samacharsecretary.com

लक्ष्मीजी का आशीर्वाद चाहते हैं? इस दीपावली मेहमानों को परोसें उनका प्रिय भोग

यदि दीपावली की रात आप लक्ष्मी जी का पूजन कर इन सात्विक भोगों को श्रद्धापूर्वक अर्पित करते हैं, भोजन नियमों का पालन करते हैं और मन में प्रेम व कृतज्ञता रखते हैं, तो महालक्ष्मी दोनों हाथों से धन-समृद्धि का वरदान देती हैं। यह साधारण नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि का आरंभ होता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी को अर्पित करें ये शुभ भोग महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भोजन में सात्विकता और पवित्रता का होना आवश्यक है। नीचे दिए गए भोग पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करें, फिर परिवार व मेहमानों को परोसें- बताशा – लक्ष्मी का प्रिय भोग, पवित्रता का प्रतीक। शहद से भरा पान – सौभाग्य व मधुरता बढ़ाने वाला। जल सिंघारा – शुद्धता और जल तत्व का प्रतिनिधि। खीर – चंद्रमा और शांति का प्रतीक, जो सुख-समृद्धि प्रदान करती है। मखाने – लक्ष्मी जी का स्वरूप माने जाते हैं, धनवृद्धि के लिए। नारियल या नारियल की मिठाई – पवित्रता और समर्पण का प्रतीक। चीनी के खिलौने – बालकों में आनंद व उल्लास लाते हैं। दूध से बनी मिठाईयां – सात्त्विकता और स्वास्थ्य की द्योतक। चावल – अन्नपूर्णा का आशीर्वाद, समृद्धि का प्रतीक। दही – स्थिरता और शीतलता प्रदान करता है। खील-बताशे – पारंपरिक लक्ष्मी पूजन का आवश्यक भाग।  भोजन ग्रहण करने के शास्त्रीय नियम भोजन से पूर्व हाथ, पैर और मुख धोना चाहिए। विशेष रूप से भीगे हुए पैरों से भोजन करना शुभ माना गया है, क्योंकि इससे शरीर का तापमान संतुलित रहता है और पाचन क्रिया मजबूत होती है। शास्त्रों के अनुसार भोजन का भी दिशा और स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना अत्यंत शुभ है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन अशुभ फल देता है। पश्चिम दिशा की ओर मुख करने से रोगों की संभावना बढ़ती है। भोजन बनाने वालों के लिए धार्मिक निर्देश भोजन बनाने वाला व्यक्ति स्नान करके, शुद्ध वस्त्र धारण कर, मन शांत रखे। क्रोध, ईर्ष्या या नकारात्मक विचार से भोजन बनाना या खाना वर्जित है। भोजन बनाते समय मंत्र जप या स्तोत्र पाठ करने से भोजन में दिव्यता बढ़ती है। कहा गया है- यथा भोजनं तथाचित्तं, यथा चित्तं तथाऽचरः अर्थात जैसे विचार होंगे, वैसा ही आचरण और भाग्य बनेगा।

पति की हरकतों ने बदल दी 12 करोड़ की जीत की खुशी, चीन की महिला ने तलाक का किया फैसला

नई दिल्ली कभी-कभी सोशल मीडिया पर ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसे देखकर लोगों के होश उड़ जाते हैं। ऐसे ही मामला चीन में देखने को मिला है, जहां एक व्यक्ति लॉटरी में 14 लाख डॉलर जीत गया। हालांकि इसके बाद वह बहक गया और उसके सिर पर नशा इस कदर चढ़ा कि अब उसकी पत्नी के साथ तलाक की भी नौबत आ चुकी है। यह मामला शेडोंग प्रांत के देझोऊ का है और इस जोड़े की शादी 2016 से हुई थी। लॉटरी में 14 लाख डॉलर जैसी भारी भरकम राशि जीतने के बाद उस व्यक्ति का बर्ताव पूरी तरह बदल गया। वो पूरा दिन जुआ खेलने लगा और महिला लाइव स्ट्रीमर्स को लाखों रुपये की टिप भी देने लगा। यही नहीं, उसने एक महिला स्ट्रीमर को 12 लाख युआन (लगभग 168,000 अमेरिकी डॉलर यानी 20.87 लाख रुपये) की टिप भी दी थी।   महिला ने पति के खिलाफ कोर्ट में तलाक की अर्जी दी यह पूरा हाल जब उसकी पत्नी ने देखा तो वह पूरी तरह गुस्सा हो गई, जिसके बाद उसने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है। पत्नी ने जब अपने पति का फोन देखा तो उसने पाया कि वह एक महिला स्ट्रीमर से 'हनी' कहकर बात कर रहा था। इससे महिला और भी ज्यादा गुस्सा हो गई। युआन ने बताया कि पहले तो वह भी अपने पति की तरह बहुत खुश हुई जब उसने उसे खुशखबरी सुनाई और कहा कि वह इन पैसों से अपनी पसंद की कोई भी चीज खरीद सकती है। कार्ड में नहीं थी कोई राशि उन्होंने उसे एक बैंक कार्ड भी दिया, जिसमें कथित तौर पर तीन मिलियन युआन (420,000 अमेरिकी डॉलर) की राशि थी, जिसे वे खर्च कर सकते थे। अपने पति के प्रति विश्वास के कारण युआन ने खाते में शेष राशि की जांच नहीं की, बल्कि कार्ड को दराज में रख दिया। युआन को बाद में पता चला कि उसके पति द्वारा दिए गए कार्ड में कोई धनराशि नहीं थी।

नीतीश कुमार का चुनावी दांव: सोशल इंजीनियरिंग से एक तीर, कई निशाने

पटना. बिहार की राजनीति में अगर किसी नेता को सोशल इंजीनियरिंग का मास्टर कहा जाता है, तो वह हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार ने अपने पूरे राजनीतिक करियर में समाज के हर वर्ग को जोड़ने और संतुलन साधने की रणनीति पर काम किया है. यही कारण है कि चाहे सरकार बनानी हो, मंत्रिमंडल का गठन करना हो या चुनाव में उम्मीदवारों का चयन- हर बार उन्होंने सामाजिक, जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए फैसला लिया है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद समाजवादी राजनीति में कदम रखने वाले नीतीश कुमार ने हमेशा विकास के साथ सामाजिक न्याय की बात की है. नीतीश कुमार ने सत्ता में रहते हुए योजनाओं, नीतियों और टिकट बंटवारे में सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी है. इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जेडीयू की उम्मीदवार सूची इस परंपरा को आगे बढ़ाती दिख रही है. टिकट बंटवारे में दिखा सामाजिक संतुलन बिहार चुनाव को लेकर जेडीयू ने अपनी 101 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें हर समाज और वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है. पार्टी ने पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सवर्ण और महिलाओं सभी को टिकट देकर समावेशी राजनीति का संदेश दिया है. जेडीयू उम्मीदवारों की लिस्ट में सोशल इंजीनियरिंग की झलक     पिछड़ा वर्ग (OBC) से 37 उम्मीदवार     अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से 22 उम्मीदवार     सवर्ण समाज से 22 उम्मीदवार     अनुसूचित जाति (SC) से 15 उम्मीदवार     अनुसूचित जनजाति (ST) से 2 उम्मीदवार शामिल हैं.     इसके साथ ही पार्टी ने 13 महिलाओं को भी टिकट देकर महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश दिया है.     पहली लिस्ट में ‘लव-कुश समीकरण’, दूसरी में ‘पिछड़ा-समाज पर फोकस’ जेडीयू की पहली लिस्ट में जहां लव-कुश समीकरण (कुशवाहा और यादव समुदाय) को प्राथमिकता दी गई थी, वहीं दूसरी लिस्ट में पिछड़ा समाज को प्रमुखता दी गई है. नीतीश कुमार की रणनीति साफ दिख रही है वे चाहते हैं कि हर जाति और वर्ग को प्रतिनिधित्व मिले, जिससे जेडीयू का सामाजिक आधार और व्यापक हो. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेडीयू का यह कदम न केवल महागठबंधन के भीतर संतुलन बनाए रखने की कोशिश है, बल्कि उन वर्गों को भी साधने की रणनीति है जो पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी और आरजेडी के साथ झुक गए थे. जेडीयू की लिस्ट में जातीय समीकरण के गणित को समझें नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग का इतिहास नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी ताकत रही है उनकी सोशल इंजीनियरिंग. जब 2005 में उन्होंने पहली बार बिहार की सत्ता संभाली, तब से उन्होंने “विकास और सामाजिक न्याय” के संतुलन पर काम किया. इन सभी योजनाओं ने नीतीश कुमार को सिर्फ विकास पुरुष नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन साधने वाले नेता के रूप में स्थापित किया.     सात निश्चय योजना     मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना     आरक्षण में बढ़ोतरी     महिलाओं को 35 प्रतिशत नौकरी आरक्षण     अति पिछड़ा आयोग का गठन महिलाओं को प्राथमिकता ‘सशक्त बिहार’ का संदेश जेडीयू ने अपनी इस लिस्ट में 13 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है. इससे पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को लेकर हमेशा गंभीर रहते हैं. पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले से लेकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण तक, उन्होंने महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जेडीयू की यह रणनीति महिला वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. अति पिछड़े और दलित समाज को भी बड़ा प्रतिनिधित्व जेडीयू की लिस्ट में अति पिछड़ा समाज (EBC) से 22 और अनुसूचित जाति (SC) से 15 उम्मीदवार शामिल किए गए हैं. नीतीश कुमार की राजनीति की जड़ें इन्हीं तबकों में हैं. उन्होंने हमेशा इन वर्गों को राजनीतिक और सामाजिक रूप से सशक्त करने पर ध्यान दिया है. जेडीयू नेताओं का कहना है कि जेडीयू हमेशा से सबका साथ, सबका विकास की नीति पर चलती है. हमारी कोशिश यही रहती है कि कोई भी समाज खुद को अलग या उपेक्षित महसूस न करे.” नीतीश कुमार ने इन 3 नेताओं से भी लिया फीडबैक वहीं जेडीयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने सीट शेयरिंग में सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला का इस्तेमाल करने के लिए इस बार जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ललन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी से भी बड़ी चर्चा की है. जेडीयू सूत्रों का कहना है कि इन तीनों नेताओं ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रत्याशियों और सीटों से जुड़े फीडबैक और कई अहम जानकारियां दी. हालांकि बिहार चुनाव 2025 में नीतीश कुमार की यह सोशल इंजीनियरिंग कितनी कारगर साबित होगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि सुशासन बाबू ने अपने पुराने फार्मूले पर एक बार फिर से भरोसा जताया है.  

महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा ठंड क्यों लगती है? साइंस ने बताया चौंकाने वाला सच!

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब कमरे का तापमान एक जैसा होता है तब भी महिलाओं को अक्सर पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड महसूस होती है? यह सिर्फ महसूस करने का अंतर नहीं है बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक और शारीरिक कारण हैं। शरीर विज्ञान और हार्मोनल अंतर इस लैंगिक असमानता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आइए जानते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा ठंड लगने के पीछे क्या वजहें हैं: कम मांसपेशियों का भार शरीर की मांसपेशियां आराम की अवस्था या गति में होने पर गर्मी पैदा करती हैं। महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में मांसपेशियों का भार कम होता है। इस वजह से उनका शरीर कुल मिलाकर कम गर्मी उत्पन्न करता है। हार्मोन का प्रभाव प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन रक्त परिसंचरण और तापमान को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है जिससे हाथ और पैरों में खून का बहाव कम हो जाता है। इस कारण शरीर के इन हिस्सों में जल्दी ठंड महसूस होती है। धीमा मेटाबॉलिज्म मेटाबॉलिज्म भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया है, जिसमें गर्मी भी पैदा होती है। महिलाओं का मेटाबॉलिक रेट पुरुषों की तुलना में धीमा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर आराम की अवस्था में कम कैलोरी जलाते हैं और परिणामस्वरूप कम गर्मी पैदा करते हैं। फैट इंसुलेशन बनाम हीट प्रोडक्शन महिलाओं में पुरुषों की तुलना में वसा (Fat) का प्रतिशत ज्यादा होता है। यह वसा हीट लॉस के खिलाफ एक इंसुलेटर के रूप में काम करती है (यानी शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती है)। हालांकि यह वसा मांसपेशियों की तरह गर्मी उत्पन्न नहीं करती इसलिए शरीर के अंदरुनी तापमान को बनाए रखने के लिए पुरुषों की तुलना में कम आंतरिक गर्मी उपलब्ध होती है। सतह क्षेत्र और आयतन का अनुपात महिलाओं का सरफेस एरिया (सतह क्षेत्र) उनके शरीर के आयतन की तुलना में ज्यादा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर अपने आसपास के वातावरण में तेजी से गर्मी छोड़ते हैं (हीट लॉस), जिससे उनके लिए शरीर के आंतरिक तापमान को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। थायरॉइड और केमिकल संवेदनशीलता थायरॉइड हार्मोन जैसे कुछ रसायन मेटाबॉलिज्म और गर्मी के उत्पादन  को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं में इन केमिकल्स के प्रति संवेदनशीलता का स्तर थोड़ा अलग हो सकता है। थायरॉइड की कम गतिविधि या धीमा मेटाबॉलिज्म होना महिलाओं में आसानी से ठंड लगने की एक वजह बन सकता है।  

धान खरीद में रफ्तार तेज, हरियाणा के किसानों को मिला 5932 करोड़ का लाभ

चंडीगढ़  हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 22 सितंबर से चालू है। इस बीच खरीद सीजन 2025-26 के दौरान, हरियाणा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर जल्द भुगतान सुनिश्चित करते हुए किसानों के बैंक खातों में सीधे 5,932.47 करोड़ रुपये दिए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्य की सभी अनाज मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, राज्य की सभी अनाज मंडियों में धान की खरीद सुचारू रूप से की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाफेड, वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, खाद्य और आपूर्ति विभाग खरीद कार्यों में सक्रिय रूप से साथ दे रहे हैं। किसानों को अपनी उपज बेचते समय किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।उन्होंने बताया कि धान की खरीद केवल 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों से ही की जा रही है. वहीं, अब तक 2,02,812 रजिस्टर्ड किसान अपनी उपज खरीद एजेंसियों को बेच चुके हैं।   उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अब तक हरियाणा की मंडियों में कुल 38.92 लाख टन धान की आवक हो चुकी है. इसमें से 35.34 लाख टन की खरीद हो चुकी है और 27.11 लाख टन भंडारण और प्रसंस्करण के लिए उठा लिया गया है. उन्होंने दोहराया कि खरीद भारत सरकार द्वारा अधिसूचित 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर की जा रही है और इस दर में कोई कटौती नहीं की जा रही है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज को केंद्र द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप उचित रूप से सुखाने के बाद ही लाएं, जिसमें अधिकतम 17 फीसदी नमी की मात्रा भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे अपना धान पर्याप्त रूप से सुखाकर लाएं ताकि उन्हें उनकी उपज का समय पर और उचित भुगतान मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी खरीद एजेंसियों ने सुचारू खरीद के लिए मंडियों में पर्याप्त व्यवस्था की है और भीड़ भाड़ से बचने के लिए उठान की गति तेज कर दी गई है।

स्कूलों में जल्द शुरू होगी AI एजुकेशन, जानें शिक्षा मंत्रालय की योजना

नई दिल्ली  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की धमक अब दुनिया भर में महसूस की जा रही है-और भारत भी इससे अछूता नहीं रहना चाहता। लंबे समय से स्कूल शिक्षा में AI को शामिल करने की मांग उठ रही थी, जिसे लेकर अब केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देशभर के स्कूलों में कक्षा 3 से AI एजुकेशन लागू करने की रूपरेखा तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नजर आने लगेंगे। सभी विषयों के छात्रों के लिए होगी AI शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत AI एजुकेशन केवल तकनीकी या विज्ञान के छात्रों तक सीमित नहीं रहेगी। कक्षा 3 से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों को AI की मूल समझ दी जाएगी। यानी हर विषय के विद्यार्थी को इसका हिस्सा बनना होगा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि AI एजुकेशन को अनिवार्य बनाया जाएगा या वैकल्पिक रखा जाएगा। स्कूल शिक्षा सचिव ने दी अहम जानकारी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आने वाले दो से तीन वर्षों में छात्रों और शिक्षकों को AI तकनीक से जोड़ने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे। उन्होंने बताया कि देशभर के एक करोड़ से अधिक शिक्षकों को AI शिक्षा से प्रशिक्षित करना बड़ी चुनौती होगी। इस दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट पहले से चल रहा है, जिसके तहत शिक्षकों को पाठ योजनाएं तैयार करने में AI टूल्स का इस्तेमाल सिखाया जा रहा है। लक्ष्य है- शिक्षक और शिक्षार्थी, दोनों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करना। फिलहाल 9वीं से 12वीं तक वैकल्पिक विषय के रूप में इस समय AI एजुकेशन केवल CBSE स्कूलों में शामिल है। देशभर के 18,000 से अधिक CBSE स्कूलों में कक्षा 6 के बाद 15 घंटे का AI स्किल मॉड्यूल उपलब्ध है। वहीं कक्षा 9 से 12 तक AI एक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है।   खत्म हो जाएंगी नौकरियां नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, AI के बढ़ते उपयोग से करीब 20 लाख पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। लेकिन, अगर देश में सही AI इकोसिस्टम तैयार हो जाए, तो करीब 80 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। यानी, आने वाला समय सिर्फ पढ़ाई ही नहीं- रोज़गार की दिशा भी बदलने वाला है।  

कार मालिकों की चिंता बढ़ी: E20 पेट्रोल नुकसान और पॉलिसी कवरेज की खामियां

नई दिल्ली  भारत में E20 फ्यूल को बढ़ावा देने की मुहिम अब कार मालिकों और बीमा कंपनियों के लिए नई चुनौती बनती जा रही है। पेट्रोल वाहनों के मेंटेनेंस खर्च पिछले दो महीनों में दोगुना हो गया है। अगस्त में यह खर्च 28% था, जो अक्टूबर में बढ़कर 52% तक पहुंच गया। यह जानकारी लोकलसर्कल्स के एक सर्वे में सामने आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से ही महंगे पेट्रोल दामों से परेशान ग्राहकों पर इन बढ़े हुए खर्चों ने आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है। कार मालिकों की प्रतिक्रिया सर्वे में कई वाहन मालिकों ने कहा कि अगर E20 फ्यूल को ऑप्शनल रखा जाए और इसकी कीमत 20% कम की जाए, तो वे इसका समर्थन करेंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह भावना पर्यावरण विरोधी नहीं है, बल्कि वाहन मालिकों पर अचानक थोपे गए बदलाव के कारण उत्पन्न हुई है। बीमा में नई समस्याएं बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि E20 फ्यूल के कारण होने वाले नुकसान अक्सर मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होते। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसी वाहन को E20 फ्यूल से नुकसान हुआ, तो इसे रासायनिक जंग या मैकेनिकल घिसावट माना जाता है, न कि दुर्घटना। ऐसे मामलों में बीमा कवरेज आमतौर पर लागू नहीं होता। हालांकि, अगर इंजेक्टर खराब होने से इंजन में आग लगती है, तो यह विवाद का मामला बन सकता है। स्पष्ट पॉलिसी की जरूरत विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है, ताकि इथेनॉल से जुड़े नुकसान और अपवादों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके। ऐसा न होने पर भविष्य में यह विवादों का कारण बन सकता है कि कौन-सा नुकसान बीमा में कवर होगा और कौन-सा नहीं।   सरकार का रुख केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि E20 फ्यूल पर आ रही शिकायतें गलत जानकारी पर आधारित हैं। सरकार का दावा है कि E20-कंपैटिबल वाहन 2023 से ही उपलब्ध हैं और इथेनॉल कार्यक्रम भारत के स्वच्छ ईंधन, कम आयात, और किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। E20 फ्यूल में 20% इथेनॉल और 80% पेट्रोल होता है। इसे अप्रैल 2023 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ शहरों में शुरू किया गया था, और अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है।  

वास्तु से बदलें अपने घर का माहौल: तनाव कम, प्रेम बढ़े

आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण घर में शांति और सुकून की कमी होना एक आम समस्या बन गई है। तनाव और उलझनों से भरी जिंदगी में घर का वातावरण बहुत मायने रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के वातावरण में बदलाव लाकर न सिर्फ शांति की अनुभूति की जा सकती है, बल्कि रिश्तों में भी सुधार हो सकता है। यदि आपके घर में तनाव बढ़ रहा है या रिश्तों में खटास आ रही है, तो कुछ वास्तु उपायों से आप घर में शांति और प्रेम ला सकते हैं। मुख्य द्वार का ध्यान रखें वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को घर की आत्मा माना जाता है। यदि यह स्थान सही नहीं है, तो घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ और व्यवस्थित होना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। मुख्य द्वार पर कोई भी रुकावट न हो। यह हमेशा खुला और साफ रखें। द्वार के आसपास अंधेरा या गंदगी न हो। मुख्य द्वार को सिंगल डोर रखें और यदि द्वार का रंग हल्का हो, जैसे सफेद, हल्का नीला या क्रीम रंग, तो यह और भी अच्छा रहेगा। रसोई घर का स्थान सही रखें घर का रसोई घर स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर का स्थान भी घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि रसोईघर सही दिशा में नहीं है, तो घर में तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। रसोई घर का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए। यह दिशा अग्नि से संबंधित है और रसोई के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। सोने के कमरे का वास्तु ध्यान रखें सोने का कमरा घर में शांति और आराम का स्थान होता है। यदि यह कमरा वास्तु के अनुसार नहीं है, तो इसका असर आपकी नींद, मानसिक स्थिति और रिश्तों पर पड़ सकता है। बेड का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा मानसिक शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।बेड के नीचे कोई भी अव्यवस्था न हो, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। पानी का सही प्रबंधन वास्तु शास्त्र में पानी का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि पानी का प्रवाह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। घर में पानी से संबंधित स्थानों पर ध्यान देने से शांति और प्रेम बढ़ सकता है। घर में पानी के स्रोत जैसे जल टंकी, बर्तन धोने का स्थान या पानी के बर्तन हमेशा साफ और व्यवस्थित रखने चाहिए। घर में कोई भी पानी की नलकी या पाइप लीक न हो। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकता है। पानी का स्थान घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। फूलों और पौधों का महत्व प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोत जैसे फूल और पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। वास्तु के अनुसार, घर में पौधों और फूलों का होना शांति और खुशी को बढ़ाता है। घर में हरे पौधे रखें, विशेषकर तुलसी, बांस और मनी प्लांट जैसे पौधे। घर के अंदर मृत पौधे या मुरझाए फूल न रखें। कंटीली पौधों को घर के अंदर न रखें क्योंकि वे नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं।

UP सरकारी विभाग में होने जा रही भर्ती, खाली पदों की संख्या जानकर रह जाएंगे हैरान

फर्रुखाबाद स्वास्थ्य विभाग ने रिक्त चल रहे 44 पदों को चिह्नित कर लिया है। अब इन पदों पर कोरोना वारियर्स की भर्ती कर तैनाती की जाएगी। विभाग ने दीपावली के बाद भर्ती करेगा। इस बार एक फार्मासिस्ट, डेंटल असिस्टेंड और वार्ड ब्वाय के पद भरे जाएंगे। कई बार कोरोना वारियर्स हंगामा कर समायोजन की मांग कर चुके हैं। 163 कोरोना वारियर्स की हुई थी भर्ती कोरोना काल में शासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने जनपद स्तर पर 163 कोरोना वारियर्स की भर्ती की थी। समय से मानदेय न मिलने पर 50 स्वास्थ्य कर्मचारी नौकरी छोड़कर चले गए थे। उसके बाद 31 जुलाई 2024 को शेष रह गए 113 कोरोना वारियर्स की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। शासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने 113 कोरोना वारियर्स में 16 कर्मचारियों का समायोजन कर दिया था। उसके बाद 97 कर्मचारियों में 38 स्टाफ नर्स काे भी भर्ती कर उनकी तैनाती कर दी गई थी। अब 59 कोरोना वारियर्स में 44 की भर्ती किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इनमें अधिकांश कर्मचारी चतुर्थश्रेणी के हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अवनींद्र कुमार ने बताया कि 44 पदों को चिह्नित किया गया है। दीपावली के बाद कोरोना वारियर्स का समायोजन कर उनकी तैनाती कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह भर्ती विभिन्न कार्यक्रम व योजना के तहत की जाएगी।

भारत-मिस्र साझेदारी: इलेक्ट्रिक वाहनों और फिनटेक में दोनों देशों के लिए बड़ा फायदा

नई दिल्ली  एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक वार्ता इलेक्ट्रिक वाहनों, खाद्य सुरक्षा, रक्षा, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स में सहयोग की अपार संभावनाओं के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाएगी। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वेस्ट एशियन स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर मुदस्सिर कमर को कोट करते हुए अरब न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोनों देशों के बीच स्टार्टअप्स, रिन्यूएबल एनर्जी, एआई, फिनटेक, इलेक्ट्रिक वाहन, खाद्य सुरक्षा आदि जैसे उभरते और विशिष्ट क्षेत्रों सहित संबंधों को बेहतर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश, ऊर्जा और रक्षा संबंध सहयोग के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। मिस्र खासकर स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश के लिए उत्सुक है, जो व्यापक निवेश प्रोत्साहन और विभिन्न कर और सीमा शुल्क छूट प्रदान करता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच अपनी पहली रणनीतिक वार्ता के बाद कहा कि भारत और मिस्र स्टार्टअप्स, फिनटेक, साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मिस्र के विदेश मंत्री डॉ. बद्र अब्देलाती दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने 2023 में भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से गहन सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, समुद्री और आतंकवाद-रोधी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने अरब न्यूज को बताया कि दोनों पक्ष डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक, फार्मास्यूटिकल्स, स्टार्ट-अप और इनोवेशन के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमत हुए। स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र को भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रमुख निवेश अवसर बताते हुए, मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलाती ने कहा कि यह अंतरमहाद्वीपीय राष्ट्र लाल सागर के उत्तर-पश्चिम में स्वेज की खाड़ी के किनारे एक भारतीय औद्योगिक क्षेत्र बनाने का इच्छुक है।