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लोक निर्माण विभाग की मकरंदगंज-बरबसपुरा सड़क का मामला

कोर कटिंग से खुली सड़क के भ्रष्टाचार की परतें, कम निकली क्रस्ट की मोटाई लोक निर्माण विभाग की मकरंदगंज-बरबसपुरा सड़क का मामला मासिक निरीक्षण अंतर्गत दो मुख्य अभियंताओं की टीम ने की जांच पन्ना  ऊपर से चिकनी और गुणवत्तापूर्ण नजर आने वाली सड़क के अंदर भ्रष्टाचार का खेल किस तरह से खेला जाता है, मकरंदगंज से बरबसपुरा व्याहा नरेंद्रपुरा सड़क इसका उदाहरण है! लोक निर्माण विभाग के दो चीफ इंजीनियरों द्वारा की गई जांच में सड़क निर्माण कार्य की गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। मकरंदगंज सड़क के Crust (क्रस्ट) यानी अर्थवर्क से लेकर डामरीकरण तक सभी परतों की कुल थिकनेस (मोटाई) निर्धारित प्रावधान से कम निकली। आबादी क्षेत्र में बनाई गई सीसी सड़क का कोर काटने पर क्रैक्स पाए गए जिससे प्रथम दृष्टया कंक्रीट मटेरियल की गुणवत्ता मानक अनरूप न होना प्रतीत होता है। मोटी रकम बचाने के चक्कर में सड़क निर्माण कार्य में जमकर की गई लीपापोती की पोल खुलने से संबंधित ठेकेदार और तकनीकी अधिकारियों में हड़कंप मचा है। जांच की आंच में झुलसने की आशंका से भयभीत स्थानीय तकनीकी अधिकारियों ने शीर्ष स्तर पर मामले को सीक्रेट तरीके से मैनेज करने की कवायद शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि गंभीर अनियमितताओं के खुलासे पर जिम्मेदारों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया जाएगा या फिर मैनेजमेंट फंडा अपना असर दिखाएगा। सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया से हुआ था चयन मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की नई व्यवस्था लागू की गई है। विभाग द्वारा प्रत्येक माह रेण्डम आधार पर चयनित निर्माण कार्यों के निरीक्षण हेतु 5 एवं 20 तारीख को मुख्य अभियंताओं के दल भेजे जाते हैं। कार्यों का रेण्डमाईजेशन डब्ल्यूएमएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभाग के उप सचिव के समक्ष किया जाता है। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों को जिन कार्यों का निरीक्षण करना है उसकी सूची उन्हें एक दिन पूर्व सॉफ्टवेयर पर लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध होती है। इस बार शुक्रवार 5 सितंबर 2025 को सागर परिक्षेत्र अंतर्गत पन्ना जिले के 4 निर्माण कार्य रेण्डम आधार पर चयनित हुए। जिनमें पीडब्ल्यूडी की 3 सड़कें और पीआईयू का एक निर्माणाधीन बिल्डिंग शामिल थी। पन्ना के निर्माण कार्यों के निरीक्षण की जिम्मेदारी इस बार केएस यादव मुख्य अभियंता भवन परिक्षेत्र भोपाल एवं बीएस मीणा मुख्य अभियंता एमपीआरडीसी को मिली थी। दोनों वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा मकरंदगंज सड़क का सघन निरीक्षण किया गया। इस दौरान लोनिवि के स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे। 3 करोड़ 68 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना से प्राप्त जानकारी अनुसार मकरंदगंज से बरबसपुरा व्याहा नरेंद्रपुरा मार्ग की कुल लंबाई 3.20 किलोमीटर है। शासन द्वारा इसके निर्माण हेतु दिनांक 22 दिसंबर 2022 को 3 करोड़ 68 लाख 98 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। जबकि निविदा की राशि (अनुबंधित राशि) 3 करोड़ 8 लाख 29 हजार रुपए थी। सड़क निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेका फर्म मेसर्स मारुति नंदन कंस्ट्रक्शन सतना को कार्यादेश क्रमांक 1280 पन्ना दिनांक 11 अप्रैल 2023 को जारी किया गया। सड़क की निविदा दर एसआर से 24.50 प्रतिशत कम थी। अनुबंध अनुसार मार्ग निर्माण कार्य दिनांक 10 सितंबर 2023 (छह माह की अवधि) में पूर्ण किया जाना था। मकरंदगंज मार्ग का कार्य लोनिवि के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसके पाण्डेय के कार्यकाल में हुआ। जिसके अनुविभागीय अधिकारी बीके त्रिपाठी एवं प्रभारी उपयंत्री आरएम बागरी रहे। कार्य की गुणवत्ता से हुआ समझौता शुक्रवार 5 सितंबर को नवनिर्मित मकरंदगंज मार्ग का सघन निरीक्षण करने वाले चीफ इंजीनियर्स केएस यादव भोपाल एवं बीएस मीणा एमपीआरडीसी द्वारा अपने समक्ष कोर काटा गया। ऊपर से देखने में अच्छी और गुणवत्तापूर्ण नजर आ रही सड़क का कोर कटने पर अंदर दबी परतों का स्याह सच सतह पर आया तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी भी दंग रह गए। इस दौरान मौके पर उपस्थित रहे एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि, सीसी सड़क के कोर की पूर्णतः मोटाई में क्रैक्स पाए गए। सीसी सड़क की मोटाई (थिकनेस) मानक अनुरूप है लेकिन क्रैक्स होने से पीक्यूसी (Pavment Quality Concrete) की गुणवत्ता से समझौता होना प्रतीत होता है। जिसका सीधा असर सड़क की मजबूती और टिकाऊपन पर पड़ता है। सड़क की विभिन्न परतों क्रस्ट (Crust) की कुल मोटाई जांच में निर्धारित प्रावधान से कम पाई गई। सिर्फ इतना ही नहीं सड़क की डीबीएम एवं बीसी लेयर (डामर की परतें) भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरी नहीं उतरीं। हालांकि बीटी कार्य की सतह को निरीक्षणकर्ताओं ने अच्छा बताया है। राजधानी भोपाल के एक विभागीय सूत्र ने बताया कि, निरीक्षण में सड़क निर्माण कार्य की लीपापोती की परतें खुलने पर निरीक्षणकर्ता अधिकारियों ने अपनी संक्षिप्त रिपोर्ट में उन्हें गोलमोल तरीके से इंगित करते हुए अधीक्षण यंत्री से विस्तृत जांच कराने का सुझाव दिया है। हैरानी की बात है कि सड़क की जांच करने वाले दोनों वरिष्ठ अधिकारी अब कनिष्ठ अधिकारी से विस्तृत जांच कराने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। सूत्र ने बताया कि, रिपोर्ट में प्रायः इस तरह की गुंजाइश सिर्फ इसलिए छोड़ी जाती है, ताकि सिफारिश और मैनेजमेंट फंडे की स्थिति में मामले को सुविधानुसार कोई भी मोड़ दिया जा सके। इनका कहना है-  'मुख्य अभियंताद्वय ने मकरंदगंज मार्ग का निरीक्षण किया था। जांच प्रतिवेदन उनके द्वारा देर रात्रि में बंद कमरे में तैयार किया गया था इसलिए प्रतिवेदन के तथ्यों की फिलहाल जानकारी नहीं है। समीक्षा बैठक में जांच रिपोर्ट पर चर्चा होती है और जांच के तथ्यों के आधार पर संबंधितों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।' जे.पी. सोनकर प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोनिवि पन्ना।

एमपी में ट्रैफिक सुविधा के लिए बड़ा कदम, 4-लेन बायपास 3000 करोड़ में बनेगा

भोपाल  राजधानी भोपाल में पश्चिमी बायपास प्रोजेक्ट के लिए नए सिरे से भू-अर्जन शुरू किया जा रहा है। कलेक्टर ने प्रोजेक्ट के लिए तय 155 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने के लिए हुजूर एसडीएम की अध्यक्षता में टीम बनाई है। इसमें तहसीलदार, वार्ड पार्षद, सरपंच- सदस्य समेत संबंधित ग्राम के पटवारी व राजस्व निरीक्षक को शामिल किया है। अगले छह माह में इन्हें भू- अर्जन की प्रक्रिया पूरी करना होगी। 35.60 किमी लंबा पश्चिमी बायपास रतनपुर सड़क स्थित 11 मील जोड़ से रोड का काम शुरू होगा जो फंदा कला तक चार लेन बनेगा। सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए करीब 3000 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। यहां की इतनी जमीन लेंगे तब बनेगा बायपास     15.9929 हेक्टेयर जमीन भानपुर केकडिया     14.0685 हेक्टेयर जमीन समसगढ़     10.2719 हेक्टेयर जमीन समसपुरा     2.0694 हेक्टेयर जमीन सरवर     17.8365 हेक्टेयर जमीन झागरिया खुर्द     12.8594 हेक्टेयर जमीन मूंडला     13.5931 हेक्टेयर जमीन नरेला     4.5198 हेक्टेयर जमीन टीलाखेड़ी     8.2897 हेक्टेयर जमीन जाटखेड़ी     7.0626 हेक्टेयर जमीन खोकरिया     4.0910 हेक्टेयर जमीन हताईखेड़ी     7.5226 हेक्टेयर जमीन दूबड़ी     7.4606 हेक्टेयर जमीन पिपलिया धाकड़ 9163 हेक्टेयर जमीन फंदा खुर्द 14.1189 हेक्टेयर जमीन फंदा कलां 155.731 हेक्टेयर कुल अर्जित क्षेत्र है इसलिए जरूरी पूरा बायपास बायपास एक तरह से शहर की सीमा को तय करता है और जिन वाहनों को शहर में नहीं आना होता है वह बायपास से बाहर निकल जाते हैं। छह माह में प्रक्रिया पूरी नए सिरे से भू अर्जन करने हमने टीम तय कर दी है। आगामी छह माह में प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बायपास जल्द बने इसके लिए जल्द से जल्द काम पूरा किया जाएगा।-कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर

यात्रियों को मिलेगा जाम से निजात: एबी रोड पर 622 करोड़ से बनेंगे 9 फ्लायओवर

इंदौर  प्राधिकरण द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर कलेक्टर ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजा है। इसमें जिलास्तरीय यातायात समिति की रिपोर्ट भी संलग्न की गई है। पत्र में एबी रोड पर 9 फ्लायओवरों के निर्माण को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है। कुल 622 करोड़ रुपए की लागत से इन फ्लायओवरों का निर्माण प्रस्तावित है। नीरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौराहा तक इनका निर्माण होगा। बीआरटीएस हटाने की कवायद के बीच फ्लायओवर योजना वर्तमान में एबी रोड पर बीआरटीएस को हटाने का कार्य शुरू हो चुका है। निगम ने लगभग ढाई करोड़ रुपए के टेंडर को मंजूरी दी है और ठेकेदार फर्म द्वारा रेलिंग हटाने का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। साथ ही लगभग 13 करोड़ रुपए की राशि डिवाइडर निर्माण के लिए भी स्वीकृत कर दी गई है। ऐसे में फ्लायओवर योजना को लेकर प्राधिकरण का सर्वे और कलेक्टर का पत्र नई दिशा देता है। अधूरे एलिवेटेड कॉरिडोर पर भी सवाल नीरंजनपुर और सत्यसांई चौराहे पर एमपीआरडीसी द्वारा फ्लायओवर निर्माण का कार्य पहले से ही जारी है। वहीं एलआईजी से नवलखा तक एलिवेटेड कॉरिडोर का टेंडर लोक निर्माण विभाग ने कुछ वर्ष पूर्व मंजूर किया था, लेकिन काम अब तक शुरू नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस परियोजना से असहमति जताई, जिसके चलते यह अधर में है। हाईकोर्ट के आदेश पर बीआरटीएस को हटाया जा रहा है और अब एबी रोड के प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। 622 करोड़ में होगा 9 फ्लायओवरों का निर्माण कलेक्टर ने पहले चरण में एलआईजी चौराहा, शिवाजी वाटिका और गीता भवन चौराहा पर फ्लायओवर बनाने का अनुरोध किया है। इन तीन फ्लायओवरों की अनुमानित लागत 283.56 करोड़ रुपए बताई गई है। इसके अलावा अन्य 11 चौराहों में से पांच फ्लायओवर—जंजीरवाला चौराहा, टॉवर, चाणक्यपुरी, गौपुर और अग्रसेन चौराहा पर निर्माण प्रस्तावित है, जिन पर 380 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस तरह कुल 9 फ्लायओवरों पर 622 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 

नई सड़क से जुड़े बदलाव: गुजरात और MP के बीच 4-लेन हाईवे, 14 गांव प्रभावित

उज्जैन  एमपी में 70 किलोमीटर का नेशनल हाईवे अभी उज्जैन से बदनावर के नागेश्वर धाम तक बना है। अब दूसरे चरण का कार्य बदनावर से टिमरवानी तक 80 किमी का काम शुरू होने वाला है। यह मार्ग भी 552 डी के अंतर्गत ही आएगा तथा इसका निर्माण भी नेशनल हाईवे द्वारा किया जाएगा। इसके टेंडर हो चुके हैं अक्टूबर माह में इस रोड़ का कार्य शुरू हो जाएगा। 1900 करोड़ी की लागत से बन रहा यह नेशनल हाईवे गुजरात से जुड़ेगा तथा इसके बनने से उज्जैन से टिमरवानी की दूरी भी कम हो जाएगी व आवागमन भी सुगम हो होगा। इसका निर्माण सिंहस्थ के पहले किया जाएगा। ताकि गुजरात से आने वाले श्रद्धालुओं को इसका फायदा मिल सके तथा भैंसोला में बन रहा पीएम मेगा टेक्सटाईल पार्क भी इस रोड़ से जुड जाए। 14 गांव की जमीन होगी अधिग्रहित फोरलेन निर्माण के लिए बदनावर तहसील के पश्चिम क्षेत्र की करीब 14 गांवों की भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। इसके निर्माण के लिए कुल 155.579 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करेंगे। इसमें सरकारी व निजी भूमि शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए सूची भी प्रकाशित हो चुकी है। इससे संबंधित गांवों के किसानों में भी हलचल तेज हो गई है। यह फोरलेन उज्जैन से सीधा दिल्ली मुंबई एट लेन एक्सप्रेस वे से सीधा जुड़ जाएगा।  तहसीलदार सुरेश नागर के मुताबिक, बदनावर से टिमरवानी तक फोरलेन सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बदनावर तहसील के 14 गांवों की भूमि से यह फोरलेन निकलेगा। इसके लिए ग्राम व भूमि प्रस्तावित है। संबंधित गांवो के हल्का पटवारी व राजस्व अमले को भूमि की वास्तविक स्थिति का सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा फायदा अभी तक मालवांचल से गुजरात जाने के लिए इंदौर-अहमदाबाद मार्ग ही प्रमुख है। अब इस मार्ग के फोरलेन बनाए जाने से यातायात इस पर अधिक डायवर्ट होगा। इससे समय की बचत होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बदनावर के लोग भी गुजरात इसी मार्ग से होकर जाते हैं। भैंसोला में बड़ा पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क बन रहा है, जबकि छायन में कपड़ा कारखाना शुरू हो चुका है। इसी तरह दोतरिया में भी एक फैक्टरी की नींव रखी जा चुकी है। इन उद्योगों के लिए आवागमन में भी इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात सुगम होगा।

भरतपुर में सड़क सुरक्षा वाद-विवाद प्रतियोगिता संपन्न, विजेताओं को चेक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी सड़क सुरक्षा और जीवन रक्षा की महत्ता पर जन-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 23 अगस्त 2025 को स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल भरतपुर के ऑडिटोरियम हॉल में विकासखंड स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में भरतपुर विकासखंड के विभिन्न विद्यालयों से आए कुल 24 प्रतिभागियों ने “सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा” विषय पर पक्ष एवं विपक्ष में अपने प्रभावशाली विचार रखे। निर्णायक मंडल द्वारा घोषित परिणामों में सेजेस भरतपुर के शिवेन्द्र तिवारी ने प्रथम स्थान, न्यू लाइफ इंग्लिश स्कूल जनकपुर के आर्जव जैन ने द्वितीय तथा वंदना शिक्षा निकेतन जनकपुर की कु. नव्या गुप्ता ने तृतीय स्थान हासिल किया। वहीं सांत्वना पुरस्कार के लिए सेजेस भरतपुर के हंसल शर्मा, कन्या उ.मा.वि. जनकपुर की कु. अर्पिता तिग्गा तथा उ.मा.वि. कंजिया के अरविन्द कुमार वर्मा का चयन किया गया। प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त छात्र को ₹2500, द्वितीय को ₹2000, तृतीय को ₹1500 तथा सांत्वना पुरस्कार पाने वाले तीनों विद्यार्थियों को ₹1000-₹1000 के चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी मो. इस्माइल खान, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक देवेंद्र गुप्ता, नगर पंचायत जनकपुर उपाध्यक्ष नीलेश मिश्रा, सी.ए.सी. भरतपुर अभिषेक दुबे, सेजेस भरतपुर के प्राचार्य दीपक सिंह बघेल सहित शिक्षकगण एवं स्टाफ मौजूद रहे। निर्णायक मंडल में सुशील कुमार सिंह, देवानीश टोप्पो और श्रीमती शिल्पी सिंह परिहार शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन अतुल कुमार सिंह ने किया। वक्ताओं ने अपने संदेश में कहा कि सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा का मूल मंत्र है। विद्यार्थियों के विचार निश्चित रूप से समाज को जागरूक बनाने में सार्थक सिद्ध होंगे।

एमसीबी में सड़क सुरक्षा सप्ताह: मनेंद्रगढ़ में वाद-विवाद प्रतियोगिता के जरिए युवाओं ने दिखाई जागरूकता

एमसीबी : मनेंद्रगढ़ में सड़क सुरक्षा सप्ताह पर जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई संपन्न नव्या गुप्ता ने हासिल की प्रथम स्थान एमसीबी सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय मनेंद्रगढ़ में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। निर्णायकों द्वारा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें प्रथम स्थान नव्या गुप्ता (वीएसएसएन विद्यालय भरतपुर), द्वितीय स्थान शिवेंद्र तिवारी (सेजेस भरतपुर) तथा तृतीय स्थान साक्षी सिंह (शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलबहरा) को प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने सड़क दुर्घटनाओं की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए मृत्यु दर के आंकड़े प्रस्तुत किए और दुर्घटनाओं में कमी लाने के उपायों पर विस्तार से सुझाव दिए। उन्होंने सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं, जगह-जगह गड्ढों और यातायात नियमों की अनदेखी जैसी समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया तथा दुर्घटना पीड़ितों को बचाने के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा को 7000 रुपए, द्वितीय स्थान को 5000 रूपये। और तृतीय स्थान को 3000 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई, वहीं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक प्रतिभागी छात्र-छात्रा को 2000 रुपए का चेक दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डिप्टी कलेक्टर इंदिरा मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. मिरे, पुष्कर तिवारी, अनीता फरमानिया, अभिषेक पांडे, नीलम दुबे, मधुमिता चौधरी, रामाश्रय शर्मा, डॉ. विनोद पांडेय, द्वारिका मिश्रा और सूर्याेदय सिंह सहित अनेक शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के समापन अवसर पर नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत डिप्टी कलेक्टर इंदिरा मिश्रा ने उपस्थित सभी लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। आभार प्रदर्शन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया।

त्यौहारों से पहले सड़कों का काम बढ़ाया जाए: संभागायुक्त ने दिया आदेश, 277 नई सड़कें बनेंगी

इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में इंदौर संभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण एवं संधारण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में सड़क निर्माण से जुड़े अधिकारी संभागायुक्त कार्यालय में तथा नगर निगम के अधिकारी गूगल मीट के माध्यम से जानकारी ली। बैठक में संभागायुक्त सिंह ने संभाग में चल रहे विभिन्न सड़कों, पुल-पुलिया के निर्माण कार्य एवं संधारण कार्यों की समीक्षा की। सिंह ने संधारण और मरम्मत योग्य सड़कों की स्थिति के संबंध में अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने संभाग की सभी सड़कों एवं फ्लाईओवर का निर्माण एवं संधारण का कार्य समयसीमा में गुणवत्ता के साथ करने की सख्त हिदायत भी दी है।  उन्होंने कहा कि बारिश में आम नागरिकों एवं वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी नहीं हो, इस बात का ध्यान रखा जाए। निर्माणाधीन सड़कों एवं पुल-पुलिया के आसपास सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेट, होर्डिंग्स, रेडियम आदि के संकेतक लगाएं। सड़कों एवं पुल-पुलिया के संधारण का कार्य लगातार जारी रखें। संभागायुक्त सिंह ने आगामी समय मे आने वाले त्यौहारों में सड़कों से किसी तरह की परेशानी न हो इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखने की हिदायत दी है। खासकर गणेशोत्सव, नवरात्रि आदि त्यौहारों को देखते हुए सड़कों के निर्माण और संधारण के कार्य में गति लाएं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी मरम्मत एवं निर्माण का कार्य जारी रखा जाए। सिंह ने कहा कि संभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़कें और संधारण के कार्य में लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका निगम, एनएचएआई, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम आदि विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। सिंह ने निर्माण कार्यों में हो रहे विलम्ब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के साथ ही ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक में इंदौर-उज्जैन मार्ग 6 लेन, मूसाखेड़ी चौराहा फ्लाईओव्हर, देवास नाका चौराहा फ्लाई ओव्हर, आईटी पार्क चौराहा फ्लाईओव्हर, सत्यसांई चौराहा फ्लाईओव्हर के निर्माण कार्यों पर चर्चा की गई। इसके अलावा एबी रोड से हरसोला दतोदा मार्ग का उन्नयन कार्य, अमलपुरा सांवखेड़ा जावर मार्ग का उन्नयन कार्य, तेजाजी नगर से बलवाड़ा मार्ग, इंदौर-हरदा फोरलेन, इंदौर-देवास 6 लेन, इंदौर-खलघाट 4 लेन, इंदौर-गुजरात 4 लेन आदि सड़कों के निर्माण कार्यों एवं संधारण पर भी चर्चा हुई। पीडब्ल्यूडी की योजना से संभाग में 277 सड़कों का निर्माण जारी लोक निर्माण विभाग द्वारा बैठक के दौरान जानकारी प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार 31 मार्च 2026 तक 277 नई सड़कों का निर्माण पूर्ण करेंगे। ये सभी सड़कें इंदौर संभाग में 1186.68 किमी का दायरा कवर करेगी। इसके अलावा विभाग द्वारा 111.25 किमी. की 35 सड़कों पर मजबूतीकरण और विशेष मजबूतीकरण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा खंडवा में 21, झाबुआ में 8, बड़वानी में 7 और धार में 3 तीन इस तरह कुल 39 सड़कों के नवीनीकरण के कार्य में जुटा हुआ है। जबकि परफार्मेंस ग्यारंटी की विभाग के पास 3878.38 किमी. की  987 सड़कें है। बारिश के बाद पीएमजीएसवाय की 1904 सड़कों का निर्माण होगा प्रारम्भ बैठक के दौरान एमपीआरआरडीए के अधिकारी द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना का कार्य बारिश के बाद शुरू किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। ऐसी 1904 सड़कें है। इसमें दो फेज है, पहले फेज में 1243 और दूसरे में 661 सड़कें चिन्हित हैं। इसके अलावा इस योजना मप्र शासन द्वारा 100 प्रतिशत राशि से 4158 सड़के निर्मित होगी। इंदौर शहर में मास्टर प्लान में 17 सड़कें और पुलों पर निर्माण जारी इंदौर नगर में मास्टर प्लान के तहत कुल 17 सड़कों व पुलों पर कार्य चल रहा है। जिनकी प्रगति नगर निगम द्वारा प्रस्तुत की गई। इंदौर नगर में 3868 किमी. की सड़कें सीमेंट कांक्रीट और 205 डामरयुक्त सड़कें संधारण योग्य हैं। बैठक में संभागायुक्त कार्यालय में संयुक्त आयुक्त विकास डी.एस. रणदा, एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रवीण यादव, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के डीएम गगन भाबर और प्रबंधक अभिलाष धनोजिया, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सी.एस. खरत, नगर निगम के अधीक्षण यंत्री हर्ष जायसवाल आदि मौजूद थे। बैठक में गूगल मीट के माध्यम से संभाग के सभी जिलों के लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका निगम, एनएचएआई, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। 

लापरवाही का शिकार ग्रामीण: लाखों खर्च के बाद भी सड़क बेहाल, ठेकेदार को नोटिस

बीजापुर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करोड़ों की योजनाएं गांवों तक बेहतर आवागमन की सुविधा देने के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन उसूर तहसील की बासागुड़ा-कुम्हारपारा सड़क इसका बिल्कुल उल्टा उदाहरण बन गई है। साल 2020 में ठेकेदार आकाश चांडक ने 60 लाख की लागत से 1.60 किमी लंबी मिट्टी-मुरुम सड़क बनाई थी। पांच साल बीतने को हैं लेकिन ठेकेदार ने इस सड़क की एक बार भी मरम्मत नहीं की। नतीजा यह हुआ कि आज यह सड़क पूरी तरह से उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी खाई में तब्दील हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर चलना किसी नदी को पार करने से कम नहीं है। जगह-जगह गड्ढे, कटे किनारे और झाड़ियों ने इसे मौत का जाल बना दिया है। आलम यह है कि धरमापुर, मल्लेपल्ली और डल्ला गांव के करीब 1000 ग्रामीण रोजाना इसी सड़क से गुजरने को मजबूर हैं। पैदल यात्री, बाइक सवार और ट्रैक्टर चालकों के लिए यह सफर किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने सड़क निर्माण में शुरुआत से ही लापरवाही बरती और काम अधूरा छोड़ दिया। अब मरम्मत न होने से हालात बदतर हो गए हैं। उनका कहना है कि सड़क पर चलने से ज़्यादा आसान तो खेतों में चलना है। इस मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता नवीन कुमार टोंडे और उप अभियंता परमानंद रामटेके ने बताया कि ठेकेदार को 5 अगस्त 2025 को मरम्मत करने के लिए नोटिस भेजा गया है। लेकिन ठेकेदार ने मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया तो विभाग 18 लाख रुपये की वसूली ठेकेदार से करेगा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ग्रामीणों की पांच साल से चली आ रही परेशानी का जिम्मेदार कौन है? और कब तक ऐसी योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही टिकाऊ साबित होंगी?

राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की मिली सौगात

ग्रामीण सड़कों के निर्माण में लक्ष्य का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की मिली सौगात 500 से कम आबादी वाले टोलों को संपर्कता देने के लिए राज्य में चलाई जा रही है मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना पटना बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों के विकास को माध्यम बनाकर राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का सफल प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाय) के अंतर्गत राज्य में अबतक 40 हजार 893 किमी से भी अधिक सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि ग्रामीण कार्य विभाग ने कुल 49 हजार, 541.7 किलोमीटर सड़क के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यानी लक्ष्य का 80 प्रतिशत से भी अधिक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया।         इन सड़कों के निर्माण से राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की सौगात मिली है। चूंकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 500 तक की आबादी वाले टोलों को ही शामिल लिया जा सकता है। इसलिए इससे छोटी आबादी वाले टोलों को संपर्कता देने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। अब हर टोले को पक्की बारहमासी सड़क से जोड़ने की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग जुटा हुआ है।        ग्रामीण कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत 49 हजार, 541.309 किमी लंबाई की कुल 33 हजार 618 किमी सड़कों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें अबतक 80 प्रतिशत से भी अधिक परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। यह राज्य में ग्रामीण संपर्कता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। ग्रामीण सड़कों की निर्माण का जिलावार आंकड़ा सड़क निर्माण की संख्या और लंबाई के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला इस योजना के क्रियान्वयन में राज्यभर में अव्वल है। मुजफ्फरपुर के लिए निर्धारित अबतक 2830.99 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है। जिसके विरुद्ध 2581.278 किमी सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसके बाद मधुबनी जिला में कुल 2455.21 किमी का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जबकि, अररिया में 2628.175 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2305.858 किमी और पूर्वी चंपारण में 2770.415 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2180.896 किमी सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी व्यापक सुधार दर्ज की गई है। इससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। साथ ही राज्य में कृषि व औद्योगिक गतिविधियों को रफ़्तार मिल रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिली है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को मजबूती मिली है।

हरियाणा: 61 किमी कच्चे रास्ते होंगे पक्के, पंचकूला के ग्रामीणों को मिलेगा सुगम आवागमन

 पंचकूला  हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने जिला पंचकूला के पाहड़ी क्षेत्र मोरनी व कालका में लोगों को सुगम आवागमन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 19 गांवों के लगभग 61 किलोमीटर कच्चे रास्तों को पक्का कर पेवर ब्लॉक की सड़कें बनाने के निर्देश दिए। इन सड़कों की चौड़ाई  12 फुट होगी। CM ने बीते दिन सोमवार को लोक निर्माण विभाग और वन विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वन विभाग से एनओसी लेकर शीघ्र इन गांवों में सड़कों के निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।    उन्होंने कहा कि मोरनी व कालका के पहाड़ी क्षेत्र के इन गांवों में सड़क बनने से वहां के निवासियों को आवाजाही के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी और इन इलाकों में विकास के नए मार्ग प्रशस्त होगी। यहां रहने वाले निवासियों को कच्ची सड़कों से होने वाली समस्याओं से जल्द निजात मिलेगी।  CM ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश में नई सड़कों के निर्माण और मुरम्मत में गुणवता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुणवता से किसी भी प्रकार का समझौता कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तय समय सीमा में विकास कार्यों  को पूरा करवाया जाए। यदि कोई कार्य को पूरा करने में देरी करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला पंचकूला के थापली बधिशेर से कोटी 1.68 किलोमीटर, पिंजौर मल्लाह से मंगनीवाला 1.20 किलोमीटर और गोबिंदपुर से थाथर 5.35 किलोमीटर सड़क की वन विभाग से एनओसी लेकर इन सड़कों का निर्माण कार्य भी अतिशीघ्र शुरू किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने पानीपत से सफीदों 41 किलोमीटर, सफीदों से जींद 21.65 किलोमीटर और जिला अम्बाला में साहा चौक से पंचकूला-यमुनानगर फोरलेन तक व साहा चौक से कालपी तक तथा टोहाना रतिया सड़क के सुदृढ़ीकरण व चौड़ीकरण करने के कार्य को जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए।