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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का प्रकोपः वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची

नयी दिल्ली  हरियाणा के कुछ हिस्सों में बुधवार को वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में यह 'खराब' श्रेणी में रही। वहीं, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जहरीली हो चुकी है। दिल्ली में सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' तथा 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 रहा। नारनौल और जींद में भी AQI 367 रहा जो के 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। CPCB के समीर ऐप के अनुसार 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता वाले अन्य स्थानों में चरखी दादरी (362), रोहतक (358), यमुनानगर (347), फतेहाबाद (320) और बल्लभगढ़ (318) शामिल हैं। हरियाणा में 'खराब' एकक्यूआई वाले स्थानों में बहादुरगढ़ (272), गुरुग्राम (290), करनाल (243), भिवानी (298), फ़रीदाबाद (218), कैथल (237), करनाल (243), कुरूक्षेत्र (226) और सोनीपत (285) शामिल हैं। पंजाब के अमृतसर में सुबह नौ बजे AQI 253, जालंधर में 261, पटियाला में 207 और लुधियाना में 234 दर्ज किया गया। वहीं चंडीगढ़ में एकक्यूआई 169 दर्ज किया गया।   कोलकाता, हावड़ा में वायु गुणवत्ता ‘खराब' कोलकाता और हावड़ा शहर में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘‘खराब'' रही। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि जादवपुर स्थित वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 (पीएम 2.5) और बल्लीगंज में 141 (पीएम 2.5) था। सिंथी क्षेत्र में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में AQI 142 दर्ज किया गया जबकि कोलकाता के निकट स्थित न्यू टाउन में यह 165 था। उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे फोर्ट विलियम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 था, जबकि निकटवर्ती हरित क्षेत्र विक्टोरिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 रहा। रवींद्र सरोवर वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे AQI 128 दर्ज किया गया। मंगलवार को जादवपुर में AQI 207 था जबकि बल्लीगंज में यह 213 था, जो सोमवार आधी रात के क्रमशः 159 और 134 से काफी अधिक है। मंगलवार आधी रात को हावड़ा के बेलूर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 था, जबकि हावड़ा के शिबपुर बॉटनिकल गार्डन क्षेत्र के कथित हरित बफर क्षेत्र में भी यह 195 था। हावड़ा के औद्योगिक शहर घुसुरी में सुबह नौ बजे AQI 179 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 से 200 के बीच ‘खराब', 201 से 300 के बीच ‘बहुत खराब' और 300 से ऊपर ‘गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है। पर्यावरणविदों ने दावा किया कि सोमवार और मंगलवार को महानगर में आधी रात तक पटाखे फोड़े जाने के कारण हवा में महीन प्रदूषक कण घुल गए। डब्ल्यूबीपीसीबी के अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI के बिगड़ने को सीधे तौर पर पटाखे फोड़ने से नहीं जोड़ा जा सकता। AQI पिछले साल से कम है। इसके अलावा नीरी द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों का ज्यादातर इस्तेमाल किया गया।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI में किसी भी तरह की गिरावट के लिए मौसम को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, क्योंकि बारिश या दक्षिणी हवाओं के अभाव में गर्म और आर्द्र परिस्थितियों के बीच प्रदूषक हवा में मौजूद रहते हैं…।'' उन्होंने कहा कि वे परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं। पर्यावरणविद् सोमेन्द्र मोहन घोष ने आरोप लगाया कि कोलकाता और हावड़ा में सोमवार और मंगलवार की शाम को आधी रात तक तेज आवाज वाले पटाखे फोड़े गए, जो पीसीबी द्वारा दी गई रात आठ बजे से 10 बजे तक की समय-सीमा से कहीं अधिक था।

बालोद में जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह भव्य और गरिमामय रूप से आयोजित: कलेक्टर मिश्रा

बालोद : जिले में भव्य एवं गरिमामय ढंग से आयोजित हो जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह: कलेक्टर श्रीमती मिश्रा बालोद में जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह भव्य और गरिमामय रूप से आयोजित: कलेक्टर मिश्रा कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने बालोद में भव्य जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह का किया उद्घाटन कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश बालोद कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के अवसर पर पूरे राज्य में 02 से 04 नवंबर तक आयोजित होने वाली राज्योत्सव समारोह के अंतर्गत बालोद जिले में जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह का आयोजन भव्य एवं गरिमामय ढंग से सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में जिला मुख्यालय बालोद के स्व. सरयु प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में आयोजित होने वाली जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह के आयोजन के तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को राज्योत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, श्री अजय किशोर लकरा एवं श्री नूतन कंवर सहित राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह के अंतर्गत विभिन्न विभागों को सौंपे गए दायित्वों के संबंध में भी जानकारी दी। श्रीमती मिश्रा ने राज्योत्सव स्थल में विभिन्न विभागों को प्रदर्शनी लगाकर अपने-अपने विभागों के उपलब्धियों एवं विकास कार्यों प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा उन्होंने समारोह में सभ्य, शालिन एवं गरिमामय ढंग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने राज्योत्सव समारोह के अंतर्गत आमंत्रण पत्रों की छपाई एवं वितरण, निर्बाध विद्युत व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य सभी कार्यों को सुचारू रूप संपादित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में श्रीमती मिश्रा ने राज्य में 17 नवंबर से शुरू हो रहे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 15 एवं 16 नवंबर को अवकाश होेने के कारण इस वर्ष 17 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। श्रीमती मिश्रा ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य को राज्य शासन का विशेष प्राथमिकता वाले कार्य बताते हुए इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में श्रीमती मिश्रा ने जिले में सड़क दुर्घटना के रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु की जा रही उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने इस कार्य को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिले में सड़क दुर्घटना के रोकथाम हेतु प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके अंतर्गत उन्होंने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट का उपयोग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बैठक में श्रीमती मिश्रा ने विभागवार लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए सभी विभाग प्रमुखों को निर्धारित समयावधि में लंबित प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में उन्होेंने आगामी नवंबर माह में जिला मुख्यालय बालोद में आयोजित होेने वाली राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता एवं सांसद खेल महोत्सव के सफल आयोजन के तैयारियों की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित करने हेतु सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

यात्रा सुविधा बढ़ाने के लिए रानी कमलापति स्टेशन से सात विशेष ट्रेन सेवा शुरू

भोपाल दीपावली के पावन त्योहार के बाद घर लौटने वाले यात्रियों और छठ पूजा के अवसर पर यात्रा करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस स्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने सात जोड़ी विशेष ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। डीआरएम पंकज त्यागी और सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने यात्रियों से व्यवस्थाओं पर चर्चा की। यात्री सुविधाओं में सुधार हेतु कर्मचारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीआरएम ने बताया कि भोपाल और आरकेएमपी स्टेशन पर क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक भीड़ देखी जा रही है, लेकिन अब तक किसी भी अव्यवस्था की घटना नहीं हुई है। इस प्रकार होगा ट्रेनों का संचालन     गाड़ी संख्या 01667 रानी कमलापति-दानापुर स्पेशल प्रत्येक शनिवार और मंगलवार दिनांक 27.09.2025 से 01.11.2025 तक (छठ महापर्व स्पेशल) चलेगी।     गाड़ी संख्या 01665 रानी कमलापति-अगरतला स्पेशल प्रत्येक गुरुवार को संचालित होगी।     गाड़ी संख्या 01661 रानी कमलापति हजरत निजामुद्दीन स्पेशल 17.10.2025 और 18.10.2025 को (दीपवाली स्पेशल) चलेगी।     गाड़ी संख्या 01289 रानी कमलापति रीवा एक्सप्रेस 17.10.2025 को संचालित होगी।     गाड़ी संख्या 02191 रानी कमलापति-रीवा एक्सप्रेस 27.09.2025 से 18.10.2025 तक चलेगी।     गाड़ी संख्या 22187 रानी कमलापति-जबलपुर एक्सप्रेस और 12061 रानी कमलापति-जबलपुर एक्सप्रेस भी उपलब्ध रहेंगी। क्राउड मैनेजमेंट योजना के तहत     रस्सियों और बैरिकेड्स का उपयोग करके यात्रियों के लिए लाइन का प्रबंधन किया जाएगा।     होल्डिंग और सर्कुलेटिंग क्षेत्रों में लाउड स्पीकर के माध्यम से नियमित घोषणाएं की जाएंगी, जिसमें आने वाली ट्रेनों की जानकारी दी जाएगी।     यात्रियों को प्लेटफार्म की क्षमता के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा।     आरक्षित और अनारक्षित यात्रियों के लिए अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी।     24 घंटे निगरानी के लिए कंट्रोल रूम में एक वार रूम स्थापित किया गया है।     सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से स्टेशनों की लाइव निगरानी की जा रही है। अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है।     मंडल पर बुकिंग काउंटर के अतिरिक्त 16 स्टेशनों पर 38 एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन) की सुविधा है, जिससे अनारक्षित टिकटों का वितरण किया जा रहा है।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने बालोद जिले को आदि कर्मयोगी अभियान में स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड दिया

बालोद : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म ने आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए बालोद जिले को प्रदान किया स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने बालोद जिले को आदि कर्मयोगी अभियान में स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड दिया आदि कर्मयोगी अभियान में बालोद जिले को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने प्रदान किया स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड इस महत्वपूर्ण उलपब्धि के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री कंवर का जिला प्रशासन द्वारा किया गया सम्मान बालोद राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म ने आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में हुए उल्लेखनीय कार्यों के लिए बालोद जिले को स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म ने शुक्रवार आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत 17 अक्टूबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में बालोद जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में हुए उल्लेखनीय कार्यों के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा को स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक आयोजित आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद जिले के चयनित 186 जनजातीय बहुल ग्रामों में निवासरत जनजातीय परिवार के लोगों से डोर टू डोर संपर्क कर एवं इन ग्रामों में विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से शासकीय योजनाओं को प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के अलावा जमीनी स्तर पर नेतृत्व को सशक्त बनाने तथा जनजातीय लोगों को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का सराहनीय प्रयास किया गया है। इसके अलावा इस दौरान जिले के चयनित सभी 186 गांवों में ट्राईबल विलेज एक्शन प्लान एवं ट्राईबल विलेज विजन 2030 तैयार किया गया। जिसके फलस्वरूप भारत सरकार के द्वारा बालोद जिले को स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड प्रदान किया गया है। बालोद जिले को प्राप्त  इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए आज बालोद जिला प्रशासन द्वारा सयुंक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा एवं अन्य अधिकारियों ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विजय सिंह कंवर सहित एसडीएम श्री सुरेश साहू एवं जनपद पंचायत डौण्डी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डीडी मण्डले सहित इस कार्य में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने वाले अधिकारियों का सम्मान किया गया। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने जिले को प्राप्त इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की भूरी-भूरी सराहना करते हुए इसके प्रमुख सूत्रधार सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विजय सिंह कंवर सहित अन्य अधिकारियों के कार्यों की भूरी-भूरी सराहना की। इसके लिए उन्होंने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित इस कार्य में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

रायपुर में दो सिंचाई परियोजनाओं के लिए 7.36 करोड़ रुपये की मंजूरी

रायपुर : दो सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों के लिए 7.36 करोड़ रूपए स्वीकृत रायपुर में दो सिंचाई परियोजनाओं के लिए 7.36 करोड़ रुपये की मंजूरी रायपुर: सिंचाई परियोजनाओं के काम के लिए 7.36 करोड़ रूपए स्वीकृत रायपुर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा दो सिंचाई योजनाओं के कार्यों के लिए 7 करोड़ 36 लाख 77 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। स्वीकृत कार्यों में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के विकासखण्ड गौरेला के अंतर्गत अरपा नदी में बनझोरका एनीकट निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 77 लाख 65 हजार रूपए स्वीकृत किए है। योजना से निस्तारी भू-जल संवर्धन के साथ ही 40 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ एवं 30 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी कुल 70 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा स्वयं के साधन से सिंचाई प्रस्तावित है। इसी तरह से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के विकासखण्ड-सारंगढ़ अंतर्गत पुटका नहर की लाईनिंग कार्य हेुतु 3 करोड़ 59 लाख 22 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना के प्रस्तावित कार्यों के पूर्ण हो जाने पर रूपांकित सिंचाई क्षेत्र 955 हेक्टेयर में 308 हेक्टेयर की हो रही कमी की पूर्ति सहित पूर्ण रूपांकित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। सिंचाई योजनाओं के कार्यों केा पूर्ण कराने मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग बिलासपुर को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।

कफ सिरप पीने के बाद महिला की तबीयत बिगड़ी, कोटा में जांच शुरू

कोटा  राजस्थान के कोटा जिले में कफ सिरप पीने के बाद एक महिला की मौत के बाद ड्रग कंट्रोलर की ओर से बड़ा ऐक्शन सामने आया है। ड्रग कंट्रोलर ने मेडिकल स्टोर और गोदाम पर छापा मारा। छापेमारी में 500 से अधिक कफ सिरप की बोतलों को जप्त किया गया है। इन बोतलों के सैंपल को जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूरी कार्रवाई ड्रग कंट्रोलर देवेंद्र गर्ग के नेतृत्व में की गई है। अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। जांच में सामने आया है कि कफ सिरप के इन बोतलों को अहमदाबाद से मंगवाया गया था। जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है। पुलिस ने भी महिला की डेड बॉडी का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों की तरफ से दी गई शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। अंनतपुरा थाने के एसआई रोहित कुमार ने बताया कि महिला की डेड बॉडी का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्ट कराया गया है ताकि संदेह दूर किया जा सके। परिजनों के बयान लिए गए हैं। परिजनों ने बताया कि खांसी होने पर सिरप पीने के बाद कमला देवी की तबीयत बिगड़ गई। महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। परिजनों ने जो शिकायत दी है उस पर जांच की जा रही है। महिला की पोस्टमार्ट रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अनंतपुरा थाना क्षेत्र के अजय आहूजा नगर की 57 वर्षीय कमला देवी अपने घर पर दीपावली की साफ-सफाई कर रही थीं। इसी दौरान वह खांसी जुकाम की चपेट में आ गईं। खासी होने पर उसके बेटे ने किसी मेडिकल स्टोर से कफ सिरप की बोतल लाकर दे दी। इसको पीने के बाद महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनको मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान महिला की हार्टबीट लगातार कम होती गई। आखिर में उनकी मौत हो गई।

मंहगी सोया चाप: 5 युवकों ने पहले कारीगरों को पीटा, फिर दुकान पर किया कब्जा

फरीदाबाद  फरीदाबाद की ओल्ड मार्केट में एक दुकानदार को सोया चाप के 350 रूपए मांगना मंहगा पड़ गया चाप खाने आए पांच युवकों ने पहले दुकान मालिक और कारीगरों के साथ जमकर मारपीट की, फिर बाद में दुकान में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने 5 के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ओल्ड थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ओल्ड फरीदाबाद मार्केट में पथवारी मंदिर के सामने भोलू नामक युवक चाप की दुकान चलाता है। मंगलवार रात को करीब 10 बजे ठाकुरवाडे के पांच से छह युवक उनकी दुकान पर चाप खाने के लिए आए थे। जब वह चाप खाकर जाने लगे तो उनके कारीगर ने युवकों से बिल के 350 रूपए मांग लिए।जिससे वह नाराज हो गए। उन्होंने पहले कारीगर और फिर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद दुकान में जमकर तोड़फोड़ की। आसपास के लोगों ने युवकों को समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन वह किसी की भी सुनने को तैयार नहीं हुए। ओल्ड थाना प्रभारी के अनुसार मामला दर्ज करके बदमाशों की तलाश की जा रही है। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार तोड़फोड़ करने बदमाश आए दिन दुकानदारों से झगड़ा करते है। इसी मार्केट में दुकानदारों से उगाही करने वाले बदमाश विजय को पिछले दिनों पुलिस ने गिरफ्तार करके जुलूस निकाला था। पुलिस ने 5 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

बिना रोक-टोक खनन, सरकारी खजाने की सेंध माफियाओं ने लगाई

गढ़शंकर गढ़शंकर के बीत क्षेत्र के गांव कोकोवाल मजारी के जंगल की खड्डों में अवैध माइनिंग जारी है। बरसात से पहले खनन माफिया ने हजारों टिप्पर पत्थरों का अवैध खनन किया था। अब बरसात के बाद यह माफिया एक बार फिर से सक्रिय हो गया है और वह जंगलात विभाग की कड़ी धाराओं वाले इलाके में सरेआम अवैध माइनिंग कर रहे हैं। अब जबकि बरसात खत्म हो चुका है, बीत इलाके के कोकोवाल मजारी गांव के जंगल में माइनिंग माफिया पिछले 3 दिनों से अवैध खनन में व्यस्त हैं। जे.सी.बी. की मदद से वे जंगल में बीस से तीस फीट गहरी खुदाई कर रहे हैं और उसे टिप्परों में भर कर स्टोन क्रशर तक ले जा रहे हैं। एक तरफ पंजाब सरकार ने माइनिंग पर सख्त पाबंदी लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद यहां प्रशासन से मिलीभगत कर खुलेआम अवैध माइनिंग की जा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। गढ़शंकर का कोकोवाल मजारी जंगल श्री आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के भंगला गांव और हिमाचल प्रदेश के बाथरी गांव की सीमा से सटा है, नतीजतन, खनन माफिया इन सीमाओं का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन करते हैं, जबकि दोनों तरफ के संबंधित विभाग यह दावा करके अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश करते हैं कि खनन एक-दूसरे की सीमा के भीतर हुआ है कह कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं। जमीन बचाओ, गांव बचाओ कमेटी के सदस्य कामरेड कुलभूषण कुमार, कामरेड रविंदर नीटा, रामजी दास चौहान, कामरेड दविंदर और कुलदीप कुमार दीपा ने अवैध खनन के बारे में आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है और उन्होंने मांग की कि क्षेत्र की निशानदेही की जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा वे संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। गौरतलब है कि वन विभाग के सख्त प्रावधानों के बावजूद जंगल में अवैध माइनिंग हो रहा है यह लोगों के लिए हैरानी की बात है। क्योंकि अगर कोई व्यक्ति जंगलों में से माइनिंग करते पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, लेकिन माइनिंग माफिया पर विभाग की मेहरबानी से लोगों में गुस्सा है। इस संबंध में जब डी.एफ.ओ. हरभजन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस इलाके में खनन हो रहा है वह श्री आनंदपुर साहिब जिले में आता है। फिर भी हम इसकी जांच करेंगे। अगर यह गढ़शंकर इलाके में हो रहा है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

बुंदेलखंड की परंपरा में रंगे अरविंद पटेरिया, दिवारी नृत्य में मौनिया के संग लगाए ठुमके

छतरपुर   बुंदेलखंड का छतरपुर लोकनृत्य और लोक संगीत कलाओं को संजोए हुए है. इन्हीं में से एक बुंदेली मौनिया नृत्य है, जो दीपावली के बाद आयोजित होता है. यह नृत्य बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में दीपावली के दूसरे दिन मौन परमा को पुरुषों द्वारा किया जाता है. इसे मौनी परमा भी कहा जाता है. ये बुंदेलखंड की सबसे प्राचीन नृत्य शैली है. इसे सेहरा और दिवारी नृत्य भी कहते हैं. इसमें किशोरों व युवकों द्वारा घेरा बनाकर मोर के पंखों को लेकर मनमोहक अंदाज में नृत्य किया जाता है. दिवारी नृत्य में लाठीबाजी के करतब दिवारी नृत्य लाठियां लड़ाकर भी किया जाता है. छतरपुर जिले के ग्रामीण अंचलों के लोगों की प्राचीन परंपरा आज भी जीवित है. छतरपुर जिले के खजुराहो स्थित आदिवर्त संग्रहालय में पारंपरिक उल्लास के साथ मौनिया उत्सव का आयोजन किया गया. यह आयोजन संग्रहालय के सामने पार्किंग स्थल पर हुआ. उत्सव में पारंपरिक संगीत, ढोलक और नगाड़ों की गूंज के बीच विभिन्न क्षेत्रों से आए मौनिया दलों ने दीवारी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां दी. तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा खजुराहो दिवारी नृत्य में रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों ने लोक संस्कृति के अनोखे रंगों से सराबोर कर दिया. खजुराहो, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह तथा आसपास के ग्रामीण अंचलों से आए मोनिया दलों ने जब मंच पर पारंपरिक दीवारी नृत्य प्रस्तुत किया तो लोग देखते रह गए. कलाकारों ने अपने तेज़ लयबद्ध कदमों, चटख रंगों के परिधानों और उत्साहपूर्ण दृश्य प्रस्तुत किया कि पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. दीवारी या मोनिया नृत्य बुंदेलखंड की कृषक, चरवाहा संस्कृति का प्रतीक लोकनृत्य है, जो दीपावली से लेकर पूर्णिमा तक निरंतर किया जाता है. इस नृत्य में युवा कलाकार बुंदेली दिवारी लोकगीतों की ताल पर समूह में नाचते हैं. सामाजिक एकता का प्रतीक भी है मौनिया गीतों में श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा, धर्म, नीति, परिश्रम और जीवन के उल्लास का वर्णन होता है. यह नृत्य अहीर समाज की प्राचीन परंपरा को आज भी जीवंत बनाए हुए है. बुंदेलखंड में बरेदी नृत्य के रूप में प्रसिद्ध यह कला दीपावली के 15 दिन तक गांवों में गूंजती रहती है. इसमें नर्तक अत्यंत तीव्र गति से गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं, जबकि एक कलाकार गीत की शुरुआत करता है और बाकी दल सामूहिक स्वर में उसे आगे बढ़ाते हैं. यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक एकता, कृतज्ञता और धार्मिक आस्था का लोक उत्सव भी है, जिसे लोग आज भी जीवित रखे हुए हैं. मौनिया नृत्य कैसे शुरू हुआ खजुराहो में आयोजित हुए मोनिया नृत्य के दौरान राजनगर विधायक अरविंद पटेरिया भी मौनिया को देखकर अपने आपको नृत्य करने से नहीं रोक पाए. पहले विधायक ने नगड़िया बजाई, फिर बुंदेली परंपरा के अनुसार मौनिया कलाकरों के साथ नृत्य किया. इस परंपरा के बारे में छतरपुर के पंडित अनंत शास्त्री महाराज बताते हैं "मोनिया नृत्य में बुंदेली लोक संस्कृति की झलक मिलती है. ऐसी मान्यता है जब भगवान श्री कृष्ण की सारी गायें कहीं चली गई तो भगवान श्रीकृष्ण दु:खी होकर मौन हो गए तो उनके दोस्तों ग्वालों ने उनकी गायें खोजी ओर गायें लेकर आये तब भगवान ने मौन तोड़ा." मौनिया उत्सव लोक संस्कृति की आत्मा मौनिया को लेकर दूसरी मान्यता यह भी है कि इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी उंगली पर उठा लिया. तब गोकुलवासी खुशी के मारे झूम उठे, तभी से यहां आयोजन मनाया जाता है. इस मौके पर विधायक अरविंद पटेरिया ने कहा "मौनिया उत्सव हमारी लोक संस्कृति की आत्मा है. इस आयोजन के माध्यम से न केवल परंपराएं संरक्षित होती हैं बल्कि नई पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों से परिचय भी मिलता है." 

CM साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्रांति, जशपुर-बस्तर में बने 4 नए कॉलेज

रायपुर  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन ने जशपुर और बस्तर जिलों में चार नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ये महाविद्यालय फरसाबहार (जशपुर), करडेगा (जशपुर), नगरनार (बस्तर) और किलेपाल (बस्तर) में खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इससे आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उनके अपने क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। अब छात्रों को पढ़ाई के लिए अपने घरों से दूर अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने शिक्षा को प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला बताया और कहा कि सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन और बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन चार महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 और प्रयोगशाला कर्मी शामिल हैं। राज्य शासन ने महाविद्यालयों में कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी।मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। अच्छी शिक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन व बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इन पदों पर होगी भर्ती गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है. स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 और प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं. दूरस्थ अंचलों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अब अपने घरों से दूर अन्यत्र नही जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 एवं प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री साय की इस पहल से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं की शिक्षा, रोजगार एवं कौशल वृद्धि के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी। इस पहल से न केवल आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को इस कदम से नई गति मिलने की उम्मीद है।