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हिमंत बिस्वा सरमा के घर में BJP को लगा बड़ा झटका, 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया!

नई दिल्ली  BTC यानी बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद के चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ाने वाले हो सकते हैं। चुनाव में NDA के ही दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने आधे से ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा के दबदबे को चुनौती दी है। हालांकि, भाजपा इसे एनडीए की जीत के रूप में ही देख रही है, लेकिन एक ओर जहां BTC में पार्टी की सीटों की संख्या घटी है। वहीं, बीते करीब एक दशक से चला आ रहा विजय रथ भी थम गया है। क्यों अहम थे चुनाव दरअसल, बीटीसी चुनावों को साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था। इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा चुनावों में आक्रामक प्रचार अभियान चलाते नजर आए थे। चुनाव से पहले ही सीएम सरमा ने बीपीएफ के साथ गठबंधन का विकल्प खुला रखा था। कहा जा रहा है कि उन्होंने भाजपा विरोधी मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। सरमा ने कहा, मैं हाग्रामा मोहिलरी और बीपीएफ को बीटीसी चुनावों में जीत की बधाई देता हूं। बीपीएफ भी एनडीए का हिस्सा है और अब बीटीसी की सभी 40 सीटें एनडीए घटकों के पास हैं। हाग्रामा मोहिलरी मुझसे सुबह मिलने आए थे और वह एनडीए के साथ ही रहेंगे। गठबंधन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है और हम साथ मिलकर काम जारी रखेंगे। साल 2016 से अब तक विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा को जमकर सफलता मिली थी, लेकिन बीटीसी चुनाव ने भाजपा की सीटों का ग्राफ नीचे गिरा दिया है। क्या रहे नतीजे हाग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाले BPF ने 40 में से 28 सीट पर जीत दर्ज की। UPPL यानी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल को 7 और भाजपा को 5 सीटें मिलीं। खास बात है कि पिछले चुनाव में UPPL को 12 और भाजपा को 9 पर जीत मिली थी। बीपीएफ 2020 के चुनावों में 17 सीट पर जीत दर्ज करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन यूपीपीएल ने भाजपा और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ मिलकर परिषद का गठन किया था। कौन हैं हाग्रामा मोहिलरी बीपीएफ प्रमुख मोहिलरी पूर्व विद्रोही नेता हैं। वह विद्रोही समूह बोडोलैंड लिबरेशन टाइगर के चीफ थे। हालांकि, साल 2003 में बोडो समझौते के बाद बीटीसी की स्थापना हुई थी और तब उन्होंने राजनीति में एंट्री ली थी। साल 2003 में हथियार छोड़ने के बाद उन्होंने 2005 में बीपीएफ की स्थापना की। वह बीटीसी के पहले CEM यानी चीफ एग्जिक्यूटिव मेंबर भी बने थे। साल 2005 और 2020 के बीच उन्होंने पद पर तीन कार्यकाल पूरे किए। 2010 और 2016 विधानसभा चुनाव बीपीएफ के लिए अच्छे साबित हुए। हालांकि, साल 2020 में नेताओं के टूटकर भाजपा और UPPL में शामिल होने के चलते उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी। मोहिलरी ने कहा कि बीपीएफ किसी भी पार्टी, चाहे वह यूपीपीएल हो या भाजपा के समर्थन को अस्वीकार नहीं करेगा, अगर वे आगे आते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने सुना है कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम राजग के सहयोगी के रूप में साथ मिलकर काम करेंगे। हम इसका स्वागत करते हैं।' दावा पेश किया बीपीएफ ने रविवार को असम में अगली BTC के गठन का दावा पेश किया। मोहिलरी के नेतृत्व में बीपीएफ के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने राजभवन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की थी। मोहिलरी को शनिवार को पार्टी की नीति-निर्धारक संस्था द्वारा सर्वसम्मति से अगली परिषद का अध्यक्ष चुना गया।  

प्रशांत किशोर ने दी चेतावनी, सरकार पर दबाव: सम्राट चौधरी को मर्डर केस में तुरंत गिरफ्तार किया जाए

पटना  जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग की है। प्रशांत किशोर ने 1995 में तारापुर में छह लोगों की सामूहिक हत्या के केस में अभियुक्त रहे सम्राट चौधरी पर गलत उम्र का दस्तावेज देकर कोर्ट से राहत लेने का आरोप लगाया है। प्रशांत ने कहा कि सम्राट ने 1995 में अपनी उम्र 14-15 साल दिखाने और बतौर नाबालिग राहत पाने के लिए बिहार बोर्ड की परीक्षा का प्रवेश पत्र कोर्ट को दिया था। प्रशांत ने बताया कि सम्राट ने 2020 के चुनाव में जो शपथ पत्र दिया है, उसके मुताबिक वो 51 साल के थे और इस हिसाब से 1995 में 26 साल उम्र बनती है, इसलिए उन्हें बर्खास्त करके जेल भेजना चाहिए। प्रशांत किशोर ने पटना में सोमवार को पत्रकार सम्मेलन बुलाकर सम्राट चौधरी पर ताजा हमला बोला है। उन्होंने पहले भी सम्राट पर इसी मर्डर केस को लेकर आरोप लगाए थे। सम्राट ने अपने जवाब में कहा था कि उनकी उम्र और नाम को लेकर विवाद पहले से सार्वजनिक है। प्रशांत के ताजा हमले पर सम्राट ने तंज में कहा कि पीके खोजी पत्रकार बन गए हैं। प्रशांत ने सोमवार को पटना में कहा कि वो केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि सम्राट को हत्या के आरोप में तुरंत पद से बर्खास्त करके अरेस्ट किया जाए। प्रशांत किशोर ने कहा- “तारापुर में 1995 में छह लोगों की जो हत्या हुई, सातों कुशवाहा समाज के थे।… छह लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं, आरोप नहीं है, अभियुक्त हैं, राकेश कुमार उर्फ सम्राट कुमार मौर्य उर्फ सम्राट चौधरी। तारापुर केस नंबर 44/1995। 24 अप्रैल 1995 को इन लोगों ने सीजेएम कोर्ट में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) का प्रवेश पत्र जमा किया। एडमिट कार्ड में नाम- सम्राट चंद्र मौर्य। पिता का नाम- शकुनी चौधरी। जन्मतिथि- 1 मई 1981। रिजल्ट- फेल। नंबर आया 268। कैटेगरी प्राइवेट है।” प्रशांत ने कहा- “ये सुप्रीम कोर्ट का दस्तावेज है, जो सम्राट चौधरी ने जमा किया है। जिसमें यह बताया है कि उनका जन्म वर्ष 1981 है, उसके हिसाब से सीजीएम कोर्ट ने उनको 15 साल उम्र का नाबालिग मानकर राहत दिया। इनको जेल से निकाला गया। कानूनन 18 साल से कम उम्र के बच्चे को जेल में नहीं रखा जा सकता। यह बात तो सब जानते हैं। लेकिन आज क्यों कह रहा हूं कि उनको गिरफ्तार करना चाहिए।” 1995 में सम्राट चौधरी के उम्र पर सवाल खड़ा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा- “2020 का, जो सम्राट चौधरी ने चुनाव घोषणा पत्र दिया है, इसमें अपना उम्र बताया है 51 साल। इसका मतलब 2020 में उससे 25 साल कम करने पर उनकी उम्र 26 साल बनती है। 26 साल के आदमी को कोर्ट ने गलती से, गलत प्रमाण पत्र के आधार नाबालिग होने के नाम पर अभियुक्त रहते जेल से बरी कर दिया गया था कि ये 15 साल के हैं। इनका अपना दस्तावेज बता रहा है कि ये उस समय 26 साल के थे। 26 साल के आदमी पर अगर 6 लोगों की हत्या का आरोप है तो जब तक कोर्ट से बरी नहीं होते, तब तक उनको जेल में होना चाहिए। और ये आदमी यहां का डिप्टी सीएम बनकर बैठा हुआ है।” प्रशांत किशोर ने कहा कि हत्या के आरोपी सम्राट चौधरी संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। ये देश के संविधान का अपमान है। जिस आदमी को जेल में होना चाहिए, वो यहां का उपमुख्यमंत्री बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्रवाई नहीं करेंगे तो जन सुराज पार्टी राज्यपाल के पास जाएगी और सम्राट की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग करेगी। प्रशांत ने कहा कि वो सम्राट के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐक्शन नहीं होता है तो जन सुराज पार्टी इस केस को लेकर अदालत भी जाएगी।  

जानिए कैसे प्रशांत किशोर ने 3 साल में कमाए 241 करोड़ और चंदा में दिए 98 करोड़

पटना  जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने तीन साल में अपनी खुद की कमाई और जन सुराज पार्टी को मिल रहे पैसे के स्रोत का हिसाब दिया है। पीके के निशाने पर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने प्रशांत और जन सुराज पार्टी के पैसे के स्रोत पर सवाल उठाया था। प्रशांत किशोर ने कहा कि सलाह देने के काम से पिछले तीन साल में उन्होंने 241 करोड़ रुपये कमाए। प्रशांत किशोर ने कहा कि अपनी कमाई से 98 करोड़ रुपए उन्होंने खुद के बैंक खाते से जन सुराज पार्टी को दान में दिया है। प्रशांत किशोर ने पटना में सोमवार को डिप्टी सीएम व भाजपा नेता सम्राट चौधरी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता अशोक चौधरी पर आरोप लगाने के लिए पत्रकार सम्मेलन बुला रखा था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं पर बोलने से पहले प्रशांत ने कहा कि कुछ छुटभैया नेताओं ने उनकी और जन सुराज पार्टी की आय के स्रोत पर सवाल उठाया है, इसलिए वो सबसे पहले बिहार की जनता को उसका जवाब देंगे। प्रशांत किशोर ने तंज भरे लहजे में कहा कि जिस तरह सावन के अंधे को सब चीज हरा दिखता है, उसी तरह बिहार के चोर नेताओं को सब चोर ही दिखता है। प्रशांत किशोर ने कहा- “पैसा सरस्वती से आता है। पैसा उन लोगों से आता है, जिनकी मदद की है। किसी बालू माफिया, भ्रष्ट आदमी से मदद ना लेनी लड़े, इसके लिए जन सुराज पार्टी के पास साधन होना चाहिए। हमको पैसा दो जगह से मिलता है। एक जिसको हम सलाह देते हैं। आदमी हो या कंपनी, जिसने भी हमसे सलाह लिया, उससे फीस लिए। 2021-22 से पिछले तीन साल में मेरे खाते या मुझसे जुड़े लोगों के खातों में 241 करोड़ रुपया फीस के तौर पर आया है। इस पर हमने 30.95 करोड़ जीएसटी जमा किया है। 20 करोड़ इनकम टैक्स दिया। 98.75 करोड़ रुपये जन सुराज पार्टी को दान दिया है, अपने पर्सनल खाते से”।  

MP में कांग्रेस की नई रणनीति, कार्यकारिणी में फेरबदल की तैयारी, होगी पदाधिकारियों की छंटनी

जबलपुर  मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब संगठन को नई मजबूती देने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी जबलपुर से अपने कलेवर को बदलने जा रही है। सबसे बड़ा बदलाव कार्यकारिणी को लेकर होगा। माना जा रहा है कि नए चेहरे लाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को ऊर्जा देने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस में बड़े फेरबदल की आहट सुनाई देने लगी है। सूत्रों के मुताबिक जिला कार्यकारिणी में व्यापक बदलाव की तैयारी चल रही है। पार्टी का मानना है कि नई टीम के जरिए संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जा सकेगा। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। इसी आधार पर जल्द ही कार्यकारिणी में बदलाव की घोषणा हो सकती है। माना जा रहा है कि युवा और जमीनी कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिलेगा। वहीं लंबे समय से निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी भी हो सकती है। अभी तक जिला कार्यकारिणी ‘जम्बो’ आकार की होती थी। इसमें 300 से ज्यादा पदाधिकारी और सदस्य होते थे लेकिन अब इसमें संख्या को कम करके  अधिकतम 75 तक रखने की कवायद है । पहले 100 उपाध्यक्ष तो 100 मंत्री और सचिव होते थे लेकिन  अब 10 उपाध्यक्ष, 15 महामंत्री, 20 सचिव तक संख्या को समटेने की तैयारी है । ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर रायशुमारी शुरू हो चुकी है। कुछ ब्लॉक ऐसे हैं, जहां नए नाम जुडे़ंगे लेकिन कुछ में पूर्व अध्यक्ष ही संगठन चलाएंगे वैसे दिवाली तक अध्यक्षों के नामों का ऐलान हो सकता है कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। अब वे ही स्थानीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से चर्चा करके रिपोर्ट जिला अध्यक्ष को देंगे। कहा जा सकता है कि कांग्रेस संगठन में बदलाव लाकर प्रभावी बनाने की कोशिश में जुट गया है। 

प्रदेश प्रभारी और संगठन महामंत्री को बिहार के 12 जिलों में 58 विधानसभा क्षेत्रों की देखरेख

भोपाल  बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। ⁠मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा को बिहार चुनाव में बड़ी ज़िम्मेदारी मिली है। वीडी शर्मा पटना जोन की 8 लोकसभा और 42 विधानसभा सीट का कमान संभालेंगे। पटना में वीडी शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी दरअसल, बीजेपी ने एमपी की तर्ज पर बिहार में बूथ मैनेजमेंट का प्लान बनाया है। जिसमें वीडी शर्मा की भूमिका अहम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद वीडी शर्मा ने पटना में मोर्चा संभाल लिया है। उनका बूथ मैनेजमेंट और शक्ति केंद्रों पर फोकस रहेगा। बेगूसराय सीट पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक ⁠विष्णुदत्त शर्मा ने जिम्मेदारी मिलते ही बिहार की मुंगेर और बेगूसराय लोकसभा सीट के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक ली। जिसमें विधानसभा का हाल जाना। वहीं वीडी शर्मा ने ⁠बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से भी बिहार चुनाव पर चर्चा की। वीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने के लिये प्रोत्साहित किया। बैठक में महिला कार्यकर्ता भी मौजूद रहीं। देवरिया के विधायक साथ में मौजूद कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान विष्णुदत्त शर्मा के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा, हरियाणा के पूर्व मंत्री हसीन जी यूपी से देवरिया के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी भी मौजूद रहे। बता दें कि वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने एमपी विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 29 सीटों पर बाजी मार ली। अब वे सिर्फ सांसद हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मप्र के दिग्गज नेताओं की बीजेपी ने तैनाती की है। मप्र भाजपा के प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए बिहार को 5 जोन में बांटा है। महेन्द्र और हितानंद 12 जिलों की 58 सीटें कवर करेंगे एमपी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मिथिला और तिरहुत जोन में करीब 12 जिलों की 58 विधानसभा सीटें और 10 लोकसभाएं शामिल हैं। इन इलाकों में यूपी के दिग्गज नेताओं को एक-एक लोकसभा में तैनात किया गया है। जामवाल की सारण और चंपारण में ड्यूटी बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को सारण और चंपारण क्षेत्र की करीब 45 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। एमपी के 6 दिग्गजों की इन क्षेत्रों में तैनाती बीजेपी ने मप्र के 6 बडे़ नेताओं को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग इलाकों में तैनाती की है। इनमें बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा को पटना और बेगूसराय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। खेल मंत्री विश्वास सारंग को सिवान, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया को गोपालगंज, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को गया, खरगोन सांसद गजेन्द्र पटेल को खगड़िया, पूर्व सांसद डॉ केपी यादव को समस्तीपुर में भेजा गया है।

करूर भगदड़ का आंकड़ा बढ़ा: 41 मौतें, पावर कट पर तमिलनाडु सरकार की सफाई

चेन्नई तमिलनाडु के करूर में एक्टर थलपति विजय की रैली के दौरान शनिवार को हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. 60 से अधिक लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसे हाल के वर्षों में राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक त्रासदियों में से एक माना जा रहा है. इस बीच बिजली कटौती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. पीड़ितों और विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) का आरोप है कि शनिवार शाम 7 से 7:30 बजे के बीच विजय के आने पर करीब आधे घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बनी. सरकार ने खारिज किया बिजली कटौती का दावा   अब राज्य सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है. तमिलनाडु की फैक्ट-चेक टीम ने करूर कलेक्टर और एडीजीपी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कार्यक्रम में बिजली कटौती नहीं हुई. हालांकि TVK ने बिजली सप्लाई रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. थोड़ी देर के लिए जो लाइट मंद हुईं, वह पार्टी की ओर से लगाए गए जेनरेटर की समस्या थी.'  विजय की पार्टी ने की सीबीआई जांच की मांग सरकार का कहना है कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए थोड़े समय के लिए बिजली रोकी गई थी, लेकिन विजय के आने के बाद कोई कटौती नहीं हुई. हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. TVK ने सीबीआई जांच की मांग की है और इसे साजिश बताया है.  वहीं बीजेपी ने डीएमके सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस बीच विजय के करीबी सहयोगियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दायर की है. तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया है, जिसने पीड़ित परिवारों से बातचीत शुरू कर दी है और अस्पताल का दौरा भी किया है.

राजद नेता का बयान: एनडीए के वादों पर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना

पटना बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डबल इंजन सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और केंद्र की भाजपा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले योजनाओं की घोषणाएं कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन बिहार की समझदार जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार के पास राजस्व की कमी है, तो ये वादे कैसे पूरे होंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार से बिहार की जनता पूछ रही है कि आपके पास 1 लाख करोड़ रुपए नहीं हैं, फिर 7 लाख 8 हजार 729 करोड़ रुपए की घोषणाएं कैसे पूरी करेंगे? बिहार का राजस्व सृजन कितना है? यह पैसा कहां से आएगा? तेजस्वी ने भ्रष्टाचार पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू से ज्यादा, भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि अगर तेजस्वी सत्ता में आए, तो उनका 'रैकेट' खत्म हो जाएगा और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राजद के पास ठोस योजनाएं हैं, जबकि डबल इंजन सरकार केवल खोखले वादे कर रही है। तेजस्वी ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार इस बार दोगुनी गति से हारने वाली है। ये घोषणाएं डर के मारे की जा रही हैं। बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर की गई है।

बयान: तेजस्वी यादव बोले, सबके भ्रष्टाचार की लिस्ट है, समय आने पर सब उजागर करेंगे

पटना  बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि है कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। रविवार को अपने सरकारी आवास एक पोलो रोड में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि कोई ऐसा विभाग बचा नहीं है जहां घोटाले नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री को सामने आकर जवाब देना चाहिए। जन सुराज के प्रशांत किशोर पहले ही सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बीजेपी सांसद पर करप्शन के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जदयू-भाजपा से अधिक बिहार के भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। खासकर डीके गिरोह की छत्रछाया में काम कर रहे अधिकारी अधिक चिंतित हैं। इन्हीं अधिकारियों ने पिछली बार विपक्ष को सत्ता में आने से रोका था। लेकिन इस बार जनता सतर्क और सचेत है। महागठबंधन सरकार बनने पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं। तेजस्वी यादव ने कहा कि इंजीनियर के यहां करोड़ों की संपत्ति मिल रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारी, मंत्री अपने बेटे-बेटी, नाते-रिश्तेदारों के नाम पर देश-दुनिया में निवेश कर रहे हैं। सबकी सूची मेरे पास है जिसका आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा। पीएम ने एक सभा में 31 घोटाले गिनाए थे। ईडी-सीबीआई उनके पास ही है तो क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है। लेकिन,भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर विपक्ष पर ही कार्रवाई हो रही है। इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि जदयू-बीजेपी के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। पीके के मुताबिक मंत्री अशोक चौधरी ने अपने प्रभाव से 200 करोड़ से अधिक मूल्य की जमीन खरीदी। सभी जमीनें अशोक चौधरी की बेटी की सगाई के बाद से लेकर विवाह होने तक खरीदी गईं। प्रशांत के आरोपों पर अशोक चौधरी ने उन्हें 100 करोड़ की मानहानि का लीगल नोटिस भेजा। पीके ने इसका जवाब दे दिया है। पीके ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने में मदद करने और दिल्ली में पत्नी के नाम फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया। मंलग पांडे का जवाब आने के बाद कहा कि दिलीप जायसवाल से 25 लाख कर्ज लेने की बात कर रहे हैं जबकि उनकी पत्नी के बैंक खाते में 2.13 करोड़ रुपये थे। यह राशि कहां से आई, इसका भी हिसाब देना चाहिए। उन्होंने दिलीप जायसवाल पर अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर गलत तरीके अपनाकर कब्जा कर लेने और राजेश साह की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। कहा कि नेताओं और अधिकारियों के संबंधियों को कॉलेज में दाखिला देकर डॉक्टर बनाया। तत्कालीन एसपी और जांच प्रभारी से मिलीभगत कर उन्होंने राजेश साह मर्डर केस को रफा-दफा कराया। राजेश की हत्या मामले में मां और बहन की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कराई गई है। प्रशांत ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर बार-बार नाम बदलने और सातवीं पास होने के बावजूद गलत तरीके से डीलिट की उपाधि लेने का आरोप लगाया। कहा कि कामराज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने की बात करते हैं जो यूनिवर्सिटी है ही नहीं। मैट्रिक पास किया नहीं और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया से डीलिट की उपाधि ले ली। पीके ने सांसद संजय जायसवाल के बारे में कहा कि पेट्रोल पंप के लिए फोर लेन सड़क का अलाएनमेंट बदलवा दिया। साथ ही फर्जी बिल बनाकर अपने भाई के पंप से नगर निगम के नाम पर इंधन घपला करने का आरोप लगाया। पीके ने बताया कि नगर निगम की सफाई की गाड़ियों के बिल के नाम पर पांच करोड़ 86 लाख का भुगतान पेट्रोल पंप को नगर निगम ने किया। स्थाई समिति की पांच बैठकों में यह पाया गया कि इनमें से ज्यादातर भुगतान फर्जी थे और ज्यादा बढ़ा कर लिया गए थे। 15 अगस्त के बाद से उनके भाई के पंप से इंधन लेने पर रोक लगा दी गयी।  

आतंकवाद पर सख़्त, क्रिकेट पर नरम? कांग्रेस ने उठाए सवाल

नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को धो डाला। कई देशों के प्रतिनिधियों के बोलने के बाद बारी भारत की थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौका न गंवाते हुए सभी देशों को यह बता दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा है,लेकिन जयशंकर की इस स्पीच पर कांग्रेस नेता उदित राज ने सवाल उठाए हैं। उदित राज ने पूछा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है तो फिर उसके साथ क्रिकेट क्यों खेल रहे हैं? मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने पूछा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा है, तो उसके साथ क्रिकेट क्यों खेलते हैं? क्या यह अमित शाह के बेटे के हितों या पैसा कमाने के इरादे से है? उदित राज ने हमला जारी रखते हुए कहा कि जयशंकर का पाक को आतंकवादी कहना और बाद में क्रिकेट भी खेलने देना, दोहरा चरित्र दिखाता है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दर्शक जो क्रिकेट देख रहा है, उसके पीछे बहुत राज छिपे हुए हैं। कई बार तो यह तय किया जाता है कि कौन जीतगा और कौन हारेगा। इसके लिए लाखों-करोड़ों का लेन-देन होता है। जब ऑपरेशन सिंदूर चालू है, आप एशिया कप पाकिस्तान जैसे आतंकी देश के साथ क्यों खेल रहा है? ये जवाब भारत सरकार को देना है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के आम बहस में अपने संबोधन में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले राष्ट्रों का समर्थन करने वालों को पता चलेगा कि यह "पलट कर उन्हीं को काटेगा।" उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों पर जोर देने के साथ-साथ खतरों का भी दृढ़ता से सामना करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना एक खास प्राथमिकता है क्योंकि यह "कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और डर" का मिश्रण है। जयशंकर ने UNGA मंच से विश्व नेताओं को अपना संबोधन "भारत के लोगों की ओर से नमस्कार" के अभिवादन के साथ शुरू किया। उन्होंने कहा, "भारत ने स्वतंत्रता के बाद से ही इस चुनौती का सामना किया है, क्योंकि उसका एक पड़ोसी है जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।"  

कांग्रेस संगठन में नई हलचल, एमपी के ज़िला अध्यक्ष मैदान में – नवंबर में राहुल और खड़गे की सीधी बैठक

भोपाल  मध्यप्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी 71 जिला अध्यक्षों के लिए 2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सीधी क्लास लेंगे। राहुल गांधी की क्लास से पहले सभी जिला अध्यक्ष फील्ड में सक्रिय हो गए हैं। अध्यक्षों को एक महीने में कार्यकारिणी बनानी है, मुद्दों को उठाना है और जनता से सीधा संवाद करना है। यह प्रशिक्षण शिविर सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती की नींव बनने जा रहा है। इस विशेष शिविर में कांग्रेस नेतृत्व कार्यकर्ताओं को दिशा दिखाने और जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।  जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद करेंगे राहुल शिविर की शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, जबकि राहुल गांधी दो दिन तक प्रशिक्षण में मौजूद रहेंगे। इस दौरान वे जिलाध्यक्षों से सीधे संवाद करेंगे और पूछेंगे कि आप ने  अभी तक संगठन में आपने क्या काम किया? किन मुद्दों पर आंदोलन किए? जनता के बीच कितनी बार पहुंचे? राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से फीडबैक लेंगे, जिससे कार्यकर्ताओं को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। राहुल गांधी दो दिन रहेंगे, प्रभात फेरी में होंगे शामिल  लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिन तक यहां मौजूद रहेंगे. राहुल जिला अध्यक्षों को संगठन की चुनौतियों, चुनावी रणनीति और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के गुर सिखाएंगे. वे नेताओं से वन टू वन चर्चा कर उनके जिलों की परिस्थितियों को समझेंगे और आगे की कार्ययोजना देंगे. इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. वरिष्ठ नेता महेंद्र जोशी को प्रशिक्षण स्थल की तैयारियां देखने के लिए पचमढ़ी भेजा गया है. अनुशासन और राहुल गांधी की रणनीति  पार्टी नेताओं का कहना है कि इस तरह के शिविर कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाते हैं. पचमढ़ी का शांत और प्राकृतिक वातावरण इसके लिए उपयुक्त माना गया है. राहुल गांधी का सीधा जुड़ाव शिविर की खासियत होगा. कांग्रेस इस शिविर से दो संदेश देना चाहती है. पहला यह कि पार्टी अनुशासन को प्राथमिकता देती है. दूसरा यह कि राहुल गांधी सीधे रणनीति बना रहे हैं. गौसेवा और प्रभातफेरी जैसी गतिविधियां परंपरा और आधुनिक राजनीति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश हैं. कांग्रेस का संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. सुबह योग और प्रभात फेरी से दिन की शुरुआत होगी. इसके बाद प्रशिक्षण सत्रों में रणनीति, संवाद और चुनावी प्रबंधन सिखाया जाएगा. गौसेवा और स्वच्छता कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर देना चाहती है. नेताओं की मजबूत टीम देगी मार्गदर्शन 2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, प्रशिक्षण विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख सचिन राव, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस का मानना है कि यह प्रशिक्षण शिविर संगठनात्मक मजबूती और कार्यकर्ताओं की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित होगा। जनसंवाद की रणनीति 1-सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग 2-जमीनी मुद्दों की पहचान और समाधान