कई इलाकों में मूसलधार बारिश का असर, बाढ़ की चेतावनी से हड़कंप
भोपाल मध्य प्रदेश में अब तक औसतन 487.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 67% ज़्यादा है। विंध्य और निमाड़ क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात हैं। हरदा में एक सब-इंस्पेक्टर की गाड़ी बह गई, लेकिन वह कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। खंडवा में अजनाल नदी के पुल पर पानी आने से हाईवे बंद है। डिंडोरी और मऊगंज में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सतना-मैहर जलसमाधि में, ग्वालियर-चंबल में रेड अलर्ट सतना और मैहर ज़िले पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। रामघाट और भरतघाट की 100 से ज़्यादा दुकानें पानी में डूब गईं। 50 से ज़्यादा नदियां और नाले उफान पर हैं और 100 गांवों का ज़िला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। उत्तर प्रदेश से आ रहे मौसमी सिस्टम के चलते ग्वालियर, मुरैना, भिंड और दतिया में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने यहाँ 10 इंच तक बारिश का अनुमान जताया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। 22 जिलों के लिए IMD का अलर्ट जारी मॉनसून इस बार खूब मेहरबान है। प्रदेश में जगह-जगह झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज 7 जिलों में अति भारी, 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, दतिया, मुरैना और भिंड में बारिश का ऑरेंज अलर्ट, यहां 24 घंटे के दौरान 8 इंच तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान तेज हवाएं भी चलने का अनुमान है। भारी बारिश और तूफानी हवाओं के मद्देनजर मौसम विभाग ने लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। 200 परिवार फंसे छतरपुर जिले में उर्मिल नदी उफान पर है। यहां ओरछा रोड थाना क्षेत्र का गांव धामची पानी से लबालब हो गया है। इसके चलते करीब 2000 परिवार फंसे हुए हैं। ग्रामीण जान बचाने को घरों की छतों पर चढ़ गए हैं। पानी भरने से मुख्य मार्गों से गांव का संपर्क पूरी तरह कट गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से उन्हें सुरक्षित गांव से बाहर निकलवाने की की अपील की है। गांव में पानी भरने से बिजली सप्लाई ठप हो गई है। साथ ही मोबाइल फोन नेटवर्क भी दिक्कत कर रहे हैं। इस बीच पूरे छतरपुर जिले में 12 घंटे से हो रही तेज तेज बारिश के चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया। लोग कार को हाथों से उठाते नजर आए। पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी के घर के पीछे लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। दो लोगों की मौत इस बीच, प्राकृतिक आपदा में दो लोगों की मौत की भी खबर है। ग्राम ढिलापुर में रात में मकान में सो रहीं मां-बेटी के ऊपर कच्चा ढह गया। इस हादसे में बेटी की मौत हो गई, जबकि मां घायल हो गई। वही हतना में घर के अंदर जानवर छोड़ने गए युवक पर कच्चा घर गिर गया। दोनों जगह मलबे में दबने से मौत हुई है। मौसम विभाग ने भारी बारिश और तूफानी हवाओं के मद्देनजर लोगों को कुछ सुझाव भी दिए हैं। सुझाए गए कार्य भारी वर्षा के कारण दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। सड़कों और अंडरपास सहित निचले इलाकों में जलभराव की संभावना है, जिससे यातायात जाम और देरी हो सकती है। भारी वर्षा से जमा हुआ पानी जलजनित रोगों के खतरे को बढ़ा सकता है। झोंकेदार तेज हवाओं के कारण उड़ने वाला मलबा और कम दृश्यता हो सकती है, जिससे यात्रा और परिवहन प्रभावित हो सकते हैं। यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें। परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें। वाहन धीरे चलाएं और स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़ें, पुलों और ऊंची खुली सड़कों से बचें। मचान (स्कैफोल्डिंग) और निर्माण स्थलों से दूर रहें। ऊंचे या खुले इलाकों में न जाएं। खुले खेतों और बाहरी गतिविधियों के दौरान बिजली गिरने का खतरा बना रहता है। पेड़, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना है। आंधी-तूफान के दौरान खुले खेतों में कार्य करने से बचें। गरज-चमक के दौरान घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक मेडिकल किट रखें। सुरक्षित स्थानोंं पर आश्रय लें; पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पेड़ों और बिजली की तारों से दूर रहें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं। पशुओं का विशेष ध्यान रखें, सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए। अगले 24 घंटों में अपेक्षित वर्षा के कारण मानचित्र के अनुसार कुछ पूर्ण रूप से संतृप्त मिट्टी और निचले इलाकों में सतही अपवाह /जलप्लावन हो सकता है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा निर्धारित निकटतम बाढ़ आश्रयों, निकासी मार्गों और सभा स्थलों के बारे में जानें। सरकार द्वारा जारी बाढ़ की चेतावनियों और सलाह पर अपडेट रहें। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नजर रखें। भोपाल में बादलों का डेरा राजधानी भोपाल में गुरुवार को दिन भर बादल छाए रहे। अरेरा हिल्स में 25 मिमी और बैरागढ़ में 12 मिमी बारिश दर्ज की गई। दृश्यता भी घटकर 2000 मीटर रह गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। हल्की से मध्यम बारिश जारी है। अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी आज राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार एक सक्रिय मॉनसून ट्रफ और लो प्रेशर एरिया बारिश को और उग्र बना रहा है, जिससे आने वाले दिनों में बारिश की संभावना बनी हुई है। इसी बीच, रीवा और मऊगंज जिलों में भारी … Read more