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राजनाथ सिंह का बड़ा बयान: यूपी में शुरू हुई औद्योगिक क्रांति, दशक भर पहले कोई सोच नहीं सकता था

नई दिल्ली  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि दस साल पहले सोचा भी नहीं जा सकता था कि उत्तर प्रदेश इस तरह औद्योगिक क्रांति की शुरुआत करेगा। लखनऊ में ‘पीटीसी इंडस्ट्रीज' के भ्रमण के बाद यहां ‘टाइटेनियम' और ‘सुपर एलॉयज' सामग्री संयंत्र के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि यह (पीटीसी) निजी क्षेत्र की पहली निर्माता इकाई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक बहुत महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उद्घाटन उत्तर प्रदेश की धरती पर हो रहा है। आज से लगभग दस साल पहले यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि उत्तर प्रदेश इस तरह की औद्योगिक क्रांति की शुरुआत करेगा।'' सिंह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में ऐसी औद्योगिक क्रांति होगी, इसकी तो हम लोग कल्पना भी नहीं करते थे। सारा माहौल बनाने में हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जो मुख्य भूमिका निभाई है, उसके लिए मैं प्रशंसा करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज नयी तकनीक आ रही हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसमें उपयोग होने वाली सामग्री का हम उत्पादन करें, क्योंकि इसके बिना हम तकनीकी प्रगति सुनिश्चित नहीं कर सकते। पीटीसी का प्रयास हमारे लिए बहुत ही सराहनीय है।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि आजादी के बाद से कई दशकों तक हमारे रक्षा क्षेत्र और ‘एयरोस्पेस' कार्यक्रम के लिए जिस उन्नत सामग्री और तकनीक की आवश्यकता थी, उसके लिए हम दुनिया के दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे।'' उन्होंने कहा कि इसके चलते स्वाभाविक था कि रक्षा क्षेत्र में हमारी गति जिनती तेज होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हो पाई। सिंह ने कहा, ‘‘आज यह जो परियोजना लखनऊ में शुरू हो रही है, वह पूरी कहानी को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, ऐसा मेरा पक्का विश्वास है।'' योगी की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जो देश की राजनीतिक परिस्थितियों को कम जानने वाला होगा, उससे भी कानून-व्यवस्था पर सवाल किया जाए तो हर व्यक्ति कहेगा कि उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे बेहतर है। अब यहां माहौल पूरी तरह बदल चुका है।'' रक्षा मंत्री ने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बहुत मजबूत है और निवेशकों का आत्मबल भी बहुत मजबूत है, अब वे घबराते नहीं हैं, इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जाता है। इनके अंदर विकास की एक नयी सोच है।'' उन्होंने कहा कि आज देश-विदेश से निवेशक उत्तर प्रदेश में आकर विकास की एक नयी कहानी लिख रहे हैं। कुछ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में आयोजित हुए निवेशक सम्मेलन ने दिखा दिया था कि उत्तर प्रदेश अब देश का ‘‘विकास इंजन'' बनने जा रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘इसी माहौल का असर है कि पीटीसी ने भी लखनऊ को ही चुना क्योंकि यहां शासन और प्रशासन मिलकर उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं।'' रक्षा मंत्री ने ‘पीटीसी इंडस्ट्रीज' के निदेशक सचिन अग्रवाल और उनकी पत्नी स्मिता अग्रवाल के प्रयासों की सराहना की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ‘पीटीसी इंडस्ट्रीज' के भ्रमण के बाद संयंत्र के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के विकास में किए जा रहे नए प्रयोगों और रक्षा मंत्री के लखनऊ के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा करते हुए दोनों की सराहना की। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई प्रमुख जनप्रतिनिधि मौजूद थे।  

इलाज का झांसा देकर फॉर्महाउस ले गया ‘डॉक्टर’, महिला से की शर्मनाक हरकत – केस दर्ज

सिंगरौली मध्य प्रदेश के सिंगरौली क्षेत्र में एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया है। महिला का आरोप है कि आरोपी रामप्रकाश पांडेय, जो लान संचालक है, ने खुद को चिकित्सक बताकर उसे अपने पास बुलाया और दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने एक अंजान मोबाइल नंबर पर संपर्क किया था, जो आरोपी का था। आरोपी ने खुद को चिकित्सक बताया और महिला को लगातार परामर्श देता रहा। 24 सितंबर को वह इलाज के बहाने महिला को सोनभद्र के घोरावल के पास से अपनी बाइक पर बैठाकर लान ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला किसी तरह घर पहुंची और घटना की जानकारी अपने पति को दी। पहले सिंगरौली में मुकदमा दर्ज कराने की कोशिशें असफल रहीं, इसके बाद उसने इलिया थाने में तहरीर दी। थानाध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि महिला की तहरीर पर आरोपी रामप्रकाश पांडेय के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है और मामले की जांच जारी है। 

विराट कोहली के नाम होगा नया रिकॉर्ड! ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बस 54 रन की दरकार

पर्थ भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड के करीब हैं। वह वनडे क्रिकेट में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनने से सिर्फ 54 रन दूर हैं। इस समय कोहली के नाम 14,181 रन दर्ज हैं, जबकि उनके आगे केवल श्रीलंका के कुमार संगकारा (14,234 रन) हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाली वनडे सीरीज में कोहली के पास संगकारा को पछाड़कर यह उपलब्धि हासिल करने का सुनहरा मौका होगा। लंबे इंतज़ार के बाद क्रिकेट फैंस के लिए एक और बड़ी खबर है, रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों लगभग सात महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं। अब ये दोनों खिलाड़ी केवल वनडे फॉर्मेट में टीम इंडिया का हिस्सा हैं, जिससे उनके प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी होंगी। टीम इंडिया में हुए हालिया कप्तानी बदलाव ने यह भी संकेत दिया है कि टीम अब भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रही है। ऐसे में इस सीरीज में कोहली और रोहित दोनों ही अपने अनुभव और क्लास के दम पर टीम को मजबूत शुरुआत दिलाने की कोशिश करेंगे। रोहित शर्मा भी एक बड़ी उपलब्धि के करीब हैं। वह 500 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले विश्व के 11वें और भारत के पांचवें खिलाड़ी बन जाएंगे। इसके साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1000 वनडे रन पूरे करने से सिर्फ 10 रन दूर हैं, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बल्लेबाज होंगे।

कुसम्ही जंगल के वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन से शुरू होती है सीएम योगी की दीपावली

गोरखपुर, गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर कुसम्ही जंगल के बीच बसे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन के लोग बीते एक सप्ताह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के इंतजार में बेकरार हैं। यह बेकरारी उल्लास और उमंग की है। कारण, सीएम योगी इस वनटांगिया गांव में दीपोत्सव मनाने आते हैं। यहां हर घर दीप वनटांगियों के अपने ‘योगी बाबा’ के नाम पर प्रज्वलित होते हैं। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने में। तैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वतः स्फूर्त और मिलजुलकर। मुख्यमंत्री इस गांव में सोमवार (20 अक्टूबर) को एक बार बार फिर आकर दीपोत्सव मनाएंगे। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में बतौर सांसद एवं गोरक्षपीठ उत्तराधिकारी के रूप योगी आदित्यनाथ ने वंचितों में भी वंचित रहे वनटांगियों के साथ दीपावली मनाने की जो परंपरा शुरू की, वह उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद भी जारी है। उनकी दीपावली की शुरूआत ही इसी गांव से होती है। इस बार भी उनके आगमन के दिवाली पर सीएम योगी का गांव के हर किसी को शिद्दत से इंतजार है। इसके मद्देनजर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन तो लगा ही है, गांव के लोग भी अपने बाबा के स्वागत को घर-आंगन को सजाने-संवारने में जुटे है। ऐसा होना लाजिमी भी है, सौ साल तक उपेक्षित और बदहाल रहे वनटांगिया समुदाय को नागरिक का दर्जा देने से लेकर समाज व विकास की मुख्य धारा में लाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को ही तो जाता है। वनटांगियों ने बसाया जंगल, पर था बेदखली का भय ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो स्लीपर के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई। इसकी भरपाई के लिए अंग्रेज सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया। साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की ‘टांगिया विधि’ का इस्तेमाल किया गया, इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए। कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं। इसी के आसपास महराजगंज के जंगलों में अलग अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे। 1947 में देश भले आजाद हुआ लेकिन वनटांगियों का जीवन गुलामी काल जैसा ही बना रहा। जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी। नागरिक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं तो दूर की कौड़ी थीं। जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण  की इजाजत नहीं थी। पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं। समय समय पर वन विभाग की तरफ से वनों से बेदखली की कार्रवाई का भय अलग से। महाराज जी नहीं आते तो बदहाली में ही मर-खप जाते वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर के सांसद बने। उनके संज्ञान में यह बात आई कि वनटांगिया बस्तियों में रहने वालों की जिंदगी काफी बदतर हाल में है। उन्होंने सबसे पहले शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को इन बस्तियों तक पहुंचाने की ठानी। इस काम में लगाया गया उनके नेतृत्व वाली महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं एमपी कृषक इंटर कालेज व एमपीपीजी कालेज जंगल धूसड़ और गोरखनाथ मंदिर की तरफ से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा को। जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से शुरू ये प्रयास 2007 तक आते आते मूर्त रूप लेने लगे। इस गांव के रामगणेश कहते है कि वनटांगिया बिलकुल उपेक्षित थे। महराज जी (योगी आदित्यनाथ को वनटांगिया समुदाय के लोग इसी संबोधन से बुलाते हैं) नहीं आते बदहाली में ही मर-खप जाते। योगी के संघर्षों का साक्षी है गोरक्षनाथ हिंदू विद्यापीठ वनटांगिया लोगों को शिक्षा के जरिये समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ ने मुकदमा तक झेला है। 2009 में जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में योगी के सहयोगी वनटांगिया बच्चों के लिए एस्बेस्टस शीट डाल एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे थे। वन विभाग ने इस कार्य को अवैध बताकर केस दर्ज करा दिया। योगी ने अपने तर्कों से विभाग को निरुत्तर किया और अस्थायी स्कूल बन सका। गोरक्षनाथ हिंदू विद्यापीठ नाम से यब विद्यालय आज भी योगी के संघर्षों का साक्षी है। सीएम बनने के बाद भी वनटांगियों संग दीपोत्सव का सिलसिला जारी वनटांगियों को सामान्य नागरिक जैसा हक दिलाने की लड़ाई शुरू करने वाले योगी ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दिवाली मनाने की परंपरा शुरू की तो पहली बार इस समुदाय को जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ। फिर तो यह सिलसिला बन पड़ा। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह करना नहीं भूलते हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढ़ने को प्रेरित करते हैं तो सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात। इस बार भी दिवाली पर सीएम योगी के आगमन के मद्देनजर ग्रामीण उत्साह से उनकी अगवानी की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मिटा दी सौ साल की कसक मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बीते आठ दीपावली में वनटांगिया समुदाय की सौ साल की कसक मिटा दी है। लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाने वाले योगी ने सीएम बनने के बाद अपने कार्यकाल के पहले ही साल वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया। राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये वनग्राम हर उस सुविधा के हकदार हो गए जो सामान्य नागरिक को मिलती है। सिर्फ तिकोनिया नम्बर तीन ही नहीं, उसके समेत गोरखपुर-महराजगंज के 23 वनटांगिया गांवों में कायाकल्प सा परिवर्तन दिखता है योगी के कार्यकाल में वनटांगिया हुए खुशहाल अपने कार्यकाल में सीएम योगी ने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आच्छादित कर दिया है। वनटांगिया गांवो में आज सभी के पास अपना सीएम योजना का पक्का आवास, कृषि योग्य भूमि, आधारकार्ड, … Read more

कुमारी सैलजा का निशाना — झूठे दावे, बढ़ती बदहाली और टूटी उम्मीदों का साल

चंडीगढ़ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश की भाजपा की तथाकथित  नायब सरकार का एक साल घणा कमाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक साल हरियाणा की जनता के लिए महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का साल साबित हुआ है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा नेतृत्व के दावे केवल कागजों और विज्ञापनों में दिखाई देते हैं, जबकि ज़मीनी सच्चाई इससे कोसों दूर है। यह एक वर्ष हरियाणा के इतिहास में जनउपेक्षा और अन्याय का प्रतीक बनकर रहेगा। जश्न मनाने की बजाय सरकार को चाहिए कि वह जनता को मूलभूत सुविधाएं  पानी, सडक़, सफाई और सुरक्षा  प्रदान करे। यही सच्चा कमाल होगा। मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के हालात काफी भयावह बने हुए है, प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। प्रदेश में गुंडाराज है और चहुं ओर भय का माहौल है। व्यापारियों से रंगदारी मांगी जा रही है, हत्याओं की घटनाएं बढ़ी हैं और पुलिस व्यवस्था जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतर रही। आए दिन सरेआम हत्याएं हो रही है, रंगदारी न देने वालों पर फायरिंग की जा रही है। पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। प्रदेश में जंगलराज जैसे हालात है।  राजनीतिक अराजकता और खौफ के दौर में कानून व्यवस्था का जैसे अपराधियों ने अपहरण कर लिया है। लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है, उनकी मांगों पर ध्यान देने के बजाए उन पर लाठियां बरसाई जाती है। प्रदेश में पीने के पानी की व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। नहरी पानी की आपूर्ति पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है अधिकतर जिलों में टयूबवेल आधारित जलापूर्ति की जा रही है जो पीने योग्य नहीं है और लोग जलजनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं। दूसरी ओर सीवरेज व्यवस्था भी चरमाई हुई है, अधिकतर जिलों में जल निकासी का उचित प्रबंध तक नहीं किया गया है।  जलभराव की समस्या प्रदेश में आम हो गई है। सांसद ने कहा कि सिरसा जैसे शहरों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। पेयजलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था चरमराई हुई है।  जिला में नशे और कैंसर जैसी बीमारियों का प्रसार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। सरकार ने 30 जून तक सभी सड़को को ठीक करने का दावा किया था, परंतु आज तक सड़को की हालत ज्यों की त्यों है। किसान अपनी फसल का उचित मूल्य पाने के लिए तरस रहे हैं, फसल बीमा योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी है, और युवाओं को रोजगार के बजाय निराशा मिल रही है। किसान आज भी डीएपी और यूरिया खाद के लिए धक्के खा रहा है, सरकारी एजेंसी पर खाद नहीं मिल रही है जबकि प्राइवेट दुकानों पर कालाबाजारी में बिक रही है।  कांग्रेस पार्टी का मानना है कि विकास का अर्थ केवल प्रचार नहीं, बल्कि जनता के जीवन में वास्तविक सुधार है। हम जनता को भरोसा दिलाते हैं कि कांग्रेस ही हरियाणा को महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय और अव्यवस्था से मुक्त कर सकती है। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि नायब सरकार का यह एक वर्ष हरियाणा के इतिहास में जन उपेक्षा और अन्याय का प्रतीक बनकर रहेगा। जश्न मनाने की बजाय सरकार को चाहिए कि वह जनता को मूलभूत सुविधाएं पानी, सडक़, सफाई और सुरक्षा प्रदान करे। यही सच्चा कमाल होगा। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार ने दो लाख युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के पक्की नौकरी देने का वायदा किया था पर  हकीकत ये है कि अभी तक पिछले टर्म में निकली भर्तियों पर ही काम चल रहा है। क्लर्क, हरियाणा पुलिस, ग्रुप डी जैसे बड़ी भर्तियों के पद विज्ञापित करने की तैयारी चल रही है।  प्रदेश में अफसरशाही हावी है, सीएम कार्यालय के अधिकारी तक खुद कह चुके है कि सीएम के कहने से तो चपरासी भी सस्पेंड नहीं होता। किसानों को फसल का एमएसपी तक नहीं मिल रहा है, मंडी में किसान को तरह तरह से परेशान किया जा रहा है्र फसलों का मुआवजा अभी तक मिला नहीं है।

खुशखबरी! दिवाली से पहले डाक कर्मियों के खाते में आएगा दोगुना बोनस

नई दिल्ली  त्योहारों का मौसम आते ही कर्मचारियों के चेहरे पर खुशियों की लहर दौड़ जाती है। इस बार केंद्र सरकार ने डाक विभाग के कर्मचारियों के लिए दिवाली गिफ्ट का ऐलान किया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पोस्ट ऑफिस ने उत्पादकता आधारित बोनस (PLB) को मंजूरी दे दी है, जो राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद जारी किया गया। इसके तहत कर्मचारियों को दो महीने की सैलरी के बराबर बोनस मिलेगा। किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा इस बोनस का लाभ ग्रुप C, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS), अराजपत्रित ग्रुप B, ग्रामीण डाक सेवक (GDS) और पूर्णकालिक आकस्मिक श्रमिकों को मिलेगा। इस कदम से लाखों कर्मचारियों को आर्थिक मदद मिलेगी और त्योहार की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी। बोनस कर्मचारियों के उत्साह और उमंग को भी बढ़ाएगा। बोनस की गणना का तरीका बोनस की राशि कर्मचारियों के औसत वेतन के आधार पर तय होगी। नियमित कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला इस प्रकार रहेगा: औसत वेतन × 60 दिन ÷ 30.4 इस गणना में बेसिक पे, महंगाई भत्ता (DA), विशेष भत्ता, ड्यूटी भत्ता और ट्रेनिंग भत्ता शामिल होंगे। बोनस की अधिकतम वेतन सीमा ₹7,000 प्रति माह तय की गई है। ग्रामीण डाक सेवकों के लिए बोनस की राशि उनके टाइम-रिलेटेड कंटीन्यूटी अलाउंस (TRCA) और महंगाई भत्ते के आधार पर तय की जाएगी।

थार की रफ्तार बनी काल: ट्रक से जोरदार टक्कर में मामा-भांजा नहीं बचे

रेवाड़ी  रेवाड़ी में NH-11 पर शनिवार देर रात कुंड बैरियर के पास एक भयानक सड़क हादसे में 2 युवकों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने दोनों घायल युवकों को गंभीर हालत में निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद ट्रक चालक फरार बताया जा रहा है।  जानकारी के अनुसार राजस्थान के झुंझनूं जिले के सईं कलां निवासी 26 वर्षीय सरजीत और चुरु जिले के शिमला गांव के 19 वर्षीय चेतन थार गाड़ी से दिल्ली जा रहे थे, जब वाहन अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई। यह टक्कर इतनी तेज थी कि थार के परखच्चे उड़ गए। एक्सीडेंट के बाद थार गाड़ी का मलबा सड़क पर फैल गया। ट्रक चालक फरार स्थानीय लोगों ने दोनों घायल युवकों को गंभीर हालत में निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद ट्रक चालक फरार बताया जा रहा है। खोल थाना और कुंड चौकी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फॉरेंसिक टीम के साथ जांच शुरू कर दी है। दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। मामा-भांजे थे मृतक मृतक के रिश्तेदारों ने बताया कि सरजीत व चेतन मामा-भांजे थे और दोनों ही परिवार के इकलौते बेटे थे। सरजीत की हाल ही में शादी हुई थी जबकि चेतन अविवाहित था। पुलिस ने मामला दर्ज कर ट्रक चालक की तलाशी तेज कर दी है।

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रमों में रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से की प्रशंसा

विगत 8 वर्षों में किए गए कार्यों से यूपी ने दिखाया कि वो देश का ग्रोथ इंजन बनने की ओर अग्रसर हैः रक्षा मंत्री प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर सुधार और निवेशकों का विश्वास लौटाने के लिए सीएम योगी की थपथपाई पीठ लखनऊ,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में शनिवार को ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच के फ्लैग ऑफ और पीटीसी इंडस्ट्रीज के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। अपने वक्तव्य में राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व और विकासशील नीतियों की खुलकर सराहना की, जिससे प्रदेश की पहचान निवेश, सुरक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। उन्होंने खासकर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर में हुए बड़े सुधार को रेखांकित करते हुए इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया। योगी के नेतृत्व में यूपी में फिर लौटा विश्वास ब्रह्मोस मिसाइलों के फ्लैग ऑफ समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग और समर्थन दिया। उन्होंने लखनऊ में हुए परिवर्तन और निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि कभी उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज और बिगड़े हुए लॉ एंड ऑर्डर से की जाती थी। लोग डर के माहौल में रहते थे और निवेशक यहां आने से कतराते थे। पर आज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह स्थिति बदल चुकी है। उनके दृढ़ नेतृत्व और नीतिगत निर्णयों ने प्रदेश में विश्वास लौटाया है। राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस फैसिलिटी की स्थापना में मुख्यमंत्री के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ब्रह्मोस केवल हमारी सशस्त्र सेनाओं की शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह बताता है कि आज का उत्तर प्रदेश किसी भी चुनौती को संभालने के लिए तैयार है। इस फैसिलिटी की स्थापना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग की जितनी सराहना की जाए कम है। अब उत्तर प्रदेश पहले जैसा नहीं रहा पीटीसी इंडस्ट्रीज के भ्रमण कार्यक्रम और टाइटेनियम और सुपर एलॉय प्लांट के शुभारंभ के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग 8-10 साल पहले, यह सोचना भी कठिन था कि उत्तर प्रदेश इस तरह के इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का नेतृत्व करेगा। इसके लिए सारी सुविधाएं और माहौल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी जी ने जो प्रयास किए हैं, उसके लिए उनकी भूरि भूरि प्रशंसा करता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की पहल और इंडस्ट्री-फ्रेंडली पॉलिसी ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर मजबूत किया और निवेशकों का भरोसा लौटाया। आज आप किसी से भी पूछिए कि सबसे बेहतर लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था किस स्टेट की है तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आएगा। सब मानते हैं कि उत्तर प्रदेश पहले जैसा नहीं रहा है और इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। सीएम योगी में विकास की एक नई सोच रक्षा मंत्री ने विकास की नई सोच और निवेशकों को आकर्षित करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान को भी हाईलाइट किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अंदर विकास की एक नई सोच भी है और विकास करने की जो तड़पन और अकुलाहट चाहिए वो भी उनके अंदर देखने को मिलती है। देश और विदेश से इन्वेस्टर्स यहां आकर फैक्ट्री, आईटी हब्स और रिसर्च सेंटर खोल रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गोरखपुर, बनारस हर शहर में आज विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रदेश में निवेश का माहौल मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जब उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई थी तब किस उत्साह के साथ इन्वेस्टर्स ने हिस्सा लिया था उससे साफ था कि उत्तर प्रदेश अब देश का ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है। इसी माहौल का असर है कि पीटीसी इंडस्ट्रीज ने लखनऊ को अपने प्रोजेक्ट के लिए चुना।

सियासी धरने पर ASI संदीप की पत्नी ने किया खुलासा, IPS पूरन की पत्नी को लेकर आया चौंकाने वाला बयान

रोहतक एएसआइ संदीप आत्महत्या के मामले में परिवार की ओर से लगाए गए आरोप की अब कुछ परतें सामने आ रही हैं। संदीप की पत्नी संतोष की ओर से पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि अर्बन एस्टेट थाना में आइजी वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस मामले में सुशील को गिरफ्तार करने वाली टीम में उसके पति संदीप लाठर भी शामिल थे। सुशील की गिरफ्तारी के बाद आइजी वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद आइजी वाई पूरन कुमार के परिवार ने चंडीगढ़ में धरना दे दिया। शिकायत में कहा गया कि आइजी वाई पूरन कुमार व अन्य के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही थी। इसे लेकर उसके पति तनाव में थे। उनके परिवार के धरने की वजह से उसके पति संदीप कुमार ने मानसिक तनाव में आकर खुद को गोली मार ली। इधर, पुलिस को मामले में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है। क्योंकि रिपोर्ट के आधार पर भी पुलिस की टीम जांच को आगे बढ़ा पाएगी। सदर थाना पुलिस की टीम ने स्वजन की शिकायत के आधार में जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मौके से बरामद सुसाइड नोट और वीडियो को कब्जे में लिया था। अब पुलिस की टीम सुसाइड नोट को जांच के लिए मधुबन लैब में भेजेगी। क्योंकि रिपोर्ट आने के बाद ही ये स्पष्ट हो पाएगा की सुसाइड नोट की राइटिंग संदीप लाठर की ही है या किसी अन्य की। पुलिस मामले में अन्य तथ्य भी जुटाने में लगी है। 

आज से सरकारी स्कूल बंद, छुट्टियों का शेड्यूल पढ़िए पूरी जानकारी के साथ

नई दिल्ली  अक्टूबर के महीने में दिवाली के अवसर पर छात्रों और शिक्षकों को लंबा ब्रेक मिलने वाला है। दरअसल, हर बार दिवाली के मौके एक साथ कई त्योहार आते हैं। जिसकी वजह से एक-एक हफ्ते स्कूल कॉलेज बंद रहते हैं। इन दिनों स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता दिवाली और छठ पूजा के लिए मिलने वाले ब्रेक के लिए बहुत उत्साहित हैं।   आपको बता दें कि केवल यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में इसे त्योहारों का महा-महीना कहा जाता है, जिसमें धनतेरस, रोशनी का त्योहार दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज और पूर्वी भारत का महा-पर्व छठ पूजा शामिल हैं। दिवाली तो पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन यूपी-बिहार में सबसे बड़ा पर्व छठ का होता है, अगर को दिवाली में घर जाने से चूक जाता है तो छठ के पहले जरूर पहुंच जाता है। दिवाली और छठ पूजा का उत्साह चरम पर होता है। कई स्कूलों में यह अवकाश 10 से 12 दिनों तक लंबा चलता है. इन लंबी छुट्टियों में स्टूडेंट्स न सिर्फ त्योहारों की मस्ती करते हैं, बल्कि अपने घरों को सजाने, रंगोली बनाने, नए कपड़े पहनने और रिश्तेदारों से मिलने का भरपूर आनंद भी लेते हैं। आपको बता दें कि आज यानी कि 18 अक्टूबर को धनतेरस से हो रही है और यह सिलसिला भाई दूज (23 अक्टूबर) तक चलेगा। इस दौरान लगभग सभी राज्यों के स्कूलों में कम से कम 6 दिनों का अनिवार्य अवकाश रहेगा. लेकिन जिन राज्यों में छठ पूजा भी प्रमुखता से मनाई जाती है, वहां यह छुट्टी 10 दिनों से भी अधिक लंबी होने वाली है।   सबसे ज्यादा लंबा ब्रेक बिहार में दरअसल, बिहार के स्कूल धनतेरस से लेकर छठ तक करीब 12 दिनों तक बंद रहेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी दिवाली के आस-पास 6 से 7 दिनों का अवकाश रहेगा।