samacharsecretary.com

बीच समंदर दीवाली: INS विक्रांत और नौसेना के जज़्बे को सलाम बोले PM मोदी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने अपने संबोधन में सोमवार को कहा कि इस साल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के बीच दिवाली मनाकर वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. विमानवाहक पोत पर रात बिताने के अनुभव का जिक्र करते हुए, उन्होंने कर्मियों से कहा, "मैं कल से आपके बीच हूं और हर पल मैंने उस पल को जीने के लिए कुछ न कुछ सीखा है. आपका समर्पण इतना ऊंचा है कि मैं उसे जी तो नहीं पाया, लेकिन मैंने उसे अनुभव ज़रूर किया है. मैं कल्पना कर सकता हूं कि इस दौर से गुज़रना कितना मुश्किल रहा होगा." प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि रात में गहरे समुद्र और सुबह के सूर्योदय को देखना उनकी दिवाली को और भी खास बना देता है. उन्होंने कहा, "आज, एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है, और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है. समुद्र के पानी पर सूर्य की किरणों की चमक, बहादुर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों जैसी है." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी. ऐसी है इसकी ताकत- एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. ये है INS विक्रांत की ताकत है. इस मौके पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं." प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना कर्मियों को देशभक्ति के गीत गाते और उनमें ऑपरेशन सिंदूर को दर्शाते हुए देखना, “युद्ध के मैदान में एक सैनिक जो महसूस करता है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता.” प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि जिस दिन देश को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत मिला था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने ग़ुलामी के एक बड़े प्रतीक चिन्ह का त्याग कर दिया था. भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था. महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है. रक्षा में आत्मनिर्भरता पर जोर प्रधानमंत्री ने कहा कि सेनाओं के सशक्त होने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. पिछले एक दशक से हमारी सेनाएँ तेज़ी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे कदम बढ़ा रही हैं. हमारी सेनाओं ने हज़ारों वस्तुओं की लिस्ट बनाई है कि ये सामान बाहर से नहीं मँगाए जाएंगे. नतीजा यह हुआ कि सेना के लिए ज़रूरी ज़्यादातर सामान देश में ही तैयार हो रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि 11 सालों में डिफेंस प्रोडक्शन तीन गुना से ज़्यादा हो गया है. उन्होंने कहा कि हर 40 दिन में एक युद्धपोत या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रही है. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत दुनिया के टॉप डिफेंस निर्यातक देशों में शामिल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कई देश ब्रह्मोस मिसाइल ख़रीदना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने जवानों के समर्पण की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनका समर्पण इतनी ऊँचाई पर है कि मैं उसे जी नहीं पाया, लेकिन जान ज़रूर पाया. उन्होंने रक्षा स्टार्टअप की बड़ी भूमिका पर ज़ोर दिया और कहा कि हमारी स्वदेशी डिफ़ेंस इकाइयों और स्टार्टअप भी दम दिखा रहे हैं.  

समस्तीपुर से उठेगा चुनावी जादू, पीएम मोदी ने रैली की तारीख की घोषणा की

पटना 6 नवंबर से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का शेड्यूल तय हो गया है। पीएम मोदी 24 अक्टूबर से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वह प्रदेश के कई जिलों में जनसभाएं करेंगे और जनता से सीधा संवाद करेंगे। चुनावी अभियान की शुरुआत समस्तीपुर से होगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी कर्पूरी ग्राम जाकर समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के घर पहुंचेंगे। वहां वह कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देंगे। इसी कार्यक्रम से प्रधानमंत्री अपने बिहार दौरे और चुनावी रैलियों की औपचारिक शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे का यह आगाज बेहद प्रतीकात्मक माना जा रहा है, क्योंकि कर्पूरी ठाकुर को बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा और सामाजिक न्याय का प्रतीक माना जाता है। कर्पूरी ग्राम से शुरुआत करके पीएम मोदी एक बार फिर 'सबका साथ, सबका विकास' के संदेश के साथ बिहार में एनडीए की ताकत को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। जानकारी के मुताबिक, 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्तीपुर और बेगूसराय में दो बड़ी चुनावी सभाएं करेंगे। इसके बाद उनका अगला चरण 30 अक्टूबर को तय है, जब वह मुजफ्फरपुर और छपरा में रैलियां संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार, 2 नवंबर, 3 नवंबर, 6 नवंबर और 7 नवंबर को भी प्रधानमंत्री बिहार के अलग-अलग जिलों में जनसभाएं करेंगे। इन रैलियों के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की रैलियों से बिहार में एनडीए के चुनावी अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि समस्तीपुर से शुरुआत करना एक रणनीतिक कदम है, क्योंकि यह क्षेत्र न सिर्फ समाजवादी राजनीति की धरती रहा है, बल्कि उत्तर बिहार की राजनीति में इसका विशेष प्रभाव है। बिहार में पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी और इसके साथ ही चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे।

23 अक्टूबर से पीएम मोदी का मेगा प्रचार अभियान, बिहार के 12 जिलों में भरेंगे चुनावी हुंकार

पटना   बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यभर में 12 जनसभाओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री की ये रैलियां अलग-अलग चरणों में आयोजित की जाएंगी. पीएम मोदी इस रैली से भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाएंगे. किस दिन कहां-कहां करेंगे रैली सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी अपनी पहली तीन रैलियां 23 अक्टूबर को करेंगे. इस दिन वे सासाराम, भागलपुर और गया में जनसभाओं को संबोधित करेंगे. इन रैलियों में प्रधानमंत्री केंद्र सरकार की उपलब्धियों, बिहार में विकास योजनाओं और राज्य के लिए केंद्र सरकार क्या-क्या कर रही है उसको जनता के सामने रखेंगे. इसके बाद 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की तीन और रैलियां निर्धारित हैं. वे इस दिन पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में जनता को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि इन सभाओं में मोदी रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी योजनाओं पर बात करेंगे. अगले चरण में 1 नवंबर को प्रधानमंत्री पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और छपरा में रैलियां करेंगे. इन इलाकों में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में बड़ी संख्या में जनता के जुटने की संभावना है. अंतिम चरण में 3 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी चंपारण, सहरसा और अररिया में चुनावी सभाएं करेंगे. बिहर के नेताओं को पीएम मोदी की रैली से बड़ी उम्मीद भाजपा संगठन इन रैलियों की तैयारी में जुट गई है. बिहार बीजेपी के नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी पर बिहार की जनता सबसे ज्यादा भरोसा करती है. केंद्र सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ गरीब वर्ग के लोगों को मिलता है. ऐसे समय में पीएम मोदी की रैलियां बिहार में NDA उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनायेंगे.

ओवैसी के साथ अपमानजनक तस्वीर वायरल करने वाला तस्लीम पकड़ा गया, PM मोदी और योगी थे निशाने पर

  सतना सतना जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक अपमानजनक एआई-जनरेटेड तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। मझगवां थाना पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। पूरा मामला जिले के मामला मझगवां थाना क्षेत्र का है। आरोपी की पहचान मोहम्मद तस्लीम खान (24), निवासी मझगवां के रूप में हुई है। आरोपी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक एआई-निर्मित तस्वीर साझा की थी, जो बेहद आपत्तिजनक थी। पुलिस के अनुसार इस एआई-निर्मित तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एक मूर्ति के पैर छूते हुए दिखाया गया था। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट होते ही तेजी से वायरल हो गई। जैसे ही यह पोस्ट स्थानीय भाजपा नेताओं के संज्ञान में आई, उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मझगवां थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। थाना प्रभारी धुर्वे ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मोहम्मद तस्लीम खान की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सलाखों के पीछे पहुंचा मोहम्मद तस्लीन पूछताछ में आरोपी तस्लीम ने पुलिस को बताया कि उसने यह तस्वीर किसी अन्य सोशल मीडिया अकाउंट से उठाकर अपने अकाउंट पर साझा (शेयर) की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की है। गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से माननीय न्यायालय ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया।

श्रीशैलम की पवित्रता पर पीएम मोदी का बयान, कहा- हर हिस्से में महसूस की दिव्यता

श्रीशैलम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित श्री शिवाजी ध्यान मंदिर और श्री शिवाजी दरबार हॉल का दौरा किया। उन्होंने भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी और देवी भ्रामरांबिका के दर्शन किए। पीएम मोदी ने कहा कि श्रीशैलम में होना अत्यंत आनंद की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महान छत्रपति शिवाजी महाराज वर्ष 1677 में श्रीशैलम आए थे और यहां श्री मल्लिकार्जुन मंदिर में प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि "ध्यान मंदिर वह स्थान है, जहां शिवाजी महाराज ने ध्यान किया था और भ्रामराम्बा देवी से आशीर्वाद प्राप्त किया था।" बता दें कि ध्यान मंदिर के चारों कोनों पर चार प्रतिष्ठित किलों (प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी) के मॉडल स्थापित हैं। इसके केंद्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की गहन ध्यान मुद्रा में एक प्रतिमा है। यह केंद्र श्री शिवाजी स्मारक समिति की ओर से संचालित है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "श्रीशैलम में होना आनंद की बात है। इस पवित्र स्थान के हर कण में दिव्यता व्याप्त है। मैं यहां के लोगों के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए उनका आभारी हूं। श्री भ्रामराम्बिका देवी और मल्लिकार्जुन स्वामी सदैव हमारे राष्ट्र पर कृपा बनाए रखें।" श्री भ्रामराम्बा और मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और 52 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर की अनूठी विशेषता एक ही मंदिर परिसर में एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्तिपीठ का सह-अस्तित्व है, जो इसे पूरे देश में अपनी तरह का एक अनूठा मंदिर बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2047 में आजादी के जब 100 साल होंगे, तब 'विकसित भारत' होकर रहेगा। मैं विश्वास से कहता हूं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की होने वाली है। 21वीं सदी 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की सदी होने वाली है। उन्होंने कहा, "आज दुनिया भारत को 21वीं सदी के नए मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में देख रही है। इस सफलता का सबसे बड़ा आधार आत्मनिर्भर भारत का विजन है। हमारा आंध्र प्रदेश आत्मनिर्भर भारत का प्रमुख केंद्र बन रहा है। हमारी सरकार का विजन नागरिक-केंद्रित विकास है। हम लगातार नए रिफॉर्म के जरिए नागरिकों के जीवन को आसान बना रहे हैं।"

PM मोदी को भेंट किए गए 108 नदियों के जल कलश, प्रहलाद पटेल की बेटी ने खुद बनाए बॉक्स

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी में उस वक्त राजनीतिक हलचल तेज हो गई जब राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री अचानक दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह खबर फैलते ही कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे। हालांकि, मंत्री के एक ट्वीट ने कुछ ही देर में सभी अटकलों पर विराम लगा दिया और मुलाकात की असली वजह साफ हो गई। पीएम को भेंट की परिक्रमा-कृपा सार मध्य प्रदेश के पंचायत, ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास जाकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात कोई राजनीतिक चर्चा या मंत्रिमंडल से संबंधित नहीं थी। बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भेंट थी। मंत्री प्रहलाद पटेल ने पीएम मोदी को अपनी पुस्तक परिक्रमा-कृपा सार भेंट की, जो उनके मां नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों और अनुभूतियों पर आधारित है। यह पुस्तक उनके दो वर्षों के गहन श्रम और साधना का परिणाम है। 108 नदियों के जल कलश किए भेंट  पुस्तक के साथ-साथ, मंत्री पटेल ने 108 नदियों के उद्गम स्थलों से संकलित पवित्र जल का एक संग्रह भी एक विशेष अखरोट के डिब्बे में प्रधानमंत्री को भेंट किया। उन्होंने एक्स पर बताया कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और समर्पण की भावनाओं से ओतप्रोत एक आध्यात्मिक संगम बन गई। 108 नदियों का पवित्र जल पटेल ने प्रधानमंत्री को 108 नदियों के उद्गम स्थानों से भरा पवित्र जल भी एक विशेष अखरोट के डिब्बे में अर्पित किया. इसे उन्होंने अपनी 'उद्गम मानस यात्रा' के दौरान एकत्रित किया था. यह भेंट भारतीय जल संस्कृति और नदियों के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाती है. प्रधानमंत्री मोदी ने श्री पटेल के इस आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक प्रयास की सराहना की और उनके समर्पण को प्रेरणादायक बताया. प्रधानमंत्री को भेंट करने से पहले, इस पुस्तक का विमोचन 14 सितंबर, 2025 को 'हिंदी दिवस' के अवसर पर इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने किया था. प्रधानमंत्री को यह ग्रंथ भेंट किया जाना इसे अब राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दे रहा है. भेंट के बाद, श्री पटेल ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा कि यह मुलाकात मात्र एक औपचारिकता नहीं, बल्कि "श्रद्धा, संस्कृति और समर्पण की भावनाओं से ओतप्रोत एक आध्यात्मिक संगम बन गई." मंत्री की बेटी ने बनाया अखरोट की लड़की का बॉक्स मंत्री प्रहलाद पटेल ने 2024 और 2025 में एमपी से निकलने वाली 108 नदियों के उद्गम स्थलों की यात्रा की। इस दौरान नदियों के उद्गम स्थलों से भरे गए जल कलशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने के लिए मंत्री पटेल की आर्किटेक्ट बेटी फलित सिंह पटेल ने खुद एक बॉक्स तैयार कराया। इस बॉक्स में कांच की शीशियों में 108 नदियों के उद्गमों का जल भरा गया। इस बॉक्स के कवर पर नदियों के उद्गम स्थलों का मैप और अंदर नदियों के उद्गमों के नाम लिखे गए हैं। मंत्री बोले- दो साल में 108 नदियों के उद्गम की यात्रा की मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि यह पुस्तक उनके दो सालों की मेहनत और साधना का परिणाम है। उन्होंने दो बार नर्मदा परिक्रमा की है। उसी अनुभव, आस्था व तपस्या को इस पुस्तक में समर्पित भाव से संजोया है।यह पुस्तक न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति में नदियों और परिक्रमा की परंपरा का भी जीवंत दस्तावेज है। पीएम ने पटेल के आध्यात्मिक प्रयास की तारीफ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री प्रहलाद पटेल के इस आध्यात्मिक प्रयास की तारीफ की और उनके समर्पण को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि 'परिक्रमा कृपा सार' केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि मातृ नर्मदा और भारत की जल संस्कृति के प्रति श्रद्धा का साकार रूप है। मोहन भागवत ने किया था किताब का विमोचन प्रहलाद पटेल की पुस्तक का विमोचन पिछले महीने 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' पर इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया था।

PM मोदी बिहार दौरे पर, BJP कार्यकर्ताओं को देंगे चुनाव सफलता के टिप्स

नई दिल्ली/पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अक्टूबर को 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान के तहत बिहार के बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बात करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले उनके सुझाव सुनेंगे। 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान एक लंबे समय से चलने वाला, इंटरैक्टिव आउटरीच अभियान है जिसका उद्देश्य स्थानीय या बूथ स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ पार्टी के संबंधों को मजबूत करना है। एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि हमारे समर्पित कार्यकर्ता बिहार में भाजपा-एनडीए की जीत के लिए पूरी ऊर्जा के साथ जुट गए हैं। ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने से हमेशा नई प्रेरणा मिलती है। 15 अक्टूबर को मुझे ऐसे कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलेगा। पीएम ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप सभी 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान से जुड़ें और आज ही अपने सुझाव साझा करें। मैं कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं से उनके सुझावों पर सीधे चर्चा भी करूंगा। बिहार की 243 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 6 और 11 नवंबर को चुनाव होंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए, जिसमें जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं, का सीधा मुकाबला राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से है, जिसमें कांग्रेस, वामपंथी दल और छोटे संगठन शामिल हैं। रविवार तक भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी घोषित कर सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने और उम्मीदवारों के चयन के लिए नई दिल्ली में व्यापक बैठकें की हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वामपंथी दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सहित महागठबंधन में भी अभी तक सीट बंटवारे पर आम सहमति नहीं बना पाया है। महागठबंधन के सहयोगी दल सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने और अपने उम्मीदवारों के चयन के लिए काम कर रहे हैं।  

नेतन्याहू ने PM मोदी को कॉल करने के लिए रोकी अहम बैठक, सामने आई बड़ी वजह

नई दिल्ली यरूशलम में गुरुवार रात एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू सुरक्षा कैबिनेट की अहम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. एजेंडा बेहद गंभीर था. गाजा में सीजफायर और बंधकों की रिहाई पर बड़ा फैसला होना था. लेकिन अचानक नेतन्‍याहू ने बैठक रोक दी. वजह? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आ गया था. जी हां, नेतन्‍याहू ने अपने सारे मंत्री और अफसर कुछ मिनटों के लिए इंतजार में छोड़ दिए, ताकि वो सीधे पीएम मोदी से बात कर सकें. दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत लगभग दस मिनट चली, लेकिन उसका असर अब दोनों देशों के रिश्तों पर साफ दिख रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का फोन रिसीव किया. मोदी ने उन्हें इस समझौते पर बधाई दी और कहा कि भारत इस मानवीय प्रयास का समर्थन करता है. बयान में आगे लिखा है कि मोदी ने नेतन्‍याहू को करीबी दोस्त बताया और कहा कि भारत-इजरायल की दोस्ती हर परिस्थिति में मजबूत रहेगी. नेतन्‍याहू ने भी पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि वो भारत के साथ मिलकर काम जारी रखना चाहते हैं. नेतन्याहू को दी बधाई, गाज़ा समझौते का किया स्वागत पीएम मोदी ने नेतन्याहू को फोन लगाकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के गाज़ा में शांति प्लान के तहत हुई प्रगति पर इज़रायली पीएम को बधाई दी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने बंधकों की रिहाई और गाज़ा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत भी किया। पीएम मोदी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है। मोदी बोले-आतंकवाद कहीं भी बर्दाश्त नहीं इस बातचीत के तुरंत बाद पीएम मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, मैंने अपने मित्र प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू को फोन करके गाजा शांति योजना में हुई प्रगति पर बधाई दी. हमने बंधकों की रिहाई और गाज़ा के लोगों के लिए बढ़ाई जा रही मानवीय मदद का स्वागत किया. मैंने दोहराया कि आतंकवाद किसी भी रूप में और कहीं भी स्वीकार्य नहीं है. मोदी के इस ट्वीट को कुछ ही मिनटों में लाखों व्यूज़ मिले और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसे हाथों-हाथ लिया. कई विश्लेषकों ने कहा कि यह बातचीत इस बात का संकेत है कि भारत अब पश्चिम एशिया की राजनीति में एक संतुलित लेकिन प्रभावी भूमिका निभा रहा है. सोमवार तक रिहा होंगे सभी बंधक इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि गाज़ा में हामास के कब्जे में मौजूद बंधकों को सोमवार या मंगलवार को रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि वे मिस्र में आयोजित होने वाली समझौते की हस्ताक्षर समारोह में शामिल होंगे. ट्रंप ने व्हाइट हाउस कैबिनेट बैठक में बताया कि बुधवार को बंधकों की रिहाई और गाज़ा के पुनर्निर्माण के पहले चरण पर समझौता हुआ. हामास 72 घंटे के संघर्षविराम के बाद 20 बचे बंधकों को एक साथ रिहा करेगा. ट्रंप ने इसे खुशी का दिन बताया और कहा कि इससे क्षेत्र में “स्थायी शांति” की उम्मीद है. गाजा डील और नेतन्‍याहू की मुश्किलें इजरायल और हमास के बीच महीनों से चल रहे संघर्ष में यह सीजफायर डील बेहद अहम मानी जा रही है. इसमें सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने की बात कही गई है. इजरायल के भीतर इस समझौते को लेकर मतभेद हैं. कुछ नेता मानते हैं कि यह आतंक के आगे झुकना है, तो कुछ इसे जरूरी राहत बता रहे हैं. ऐसे वक्त में नेतन्‍याहू का मोदी से बात करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि कूटनीतिक संदेश है कि भारत न सिर्फ गाजा संकट पर नज़र रखे हुए है, बल्कि शांति के हर प्रयास का समर्थन कर रहा है. पीएम मोदी ने इजरायल को बताया भारत का मित्र प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू हमेशा से भारत के घनिष्ठ मित्र रहे हैं और दोनों देशों के बीच यह मित्रता आने वाले समय में भी और मजबूत रहेगी. मोदी ने कहा कि भारत और इजरायल के रिश्ते आपसी विश्वास, सहयोग और समान मूल्यों पर आधारित हैं और यह संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोदी का इजरायल के प्रति समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भारत और इजरायल आगे भी करीबी साझेदारी और समन्वय के साथ विभिन्न मुद्दों पर साथ काम करते रहेंगे. पीएम ने की ट्रंप से बात गुरुवार को इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी बात की और उन्हें अमेरिका की ओर से कराए गए गाजा शांति समझौते के पहले चरण की सफलता पर बधाई दी. यह तीन हफ्तों में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच दूसरी फोन कॉल थी. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की इस ऐतिहासिक शांति योजना को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका की सराहना की. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, मैंने मेरे दोस्त राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी. व्यापारिक वार्ताओं में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की. गाजा में हुआ युद्धविराम अमेरिका ने घोषणा की कि इजराइल और हमास — जो पिछले दो साल से एक-दूसरे से लड़ रहे हैं — उन्होंने गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमति बना ली है. इस पहले चरण में गाजा पट्टी में युद्धविराम (सीजफायर) लागू किया जाएगा और इजराइली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की जाएगी. यह युद्ध उस समय शुरू हुआ जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइली पर हमला किया था. इस हमले में लगभग 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और हमास ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें से अब भी 50 से अधिक लोग उसकी कैद में हैं. इजराइल ने इस हमले के बाद गाजा में सैन्य अभियान शुरू किया. फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 66,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. यह शांति समझौता उस लंबे संघर्ष में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, जिसने गाजा … Read more

अयोध्या में ध्वजारोहण: पीएम मोदी 25 नवंबर को देंगे राम मंदिर पूरा होने का संदेश

अयोध्या राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि राम मंदिर सिर्फ राष्ट्र मंदिर नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय राम मंदिर बने। यह बात सभी क्षेत्र, सभी वर्ग और सभी विचारधारा के लोग स्वीकार करें, ऐसा प्रधानमंत्री का सपना है और जब ये सपना साकार होता दिखाई पड़ता है तब मन को संतोष मिलता है। 25 नवंबर अयोध्या के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर के शिखर पर 21 फीट का ध्वजारोहण करेंगे। यह दिन ऐतिहासिक इसलिए भी होगा कि इस दिन राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने की घोषणा भी की जाएगी। राम मंदिर के ध्वजारोहण के साथ प्रधानमंत्री पूरे विश्व को राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने का संदेश देंगे। ध्वज का स्वरूप, रंग और प्रतीक चिन्ह तय करने की जिम्मेदारी चंपत राय को सौंपी ध्वज का स्वरूप कैसा होगा, रंग कैसा और प्रतीक चिन्ह कौन सा होगा, इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था। 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य महल में विराजमान हुए थे। प्रधानमंत्री मुख्य यजमान थे। प्रधानमंत्री के हाथों विराजमान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी। मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद 25 नवंबर को प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करेंगे।   राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर किया जाएगा ध्वजारोहण राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर ध्वजारोहण किया जाएगा। ध्वजारोहण के साथ मंदिर निर्माण पूरा होने का विश्व को संदेश दिया जाएगा। 21 नवंबर से 25 नवंबर तक पांच दिवसीय अनुष्ठान चलेगा। वैदिक आचार्यों की मौजूदगी में अयोध्या और काशी के विद्वान अनुष्ठान कराएंगे।  

दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का ऐतिहासिक गठजोड़: भारत-यूके व्यापार समझौते से उम्मीदें बढ़ीं

मुंबई  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत-यूके के बीच व्यापार समझौता दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच साझा विकास और समृद्धि रोडमैप है। यह मार्केट एक्सेस के साथ दोनों देशों के एमएसएमई को मजबूती देगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा। देश की आर्थिक राजधानी में भारत-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है। हमने 2050 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि हम इस लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर लेंगे। भारत राजनीतिक स्थिरता और व्यापक मांग प्रदान करता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और वित्त से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक, यहां हर क्षेत्र में बड़े अवसर मौजूद हैं।" उन्होंने महत्वपूर्ण सेक्टर्स में भारत की बढ़ती क्षमता का जिक्र करते हुए कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सुधारों की राह पर है और स्थिरता एवं आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।" प्रधानमंत्री ने भविष्य के व्यापार और विकास के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक सेक्टर्स के रूप में रेयर अर्थ मिनरल के महत्व पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम इन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगे, क्योंकि ये हमारे औद्योगिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।" प्रधानमंत्री मोदी और अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर ने संयुक्त रूप से सीईओ फोरम में भाग लिया, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय नेता एक साथ आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों के उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के अथक प्रयासों की बदौलत भारत और ब्रिटेन ने व्यापार और आर्थिक सहयोग की एक मजबूत नींव रखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र राजभवन में प्रधानमंत्री स्टारमर से मुलाकात के बाद कहा, "भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।" प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता पर विचारों का आदान-प्रदान किया और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्षरत क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए समर्थन की पुष्टि की।