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उत्तर बस्तर कांकेर में गृह निर्माण मंडल की पहल, वैध और विकसित कॉलोनी में भवन का सुनहरा अवसर

उत्तर बस्तर कांकेर : गृह निर्माण मंडल दे रहा वैध व विकसित कॉलोनी में भवन प्राप्त करने का सुनहरा अवसर उत्तर बस्तर कांकेर मनुष्य की चार मूलभूत आवश्यकताओं में एक है- सुविधायुक्त आवास। कम आय वाले परिवारों को खुद का आवास तैयार करने में काफी परेशानियों और वित्तीय लागत से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा जिले में अटल विहार योजना द्वारा कम लागत में सर्वसुविधायुक्त आवास तैयार कर आम लोगों के सपनों को साकार किया जा रहा है। इसके तहत कांकेर नगर के रामनगर कांकेर में मण्डल द्वारा कॉलोनी विकसित की गई है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल प्रक्षेत्र कोण्डागांव के संपदा अधिकारी ने बताया कि नगरपालिका सीमा क्षेत्र में प्रयास आवासीय विद्यालय के समीप मण्डल द्वारा विकसित एवं राज्य प्रवर्तित अटल विहार योजना रामनगर कांकेर में 354 नग विभिन्न श्रेणियों के भवनों का निर्माण एवं विकास कार्य किया जाना है। योजना के प्रारंभिक चरणों में 216 नग भवनों निर्माण कर विक्रय किया जा चुका है और 33 नग भवनों का निर्माण प्रगति पर है। जिले मे अटल विहार योजना के तहत कॉलोनी विकसित की गई, जो पूर्णताः की ओर है। उन्होंने बताया कि कॉलोनी का विकास कार्य भी पूर्णता की ओर है तथा निर्मित व विक्रित सभी भवनों में आबंटी निवासरत हैं। शेष 105 नग भवनों का निर्माण शीघ्र किया जाएगा, जिसका पंजीयन/बुकिंग जारी है। कांकेर शहर के भीतर विकसित कॉलोनी में भवन क्रय करने का यह अच्छा अवसर है। निर्माण हेतु प्रस्तावित भवनों जिनमें सीनियर एम.आई.जी. का ऑफसेट मूल्य 39.24 से 44.13 लाख के बीच है। इसी प्रकार जूनियर एम.आई.जी. भवनों का ऑफसेट मूल्य 30.35 लाख से 34.83 लाख रूपए है। भवनों की पंजीयन/बुकिंग भवन मूल्य का 10 प्रतिशत है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा अटल आवास योजना के तहत ग्राम कराठी भानुप्रतापपुर में कॉलोनी विकसित की गई है। योजना के प्रथम चरण में 126 नग अटल आवास भवनों का निर्माण कर विक्रय किया जा चुका है। निर्मित व विक्रित सभी भवनों में आबंटी निवासरत हैं तथा 87 नग ईडब्ल्यूएस भवनों का पंजीयन/बुकिंग जारी है। भानुप्रतापपुर में विकसित कॉलोनी में भवन क्रय करने का यह अच्छा अवसर है। ईडब्ल्यूएस भवन का ऑफसेट मूल्य 6.75 लाख रूपए तथा इसकी धरोहर राशि 25 हजार रूपए निर्धारित है। संपदा अधिकारी ने जानकारी दी है कि भवनों का आबंटन ऑनलाइन ऑफर के माध्यम से स्ववित्तीय आधार पर किया जाएगा। भवन क्रय करने हेतु किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु मण्डल की वेबसाइट www.cghb.gov.in टोल फ्री नं. 18001216313 अथवा उपसंभाग कार्यालय इमलीपारा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कांकेर में या मोबाइल नं. +91-8109135551, +91-7697192220, +91-9770233073 से संपर्क किया जा सकता है।

बच्चों की पढ़ाई में बढ़ावा: स्टडी रूम के वास्तु टिप्स

बच्चों की पढ़ाई में ध्यान न लगना, जल्दी थक जाना या मन भटकना आजकल आम समस्या बन गई है। कई बार इसका कारण सिर्फ आदतें या पढ़ाई का तरीका नहीं होता, बल्कि घर का वास्तु भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। अगर स्टडी रूम का वास्तु सही न हो, तो बच्चे का फोकस और मेमोरी दोनों प्रभावित हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे आसान वास्तु उपाय, जो आपके बच्चे के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। स्टडी रूम की दिशा का सही चयन करें वास्तु के अनुसार, बच्चों का स्टडी रूम उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना सबसे शुभ माना जाता है। इन दिशाओं से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा एकाग्रता बढ़ाती है और बच्चे में सीखने की क्षमता को मजबूत करती है। पढ़ाई की मेज की दिशा वास्तु के अनुसार, बच्चों को पढ़ते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इससे याददाश्त बेहतर होती है और मन शांत रहता है। ध्यान रखें कि पीठ दरवाजे या खिड़की की ओर न हो, क्योंकि इससे ध्यान भटकता है। कमरे में प्रकाश और हवा का सही संतुलन स्टडी रूम में प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा का आना बहुत ज़रूरी है। तेज और साफ रोशनी दिमाग को सक्रिय रखती है। अगर संभव हो तो स्टडी टेबल को ऐसी जगह रखें जहां दिन की रोशनी आसानी से पहुंचे। आईना और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं न रखें वास्तु के अनुसार, स्टडी रूम में आईना, टीवी या मोबाइल जैसी चीज़ें रखने से बचें। ये वस्तुएं ध्यान भटकाती हैं और बच्चों के फोकस को कम करती हैं।

घर का सोना-चांदी असली है या नहीं? जानें तुरंत जांचने के आसान तरीके

भोपाल  आपके घर में सोना-चांदी होगा या फिर दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहार सामने आ रहे हैं, ऐसे में आपके दिमाग में जरूर आ रहा होगा. जो सोना हम खरीद रहे हैं, क्या यह असली है या फिर नकली? क्या हमें बेवकूफ तो नहीं बनाया जा रहा है? सोने-चांदी खरीदते समय यह प्रश्न हर कस्टमर के दिमाग में जरूर होता है, लेकिन अब इसकी पहचान चुटकियों में हो जाएगी. हालांकि सोने और चांदी जानने की कई विधियां आपने सोशल मीडिया पर देखी होगी. लेकिन उन विषयों विधियों पर बिल्कुल भी विश्वास न करें. क्योंकि सोने और चांदी की सबसे अच्छी पहचान हॉलमार्क के अलावा कुछ भी नहीं हो सकती. ऐसा हम नहीं ऐसा सराफा के एक्सपर्ट्स कहते हैं. 6 अंक का डिजिट बताता है सोने की शुद्धता एक्सपर्ट अभिजीत जैन के मुताबिक, सोना खरीदते समय BIS का लोगो जरूर देखें. यह लोगों सोने की शुद्धता को बताता है. सोने की शुद्धता का कैरेट और नंबर को देखना चाहिए. जहां 22K 218 जैसे नंबर लिखे होते हैं. यह 6 अंक के डिजिट एचयूआईडी नंबर कहलाते हैं. यदि इस नंबर को BIS केयर ऐप में डाला जाए. तब सारी जानकारी जेवर से संबंधित मिल जाती है कि आपने कौन सा जेवर खरीदा है और इसकी शुद्धता के साथ इसे कब बनाया गया है. कम रेट होने पर हो जाएं अलर्ट इसके अलावा चांदी के निशान में भी BIS के निशान होते हैं, जिसमें 975 जैसे अंक लिखे होते हैं. जिसका मतलब होता है कि आपके द्वारा ली गई चांदी 97.5% शुद्ध चांदी है. उन्होंने बताया सोने और चांदी को पहचानने का यह तरीका सबसे बेस्ट होता है, इसके अलावा कोशिश करनी चाहिए, मार्केट में अच्छी छवि वाले सराफा व्यापारी से ही सोने-चांदी को खरीदना चाहिए. उन्होंने बताया हॉलमार्क देखना जरूरी होता है क्योंकि मार्केट में अधिकांश 22 कैरेट, 18 कैरेट और 20 कैरेट के जेवर आते हैं. जहां 22 कैरेट के सोने को 18 कैरेट का बताकर कुछ दुकान दर कम रेट में बेच देते हैं. इसीलिए कम रेट होने पर हॉलमार्क जरूर देखना चाहिए. घरों में इस तरह अपनाई जा सकती है ट्रिक  हालांकि, घरों में भी सोने और चांदी का परीक्षण किया जा सकता है, लेकिन इसकी गारंटी नहीं होती. जैसे चुंबक का उपयोग कर सोने का परीक्षण किया जा सकता है. अगर सोना चिपकता है तो उसमें मिलावट हो सकती है. इतना ही नहीं असली सोने को, पानी में भरें बर्तन में डालें. अगर यह तुरंत डूब जाता है तो यह असली है. जबकि सोना धीरे-धीरे डूबता है या फिर तैरता है, तब सोना नकली हो सकता है. चांदी के परीक्षण में चांदी पर बर्फ का एक टुकड़ा रखें. अगर बर्फ बहुत जल्दी पिघलती है, तो चांदी असली है. इसके साथ ही चांदी के सिक्के को जमीन पर गिराए, अगर घंटी जैसी आवाज आती है. तो वह असली चांदी हो सकती है.  

मध्य प्रदेश में हज 2026 के लिए महिला महरम कोटे में 500 सीटें जारी

भोपाल  मप्र सहित देश भर से 500 महिलाएं अगले साल महरम कोटे से हज के मुकद्दस सफर पर जाएंगी। इसके लिए ऑन लाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई है। इस संबंध में केंद्रीय हज कमेटी द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।  इस सुविधा के लिए वे ही महिलाएं आवेदन के लिए पात्र होंगी, जिनके परिजन में से पहले किसी का हज यात्रा के लिए चयन हो चुका है। अब उन महिलाओं के पास पोर्ट भी बन गए हैं। आवेदन हज कमेटी की वेबसाइट पर किए जा सकेंगे। इसके लिए 2026 दिसंबर तक का वेलिड पासपोर्ट अनिवार्य है। आवेदन अधिक आने पर हज कमेटी द्वारा कुर्रा निकाला जाएगा।  

सफल बनने का फ़ॉर्मूला: इन 3 बातों के बिना नामुमकिन है सफलता

लाइफ में सक्सेज तो सभी चाहते हैं। लेकिन सफलता उसे ही मिलती है जो मेहनत करता है। हालांकि इसके साथ मेहनत किस दिशा में और कितनी की जा रही है, ये बात भी निर्भर करती है। अगर आप अपने करियर, फैमिली या किसी भी चीज में सफलता चाहते हैं तो इन तीन चीजों को जरूर याद रखें। तभी सक्सेज मिलने में आसानी होगी। जानें क्या हैं वो तीन चीजें, जिसे करने के लिए हर सफल इंसान कहता है। आत्मविश्वास किसी भी काम को करने के लिए आत्मविश्वास का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। जब आप खुद पर भरोसा करेंगे कि ये काम आप कर सकते हैं। फिर वो चाहे आसान हो या कठिन पूरा जरूर होता है। स्पष्टता लाइफ में किस इंसान के साथ जिंदगी बितानी है या फिर किस दिशा में करियर बनाना है। आपकी सोच और माइंड बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। तभी आप सफल हो सकते हैं। जब आपका माइंड बिल्कुल क्लियर होगा उसमे दुविधा की स्थिति नहीं होगी तभी आप सही दिशा में मेहनत कर पाएंगे और खुद में आत्मविश्वास भी महसूस करेंगे। निरंतरता यानी कंस्सिटेंसी 'करत-करत अभ्यास ते, जड़मत होत सुजान' इस दोहे का अर्थ है कि लगातार अभ्यास करने से मूर्ख भी बुद्धिमान हो जाता है। जब आप किसी काम को लगातार करते हैं, बिना रुके करते हैं। तो एक ना एक दिन सफलता आपको जरूर मिलती है। इसलिए अपने काम में निरंतरता बनाकर रखें। बिना रुके सही दिशा में और पूरे आत्मविश्वास के साथ किया गया काम आपको सफलता जरूर दिलाता है।  

घर के प्रवेश द्वार पर करें यह छोटा सा काम, खुशियों से भर जाएगा जीवन

हम सभी जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक घर में सही ऊर्जा का होना उसके रहन-सहन, मानसिक शांति, और समृद्धि को प्रभावित करता है। जब भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, तो यह न केवल वहां रहने वाले लोगों की मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में भी परेशानियाँ ला सकता है। वास्तु शास्त्र में ऐसी कई उपायों का उल्लेख किया गया है, जिनके माध्यम से हम अपने घर की ऊर्जा को शुद्ध कर सकते हैं। एक ऐसा प्रभावी और सरल उपाय है- नमक का उपाय, जिसे मुख्य द्वार पर किया जा सकता है, जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में सहायक है। नमक का उपाय कैसे करें वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के पास एक छोटा सा नमक का ढेर रखना घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने का एक प्रभावी तरीका है।  घर के मुख्य द्वार पर एक छोटा सा बर्तन या प्लेट लें। उस बर्तन में सफेद नमक भरकर रखें। ध्यान रखें कि नमक को पूरी तरह से ढक कर रखें, ताकि यह अधिक समय तक प्रभावी बने। यदि आपको किसी खास स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है, तो वहां भी नमक रखें। यह उपाय न केवल घर के वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को सोखने और सकारात्मकता को आकर्षित करने में भी मदद करता है। नमक और काली मिर्च का मिश्रण: अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक है, तो आप नमक और काली मिर्च का मिश्रण भी बना सकते हैं। काली मिर्च भी एक शुद्धिकरण सामग्री है, जो घर के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। इसके लिए आप निम्नलिखित विधि अपना सकते हैं: नमक से घर की सफाई करना: नमक का उपयोग केवल वातावरण को शुद्ध करने के लिए नहीं बल्कि घर की सफाई में भी किया जा सकता है। विशेष रूप से, मुख्य द्वार और प्रवेश स्थानों की सफाई नमक के पानी से करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। एक बाल्टी पानी में एक चम्मच नमक डालकर अच्छे से घोलें। इस पानी से मुख्य द्वार और आसपास के स्थानों की सफाई करें। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया केवल सफाई के लिए हो  और नमक का पानी घर के अन्य स्थानों पर न फैलने पाए। नमक के उपाय से घर में होने वाले लाभ नमक का उपाय घर के वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे घर में मानसिक शांति बनी रहती है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। नमक का उपाय न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि यह समृद्धि और सुख-शांति का संचार भी करता है। जब घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, तो यह आर्थिक समृद्धि, खुशहाल पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।  नमक के उपाय से शुद्ध वातावरण बनता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह वातावरण में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे घर में रहने वाले लोग मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब घर में नकारात्मक ऊर्जा होती है, तो यह रिश्तों में तनाव और विवाद का कारण बन सकती है। नमक के उपाय से घर में शांति बनी रहती है, जिससे रिश्तों में सुधार होता है और परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ अच्छे से रहते हैं।

OpenAI का नया कदम: ChatGPT में जोड़ा जाएगा ‘एडल्ट मोड’ फीचर

नई दिल्ली ChatGPT मेकर OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने अपने प्लेटफॉर्म की पॉलिसी में बड़े बदलाव का ऐलान कर दिया है. अब कुछ यूजर्स को एडल्ट कंटेंट तक का एक्सेस मिलेगा. हालांकि इसे कम उम्र के यूजर्स एक्सेस नहीं कर सकेंगे.  सैम ऑल्टमैन ने  पोस्ट करके कहा, दिसंबर में हम पूरी तरह से उम्र को लेकर नियम लागू करेंगे और एडल्ट यूजर्स को एडल्ट की तरह सर्विस का एक्सेस देंगे. इसके बाद वेरिफाइड एडल्ट्स को एडल्ट जैसे कंटेंट तक पहुंच दी जाएगी. हालांकि अभी तक कंपनी ने ये क्लियर नहीं किया गया है कि एडल्ट कंटेंट के एक्सेस के रूप में कौन-कौन सी परमिशन दी जाएंगी. बताते चलें कि यह बदलाव OpenAI के सबसे बड़े बदलावों में से एक है.  यूजर्स की जरूरत या राइवल्स का प्रेशर  दरअसल, मार्केट में Elon Musk का Grok AI और कई प्लेटफॉर्म यूजर्स को एडल्ट कंटेंट तक का एक्सेस दे रहे हैं, जिसको लेकर कई बार विवाद भी खड़ा हुआ है. इसके बावजूद उन कंपनियों ने अपनी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया. अब ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि OpenAI यूजर्स को क्या वाकई इस मोड की जरूरत है या फिर कंपनी अपने राइवल्स से आगे निकलने के लिए ये एक्सेस दे रही है.  सैम ऑल्टमैन ने मौजूदा पॉलिसी को लेकर कही ये बात  सैम ऑल्टमैन ने बताया कि ChatGPT के मौजूदा वर्जन को ऐसे तैयार किया था, जिससे वह यूजर्स के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान ना पहुंचाए. इसके लिए यूजर्स को कई तरह के कंटेंट से दूर रखा गया, जिसकी वजह से उन यूजर्स को भी नुकसान हुआ है जो मानसिक रूप से मजबूत हैं.  सैम ऑल्टमैन ने कहा कि अब हमारे पास नए टूल्स हैं, जिनकी मदद से हम कुछ मामलों में सुरक्षा को फॉलो करते हुए नियमों में ढील दे सकेंगे. यहां न्यू टूल्स से मतलब पैरेंटल कंट्रोल्स से हो सकता है. कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  टीएनजर्स वर्जन के लिए अलग से पॉलिसी और फीचर्स को सीमित कर रहे हैं, जिसमें कुछ कंट्रोल्स उनके पैरेंट्स के पास होता है. अब चैटजीपीटी में भी पेरेंट्ल कंट्रोल जैसा एक्सेस दिया जा सकता है, हालांकि आने वाले दिनों में इसको लेकर और भी जानकारी सामने आएंगी.

सॉफ्ट और गुलाबी होंठ पाने के लिए आजमाएं ये नैचुरल उपाय

गुलाबी और मुलायम होंठ किसी भी चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। लेकिन धूप, धूल, प्रदूषण, स्मोकिंग, पानी की कमी, केमिकल वाली लिपस्टिक का ज्यादा इस्तेमाल और पोषण की कमी जैसे कारणों से होंठ काले, रूखे और बेजान हो जाते हैं। ऐसे में नेचुरली पिंक लिप्स पाने के लिए केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट के बजाय घरेलू उपायों पर भरोसा करें। ये उपाय सुरक्षित, असरदार और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में। गुलाबी होंठों के लिए आसान टिप्स     गुलाब की पंखुड़ियां और दूध- गुलाब की पंखुड़ियों को रातभर कच्चे दूध में भिगोकर सुबह पीस लें। इस पेस्ट को होंठों पर 15 मिनट लगाकर धो दें। यह होंठों को नमी देता है और उनमें नेचुरली गुलाबी रंग लौटाता है।     चुकंदर का रस- चुकंदर में नेचुरल पिगमेंट होते हैं जो होंठों को हल्का रंग देते हैं। सोने से पहले इसका रस लगाएं और सुबह धो लें। यह धीरे-धीरे होंठों की रंगत सुधारता है।     शहद और नींबू- एक चम्मच शहद में कुछ बूंदें नींबू रस की मिलाएं और होंठों पर लगाएं। ये होंठों की ब्लैकनेस दूर कर उन्हें सॉफ्ट बनाता है।     एलोवेरा जेल- ताजा एलोवेरा जेल को होंठों पर लगाना उन्हें मॉइस्चराइज करता है और डैमेज से बचाता है।     नारियल तेल- रात को सोने से पहले होंठों पर नारियल तेल लगाना उन्हें हाइड्रेट और पोषित रखता है।     ब्राउन शुगर स्क्रब- ब्राउन शुगर और शहद मिलाकर हल्के हाथों से होंठों की स्क्रबिंग करें। इससे डेड स्किन हटती है और होंठ सॉफ्ट और पिंकी बनते हैं।     पानी भरपूर पिएं- डिहाइड्रेशन होंठों को रूखा बना देता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।     विटामिन-ई ऑयल- विटामिन-ई कैप्सूल को तोड़कर उसका तेल होंठों पर लगाएं। यह डैमेज स्किन को रिपेयर करता है।     केमिकल वाले लिपस्टिक से बचें- हमेशा हाई-क्वालिटी या हर्बल लिपस्टिक का इस्तेमाल करें और लिप्स को रात के  समय अच्छे से साफ करके सोएं।     हेल्दी डाइट लें- विटामिन-सी, ई और आयरन से भरपूर फूड्स होंठों की नेचुरल सुंदरता बनाए रखने में मदद करते हैं। इन घरेलू और बेहद आसान उपायों को अपनाकर आप अपने होंठों को न सिर्फ गुलाबी बना सकते हैं, बल्कि उनकी नमी और कोमलता भी लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।  

रायपुर में शुरू हुई दामिनी एवं मेघदूत एप, अब आकाशीय बिजली और मौसम की पूरी खबर आपके मोबाइल पर

रायपुर दामिनी (Damini) भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक मोबाइल ऐप है जो लोगों को आकाशीय बिजली गिरने से पहले सचेत करता है, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सके। यह ऐप मौसम विभाग के उपकरणों जैसे इसरो सैटेलाइट और रडार सेंसर का उपयोग करता है और उपयोगकर्ता के स्थान के 20-40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने से पहले अलर्ट भेजता है। इसी प्रकार मेघदूत ऐप एक मोबाइल एप्लिकेशन है जो किसानों को मौसम-आधारित कृषि सलाह देता है। यह ऐप किसानों को स्थानीय मौसम पूर्वानुमान, तापमान, वर्षा और आर्द्रता जैसी जानकारी के साथ-साथ फसल की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक सलाह प्रदान करता है। भारत सरकार के दामिनी एप एवं मेघदूत एप के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए  हैं। प्रदेश में आए दिन आकाशीय बिजली की घटना घटित होने के कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचना प्राप्त होती है। दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान में आवश्यक तैयारी, उपाय आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी तरह मेघदूत एप मुख्य रूप से मौसम पूर्वानुमान (तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि)से संबंधित है, जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  आपदा के समय नागरिकों को तत्काल सहायता पहुँचाने हेतु जारी टोल फ्री आपदा सहायता नंबर 1070 के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। एप के उपयोग के संबंध में जिला, तहसील तथा ग्रामों में निवासरत पटवारी, सरपंच, सचिव, शासकीय शिक्षक, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार तथा कोटवार के द्वारा मुनादी करवाकर मोबाइल फोन पर डाउनलोड करवाने के लिए जनसामान्य को जागरूक किया जाएगा। किसानों की फसलों का कवच बन रहा हैं मेघदूत एप मौसम विभाग में मेघदूत नाम का एक ऐप विकसित किया गया है जो किसान की फसलों का सुरक्षा कवच साबित हो रहा है। मेघदूत ऐप डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोडने के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है। इसका उपयोग बेहद सरल है, इसके माध्यम से मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह मिलती है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा और फिर अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण करके मौसम की जानकारी का अलर्ट पा सकते हैं। आकाशीय बिजली से किसानों को दामिनी एप से मिलेगी सुरक्षा दामिनी एपके माध्यम से किसानों को आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के संबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाएगी। इस एप पर रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत किसान की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 40 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एसएमएस के माध्यम से अलर्ट मिलेगा।

हथियारों की खरीद पर सरकार आक्रामक, आधा डिफेंस बजट उड़ा, कई डील्स पेंडिंग में

नई दिल्ली भारतीय सेना को स्वदेशी और आधुनिक बनाने के लिए तेजी से निवेश किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में रक्षा खरीद (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. मात्र कुछ महीनों के भीतर ही रक्षा मंत्रालय ने इस पूरे आवंटन का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च कर दिया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष (FY) 2025-26 में मंत्रालय ने सितंबर 2025 के अंत तक कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग कर लिया है. कुल आवंटन 1,80,000 करोड़ रुपये में से 92,211.44 करोड़ रुपये (51.23%) खर्च किए जा चुके हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में रक्षा मंत्रालय ने 1,59,768.40 करोड़ रुपये का 100% कैपिटल एक्सपेंडिचर खर्च किया था. लगातार की जा रही है खरीद रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग करने से महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म जैसे एयरक्राफ्ट, शिप, पनडुब्बी, हथियार प्रणाली आदि की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित होगी, जो आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है. अधिकतर खर्च एयरक्राफ्ट और एयरो इंजन पर किया गया है. इसके बाद लैंड सिस्टम्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर उपकरण, हथियार और प्रोजेक्टाइल पर खर्च हुआ है. कैपिटल एक्सपेंडिचर रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक है, क्योंकि इसके तहत नए हथियारों की खरीद, अनुसंधान एवं विकास, और सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है. स्वदेशीकरण पर फोकस अपने देश में बने हथियारों से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में स्वदेशीकरण की मुहिम तेज़ी से आगे बढ़ रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 से ही रक्षा मंत्रालय घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए धन आवंटित कर रहा है, जिससे ये उद्योग लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 में घरेलू उद्योगों के लिए 1,11,544.83 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अब तक घरेलू खरीद के लिए आवंटित राशि का 45% तक का महत्वपूर्ण खर्च दर्ज किया गया है. यह आवंटन रक्षा प्रौद्योगिकी और निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ MSMEs, स्टार्ट-अप्स आदि को इस क्षेत्र में आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है. सशस्त्र बलों की सेवाओं के लिए पूंजीगत आवंटन में पिछले कई वर्षों से लगातार वृद्धि देखी जा रही है. पिछले पांच वर्षों में इसमें लगभग 60% की बढ़ोतरी हुई है.