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सावन में शिव भक्तों के लिए सुविधा, भोपाल से उज्जैन के बीच चलाई जाएगी स्पेशल ट्रेन

भोपाल सावन के पवित्र महीने में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर तराना रोड और उसके आसपास रहने वाले बाबा महाकाल के भक्तों को भारतीय रेलवे की ओर से खुश कर देने वाली सौगात दी गई है। रेलवे द्वारा भोपाल और उज्जैन के बीच आज से स्पेशल ट्रेन की शुरुआत की जा रही है। गाड़ी नंबर 09313 उज्जैन-भोपाल स्पेशल 10 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी। ये ट्रेन भोपाल से रात 2:15 बजे रवाना होगी और उज्जैन से रात 9:00 बजे लौटेगी, जो रात 1:05 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। भोपाल, सीहोर, शाजापुर और उज्जैन के यात्रियों को इस ट्रेन से विशेष सुविधा मिलेगी। सावन के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को इस स्पेशल ट्रेन का फायदा मिलेगा। इससे उनकी यात्रा और भी सुगम और आरामदायक होगी। देखें स्पेशल ट्रेन का शेड्यूल -भोपाल से उज्जैन यात्रा भोपाल उज्जैन स्पेशल ट्रेन (गाड़ी संख्या- 09314) आज 10 जुलाई से रोजाना रात 2.15 बजे चलेगी। इसके बाद संत हिरदाराम नगर पर रात 2.38 बजे, सीहोर रात 3.10 बजे, कालापीपल रात 3.40 बजे, शुजालपुर सुबह 4.20 बजे, अकोदिया सुबह 5.40 बजे, कालीसिंध सुबह 5.10 बजे, बेरछा सुबह 5.25 बजे, मक्‍सी सुबह 5.55 बजे, तराना रोड सुबह 6.20 बजे और उज्जैन सुबह 7.20 बजे पहुंचेगी। -उज्जैन से भोपाल यात्रा वहीं, उज्जैन से भोपाल लौटते समय (गाड़ी संख्या- 09313) उज्‍जैन से रोजाना रात 9 बजे चलेगी। यहां से तराना रोड पर रात 9.30 बजे पहुंचेगी। फिर मक्‍सी रात 9.45 बजे, बेरछा रात 10.02 बजे, कालीसिंध रात 10.15 बजे, अकोदिया रात 10.35 बजे, शुजालपुर रात 10.48 बजे, कालापीपल रात 11.05 बजे, सीहोर रात 11.36 बजे, संत हिरदाराम नगर रात 12.40 बजे और भोपाल रेलवे स्टेशन रात 1.05 बजे पहुंचेगी। इस दौरान दोनों ओर से ये ट्रेन प्रत्येक स्टेशन पर दो-दो मिनट के लिए रुकेगी। इसी अवधि में यात्रियों को अपने स्टेशन से चढ़ना और उतरना रहेगा।

खंडवा में गुरु पूर्णिमा पर सत्कार की परंपरा जीवंत, ‘अतिथि देवो भव:’ भाव से हो रहा स्वागत

 खंडवा  खंडवा निमाड़ की वह धरती है जहां पर पत्रकारिता के माखनलाल चतुर्वेदी , कलाकार किशोर कुमार और खंडवा के सबसे बड़े दादाजी केशवानंद महाराज हरिहरानंद महाराज कि यहां पर समाधि है जहां पर लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा पर दादा जी महाराज के भक्त हजारों किलो .मीटर से नंगे पांव निशान रथ लेकर दर्शन के लिए खंडवा पहुंचते हैं दादाजी महाराज के दरबार में वही पर भक्तों के  लिए निशुल्क खंडवा पहुंचने पर अनेक प्रकार के भोजन के लिए स्टॉल लगाए जाते हैं और खंडवा शहर के तमाम लोगों द्वारा भक्ति भाव से 2 दिन तक आने वाले लाखों की संख्या में भक्तों की सेवा करते हैं और यहां तक पूरा खंडवा शहर भक्ति भाव में डूब जाता है और बडे पैमाने पर भंडारे भी किए जाते हैं लेकिन इस बीच एक अनोठी भक्ति भी देखने को मिली जहां पर एक भक्त 12 से अधिक प्रजाति के फूल और फल वाले पौधे भी बांटते नजर आया जहां पर हर एक श्रद्धालु लाइन में लगकर पौधे लेते नजर आए गुरु पूर्णिमा के मौके पर खंडवा में अतिथि देवो भव: की परंपरा निभाई जा रही है। दादा जी धूनीवाले के दरबार में आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका यहां पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां आने वालों के लिए खाना-पीना पूरी तरह से फ्री है। यहां 500 से ज्यादा भंडारों में नाश्ता-भोजन परोसा जा रहा है। हर पंडाल में खाने को कुछ अलग है। यानी कह सकते हैं कि यहां 56 प्रकार के व्यंजन भक्तों को परोसे जा रहे हैं। इन भंडारों को मजदूर, हम्माल, अफसर-कर्मचारी से लेकर कारोबारी तक संचालित कर रहे हैं। रोचक है भंडारे के शुरुआत की कहानी भंडारे के शुरुआत की कहानी भी बहुत रोचक है। यहां रहने वाले बताते हैं कि 34 साल पहले अतिथि देवो भव: की परंपरा की शुरुआत एक घटना से हुई थी। पहले बाहर से आए भक्त भोजन के लिए होटल पर निर्भर रहते थे। इस दौरान 1991 में एक भक्त यहां दादाजी दरबार दर्शन करने पहुंचा, उसके पास रुपए नहीं थे। भूख लगी तो होटल में खाना खाने पहुंचा। यहां दुकानदार ने भक्त को अपमानित किया। यहां मौजूद दादा जी के भक्तों ने यह देखा, उन्हें अच्छा नहीं लगा। इसके बाद 1992 से यहां भंडारे की शुरुआत हुई, जो अब सैकड़ों स्टॉल तक पहुंच चुका है। कुंभ में भंडारा देख खंडवा में की शुरुआत गणेश गोशाला समिति के सचिव रामचंद्र मौर्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में भक्त निशान लेकर दादा जी के दरबार में पहुंचते हैं। सबसे बड़ी तादाद में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, महाराष्ट्र और गुजरात के भक्तों की आवाजाही रहती है। इनकी भक्ति को देखकर पूरा शहर इनकी सेवा और सत्कार के लिए उमड़ता है। शहर में बजरंग दल ने 34 साल पहले दादाजी मंदिर के पास भंडारा शुरू किया था। जिले से बजरंग दल के 2300 कार्यकर्ता 1992 में उज्जैन कुंभ मेले गए थे, तब वहां श्रद्धालुओं को चाय, पोहे व प्रसादी भंडारे में दी जा रही थी। वहीं से प्रेरणा लेकर खंडवा में भंडारों की शुरुआत हुई। एक भंडारा शुरू होने के बाद इनकी संख्या 4 से 5 हुई। आज शहर में 500 से अधिक भंडारों में पूड़ी-सब्जी से लेकर 56 से भी ज्यादा पकवान परोसे जाते हैं। कई सदस्यों की दूसरी पीढ़ी कर रही भंडारों में सहयोग कमल यूथ क्लब के सतनाम सिंह होरा ने बताया कि क्लब द्वारा पहले जय अंबे चौक पर फरियाली खिचड़ी का वितरण किया जाता था, लेकिन भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर क्लब ने भी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था शुरू की। क्लब में ऐसे सदस्य भी हैं, जिनकी दूसरी पीढ़ी भंडारे में सहयोग कर रही है। क्लब में 140 सदस्य हैं। इसकी शुरुआत 7 लोगों ने कीं, लेकिन आज कई नए सदस्य जुड़कर सेवा दे रहे हैं। 28 साल पहले नाश्ते से शुरुआत, अब गुलाब जामुन बांट रहे दादाजी मंदिर मार्ग पर अंजनी बालाजी नगर के सामने दादाजी सेवा मंडली ने स्टॉल लगाया है। यहां दादाजी भक्तों को गुलाब जामुन बांटे जा रहे हैं। आयोजक साधुराम अग्रवाल बताते हैं कि, इस स्टॉल को 28 साल हो गए हैं। शुरुआत में पोहा बांटते थे, अब यह सिलसिला मिठाई तक पहुंच गया है। पहले आईस्क्रीम और बालूसाई भी बांट चुके हैं। कलेक्ट्रेट, आरटीओ, एनएचएआई विभाग का भी स्टॉल निजी संस्थानों के साथ सरकारी विभाग के भी यहां स्टॉल लगे हुए हैं। इनमें आरटीओ विभाग तो पिछले 19 साल से भंडारे का आयोजन कर रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी स्टॉल लगाकर सेवा कर रहे हैं। विपणन संघ सब्जी-पुड़ी बांट रहा है। एनएचएआई ने भी थाना पदमनगर के सामने स्टॉल लगाया है। मोहल्ले का ग्रुप परोस रहा जलेबी और भजिए आनंद नगर क्षेत्र में पारस स्टेशनरी के पास एक्टिव ग्रुप ने नाश्ते का स्टॉल लगाया है। यहां भक्तों को जलेबी और भजिए परोसे जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े संस्थान, स्कूल कॉलेज और कोचिंग क्लासेस द्वारा ज्यूस और चाय बांट रहे हैं। 3 साल से मंदिर प्रांगण में भी भक्तों के लिए भंडारा हो रहा दादाजी मंदिर प्रांगण में रोजाना दोनों समय लंगर लगता है। सेवादार महेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस भंडारे से मंदिर के सेवादार, पुलिसकर्मी और निशान लाने वाले भक्तों को आसानी से भोजन प्रसादी मिल जाती है। यहां भक्तों को बैठाकर खिचड़ा, कड़ी और रोटी दे रहे हैं। वहीं, इस बार बूंदी साढ़े 12 ‎‎क्विंटल बेसन, 140 डिब्बे‎ घी, 25 क्विंटल शकर से पांच‎ भटि्टयों पर तैयार की गई है। इसके अलावा तीन‎ दिन‎ भोजन प्रसादी के लिए 20‎ क्विंटल आटे की पुड़ी,‎ 115 ‎क्विंटल चावल, 5‎ क्विंटल मूंग की दाल और‎ 25 डिब्बे घी से‎ हलवा‎ तैयार किया गया है। चिकित्सा मित्र बांट रहे साड़ियां-खिलौने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टरों ने भी चिकित्सा मित्र नाम से एक ग्रुप बनाया है। यह ग्रुप पिछले पांच साल से बच्चों को खिलौने बांट रहा है। बच्चों के लिए पानी की बोतल, पेन-कॉपी और किताबों सहित स्कूल बैग का वितरण भी कर रहा है। यहां तक की महिलाओं को साड़ियां भी बांटी जा रही है। ग्रुप में 30 सदस्य हैं। दादा दरबार से लेकर पूरा शहर बाजारवाद से परे है सीनियर जर्नलिस्ट मनीष जैन ने बताया … Read more

रायपुर : राज्यपाल डेका से हरिभूमि के प्रधान संपादक ने सौजन्य की भेंट

रायपुर राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में दैनिक हरिभूमि समाचार पत्र और आई.एन.एच. चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सौजन्य भेंट की।

रायपुर : सौर ऊर्जा से जगमगाया बस्तर का बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास

रायपुर : सूरज की तपिश से फैल रहा घर आँगन में उजियारा, प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना बनी आमजन के लिए लाभकारी रायपुर : पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना बनी क्रांति का आधार, अनिल कुमार साहू को मिली राहत, बिजली बिल हुआ शून्य सौर ऊर्जा से उपभोक्ता ऊर्जा क्षेत्र में हुआ आत्मनिर्भर अनिल कुमार साहू को मिली राहत, बिजली बिल हुआ शून्य रायपुर : सौर ऊर्जा से जगमगाया बस्तर का बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास रायपुर सूरज की तेज गर्मी से सोलर पैनल को ऊर्जा मिलने से लोगों को आसानी से बिजली मिल रही है जिससे घर रोशन हो रहे हैं।प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है।  बलौदाबाजार शहर के प्रतिष्ठा कॉलोनी निवासी  प्रसन्न दीवान ने इस योजना के तहत अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित कर योजना का लाभ उठाया है। उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई जिसके बाद उन्होंने बिजली विभाग से संपर्क कर विस्तृत जानकारी ली। दीवान ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और सरल है। उन्होंने योजना के तहत आवेदन कर 5 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्रणाली अपने घर में स्थापित कराया, जिससे उन्हें ₹78,000 की सब्सिडी प्राप्त हुई। यह प्रणाली पिछले 6 महीनों से सुचारू रूप से कार्य कर रही है और इससे उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ हो रहा है। पहले जहां उन्हें हर माह भारी भरकम बिजली बिल चुकाना पड़ता था, अब बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से न केवल बिजली बचत हो रही है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। दीवान ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे भी अपने घरों में इस योजना का लाभ लेकर न केवल बिजली की बचत करें, बल्कि अपनी आय में भी वृद्धि करें। इसके लिए दीवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है और देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है। रायपुर : पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना बनी क्रांति का आधार, अनिल कुमार साहू को मिली राहत, बिजली बिल हुआ शून्य सौर ऊर्जा से उपभोक्ता ऊर्जा क्षेत्र में हुआ आत्मनिर्भर अनिल कुमार साहू को मिली राहत, बिजली बिल हुआ शून्य रायपुर : सौर ऊर्जा से जगमगाया बस्तर का बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना आम जनता के लिए आर्थिक राहत और पर्यावरण संरक्षण का मजबूत साधन बनती जा रही है। यह योजना अब प्रदेश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। सक्ति जिले के डभरा निवासी अनिल कुमार साहू स योजना का लाभ उठाकर इसे अपने जीवन में बदलाव की एक मिसाल बना दिया है। साहू अपने घर की छत पर 3 किलोवॉट का सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाया है, जिसकी मदद से वे प्रतिदिन गर्मियों में 16 से 18 यूनिट और बरसात में 10 से 12 यूनिट तक बिजली का उत्पादन कर रहा है। इस संयंत्र के संचालन के पहले ही महीने उनकी बिजली बिल माइनस में चला गया, और अब पूरी तरह शून्य हो गया है। इतना ही नहीं, अतिरिक्त बिजली ग्रिड को सप्लाई कर वे आमदनी भी अर्जित कर रहा है। इस सोलर सिस्टम पर 78,000 रुपये की सब्सिडी और 10 वर्षों की गारंटी मिली है। साहू के अनुसार, यह संयंत्र 2 से 3 वर्षों में अपनी लागत निकाल लेगा, जिसके बाद लाभ ही लाभ होगा। उन्होंने इस योजना को आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा का साधनष् बताया। साहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना देश और राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। योजना की प्रक्रिया भी बेहद सरल है दृ उपभोक्ता वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इसके बाद अधिकृत वेंडर द्वारा संयंत्र की स्थापना की जाती है और सत्यापन के पश्चात सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है। यह योजना छत्तीसगढ़ के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घट रही है और हर घर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। रायपुर : सौर ऊर्जा से जगमगाया बस्तर का बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिला के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाला छोटा सा आदिवासी गांव धुड़मारास आज विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना चुका है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा दुनिया के 20 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल यह गांव अब पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास का मॉडल बनकर उभरा है। प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक जीवनशैली से परिपूर्ण यह गांव, अब सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर अंचल में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ स्थानीय सुविधाओं के विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। धुड़मारास गांव में क्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा आधारित विभिन्न परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कर स्वच्छ पेयजल, रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था और शैक्षणिक संस्थानों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के माध्यम से गांव में 03 नग सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना कर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। 02 नग सोलर हाईमास्ट संयंत्र की स्थापना कर रात्रिकालीन प्रकाश की व्यवस्था की गई है। ग्राम की गलियों में सोलर पावर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। क्रेडा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश राणा द्वारा परियोजनाओं की निरंतर निगरानी कर कार्यों को गुणवत्ता पूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया गया। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा बस्तर जिले के धुड़मारास गांव और चित्रकोट गांव को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में पुरस्कृत किया गया है। प्राकृतिक रूप से समृद्ध धुड़मारास गांव कांगेर नदी की सुरम्य धारा, हरियाली, जैव विविधता एवं पारंपरिक बस्तरिया संस्कृति पर्यटकों को … Read more

इंदौर से हवाई सफर में खुशखबरी, जून में बंद फ्लाइट फिर चालू – दिल्ली के लिए सीधी उड़ान शुरू

इंदौर  इंदौर से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। टाटा ग्रुप की एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से दिल्ली के बीच नई फ्लाइट की शुरुआत की है। इसके साथ ही इंदौर से हैदराबाद और बेंगलुरु के बीच चलने वाली दो उड़ानें जो जून में बंद हो गई थी, उन्हें भी कंपनी ने वापस शुरू कर दिया है। इसके कारण यात्रियों को उड़ानें के ज्यादा विकल्पों के साथ ही सुविधा भी मिल रही है। विमानतल से मिली जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा इंदौर से दिल्ली के बीच शाम के समय नई उड़ान की शुरुआत की है। यह फ्लाइट (1183/89) शाम 5.50 बजे दिल्ली से रवाना होकर 7.25 बजे इंदौर आएगी और इंदौर से 7.55 बजे रवाना होकर 9.35 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इंदौर से बेंगलुरू और हैदराबाद के लिए जून में बंद हुई एक-एक फ्लाइट का संचालन अब दोबारा शुरू हो रहा है। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से बेंगलुरू और इंदौर से हैदराबाद के लिए संचालित होने वाली फ्लाइट का संचालन जून माह में बंद कर दिया था। वहीं, इंदौर से दिल्ली के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस एक नई फ्लाइट भी शुरू कर रही है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह तीन फ्लाइट के शुरू होने से यात्रियों को उड़ानों के ज्यादा विकल्प मिल रहे हैं। दिल्ली के लिए एक नई सीधी उड़ान सेवा इंदौर एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से दिल्ली के लिए एक नई सीधी उड़ान सेवा शुरू की है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट नंबर IX1183 शाम 5.50 बजे दिल्ली से उड़ान भरकर 7.25 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। वहीं फ्लाइट नंबर IX1189 इंदौर से शाम 7.55 बजे उड़ान भरकर रात 9.35 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगी। हैदराबाद की उड़ान IX2776 और IX2889 23 जून से बंद हो गई थी उसे दोबारा शुरू कर दिया है। यह फ्लाइट हैदराबाद से 12.30 बजे निकलकर 2 बजे इंदौर पहुंचती है, यहां से 2.30 बजे रवाना होकर शाम 4.10 हैदराबाद पहुंचती है। इस फ्लाइट के समय में भी थोड़ा बदलाव किया गया है, यह पहले शाम के वक्त संचालित होती थी, वहीं जून से ही बंद बेंगलुरु उड़ान (1451/1454) को भी कंपनी ने दोबारा शुरू कर दिया है। यह फ्लाइट सुबह 7 बजे बेंगलुरु से रवाना होकर 9.20 बजे इंदौर आती है और 9.50 बजे वापस बेंगलुरु जाती है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की रोजाना 16 उड़ानें इंदौर से दुबई के लिए सीधी उड़ान शुरू करने वाले एयर इंडिया एक्सप्रेस ने इंदौर से अपनी उड़ानों की संख्या में तेजी से इजाफा किया है। इस समय इंडिगो के बाद यह दूसरी सर्वाधिक उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी बन चुकी है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की इस समय इंदौर से रोजाना 8 जाने और 8 आने वाली, यानी कुल 16 उड़ानें संचालित हो रही हैं। इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, गोवा और पुणे की उड़ानें शामिल हैं। इंडिगो 1 अगस्त से बंद कर रही तीन उड़ानें इंदौर एयरपोर्ट से 1 अगस्त से नासिक, उदयपुर और जोधपुर के लिए सीधी उड़ानें बंद होने जा रही हैं। इन तीनों फ्लाइट का संचालन इंडिगो द्वारा किया जा रहा था। कंपनी ने इन रूट्स की बुकिंग भी बंद कर दी है। इससे पहले कंपनी कोलकाता और जम्मू की उड़ानें भी बंद कर चुकी है। अब इन शहरों के लिए यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट्स का विकल्प तलाशना होगा, जिससे यात्रा का समय और खर्च दोनों बढ़ेंगे। बता दें कि 1 अगस्त से तीन शहरों की उड़ानें बंद करने से पहले ही इंडिगो ने 1 जुलाई से जयपुर और अहमदाबाद की 1-1 उड़ानें बंद कर दी हैं। इन फ्लाइट्स काे किया जा रहा बंद     जोधपुर फ्लाइट (6E-7358/7359): सुबह 10:40 बजे इंदौर से रवाना होकर 12:20 बजे जोधपुर पहुंचती थी। वापसी में यह फ्लाइट दोपहर 12:45 बजे जोधपुर से उड़ान भरकर 1:15 बजे इंदौर आती थी।     उदयपुर फ्लाइट (6E-7348/7424): दोपहर 2:40 बजे इंदौर से रवाना होकर 3:40 बजे उदयपुर पहुंचती थी। वहां से शाम 4:20 बजे रवाना होकर 5:25 बजे इंदौर लौटती थी।     नासिक फ्लाइट (6E-7109/7155): दोपहर 2:45 बजे इंदौर से रवाना होकर 3:55 बजे नासिक पहुंचती थी। नासिक से शाम 4:15 बजे उड़ान भरकर 5:25 बजे इंदौर लौटती थी।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 349.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 349.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 501.9 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 167.3 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 264.6 मि.मी., सूरजपुर में 405.0 मि.मी., बलरामपुर में 465.8 मि.मी., जशपुर में 448.2 मि.मी., कोरिया में 383.3 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 297.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 308.4 मि.मी., बलौदाबाजार में 305.9 मि.मी., गरियाबंद में 300.8 मि.मी., महासमुंद में 316.2 मि.मी. और धमतरी में 313.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 350.5 मि.मी., मुंगेली में 373.1 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 353.5 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 460.0 मि.मी., सक्ती में 401.9 मि.मी., कोरबा में 448.0 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 333.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 301.3 मि.मी., कबीरधाम में 247.8 मि.मी., राजनांदगांव में 289.7 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 480.9 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 245.7 मि.मी., बालोद में 371.6 मि.मी. और बस्तर जिले में 436.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 263.0 मि.मी., कांकेर में 365.5 मि.मी., नारायणपुर में 314.1 मि.मी., दंतेवाड़ा में 395.7 मि.मी., सुकमा में 205.5 मि.मी. और बीजापुर में 432.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

दिल्ली में बड़ा खुलासा, महिलाओं के भेष में वसूली कर रहे 7 बांग्लादेशी दबोचे गए

नई दिल्ली उत्तर-पश्चिमी जिले की फॉरनर सेल ने बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे सात बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी लाल बत्ती पर महिलाओं की ड्रेस में रुपये मांगते थे। इनमें कथित तौर पर पांच किन्नर और दो पुरुष शामिल हैं। बांग्लादेश से लगातार संपर्क में थे पुलिस ने इनके पास से आईएमओ ऐप से लैस पांच स्मार्टफोन बरामद किए हैं, जिनसे ये बांग्लादेश में अपने संपर्कों से जुड़े रहते थे। पुलिस का कहना है कि ये लोग रात के समय अवैध गतिविधियों में भी शामिल रहते थे। सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने बांग्लादेशी नागरिक होने और भारत में अवैध रूप से रहने की बात स्वीकार की। डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग मुकुंदपुर फ्लाईओवर के आसपास रह रहे हैं। जांच के दौरान वे फ्लाईओवर के नीचे भीख मांगते मिले। पूछताछ में दो अन्य पुरुष आरोपियों की पहचान हुई, जिन्हें बाद में पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बांग्लादेश के जमालपुर, ढाका, फरीदपुर, बरीसाल और चटगांव के निवासी हैं। दिल्ली कैंट से पकड़े पांच बांग्लादेशी इधर, दक्षिण-पश्चिम जिले की ऑपरेशंस सेल ने पांच बांग्लादेशी नागरिकों को दिल्ली कैंट इलाके से पकड़ा है। इनमें तीन पुरुष, एक महिला और 40 दिन का बच्चा शामिल है। आरोपियों में उकिल अमीन, अब्दुल रहीम, मोहम्मद जहीदुल इस्लाम, जिम्मू खातून और उनके 40 दिन के बेटे मोहम्मद जाकिर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत रायपुर  छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया। कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुस्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।

तीसरे दिन भी नहीं टूटी छांगुर बाबा की कोठी, बुलडोजर एक्शन में अफसरों की जद्दोजहद जारी

बलरामपुर यूपी के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के काले साम्राज्य पर तीसरे दिन भी बुलडोजर का एक्शन जारी है. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई छांगुर बाबा की आलीशान किलेनुमा कोठी पर प्रशासन का बुलडोजर गरज रहा है. हालांकि, बाबा की ये कोठी इतनी मजबूत है कि इसको तोड़ने के लिए जेसीबी को भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.  जानकारी के मुताबिक, छांगुर बाबा ने अपनी इस मजबूत कोठी में 10 मिलीमीटर से 15 मिलीमीटर तक की मोटी-मोटी सरिया लगवा रखी हैं. इसका कंक्रीट मटेरियल भी ऐसा इस्तेमाल किया, जो आमतौर पर ब्रिज और पुल निर्माण में प्रयोग होता है. इसी के चलते बाबा की कोठी बेहद मजबूत है, जिसे तोड़ने में बुलडोजर को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.  आपको बता दें कि बलरामपुर स्थित छांगुर बाबा की जिस कोठी को जमींदोज किया जा रहा है, वह किसी महल से कम नहीं है. पूरी कोठी सीसीटीवी से लैस थी. प्राइवेट पावर प्लांट लगाया था. दर्जनों सोलर पैनल लगे थे. बाउंड्री पर कटीले तार बिछे थे. कथित तौर पर इनमें करंट दौड़ता था, ताकि कोई कोठी के पास भी न फटक पाए.  इतना ही नहीं इस कोठी के अंदर ही एक गुप्त कंट्रोल रूम भी था, जिससे पूरे घर के सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की जाती थी. कंट्रोल रूम बाबा के बेडरूम था. अंदर जाने वाले हर व्यक्ति की रिकॉर्डिंग होती थी. मालूम हो कि छांगुर बाबा को उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ बीते शनिवार को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. दोनों बलरामपुर जिले के मधपुर के निवासी हैं. छांगुर बाबा के खिलाफ पहले से गैर जमानती वारंट जारी था. उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था. फिलहाल, दोनों को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद रिमांड पर लेकर लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया है. अब एटीएस उनसे पूछताछ करेगी.  इससे पहले, इसी केस में 8 अप्रैल को दो और आरोपियों जमालुद्दीन जो कि नसरीन का पति है और छांगुर बाबा के बेटे महबूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये दोनों भी बलरामपुर के रहने वाले हैं और फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आरोपियों से इन बड़े सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे- इस अवैध धर्मांतरण के पीछे फंडिंग कहां से आई? अब तक कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया? इस संगठित गिरोह के सदस्य किन-किन राज्यों और जिलों में सक्रिय हैं? क्या इसके पीछे विदेशी ताकतों का इशारा था? इनकी खाड़ी देशों में किससे मुलाकात हुई और किनके निर्देश पर यह पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा था?

इंदौर में आधुनिकता की ओर कदम, पोलो ग्राउंड पर Z आकार में बन रहा रेलवे ओवरब्रिज

इंदौर  मध्यप्रदेश की राजधानी के चर्चित 90 डिग्री ब्रिज की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि इंदौर ने बाजी मार ली। इंदौर में एक और अजीबोगरीब पुल सामने आया है। शहर के पोलो ग्राउंड पर बन रहा रेलवे ओवरब्रिज, जो अंग्रेजी के अक्षर 'Z' की शक्ल में है, अब सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक चर्चा का विषय बन गया है। इस ब्रिज में दो-दो 90 डिग्री एंगल है। यानी ये इंदौर इस मामले में भोपाल से भी दो कदम आगे निकल गया है। इंजीनियरिंग का नया नमूना या ट्रैफिक का पजल? इंदौर के पोलो ग्राउंड पर बन रहा यह रेलवे ओवरब्रिज अपनी अनोखी डिजाइन के लिए सुर्खियों में है। इस ब्रिज में 90 डिग्री के दो तीखे मोड़ हैं, जो इसे 'Z' आकार का बनाते हैं। यह डिजाइन देखकर कोई इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कह रहा है तो कोई इसे ट्रैफिक का रोलर कोस्टर। दो-दो तेज मोड़ की वजह से यहां हादसों का डर लोगों को सता रहा है। भोपाल को पीछे छोड़ा, इंदौर ने मारी बाजी भोपाल का ऐशबाग 90 डिग्री ब्रिज पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था, लेकिन इंदौर ने दो कदम आगे बढ़कर 'Z' आकार का ब्रिज बनाकर सबको चौंका दिया। यह ब्रिज पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) की देखरेख में बन रहा है, और इसके डिजाइन ने इंदौर को 'अजब मध्य प्रदेश' के नक्शे पर और चमका दिया। जैसे ही यह अनोखा ब्रिज चर्चा में आया, PWD ने सफाई दी कि डिजाइन में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि यह ब्रिज रेलवे लाइन को पार करने के लिए बनाया जा रहा है, और जगह की कमी के कारण ऐसी डिजाइन बनाई गई। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ 'Z' आकार के इस ब्रिज ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। कोई इसे 'मध्य प्रदेश का जिग-जैग अजूबा' कह रहा है तो कोई इसे 'ड्राइविंग स्कूल का टेस्ट ट्रैक' बता रहा है। एक यूजर ने तो मजाक में लिखा, "इंदौर में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए अब Z टेस्ट देना होगा।" इन मजेदार मीम्स ने इस ब्रिज को और भी चर्चित बना दिया है।