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कोहरे के कारण 66 दिन तक नहीं चलेगी सारनाथ एक्सप्रेस, यात्रियों को झटका

रायपुर  उत्तर भारत में ठंड के मौसम में घने कोहरे की आशंका को देखते हुए रेलवे ने दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस को तीन महीनों में कुल 66 दिन रद्द करने का फैसला लिया है।यह ट्रेन 1 दिसंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक अलग-अलग तिथियों में दोनों दिशाओं से नहीं चलेगी। इससे प्रयागराज, बनारस और छपरा जाने वाले यात्रियों की यात्राएं प्रभावित होंगी, क्योंकि यह ट्रेन उन मार्गों की प्रमुख कनेक्टिविटी मानी जाती है। उत्तर पूर्व रेलवे ने 15159 (छपरा-दुर्ग) और 15160 (दुर्ग-छपरा) सारनाथ एक्सप्रेस की सेवाएं कोहरे के पूर्वानुमान के आधार पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। निर्धारित तिथियों के अलावा अन्य दिनों में यह ट्रेन सामान्य समय-सारणी के अनुसार चलती रहेगी। इन तारीखों पर नहीं चलेगी ट्रेन छपरा से दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15159) – दिसंबर: 1, 3, 6, 8, 10, 13, 15, 17, 20, 22, 24, 27, 29, 31 – जनवरी: 3, 5, 7, 10, 12, 14, 17, 19, 21, 24, 26, 28, 31 – फरवरी: 2, 4, 7, 9, 11, 14 दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15160) – दिसंबर: 2, 4, 7, 9, 11, 14, 16, 18, 21, 23, 25, 28, 30 – जनवरी: 1, 4, 6, 8, 11, 13, 15, 18, 20, 22, 25, 27, 29 – फरवरी: 1, 3, 5, 8, 10, 12, 15 रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा की योजना बनाते समय इन तिथियों की जांच अवश्य करें। जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक ट्रेनों की बुकिंग समय पर करा लें, ताकि यात्रा में बाधा न आए।

त्योहारी सीजन में यात्रियों को तोहफा, हिसार-वलसाड़ के बीच चलेगी दिवाली स्पेशल ट्रेन

मंदसौर  दिवाली पर नियमित ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ती भीड व लंबी वेटिंग लिस्ट के चलते अतिरिक्त़ ट्रेने चलाई जा रही है। इसके तहत ही 16 अक्टूबर से 6 नवंबर हिसार-वलसाड़ साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। स्पेशल ट्रेन दोनों दिशाओं में 4-4 फेरे करेगी। वहीं यह हरियाणा, राजस्थान, मप्र व गुजरात के यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी। मंदसौर में वलसाड़ जाने के लिए बुधवार रात 1:10 बजे मिलेगी। वहीं हिसार तरफ जाने के लिए गुरुवार रात 10:48 बजे मिलेगी।     मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन 04727 हिसार-वलसाड़ स्पेशल हिसार से तत्काल प्रभाव से 5 नवंबर तक प्रत्येक बुधवार को दोप. 12.05 बजे प्रस्थान करेगी। ट्रेन चित्तौड़गढ़ (रात 11:15/11:20), नीमच (रात 12:20/12:22), मंदसौर (रात 1:10/1:12), रतलाम (रात 3:15/3:25) एवं दाहोद ( गुरुवार सुबह 5:22/5:24) होते हुए गुरुवार सुबह 11:30 बजे वलसाड़ पहुंचेगी। इसी प्रकार ट्रेन 09728 वलसाड़-हिसार स्पेशल तत्काल प्रभाव से 6 नवंबर तक प्रत्येक गुरुवार को वलसाड़ से दोप. 2:50 बजे प्रस्थान करेगी। दाहोद (शाम 7:46/7:48), रतलाम ( रात 9:20/9:30), मंदसौर (रात 10:48/10:50 बजे), नीमच (रात 11:29/11:31 बजे) एवं चित्तौड़गढ़ (रात 1:30/1:35बजे) होते हुए शुक्रवार दोपहर 2:05 बजे हिसार पहुंचेगी। ट्रेन दोनों दिशाओं में हांसी, भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी, नारनौल, रिंगस, फुलेरा, किशनगढ़, अजमेर, नसीराबाद, बिजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, दाहोद, गोधरा, वड़ोदरा, भरुच, सूरत एवं नवसारी स्टेशनों पर रुकेगी। ट्रेन में फर्स्ट एसी कम सेकंड एसी, सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर एवं सामान्य श्रेणी के कोच शामिल होंगे।  

जयपुर-अंबेडकर नगर के बीच त्योहारों पर विशेष ट्रेन, इंदौर-रतलाम समेत कई स्टेशनों पर रुकेगी

इंदौर  त्योहारों में बढ़ती यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए डॉ. अंबेडकर नगर और जयपुर के बीच विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह ट्रेन सीमित अवधि के लिए दोनों दिशाओं में कुल तीन-तीन फेरों में चलाई जाएगी। रेल प्रशासन के अनुसार, जयपुर–डॉ. अंबेडकर नगर स्पेशल (गाड़ी संख्या 09727) और डॉ. अंबेडकर नगर–जयपुर स्पेशल (गाड़ी संख्या 09728) अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से संचालित होंगी। हर शुक्रवार चलेगी ट्रेन गाड़ी संख्या 09727 जयपुर–डॉ. अंबेडकर नगर स्पेशल ट्रेन जयपुर से 17, 24 और 31 अक्टूबर 2025 को प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 1 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन अगले दिन शनिवार तड़के 1 बजकर 30 मिनट पर डॉ. अंबेडकर नगर पहुंचेगी। रतलाम मंडल में इसका ठहराव चित्तौड़गढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम और इंदौर स्टेशनों पर निर्धारित किया गया है। शनिवार को होगी वापसी वहीं, वापसी दिशा में गाड़ी संख्या 09728 डॉ. अंबेडकर नगर–जयपुर स्पेशल 18 अक्टूबर, 25 अक्टूबर और 1 नवंबर 2025 को प्रत्येक शनिवार सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर डॉ. अंबेडकर नगर से रवाना होगी और उसी दिन शाम 6 बजकर 10 मिनट पर जयपुर पहुंचेगी। इस दिशा में भी ट्रेन का ठहराव इंदौर, रतलाम, मंदसौर, नीमच और चित्तौड़गढ़ सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रहेगा। इन स्टेशनों पर रुकेगी ट्रेन दोनों दिशाओं में यह विशेष ट्रेन किशनगढ़, अजमेर, नसीराबाद, बिजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम और इंदौर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर रुकेगी। ट्रेन एलएचबी कोच रेक से संचालित होगी, जिसमें सेकंड एसी, थर्ड एसी, थर्ड एसी इकोनॉमी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बे शामिल होंगे।

ट्रेन में बिना टिकट पकड़े गए यात्री को कोर्ट ने भेजा जेल, सफर बना सबक

खंडवा  मध्य प्रदेश के खंडवा में पहली बार दो से ज्यादा बार बिना टिकट ट्रेन में सफर करते हुए पकड़ाए तीन आरोपियों को कोर्ट ने 52 दिन की जेल की सजा सुनाई है। दरअसल कोर्ट ने माना कि दो या तीन से ज्यादा अपराध करने वालों का सिर्फ जुर्माना देकर छोड़ना उचित नहीं जेल भेजना उचित होगा। अधिवक्ता वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने फैसला सुनाया है जिसमें बुरहानपुर के शेख जाकिर नासिर व मीनाक्षी को रेलवे अधिनियम की धारा 147, 145, 146 में दोष सिद्ध पाया है। तीनों को कोर्ट ने अर्थ दंड के अलावा 52 दिन तक जेल में रहने की सजा भी सुनाई है। आरोपी पूर्व में भी बार-बार बिना टिकट प्लेटफार्म और ट्रेन में घूमते हुए पकड़ाए थे। वह हर बार अर्थ दंड चुका कर अपराध कर रहे थे। कोर्ट ने माना कि हर बार की तरह इस बार भी आरोपी अर्थदंड चुका कर छूट न जाए। इसलिए उन्होंने जेल में कठोर कारावास की सजा भी देना उचित होगा। ऐसी स्थिति में मात्र अर्थ दंड लगाकर छोड़ देना उचित नहीं होगा।  

लिच्छवी एक्सप्रेस में धुआं देखकर ट्रेन से कूदे यात्री, एकमा स्टेशन पर अफरा-तफरी

सारण बिहार में सारण जिले के पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-सिवान रेलखंड के एकमा स्टेशन पर सोमवार को सीतामढ़ी से आनन्द बिहार जा रही लिच्छवी एक्सप्रेस 14005 ट्रेन के पीछे के दो बोगियों से अचानक धुंआ उठने यात्रियों के बीच अफ़रा-तफ़री मच गई। रेलवे सूत्रों ने आज यहां बताया कि अपने निर्धारित समय पर लिच्छवी एक्सप्रेस ट्रेन एकमा स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन के पहुंचने के साथ ही ट्रेन के पीछे की दो बोगियों से धुआं उठने लगा। जिसके कारण यात्री ट्रेन से उतर कर भागने लगे। घटना की जानकारी मिलने पर स्टेशन अधीक्षक सहित राजकीय रेल थाना पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल की टीम मौके पर पहुंची। जहां उक्त दोनों बोगियों की जांच करने पर यह जानकारी मिली कि बोगी में लगायें गये अग्नि शमन यंत्र से अचानक लिकेज होने के कारण उसका गैस निकलने धुंआ बन गया जिससे यात्री भयभीत हो थे। लगभग 45 मिनट तक जांच के बाद ट्रेन को अपने गन्तव्य स्थान के लिए भेजा गया।  

स्कूल टीचर ने ट्रेन के सामने कूदकर जीवन समाप्त किया, पुलिस मामले की जांच में जुटी

कोरबा कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत गेवरा रोड रेलवे स्टेशन के पास रविवार की रात एक दर्दनाक घटना सामने आई. दीपका के बीकन इंग्लिश स्कूल में कार्यरत शिक्षक ने कथित तौर पर मालगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली. घटना में शिक्षक का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला. घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन मास्टर ने रेल पुलिस और स्थानीय थाने को सूचित किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से एक मोबाइल बरामद किया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतक ने मौत से पहले किसी से आखिरी बार बातचीत की थी. मृतक की पहचान 50 वर्षीय संतोष नायर, निवासी ऊर्जा नगर, दीपका के रूप में हुई है. वह बीकन इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षक थे और करीब दो साल पहले केरल से कोरबा आए थे. घटना की खबर मिलते ही स्कूल के अन्य शिक्षक भी मौके पर पहुंच गए. कुसमुंडा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर परिजनों के बयान लिए हैं. पुलिस ने मृतक का मोबाइल जब्त कर लिया है, जिसमें पैटर्न लॉक होने के कारण डेटा तक पहुंच नहीं हो सकी है. पुलिस ने बताया कि मोबाइल अनलॉक कर मौत के कारणों की जांच आगे बढ़ाई जाएगी. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि शिक्षक की मौत आत्महत्या थी या किसी अन्य वजह से हुई. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

दिवाली-छठ पर घर जाने के लिए इन रूट पर चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

रांची त्योहारों के सीजन में झारखंड की राजधानी रांची से यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ पर्व के दौरान विशेष ट्रेनों का विस्तृत संचालन किया है। ये ट्रेनें रांची से देश के विभिन्न महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थलों के लिए चलाई जा रही हैं, ताकि पर्वों के दौरान लोगों को यात्रा में किसी भी तरह की असुविधा न हो। इस बार कुल सात विशेष स्पेशल ट्रेनों का प्रबंध किया गया है, जो अलग-अलग तिथियों और स्थलों पर नियमित रूप से चलेंगी। सबसे पहले अजमेर-रांची पूजा, दिवाली एवं छठ स्पेशल (09619/09620) ट्रेन 28 सितंबर से 30 नवंबर 2025 तक हर रविवार को चलेगी। इसके अलावा रांची से आनंद विहार टर्मिनल के लिए साप्ताहिक दिवाली/छठ स्पेशल (02877/02878) 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक शुक्रवार को और आनंद विहार से 19 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रविवार को चलेगी। रांची से आरा के लिए भी साप्ताहिक विशेष ट्रेन (08640/08639) 28 सितंबर से 2 नवंबर तक रविवार को, जबकि आरा से 29 सितंबर से 3 नवंबर तक सोमवार को चलेगी। जयनगर के लिए साप्ताहिक दिवाली-छठ स्पेशल (08105/08106) ट्रेन 18 अक्टूबर से 1 नवंबर तक शनिवार को और जयनगर से 19 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रविवार को चलेगी। पूर्णिया कोर्ट साप्ताहिक विशेष ट्रेन (08626/08625) रांची से 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक शुक्रवार को, तथा पूर्णिया कोर्ट से 18 अक्टूबर से 1 नवंबर तक शनिवार को चलेगी। कामाख्या के लिए भी पूजा, दिवाली और छठ विशेष ट्रेन (08621/08622) 27 सितंबर से 1 नवंबर तक शनिवार को और वहां से 29 सितंबर से 3 नवंबर तक सोमवार को चलाई जाएगी। गोरखपुर के लिए साप्ताहिक दिवाली-छठ स्पेशल (08629/08630) ट्रेन रांची से 18 अक्टूबर से 1 नवंबर तक शनिवार को और गोरखपुर से 19 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रविवार को चलेगी। रेल प्रशासन ने बताया कि इन ट्रेनों में सामान्य, स्लीपर और एसी कोच उपलब्ध होंगे, जिससे हर तरह के यात्री आराम से यात्रा कर सकेंगे। त्योहारों के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस बार यह कदम उठाया गया है ताकि वे सुगमता से और सुरक्षित यात्रा कर सकें। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी यात्रा पहले से ही बुक कर लें ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस पहल से त्योहारों के दौरान रांची और जुड़े इलाकों में यात्रा व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद है।  

रेलवे ने MP को दी नई रफ्तार, रतलाम में राजधानी एक्सप्रेस बनेगी और तेज

रतलाम   केंद्र की मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश को दो बड़ी रेल परियोजनाओं की सौगात दी है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जहां कैबिनेट ने रेल मंत्रालय की 4 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. जहां प्रदेश को वडोदरा-रतलाम रेल लाइन और इटारसी-भोपाल-बीना रेल लाइन है. जिसके बाद एमपी की गुजरात से कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो वहीं इटारसी से बीना की दूरी कम होगी. मध्य प्रदेश की बढ़ेगी गुजरात से कनेक्टिविटी मध्य प्रदेश वासियों के लिए अब गुजरात का सफर आसान होगा. वे कम समय में यात्रा पूरी कर सकते हैं. साथ ही व्यापारिक कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. जिससे प्रदेश की आर्थिक को बढ़ावा मिलेगा. ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश को वडोदरा-रतलाम रेल लाइन की सौगात मिल गई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वडोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी लाइन है. रतलाम से गुजरात के वड़ोदरा के बीच तूफान बन दौड़ेंगी ट्रेनें. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब गुजरात से रतलाम तूफान की रफ्तार में राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें आएंगी. रेल लाइन के कर्व्स को ठीक किया गया है और साथ ही तकनीक को उन्नत बनाया गया है. तीसरी और चौथी लाइन से ट्रेनों को रफ्तार मिलेगी जिससे यात्रा का समय घटेगा. ट्रेनों की स्पीड में इजाफा होगा. राजधानी जैसी वीवीआईपी ट्रेन में सफर का आनंद बढ़ जाएगा. वडोदरा-रेतलाम रेल लाइन लंबा सेक्शन यह 259 किलोमीटर की लाइन होगी. यह काफी लंबा सेक्शन है. इसकी लागत ₹8,885 करोड़ है. यह पूरा सेक्शन गुजरात और मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है. इस नई रेल लाइन परियोजना से गुजरात के वडोदरा, पंचमहल और दाहोद जिलों को और मध्य प्रदेश के झाबुआ और रतलाम जिलों को फायदा होगा. रेल मंत्री ने कहा इस सेक्शन में काफी मुश्किलें हैं, क्योंकि वडोदरा-रतलाम रेल लाइन में काफी स्टीव कर्व हैं और जब भी कर्व पर गाड़ी चलती है तो उसकी स्पीड को कम करना पड़ता है. लिहाजा इस प्रोजेक्ट के माध्यम से इस कर्व को सीधा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से सरकार को होगा फायदा जिसके बाद गाड़ी की स्पीड को बढ़ाया जा सकता है. इसकी जरूरत भी है, क्योंकि यह दिल्ली से मुंबई का कॉरीडोर है. इस कॉरीडोर में कैपिसेट की काफी डिमांड आती है. रतलाम-वडोदरा को जोड़ने का यह काफी बड़ा प्रोजेक्ट है. इसमें बहुत बड़ा पर्यावरणीय फायदा भी है, क्योंकि 38 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड हर साल बचती है और साढ़े 7 करोड़ लीटर डीजल हर साल बचेगा. साथ ही लॉजिस्टिक कास्ट भी हर साल लगभग 856 करोड़ बचेगा. इटारसी-भोपाल-बीना रेल लाइन सौगात वहीं इसके बाद मध्य प्रदेश को दूसरी सौगात इटारसी-भोपाल-बीना रेल लाइन की मिली है. यह इटारसी-भोपाल-बीना के बीच चौथी रेल लाइन है. यह काफी लंबा और जरूरी सेक्शन है. रेल मंत्री ने कहा 237 किमी के इस प्रोजेक्ट से टूरिज्म कनेक्टिविटी बढ़ेगी. इस बीच उदयगिरी गुफाएं, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और पचमढ़ी को कनेक्ट करेगा. जिससे टूरिज्म और बढ़ेगा. इस रेल लाइन में बनेंगे 9 टनल वहीं 32 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड CO₂ बचेगा, जो 1.3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. इस रेल लाइन में 4 जरूरी ब्रिज, 39 मेजर ब्रिज और 151 माइनर ब्रिज होंगे. पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते इस रेल लाइन में 9 टनल होंगे. इसके साथ ही 43 ओवर ब्रिज और 39 अंडर पास ब्रिज होंगे. 

यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिलासपुर-पटना सुपरफास्ट अब जाएगी बिहार के इस नए शहर तक

बिलासपुर बिलासपुर-पटना सुपरफास्ट एक्सप्रेस (22843/22844) का विस्तार कर दिया गया है। अब यह ट्रेन बक्सर स्टेशन तक जाएगी। 10 अक्टूबर से बिलासपुर से रवाना होने वाली 22843 बिलासपुर-पटना सुपरफास्ट एक्सप्रेस बक्सर तक जाएगी। वहीं, 11 अक्टूबर से पटना से रवाना होने वाली 22844 पटना-बिलासपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस बक्सर रेलवे स्टेशन से चलेगी। इन स्टेशनों पर होगा स्टॉपेज पटना-बक्सर के बीच छह स्टेशनों के यात्रियों को भी इस ट्रेन का लाभ मिलेगा। रेलवे ने दानापुर, बिहटा, आरा, बिहिया, रघुनाथपुर और डुमरांव स्टेशनों पर ट्रेन को वाणिज्यक ठहराव देने का निर्णय लिया है। रेलवे ने इन स्टेशनों पर ट्रेन के आगमन और प्रस्थान का समय भी जारी कर दिया है। इसके तहत बिलासपुर से यह ट्रेन 20:30 बजे छूटेगी। पटना 13:48 बजे, दानापुर 14:11 बजे, बिहटा 14:29 बजे, आरा 14:50 बजे, बिहिया 15:09 बजे, रघुनाथपुर 15:23 बजे, डुमरांव 15:38 बजे पहुंचेगी। इसके बाद बक्सर स्टेशन पर यह ट्रेन 16:10 बजे पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन बक्सर से 21:35 बजे रवाना होगी और पटना रात 12:03 बजे पहुंचेगी।  

901 कलशों का अनोखा उत्सव: देर रात रेल ट्रैक पर थमे ट्रेन के पहिए

डोंगरगढ़ शारदीय नवरात्र के समापन पर मां बम्लेश्वरी मंदिर से देर रात एक भव्य शोभायात्रा निकली। इस शोभायात्रा में महिलाएं सिर पर ज्योति कलश लिए मां की जयकारों के साथ आगे बढ़ी। कुल 901 प्रज्वलित कलशों का महावीर तालाब में विसर्जन किया गया। यह अनूठा दृश्य देखने के लिए हजारों श्रद्धालु डोंगरगढ़ पहुंचे और तालाब किनारे आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। डोंगरगढ़ की यह परंपरा धार्मिक आस्था के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर भी मानी जाती है। विसर्जन यात्रा मंदिर से शुरू होकर छिन्नमस्तिका मंदिर होते हुए रेलवे ट्रैक पार कर मां शीतला मंदिर पहुंची। यहां मां शीतला और मां बम्लेश्वरी के माई ज्योत का मिलन करवाया गया, जो इस पूरे अनुष्ठान की विशेषता है। सबसे खास और अनोखी परंपरा यह है कि इस विसर्जन यात्रा के मार्ग में मुंबई–हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन आती है। विसर्जन के दौरान रेल यातायात पूरी तरह थम जाता है। भारतीय रेलवे दोनों ओर से आने वाली गाड़ियों को रोक दिया जाता है। लगभग तीन से चार घंटे तक इस व्यस्त रेलखंड पर मेगा ब्लॉक रहता है। आस्था और परंपरा के इस संगम के आगे आज भी रेलों के पहिए रुक जाते हैं। इस परंपरा की नींव रियासत काल में रखी गई थी। रियासत काल से चली आ रही परंपरा खैरागढ़ के तत्कालीन शासक राजा लाल उमराव सिंह ने 21 अगस्त 1883 को ब्रिटिश सरकार और बंगाल-नागपुर रेलवे के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत रेल लाइन निर्माण के लिए जमीन और न्यायिक अधिकार सौंपे गए। इस समझौते के दस्तावेज (deeds) में डोंगरगढ़ का स्पष्ट उल्लेख मिलता है। बताया जाता है कि राजा लाल उमराव सिंह ने जमीन देने के साथ ही डोंगरगढ़ स्टेशन में रेलों के ठहराव और नवरात्र के समय ज्योति विसर्जन यात्रा के लिए रेल पटरियों पर ब्लॉक देने की शर्त भी रखी थी। इसी परंपरा का असर आज भी जीवित है, जब रेलवे नवरात्र की इस परंपरा के सम्मान में ट्रेनों को रोक देता है। डोंगरगढ़ की नवरात्रि का यह विसर्जन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि इतिहास, परंपरा और आस्था का ऐसा संगम है, जिसने देशभर के श्रद्धालुओं को दशकों से अपनी ओर आकर्षित किया है।