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उतार-चढ़ाव भरे भारत-US संबंधों के बीच जयशंकर से मिले अमेरिकी राजदूत, बढ़ेगी साझेदारी?

नई दिल्ली  भारत-अमेरिका में उतार-चढ़ाव वाले चल रहे संबंधों के बीच अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से शनिवार को नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में मुलाकात की। इस दौरान, दोनों ने भारत-अमेरिका संबंधों और इसके बढ़ते वैश्विक महत्व पर बातचीत की। 'एक्स' पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने कहा, "आज नई दिल्ली में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।" विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। उनके बीच भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और इसकी साझा प्राथमिकताओं पर उपयोगी चर्चा हुई। विदेश सचिव ने मनोनीत राजदूत गोर को उनके कार्यभार के लिए शुभकामनाएं।'' इससे पहले, जयशंकर ने 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र के साइडलाइन में गोर से मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की थी। मुलाकात के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक्स पर साझा किया, "दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत में राजदूत नामित सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। वे अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।" इससे पहले, सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गोर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती पर प्रकाश डाला और इसे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में एक अनूठी ताकत बताया था। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में थोड़ी गिरावट आई है। ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है, जिसकी वजह से व्यापार पर असर पड़ा है। ट्रंप भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने की वजह से खफा हैं, जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे कदम उठाता रहेगा, जोकि राष्ट्र हित में होंगे।  

कोल्डरिफ कफ सिरप दिल्ली में भी प्रतिबंधित, औषधि विभाग ने बताया ‘मानक गुणवत्ता से कम’

नई दिल्ली कई बच्चों की जान लेने वाली कफ सिरप Coldrif के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है. दवा की बिक्री पर रोक लगाने वाले राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दिल्ली का नाम भी शामिल हो गया है. दिल्ली सरकार ने अपने आदेश के जरिए Colddrif सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से Colddrif कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोक लगा दिया. वहीं मणिपुर ने ‘अत्यधिक विषाक्त’ रसायन वाले दो कफ सिरप ब्रांड पर अपने यहां रोक लगा दी. दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने अपने सार्वजनिक नोटिस में कोल्डरिफ कफ सिरप (Coldrif Syrup) को “मानक गुणवत्ता से कम” (Not of Standard Quality) घोषित किया है. यह सिरप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है क्योंकि इसमें डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) 46.28% पाया गया है, जो शरीर के लिए बहुत ही विषैला होता है. सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की अपील जिस दवा Coldrif Syrup (Paracetamol, Phenylephrine Hydrochloride, Chlorpheniramine Maleate Syrup) की बिक्री पर रोक लगाई गई है, वो मई 2025 में मैन्यूफैक्चर हुआ था और उसकी एक्सपायरी डेट अप्रैल 2027 थी. इस दवा की निर्माता कंपनी तमिलनाडु की कांचीपुरम जिले की कंपनी श्रीसेन फार्मा कंपनी (Sresan Pharmaceutical Manufacturer) है. आदेश के अनुसार, सभी दवा विक्रेताओं, वितरकों और थोक व्यापारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस कफ सिरप की खरीद, बिक्री और ड्रिस्ट्रीब्यूशन तुरंत रोक दें. आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस सिरप का इस्तेमाल न करें. कंपनी का मालिक 10 दिन की रिमांड पर इस बीच मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत की जिम्मेदार कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसेन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को कल शुक्रवार को छिंदवाड़ा की एक कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख जितेंद्र जाट ने बताया कि रंगनाथन को 2 दिन पहले गुरुवार को तमिलनाडु से हिरासत में लिया गया था. फिर उन्हें चेन्नई की एक कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने के बाद परासिया शहर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. वहीं छिंदवाड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह नेत्री का कहना है कि अब तक दूषित कोल्ड्रिफ सिरप की वजह से 22 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा और कई अन्य जिलों के बच्चों की मौत संदिग्ध रूप से किडनी खराब होने की वजह से हुई है, जिसका संबंध खराब कोल्ड्रिफ कफ सिरप लेने से है. राज्य के कुछ बच्चों का नागपुर में इलाज चल रहा है. उनका कहना है कि जिस फैक्टरी में कफ सिरप बनाया जा रहा था, उसे सील कर दिया गया है. बंगाल ने भी लगाई अपने यहां रोक दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने कल शुक्रवार को कफ सिरप के 2 ब्रांड पर रोक लगा दिया, जिनमें ‘अत्यधिक विषाक्त रसायन’ मिले हैं. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने मणिपुर में इन दोनों उत्पादों की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दिया है तथा सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों और दुकानदारों से कहा गया है कि वे प्रभावित बैचों को तुरंत दुकानों से हटा लें और इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट भी दें. मणिपुर की तरह बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने भी अपने यहां सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोकने का निर्देश दिया है. साथ ही इस इस सिरप का स्टॉक नहीं करने की चेतावनी भी दी. इससे पहले भी कई राज्य इस पर रोक लगा चुके हैं.  

प्रॉपर्टी घोटालों पर लगाम: YEIDA को मिली 441 हेक्टेयर जमीन, 18 गांव होंगे नियंत्रण में

ग्रेटर नोएडा जेवर क्षेत्र में जमीन फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए यीडा ने 3695 दाखिल खारिज यानी किसान से खरीदी गई जमीन को सरकारी दस्तावेजों में अपने नाम पर दर्ज कराया है। 18 गांवों की करीब 441 हेक्टेयर जमीन यीडा के नाम पर दर्ज की गई है। इससे जमीन पर बैंक से ऋण या किसी अन्य को बेचने के मामलों पर रोक लगेगी। यीडा नियोजित विकास के लिए किसानों से सहमति के आधार पर जमीन क्रय करता है या फिर जमीन अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहण करना है। जमीन क्रय करने के बाद आमतौर पर सरकारी दस्तावेजों में जमीन यीडा के नाम दर्ज करने में लापरवाही बरती जाती है। इससे जमीन के फर्जीवाड़े को अंजाम देना आसान हो जाता है। यीडा के द्वारा खरीदी गई जमीन को दूसरे लोगों को बेच दिया जाता है। सरकारी दस्तावेज में यीडा का नाम दर्ज न होने के कारण क्रेता को जानकारी नहीं हो पाती है कि यह जमीन पहले ही यीडा खरीदकर भूमि स्वामी को मुआवजा दे चुका है। इसी तरह बैंक में जमीन को बंधक बनाकर ऋण लिया जाता है। यीडा जमीन पर भौतिक कब्जा लेकर जब उस पर परियोजना का काम शुरू करता है तब बैंक या क्रेता की और से आपत्ति दर्ज कराने पर फर्जीवाड़ा सामने आता है, लेकिन उस वक्त एफआईआर दर्ज कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। जमीन को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए यीडा ने अधिसूचित 18 गांवों में क्रय की गई करीब 441 हे. जमीन को अपने नाम दर्ज कराया है। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि यह जमीन अभी तक 3695 भूमि स्वामियों के नाम पर दर्ज थी, उनके नाम हटाकर अब यीडा का नाम दर्ज हो गया है। इससे सरकारी दस्तावेज दिखाकर फर्जीवाड़ा करना संभव नहीं होगा। क्रय विक्रय में पारदर्शिता रहेगी।  

दिल्ली में त्योहार से पहले बड़ा तोहफा, कारोबारियों को मिले 694 करोड़ रुपये

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने दीपावली से पहले कारोबारियों को बड़ा उपहार दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि उनकी सरकार ने व्यापारी व उद्यमी को दी जाने वाली रिफंड प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने अभी तक कारोबारियों की 694 करोड़ रुपए की राशि उन तक पहुंचाई है, जो एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री का कहना है कि छोटे-बड़े हर व्यापारी का जीएसटी रिफंड उसे तय समय सीमा में देने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है। इस मौके पर उन्होंने जीएसटी टीम की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी जीएसटी रिफंड वापस करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग भी कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों के बैंक खातों में तेजी से उनकी बकाया राशि पहुंच रही है।  मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर व्यापार में सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) वाली नीति पर गंभीरता से कार्य कर रही है। इसके लिए बड़े बाजारों के पुनर्विकास की योजनाएं तैयार की जा रही है तो कारोबारी वर्ग की समस्याओं को सुलझाने और उनके कारोबार को बाधा-रहित चलाने के लिए दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जा चुका है। उनकी सरकार मानती है कि राजधानी के कारोबारियों को व्यापार चलाने में जितनी सरलता मिलेगी, राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का सपना उतनी ही तेजी से पूरा होगा। इसलिए व्यापारी वर्ग का रिफंड वापस करने के लिए तेज प्रयास जारी हैं।" मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली की पिछली सरकार ने जीएसटी रिफंड करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे रिफंड राशि में लगातार बढ़ोतरी होती चली गई, लेकिन हमारी सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि रिफंड निपटान प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए जीएसटी विभाग ने आईआईटी-हैदराबाद के सहयोग से एक उन्नत आईटी मॉड्यूल विकसित किया। यह मॉड्यूल डेटा एनालिटिक्स, डेटा ऑटोमेशन और त्वरित जांच प्रक्रिया पर आधारित है, जिससे रिफंड आवेदन शीघ्रता से निपटाए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि दीपावली तक व्यापारी वर्ग तक इतना रिफंड पहुंचा दिया जाए कि उसका सरकार पर विश्वास और बढ़े, साथ ही उसकी दीपावली का पर्व भी अधिक खुशियां और आनंद लेकर आए। मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से व्यापारी वर्ग का जीएसटी रिफंड वापस करने की प्रक्रिया पर गंभीरता से कार्य करना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री के अनुसार, व्यापार व कर विभाग ने इस वित्त वर्ष 2025-26 में (अप्रैल से अब तक) कुल 7375 रिफंड आवेदनों का निपटारा कर दिया और कुल 694 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड राशि व्यापारियों के खातों में जारी कर दी गई है, जो उनका हक था। इस मौके पर, उन्होंने कहा, "सरकार ने एक रिकॉर्ड और भी बनाया है कि उसने सितंबर माह में 227 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया, जो दिल्ली के रिफंड इतिहास में पहले कभी नहीं किया गया।" मुख्यमंत्री ने व्यापार और कर विभाग के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समय पर रिफंड जारी किया जाना व्यावसायिक संस्थाओं में विश्वास पैदा करता है। साथ ही व्यापारियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तेजी व सुगमता से कार्य करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि छोटे-बड़े हर वर्ग के कारोबारी को जीएसटी रिफंड देने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी बकाया, निर्विवादित और वास्तविक रिफंड आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए। मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली सरकार का यह भी मानना है कि प्राथमिकता और समयबद्ध रिफंड से कारोबारियों को पूंजी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी, उनमें मुकदमेबाजी से उपजा तनाव कम होगा, जिससे दिल्ली की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी। इसका एक दूरगामी प्रभाव यह भी होगा कि राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का हमारी सरकार का लक्ष्य और तेजी से पूरा होगा। हमारी सरकार का लक्ष्य व्यापारियों के लिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को मजबूत बनाना है। इसीलिए हमारी सरकार व्यापारिक नियमों को सरल बनाने और व्यापार में आने वाली बेवजह ही अड़चनों को दूर करने के लिए लगातार प्रभावी प्रयास कर रही है।

अरविंद केजरीवाल को लेकर अमित शाह ने दिया करारा जवाब, सोशल मीडिया पर वायरल

नई दिल्ली  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर बरसते नजर आए। गृहमंत्री ने पूर्व सीएम पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इतने घोटाले किए कि जनता ने उनके चुनाव का 'घोटाला' कर दिया और अब वह घर बैठे हुए हैं। इसी साल फरवरी में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी सीट तक नहीं बचा पाए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यमुना नदी की सफाई के लिए 1,816 करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने पूर्व की आप सरकार और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा, 'केजरीवाल जी ने 11 साल में मोहल्ला क्लीनिक का घोटाला, सीएनजी का घोटाला, शराब घोटाला, विज्ञापन का घोटाला, दवा का घोटाला, क्लासरूम का घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला, शीशमहल का घोटाला, सीसीटीवी लगाने का घोटाला और पैनिक बटन का घोटाला। इतने घोटाले कर दिए कि दिल्लीवालों ने उनके चुनाव का ही घोटाला कर दिया। और अब वह घर पर बैठ हुए हैं।' गृहमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर भी जोरदार हमला किया और कहा कि देश में उसकी सरकार थी तो 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की सरकार थी देश में तब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए थे। मोदी जी के 11 साल के शासन में एक भी आरोप हमारे प्रधानमंत्री पर नहीं लगे। यही बताता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जनता को समर्पित सरकारें हैं।' केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली की जनता ने परिवर्तन को चुना तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार की प्राथमिकता में सर्वोच्च स्थान पर मां यमुना को शुद्ध करना है। मोदी ने वादा किया था कि हम 2029 से पहले यमुना जी को स्वच्छ करने का काम पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना जी का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज यमुना के शुद्धिकरण और साफ यमुना के स्वप्न को साकार करने का रास्ता प्रशस्त हो चुका है।  

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: दिवाली पर अब ग्रीन क्रैकर्स हो सकते हैं वैध?

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटाने की गुहार लगाई गई है. मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा, “आपसे गुजारिश है कि इस पर संतुलित रवैया अपनाया जाए. साथ ही एनसीआर में आने वाले राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि दिवाली पर ग्रीन पटाखे छोड़ने की अनुमति दी जाए. साथ ही कहा कि लोगों को 2 घंटे के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की सख्त अनुमति दी जाए. एनसीआर राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच से कहा, “पटाखे फोड़ने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जा सकती है, जिनमें यह भी शामिल हो कि सिर्फ NEERI की ओर से अनुमोदित ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएंगे.” राज्यों का कहना है कि दिवाली पर पटाखे फोड़ने की 2 घंटे (रात 8 बजे से 10 बजे तक) की सख्त अनुमति दी जानी चाहिए. कोर्ट इस पर संतुलित रवैया अपनाएः SG मेहता दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को मंजूरी देने की मांग पर कोर्ट में आज शुक्रवार सुनवाई शुरू हुई. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट इस मामले में संतुलित रवैया अपनाए. उन्होंने कहा कि पटाखे और लड़ियां जैसी चीजें एनसीआर में नहीं बन रही हैं और ना ही ई-कॉमर्स के जरिए बिक रही हैं. दिल्ली के अलावा एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्यों ने भी बैन लगा रखा है. उन्होंने सुझाव दिया कि पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के जरिए ही होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे केवल अनुमति प्राप्त पटाखे ही बेच रहे हों. उन्होंने कहा, “एनसीआर की राज्य सरकारों, जीएनसीटीडी और पीईएसओ द्वारा यह तय किया जाना चाहिए कि फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि सहित कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार न करे और न ही कोई ऑनलाइन बिक्री करे.” पटाखे छोड़ने का समय तय किया जाएः SG मेहता मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दिवाली में कुछ लोग सुबह पूजा करते हैं और पटाखे भी जलाते हैं. इस पर कोर्ट के सामने दलील रखते हुए एसजी मेहता ने कहा कि लोगों का अधिकार है कि वे अपना त्योहार मनाएं. यह नियम दिवाली, क्रिसमस और गुरु पर्व सभी के लिए रहेंगे. लोगों के जश्न मनाने के अधिकार को भी संतुलित किया जाएगा, जो शुद्ध हवा के अधिकार के लिए होंगे. मेहता ने यह भी सुझाव दिया कि क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर, पटाखे फोड़ने की अनुमति सिर्फ रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक ही दी जानी चाहिए. इसी तरह गुरुपर्व पर, सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि विवाह और अन्य अवसरों पर, ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी जा सकती है. उनका कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले पटाखा निर्माण स्थलों को तुरंत सील कर दिया जाएगा. सिर्फ पटाखों से हवा प्रदूषित नहीं होतीः याचिकाकर्ता सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कहा कि सिर्फ पटाखों से ही हवा प्रदूषित नहीं होती, बल्कि पराली और गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर भी कोर्ट ने कई आदेश जारी किए हैं. पिछले आदेशों के अनुपालन की अवहेलना पर गौर किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ग्रीन पटाखों और उद्योगों के लिए फॉर्मूलेशन स्थापित करने में भारी मात्रा में धनराशि खर्च की गई है. शीर्ष अदालत ने पिछले महीने 26 सितंबर को प्रमाणित निर्माताओं को इस शर्त के साथ ‘ग्रीन’ पटाखे बनाने की अनुमति दे दी थी कि वे बिना उसकी अनुमति के प्रतिबंधित दिल्ली-एनसीआर में इन्हें नहीं बेचेंगे. उसने केंद्र से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध पर नए सिरे से विचार करने को कहा. दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कुल 16 जिले एनसीआर में आते हैं.  

दिल्ली सरकार निकालेगी शिक्षकों के 5000+ पद, जानें कब से भर सकते हैं फॉर्म

नई दिल्ली दिल्ली सरकार के स्कूलों में अरसे से चल रही शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास तेज हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने 5346 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। इससे पहले सितंबर में 1180 शिक्षकों की भर्ती निकली जा चुकी है। ये भर्ती प्रक्रिया उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत सरकारी स्कूल में 18,000 शिक्षकों की नियुक्ति जानी है। इस तारीख से शुरू होगी आवेदन की प्रक्रिया दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने रिक्तियों का विज्ञापन दिया है और 9 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय 1075 स्कूल चलाता है, जिसमें 8,24,225 छात्र नामांकित हैं। इसके अलावा निदेशालय से सहायता प्राप्त 199 स्कूलों में 74,563 छात्र नामांकित हैं। अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों के 18,000 से अधिक पदों में से शिक्षकों की बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में अतिथि शिक्षकों से भरा गया है।  

ECI को HC का निर्देश: जनसंघ के उम्मीदवार अब एक ही चुनाव चिह्न के साथ चुनाव मैदान में

नई दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय जनसंघ (ABJS) को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कॉमन चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए। कॉमन चुनाव चिह्न मिलने पर अखिल भारतीय जनसंघ के सभी प्रत्याशियों को एक ही चुनाव चिह्न आवंटित किया जाएगा, जैसे की भाजपा, कांग्रेस या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों को मिलता है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने आदेश के तहत कॉमन चुनाव चिह्न के आवंटन के लिए चुनाव आयोग में एक आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जनसंघ ने याचिका दायर कर चुनाव आयोग को पार्टी के 25 अगस्त के आवेदन पर विचार करने और जनसंघ के बैनर तले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्देश देने की मांग की थी। पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया था कि जनसंघ का नाम निर्वाचन आयोग की ओर से 20 अक्टूबर 1989 के अपने पत्र के माध्यम से विधिवत पंजीकृत किया गया था। निर्वाचन आयोग ने पार्टी में आंतरिक विवाद का हवाला देते हुए बिहार चुनावों के लिए समान चुनाव चिह्ल आवंटित करने से इनकार कर दिया था।   यह भी तर्क दिया गया था कि समीर सिंह चंदेल की ओर से उठाया गया विवाद अब प्रासंगिक नहीं रहा क्योंकि उन्हें 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। ऐसे में निष्कासन के बाद पार्टी के मामलों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह भी कहा गया कि पार्टी की ओर से 25 मार्च को जारी एक पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें पार्टी के नए पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के नामों का विवरण दिया गया था। वहीं, निर्वाचन आयोग ने 2019, 2020 और 2021 में जारी विभिन्न पत्रों का हवाला देते हुए कहा था कि ये पत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले समीर सिंह चंदेल और उनके नेतृत्व वाले उक्त गुट के कई अन्य सदस्यों से प्राप्त हुए थे। ऐसे में पार्टी के आंतरिक विवादों को देखते हुए जनसंघ को चुनाव चिह्न नहीं दिया जा सकता है। हालांकि, अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए याचिका स्वीकार कर ली कि पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी और इसके लिए उसे एक समान चिन्ह भी आवंटित किया गया था।  

10 Kg का ट्यूमर हटाकर जीवन बदल दिया: दिल्ली के डॉक्टरों की कमाल की सर्जरी

नई दिल्ली  दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने 19 साल की लड़की को नई जिन्दगी दी। लड़की के पेट में पांच साल से ट्यूमर बन रहा था। पेट में पल रही गांठ ने 10 किलोग्राम का आकार ग्रहण कर लिया था, जिसे सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने एक ऐतिहासिक सर्जरी के साथ समाप्त कर दिया। डॉक्टरों ने बताया, 30 x 20 x 20 सेमी माप और 10.1 किलोग्राम वजन वाले दुर्लभ रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर ने प्रमुख अंगों और वाहिकाओं को विस्थापित कर दिया था, जिससे सर्जिकल टीम के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई थी। डॉक्टरों की टीम ने बिना किसी जटिलता के ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया। इस जटिल ऑपरेशन में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, सीटीवीएस विशेषज्ञ, ओटी और आईसीयू स्टाफ, और सहायक टीमें शामिल थीं। सभी विशेषज्ञों का एक ही लक्ष्य था कि मरीज के अंग अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं और ऑपरेशन के बाद शरीर सामान्य तरह से रिकवर करने लगे। डॉक्टरों ने बताया, एचडीयू वार्ड 24 में गहन देखभाल और निरंतर सहायता के बाद, मरीज को अच्छे स्वास्थ्य में छुट्टी दे दी गई। यह जटिल मामला सफदरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता, टीमवर्क और जीवन रक्षक देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे एक युवती और उसके परिवार को भविष्य के लिए नई उम्मीद मिली है। निदेशक डॉ. संदीप बंसल, प्रिंसिपल डॉ. गीतिका खन्ना, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चारु बांबा और एचओडी एनेस्थीसिया डॉ. कविता शर्मा के नेतृत्व में, विशेषज्ञ सर्जिकल टीम—जिसका नेतृत्व सर्जरी यूनिट एस6 की प्रोफेसर डॉ. शिवानी बी परुथी ने इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाया है।  

एशिया की नई विकास राजधानी: जेवर से उड़ान भरेगा दिल्ली-NCR का भविष्य

नई दिल्ली दिल्ली-NCR क्षेत्र में अब तक लगभग 3.5 करोड़ लोग रहते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले बीस सालों में यह क्षेत्र दक्षिण में गुड़गांव और पूर्व में नोएडा की तरफ काफी फैल चुका है। इस विस्तार के चलते दिल्ली-एनसीआर टोक्यो के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहरी इलाका बन गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार सालों में यह क्षेत्र टोक्यो को भी पीछे छोड़ देगा। दिल्ली-एनसीआर के तेजी से विकास में सबसे बड़ा योगदान नोएडा के जेवर में बनने वाले नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का होगा। इस एयरपोर्ट का नाम नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर से यहां से कॉमर्शियल उड़ानें शुरू होने वाली हैं। यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार और स्विस कंपनी ज्यूरिख एजी के सहयोग से विकसित किया गया है। पूर्वी क्षेत्र के लिए खुलेंगे विकास के दरवाजे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे की तरह, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) भी क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। जहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डा दक्षिणी दिल्ली के विकास का कारण बना, वहीं नोएडा एयरपोर्ट पूर्वी दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों जैसे मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा और आगरा को जोड़कर इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा। जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। शुरुआत में इस एयरपोर्ट में एक रनवे और एक टर्मिनल (T1) होगा, जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। भविष्य में इस एयरपोर्ट को बढ़ाकर सालाना 7 करोड़ यात्रियों की क्षमता तक ले जाया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में यहां कार्गो हब, विमान मरम्मत केंद्र जैसी आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे यह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। शुरुआती दौर में 10 शहरों से शुरू होंगी उड़ाने मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि शुरुआती दौर में कम से कम 10 शहरों से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NIA) के लिए सीधे उड़ानें शुरू होंगी। मंत्री ने बताया कि इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और आसपास के इलाके आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। इस पहल से दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों के विकास को भी बल मिलेगा। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस होगा। यात्री यहां स्पर्शरहित (contactless) सफर की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे यात्रा और भी तेज और आरामदायक होगी। सुरक्षा जांच में 3डी स्कैनर और बॉडी स्कैनर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, हवाई अड्डे में दो आरामदायक लाउंज और एक खास वीआईपी टर्मिनल भी मौजूद होगा, जो यात्रियों को बेहतर सुविधा और अनुभव प्रदान करेगा। यात्रियों को खास अनुभव देने के लिए तैयार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि यह एयरपोर्ट स्विस दक्षता और भारतीय गर्मजोशी के मिश्रण से डिजाइन किया गया है। यह हवाई अड्डा आधुनिक वास्तुकला और क्षेत्रीय सांस्कृतिक तत्वों को जोड़कर बनाया गया है, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान एक खास और यादगार अनुभव मिलेगा। जब इंदिरा गांधी हवाई अड्डा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) साथ मिलकर काम करेंगे, तो दिल्ली-NCR क्षेत्र में कॉमर्शियल, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल कनेक्टिविटी की गति दोगुनी हो जाएगी। इससे न केवल इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा, बल्कि यहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली भी बेहतर बनेगी। यह पहल दिल्ली-एनसीआर को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी और सुलभ बनाएगी।