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राहुल की यात्रा में दिखी एकता, पर तेजस्वी की चुप्पी के पीछे क्या है गठबंधन की गांठ?

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा दोनों गठबंधनों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. एनडीए में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी अधिकाधिक सीटें हासिल करने के लिए लंबे समय से बवेला मचाए हुए हैं. मांझी अब 20 सीटों के लिए अड़े हुए हैं. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर (LJP-R) को न सिर्फ सीटें चाहिए, बल्कि अब सीएम पद की रेस में भी उन्हें शामिल कर दिया है. चिराग के बहनोई सांसद अरुण पासवान की नजर में चिराग सीएम पद के लिए फिट कैंडिडेट हैं. मांझी ने अधिक सीटें मांगने के पीछे के कारण भी उजागर कर दिए हैं. उनका कहना है कि पार्टी को सदन में मान्यता के लिए कम से कम 8सीटों पर जीतना जरूरी है. और, यह तभी संभव होगा, जब उनकी पार्टी को 20 या इससे अदिक सीटें मिलें. एनडीए का तो रिकार्ड ही रहा है कि टिकट बंटवारे से पहले खूब चिल्ल-पों मचती है, लेकिन जिसे जितनी सीटें मिलती हैं, वे उससे ही संतुष्ट हो जाते हैं. सबसे मुश्किल हालात 8 विपक्षी दलों के महागठबंधन में पैदा हो गए हैं. कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे की शर्तों को लेकर घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस ने कसी RJD की नकेल महागठबंधन के दो सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर तलवारें तन गई हैं. अव्वल तो कांग्रेस तेजस्वी को चुनाव से पहले सीएम फेस घोषित करने को तैयार नहीं, जबकि तेजस्वी खुद को सीएम फेस बताते रहे हैं. बिहार अधिकार पर निकले तेजस्वी कांग्रेस की चुप्पी के बावजूद अपने को भावी सीएम के रूप में पेश कर रहे हैं. पहले भी वे कई बार यह बात कह चुके हैं. राहुल के साथ वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि राहुल को पीएम और उन्हें सीएम बनाने के लिए वोट कीजिए. जहां तक सीटों का सवाल है तो कांग्रेस 2020 की तरह मनपसंद 70 सीटें तो चाहती ही है, साथ ही अब उप मुख्यमंत्री का पद भी मांगने लगी है. दोनों दलों के बीच तनातनी का आलम यह है कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर 15 सितंबर को होने वाली महागठबंधन की बैठक टालनी पड़ गई. अब तेजस्वी यादव ने भी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. खींचतान से महागठबंधन में दिख रही दरार अगर टूट की बुनियाद बन जाए तो आश्चर्य नहीं. बिहार की वह सीट, जिसे लेकर RJD-कांग्रेस में खींच गई तलवार बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग का मसला गरमा गया है. खासकर कुटुंबा (SC) विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस और आरजेडी के बीच खींचतान तेज हो गई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आरजेडी ने इस सीट से पूर्व मंत्री सुरेश पासवान का नाम आगे कर दिया है. इससे कांग्रेस नेताओं में नाराजगी है. कांग्रेस का आरोप है कि आरजेडी जानबूझकर दबाव की राजनीति कर रही है और कुटुंबा में उनकी मजबूत स्थिति को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. दरअसल, कुटुंबा सीट पर कांग्रेस का लगातार दबदबा रहा है. मौजूदा विधायक राजेश कुमार और उनके पिता सात बार से इस सीट पर कब्जा बनाए हुए हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी राजेश कुमार ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. उन्हें 50,822 वोट मिले थे, जबकि रनर-अप हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के उम्मीदवार शर्वन भुइंया को 34,169 वोट ही मिले. कांग्रेस ने तब 16,653 वोटों के अंतर से यह सीट अपने नाम की थी. साल 2020 के नतीजे कैंडिडेट    कुल वोट     वोट शेयर राजेश कुमार    50,822    36.61% शर्वन भुइंया    34,169    24.61% कहां फंसा है मामला? यही वजह है कि कांग्रेस मानती है कि इस सीट पर उनकी स्थिति बेहद मजबूत है और आरजेडी का नया चेहरा थोपना केवल राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार आरजेडी की मोहताज नहीं है और बदली हुई परिस्थितियों में बेहतर तरीके से चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस नेताओं का यह भी आरोप है कि राजेश राम को डिप्टी सीएम का चेहरा सामने न लाने के लिए भी अंदरखाने राजनीति हो रही है. यानी, महागठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर खींचतान खुलकर सामने आने लगी है. 76 सीटों पर दावेदारी इसी बीच, खबर है कि कांग्रेस ने इस बार बिहार की 76 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. इनमें से 38 सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इन सीटों पर आरजेडी के ग्रीन सिग्नल का इंतजार नहीं करेगी. यानी, पार्टी अब अपनी रणनीति खुद बनाने के मूड में है. आज दिल्ली में कांग्रेस की अहम बैठक भी होने वाली है, जिसमें बिहार कांग्रेस के कई नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस अपने रुख को और स्पष्ट करेगी. अब देखना यह है कि यह खींचतान सीट शेयरिंग फॉर्मूले को कितना प्रभावित करती है और क्या महागठबंधन एकजुट रहकर मैदान में उतर पाता है. कांग्रेस की आक्रामक दावेदारी सीटों की संख्या के लिए आरजेडी के सामने कांग्रेस ने 2020 को आधार बनाने की शर्त रखी है. तब कांग्रेस को महागठबंधन में 70 सीटें मिली थीं. कांग्रेस का कहना है कि उसे जो सीटें दी गईं, उसमें आधी से अधिक कमजोर सीटें थीं. इसलिए उसने टिकट बंटवारे में अच्छी-बुरी सीटों में संतुलन बनाने की दूसरी शर्त रखी है. कांग्रेस केवल 19 सीटें जीत पाई थी. उसके खराब स्ट्राइक रेट को महागठबंधन की हार का एक मुख्य कारण माना गया था. कांग्रेस का कहना है कि उसे आधी से अधिक वैसी कमजोर सीटें मिली थीं, जिसकी वजह से उसका स्ट्राइक रेट खराब रहा. कांग्रेस ने अपने लिए उप मुख्यमंत्री पद की तीसरी शर्त रखी है. महागठबंधन में शामिल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी डिप्टी सीएम पद के लिए पहले से ही हाय-तौबा मचाए हुए हैं. सहनी तो यहां तक कहते हैं कि अगर तेजस्वी सीएम बनेंगे तो उनका डिप्टी सीएम बनना पक्का है. कांग्रेस की शर्तों से यह साफ है कि काग्रेस अब बिहार में अपने को आरजेडी का पिछलग्गू बनाए रखने से बचना चाहती हैं. राहुल की वोटर अधिकार … Read more

राहुल गांधी के Gen-Z बयान पर विश्वास सारंग ने कसा तगड़ा जवाब

भोपाल   मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जेन ज़ी (युवा पीढ़ी) ने देश को बचाने का काम किया है और यही कारण है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को बार-बार देश का प्रधानमंत्री चुना. सारंग ने राहुल गांधी पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी झूठ और भ्रामक बातों के सहारे लोगों को भड़काने की कोशिश करते हैं. उनकी राजनीति देश और उनके लिए हितकारी नहीं है. सारंग ने राहुल के रवैये को बचकाना बताया और कहा कि वह गंभीर मुद्दों को समझने में असमर्थ हैं. सारंग ने राहुल गांधी के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है, वह सिर्फ दबाव बनाएंगे. सारंग ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बयान बताया और कहा कि राहुल गांधी की नकारात्मक सोच के कारण ही जनता ने उन्हें बार-बार नकारा है. उन्होंने वोट चोरी के मुद्दे पर भी राहुल को आड़े हाथों लिया. सारंग ने कहा कि चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अगर कोई शिकायत है, तो उसे लिखित शपथपत्र के साथ दर्ज करना होगा. लेकिन राहुल गांधी बिना सबूत के बयानबाजी करते हैं. सारंग ने जोर देकर कहा कि देश का हर वर्ग, खासकर जेन ज़ी, नरेंद्र मोदी के साथ है. युवाओं में मोदी के प्रति विशेष आकर्षण है और वह उनके लिए हीरो हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार युवाओं के लिए कई कदम उठा रही है, जिससे देश 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में बढ़ रहा है. यह सपना जेन ज़ी ही साकार करेगी. सारंग ने कहा कि नकारात्मक राजनीति का कोई भविष्य नहीं है. देश का लोकतंत्र मजबूत है और जनता ने बार-बार मोदी को चुनकर यह साबित किया है. राहुल गांधी की गैर-जिम्मेदाराना बातें और भ्रामक बयानबाजी उनकी हार का कारण बनी हैं. जनता ने उनकी नकारात्मक राजनीति को पूरी तरह खारिज कर दिया है.

सैम पित्रोदा का बयान फिर बना बहस का मुद्दा, कहा – पाकिस्तान-बांग्लादेश घर जैसे, युवा पीढ़ी से की खास अपील

नई दिल्ली इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने विवादों से चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने पाकिस्तान को लेकर विवादित बयान दिया है.पित्रोदा ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में घर जैसा महसूस होता है. इतना ही नहीं उन्होंने भारत की विदेश नीति को लेकर कहा कि देश की फॉरेन पॉलिसी का फोकस पड़ोसी देशों पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार हमारी फॉरेन पॉलिसी का फोकस हमारे पड़ोसी देशों पर होना चाहिए. क्या हम पड़ोसियों के साथ हमारे संबंधों में सुधार कर सकते हैं? मैं पाकिस्तान रहा हूं और आपको बताना चाहूंगा कि मुझे वहां घर जैसा लगता है. मैं बांग्लादेश में भी रहा हूं और नेपाल में भी और मुझे वहां भी घर जैसा लगता है. मुझे इन देशों में जाकर नहीं लगता कि किसी विदेशी धरती पर हूं.  राहुल गांधी की Gen-Z से अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने कहा कि मैं देश के युवाओं से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे राहुल गांधी के साथ खड़े हों. उनकी आवाज के साथ अपनी आवाज मिलाएं. दरअसल राहुल गांधी ने Gen-Z से अपील की थी कि वे आगे आएं और देश के लोकतंत्र की रक्षा करे. बता दें कि पित्रोदा अपने विवादित बायनों की वजह से निशाने पर रहते हैं. उन्होंने पिछले साल भारत की विविधता को लेकर बयान दिया था, जिस पर खूब बवाल हुआ था. उन्होंने कहा था कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं. लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता.  उन्होंने कहा था कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है. उनके इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.  इससे पहले सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स को दिए बयान पर विवाद हो गया था. उन्होंने ये बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था.

वोटर अधिकार बनाम घुसपैठिया बचाओ यात्रा: अमित शाह ने राहुल गांधी को घेरा

रोहतास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर निशाना साधा और उनकी बिहार में निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा को घुसपैठिया बचाओ यात्रा बताया। रोहतास जिले के डेहरी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए, शाह ने कांग्रेस पार्टी पर विकास के मुद्दों की अनदेखी करने और इसके बजाय बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया। अमित शाह ने डेहरी में सभा को संबोधित करते हुए कहा, “वे (कांग्रेस) हर बार झूठा प्रचार करते हैं। राहुल गांधी ने यात्रा की। उनकी यात्रा का विषय वोट चोरी नहीं था। मुद्दा अच्छी शिक्षा, रोजगार, बिजली, सड़कें नहीं थीं। उनकी यात्रा का मुद्दा बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को बचाना था। क्या आपमें से किसी ने अपना वोट खोया है? यह राहुल गांधी की 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' थी।” कांग्रेस की यात्रा की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए शाह ने पूछा, "क्या घुसपैठियों को वोट का अधिकार होना चाहिए? क्या घुसपैठियों को नौकरी, घर, 5 लाख रुपये तक का इलाज और मुफ्त राशन मिलना चाहिए? ये राहुल बाबा एंड कंपनी वोट बैंक के लिए हमारे युवाओं की बजाय घुसपैठियों को नौकरी दे रही है।" अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के सत्ता में आने पर कथित खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह करते हुए कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम घर-घर जाएं और लोगों को बताएं कि अगर गलती से भी उनकी (महागठबंधन) सरकार बन गई, तो बिहार के हर जिले में सिर्फ घुसपैठिए होंगे।” यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में अपने चुनावी अभियान तेज कर दिए हैं। बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव की घोषणा संभव है।  

अनुराग ठाकुर का कटाक्ष: हाइड्रोजन बम फोड़ने वाले थे, फुलझड़ी से काम चला राहुल गांधी ने

नई दिल्ली लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। इसे लेकर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार चुनावी हार और जनता द्वारा खारिज किए जाने से हताश और निराश हैं। ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 'आरोपों की राजनीति' को अपना आभूषण बना लिया है, लेकिन जब इन्हीं आरोपों को साबित करने की बात आती है तो पीठ दिखाकर भाग जाते हैं।   झूठे आरोप लगाने की आदत: अनुराग ठाकुर अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी की आदत गलत और निराधार आरोप लगाने की बन गई है। उन्होंने दावा किया कि जब चुनाव आयोग उनके आरोपों को सत्यापित करने के लिए कहता है, तो वह पीछे हट जाते हैं। इसके अलावा, जब उन्हें शपथ पत्र देने के लिए कहा जाता है, तो वह मुकर जाते हैं। ठाकुर ने आगे कहा, "आरोप लगाने के बाद माफी मांगने और कोर्ट से फटकार खाने का काम राहुल गांधी का हो गया है। हर मामले में उनको फटकार ही लगी है।" हाइड्रोजन बम की जगह फुलझड़ी राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस पर तंज कसते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में हाइड्रोजन बम फोड़ने वाले थे, फुलझड़ी से काम चलाना पड़ा। "राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस 90 चुनाव हारी है" अनुराग ठाकुर ने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लगभग 90 चुनाव हारी है, जिससे उनकी हताशा और निराशा दिन व दिन बढ़ती जा रही है।   रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और झूठ बोलते हैं: अमित साटम मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने कहा, "राहुल गांधी हमेशा ऐसे बयान देकर देश को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें तकनीकी और संवैधानिक तौर पर जो करने को कहा है, वो वो नहीं करते। वो रोज़ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और झूठ बोलते हैं। मुझे लगता है कि अगर वो थोड़ा आत्मचिंतन करें कि उन्हें इतने कम वोट क्यों मिले और वो क्यों हारे, तो शायद वो ज़िंदगी में थोड़ा आगे बढ़ जाएं, क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति आत्मचिंतन करता है, तो उसे अपनी गलतियां समझ आती हैं और उन्हें सुधारने का मौका मिलता है। मुझे लगता है कि देश उन पर ध्यान नहीं दे रहा है और अगर उनके पास कोई सही आरोप है, तो उन्हें संवैधानिक, तकनीकी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। वो प्रक्रिया का पालन इसलिए नहीं कर रहे, क्योंकि उन्हें पता है कि उनका झूठ उजागर होने वाला है।" ये दिवालियापन है: संजय सेठ केंद्रीय मंत्री संजय सेठ ने कहा, "ये दिवालियापन है। आप नेता प्रतिपक्ष हैं। आप संवैधानिक संस्था पर आरोप लगा रहे हैं। आपको ना ED पर विश्वास ना CBI, ना चुनाव आयोग, ना EVM, ना जनता पर विश्वास, कभी-कभी आप सिंदूर पर प्रश्न चिन्ह खड़े करते हैं… क्या हो गया है? देश की जनता इसलिए आपको सीरियस नहीं लेती है। आपको तीसरी बार किनारे बिठा दिया तो आप अपना खीझपन चुनाव आयोग पर निकाल रहे हैं। देश की जनता फिर आपको किनारे बिठाएगी, बिहार में भी किनारे बिठाएगी।"

कांग्रेस घुसपैठियों व अर्बन नक्सल्स को बचाने की कर रही राजनीति: अनुराग सिंह ठाकुर 

धमाका नहीं, ड्रामा कर रहे राहुल गांधी: अनुराग सिंह ठाकुर  कांग्रेस घुसपैठियों व अर्बन नक्सल्स को बचाने की कर रही राजनीति: अनुराग सिंह ठाकुर  राहुल का क़बूलनामा, नहीं लड़ रहे लोकतंत्र के लिए: अनुराग सिंह ठाकुर  राहुल तथ्यों से दूर, हिट एंड रन की कर रहे राजनीति: अनुराग सिंह ठाकुर  आरोपों की राजनीति को राहुल ने बनाया आभूषण: अनुराग सिंह ठाकुर  आलंद सीट कांग्रेस के खाते में, राहुल बतायें..क्या वोट चोरी से जीते: अनुराग सिंह ठाकुर  नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री,भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद  अनुराग ठाकुर ने आज गुरुवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और राहुल गाँधी के झूठे दावों की एक-एक करके सच्चाई उजागर करते हुए राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी पर करारा हमला बोला। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए  अनुराग सिंह ठाकुर ने राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि राफेल से लेकर ‘चौकीदार चोर है’ तक और सावरकर से लेकर आरएसएस से जुड़े मुद्दे तक हर बार राहुल गांधी को कोर्ट से फटकार मिली है और उन्हें कई बार माफी मांगनी पड़ी। कीचड़ उछाल कर भाग जाने वाला राहुल गांधी का ‘हिट एंड रन’ वाला रवैया आज की भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखाई दिया।  अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एक नेता जिनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लगभग 90 चुनाव हारी, उनकी हताशा और निराशा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चुनावी हार और जनता से नकारे जाने के बावजूद, उन्होंने आरोपों की राजनीति को अपना आभूषण बना लिया है, लेकिन जब उनके लगाए गए आरोपों को प्रमाणित करने के लिए कहा जाता है, तो वे पीठ दिखाकर भाग जाते हैं। शपथपत्र देने के लिए कहा जाए, तो वे मुकर जाते हैं। गलत और निराधार आरोप लगाना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है। यह उनके लिए एक ऐसा व्यवहार बन गया है जिसमें वे बार-बार गलत और बेसलेस आरोप लगाते हैं, बाद में माफी मांगते हैं और कोर्ट से फटकार खाते हैं। चाहे राफेल का मामला हो, ‘चौकीदार चोर है’ का आरोप हो, या सावरकर जी या आरएसएस से जुड़ा मुद्दा हो या पेगासस के मामले, हर बार राहुल गांधी को कोर्ट से फटकार मिली है। कई बार उन्हें माफी मांगनी पड़ी और वे कीचड़ उछालने के बाद भाग खड़े हुए। यह ‘हिट एंड रन’ वाला रवैया आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखाई दिया। हाइड्रोजन बम फोड़ने का दावा फुलझड़ी निकला और वह भी फुस्स साबित हुआ। वरिष्ठ भाजपा सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी वोट को ऑनलाइन किसी भी आम नागरिक द्वारा हटाया या मिटाया नहीं जा सकता। किसी भी वोट को बिना प्रभावित व्यक्ति की बात सुने, हटाया या मिटाया नहीं जा सकता। 2023 में कुछ असफल प्रयास किए गए थे, जो विफल रहे। चुनाव आयोग ने ही इन मामलों की एफआईआर दर्ज करने और जांच कराने के निर्देश दिए थे। चुनाव आयोग ने पहले ही मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस उपलब्ध करवा दिए हैं। यदि ये सभी डेटा उपलब्ध हैं, तो कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक की सीआईडी ने अब तक क्या किया? रिकॉर्ड के अनुसार, आलंद विधानसभा क्षेत्र 2023 में कांग्रेस के ही उम्मीदवार ने 10,348 मतों से जीता था। तो क्या राहुल गांधी और कांग्रेस ने वोट चोरी करके जीत हासिल की थी?  अनुराग सिंह  ठाकुर ने कहा कि चुनाव दर चुनाव हार और जनता से नकार दिए जाने पर राहुल गांधी की हताशा, निराशा दिन पे दिन बढ़ती ही जा रही है। आरोपों की राजीनीति को राहुल गांधी ने अपना आभूषण बना लिया है और जब उनसे उन्हीं के लगाये आरोपों को authenticate करने को कहा जाता है तो पीठ दिखा कर भाग खड़े होते हैं। आज राहुल गांधी ने जो बातें कहीं, उसमें वे हाइड्रोजन बम खुद पर ही फोड़ बैठे और बोले कि मैं लोकतंत्र बचाने नहीं आ रहा हूँ। क्या वे लोकतंत्र को बर्बाद करने की तैयारी कर रहे हैं? गलत और निराधार आरोप लगाना, बार-बार संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाना, चुनाव आयोग पर आरोप लगाना, कभी ईवीएम पर, कभी वीवीपैट पर, कभी चुनाव नतीजों पर और कभी टूलकिट के सहारे, क्या यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति उनकी आदत बन गई है? आखिर कांग्रेस पार्टी क्या चाहती है? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता और अफसरों का दुरुपयोग करके चुनाव में लाभ उठाया, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सही रास्ता दिखाया। राजीव गांधी की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव स्थगित नहीं हुआ। यदि चुनाव एक महीने के लिए स्थगित किया गया होता, तो उस समय के चुनाव आयोग ने किस पार्टी को लाभ पहुँचाया? रमा देवी जी, एम.एस. गिल, टी.एन. शाशन समेत अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति किस पार्टी ने की और बाद में वे किस दल में लौट गए? सभी कांग्रेस पार्टी में। राहुल गांधी का बार-बार प्रयास यही है कि भारत के निष्पक्ष चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर प्रहार किया जाए और लोकतंत्र को कमजोर किया जाए। राहुल गाँधी लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं, जैसे बांग्लादेश और नेपाल में स्थितियाँ बनी, वैसी स्थिति ये भारत में करना चाहते हैं लेकिन देश की जनता उनके भ्रमजाल में नहीं फंसने वाली। देश में हाल ही में एक और उदाहरण सामने आया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मलूर विधानसभा के 2023 के चुनाव को खारिज किया, जो कांग्रेस ने वोटों के गबन के साथ जीता था। कोर्ट ने भाजपा उम्मीदवार मंजूनाथ गौड़ा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि मलूर विधानसभा में मतगणना के दौरान गंभीर अनियमितताएं हुईं। क्या कांग्रेस ने फेरबदल करके सीट जीती थी? भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी को जवाब देना ही होगा। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और उस समय के चुनाव आयुक्तों का जिक्र करते हुए कहा कि जब नवीन चावला की नियुक्ति हुई, तो तत्कालीन चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने आरोप लगाया और प्रेसिडेंट को लिखा कि चावला संवेदनशील और गोपनीय जानकारी लीक कर रहे हैं। सांसद ने सवाल उठाया कि जब राहुल गांधी ने बार-बार आरोप लगाए और कोर्ट गए, तो उन्हें बार-बार माफी मांगनी पड़ी और कोर्ट से फटकार भी मिली। क्या इसी … Read more

चुनाव आयोग का जवाब – मतदाता सूची से नाम हटने पर मिलता है सुधार का मौका

नई दिल्ली  राहुल गांधी की ओर से लगाए आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से जवाब दिया गया है। आयोग ने कहा कि किसी भी वोटर को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता। इलेक्शन कमिशन ने कहा कि राहुल गांधी के सारे आरोप आधारहीन और गलत हैं। चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वोट काटने से पहले पक्ष रखने का मौका मिलता है। आयोग ने कहा कि यदि किसी का नाम डिलीट हुआ तो फिर डीएम और सीईओ के पास शिकायत भेजनी होती है। दरअसल राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि अनजान नंबरों से वोट डिलीट किए गए हैं। राहुल गांधी ने कर्नाटक की आलंद सीट का उदाहरण देते हुए कहा था कि एक नंबर का इस्तेमाल करते हुए 10 से 12 नंबर डिलीट हुए। वहीं चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जा सकता। आयोग के सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी। आलंद सीट पर वोटरों के नाम डिलीट किए जाने के आरोपों पर भी इलेक्शन कमिशन ने जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि इस मामले का हमने संज्ञान लिया था और इस मामले में इलेक्शन कमिशन ने खुद एफआईआर कराई थी। बता दें कि राहुल गांधी का कहना है कि वह लगातार चुनाव आयोग को घेरते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी जो हमने पेश किया है, वह हाइड्रोजन बम नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं हर बात पूरी सच्चाई के साथ कहता हूं और दावे के पीछे सबूत का आधार होता है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी टीम से कह चुका हूं कि अच्छे से रिसर्च करें और दावे में सच्चाई होने पर ही मैं मंच पर जाऊंगा। गौरतलब है कि पहले भी जब राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे तो खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार समेत पूरी टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।  

‘कोई खान मुंबई का मेयर न बने…’ BMC चुनाव से पहले अमित साटम का विवादित बयान

मुंबई  मुंबई में निकाय चुनाव नजदीक आते-आते सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है. बीजेपी के नवनियुक्त मुंबई अध्यक्ष अमित साटम ने इस बीच एक विवादित बयान दिया है, जो काफी सुर्खियों में है. एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय का हवाला देते हुए अमित साटम ने कहा कि आगामी नगर निकाय चुनाव शहर की सुरक्षा को लेकर हैं और कोई 'खान' मुंबई का मेयर नहीं बनना चाहिए. मुंबई बीजेपी अध्यक्ष साटम का यह बयान विजय संकल्प रैली के दौरान आया, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी हिस्सा लिया. बीएमसी चुनावों से पहले बयान पिछले महीने मुंबई अध्यक्ष नियुक्त किए गए अमित साटम ने कहा, 'लड़ाई मुंबई को सुरक्षित रखने की है. अंतरराष्ट्रीय देशों में घुसपैठ हो रही है और उनके रंग बदल रहे हैं. कुछ शहरों के मेयरों के सरनेम देखिए. क्या हम मुंबई में भी यही पैटर्न चाहते हैं?' अमित साटम के इस बयान को लंदन और अन्य पश्चिमी देशों में चल रहे एंटी इमिग्रेशन प्रोटेस्ट से जोड़कर देखा जा रहा है. साटम का 'सरनेम' वाला बयान संभवतः लंदन के मेयर सादिक खान की ओर इशारा करता है, जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं. अपनी तीखी टिप्पणी जारी रखते हुए साटम ने आगे कहा, 'वर्सोवा-मालवणी स्टाइल हर जगह फैल सकती है. मुंबईकरों के दरवाजे पर एक बांग्लादेशी होगा. कल हर वार्ड में एक हारून खान चुना जा सकता है और कोई खान मुंबई का मेयर बन सकता है. ऐसा मत होने दीजिए.' मुंबई के वर्सोवा और मालवणी में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है. यह टिप्पणी अवैध बांग्लादेशियों पर राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच आई है, जो बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के लिए एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है. साटम ने ज़ोर देकर कहा कि बीजेपी की लड़ाई सिर्फ़ राजनीतिक नहीं, बल्कि विकास और सुरक्षा की है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर घर तक पहुंचने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि महायुति का कोई महापौर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कार्यभार संभाले. एशिया की सबसे अमीर निगम कही जाने वाली बीएमसी 2022 से चुनावों का इंतजार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तय की है. फडणवीस ने ठाकरे पर हमला बोला अपने संबोधन में मुख्यमंत्री फडणवीस ने याद दिलाया कि कैसे 2017 के नगर निकाय चुनावों के बाद मुंबई में अपना मेयर बनाने के लिए पर्याप्त संख्या होने के बावजूद बीजेपी ने शिवसेना को मेयर का पद दे दिया था. फडणवीस ने कहा, 'हमारी जीत को रोका नहीं जा सकता. पिछली बार बीएमसी में हम सिर्फ़ दो सीटें पीछे रह गए थे. तब एकनाथ शिंदे और मिलिंद नार्वेकर ने मुझे बताया था कि उद्धव ठाकरे नाराज़ हैं. हमने महापौर का पद शिवसेना को दिया, बड़ा दिल रखा.' मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, '2019 में उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया. 2022 में हमें अपनी सरकार वापस मिल गई और 2024 में हमें पूर्ण बहुमत मिला. इस बार मुंबई को महायुति का मेयर मिलेगा.' कौन हैं अमित साटम पिछली महीने अगस्त में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आशीष शेलार की जगह अमित साटम को मुंबई बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह अंधेरी वेस्ट से विधायक हैं और बीएमसी पार्षद भी रह चुके हैं. अमित साटम अपनी साफगोई और आक्रामक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में कई बार विपक्ष पर तीखे हमले किए हैं. मुंबई के स्थानीय मुद्दों पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. इससे पहले उन्होंने संगठन में भी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं.  अमित साटम की नियुक्ति से बीजेपी को निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद है. उनकी नियुक्ति का ऐलान करते वक्त सीएम फडणवीस ने भरोसा जताया कि साटम की अगुवाई में बीजेपी और महायुति को बड़ी सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि साटम न सिर्फ संगठन में काम करने का अनुभव रखते हैं, बल्कि मुंबई की समस्याओं और उनके समाधान की दिशा में भी एक्टिव रोल निभाते आए हैं. 

आदिवासी कांग्रेस कार्यक्रम में बोले दिग्विजय सिंह – ‘धर्मांतरण अगर आस्था से हो तो अपराध नहीं’

बैतूल  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर धर्मांतरण आस्था और स्व-प्रेरणा से किया जाता है, तो यह कोई अपराध नहीं है. लेकिन जबरन या प्रलोभन से धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं है. बीजेपी केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठाती है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर आदिवासियों को 'वनवासी' कहकर उनकी पहचान मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. आदिवासी कांग्रेस की ओर से बैतूल जिले के भैंसदेही में आयोजित 'आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण शिविर' में शामिल होने आए दिग्विजय ने कहा कि आदिवासी भारत के सबसे पुराने निवासी हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा- “हम सब तो सेंट्रल एशिया से आए हैं, असली हक और पहला अधिकार तो आदिवासियों का ही है। वे प्रकृति के पूजक हैं और संविधान उन्हें अपनी आस्था के अनुरूप धर्म पालन का पूरा अधिकार देता है। फिर भाजपा क्यों आलोचना करती है?” धर्म परिवर्तन अपराध नहीं पूर्व सीएम ने साफ कहा कि धर्म परिवर्तन अगर आस्था और स्वप्रेरणा से होता है तो अपराध नहीं है, लेकिन जबरदस्ती या प्रलोभन से धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं। भाजपा इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए उठाती है। उन्होंने कहा, "हम सभी मध्य एशिया से आए हैं. आदिवासियों के पास पहला और असली अधिकार है. वे प्रकृति के उपासक हैं और संविधान उन्हें अपनी आस्था का पालन करने का पूरा अधिकार देता है…." राज्यसभा सदस्य ने BJP पर 'संकीर्ण विचारधारा' रखने और 'धर्मांतरण की राजनीति' करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी न तो संविधान को समझती है और न ही भारत की वास्तविक परंपरा को. भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहकर उनकी पहचान मिटाना चाहती है." एक सवाल के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि BJP गाय के नाम पर केवल राजनीति करती है, जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान गौ आयोग का गठन किया गया था. उन्होंने कहा, "भाजपा इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक रोटियां सेंकती है." आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने बताया कि राज्य के हर जिले में आदिवासियों के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए यह शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. आदिवासी कांग्रेस सशक्तिकरण शिविर में शामिल हुए दिग्विजय सिंह भैंसदेही में मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस द्वारा आयोजित लीडरशिप डेव्हलपमेंट शिविर के समापन समारोह में शामिल हुए। आदिवासी कांग्रेस ने यह तीन दिन का आदिवासी कांग्रेस सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया था। विक्रांत भूरिया राष्ट्रीय अध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस ने बताया कि राहुल गांधी ने आदिवासी कांग्रेस को पूरे देश में युवा आदिवासी नेतृत्व तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। जिसके तहत हम प्रदेश में आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण शिविर करवाते हैं। उसके बाद हर जिले में जाकर यह शिविर करवा रहे हैं। इसका उद्देश्य यही है कि युवा पीढ़ी को पता रहे कि कांग्रेस ने देश के लिए क्या किया आदिवासी के क्या अधिकार हैं। किस तरह से देश में उनका शोषण हो रहा है। इस दौरान आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम और जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलय डागा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद बैतूल पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कोठी बाजार स्थित डागा हाउस में कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की। उन्होंने बैठक में कार्यकर्ताओं को पार्टी की मजबूती के गुर सिखाए।

मोदी बर्थडे पर शत्रुघ्न सिन्हा की खास बधाई, 1 लाइन ने जीत लिया दिल — वायरल हुआ पोस्ट

नई दिल्ली  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. उन्हें देश और दुनियाभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं. राजनेता से लेकर अभिनेता तक कुछ फोन से तो कुछ सोसल मीडिया पर उनके लिए अपने जज्बातों को बयां कर रहे हैं. बॉलीवुड के ‘शॉटगन’ यानी शत्रुघ्न सिन्हा ने भी पीएम मोदी को अपनी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसकी सिर्फ 1 लाइन ही लोगों की दिल जीत रही है. भारत में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी खेमे से भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं मिलीं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी इसे मौके पर उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है। विपक्षी नेताओं में बॉलीवुड अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का भी नाम शामिल है। हालांकि, उन्हें इसके लिए ट्रोल का भी सामना करना पड़ा। हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में भी सक्रिय हैं. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी पीएम मोदी को अपनी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की. शत्रुघ्न सिन्हा ने क्या लिखा शत्रुघ्न सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘हमारे मित्र और समाज के मित्र माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं. ईश्वर आपको सुख, शांति, आनंद, उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करें.’ उन्होंने अपने संदेश में अंग्रेजी में लिखा- Once a friend, always a friend indeed, जिसका अर्थ है ‘एक बार जो दोस्त बन जाए, वह सच्चे अर्थों में हमेशा दोस्त रहता है.’   शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी के साथ अपनी पुरानी तस्वीरें पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, “मेरे सच्चे मित्र और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। भगवान आपको अपार खुशियां, शांति, आनंद, उत्तम स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करें।” एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘एक बार दोस्त बने तो हमेशा दोस्त रहते हैं।’ उनके इस पोस्ट पर तरह-तरह के कमेंट किए जा रहे हैं। कुछ उनके फॉलोअर्स ने पूछा है कि क्या आप घर वापसी कर रहे हैं? एक ने लिखा, ''याद आ रही है वही भाजपा वाली पुरानी धमक, ममता बानो से दिल भर गया?? भाजपा से नाता तोड़ कर आजतक किस नेता का भला हुआ है??'' वहीं दूसरे ने कहा, 'अब समय आ गया है कि मोदी जी शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा में वापस ले लें। आखिरकार, मतभेद तो रोजमर्रा की जिंदगी में आम बात है।' आपको बता दें कि 'बिहारी बाबू' और 'शॉटगन' के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा पहले भाजपा में थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत कर दी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले चुनाव में भी उन्होंने आसनसोल सीट से शानदार जीत दर्ज की थी। बॉलीवुड से भी आईं पीएम मोदी के लिए बधाई सोशल मीडिया पर अब ‘शॉटगन’ का ये पोस्ट काफी वायरल हो रहा है. शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा बॉलीवुड के कई स्टार्स ने उन्हें बधाई दी है. दिग्गज कलाकार मनोज जोशी, परेश रावल, जैकी श्रॉफ, मशहूर गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर सहित कई कलाकारों ने पीएम मोदी को अपने-अपने अंदाज में सोशल मीडिया पर बधाई दी है. सभी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों की कामना की है. मनोज मुंतशिर ने क्या लिखा मशहूर गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने अपनी पोस्ट में मोदी सरकार के बड़े फैसलों को शामिल करते हुए लिखा, ‘370, तीन तलाक, राम मंदिर… अगर जीवन की ये तीन गाथाएं भी चुन लें, तो हम नरेंद्र मोदी के सदैव ऋणी रहेंगे. भारत के सबसे यशस्वी प्रधानमंत्री को जन्मदिवस की अशेष शुभकामनाएं.’ सोनू सूद ने ऐसे दी बधाई सोनू सूद ने भी प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और नेतृत्व की सराहना करते हुए लिखा, ‘इतिहास उन्हें याद रखता है, जो भविष्य को नया आकार देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को शुभकामनाएं कि उन्हें निरंतर शक्ति, स्पष्टता और साहस प्राप्त हो, वे भारत का नेतृत्व एक परिवर्तनकारी युग में कर रहे हैं. आपकी यात्रा आपके दृष्टिकोण की तरह ही निडर बनी रहे.’