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धर्म में कोई जाति-सीमा नहीं, हाईकोर्ट ने मंदिर में पुजारी नियुक्ति पर जताई स्पष्ट राय

तिरुअनंतपुरम मंदिर का पुजारी किसी खास जाति या फिर वंश से जुड़ा व्यक्ति होगा, यह धर्म सम्मत नहीं है। केरल हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही है। अदालत ने कहा कि यह हिंदू धर्म के ग्रंथों में कहीं भी वर्णित नहीं है कि किसी विशेष जाति का शख्स ही मंदिर का पुजारी हो सकता है या फिर किसी वंश का व्यक्ति ही बन सकता है। यदि कोई ऐसा चाहता है कि किसी खास जाति के लोग ही मंदिर के पुजारी हों तो उसे संविधान से भी कोई संरक्षण नहीं मिल सकता। जस्टिस राजा विजयराघवन और जस्टिस केवी जयकुमार ने त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड और केरल देवस्वम रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से सिर्फ तंत्र विद्यालयों की ओर से अनुभव प्रमाण पत्र रखने वालों की भर्ती पर यह बात कही। केरल में अखिल केरल तंत्री समाजम नाम की एक सोसायटी है। इस सोसायटी से जुड़े करीब 300 परंपरागत तंत्री परिवार जुड़े हैं। यह स्कूल सिखाता है कि कैसे मंदिरों में पुजारियों को परंपराओं का निर्वाह करना चाहिए और पूजा करानी चाहिए। इसी को लेकर अर्जी दाखिल हुई थी कि आखिर किसी एक खास स्कूल या वंश परंपरा से निकले लोगों को ही पुजारी के रूप में कैसे भर्ती किया जा सकता है। अर्जी में सवाल उठाया गया कि आखिर यह मांग कैसे की जा सकती है कि किसी खास स्कूल से आपकी डिग्री होगी, तभी आपको पुजारी के रूप में भर्ती किया जाएगा। इस पर अदालत ने कहा है कि हिंदू धर्म में ऐसी कोई परंपरा या विधान नहीं है कि किसी जाति या वंश से जुड़े लोगों को ही मंदिर के पुजारी के रूप में भर्ती किया जाएगा। बेंच ने इस दौरान 1972 के सुप्रीम कोर्ट के सेशम्मल बनाम तमिलनाडु केस के फैसले का भी उदाहरण दिया। बेंच ने कहा कि तब अदालत ने कहा था कि अर्चक यानी मंदिर के पुजारियों की भर्ती एक सेकुलर निर्णय होता है। इसमें धर्म का कोई मसला नहीं होता और यह काम ट्रस्टी की ओर से किया जाता है। दरअसल सवाल यह भी उठा था कि जिस सोसायटी की डिग्रियों की बात की जा रही है, उसमें पढ़ने वाले तो सिर्फ ब्राह्मण हैं। इसलिए सभी को मौका देने के यह नियम खिलाफ है।  

मैहर में हेल्पलाइन ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए फर्जी शिकायतें, SP ने दो पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

मैहर प्रदेशभर में जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन 181 अब कुछ जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की ही फर्जीवाड़े का शिकार हो गई है. मामला मैहर जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र का है, जहां पदस्थ प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय पर हेल्पलाइन में झूठी शिकायत दर्ज करवाने का गंभीर आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने थाना ग्रेडिंग में नम्बर एक पर आने की लालसा में यह पूरा फर्जीवाड़ा किया. ये है मामला  जानकारी के अनुसार दीपावली के दौरान अमरपाटन के लंका मैदान में पटाखा दुकानों की जांच के दौरान दोनों आरक्षक वहां पहुंचे और दुकानदारों से मोबाइल लेकर खुद ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर दी. कॉल सेंटर पर उन्होंने खुद को दुकानदार बताकर पुलिस पर ही गाली-गलौज और मारपीट की झूठी शिकायत दर्ज करवा दी. इतना ही नहीं शिकायत बंद करवाने के लिए इन पुलिसकर्मियों ने अपने दूसरे मोबाइल नंबर को संपर्क नंबर के रूप में दर्ज करवा दिया ताकि ओटीपी प्राप्त कर शिकायत निपटान दिखाकर ग्रेडिंग बढ़ाई जा सके. यह फर्जी खेल करीब पांच दुकानदारों अहमद रजा, मोहम्मद फिरोज, इरफान, मोहम्मद वसीम अकरम और अब्दुल मजीद के मोबाइल से किया गया. दुकानदारों ने दिया ये बयान  दुकानदारों ने बताया कि उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई थी, बल्कि पुलिसकर्मियों ने मोबाइल लेकर खुद ही कॉल कर दी. अब इस पूरे मामले का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिससे दोनों आरक्षकों की करतूत उजागर हो गई है. मामले को संज्ञान में लेते हुए मैहर एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने दोनों आरक्षक रवि सिंह और संतोष राय को लाइन हाजिर किया है. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि सीएम हेल्पलाइन में फर्जी शिकायत करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए. अब देखना यह होगा कि क्या अमरपाटन थाने में पदस्थ इन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होती है या मामला दबा दिया जाता है. ग्रेडिंग में फर्स्ट आने की झूठी शिकायत आरोप है कि अमरपाटन थाने में पदस्थ इन दोनों पुलिसकर्मियों ने सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में नंबर एक पर आने के लिए 181 सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतें दर्ज करई थीं। उन्होंने पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन लेकर स्वयं को फर्जी कॉलर बताते हुए गाली-गलौज और मारपीट की शिकायतें दर्ज कराईं। यहां तक कि कॉल सेंटर पर मौजूद एग्जीक्यूटिव से यह भी कहा कि पुलिस उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। पटाखा दुकानदारों के मोबाइल से की शिकायत इन पुलिसकर्मियों ने लगभग पांच पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ऐसी शिकायतें दर्ज कराई थीं। साथ ही, प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय ने इन सभी सीएम हेल्पलाइन शिकायतों पर अपना दूसरा संपर्क नंबर भी दर्ज कराया, ताकि वे शिकायतें बंद कराने के लिए ओटीपी प्राप्त कर सकें और अमरपाटन थाना मैहर जिले में सीएम हेल्पलाइन बंद कराने की ग्रेडिंग में शीर्ष पर आ सके। ऑडियो भी आया सामने इस मामले में फर्जी शिकायत करने वाले आरक्षक का एक ऑडियो भी सामने आया है। इसके अलावा, शिकायत नंबर भी सार्वजनिक हुए हैं और दुकानदारों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि उन्होंने कोई सीएम हेल्पलाइन शिकायत दर्ज नहीं की थी, बल्कि दो पुलिसकर्मी आए और मोबाइल मांगकर शिकायत दर्ज कर दी।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दिए निर्देश: रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र तैयार हो प्रस्ताव

रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र बनायें प्रस्ताव : उप मुख्यमंत्री  शुक्ल विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र रीवा भोपाल उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विंध्य क्षेत्र में विकास की गति तेज़ हुई है और औद्योगिक विस्तार निरंतर गति पकड़ रहा है। रीवा एयरपोर्ट का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण समय की आवश्यकता है। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि रीवा एयरपोर्ट के रनवे को बड़ा करने और आवश्यक अधोसंरचना विकास के लिए विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार किया जाये। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ नियमित सामंजस्य बनाकर कार्यवाही को गति दी जाये। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने बताया कि रीवा एयरपोर्ट वर्तमान में एटीआर-72 विमान के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त है और नाइट लैंडिंग की सुविधा से युक्त है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और सुविधाओं के उन्नयन की दिशा में त्वरित कदम उठाए जाना आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि नई एविशन नीति के अंतर्गत रीवा एयरपोर्ट के लिए दो एयरलाइन मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए ताकि रीवा की हवाई सेवाओं के विस्तार में विलंब न हो। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि रीवा एयरपोर्ट के सुदृढ़ीकरण से विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी सशक्त होगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव (एविएशन)  संजय कुमार शुक्ला, आयुक्त (एविएशन)  चंद्रमौली शुक्ला, उप सचिव (एविएशन)  कैलाश बुंदेला और निदेशक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया भोपाल  रामजी अवस्थी उपस्थित थे।  

ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज़ जीती, रोमांचक मुकाबले में टीम इंडिया की हार से टूटा फैन्स का दिल

 एडिलेड भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला गुरुवार (23 अक्टूबर) को एडिलेड ओवल में खेला गया. इस मुकाबले में भारतीय टीम को दो विकेट से हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 265 रनों का टारगेट मिला था, जिसे उसने 46.2 ओवरों में हासिल कर लिया. भारतीय टीम को पर्थ में खेले गए वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी. अब इस हार के साथ ही भारतीय टीम ने सीरीज गंवा दी है. सीरीज का तीसरा एवं आखिरी मुकाबला 25 अक्टूबर को सिडनी में खेला जाएगा. टारगेट का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही. अर्शदीप सिंह ने कप्तान मिचेल मार्श (11 रन) को पवेलियन भेजा. वहीं हर्षित राणा ने ट्रेविस हेड (28 रन) को विदा किया. यहां से मैथ्यू रेनशॉ और मैथ्यू शॉर्ट ने तीसरे विकेट के लिए 55 रनों की साझेदारी की. रेनशॉ 30 रन बनाकर अक्षर पटेल की गेंद पर बोल्ड हुए. इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर ने एलेक्स कैरी (9 रन) को सस्ते में आउट कर दिया. एलेक्स कैरी के आउट होने के बाद शॉर्ट और कूपर कोनोली के बीच पांचवें विकेट के लिए 55 रनों की साझेदारी हुई. शॉर्ट ने 78 गेंदों का सामना करते हुए 74 रन बनाए, जिसमें चार चौके और दो छक्के शामिल रहे. पांच विकेट गिरने के बाद मिचेल ओवेन और कूपर कोनोली ने छठे विकेट के लिए 59 रनों की साझेदारी की. इस पार्टनरशिप ने ऑस्ट्रेलिया को मजबूत कर दिया. भारत ने ओवेन (36 रन) के बाद जेवियर बार्टलेट और मिचेल स्टार्क के विकेट चटकाए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. कूपर कोनोली 61 रन बनाकर नाबाद रहे और जीत में अहम भूमिका निभाई. रोहित शर्मा का स्टंप माइक ऑडियो हुआ वायरल, 'वो सातवां ओवर डाल रहा यार' इस बीच भारतीय पारी के दौरान रोहित शर्मा अपने बल्ले से आक्रामक अंदाज में तो दिखी ही लेकिन एक बार फिर रोहित का स्टंप माइक ऑडियो वायरल हो गया. दरअसल रोहित के सामने मिचेल स्टार्क गेंदबाजी कर रहें थें और इस दौरान उन्हें लगा की एक सिंगल निकल सकता था जिसको लेकर उन्होंने श्रेयस अय्यर से बोला. 'अरे श्रेयस हो गया ये, जिसके जवाब में अय्यर ने कहा की 'आप करके देखो मेरे को मत बोलो न फिर', इसके बाद रोहित ने आगे कहा की 'अरे तेरे को कॉल देना पड़ेगा', जिसके बाद श्रेयस ने गेंदबाज मिचेल स्टार्क की और इशारा किया की वो यही है, जिसके बाद रोहित शर्मा ने मजेदार अंदाज में कहा की 'अरे वो सातवां ओवर डाल रहा है यार' अय्यर ने कहा की 'मुझे उसका एंगल पता नहीं है, आप कॉल दो न' फिर रोहित ने कहा की मैं नहीं दे सकता हूं ये कॉल, श्रेयस ने आखिरी में बोला 'सामने है आपके'. रोहित-श्रेयस के अर्धशतक, जाम्पा ने लिए चार विकेट टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम ने 9 विकेट पर 264 रन बनाए. भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही. 17 रनों के स्कोर पर ही उसे पहला झटका लग गया. कप्तान शुभमन 9 रन बनाकर तेज गेंदबाज जेवियर बार्टलेट का शिकार बने. फिर बार्टलेट ने उसी ओवर में विराट कोहली को पवेलियन भेज दिया. कोहली लगातार दूसरे मैच में खाता नहीं खोल पाए. यहां से रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर ने तीसरे विकेट के लिए 118 रनों की पार्टनरशिप करके भारत को संभाला. रोहित शर्मा ने 74 गेंदों पर अपनी फिफ्टी पूरी. ये 2015 के बाद वनडे इंटरनेशनल में उनका ये सबसे धीमा अर्धशतक रहा. साथ ही रोहित के ओडीआई करियर की ये 59वीं फिफ्टी रही. उधर श्रेयस अय्यर ने 67 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. इस साझेदारी को मिचेल स्टार्क ने तोड़ा, जिन्होंने रोहित को जोश हेजलवुड के हाथों पवेलियन भेजा. रोहित ने 7 चौके और दो छक्के की मदद से 97 बॉल पर 73 रन बनाए. रोहित के आउट होने के कुछ देर बाद श्रेयस भी पवेलियन चल दिए. श्रेयस ने सात चौके की मदद से 77 गेंदों पर 61 रनों का योगदान दिया. यहां से भारत ने नियमित अंतराल में विकेट खोए. केएल राहुल (11 रन), वॉशिंगटन सुंदर (12 रन) और नीतीश कुमार रेड्डी (8 रन) कुछ खास नहीं कर पाए. वहीं अक्षर पटेल ने 44 रन बनाकर इसी बीच भारत को 200 रनों के पार पहुंचाने में मदद की. हर्षित राणा (24*) और अर्शदीप सिंह (13) ने डेथ ओवर्स में अच्छी बल्लेबाजी की, जिसने भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया. ऑस्ट्रेलिया के लिए एडम जाम्पा ने चार विकेट झटके.

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को दिया आमंत्रण

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में पंजाब सरकार के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुण्डियन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री साय को 9वें सिख गुरु गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान, त्याग और मानवता के प्रति उनके संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस आयोजन में देशभर से श्रद्धालुओं, संत महात्माओं और विभिन्न राज्यों के गणमान्य नागरिकों के सम्मिलित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंजाब सरकार के मंत्रियों द्वारा दिए गए आमंत्रण के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रकट किया। मुलाकात के दौरान दोनों राज्यों के बीच आपसी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने अपने जीवन में धर्म, मानवता और समानता के जो आदर्श स्थापित किए, वे आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। मुख्यमंत्री साय ने पंजाब सरकार के इस आयोजन की सराहना करते हुए इसके सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान न केवल सिख समाज के लिए बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए अमर संदेश है, जिसने हमें सत्य और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने की प्रेरणा दी है।

IPS डांगी पर SI की पत्नी ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, ट्रांसफर की धमकी का भी दावा

रायपुर   छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के आइपीएस अफसर और वर्तमान में आइजी पर एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। महिला का दावा है कि आईपीएस ने बीते सात सालों से उसका शारीरिक और मानसिक शोषण करते आ रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पीड़िता का आरोप- सात साल से उत्पीड़न बिलासपुर में पदस्थ एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने आला अधिकारियों को दिए पत्र में आरोप लगाया कि आइजी ने सात वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किया। महिला ने कहा कि जब उसने आइजी से दूरी बनाने की कोशिश की, तो उस पर धमकियों और दबाव के जरिए संबंध बनाए रखने को मजबूर किया गया। महिला का आरोप है कि डांगी पिछले 7 सालों से उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। वहीं, इस मामले में IPS डांगी का कहना है कि महिला उन्हें बदनाम करने और ब्लैकमेल करने के लिए ये सब कर रही है। फिलहाल DGP ने शिकायत की जांच के निर्देश दिए है। 15 अक्टूबर को हुई है शिकायत जानकारी के मुताबिक, पीड़िता ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर 15 अक्टूबर को औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि साल 2017 में रतनलाल डांगी से उसकी मुलाकात कोरबा में हुई थी, जब IPS डांगी वहां एसपी पद पर तैनात थे। शुरूआती बातचीत सोशल मीडिया पर हुई, जो आगे बढ़ती गई। दंतेवाड़ा में पदस्थापना के दौरान वह वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें योग सिखाती थी। बाद में राजनांदगांव और सरगुजा में आईजी बनने के बाद डांगी ने कथित रूप से उसे परेशान करना शुरू किया। बिलासपुर आईजी रहते हुए उत्पीड़न का सिलसिला और बढ़ गया। शिकायत में महिला ने बताया है कि IPS डांगी उसे अपनी पत्नी की गैरमौजूदगी में बंगले पर बुलाते थे और न आने पर तबादले की धमकी देते थे। चंद्रखुरी पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में तबादले के बाद भी वह वीडियो कॉल के जरिए सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक संपर्क करने का दबाव बनाते थे। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसके पास कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं। डांगी बोले- महिला ब्लैकमेल कर रही शिकायत मिलते ही विभाग ने प्राथमिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। महिला के आरोपों पर दैनिक भास्कर ने आईपीएस रतनलाल डांगी से बात की।  चर्चा के दौरान रतनलाल डांगी ने बताया कि शिकायतकर्ता महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। इस मामले की शिकायत उन्होंने पूर्व में ही सीनियर अफसरों से की है। महिला को इस बात की जानकारी मिली तो उसने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर शिकायत की है। महिला मुझे बदनाम करने और ब्लैकमेल करने के लिए ये सब कर रही है। कौन है IPS रतनलाल डांगी IPS रतनलाल डांगी छत्तीसगढ़ के 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे बीजापुर, कांकेर, कोरबा और बिलासपुर जैसे जिलों में एसपी रह चुके हैं, जबकि सरगुजा, दुर्ग और बिलासपुर रेंज में आईजी पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में वे चंद्रखुरी स्थित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में निदेशक के रूप में पदस्थ हैं। आईजी रैंक के अफसर को मिली है जांच की जिम्मेदारी IPS रतनलाल डांगी की शिकायत की जांच पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आईजी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। अब तक मामले में जांच शुरू नहीं हुई है। बताया जा रहा है जांच अधिकारी पहले महिला से पूछताछ करके बयान और डिजिटल साक्ष्य लेंगे। महिला से बयान लेने के बाद IPS रतनलाल डांगी का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा। जांच टीम में महिला अफसरों को भी शामिल किया गया है। जांच रिपोर्ट कब तक आएगी? इस संबंध में जांच टीम और पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है।. वीडियो कॉल से नजर महिला का आरोप है कि अधिकारी सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक कई बार वीडियो कॉ पर नजर रखने का दबाव डालते थे। शिकायत में लिखा है कि वह अब तक चुप रही क्योंकि उसके पति की नौकरी खतरे में पड़ सकती थी। आरोप है कि आईपीएस अधिकारी अक्सर उसे धमकी देते थे कि ’अगर तुमने विरोध किया तो तुम्हारे पति को नक्सल क्षेत्र में तबादला कर दूंगा।’ आईपीएस को महिला कर रही ब्लैकमेल इधर, आईपीएस ने डीजीपी अरुणदेव गौतम को लिखित शिकायत देकर खुद पर लगे आरोपों को झूठा और साजिशन बताया है। उन्होंने कहा कि सब-इंस्पेक्टर की पत्नी पिछले कई वर्षों से उन्हें ब्लैकमेल कर रही है और उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना दे रही है। अधिकारी ने डीजीपी को सौंपे पत्र में लिखा है कि महिला ने उनके वाशरूम और निजी पलों के वीडियो बनाकर उन्हें धमकाना शुरू किया। अधिकारी द्वारा डीजीपी को लिखे पत्र के प्रमुख बिंदु – महिला जहर की शीशी लेकर कार्यालय आई और मुझे अपनी पत्नी से संबंध न रखने की कसम खिलवाई। उसने कई शर्तें रखीं, पत्नी से बात नहीं करना, तस्वीर नहीं खिंचवाना, जन्मदिन या सालगिरह नहीं मनाना। – उसने कहा कि मैं रात में बालकनी में सोऊं और आठ घंटे तक लाइव लोकेशन और वीडियो कॉल चालू रखूं ताकि उसे भरोसा रहे कि मेरे साथ कोई नहीं है। – स्नान, व्यायाम और वाशरूम जाते समय भी वीडियो कॉल चालू रखने की शर्त लगाई गई थी। – उसने वाशरूम में फोटो लिए और दिखाकर धमकाया कि अगर मैं उसकी बात नहीं मानूंगा तो ये तस्वीरें वायरल कर देगी। – विरोध करने पर उसने ब्लेड से खुद का हाथ काटा और आत्महत्या का नाटक किया ताकि मैं डर जाऊं। – दावा किया कि उसने मेरी सिफारिश से जिन लोगों की मदद की, उनसे रुपये वसूले और अब वह कहती है कि मैं झूठे रिकार्ड में फंसा दिया जाऊंगा। – कई मौकों पर वह जहर की शीशी लेकर कार्यालय आती और कहती कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो यहीं आत्महत्या कर मुझे फंसा देगी। – उसने मेरी पत्नी और बेटों से मुझे अलग कर दिया। मैं पिछले दो वर्षों से अपने घर में मानसिक अवसाद में जी रहा हूं। – करवा चौथ के दिन उसने धमकी दी कि अगर मैं पत्नी के साथ पूजा में शामिल हुआ तो वह आत्महत्या कर लेगी। – महिला मेरे घर में जबरन घुसी, स्टाफ को अश्लील तस्वीरें दिखाईं और हंगामा किया।  

शहर की सड़कों पर डिजिटल बदलाव: उज्जैन में दौड़ेगी पाड टैक्सी, ट्रैफिक व्यवस्था होगी स्मार्ट

उज्जैन मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन को आधुनिक और स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने शहर में पाड टैक्सी चलाने को 1900 करोड़ रुपये की हाईटेक योजना तैयार कर राज्य सरकार को भेजी है। यह परियोजना उज्जैन को देश के चुनिंदा आधुनिक परिवहन वाले शहरों में शामिल करेगी। योजना के तहत 25.46 किलोमीटर लंबे दो रूट पर कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। पाड टैक्सी को सिंहस्थ कार्यों से जुड़ी संभाग स्तरीय समिति की अनुशंसा के बाद अब राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। यह प्रोजेक्ट स्वीकृत होने पर उज्जैन देश का ऐसा पहला धार्मिक और तीर्थ नगर होगा जहां मेट्रो जैसी सुविधा पाड टैक्सी के रूप में उपलब्ध होगी।   बताया कि पाड टैक्सी एक स्वचालित, चालक-रहित और इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली है जो ऊंचे स्टील ट्रैक पर चलती है। इसमें ड्राइवर नहीं होता, बल्कि कंप्यूटर और सेंसर के ज़रिए इसका संचालन होता है। कॉम्पैक्ट कार जैसी दिखने वाली यह टैक्सी एक बार में 4 से 6 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा सकती है। ट्रैफिक जाम से मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल यह व्यवस्था शहरी परिवहन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने में मददगार साबित होगी। उज्जैन में इसे लागू करने से पर्यटन, धार्मिक आवागमन और शहरी गतिशीलता में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। परियोजना को सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि पाड टैक्सी न केवल शहर की छवि को आधुनिक बनाएगी, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगी। इससे उज्जैन में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी। ये फायदे ट्रैफिक से मुक्ति: ऊंचे ट्रैक पर चलने के कारण सामान्य सड़क यातायात में कोई बाधा नहीं। तेज़ और कुशल: बिना रुके सीधे गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाने की सुविधा। कनेक्टिविटी: अंतिम मील तक पहुंचने में मदद और अन्य सार्वजनिक परिवहन से बेहतर लिंक। पर्यावरण संरक्षण: बिजली से चलने के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी। दो रूट प्रस्तावित पहला रूट : देवासगेट बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन से टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा, शास्त्री नगर, संत नगर, मलखंभ स्टैच्यू, ऋषि नगर, विश्वविद्यालय, इस्कान मंदिर, नानाखेड़ा बस स्टैंड, महामृत्युंजय द्वार। दूसरा रूट : महाकाल महालोक से जंतर-मंतर, जीवनखेड़ी, त्रिवेणी हिल्स, तपोभूमि।

सीएम योगी के निर्देश पर विभिन्न सेक्टर्स पर फोकस डेस्क की स्थापना का प्रदेश को मिल रहा व्यापक लाभ

फोकस सेक्टर डेस्क से प्रदेश में निवेश को मिल रही नई उड़ान सीएम योगी की दूरदर्शी पहल से करोड़ों के निवेश पाइपलाइन में, जल्द उतरेंगे धरातल पर टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर में खुली निवेश की राह फोकस सेक्टर डेस्क की मदद से प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन लागू करने की दिशा में इन्वेस्ट यूपी के प्रयासों को मिली सफलता सीएम योगी के निर्देश पर विभिन्न सेक्टर्स पर फोकस डेस्क की स्थापना का प्रदेश को मिल रहा व्यापक लाभ लखनऊ  उत्तर प्रदेश अब सिर्फ देश का सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि भारत की सबसे तेज़ी से उभरती निवेश भूमि बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन्वेस्ट यूपी द्वारा किए जा रहे नवाचारपूर्ण प्रयासों ने प्रदेश को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना दिया है। इसी दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है—फोकस सेक्टर डेस्क की स्थापना, जिसने न केवल निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि उद्योग जगत में उत्तर प्रदेश की छवि को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। करोड़ों के निवेश पाइपलाइन में सीएम योगी के निर्देश पर इन्वेस्ट यूपी द्वारा गठित फोकस सेक्टर डेस्क अब प्रदेश में करोड़ों रुपये के निवेश को जुटाने में सफल रही है। टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव न केवल मंजूरी के दौर में हैं, बल्कि जल्द ही धरातल पर उतरने वाले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में फोकस सेक्टर डेस्क की रणनीति ने न केवल निवेश प्रक्रिया को गति दी है, बल्कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में ठोस आधार भी तैयार किया है। टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर में बड़े खिलाड़ी तैयार भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (ITTA), परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) और उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (NITRA) की साझेदारी से इस सेक्टर में ग्रासिम, ट्राइडेंट, रिलायंस, जीईएसएल और श्याम संस जैसी बड़ी कंपनियां प्रदेश में निवेश कर रही हैं। उनके प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं।  ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में नई ऊर्जा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM), एसीएमए, एसएमईवी और एआरएआई जैसी संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश में ऑटोमोबाइल उद्योग को नई रफ्तार मिल रही है। अशोक लेलैंड, मिंडा और टाटा मोटर्स (विस्तार परियोजना) जैसे दिग्गज निवेश के लिए तैयार हैं। केमिकल सेक्टर में औद्योगिक चमक भारतीय रासायनिक परिषद (ICC), ISCM Association और CHEMEXCIL के सहयोग से प्रदेश में रिलायंस इंडस्ट्रीज और दीपक नाइट्राइट जैसी कंपनियां बड़े निवेश की योजना पर काम कर रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रदेश बन रहा टेक हब ICEA, ELCINA, AIEA और IEEMA के सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में तेजी से निवेश बढ़ रहा है। डिक्सन, एम्बर, एचसीएल-फॉक्सकॉन, हायर और एलजी जैसी कंपनियों की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिससे प्रदेश भारत का अगला टेक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में अग्रसर है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर से विश्व स्तरीय साझेदारी नैसकॉम के सहयोग से एडोब, एएमडी और जेपी मॉर्गन जैसी वैश्विक कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं।

मुख्यमंत्री ने लिया निर्णय, फायर सर्विस विभाग में 98 राजपत्रित और लगभग 922 अराजपत्रित नए पद सृजित होने का रास्ता साफ

केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं तथा सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने हेतु स्पेशलाइज्ड यूनिट गठित हो: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने लिया निर्णय, फायर सर्विस विभाग में 98 राजपत्रित और लगभग 922 अराजपत्रित नए पद सृजित होने का रास्ता साफ जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए फायर सर्विस को अधिक सशक्त और आधुनिक बनाया जाए: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने अग्निशमन विभाग के विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता जताई मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने के दिए निर्देश प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर की स्थापना और प्रशिक्षण संस्थान में नए पदों से प्रशासनिक दक्षता व प्रशिक्षण गुणवत्ता में होगा सुधार एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किमी पर छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए: मुख्यमंत्री लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन विभाग की संरचना को अधिक सशक्त, आधुनिक तथा जनसुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बनाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री गुरुवार को अग्निशमन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता जताते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक रीजन में स्पेशलाइज्ड यूनिट गठित की जाए, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं तथा सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों। मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से सुसज्जित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में विभाग में नए पदों के सृजन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाए। साथ ही, राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित कर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 तथा अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे जनपद, रीजनल और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नई मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में फायर एवं आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर सहित एक छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में गोल्डन ऑवर के भीतर राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किया जा सके। बैठक में बताया गया कि नई ऑपरेशनल इकाइयों के रूप में कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर अग्निशमन सेवाओं की समुचित जनशक्ति पहले ही तैनात की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है। इसकी संरचना ऐसी होनी चाहिए, जो हर परिस्थिति में त्वरित, कुशल और उत्तरदायी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि विभाग के पुनर्गठन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी की जाए, ताकि इसका लाभ शीघ्र जनता तक पहुँच सके।

घर में लगी आग, उद्योगपति की दम घुटने से मौत; पत्नी और बच्चे अस्पताल में भर्ती

इंदौर  इंदौर के देवास नाका क्षेत्र में आज तड़के सुबह चार बजे एक पेंट हाउस में आग लगने से इंदौर के उद्योगपति प्रवेश अग्रवाल की दम घुटने से मौत हो गई। आग के समय वे अपने परिवार के साथ कमरे में सो रहे थे। कमरे में धुआँ भर जाने के कारण वे बाहर नहीं निकल पाए। पत्नी और दो बेटियां भी प्रभावित फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने प्रवेश को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। प्रवेश अग्रवाल ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक थे और जिले में उनके तीन से अधिक शोरूम हैं। पेंट हाउस महिंद्रा शोरूम के ऊपर स्थित था। इस हादसे में प्रवेश की पत्नी और बेटियां सौम्या व मायरा भी प्रभावित हुईं। तीनों को सांस लेने में परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ताजा अपडेट के मुताबिक, पत्नी श्वेता की हालत गंभीर है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। प्रवेश अग्रवाल ग्वालियर के रहने वाले थे और उनके भाई मुकेश अग्रवाल सहित परिवार के कई सदस्य वहीं रहते हैं। वे महाराष्ट्र और गुजरात में भी कई ऑटोमोबाइल एजेंसी चलाते थे। इसके साथ ही देवास क्षेत्र में भी वे राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। कमल नाथ ने जताया शोक पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, इंदौर में आग लगने की दुर्घटना में कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल के निधन और उनकी पत्नी के गंभीर रूप से अस्वस्थ होने का समाचार सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई। अग्रवाल कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। परिवार के अन्य सदस्यों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है। ओम शांति। प्रवेश ने देवास से महापौर पद के लिए दावेदारी की थी प्रवेश अग्रवाल ने देवास से 2022 में महापौर चुनाव में दावेदारी की थी। पत्नी श्वेता का नाम दौड़ में था। इसके बाद 2023 में विधानसभा चुनाव में दावेदारी की थी। नर्मदे युवा सेना के बैनर तले बड़ा कार्यक्रम किया था। 2027-28 में सम्भावित चुनावों को देखते हुए फिर से सक्रिय हुए थे। वे देवास में ऑफिस संचालित कर राजनीति करते थे। उनकी स्थानीय युवाओं की टीम थी। शुरुआत में उनके कमल नाथ समर्थक सज्जन वर्मा, मनोज राजानी से मतभेद हुए, बाद में साथ आ गए। 1 सितंबर को जन्मदिन मनाया था। तलवार से केक काटने के मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। बेटी को बचाने गए थे आग लगने के बाद कमरे से इंटर करके उन्होंने पत्नी और एक बेटी को बाहर निकाल दिया था। गार्ड उन्हें ले गए। फिर वे अपनी दूसरी बेटी को बचाने के लिए फिर कमरे में गए। इस दौरान बेटी को तो कमरे से बाहर निकाल दिया, लेकिन तब तक काफी धुआं प्रवेश की सांसों में भर चुका था। प्रवेश अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे शोरूम में तैनात गार्ड ने बताया कि आग सबसे पहले किचन वाले हिस्से में लगी थी। आग शार्ट सर्किट या पटाखों की वजह से लगी, इसकी जांच की जा रही है। प्रवेश अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे। उन्होंने नर्मदा सेना की स्थापना की थी। उनके निधन से शहर में शोक की लहर फैल गई है। देवास विधानसभा सीट से कर चुके थे दावेदारी प्रवेश कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबी माने जाते थे। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में देवास लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांगा था। इसके अलावा प्रवेश अपनी पत्नी के लिए नगर निगम चुनाव में मेयर का टिकट मांग चुके थे। उनके निधन पर कांग्रेस ने शोक जताया है।