samacharsecretary.com

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में मनाया गया GST बचत उत्सव, जानें कैसे मिला आमजन को फायदा

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 22 सितंबर से 29 सितंबर तक जीएसटी बचत उत्सव मनाया गया। इस बचत उत्सव के दौरान प्रदेशभर में आमजन और व्यापारियों को जीएसटी रिफाॅम्र्स की जानकारी देते हुए इसके फायदों के बारे में अवगत करवाया गया। इस उत्सव के अंतर्गत आयोजित जीएसटी सुधार एवं दर युक्तिकरण जन जागरूकता अभियान में प्रदेशवासियों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। मुख्यमंत्री, मंत्रीपरिषद् के सदस्यों ने आमजन को किया जगरूक मुख्यमंत्री शर्मा ने जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र और भीलवाड़ा के सदरबाजार में जाकर व्यापारियों और आमजन को जीएसटी सुधार के संबंध में जागरूक किया। बचत उत्सव के अंतर्गत प्रत्येक जिले में प्रभारी मंत्री, जनप्रतिनिधि, जिला कलेक्टर एवं वाणिज्यिक कर विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई, जिससे आमजन को जीएसटी सुधारों की जानकारी दी गई। व्यापार मंडल, डाॅक्टर, सीए-सीएस एवं अन्य प्रोफेशनल्स को शामिल कर इन्टरेक्टिव सेशन्स भी आयोजित किए गए, जिसमें उद्यमियों एवं आमजन को जीएसटी सुधारों से मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया है। साथ ही, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ‘सेविंग वाॅल’ भी लगाई गई, जिसमें सामान्य वस्तुओं पर पुराने एवं नये जीएसटी दरों का उल्लेख किया गया है। प्रचार-प्रसार के लिए विभाग द्वारा किए गए अनेक नवाचार वाणिज्यिक विभाग द्वारा जीएसटी सुधार से आमजन को हुई बचत की जानकारी देने के लिए मोबाइल ऐप भी बनाई है। साथ ही, दुकानदारों को डिजिटल/फिजिकल स्टिकर बांटे गए, जिसमें ‘जीएसटी 2.0 के फायदें लागू हैं’ का उल्लेख किया गया। इससे आमजन को उत्पादों में हुई रेशनलाइज्ड दरों की जानकारी दी गई। बचत उत्सव के दौरान एफएम और रेडियो चैनलों पर छोटे-छोटे जिंगल्स, ‘सफलता की कहानियों’ के कैम्पेन, सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार, विभागीय वेबसाइट पर जीएसटी सुधारों की जानकारी एवं आईटी विभाग के वीडियो वाॅल्स पर संबंधित एनिमेशन सहित विभिन्न नवाचार किए गए। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से आमजन, किसान, व्यापारी एवं उद्योगपतियों सहित समाज के सभी वर्गों को जीएसटी दरों में कटौती का लाभ मिलना सुनिश्चित हुआ। रोटी, कपड़ा, मकान सहित जरूरत की चीजें हुई सस्ती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से जीएसटी में सुधार की घोषणा की जो 22 सितंबर 2025 से प्रभावी हुई। जीएसटी रिफाॅम्र्स लागू होने के बाद अब देश में मुख्य रूप से जीएसटी की दो दरें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत प्रभावी हो गई हैं। विलासिता से संबंधित वस्तुओं को ही 40 प्रतिशत टैक्स की श्रेणी में रख गया है। वहीं नई कर संरचना में कम्पन्सेशन सेस भी हटा दिया गया है। जीएसटी के नए प्रावधानों का सीधा प्रभाव आम आदमी पर हुआ है। अब जीवन की मूलभूत आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान सस्ते हो गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को भी नए जीएसटी प्रावधानों का लाभ मिला है। इन जानकारियों को आमजन तक पहुंचाने के क्रम में प्रदेश में 22 से 29 सितम्बर तक जीएसटी बचत उत्सव का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक जीएसटी करदाताओं की संख्या 66.5 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है। वहीं, राजस्थान में भी जीएसटी करदाता 4.34 लाख से बढ़कर 9.31 लाख हो गए हैं। इसी प्रकार, राज्य के जीएसटी राजस्व में निरंतर वृद्धि दर्ज हुई है और वित्त वर्ष 2024-25 में यह 42 हजार 518 करोड़ हो गया है।

कफ सिरप की आपूर्ति राजस्थान में स्थगित, दोबारा होगी गुणवत्ता जांच

जयपुर खांसी की सिरप Dextromethorphan HBr Syrup से बच्चों की तबियत बिगड़ने के मामले में राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी सामने आए हैं। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा में भी खांसी की सिरप को पीने से 6 बच्चों की मौत हो गई है। राजस्थान में ड्रग कंट्रोलर ने इस दवा के साथ अब सभी तरह की कफ सिरप की सप्लाई  पर तत्काल रोक लगा दी है। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पाेरेशन के निदेशक जय सिंह का कहना है कि राजस्थान में फिलहाल सभी तरह की कफ सिरप की फिर से क्वालिटी चैकिंग (QC) करवाई जा रही है। तब तक के लिए इनकी सप्ताई को रोक दिया गया है।  गौरतलब है कि खांसी की यह दवा, कम्पनी द्वारा इस वर्ष के क्रयादेश के तहत जून, 2025 से आपूर्ति की जा रही है। इस सिरप को अब तक 1 लाख 64 हजार से अधिक मरीजों को दिया जा चुका है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि  28 सितम्बर से पहले उसे इस सिरप को लेकर एक भी शिकायत नहीं  मिली थी। लेकिन जानकारी के अनुसार सितंबर के दूसरे सप्ताह में बांसवाड़ा में करीब 7 बच्चे इस सिरप को लेकर गंभीर रूप से बीमार हुए जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा। आरएमएससीएल के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा जिले को इस दवा के 50 हजार डोज मिले थे। इनमें से 13 हजार चिकित्सा केंद्रों को वितरित किए गए थे और शेष 37 हजार डोज वेयरहाउस में सुरक्षित रखे गए हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अब दवा का वितरण और उपयोग रोक दिया गया है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि जिले में जिस बैच की शिकायत मिली है, वह आपूर्ति यहां नहीं हुई थी, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे रोक दिया गया है। राजस्थान में  Dextromethorphan HBr Syrup की खरीद जून 2025 से हो रही है।  28 सितम्बर को दवा के संबंध में शिकायत होने के बाद सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है। इस कमेटी में आरएमएससीएल के कार्यकारी निदेशक (गुणवत्ता नियंत्रण), कार्यकारी निदेशक (लॉजिस्टिक) एवं मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के नोडल अधिकारी को शामिल किया गया है। यह कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आने पर प्रकरण में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। केंद्र की गाइडलाइन थी, यह दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं   स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार ने इस दवा के संबंध में 2 साल पहले एक गाइडलाइन जारी की थी कि यह दवा 4 साल से छोटे बच्चों के लिए नहीं है। प्रदेश में इस दवा से तबियत बिगड़ने के जितने भी मामले सामने आए हैं वे सभी बच्चे 4 साल से कम उम्र के हैं। आरएमएससीएल प्रबंधन ने बताया कि 28 सितम्बर, 2025 को औषधि Dextromethorphan HBr Syrup IP 13.5mg/5ml [440] के बैच नम्बर KL-25/147 की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भरतपुर व  29 सितम्बर,2025 को जिला सीकर से उक्त औषधि के बैच संख्या KL-25/148 के संबंध में आरएमएससीएल को शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में बताया गया था कि सिरप का मरीजों द्वारा उपयोग करने पर उल्टी, नींद, घबराहट, चक्कर, बेचैनी, बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। अन्य कम्पनी द्वारा आपूर्ति की जा रही दवा के वितरण पर भी रोक आरएमएससीएल  ने  शिकायती बैच के साथ ही प्रभावी कदम उठाते हुए उक्त औषधि के संबंधित सप्लायर द्वारा क्रयादेश के तहत सप्लाई किये गए सभी बैचों पर तत्काल प्रभाव से उपयोग पर रोक लगा दी है। साथ ही, एहतियात के तौर पर अन्य कम्पनी द्वारा आपूर्ति की जा रही खाँसी की इस दवा का वितरण भी आगामी आदेशों तक रोक दिया गया है तथा इसकी भी पुनः गुणवत्ता जाँच करवाई जा रही है। पुन: गुणवत्ता जाँच रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।

राजस्थान: ऊंट निर्यात प्रतिबंध हटाया गया, 2014 में हुआ था लागू

जयपुर राजस्थान का राज्य पशु और रेगिस्तान का जहाज कहलाने वाले ऊंट के निर्यात पर भजनलाल सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया है। लगभग 11 साल पहले तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ऊंट को राज्य पशु घोषित करते हुए इसके वध को निशेध करने व अन्य राज्यों में इसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए  विधानसभा में "राजस्थान ऊंट (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रजनन या प्रवासन का विनियमन) अधिनियम, 2015" पारित करवा करवाया था। अब मौजूदा सरकार ने ऊंटों की घटती आबादी को आधार बनाकर  अन्य राज्यों में अस्थायी प्रजनन या प्रवासन की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला ऊंटों की गिरती संख्या और पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सशर्त निर्यात और प्रवासन की अनुमति से जहां ऊंटपालकों को राहत मिलेगी, वहीं उनके संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ऊंटों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए अब कुछ जरूरी प्रक्रियाओं और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। अधिसूचना के अनुसार:     पूर्व अनुमति आवश्यक:     राज्य से ऊंटों को बाहर ले जाने के लिए संबंधित सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।     स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी:     पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऊंट का स्वास्थ्य परीक्षण कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के ऊंट का परिवहन अवैध माना जाएगा।     अस्थायी प्रजनन व कृषि उपयोग हेतु अनुमति:     यदि ऊंट को अस्थायी प्रजनन या कृषि उद्देश्यों के लिए ले जाया जा रहा है, तो उसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा और वापसी की तिथि भी निर्धारित करनी होगी।     निर्धारित समय में वापसी अनिवार्य:     यदि ऊंट अस्थायी रूप से राज्य से बाहर ले जाया गया है, तो उसे निर्धारित समयावधि में वापस लाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी।     कृषि और शैक्षणिक प्रयोग के लिए विशेष अनुमति:     अधिनियम की धारा 15 के उपबंध (7) के तहत कृषि और शैक्षणिक प्रयोगों हेतु ऊंटों को ले जाने के लिए विशेष अनुमति दी जा सकेगी।     सही दस्तावेज और विवरण आवश्यक:     ऊंट का प्रयोग कहां, किस उद्देश्य से और कितने समय के लिए किया जा रहा है, इसका पूरा विवरण अनुमति पत्र में देना होगा।     नियम उल्लंघन पर सजा, 25 हजार तक जुर्माना     राज्य सरकार ने कहा – नियमों के उल्लंघन पर राजस्थान ऊंट (वध निषेध और अस्वीकृत प्रवास या नियमन) अधिनियम–2015 के तहत कार्रवाई होगी। इसमें ऊंट को मारने पर 7 साल तक की सजा है। अवैध परिवहन, तस्करी पर 6 माह से 3 साल तक की सजा और 3 हजार से 25 हजार तक जुर्माना देना होगा।

शैक्षणिक सत्र में बदलाव पर सवाल, 2 महीने में परीक्षा, रिजल्ट और नामांकन चुनौतीपूर्ण: शिक्षक प्रतिक्रिया

जयपुर   राजस्थान के शिक्षा महकमे ने आगामी शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल 2026 से शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. इससे सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कूलों के अधिग्रहण से छात्रों की बाधित होने वाली पढ़ाई की भरपाई होगी. साथ ही सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से प्रतिस्पर्धा भी कर पाएंगे. हालांकि, शिक्षक इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका मानना है कि राजस्थान में 1 अप्रैल से शिक्षा सत्र शुरू करने की कवायत राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से ठीक नहीं है. पहले भी इस तरह के प्रयोग किए गए हैं, जो फेल हुए हैं. मार्च तक परीक्षा और रिजल्ट : शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने बताया कि 1 अप्रैल से शुरू करने का संदर्भ ही यही है कि परीक्षा और रिजल्ट का काम मार्च तक पूरा करना पड़ेगा, जो संभव नहीं है. इस सत्र में सितंबर खत्म होने को आ गया है, लेकिन अब तक छात्रों को किताबें प्राप्त नहीं हुई हैं और यदि मार्च में सत्र खत्म होगा तो छात्रों तक किताबें पहुंचना भी एक चुनौती होगी. इसलिए सरकार की ये सोच राजस्थान की भौगोलिक दृष्टि के हिसाब से ठीक नहीं है. पहले भी ये अनुभव किया जा चुका है, बावजूद इसके बार-बार प्रयोग करके शिक्षा विभाग को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है. ये सरकार को बंद करना चाहिए. कम से कम इस विषय में शिक्षा से जुड़े हुए शिक्षक संगठनों से बातचीत करके कोई निर्णय करना चाहिए. तानाशाही तरीके से जो भी निर्णय लिए जाते हैं, वो कभी भी शिक्षा के लिए फलदाई नहीं रहे और फिर सरकार को बाद में बदलाव करना पड़ता है. किसने क्या कहा, सुनिए. बोर्ड और स्थानीय परीक्षाओं में रखना होगा तारतम्य : हालांकि, शिक्षकों का एक धड़ा इस पहल का स्वागत भी कर रहा है. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि राजस्थान में प्राइवेट स्कूल 1 अप्रैल या उससे भी पहले से एडमिशन शुरू कर देते हैं. जबकि सरकारी स्कूल 1 जुलाई से प्रवेश उत्सव शुरू करते हैं. इससे सरकारी स्कूल पीछे रह जाते हैं और नामांकन में संतोषजनक वृद्धि नहीं होती. यदि सत्र 1 अप्रैल से सत्र शुरू होगा, तो सरकारी स्कूलों का नामांकन निश्चित रूप से बढ़ेगा. साथ ही शहरी क्षेत्र में लगभग 35 से 40 दिन प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण जो पढ़ाई के दिन कम हो रहे हैं, उनकी भरपाई भी होगी. हालांकि, उन्होंने इसके साथ ही चुनौतियां गिनाते हुए कहा कि विभाग को इसके लिए विशेष तैयारी करनी होगी. सबसे बड़ी चुनौती परीक्षाओं के टाइम टेबल को लेकर रहेगी. बोर्ड और स्थानीय परीक्षाओं को पहले आयोजित करना जरूरी होगा. शिक्षा मंत्री का दावा- छात्रों और अभिभावकों को राहत : हालांकि, शिक्षा मंत्री इस प्रयोग से आश्वस्त हैं. मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि ये अभी प्रस्ताव है. अंतिम मोहर लगनी बाकी है, लेकिन यदि सत्र 1 अप्रैल से शुरू होता है तो गरीब बच्चों को भी लाभ मिलेगा और सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा. निजी स्कूल फीस के मामले में कभी-कभी अनुचित तरीके अपनाते हैं. ऐसे में ये नई व्यवस्था अभिभावकों को भी राहत देगी. दिलावर ने ये भी स्पष्ट किया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले एक से डेढ़ महीने की पढ़ाई का टेस्ट लिया जाएगा. विभाग ये सुनिश्चित करेगा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उनका कोर्स अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मिल जाए, ताकि परीक्षा में छात्र अच्छा प्रदर्शन कर सकें. उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल से 15 मई तक शिक्षक घर-घर जाकर एडमिशन लेंगे, जिससे जुलाई में प्रवेश उत्सव की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा, ड्रॉपआउट छात्रों को प्रोत्साहित कर उनका भी संबंधित कक्षा में दाखिला कराया जाएगा. शिक्षा विभाग की होगी बड़ी 'परीक्षा' : बहरहाल, 1 अप्रैल से सत्र शुरू होने से कक्षा 1 से 12 तक की परीक्षाएं 31 मार्च तक खत्म कर रिजल्ट जारी करना होगा. अप्रैल के पहले सप्ताह में किताबें, वर्क बुक छात्रों तक पहुंचानी होगी, क्योंकि यदि सामग्री अप्रैल तक नहीं पहुंचती है तो ग्रीष्मावकाश में इसे छात्रों को उपलब्ध कराना आसान नहीं होगा. वहीं, यदि इसे मूर्त रूप मिलता है तो इसका सीधा लाभ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों और उनके अभिभावकों को मिलेगा.  

स्वामिनारायण मंदिर जोधपुर: जानें इस भव्य मंदिर की खास बातें और इतिहास

जोधपुर  जोधपुर के कालीबेरी में स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर का मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव 25 सितंबर को संपन्न हुआ. मंदिर का लोकार्पण बीएपीएस के वर्तमान अध्यक्ष, परम पूज्य महंतस्वामी महाराज के कर-कमलों द्वारा बड़ी धूमधाम और वैदिक परंपरा के अनुसार किया गया. इस ऐतिहासिक अवसर पर देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु, संत, स्वयंसेवक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. यह मंदिर राजस्थान की पुण्यभूमि पर परम पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज के एक शुभ संकल्प का मूर्त स्वररूप है, जिसे परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने पूर्ण किया. यह सिर्फ एक आध्यात्मिक केंद्र ही नहीं, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला, अध्यात्म और मानव सेवा का अद्भुत मिश्रण है और साथ ही हजारों स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ सेवा भाव और समर्पण का भी प्रतीक है. BAPS: एक वैश्विक सामाजिक और आध्यात्मिक आंदोलन इस मंदिर का निर्माण बीएपीएस (बोचासणवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण) संस्था द्वारा किया गया है. बीएपीएस, जिसकी स्थापना 1907 में ब्रह्मस्वरूप शास्त्रीजी महाराज ने भगवान श्री स्वामिनारायण द्वारा प्रबोधित वैदिक अक्षरपुरुषोत्तम सिद्धांत के आधार पर की थी, आज वैश्विक स्तर पर समाज सेवा, मानव उत्कर्ष और आध्यात्मिक पुनर्जागरण के कार्यों के लिए प्रसिद्ध है.   बीएपीएस की वैश्विक उपलब्धियां:     1700 से अधिक मंदिर और 5025 केंद्र.     55,000 समर्पित स्वयंसेवकों का विशाल समुदाय.     भव्य अक्षरधाम मंदिर.     1200 से अधिक सुशिक्षित संत.     180 से अधिक मानव सेवा की विभिन्न प्रवृत्तियों का सफल संचालन. दिल्ली अक्षरधाम मंदिर, अमेरिका का रॉबिंसविले अक्षरधाम मंदिर, आबू धाबी का बीएपीएस हिन्दू मंदिर और जोधपुर का स्वामिनारायण मंदिर – यह मंदिर केवल आध्यात्मिक केंद्र ही नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानव उत्कर्ष के जीवंत केंद्र भी हैं. संकल्प से सिद्धि: मंदिर निर्माण की यात्रा जोधपुर मंदिर की आधारशिला करीब एक दशक से भी पहले रखी गई थी. वर्ष 2014 में जब परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने इस स्थान पर विचरण किया, उस समय यहाँ केवल रेतीली भूमि और जोधपुरी छित्तर पत्थरों की खानें थीं. दशकों से इस क्षेत्र में संतों के सतत विचरण ने हजारों लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा दी और जोधपुर में सत्संग का विस्तार किया. शिलान्यास और आधार शिलान्यास विधि: 2019 में सद्गुरु वरिष्ठ संत पूज्य ईश्वरचरनदास स्वामीजी के सान्निध्य में संपन्न हुई थी. इस अवसर पर राजस्थान के पूर्व मेयर रामेश्वर दाधीच, हाई कोर्ट जस्टिस विनीत माथुर, श्री बड़ा रामद्वारा सूरसागर के महंत रामप्रसादजी महाराज, और मेयर घनश्याम जी ओझा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. ‘सेवा ही हमारा जीवन’: स्वयंसेवकों का निस्वार्थ समर्पण इस भव्य मंदिर के निर्माण में सात वर्षों का समय लगा, जो हजारों स्वयंसेवकों, संतों और स्थानीय समुदाय के लोगों के अतुलनीय योगदान का परिणाम है. सेवा और निष्ठा के मुख्य बिंदु: कारीगरों का योगदान: पिंडवाड़ा, सागवाड़ा, भरतपुर, जोधपुर, जयपुर और आस-पास के क्षेत्रों से 500 से अधिक कारीगरों ने इस दिव्य धाम को साकार करने में सहयोग दिया. संस्था ने उनके आवास, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक संवर्धन के लिए उचित सुविधाएँ प्रदान कीं, साथ ही उन्हें व्यसन-मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित किया. उच्च शिक्षित स्वयंसेवक: निर्माण से लेकर लोकार्पण तक इस सेवाकार्य में जुड़ने वाले कई दीक्षित संत आईआईटी, आईआईएम, स्नातक और पीएचडी हैं, जिन्होंने अपनी उच्च शिक्षा, सुनहरे भविष्य को समाज और राष्ट्र निर्माण की सेवा में समर्पित कर दिया. मंदिर महोत्सव सेवा: मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान, 35 जितने विभिन्न सेवा विभाग संचालित किए गए, जिनमें हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया. ये स्वयंसेवक न केवल जोधपुर और राजस्थान से, बल्कि जयपुर, दिल्ली, राजकोट, पोरबंदर आदि शहरों से अपनी नौकरी व व्यवसाय से अवकाश लेकर सेवा के लिए पहुंचे.   महिला भक्तों की पहल: महोत्सव से पूर्व जोधपुर सत्संग मंडल की महिला भक्तों ने घर-घर जाकर भगवान नीलकंठवर्णी की मूर्ति की पधरवानी करने का संकल्प लिया. करीब 2100 घरों में जाकर उन्होंने लोगों को मंदिर की महिमा बताई और उनके परिवार की मंगल कामना के लिए प्रार्थना की. इसके साथ साथ मंदिर की सफाई, मंदिर की सजावट, पत्थरों की घिसाई के काम में भी महिला स्वयं सेवकों का अमूल्य योगदान रहा.   युवा एवं युवती तालीम केंद्र के युवाओं का योगदान: मंदिर महोत्सव की सेवा के दौरान गुजरात से युवा तालीम केंद्र, युवती तालीम केंद्र, जयपुर युवक मंडल और भी अन्य केंद्रों में से सौ से भी अधिक युवक युवती इस अद्भुत कार्य में अपनी सेवा देने के लिए जोधपुर पहुंचे.  

सुहागरात पर उठाया अनोखा कदम, दुल्हन ने पति के साथ बिस्तर साझा करने से किया इनकार

किशनगढ़ अजमेर जिले के किशनगढ़ में हुई एक शादी इन दिनों हर ओर चर्चा का विषय बनी हुई है. मंडप में गूंजते ढोल-नगाड़े, मेहमानों की चहकती हंसी और दुल्हन की सजी-धजी एंट्री. सब कुछ बिल्कुल आम लग रहा था. लेकिन जैसे ही पहली रात आई, दुल्हन ने पति के साथ एक ही बिस्तर पर सोने से साफ इंकार कर दिया. कहने लगी हमारे यहां परंपरा है, इसके बाद वह बोली सास के गहने भी पहना दो,. इसके बाद रात में जब सच सामने आया तो सबके होश उड़ गए. नई नवेली दुल्हन गहनों और नकदी के साथ आधी रात को घर से रफूचक्कर हो चुकी थी. सात फेरे, रौनक और नई उम्मीदें राकेश नाम के युवक की शादी जयपुर में धूमधाम से कराई गई थी. परंपरागत रस्मों के बीच दुल्हन आगरा से आई और पूरे रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लेकर दूल्हे के साथ किशनगढ़ पहुंची. मां ने बहू का स्वागत किया, सोने के गहनों से सजाया और परिवार के लोग खुशी से झूम उठे. सबको लग रहा था कि अब घर में नई रौनक छा जाएगी. सुहागरात का अनोखा बहाना शादी के बाद दूल्हा जब अपने कमरे में पहुंचा तो उसने सोचा कि अब नए रिश्ते की शुरुआत होगी. लेकिन दुल्हन ने अचानक कहा हम आज एक साथ नहीं सो सकते, हमारे रीति-रिवाज में ऐसा नहीं होता. परिवार ने सोचा कि हो सकता है किसी परंपरा की बात हो, इसलिए किसी ने ज्यादा जोर नहीं दिया. मगर दुल्हन का यह बहाना दरअसल एक बड़े खेल की शुरुआती चाल थी. रात के अंधेरे में गायब करीब तीन बजे जब दूल्हा पानी पीने के लिए उठा तो उसे कुछ अजीब लगा. कमरे का दरवाजा आधा खुला था और अलमारी अस्त-व्यस्त. जैसे ही उसने गौर से देखा, समझ आया कि दुल्हन गायब है. केवल वही नहीं, अलमारी से सोने के जेवर और नकदी भी साफ हो चुके थे. पूरे घर में हड़कंप मच गया. रिश्तेदार और पड़ोसी इकट्ठा हो गए, लेकिन दुल्हन का कोई सुराग नहीं मिला. 2 लाख का सौदा और दलाल का खेल पीड़ित परिवार का आरोप है कि यह रिश्ता जितेंद्र नाम के एक दलाल ने पक्का कराया था. आगरा की इस युवती के लिए दलाल ने पूरे दो लाख रुपये लिए थे. परिवार को विश्वास दिलाया गया था कि लड़की अच्छे घराने से है और यह रिश्ता बिल्कुल सही है. शादी जयपुर में परंपरागत तरीके से हुई और सबकुछ सामान्य लगा. किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह शादी ठगी का हिस्सा है. शिकायत और पुलिस जांच घटना के बाद पीड़ित युवक राकेश और उसके परिवार ने मदनगंज थाना पहुंचकर पूरी कहानी सुनाई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फरार चल रहे दलाल जितेंद्र व युवती की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक यह गैंगबाज़ी का हिस्सा हो सकता है, जहां शादी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. हर ओर इसी शादी की चर्चा किशनगढ़ और आसपास के इलाकों में यह मामला अब चर्चा का केंद्र बना हुआ है. लोग हैरान हैं कि शादी जैसे पवित्र रिश्ते को किस तरह से अपराधियों ने ठगी का जरिया बना लिया. मोहल्ले के लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार सीधा-सादा है और दलाल पर अंधा विश्वास कर बैठा. यही उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई. बढ़ती घटनाएं और ठगी का पैटर्न राजस्थान में यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में शादी के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें एक संगठित गिरोह शामिल होता है दलाल रिश्ता तय करता है, लड़की दुल्हन बनकर शादी करती है और फिर पहली रात या कुछ दिनों के भीतर गहने-नकदी लेकर फरार हो जाती है. कुछ दिन बाद वही लड़की किसी दूसरे शहर या इलाके में नई पहचान के साथ फिर से यही खेल खेलती है. परिवार का दर्द दूल्हा राकेश और उसका परिवार सदमे में है. मां, जिसने अपनी नई बहू को सोने के गहनों से सजाया था, अब हर पल उस पल को कोस रही है. रिश्तेदारों के बीच यह मामला चर्चा का विषय है और हर कोई परिवार को ढांढस बंधा रहा है. लेकिन भीतर से पूरा घर टूटा हुआ है. पुलिस की चुनौती मामला दर्ज हो चुका है लेकिन पुलिस के लिए यह आसान नहीं है. दुल्हन और दलाल दोनों फरार हैं और इस तरह के गिरोह पहचान बदलने में माहिर होते हैं. हालांकि पुलिस का दावा है कि उनके पास कुछ पुख्ता सुराग हैं और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.

गहलोत सरकार में बड़ा बदलाव, जल्द शामिल होंगे 6 नए मंत्री

जयपुर  राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह कदम सीधे तौर पर आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों से जुड़ा है। भाजपा चाहती है कि ये चुनाव उसकी महत्वाकांक्षी योजना “वन स्टेट, वन इलेक्शन” के तहत कराए जाएं, ताकि पूरे राज्य में एक ही बार में शक्ति प्रदर्शन हो सके। राजस्थान में कुल 30 मंत्री पदों की मंजूरी है, लेकिन फिलहाल केवल 24 मंत्री हैं। ऐसे में 6 पद खाली पड़े हैं और इन्हीं पर हर गुट की नज़र टिकी हुई है। वर्तमान में परिषद में 12 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री, 2 उपमुख्यमंत्री और खुद मुख्यमंत्री शामिल हैं। साफ है कि इन 6 कुर्सियों पर तगड़ा दांव-पेच चलेगा। भाजपा का मकसद सिर्फ मंत्रियों की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि उन समुदायों को साधना है जो अब तक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। खासकर गुर्जर और मेघवाल समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग लगातार उठ रही है। इसी कड़ी में राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेदम (गुर्जर) और मंजू बाघमार (मेघवाल) का प्रमोशन लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि दो से तीन जूनियर मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार भी मिल सकता है। भाजपा के भीतर सत्ता समीकरण सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जैसे बड़े नाम भी अपने-अपने समर्थकों को जगह दिलाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। कटारिया के करीबी फूल सिंह मीणा और ताराचंद जैन को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है। राजस्थान की सियासत में धर्म और अध्यात्म का भी खासा दखल है। भाजपा के पास विधानसभा में चार संत विधायक हैं। इनमें से ओटा राम देवासी पहले ही मंत्री हैं। अब टीजारा विधायक बाबा बालकनाथ का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। बताया जा रहा है कि गोरखनाथ पीठ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उनके पक्ष में संकेत दिए हैं। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती शेखावाटी, पूर्वी राजस्थान और आदिवासी क्षेत्र बने हुए हैं। इन इलाकों में भाजपा को विधानसभा और लोकसभा, दोनों चुनावों में झटका लगा था। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार में इन क्षेत्रों से नए चेहरे लाने या मौजूदा जूनियर मंत्रियों को मजबूत भूमिका देने की तैयारी है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राज्य भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ अपनी टीम बनाएंगे। माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों को संगठन में भेजा जाएगा, ताकि पार्टी ढांचा भी मजबूत हो और चुनावी रणनीति भी सटीक बने। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, “ये चुनाव ही सरकार के पूरे कार्यकाल में होने वाले बड़े स्थानीय चुनाव होंगे। इनके नतीजे सीधे तौर पर भजनलाल शर्मा सरकार की लोकप्रियता का पैमाना तय करेंगे। ऐसे में भाजपा किसी भी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं है।  

राहुल को धमकी पर गहलोत का वार – BJP पर नफरत फैलाने का आरोप

जयपुर  राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता की उस कथित धमकी की सोमवार को निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को गोली मार दी जाएगी। गहलोत ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी की मानसिकता का खतरनाक प्रतिबिंब बताया। गहलोत ने वीडियो बयान में कहा, "पूरा देश जानता है कि इस देश में महात्मा गांधी व इंदिरा गांधी को किस प्रकार गोली मारी गई थी। वे देश को एक व अखंड रखने का संकल्प किए हुए थे। आज भाजपा के एक प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर टिप्पणी की है कि इनकी छाती में गोली मार देंगे।” गहलोत ने इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की चुप्पी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "अगर एक प्रवक्ता टीवी पर प्रसारित चर्चा में खुलेआम यह कह सकता है और पार्टी अध्यक्ष कोई प्रतिक्रिया नहीं देते, तो यह गंभीर सवाल खड़े करता है। देश को चिंतित होना चाहिए।" कांग्रेस नेता ने कहा, “ये हम बार बार कहते हैं कि इससे भाजपा की नफरत की राजनीति उजागर हुई है।” उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी की सार्वजनिक यात्रा की जानकारी मीडिया में साझा किए जाने के सुरक्षा निहितार्थों पर भी सवाल उठाया। गहलोत ने पूछा, "जब राहुल गांधी देश-विदेश की यात्रा करते हैं, तो उनकी लोकेशन भी सार्वजनिक कर दी जाती है। क्या यह सुरक्षा का उल्लंघन नहीं है?" भाजपा पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष से देश से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी महंगाई, बेरोजगारी और वोट चोरी की बात करते हैं। वह इसे देशभर में मुद्दा बना रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहिए कि यह मामला उनके संज्ञान में आ गया है और दोषियों को पार्टी से निकाला जाएगा और गृह मंत्रालय ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।" उन्होंने कहा, "मैं इस पूरी घटना की निंदा करता हूं। जिस प्रकार की सोच रखने वाले लोग आज सत्ता में बैठे हुए हैं इनका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है। विश्वास होता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती। पूरा देश देख रहा है, समय आने पर जवाब देगा।" पुलिस ने भाजपा नेता प्रिंटू महादेवन के खिलाफ टेलीविजन पर चर्चा के दौरान उनकी कथित टिप्पणी के लिए सोमवार को मामला दर्ज किया। उन्होंने कथित रूप से था कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को गोली मार दी जाएगी। केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के सचिव श्रीकुमार सी.सी. की शिकायत के आधार पर पेरामंगलम पुलिस ने यह मामला दर्ज किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व नेता महादेवन ने 26 सितंबर को एक मलयालम समाचार चैनल पर चर्चा के दौरान बांग्लादेश और नेपाल में विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा करते हुए यह टिप्पणी की। 

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सेवा पखवाड़ा, आमजन के काम आसान

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता और संकल्प के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश को प्रगति की ऊंचाईयों पर पहुंचाना हमारा मुख्य ध्येय है। उन्होंने कहा कि सांगानेर न केवल जयपुर का, बल्कि पूरे राजस्थान का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र है। हम सांगानेर को विकास के पायदान पर आगे खड़ा रहने की प्राथमिकता से कार्य कर रहे है। जिससे विकसित राजस्थान के संकल्प में यह क्षेत्र अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। शर्मा सोमवार को जयपुर में सांगानेर क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सांगानेर में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। राज्य सरकार द्वारा सांगानेर में बिजली के क्षेत्र में ही लगभग 100 करोड़ रुपये के कार्य किए गए। इस विधानसभा क्षेत्र में ‘यूनिटी मॉल‘, जयपुर मेट्रो, सांगानेर फ्लाईओवर से चौरड़िया पेट्रोल पंप तक एलीवेटेड रोड का निर्माण सहित विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे है, जिससे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। सांगानेर को मिली लगभग 700 करोड़ रूपये के विकास कार्यों की सौगात मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सांगानेर को लगभग 700 करोड़ रूपये के विकास कार्यों की सौगात मिलने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत सांगानेर में विद्युत, सड़क, शिक्षा, नगरीय विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों के 529 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। साथ ही, आज सांगानेर स्टेडियम में करीब 171 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि आज लगभग 218 करोड़ से अधिक की लागत वाली गोपालपुरा बाईपास पर त्रिवेणी नगर आरओबी से गुर्जर की थड़ी के पास तक एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में हुए अभूतपूर्व कार्य शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश बने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र के जन्मदिवस के अवसर पर सेवा पखवाड़ा आरम्भ हुआ है। सेवा पखवाड़े के तहत राज्य सरकार ने भी ग्रामीण एवं शहरी सेवा शिविरों की शुरूआत की है। इन शिविरों के माध्यम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का संकल्प साकार हो रहा है तथा जनोपयोगी कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। इन शिविरों से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इन शिविरों में वे अधिक से अधिक लाभ उठाएं तथा अपने आस-पास के लोगों को इन शिविरों में लाभ उठानें के लिए प्रेरित करें। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हमारी सरकार जनकल्याण को प्राथमिकता मानते हुए निरंतर निर्णय ले रही है। इसी कड़ी में आज सांगानेर में विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जीएसटी में किए गए बदलाव से आमजन को बड़ी राहत मिली है। हमारी डबल इंजन की सरकार प्रदेश को देश के अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सामग्री वितरण एवं दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की। शर्मा ने एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले मुख्यमंत्री का आमजन ने जगह-जगह माला पहनाकर स्वागत-अभिनंदन किया। इस अवसर पर नगरीय एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, विधायक कैलाश वर्मा, जयपुर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर, उपमहापौर पुनीत कर्णावट सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

कोटा रेल मंडल के यात्रियों के लिए त्योहारी स्पेशल ट्रेन, MP-महाराष्ट्र के रूट पर चलेगी

कोटा दिवाली और छठ पूजा सहित अन्य त्योहारों को देखते हुए अतिरिक्त यात्री भार को कम करने के लिए रेलवे की ओर से महत्वपूर्ण मार्गों पर स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं। ऐसे में महाराष्ट्र और यूपी जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे प्रशासन ने दो और स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। ये विशेष ट्रेनें ज्यादा किराए पर चलाई जा रही हैं। ये दोनों ट्रेनें कोटा से गुजरेंगी, जिससे कोटा से महाराष्ट्र और दिल्ली सहित जयपुर जाने वाले यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी। इसके पहले 5 विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा हो चुकी है, जिसमें यात्रियों को रेलवे की अधिकारिक वेबसाइट से टिकट मिल सकेंगे। बांद्रा-सांगानेर वीकली सुपर फास्ट एसी स्पेशल ट्रेन रेलवे की ओर से चलाई जा रही बांद्रा-सांगानेर विकली सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन 2 अक्तूबर से 28 नवंबर के बीच चलेगी। ट्रेन नंबर 09023 बांद्रा टर्मिनस से सांगानेर के बीच हर गुरुवार शाम 4ः45 बजे बांद्रा टर्मिनस से रवाना होगी, जो कि अगले दिन सुबह 8ः25 बजे कोटा और दोपहर 12ः30 बजे सांगानेर पहुंचेगी। इसी तरह ट्रेन नंबर 09024 सांगानेर से बांद्रा टर्मिनस के बीच हर शुक्रवार शाम 4ः50 बजे रवाना होकर रात 8ः10 पर कोटा और अगले दिन सुबह 11ः15 बजे बांद्रा टर्मिनस पहुंचेगी। ये ट्रेन आते और जाते समय बोरीवली, पालघर, वापी, वलसाड़, सूरत, भरूच, वडोदरा, रतलाम, नागदा, चैमहला, शामगढ़, भवानी मंडी, रामगंज मंडी, कोटा व सवाई माधोपुर स्टेशन रुकेगी। इसमें थर्ड एसी इकोनामी, थर्ड एसी, सेकेंड और फर्स्ट एसी के कोच लगाए गए। इंदौर-हजरत निजामुद्दीन वीकली सुपरफास्ट एसी स्पेशल ट्रेन ये ट्रेन 3 अक्तूबर से 1 दिसंबर तक चलाई जाएगी। ट्रेन नंबर 09309 इंदौर से हजरत निजामुद्दीन के लिए 3 अक्तूबर से 30 नवंबर के बीच सप्ताह में दो बार शुक्रवार और रविवार को इंदौर से चलेगी। ट्रेन शाम 5ः00 बजे इंदौर से रवाना होकर रात 10ः35 बजे कोटा और अगले दिन सुबह 5ः00 बजे हजरत निजामुद्दीन पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन नंबर 09310 हजरत निजामुद्दीन से इंदौर के बीच 4 अक्तूबर से 1 दिसंबर के बीच हर सोमवार और शनिवार को चलेगी। ट्रेन निजामुद्दीन से सुबह 8ः20 बजे रवाना होगी। दोपहर 2ः35 बजे कोटा और रात 9ः00 बजे इंदौर पहुंचेगी। रास्ते में मथुरा, भरतपुर, गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, कोटा, रामगंज मंडी, शामगढ़, नागदा, उज्जैन और देवास रुकेगी। इसमें केवल थर्ड और सेकंड एसी कोच रहेंगे।