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सड़क निर्माण से बदलेगा बिहार का चेहरा: आठ जिलों में 675 करोड़ की परियोजनाओं को मिली मंजूरी

पटना राज्य के आठ जिलों की दस सड़कों को केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) को नया स्वरूप दिया जाएगा। इन परियोजनाओं पर 675 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शनिवार को इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन सड़क परियोजनाओं के लिए सीआरआईएफ से मंजूरी मिली है। उनकी अनुशंसा राज्य सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को की थी। पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि बिहार की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने को ले केंद्र एवं राज्य सरकार संयुक्त रूप से काम कर रही है। इसी क्रम में आठ जिले क्रमश: बक्सर, सारण, नवादा, मधुबनी, भागलपुर, अररिया, पूर्णिया एवं पूर्वी चंपारण की दस परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इनमें पथों के मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण तथा एक पुल निर्माण की योजना शामिल है। इन परियोजनाओं को मिली मंजूरी 1. 135 करोड़ की लागत से अररिया जिले के जयनगर (भरगामा प्रखंड) से घुरना (नरपतगंज प्रखंड) भारत-नेपाल सीमा तक 30 किलोमीटर सड़क का निर्माण 2. 117.49 करोड़ की लागत से बक्सर जिले में एसएच-17 का चौसा-गोला-कोचस पथांश (बसाही पुल तक) का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण एवं एक एच.एल. पुल का निर्माण 3. 48.68 करोड़ की लागत से सारण जिले के तरैया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राज्य राजमार्ग संख्या 104 के 12 किमी पथ का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य 4. 45 करोड़ की लागत से नवादा स्टेशन रोड से गोसाईबिगहा, जहाना, लाखमोहना, सुपौल तक की 11.6 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य 5. 72 करोड़ की लागत से मधुबनी जिले के रामनगर-मोतीपुर खैरा सड़क का 12.5 किलोमीटर तक चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य को शामिल किया गया है। 6. 80 करोड़ की लागत से भागलपुर से गोराडीह होते हुए कोतवाली तक 17.14 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य। 7. 56.70 करोड़ की लागत से 4.5 किलोमीटर तक भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग (एसएच-19) को एनएच-80 से जोड़ने का कार्य। 8. 42.50 करोड़ की लागत से मोतिहारी के ढाका-लौखान सड़क का 11 किलोमीटर तक चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य 9. 47.42 करोड़ की लागत से मोतिहारी के ही नारीगिर-चंपापुर-आदापुर सड़क का 15.55 किलोमीटर चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य 10. 29.48 करोड़ की लागत से पूर्णिया जिले के घमदाहा से कुआरी सड़क 11.2 किलोमीटर का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य को भी शामिल किया गया है।

सीट बंटवारे को लेकर जीतन राम मांझी ने रखी साफ़ स्थिति, केंद्रीय नेतृत्व का फैसला तय

पटना  केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शनिवार को आगामी चुनावों में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है और जो भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से आएगा, उसको सभी मानेंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद ही बातें होंगी। मांझी ने कार्यकर्ताओं को चुनाव अकेले लड़ने के लिए तैयार रहने की बात कही थी। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कहा गया था। कभी-कभी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसा बोलना पड़ता है। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर कुछ भी बोलने से बचते हुए इशारों में निशाना साधा। कहा कि वह चिराग के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते, क्योंकि 2020 से लोग उनका 'चाल और चरित्र' देख रहे हैं। चिराग को नसीहत देते हुए कहा कि अभी देश और बिहार को एनडीए की जरूरत है, इसलिए ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए जिससे गठबंधन कमजोर पड़े। वहीं कांग्रेस द्वारा बीड़ी की तुलना बिहार से करने के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस का लोकतंत्र पर अविश्वास दिखाता है और वे सिर्फ 'भद्दी भद्दी बातें' करके खुद को स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने केरल कांग्रेस द्वारा दिए गए इस बयान की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही जीएसटी स्लैब में बदलाव के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि अपने 46 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने गरीबों के लिए इतना बड़ा तोहफा पहले कभी नहीं देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम गरीबों के लिए जीते हैं और आगे भी उनके लिए ही काम करेंगे। उन्होंने इस फैसले को दीपावली और दशहरा से ठीक पहले आने वाली 'बड़ी सौगात' बताया।

बिहार की शिक्षा, रोजगार और सिंचाई पर सवाल, तेजस्वी यादव ने खोला मुद्दा

पटना बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एनडीए सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों से भाजपा और जदयू सत्ता में हैं, फिर भी बिहार में शिक्षा, रोजगार और सिंचाई की हालत बदतर है।   पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठक के संबंध में कहा कि हम लोग नेताओं से मिलते रहते हैं, बातचीत चलती रहती है। यह प्रक्रिया है, चलती रहती है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि बिहार में 20 साल से एनडीए सत्ता में है, लेकिन बिहार में क्या है? बिहार में अपराध बढ़ गया है, भ्रष्टाचार चरम पर है। बिहार में न दवाई है, न पढ़ाई है, न सिंचाई है। उन्होंने कहा कि देश में बिहार प्रति व्यक्ति आय में सबसे फिसड्डी है। किसानों की आय के मामले में बिहार पीछे है। कोई उद्योग धंधा नहीं है। अब जब चुनाव का समय आया है, तो ये हमारी नकल कर रहे हैं। एक उद्योग कारखाना क्यों नहीं है? पहले ये लोग बात क्यों नहीं करते थे? माई बहिन योजना के फॉर्म को लेकर फर्जीवाड़ा कहने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि लोग स्वेच्छा से फॉर्म भर रहे हैं। इसमें क्या गलत है? भाजपा-जदयू की हालत खराब है, ये लोग हिले हुए हैं। इससे पहले, राजद नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एनडीए की सरकार पर पिछले 20 वर्षों में राज्य की दो पीढ़ियों को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए दस सवाल पूछे। तेजस्वी यादव ने एनडीए पर हमला करते हुए कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री के 20 वर्षों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी 11 वर्षों की डबल इंजन सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों का जीवन बर्बाद किया है। उन्होंने दस सवालों की एक सूची जारी की है, जिसमें मतदाताओं से आग्रह किया गया है कि जब सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के नेता वोट मांगने आएं, तो उनसे गरीबी, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और राज्य की जर्जर स्थिति जैसे बुनियादी मुद्दों पर सवाल पूछें।

आरा से बड़ा तोहफा: बिहार सरकार करेगी 1 करोड़ युवाओं को रोजगार मुहैया

आरा बिहार के विकास में केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिल रहा है। जुलाई 2024 के बजट में विशेष आर्थिक सहायता के रूप में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन, बाढ़ नियंत्रण, के साथ-साथ मखाना कारखाने की स्थापना, खेलो इंडिया समेत अन्य कार्यों के लिए पूरी राशि मिल रही है। इस तरह से एक तरफ जहां विकास का कार्य तेज गति से हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने की योजना है। उक्त बातें भोजपुर जिले के उच्च विद्यालय जगदीशपुर मैदान में शनिवार को आम लोगों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कही। वे परिभ्रमण यात्रा में बक्सर के बाद भोजपुर के बिहिया और जगदीशपुर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भी थे। 'अब नहीं जाएंगे' मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से भाजपा और जेडीयू मिलकर तेजी से बिहार का विकास कर रही है, पहले की सरकार विकास करने के बदले केवल गड़बड़ करती थी, हम भी गलती से दो बार उधर चले गए, अब नहीं जाएंगे। 2020 में हमने 10 लाख नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, उसे पूरा करते हुए उससे भी ज्यादा 29 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार अब तक दिया जा चुका है। विपक्ष के लोगों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि 2005 के पहले शाम ढलते ही कोई डर से निकलता नहीं था और ना पहले रोड, रास्ता, स्वास्थ्य, बिजली व शिक्षा की स्थिति ठीक थी। योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री ने 754 करोड़ की लागत से 432 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास बिहिया तथा जगदीशपुर में किया। सीएम सबसे पहले बिहिया चौरास्ता कार्यक्रम स्थल पहुंचे। वहां पर लगभग तीन सौ करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद जगदीशपुर के नयका टोला बस पड़ाव मैदान पर मुख्यमंत्री ने 454 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास रिमोट दबाकर किया। जगदीशपुर में योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास के पहले प्रांगण में लगाए गए 10 स्टालों का निरीक्षण किया। इस दौरान वे जीविका, समाज कल्याण, ऊर्जा, उपभोक्ता संरक्षण, कृषि, डीआरडीओ, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, गृह, आपदा और पंचायती राज विभाग के स्टाल का निरीक्षण करते हुए लाभुकों से मिलते हुए उनका अभिवादन स्वीकार किया और कई स्टाल पर योजनाओं का फीडबैक लिया।

चुनाव आयोग का ऐतिहासिक फैसला: पूरे देश में एक साथ लागू होगा ‘SIR’

पटना  बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर विवाद के बीच Election Commission ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार यह प्रोसेस देशभर में एक साथ लागू किया जाएगा। आयोग ने इसे अंतिम रुप देने के लिए 10 सितंबर को दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।   क्या है SIR? SIR यानी 'मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण'। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें चुनाव आयोग मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करता है। इसका मकसद है कि देश में मतदाता सूची पूरी तरह से ठीक और विश्वसनीय हो। चुनाव आयोग ने कहा है कि यह कदम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत लिया जा रहा है, ताकि मतदाता सूचियों की अखंडता बनी रहे। बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा 10 सितंबर की बैठक में चुनाव आयोग मुख्य चुनाव अधिकारियों से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगेगा। इनमें मतदाताओं की मौजूदा संख्या, पिछली SIR की तारीख और डेटा और डिजिटलीकरण की स्थिति शामिल है। इसके अलावा मतदान केंद्रों की संख्या और उनकी व्यवस्था तथा अधिकारियों और BLO की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर भी चर्चा होगी। आयोग ने भारतीय नागरिकों को इसमें शामिल करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों के बारे में भी सुझाव मांगे हैं।    बिहार में जारी है प्रक्रिया बिहार में SIR की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और यह 30 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। चुनाव आयोग ने अपने 24 जून के आदेश में ही यह संकेत दे दिया था कि यह प्रक्रिया पूरे देश में लागू की जाएगी, लेकिन बिहार में चुनाव होने की वजह से इसे वहां पहले शुरू किया गया।

प्रशांत किशोर किस सीट से उतरेंगे मैदान में—सासाराम या राघोपुर?

पटना बिहार की सियासत में हलचल मचाने वाले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अब खुद चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं। लंबे समय से यह सवाल उठ रहा था कि क्या रणनीति के मास्टरमाइंड अब मैदान में उतरेंगे? इस बार उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो वह भी जरूर लड़ेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि अगर चुनाव लड़ना पड़ा तो अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से ही लड़ेंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पीके सासाराम, करगहर या फिर राघोपुर से ताल ठोक सकते हैं? अब तक दूसरों के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर अब खुद सियासी मैदान में उतरने को तैयार दिख रहे हैं। बिहार के हर जिले का दौरा कर चुके पीके ने दो साल तक जन संवाद और जन सुराज पदयात्रा के जरिए लोगों से सीधा संवाद किया है। अब वह केवल पार्टी के चेहरे नहीं बल्कि उसके उम्मीदवार भी बन सकते हैं। नीतीश कुमार पर डाली गेंद प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि वह खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं तो उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश कुमार का नाम लिया। उन्होंने कहा "मैंने पहले भी कहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर मैं भी चुनाव लड़ूंगा।" इस बयान से साफ है कि पीके चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने अंतिम फैसला नीतीश कुमार की चुनावी भागीदारी पर टाल दिया है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार पिछले करीब 20 वर्षों से खुद कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव से भी मुकाबले के संकेत प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी चाहे तो वह तेजस्वी यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि "अगर विपक्ष के मुख्य चेहरे के खिलाफ लड़ना है तो लड़ने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन सिर्फ किसी के खिलाफ लड़ने का फायदा नहीं है।" यह बयान उनके आत्मविश्वास को दिखाता है और यह भी कि वह राजनीतिक चुनौतियों से भागने वाले नहीं हैं। जन्मभूमि बनाम कर्मभूमि – कौन सी सीट होगी चुनौतियों भरी? प्रशांत किशोर ने अपने आगामी चुनाव लड़ने को लेकर दो अहम विकल्पों की ओर इशारा किया है – उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर उन्हें चुनाव लड़ना पड़ा, तो वह या तो अपनी जन्मभूमि या फिर कर्मभूमि से चुनाव मैदान में उतरेंगे। जन्मभूमि के आधार पर दो संभावित सीटों के नाम सामने आए हैं – सासाराम और करगहर। वहीं, कर्मभूमि के रूप में उन्होंने राघोपुर का नाम लिया, जहां उन्होंने सबसे अधिक समय बिताया और जन सुराज की नींव मजबूत की। पीके ने यह भी कहा कि वह खुद लोगों को सलाह देते हैं कि अगर चुनाव लड़ना है तो एक सीट जन्मभूमि से और दूसरी कर्मभूमि से लड़नी चाहिए। उनके इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि वे पार्टी की अनुमति मिलने पर दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं, जिससे उनकी राजनीतिक मौजूदगी और असर दोनों और अधिक मजबूत हो सकते हैं। जन सुराज पार्टी की तैयारी और पीके की भूमिका जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पहले ही एलान कर दिया है कि उनकी पार्टी बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी का चेहरा बने प्रशांत किशोर खुद मैदान में उतरेंगे या केवल प्रचार तक सीमित रहेंगे। उन्होंने कहा "हम पार्टी के ऊपर नहीं हैं, पार्टी जो तय करेगी वही होगा।" इस बयान से यह साफ है कि वह एक लोकतांत्रिक ढंग से पार्टी चला रहे हैं और व्यक्तिगत निर्णयों से ऊपर संगठनात्मक निर्णयों को महत्व दे रहे हैं। प्रशांत किशोर की तरफ से यह अब तक का सबसे मजबूत संकेत है कि वह चुनाव लड़ने को लेकर गंभीर हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर पीके चुनाव लड़ते हैं तो वह सीट "वीआईपी" सीट बन जाएगी। चाहे वह सासाराम हो, करगहर हो या राघोपुर – वहां मुकाबला दिलचस्प और हाई-प्रोफाइल हो जाएगा।  

नए रूट की शुरुआत: पूर्णिया-अहमदाबाद फ्लाइट 17 सितंबर से होगी ऑपरेशन में

पूर्णिया लंबे इंतजार के बाद पूर्णिया के लोगों का सपना आखिरकार पूरा हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। इस ऐतिहासिक मौके के साथ ही पूर्णिया अब आधिकारिक रूप से देश के हवाई मानचित्र पर दर्ज हो जाएगा। हवाई अड्डे के शुभारंभ के साथ ही स्टार एयर ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 17 सितंबर से पूर्णिया और अहमदाबाद के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू की जाएगी। यह कनेक्टिविटी न केवल पूर्णिया और आसपास के जिलों के यात्रियों को अहमदाबाद से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें देश के अन्य प्रमुख शहरों तक भी आसानी से पहुंचने का रास्ता खोलेगी। स्टार एयर ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'आपको बिहार के रत्न पूर्णिया से जोड़ते हुए हमें गर्व है। संस्कृति, इतिहास और विरासत से समृद्ध यह शहर अब सीधे बुद्ध की भूमि के प्रवेश द्वार से जुड़ रहा है।” एयरलाइन ने इसे पर्यटन और व्यापार, दोनों दृष्टि से अहम कदम बताया है। पिछले कई महीनों से हवाई अड्डे को चालू करने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही थीं। बिहार सरकार के मंत्री और जिला प्रशासन लगातार साइट का निरीक्षण करते रहे ताकि उद्घाटन से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी हो सकें। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से यात्रियों को अब पटना या बागडोगरा जैसे दूरस्थ हवाई अड्डों का रुख नहीं करना होगा। नई सुविधा समय और संसाधन दोनों बचाएगी, साथ ही पूरे सीमांचल क्षेत्र में आर्थिक विकास को नई गति देने का काम करेगी।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने धनबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मांगी राय, जिला अध्यक्ष चयन पर चर्चा

  धनबाद  झारखंड के धनबाद में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया चल रही है. राहुल गाँधी के निर्देशानुसार धनबाद में जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर नियुक्त मुख्य पर्यवेक्षक सह कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की और पर्यवेक्षक विधायक दिनेश गुजर कांग्रेस पार्टी के एक एक कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी राय ले रहे हैं. तीन सदस्यीय टीम अब तक धनबाद के दस प्रखंडों का दौरा भी कर चुकी है. 8 सितंबर तक टीम धनबाद में प्रवास करेगी. कृषि मंत्री ने सर्किट हाउस में संयुक्त प्रेसवार्ता कर कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन को गांव गांव तक मजबूती देने के लिए संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत अपनी कवायद तेज कर दी है. इसी संगठन सृजन कार्यक्रम की कड़ी में धनबाद जिला अध्यक्ष के चयन की भी प्रक्रिया जारी है. जिला अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस पार्टी से27दावेदार सामने आए हैं और इस बार जिला अध्यक्ष का चयन संगठन के छोटे छोटे कार्यकर्ताओं की राय से होगी. धनबाद में दो दिनों से कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी कार्यकर्ताओं के बीच जाकर रायशुमारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देश में वोट चोरी की जा रही है, ऐसे में बूथ अध्यक्ष को वोट चोरी कैसे रोकें, इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी.

RPF, CIB और फ्लाइंग टीम का सराहनीय प्रयास, रांची में पकड़ा गया पॉकेटमार

रांची झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ, सीआईबी एवं फ्लाइंग टीम ने एक व्यक्ति को पॉकेटमारी करते हुए रंगेहाथ दबोचा है. वहीं इसको लेकर जीआरपी थाना रांची में प्राथमिकी दर्ज की गई है. कमांडेंट पवन कुमार के निर्देशानुसार रांची रेलवे स्टेशन पर विशेष निगरानी के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या-01 पर एक व्यक्ति को जेब काटते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया. तलाशी में उसके पास से 350 रुपये बरामद हुए. पूछताछ में उसने अपना नाम फै़सल अंसारी,पिता मोख़्तार अंसारी,निवासी मजार गली,कर्बला चौक,थाना लोअर बाजार,रांची बताया और अपना अपराध स्वीकार किया. इसी बीच यात्री सुरेश महतो,उम्र 64 वर्ष,निवासी जलीम,जिला लातेहार ने शिकायत दर्ज कराई कि ट्रेन में चढ़ते समय उनकी जेब से 350 रुपये चोरी हुए हैं. बरामद पैसे को उन्होंने अपना बताया.ASIअनिल कुमार ने मौके पर ही बरामद रुपये जब्त कर आवश्यक कार्यवाही करते हुए आरोपी को जीआरपी रांची के हवाले कर दिया. इस संबंध में जीआरपी थाना रांची में प्राथमिकी दर्ज की गई है. कार्रवाई में शामिल अधिकारी/स्टाफ: एएसआई अनिल कुमार,कांस्टेबल प्रदीप,कांस्टेबल पी. कुल्लू (आरपीएफ पोस्ट रांची) हेड कांस्टेबल संजय कुशवाहा,कांस्टेबल सी.के. सिंह(सीआईबीरांची).

JPSC 11वीं, 12वीं और 13वीं परीक्षा की कट-ऑफ लिस्ट आई, इतने अभ्यर्थी पास

रांची झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने 11वीं, 12वीं और 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की कट-ऑफ आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी है। यह कट-ऑफ लिस्ट फाइनल रिजल्ट के 40 दिन बाद आई है, जिसमें कुल 342 उम्मीदवार सफल हुए हैं। कट-ऑफ अंक श्रेणी और सेवा के अनुसार घोषित किए गए हैं। फाइनल कट-ऑफ में सामान्य वर्ग (यूआर) के लिए अंक 652, ओबीसी-2 के लिए 653.25, ओबीसी-1 के लिए 623.75, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई डबूएस) के लिए 590.50, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 565.25 और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 580.25 अंक निर्धारित किए गए हैं। मुख्य परीक्षा और सेवावार कट-ऑफ भी अलग-अलग सेवा के अनुसार जारी किए गए हैं, जैसे प्रशासनिक सेवा में यूआरका कट-ऑफ 652, पुलिस सेवा में यू आर का कट-ऑफ 674.50, वित्त सेवा में 656.25 और शिक्षा सेवा में 658.50 अंक है। परीक्षार्थियों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। रांची की नीलू कुमारी ने आज कहा कि कट-ऑफ देर से आया लेकिन अब तैयारी का स्तर समझ में आया है, जबकि हजारीबाग के आकाश कुमार ने इसे ग्रामीण छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण बताया। आयोग ने कट-ऑफ जारी करने में तकनीकी जांच और डेटा सत्यापन को कारण बताया है और कहा कि पारदर्शिता प्राथमिकता है। अब चयनित उम्मीदवारों का दस्तावेज सत्यापन और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें सभी सफल अभ्यर्थियों को निर्धारित समयसीमा के भीतर कागजी कार्यवाही पूरी करनी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती कट-ऑफ अंक इस बात का संकेत है कि प्रतियोगी परीक्षाएं दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही हैं।