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हाईवे पर खौफनाक मंजर : सिलेंडर से भरे ट्रक में केमिकल टैंकर की टक्कर, धमाकों से दहला इलाका

जयपुर जयपुर जिले के दूदू क्षेत्र में मौखमपुरा के पास मंगलवार रात एक खौफनाक हादसा हुआ। एलपीजी सिलेंडरों से भरे खड़े ट्रक को एक केमिकल टैंकर ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही टैंकर के केबिन में आग लग गई, जो तेजी से ट्रक तक फैल गई। आग सिलेंडरों तक पहुंची तो एक के बाद एक करीब 200 गैस सिलेंडरों में विस्फोट हो गया। धमाकों की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और कुछ सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों तक जा गिरे। घटना रात करीब 10 बजे हुई, जिससे हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टैंकर चालक ने आरटीओ वाहन को देखकर अचानक ढाबे की ओर मोड़ काटी और सामने खड़े गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से भिड़ गया। हादसे में टैंकर का चालक जिंदा जल गया। वहीं, आसपास खड़े पांच अन्य वाहन भी आग की चपेट में आ गए। दमकल की 12 गाड़ियों ने करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। ट्रक में कुल 330 सिलेंडर लदे हुए थे, जिनमें से दो तिहाई से ज्यादा सिलेंडर फट गए। हाईवे पर दोनों ओर ट्रैफिक रोकना पड़ा, जिसे बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे दोबारा खोला गया। आरटीओ की गाड़ी देख घबराया टैंकर ड्राइवर, ढाबे में घुसा वाहन, हुई भीषण टक्कर एक दर्दनाक हादसे में केमिकल से भरा टैंकर सिलेंडर लदे ट्रक से टकरा गया, जिससे भयंकर आग लग गई। ट्रक ड्राइवर शाहरुख ने बताया कि हादसे में उसका ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो गया। घटना के समय टैंकर जयपुर की ओर जा रहा था, तभी सामने से आरटीओ की गाड़ी आती दिखी। आरटीओ वाहन को देखकर टैंकर चालक घबरा गया और खुद को बचाने की कोशिश में उसने टैंकर को सड़क किनारे एक ढाबे में घुसा दिया। इस दौरान टैंकर की सीधी टक्कर वहां खड़े गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से हो गई। दो घंटे तक मौके पर कोई दमकल वाहन नहीं पहुंचा टक्कर के तुरंत बाद स्पार्किंग हुई और आग फैल गई। केमिकल टैंकर के ड्राइवर ने जान बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आग ने तेजी से घेर लिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, करीब दो घंटे तक मौके पर न तो कोई दमकल वाहन पहुंचा, न ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था दिखाई दी।  ट्रैफिक डायवर्जन से 15 किमी लंबा सफर तय करना पड़ा हादसे के बाद सड़क पर जाम और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया। अजमेर से जयपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को किशनगढ़ से रूपनगढ़ होते हुए आगे भेजा गया। इस डायवर्जन के कारण यात्रियों को सामान्य 115 किलोमीटर की जगह लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। वहीं, जयपुर से अजमेर आने वाले ट्रैफिक को 200 फीट बाइपास से टोंक रोड की ओर मोड़ा गया। 4 एसएमएस अस्पताल अलर्ट मोड पर, ICU बेड रिजर्व हादसे की जानकारी मिलते ही एसएमएस अस्पताल को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया। अस्पताल के नव नियुक्त अधीक्षक मृणाल जोशी ने बताया कि आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्लास्टिक सर्जन समेत संपूर्ण मेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी में तैनात किया गया। इसके साथ ही आईसीयू बेड भी टेकओवर कर लिए गए थे, ताकि किसी भी गंभीर घायल को तुरंत उपचार मिल सके। वहीं, अभी तीन लोगों की तलाश जारी है। एक ट्रक में चालक का थोड़ा कंकाल मिला है। जबकि खलासी का पता नहीं चला। वहीं कैमिकल से भरे ट्रक के चलाक और खलासी का कोई पता नहीं चला है। अग्निशमन कर्मचारियों का कहना है कि कमिकल से भरे ट्रक में ब्लॉस्ट हो जाता तो हादसा और भी भयानक रूप ले सकता था। अब भी मौके पर दमकल कर्मी कमिकल से भरे ट्रक पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं।   रात में ही मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम बैरवा वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा रात में ही मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि  टैंकर में मौजूद ड्राइवर और कंडक्टर घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल भेजा गया है। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं और हाईवे पर दोनों ओर से ट्रैफिक रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की निगरानी में लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।   डिप्टी सीएम डॉ प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि हादसे में शामिल वाहन के ड्राइवर की पहचान अभी नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि आग पर अब पूरी तरह काबू पा लिया गया है। प्रशासन की टीमें लगातार मौके पर मौजूद हैं और पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं। इसके साथ ही राजस्थान के उपमुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हालात पर प्रशासन की पूरी नजर है और हर संभव राहत और बचाव कार्य जारी है। सीएम भजनलाल ने जताया दुख मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संभावित घायलों की चिंता करते हुए कमिश्नर बीजू जॉर्ज को निर्देश दिए। सीएम ने दूदू सावरदा से जयपुर तक आने जाने के लिए दमकल एवं एम्बुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार रखे हैं। भजनलाल ने ट्वीट कर लिखा कि जयपुर ग्रामीण के मोजमाबाद थाना क्षेत्र में जयपुर–अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग लगने की दुर्घटना अत्यंत दुखद है।घटना स्थल पर फायर ब्रिगेड एवं आपदा प्रबंधन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जिला प्रशासन को घायलों के समुचित उपचार तथा प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस हृदयविदारक घटना से प्रभावित सभी नागरिकों की सुरक्षा और कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। गौरतलब है कि दिसंबर पिछले साल भी जयपुर-अजमेर हाइवे पर इसी तरह की दुर्घटना में एलपीजी टैंकर विस्फोट से 19 लोगों की मौत हो गई थी

सेहत से खिलवाड़: राजस्थान में दवा में साल्ट गायब, जानलेवा टैबलेटों की बिक्री जारी

जयपुर  कफ सिरप से बच्चों के मौत का मामला इस वक्त सुर्खियों में है. लेकिन इसी बीच लोगों की सेहत से जुड़ी एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. अकेले राजस्थान में एक साल के अंदर कई बड़ी बीमारियों की दवाओं के सैंपल फेल पाए गए. लेकिन उससे पहले ही इन दवाओं की हजारों गोलियां बेची जा चुकी हैं. जिन दवाओं के सैंपल फेल हैं उनमें एंटी बायोटिक से लेकर कार्डियक अरेस्ट जैसे गंभीर बीमारियों की टैबलेट शामिल हैं. इन दवाओं का बड़े पैमाने पर लोग उपयोग कर रहे हैं. वहीं, सैंपल में कई दवाओं से साल्ट भी गायब मिले. अधिकारियों का कहना है कि दवा नियंत्रण क़ानून में कई ख़ामियां हैं. जिसका फ़ायदा उठाकर आम लोगों के जीवन से खेलने का ये कारोबार चल रहा है. दवाइयों के सैंपल फेल होने का मामला राजस्थान के औषधि नियंत्रण विभाग की जांच में सामने आया. आजतक ने जब राजस्थान के औषधि नियंत्रण विभाग के कामकाज को खंगालना शुरू किया तो पता चला कि यहां लेबोरेटरी में जांच तो हो रही है और नतीजे भी आ रहे हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर गड़बड़झाला चल रहा था. राजस्थान ड्रग कंट्रोलर विभाग के अनुसार सैकड़ों दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. इन दवाओं के सैंपल हुए फेल एंटीबायोटिकः जांच में इमोक्सीसिलन, क्लेवूलेनिक एसिड टैबलेट, सिफ्रोफ्लोक्सासिन, सेफपोडॉक्सिन, सेफट्राइजोन इंजेक्शन के 6 बैच फेल पाए गए. जांच से पहले मेडिरिच लिमिटेड की 1 लाख से अधिक दवाइयां बिक चुकी थीं. स्टेराइडः बीटामेथॉसॉन के 3 बैच फेल पाए गए. 5 दिसम्बर को रिपोर्ट आई. तब तक मेडिवेल बायोटिक की 30 हजार दवा बिक चुकी थी. एंटीएलर्जिकः-लिवोसिट्रोजिन, मोंटेलुकास्ट के 4 बैच सैंपल में फेल मिले. इसकी रिपोर्ट 5 दिसम्बर को आई. लेकिन तब तक थेराविन फार्माल्यूसेशन की 35 हजार दवाएं बिक चुकी थीं. एंटी डायबिटीक- ग्लिमिप्राइड, पायोग्लीटाजोन के 3 बैच फेल. रिलीफ बायोटेक की 18 हजार से अधिक दवाइयां बिक गईं. इसके अलावा पेनकिलर- एसीक्लोफिनेक, पेरासिटामॉल के 3 बैच फेल पाए. इसकी रिपोर्ट 11 दिसम्बर को आई. लेकिन तब तक 20 हजार दवा बिक चुकी थी. गैस और कैल्शियम की भी दवाएं सैंपल में फेल कैल्शियम, विटामिन डी3 के सप्लीमेंट के 8 बैच के सैंपल भी फेल पाए गए. जबकि पेट गैस की पीपीआई के 3 बैच फेल पाए गए. इनकी भी कई हजार गोलियां बिक चुकी हैं.  वहीं, कार्डियक में काम आने वाली लोसरटान के 2 बैच फेल मिले. इसकी दवा बनाने वाली एमेक्स फार्मा के 10 हजार से अधिक टेबलेट बिक चुके हैं. दवाओं से साल्ट भी गायब सैंपल में यह भी पाया गया कि पेट दर्द की दवा से लेकर नाक-कान तक की दवा में साल्ट ग़ायब हैं. इंजेक्शन से लेकर फ़्लूइड तक इंफ़ेक्शियस पाए गए हैं. राजस्थान के कमिश्नर औषधि नियंत्रक टी शुभमंगलन ने कहा कि अगले दो दिनों में हम राजस्थान के 65 दवा बनाने वाली कंपनियों में सघन जांच करने जा रहे हैं. अमानक दवाइयों को लेकर हम गंभीर हैं. नियम के अनुसार इन नक़ली दवाओं के सैंपल फेल होने पर कोर्ट केस होना चाहिए था, मगर ज़्यादातर मामलों नहीं हुआ है. इन कंपनियों के सैंपल कोलकाता के सेंट्रल लेबोरेटरी से जांच करवाकर राष्ट्रीय स्तर पर इन पर पाबंदी लगाने के लिए लिखना था. मगर राजस्थान के स्पेंडेड ड्रग कंट्रोलर रिपोर्ट लेकर बैठे रहे. हर बीमारी की बाजार में नकली दवा उपलब्ध ऐसी कोई बिमारी नहीं है कि जिसकी नक़ली दवा बाज़ार में बिकती हुई नहीं पकड़ी गई हो. नक़ली और अमानक दवा के प्रति सरकार का रवैया इतना लचर है कि जब तक जांच होकर रोक लगाने की बात होती है, तबतक लाखों लोग उसका उपयोग कर चुके होते हैं. ज़्यादातर दवाइयां दूसरे राज्यों में बन रही हैं जिसके लिए केंद्र और दूसरे राज्य की सहयोग की ज़रूरत होती है. जिसका फ़ायदा दवा कंपनियां उठा रही हैं.

रात में गूंजा भयानक धमाका, 10 KM तक सुनाई दी आवाज, 200 गैस सिलेंडर फटे

जयपुर जयपुर-अजमेर हाइवे मंगलवार रात जिंदा लपटों का मैदान बन गया और इसका पूरा मंजर CCTV कैमरे में कैद हो गया. दूदू के पास सांवरदा इलाके में हुए इस हादसे का CCTV फुटेज अब सामने आया है, जिसमें कुछ ही सेकंड में पूरा ट्रक आग के गोले में बदलता दिखाई दे रहा है. यही नहीं, ट्रक में रखें गैस सिलेंडरों में इस कदर विस्फोट हुआ कि आसपास के होटलों में अफरा-तफरी मच गई. दरअसल, LPG सिलेंडरों से भरा ट्रक सड़क किनारे अवैध कट से मुड़ने की कोशिश कर रहा है, तभी पीछे से आ रहा तेज रफ्तार ट्रेलर उसे जोरदार टक्कर मारता है. टक्कर के साथ ही जोरदार धमाका होता है, फिर पूरा ट्रक आग की लपटों में घिर जाता है. इसके बाद शुरू होता है सिलेंडरों के फटने का सिलसिला, जो CCTV में एक-एक कर जलते और फटते नजर आते हैं.  रात के सन्नाटे में करीब 200 सिलेंडरों के धमाके, जिनकी आवाज़ें 10 किलोमीटर दूर तक गूंजीं. यही नहीं, आसपास के खेत और होटलों में ब्लास्ट हुए सिलेंडर के सिर्फ परखच्चे ही नहीं, बल्कि सिलेंडर के सिलेंडर उछल कर आ गिरे. फुटेज में दिखाई दे रहा है कैसे सड़क के दोनों तरफ लोग जान बचाने को भाग रहे हैं और आसपास के होटल आग की लाल रोशनी में डूब जाते हैं. करीब 3 घंटे तक धमाकों का तांडव चलता रहा और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचती दिखीं, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि तब तक 5 वाहन पूरी तरह स्वाहा हो गए.  वहीं, हादसे में एक व्यक्ति जिंदा जल गया, जिसका सिर्फ कंकाल मिला है और कई लोग झुलस गए हैं. दुर्घनाग्रस्त ट्रक में 330 सिलेंडर थे, जिसमें से करीब 200 फटे, बाकी खेतों में बिखर गए.  बता दें कि ठीक 10 महीने पहले इसी जयपुर-अजमेर हाइवे पर भांकरोटा अग्निकांड हुआ था, जिसमें 20 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और बीती रात वाला मंजर भी कुछ ऐसा ही था, लेकिन गनीमत रही की ज्यादा जनहानि नहीं हुई.

तीन राज्यों में सक्रिय ब्लैकमेलिंग गैंग पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, झालावाड़ से गिरफ़्तारी और 3 लग्जरी कारें बरामद

  जयपुर झालावाड़ पुलिस ने एक बड़े संगठित अपराध रैकेट का पर्दाफाश करते हुए हेमराज सुमन हिस्ट्रीशीटर द्वारा संचालित गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यह गैंग पिछले 10 वर्षों से राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्यों में सक्रिय थी और धोखाधड़ी, वाहनों की चोरी और खुर्द-बुर्द करने के साथ-साथ हनीट्रैप के जरिए व्यापारियों को ब्लैकमेल करने में संलिप्त थी। पुलिस ने इस गिरोह के तीन और इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। गैंग दो मुख्य तरीकों से वारदातों को अंजाम देती थी: 1. ट्रेक्टर खुर्द-बुर्द: गैंग के सदस्य गरीब व्यक्तियों को झांसे में फंसाकर उनकी जमीन पर लोन/फाइनेंस करवाकर नए ट्रेक्टर उठवाते थे। इसके बाद वे ट्रेक्टरों को खुर्द-बुर्द करके झूठी चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाते थे और बीमा कंपनी से क्लेम की राशि हड़प लेते थे। अवैध बेचान के लिए फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी भी तैयार की जाती थी। 2. हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग: गैंग में 10 से अधिक महिला सदस्य शामिल थीं। ये महिलाएं कारोबारी और व्यापारी वर्ग के लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं। गैंग के सदस्य, जिनमें कुछ पुलिस की वर्दी में भी होते थे, फिर झूठे बलात्कार, छेड़छाड़ के मुकदमे दर्ज करवाने या धमकी देकर लोगों से लाखों रुपये की मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस का शिकंजा पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर संगठित अपराधों में सक्रिय हेमराज सुमन गैंग के कुल 13 सदस्यों को पहले गिरफ्तार किया गया था। उनसे गहन पूछताछ के बाद वाहन खुर्द-बुर्द की वारदातों में शामिल तीन इनामी अभियुक्तों सुनील माली (25) निवासी सारोला, गोलू बंजारा (23) निवासी सांगोद और प्रदीप धाकड (32) निवासी तेजगढ़ थाना सदर बारां को रविवार 05 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। इन अभियुक्तों की निशानदेही पर 3 लग्जरी कारें (स्विफ्ट और आई-20) भी जब्त की गई हैं। इस मामले में अब तक कुल 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें गैंग लीडर हेमराज सुमन और मुख्य महिला आरोपी सीमा मीणा शामिल हैं। गैंग की संलिप्तता को देखते हुए गहन जांच के लिए एक एस.आई.टी. विशेष जांच दल का गठन किया गया है। जाँच में यह भी पुष्टि हुई है कि गैंग ने अवैध आय से कई स्थानों पर सम्पत्ति खरीदने और अन्य धंधों में निवेश करने का काम भी किया है। गैंग की 10 महिला सदस्य सीमा शर्मा उर्फ सीमा मीणा निवासी बारां हाल अकलेरा, सीमा राजपूत निवासी मध्य प्रदेश, हेमलता मीणा निवासी कोटा शहर, भूरी बाई उर्फ सुनीता निवासी झालावाड़ हाल मध्य प्रदेश, मुस्कान राजपूत निवासी इंदौर मध्य प्रदेश हाल सारोला, संध्या उर्फ गोलू वाल्मीकि निवासी इंदौर मध्य प्रदेश लीलाबाई भील निवासी मध्य प्रदेश और मनीषा ढोली, छोटी बाई माली और लाड बाई माली निवासी सारोला जिला झालावाड़ पूर्व में अलग-अलग थानों (कोटा, बारां, खानपुर) में हनीट्रैप के मामलों में गिरफ्तार हो चुकी हैं, जिससे गैंग के बड़े और संगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर: राजस्थान में भारी बारिश और ठंडक

जयपुर राजस्थान में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर मंगलवार को भी जारी रहा। पूर्वी जिलों में बादल छाए रहे और कई जगह हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने 9 जिलों में अलर्ट जारी किया है। 8 अक्टूबर से प्रदेश में मौसम साफ और सूखा रहने की संभावना है। सोमवार को जयपुर, नागौर, हनुमानगढ़, सीकर समेत कई जिलों में 4 इंच तक तेज बारिश हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया और खरीफ की फसलें खराब हो गईं। बारिश और बादलों की वजह से तापमान में भारी गिरावट देखी गई। हनुमानगढ़ में दिन और रात के तापमान में सिर्फ 1 डिग्री का अंतर रहा। जयपुर में देर रात तक होती रही बारिश राजधानी जयपुर में सोमवार सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। मंगलवार सुबह भी करीब 3 बजे तक बारिश का दौर चला। बीते 24 घंटों के दौरान जयपुर में  92MM बरसात रिकॉर्ड की गई। जयपुर में छापरवाड़ा बांध के पास 92MM बारिश दर्ज हुई। दिल्ली रोड पर चांदवास पर 53, जालसू, दूदू, मौजमाबाद में 27-27, जोबनेर में 40, बैराठ में 52, शाहपुरा में 56, फागी में 35, चौमूं में 26, सांगानेर में 29MM बारिश हुई है। बारिश से पारा भी लुढ़का बारिश की वजह से प्रदेश में पारे में भी तेज गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 12 डिग्री तक गिरा। सीकर सबसे ठंडा रहा, जहां दिन का तापमान 22.5°C दर्ज हुआ। जयपुर 25.1°C, पिलानी 24.7°C, अलवर 24°C, चूरू 24.1°C, बीकानेर 29.3°C, उदयपुर 29°C और झुंझुनूं 24.9°C तक सीमित रहा। अब 8 अक्टूबर से प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो सकती है।  

लंबे समय से बीमार कांग्रेस नेता भरत सिंह का इंतकाल, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जयपुर हाड़ौती क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री भरत सिंह का सोमवार रात जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। शुरुआत में कोटा में इलाज चला, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर रैफर किया गया था। करीब एक महीने से उनका इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन की खबर से कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया और भरत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुद्दों पर डटे रहने वाले नेता भरत सिंह को मुद्दों पर अडिग रहने वाले नेता के रूप में जाना जाता था। उनके करीबी और कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष कुशल पाल सिंह पानाहेड़ा ने बताया कि भरत सिंह ने राजनीति में कभी लाभ-हानि की चिंता नहीं की। वे गांधीवादी विचारधारा को मानते थे और उनकी ईमानदारी की सराहना विपक्षी नेता भी किया करते थे। राजनीतिक सफर भरत सिंह का जन्म 15 अगस्त 1950 को हुआ था। उन्होंने एमएस बड़ौदा यूनिवर्सिटी (गुजरात) से स्नातक की पढ़ाई की थी। वे 1993 में पहली बार खानपुर (झालावाड़) से विधायक बने। 1998 में लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे से हार गए। 2003 में दीगोद (कोटा) से विधायक बने, जहां उन्होंने भाजपा के ललित किशोर चतुर्वेदी को हराया। 2008 में सांगोद से चुनाव जीते, 2013 में हारने के बाद पंचायत चुनाव लड़ा और वार्ड पंच बने। उनकी पत्नी मीना कुमारी उस समय सरपंच रहीं। 2018 में भरत सिंह एक बार फिर सांगोद से विधायक चुने गए। नहीं लड़ा 2023 का चुनाव 2023 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने राजनीति से खुद को अलग करने का फैसला लिया। उन्होंने साफ कहा था कि वे न तो चुनाव लड़ेंगे और न ही परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाएंगे। इसके बाद सांगोद से कांग्रेस ने भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया। भरत सिंह तीन बार कुंदनपुर से सरपंच और दस साल तक सांगोद पंचायत समिति के प्रधान भी रहे। अंतिम संस्कार आज भरत सिंह का अंतिम संस्कार आज  उनके पैतृक गांव कुंदनपुर में किया जाएगा। गहलोत सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जताया दुख भरत सिंह के निधन पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने दुख प्रकट किया है। गहलोत ने बयान जारी कर कहा-  पूर्व मंत्री  भरत सिंह कुंदनपुर के निधन का समाचार मिला। मैं कल ही SMS अस्पताल जाकर उनसे कुशलक्षेम पूछकर आया था। डॉक्टरों ने उनकी तबीयत में सुधार बताया था परन्तु आज ऐसा समाचार मेरे लिए व्यथित करने वाला है। भरत सिंह कुंदनपुर राजनीति एवं जनसेवा में बेबाकी एवं ईमानदारी की मिसाल थे। वो हाड़ौती क्षेत्र के कद्दावर नेता थे। मेरे उनके परिवार से संबंध उनके पिताजी के समय से थे जब मैं उनके साथ लोकसभा सांसद बना था। भरत सिंह कुंदनपुर मेरे साथ मंत्री भी रहे। मैं ईश्वर से श्री भरत सिंह जी की आत्मा को शांति एवं उनके परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं।

हाईकोर्ट ने जयपुर रियासत के ‘महाराज’ और ‘राजकुमारी’ उपाधियों पर लगाई रोक

जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व जयपुर राजपरिवार के वंशजों को गृह कर लगाने के मामले में अपनी याचिकाओं से महाराज और राजकुमारी उपसर्ग हटाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि 13 अक्तूबर तक सुधार नहीं किया गया तो 24 साल पुराने मामले को बिना सुनवाई के खारिज कर दिया जाएगा। जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल ने पिछले सप्ताह गृह कर लगाने से संबंधित 24 वर्ष पुराने मामले में यह आदेश जारी किया। याचिका जयपुर राजघराने के दिवंगत जगत सिंह और पृथ्वीराज सिंह के कानूनी उत्तराधिकारियों की ओर से दायर की गई है। कोर्ट ने वाद शीर्षक में शाही सम्मानसूचक शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति जताई तथा याचिकाकर्ताओं को संशोधित दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि यदि अगली सुनवाई से पहले आदेश का पालन नहीं किया गया तो मामला सुनवाई किए बिना खारिज कर दिया जाएगा।

SMS अस्पताल हादसा: आग के बाद तुरंत पहुंचे सीएम शर्मा स्थिति का लिया जायजा

जयपुर जयपुर में कल देर रात सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में अचानक लगी आग से सात मरीजों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मामले की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।   हादसे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगने से सात लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। साथ ही यह भी कहा है कि राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके। इधर प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी एक्स पर लिखा  है कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आग लगने की हृदय विदारक घटना में मरीजों की जनहानि का समाचार अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक है।   ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। प्रभु श्रीराम हादसे में घायल हुए नागरिकों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें । नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने शोक संदेश में कहा कि एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगने से 3 महिलाओं सहित 8 लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। इस भीषण घटना ने मन को झकझोर कर रख दिया है, हृदय अत्यंत व्यथित है। मेरी गहरी संवेदनाएं दिवंगतों के परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में एवं शोकाकुल परिजनों को यह असहनीय दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। अभी जयपुर जिला कलेक्टर से घटना की पूरी जानकारी ली है और थोड़ी ही देर में SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंच रहा हूं। गौरतलब है कि कल देर रात एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई, मरने वालों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।

प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में हादसा — ट्रॉमा सेंटर में लगी आग, सात लोगों की जान गई

जयपुर राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में अचानक आग लगने से 7 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर आग ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू के स्टोर रूम में लगी, जहां मेडिकल पेपर, ब्लड सैंपल ट्यूब्स और आईसीयू से जुड़ा अन्य सामान रखा गया था। आग की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि जांच के बाद ही की जाएगी। ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और सीनियर डॉक्टर ने बताया कि हादसे के समय आईसीयू में कुल 11 मरीज भर्ती थे। वहीं बगल वाले दूसरे आईसीयू में 13 मरीज और थे। आग लगते ही स्टाफ ने तुरंत अलार्म बजाया और मरीजों को शिफ्ट करने की कोशिश की गई लेकिन धुएं और आग की चपेट में आने से 7 मरीजों की जान चली गई। घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। परिजन रोते-बिलखते नजर आए, वहीं कुछ मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और तकनीकी टीमों को शॉर्ट सर्किट की पुष्टि के लिए लगाया गया है। सरकार और अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी तक इस पर कोई विस्तृत आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सिरप सेवन से मौत मामले में केंद्रीय मंत्री ने उठाई जांच की मांग

जयपुर राजस्थान में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित की जा रही खांसी की दवा को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीते दिनों Dextromethorphan Hydrobromide Syrup लेने के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने और कई बच्चों की मौत के मामले सामने आए। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चों की हालत यह दवा लेने के बाद ही खराब हुई। इसके बाद राज्य सरकार ने संबंधित कंपनी कायसन फार्मा की दवाओं की जांच करवाई, लेकिन रिपोर्ट में कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई।  शेखावत ने कही ‘पूरी जांच’ की बात रविवार को जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इस मामले में प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि दवाओं के मानकीकरण को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया में एक निश्चित प्रोटोकॉल निर्धारित है। किसी भी दवा को मानव उपभोग के लिए अनुमति देने से पहले उसे कठोर परीक्षण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी अधिक सख्त परीक्षण प्रणाली अपनाई जाती है। फिर भी यदि किसी तकनीकी कारण, रासायनिक प्रतिक्रिया या किसी अन्य वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं, तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। शेखावत ने यह भी जोड़ा कि भारत में दवाओं की लाइसेंसिंग, प्रत्येक बैच की पहचान और टेस्टिंग को लेकर सुव्यवस्थित और सख्त नियम बने हुए हैं और यदि कहीं चूक हुई है तो कार्रवाई तय है।   भरतपुर, सीकर और चूरू से आईं शिकायतें गौरतलब है कि बीते दिनों भरतपुर, सीकर और अन्य जिलों से मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में दी जा रही Dextromethorphan HBr Syrup IP 13.5mg/5ml की गुणवत्ता पर सवाल उठे। पहली शिकायत 28 सितंबर 2025 को भरतपुर से आई, जिसमें बैच नंबर KL-25/147 की दवा का जिक्र था। इसके अगले दिन, 29 सितंबर को सीकर से बैच नंबर KL-25/148 को लेकर शिकायत मिली। शनिवार को चूरू से जयपुर रेफर किए गए छह वर्षीय बच्चे की मौत भी इसी सिरप के सेवन के बाद हुई, जिससे विवाद और गहरा गया।   सरकार की कार्रवाई पर उठे सवाल राज्य सरकार द्वारा कैसन फार्मा की दवा की जांच रिपोर्ट में कोई खामी न मिलने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय स्तर पर यह मांग उठ रही है कि जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके।