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लाभार्थियों के चयन की समय सीमा बढ़ी, पीएम आवास योजना में आवेदन करने का सुनहरा अवसर

चंदौली आयुक्त, ग्राम्य विकास की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत चल रहे आवास प्लस सर्वेक्षण-2024 में नए लाभार्थियों का डाटा कैप्चर करने के लिए समय-सीमा 14 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। यदि पात्र लाभार्थी किसी कारण से सर्वे में आने से छूट गए हो या सर्वे के समय घर पर उपलब्ध नहीं थे और वर्तमान में घर आ गए हो तो ऐसे लाभार्थियों का सर्वेक्षण कार्य (डाटा कैप्चर) 14 अक्टूबर तक सभी ग्राम पंचायतों में अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाएगा। आवास प्लस सर्वेक्षण-2024 के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ग्राम पंचायतों के सर्वेयर के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग /बैठक कर छूटे हुए पात्र लाभार्थियों के सर्वेक्षण (डाटा कैप्चर) का कार्य आरंभ कराएं।

डाइविंग में फंसे युवक को बचाई Apple Watch, हादसे की डरावनी कहानी

नई दिल्ली मुंबई के एक स्कूबा डाइवर क्षितिज जोडेप की एप्पल वॉच ने जान बाचा ली। दरअसल 26 साल के क्षितिज ई कॉमर्स कॉमर्स  कंपनी में काम करते हैं। वे इस साल गर्मियों के महीने में पुडुचेरी के पास स्कूबा डाइविंग कर रहे थे। समुद्र में गहराई में जाने के साथ क्षितिज के साथ जो हुआ और कैसे उनकी जान बची आइये जानते हैं। क्षितिज साल 2020 से समुद्र में गोताखोरी करते आ रहे हैं। इस दौरान कई बार उन्होंने खतरनाक परिस्थितियों का भी सामना किया। अपनी एक घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि, 'स्कूबा डाइविंग के दौरान वो करीब 36 मीटर तक गहराई में चले गए थे। इसी दौरान उनका बेल्ट अचानक ढीला हो गया। जिससे वे तेजी से समुद्र की सतह की ओर बढ़ने लगे। कैसे बची क्षितिज की जान? इसी दौरान उनकी कलाई पर बंधी एप्पल वॉच अल्ट्रा अचानक एक्टिव हो गई। वॉच ने लगातार सायरन बजाना शुरू किया और रास्ते में आने वाले खतरों से क्षितिज को अवगत कराती रही। इस दौरान वॉच की स्क्रीन पर लगातार अलर्ट नोटिफिकेशन आता रहा, जिससे उन्हें धीमी गति से चलने के लिए अलर्ट किया क्योंकि तेज चढ़ाई से फेफड़ों को गंभीर चोट लग सकती थी। हालांकि क्षितिज अपनी बेकाबू चढ़ाई को रोक नहीं पाए. इसी दौरान उनके प्रशिक्षक ने सायरन की आवाजे सुन ली और तुरंत क्षितिज की मदद करके लिए आ गए। इस तरह क्षितिज की जान बची। एप्पल के सीईओ टिम कुक को कहा शुक्रिया क्षितिज ने बाद में एप्पल के सीईओ टिम कुक को अपनी कहानी शेयर करने के लिए लेटर लिखा था। उन्हें आश्चर्य हुआ जब कुक ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा: "मुझे बहुत खुशी है कि आपके ट्रेनर ने अलार्म सुना और तुरंत आपकी सहायता की। अपनी कहानी हमारे साथ शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। साल 2022 में एप्पल वॉच अल्ट्रा को लॉन्च किया गया था। इस वाच को मुख्य रूप से एडवेंचर और इमरजेंसी स्थितियों के लिए बनाया गया है। कंपनी के मुताबिक वॉच पूरी तरीके से वाटरप्रूफ है और पानी के अंदर भी काम करती है। सायरन से दो ऊंचे स्तर वाली आवाज निकलती है, जिसे 180 मीटर तक की दूर से सुना जा सकता है।  

मिथिला की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा झटका, सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेल लाइन से बढ़ेगा व्यापार

पटना उत्तर बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! 2400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेलवे लाइन परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना से मिथिला क्षेत्र के विकास को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। 189 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन में कुल 25 स्टेशन होंगे, जिनमें 4 पुराने स्टेशनों के अलावा 21 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इन नए स्टेशनों में भुटाही, सोनबरसा, सुरसंड, उमगांव, लालमनी और लौकाहीं जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इस परियोजना को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया है। झा ने कहा कि इस रेलवे लाइन के बनने से भारत और नेपाल के रिश्ते और व्यापार मजबूत होंगे। मिथिला क्षेत्र के चार लोकसभा क्षेत्रों – सीतामढ़ी, मधुबनी, झंझारपुर और सुपौल के लोगों के लिए आवागमन की सुविधाएं बेहतर होंगी।   इस परियोजना से सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिलों की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगेंगे। सुरसंड ट्राइबल एरिया से होते हुए पूरे भारत-नेपाल बॉर्डर को छूते हुए गुजरने वाली इस रेलवे लाइन से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी अभूतपूर्व गति मिलेगी। रेल लाइन के निर्माण से स्थानीय बाजार, छोटे-बड़े उद्योगों और मिथिला की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाले पर्यटन को नई गति मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 अगस्त 2025 को सीतामढ़ी में 2400 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी, और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष जोर है, और यह परियोजना तय समय-सीमा में पूरी होगी। डबल इंजन सरकार (केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार) की विकास परियोजनाओं का यह एक बड़ा उदाहरण है। परियोजना के पूरा होने से मिथिला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध होगा। इस रेलवे लाइन से भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी के नाते और मजबूत होंगे, और सीतामढ़ी, मधुबनी, झंझारपुर और सुपौल के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

IAF बनेगा ‘महाबली’ — एयरलिफ्टिंग से तोप‑टैंक और भारी उपकरणों की त्वरित ढुलाई

नई दिल्ली  मान लीजिए लेह-लद्दाख या अरुणाचल प्रदेश के तवांग या फिर कश्‍मीर घाटी में दुश्‍मनों के साथ जंग चल रही हो और गोला-बारूद या फिर अन्‍य साजो-सामान की कमी होने लगे तो ऐसे हालात में सशस्‍त्र बलों के जवान क्‍या करेंगे? भारत सरकार अब इस गैप को खत्‍म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. रक्षा मंत्रालय ठंडे बस्‍ते में चली रही मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) की खरीद प्रक्रिया को अब रफ्तार देने जा रहा है. इस बाबत जारी होने वाले टेंडर को अंतिम रूप दिया जा रहा है. MTA की कॉस्टिंग यानी कीमत और स्पेसिफिकेशन काफी महत्‍वपूर्ण हैं, ताकि वे भारतीय हालात के अनुरूप उपयोगी हो सकें. बता दें कि भारत ने कुछ सप्‍ताह पहले ही देसी 5th जेनरेशन फाइटर जेट को लेकर 15000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है. इसमें डिफेंस सेक्‍टर से जुड़ी कई कंपनियों ने इंट्रेस्‍ट भी दिखाया है. DRDO ने रेल बेस्‍ड अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसकी रेंज 2000 किलोमीटर है. इंडियन आर्म्‍ड फोर्सेज के जखीरे में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल पहले से ही मौजूद है. अब MTA की खरीद से इंडियन एयरफोर्स गोला-बारूद या अन्‍य साजो-सामान झट से मौके पर पहुंचा सकेगी, ताकि दुश्‍मनों को उसकी मांद में ही तबाही का मंजर दिखाया जा सके. जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने लंबे समय से अटकी MTA प्रोजेक्‍ट को गति देने की तैयारी शुरू कर दी है. रक्षा मंत्रालय जल्‍द ही इसके लिए टेंडर जारी करने वाला है. यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब भारतीय वायुसेना (IAF) अपने परिवहन बेड़े (Transport Fleet) में गंभीर कमी से जूझ रही है और दूसरी ओर 114 मल्‍टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीद तथा रूस से Su-35 विमानों पर बातचीत जैसी महत्‍वपूर्ण योजनाओं को भी आगे बढ़ा रही है. वायुसेना की मध्‍यम-वर्ग परिवहन क्षमता अब नाजुक स्थिति में पहुंच चुकी है. कभी 200 से अधिक विमान वाला एएन-32 बेड़ा अब घटकर 100 से कम रह गया है. इनमें से भी ज्‍यादातर अपनी सेवा अवधि समाप्ति तक पहुंच रहे हैं. साल 1980 के दशक में शामिल किए गए IL-76 विमानों की सेवा क्षमता घट रही है और इनके रखरखाव की लागत तेजी से बढ़ रही है. छोटे एवरो और डॉर्नियर विमानों के रिटायर होने के बाद IAF का परिवहन बेड़ा असंतुलित हो गया है. फिलहाल C-17 ग्‍लोबमास्‍टर भारी सामरिक परिवहन (80 टन तक) करता है और C-295 हल्‍के मिशन (5-10 टन) संभालते हैं. मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की भारी कमी है. सामरिक असर 20-30 टन भार वहन करने वाले विमान की कमी केवल लॉजिस्टिक असुविधा नहीं है, बल्कि यह भारत की सामरिक तत्‍परता पर भी सीधा असर डाल रही है. चाहे लद्दाख और अरुणाचल जैसे उच्‍च हिमालयी मोर्चे हों या सेना के भावी ज़ोरावर हल्‍के टैंकों की तेजी से तैनाती, मौजूदा हालात गंभीर बाधा बनते जा रहे हैं. इंडिया डिफेंस न्‍यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह कमी दो दशक से बनी हुई है और अब भी एएन-32 जैसे वृद्ध विमानों पर निर्भरता जोखिम भरी है. भारत ने मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की जरूरत को 2000 के दशक में ही पहचाना था. रूस के साथ HAL-इल्यूशिन की संयुक्त परियोजना MTA इसी दिशा में थी, लेकिन लगातार देरी और फाइनेंशियल सपोर्ट पर सहमति न बनने के कारण 2015 में इसे रद्द कर दिया गया. इसके बाद भारत ने C-130J सुपर हरक्यूलिस और सीमित संख्‍या में सी-17 जैसे स्‍टॉपगैप हल अपनाए, लेकिन अब ये भी या तो महंगे हो रहे हैं या बंद हो चुके हैं. ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से आर्म्‍ड फोर्सेज की ताकत में भी इजाफा होगा. ग्‍लोबल कंटेंडर नए टेंडर में कई इंटरनेशनल प्‍लेयर्स दस्‍तक दे रहे हैं :     IL-276 (रूस-HAL) : रूस का नया डिजाइन, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद सप्‍लाई चेन और वित्‍तीय अनिश्चितताओं पर सवाल.     C-130J (लॉकहीड मार्टिन-टाटा) : पहले से IAF में परिचित, लेकिन पुरानी तकनीक और सीमित इंडस्ट्रियल सपोर्ट.     A400M Atlas (एयरबस) : 37 टन तक ले जाने वाला आधुनिक और बहुपयोगी विमान, लेकिन कीमत और परिचालन लागत ऊंची.     KC-390 Millennium (एम्‍ब्राएर-महिंद्रा) : 18-30 टन भार क्षमता के साथ भारत की जरूरतों के अनुरूप, आधुनिक एवियोनिक्स और जेट-संचालित दक्षता.  सबसे अहम, ब्राजील ने गहरी औद्योगिक साझेदारी और भारत में उत्‍पादन की पेशकश की है. कूटनीतिक और औद्योगिक अवसर विशेषज्ञों के अनुसार, KC-390 भारतीय वायुसेना की जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्‍त माना जा रहा है. एयर मार्शल मथेस्‍वरन का कहना है कि इसके जेट इंजन इसे बेहतर दक्षता देते हैं और ब्राजील का तकनीकी सहयोग भारत के लिए लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकता है. वहीं A400M अपनी क्षमता से प्रभावित करता है लेकिन महंगा है. रूस का IL-276 अभी शुरुआती चरण में है और C-130J अब पुराना पड़ता जा रहा है. भविष्‍य की चुनौती करीब 80 विमानों की संभावित खरीद के साथ यह परियोजना न केवल अरबों डॉलर की होगी, बल्कि भारत की दीर्घकालिक रक्षा व विमानन साझेदारियों की दिशा भी तय करेगी. इसमें निजी कंपनियों टाटा, महिंद्रा और L&T के साथ HAL की भागीदारी अनिवार्य मानी जा रही है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परियोजना भारत की दीर्घकालिक नागरिक विमान निर्माण आकांक्षाओं को भी आधार दे सकती है. वायुसेना के लिए यह निर्णय सिर्फ विमान चुनने तक सीमित नहीं है. यह दो दशक से बनी क्षमता खाई को भरने, बेड़े का संतुलन सुनिश्चित करने और हिमालय से लेकर हिंद महासागर तक त्वरित गतिशीलता बनाए रखने का सवाल है. Airbus, Embraer, Lockheed और रूस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा में भारत को अब तय करना होगा कि वह किसे प्राथमिकता देता है.

दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रामलीला: अयोध्या में 62 करोड़ श्रद्धालुओं ने देखा अद्भुत नाटक

अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या ने एक बार फिर विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों और मार्गदर्शन में अयोध्या की रामलीला आज विश्व की सबसे बड़ी और भव्य रामलीला बन चुकी है। डिजिटल क्रांति के दौर में यह आयोजन केवल भारत तक सीमित न रहकर विश्वव्यापी सांस्कृतिक उत्सव में बदल गया है। इस वर्ष 50 से अधिक देशों में ऑनलाइन माध्यमों से प्रसारित हुई इस रामलीला को कुल 62 करोड़ से अधिक रामभक्तों ने देखा। भव्य मंचन और फिल्मी कलाकारों की भागीदारी दिल्ली और मुंबई से आए 250 से अधिक फिल्मी कलाकारों ने इस रामलीला को भव्य स्वरूप दिया। थ्री-डी तकनीक और आधुनिक मंच सज्जा ने इस धार्मिक आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया। न केवल मंच पर बल्कि पर्दे पर भी यह आयोजन एक नया इतिहास रच रहा है। 10 करोड़ से अधिक खर्च सिर्फ लाइव प्रसारण पर रामलीला को अधिक से अधिक रामभक्तों तक पहुँचाने के लिए लाइव प्रसारण पर ही इस वर्ष 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया। यह प्रसारण आराधना टाटा प्ले, शेमारू मी, VI ऐप, एयरटेल, शेमारू भक्ति यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेजों और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हुआ। अकेले शेमारू भक्ति यूट्यूब चैनल पर 8 करोड़ से अधिक लोगों ने इसे देखा। विभिन्न प्लेटफॉर्म पर दर्शक संख्या (लाइव) आराधना टाटा प्ले – 2 करोड़ शेमारू मी – 4 करोड़ VI ऐप – 5 करोड़ शेमारू भक्ति (यूट्यूब) – 8 करोड़ शेमारू भक्ति धाम (यूट्यूब) – 7 करोड़ फेसबुक पेज – 5 करोड़ अन्य यूट्यूब प्लेटफॉर्म – 5 करोड़ शेमारू आराधना टीवी – 7 करोड़ टाटा प्ले – 7 करोड़ Videocon – 5 करोड़ एयरटेल – 3 करोड़ डिश टीवी – 4 करोड़ लगातार बढ़ती लोकप्रियता गौरतलब है कि कोरोना काल से शुरू हुई अयोध्या की डिजिटल रामलीला ने हर वर्ष दर्शकों के नए कीर्तिमान बनाए हैं। 2020 – 16 करोड़ 2021 – 20 करोड़ 2022 – 25 करोड़ 2023 – 40 करोड़ 2024 – 41 करोड़ 2025 – 62 करोड़ (Google के आंकड़ों के अनुसार) योगी सरकार और संस्कृति मंत्रालय का योगदान इस सपने को साकार करने में उत्तर प्रदेश सरकार की अहम भूमिका रही। 2020 में जब रामलीला शुरू हुई थी, उस समय के पर्यटन व संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने इस भव्य आयोजन का शुभारंभ किया था, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे वैश्विक स्तर तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त किया। रामलीला समिति के संस्थापक सुभाष मलिक और शुभम मलिक ने इस आयोजन को डिजिटल क्रांति का प्रतीक बना दिया। अयोध्या बनी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी रामनगरी अयोध्या में मंचित यह रामलीला अब केवल भारत की नहीं रही बल्कि पूरी दुनिया की रामलीला बन चुकी है। भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, यूएई, सऊदी अरब, क़तर, ओमान, बहरीन, कुवैत, मॉरीशस, फ़िजी, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, केन्या, नाइजीरिया, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, नीदरलैंड्स, रूस, कनाडा, अमेरिका और ब्राज़ील जैसे देशों में करोड़ों रामभक्तों ने इसे देखा। वैश्विक स्तर पर रामभक्ति का संदेश अयोध्या की रामलीला ने साबित कर दिया कि श्रीराम की कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विश्व को जोड़ने वाला सांस्कृतिक सेतु है। योगी सरकार के सहयोग और डिजिटल तकनीक के संगम ने रामलीला को विश्व स्तर पर पहुँचाकर भारतीय संस्कृति की अद्भुत ध्वजा फहराई है। अयोध्या की रामलीला में सितारों का चमका जादू, अद्भुत अभिनय से बना यादगार आयोजन श्रीराम की नगरी अयोध्या में आयोजित भव्य रामलीला इस वर्ष सितारों की जगमगाहट से और भी खास बन गई। बॉलीवुड और टीवी जगत के दिग्गज कलाकारों ने अपने अद्भुत अभिनय से इस आयोजन को यादगार बना दिया। प्रमुख भूमिकाओं में दिग्गज कलाकार मशहूर अभिनेत्री भाग्यश्री ने माता सीता की भूमिका निभाई। विंदू दारा सिंह ने अपनी दमदार अदाकारी से हनुमानजी का किरदार जीवंत कर दिया। खलनायकी अंदाज के लिए प्रसिद्ध शाहबाज खान ने रावण की भूमिका निभाई।वरिष्ठ अभिनेता अनिल धवन ने विभीषण का किरदार निभाया। हास्य अभिनेता सुनिल पाल ने नारदमुनि बनकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा मनोज तिवारी, रवि किशन, राकेश बेदी, रजा मुराद, अशरानी, अवतार गिल, रितु शिवपुरी, शीबा और अरुण बक्शी ने भी अपने-अपने किरदारों से रामलीला को और भव्यता प्रदान की। मिस यूनिवर्स का भी विशेष योगदान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनी इस रामलीला में मिस यूनिवर्स 2024 और 2025 ने भी विशेष प्रस्तुति देकर इस आयोजन को नई ऊँचाइयाँ दीं। प्रधानमंत्री मोदी का आशीर्वाद गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष चिठ्ठी लिखकर अयोध्या की रामलीला समिति को अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएँ भेजते हैं। इस परंपरा ने इस आयोजन के महत्व और पवित्रता को और बढ़ा दिया हैं।

साइबर क्राइम पर बड़ा संदेश: अक्षय कुमार की फडणवीस से खास अपील, बेटी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई

मुंबई  मुंबई में साइबर जागरूकता माह अक्टूबर 2025 का शुभारंभ हुआ, जहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार को देखा गया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए। अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, "मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद वो अचानक उससे अश्लील फोटोज की डिमांड करता है और मेरी बेटी इस बारे में मेरी पत्नी को बताती है।" एक्टर आगे कहते हैं, "ये अच्छा हुआ कि मेरी बेटी ने अपनी मां से ये परेशानी शेयर की..लेकिन कुछ केस में ये नहीं हो पाता है। ये भी एक तरह का साइबर क्राइम है और ऐसे ही शुरुआत होती है… मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से रिक्वेस्ट करता हूं, जैसे स्कूलों में बच्चे हिस्ट्री सीखते हैं, मैथ्स सीखते हैं..ऐसे ही बच्चों को साइबर के बारे में पढ़ाया जाए। डिजिटल वर्ल्ड की जानकारी के लिए बच्चों को ये जानना बहुत जरूरी है।" बता दें कि अक्षय कुमार की बेटी नितारा 12 साल की हैं। एक्टर मीडिया की नजरों से अपनी बेटी को हमेशा बचाकर रखते हैं। एक्टर कभी-कभार ही सोशल मीडिया पर अपनी बेटी के साथ फोटोज पोस्ट करते हैं और ज्यादातर फोटोज में बेटी का चेहरा छिपा ही होता है।

मद्रास HC का फैसला: करूर भगदड़ में CBI जांच नहीं, रैलियों के लिए नई एसओपी की जरूरत

चेन्नई  मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजनीतिक रैलियों के लिए सख्त एसओपी का सुझाव दिया। साथ ही, कोर्ट ने अभिनेता-राजनेता विजय की करूर रैली में पिछले महीने हुई भगदड़ की सीबीआई जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया। करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी। एम धंदापानी और एम जोतिरमन की पीठ ने भाजपा नेता उमा आनंदन की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर कार्यवाही करने से इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को यह छूट दी कि यदि जांच ठीक से नहीं की जाती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस अदालत को राजनीतिक अखाड़े की तरह न समझें। कोर्ट ने कहा कि यदि पीड़ित व्यक्ति इस अदालत में आते हैं, तो हम उन्हें बचाएंगे। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि पहले वह करूर में 27 सितंबर की घटना की जांच को उसके वर्तमान प्रारंभिक चरण से आगे बढ़ने दें। भाजपा नेता ने घटना की सीबीआई से जांच कराने के लिए हाई कोर्ट से निर्देश मांगा था और दावा किया था कि ये मौतें कथित सरकारी उदासीनता के कारण हुई हैं। हाई कोर्ट ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। कुछ याचिकाओं में पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजे में वृद्धि की मांग की गई थी। पीठ ने रैलियों या बैठकों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने और राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट आयोजनों की अनुमति न देने के तमिलनाडु सरकार के सुझाव पर गौर किया। अदालत ने सुझाव दिया कि भविष्य में जब ऐसी राजनीतिक रैलियां या बैठकें निर्धारित स्थानों पर आयोजित की जाएं तो सरकार और राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां पेयजल और स्वच्छता की उचित व्यवस्था हो। पीठ ने यह भी कहा कि भगदड़ की संभावना को कम करने के लिए निकास मार्ग और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। टीवीके पार्टी की रैली में हुई भगदड़ ने राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना को लेकर पुलिस ने पार्टी के राज्य महासचिव बूसी आनंद पर मामला दर्ज किया है। विजय ने इस दुखद घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विरोधी दलों पर त्रासदियों का फायदा उठाकर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया।

सन्नाटा छा गया खंडवा में, 11 बच्चों की अर्थी उठी; PM और राहुल गांधी ने व्यक्त किया दुख

भोपाल मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जाहिर किया है। उन्होंनें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतक के परिजनों को दो लाख और घायल कों 50 हजार देने की घोषणा की हैं। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया हैं। PMO की ओर से जारी की गई पोस्ट में लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश के खंडवा में हुए एक हादसे में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। राहुल गांधी ने भी जताया दुख वहीं राहुल गांधी ने भी दिख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि मध्यप्रदेश में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की मृत्यु, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं, अत्यंत हृदयविदारक है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों और बच्चों के अभिभावकों के साथ हैं। हादसों में घायल लोगों की कुशलता और जल्द से जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं। CM ने भी किया मुआवजे का ऐलान वहीं आपको बता दें कि सीएम मोहन यादव ने भी शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा भी की हैं। खंडवा में दर्दनाक हादसे ने नम करदीं सभी की आंखें मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गुरुवार की खुशियों और उत्साह से भरी शोभायात्रा अब पाडलफाटा गांव के लिए असहनीय दर्द में बदल गई है। कल तक जहां गांव के बच्चे और युवा डीजे पर थिरक रहे थे, आज वही गली रोते-बिलखते परिजनों की चीखों से गूंज रही हैं। शुक्रवार सुबह प्रशासन ने 11 मृतकों के शवों को पंधाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक-एक कर एम्बुलेंस में गांव लाया। संवेदनशील स्थिति को देखते हुए पुलिस का भारी बल गांव में तैनात किया गया है। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर और डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान भी मौके पर मौजूद हैं। सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाली कहानी है 8 साल की चंदा की। उसका शव सबसे आखिरी पानी से निकाला गया। उसकी दो छोटी बहनें उसी के पास खेल रही थीं, और उन्हें अभी तक पता नहीं कि उनकी बड़ी बहन अब इस दुनिया में नहीं रही। 

तूफानी बारिश की तैयारी! यूपी में सक्रिय हुआ नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, अन्य राज्यों पर भी असर

नई दिल्ली  देशभर में मॉनसून लगभग वापस जा चुका है, लेकिन विभिन्न वजहों से बारिश का दौर जारी है। इस बीच, उत्तर भारत में एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस दस्तक देने जा रहा है, जिसकी वजह से पांच से सात अक्टूबर के बीच कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके तहत यूपी, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा समेत कई राज्यों में भारी बारिश होगी। इसके अलावा, आंतरिक ओडिशा पर दबाव का प्रभाव पड़ने के कारण तीन और चार अक्टूबर को पूर्वी भारत और पूर्वी मध्य भारत भारी बारिश का अलर्ट है। पूर्वी और मध्य भारत की बात करें तो चार अक्टूबर को उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होगी। पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा, गंगा तटीय पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में तीन और चार अक्टूबर को, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम तथा बिहार में तीन से छह अक्टूबर तक, गंगा तटीय पश्चिम बंगाल में तीन और चार अक्टूबर को, झारखंड में तीन से पांच अक्टूबर तक अधिकांश जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गंगा तटीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में तीन अक्टूबर, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार में तीन से पांच अक्टूबर तक अलग अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा, दक्षिण भारत की बात करें तो तमिलनाडु में तीन से पांच अक्टूबर कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। अगले पांच दिनों तक तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा में तेज सतही हवाएं चलेंगी। उत्तर पश्चिम भारत की बात करें तो चार अक्टूबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग अलग जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश होगी। उत्तर पश्चिम भारत में तीन और चार अक्टूबर को अलग अलग जगहों पर बिखरी हुई बारिश के बाद पांच और सात अक्टूबर तक तूफान, बिजली के साथ व्यापाक स्तर पर बारिश होने की संभावना है। वहीं, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश में पांच से सात अक्टूबर तक, उत्तराखंड में छह और सात अक्टूबर, पंजाब में पांच और छह अक्टूबर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में छह और सात अक्टूबर को, पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन से पांच अक्टूबर तक, पूर्वी राजस्थान में छह अक्टॅबर को अलग अलग जगहों पर भारी बारिश होगी। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली में छह अक्टूबर, पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन अक्टूबर को बहुत भारी बरसात की चेतावनी जारी की गई है।  

पड़ोसी की नीतियों का नतीजा! PoK में दमन और अशांति पर भारत का तीखा रुख

नई दिल्ली  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में शहबाज शरीफ सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आवामी ऐक्शन कमेटी ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। पीओके में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर भारत ने शहबाज सरकार पर जमकर निशाना साधा है। भारत ने साफ किया है कि ये प्रदर्शन पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का नतीजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हमने पीओके में विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्ट देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ''पीओके में पाकिस्तान की कार्रवाई उसके दमनकारी रवैये और इन क्षेत्रों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है।'' वहीं, प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को उसके भयानक मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।