 17 से 19 सितंबर के बीच हरियाणा के कई जिलों में छिटपुट बारिश हो सकती है. इसके बाद, मानसून की रवानगी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हरियाणा से मानसून की विदाई 22 सितंबर के आसपास से होगी. प्रदेश में 22-23 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। उसके बाद से अब तक सामान्य से 41% ज्यादा बारिश हो चुकी है। कल, 14 सितंबर तक प्रदेश में 401.1 एमएम बारिश होनी चाहिए थी लेकिन 564.8 एमएम बरसात हो चुकी है। वहीं बारिश न होने से दिन के समय फिर से गर्मी और उमस बढ़ने लगी है। दिन का तापमान 35 डिग्री तक पहुंचने लगा है। अब दिन का तापमान बढ़ रहा है और रात का तापमान गिरने लगा है। वहीं बारिश से फसलों के नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने का आज अंतिम दिन है। कल से इसको लेकर स्पेशल गिरदावरी शुरू की जाएगी। हुई इतनी बारिश पिछले साल हरियाणा से मानसून की वापसी 2 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन इस साल यह सामान्य से पहले लौटेगा. इस सीजन में प्रदेश में अब तक 564.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 42 प्रतिशत ज्यादा है और 27 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की विदाई के बाद भी यदि मौसमी सिस्टम सक्रिय होते हैं व बारिश होती है, तो सर्दी इस बार समय से पहले दस्तक दे सकती है. मानसून की विदाई नजदीक आते ही बढ़ना लगा तापमान हरियाणा में मानसून की समाप्ति नजदीक आने के साथ ही तापमान में बदलाव दिखने लगा है। रविवार को दिन के अधिकतम तापमान में औसतन 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी गई। प्रदेश में अधिकतम तापमान नूंह में 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जींद में दिन के तापमान में सबसे ज्यादा 2 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई। वहीं, अगर रात के तापमान की बात करें तो प्रदेश में न्यूनतम तापमान में औसतन 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। गुरुग्राम में रात का सबसे कम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट सिरसा में 4.5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज की गई। यहां ओटू सेंटर पर रात का तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नूंह में रात का सबसे अधिक तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे रातें अब ठंडी होनी शुरू हो जाएंगी। क्षतिपूर्ति पोर्टल का आज अंतिम दिन मानसून में बारिश और जलभराव से फसलों के नुकसान का मुआवजा लेने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने का आज, 15 सितंबर को अंतिम दिन है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 14 सितंबर तक 4 लाख 85 हजार 90 किसान क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन कर चुके हैं। किसानों का कहना है कि उनकी 28 लाख 46 हजार 98 एकड़ फसल का नुकसान हो चुका है। करीब 6,292 गांवों में यह नुकसान दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान भिवानी, जींद, हिसार, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ में होने का अनुमान है। हिसार में 2 हफ्ते बाद खुले स्कूल, ट्रैक्टर पर पहुंचे बच्चे हिसार के बरवाला में जलभराव की वजह से स्कूल 2 हफ्ते बाद खुले। यहां के सुलखनी गांव में सड़कों पर जलभराव की वजह से बच्चे ट्रैक्टर पर बैठकर स्कूल पहुंचे। सुलखनी गांव के रमेश, संदीप, जगदीप ने बताया कि भारी बारिश के कारण राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और राजकीय प्राथमिक विद्यालय दोनों के मैदान और कक्षाओं में पानी भर गया था, जिसके चलते शिक्षा विभाग को स्कूलों में छुट्टी घोषित करनी पड़ी थी। नुकसान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. वीरेंद्र सिंह लाठर ने बताया कि मानसून सीजन में अधिक बारिश से इस बार धान की अगेती फसल को पहले ही 15- 20 फीसदी तक नुकसान पहुंच चुका है. यदि अब बारिश हुई तो पकी हुई फसल को भी 10- 15 फीसदी तक और नुकसान हो सकता है.

मॉनसून ने लिया जल्दी रुख्सत, कई राज्यों में सूखे जैसे हालात का खतरा

नई दिल्ली मॉनसून इस साल समय से पहले देशभर में छाया और अब इसके विदाई भी समय से पहले शुरू कर दी है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून 14 सितंबर, 2025 को पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से वापस चला गया है, जबकि इसकी सामान्य तिथि 17 सितंबर है. वहीं, अगले 2-3 दिनों के दौरान राजस्थान के कुछ और हिस्सों तथा पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. फिर ये 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है. आईएमडी का पूर्वानुमान था कि 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. हालांकि ये वापसी 14 सितंबर से ही शुरू हो गई. बता दें कि इस साल मॉनसून ने सामान्य तिथि 8 जुलाई से नौ दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया था. 2020 के बाद से इस साल मॉनसून ने सबसे जल्दी पूरे देश को कवर कर लिया था, इससे पहले, 2020 में 26 जून तक ऐसा हुआ था. वहीं, इस बार केरल से मॉनसून का आगमन भी 24 मई को हुआ था, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे पहला आगमन था, जब यह 23 मई को मॉनसून पहुंचा था. देश में मॉनसून सीजन में अब तक 836.2 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 778.6 मिमी होती है, जो 7 प्रतिशत अधिक है. मई में आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया था कि भारत में जून-सितंबर मॉनसून सीजन के दौरान 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है. इस 50-वर्षीय औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को 'सामान्य' माना जाता है. कैसे तय होती है मॉनसून की वापसी? दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी कुछ मानदंडों पर तय होती है.     पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर एक प्रतिचक्रवाती परिसंचरण का विकास.     लगातार 5 दिनों के दौरान क्षेत्र में शून्य बारिश.     मध्य क्षोभमंडल तक के क्षेत्र में वायुमंडल की नमी की मात्रा में कमी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी रेखा 30.5°N /73.5°E, श्री गंगानगर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और 25.5°N /70°E से होकर गुजरती है. मॉनसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद अहम है, जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है. यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक जलाशयों को पुनः भरने में भी खास भूमिका निभाता है.