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बिहार में विपक्षी एकता पर सवाल: RJD-कांग्रेस के बीच हर मोर्चे पर मतभेद

पटना  बिहार के महागठबंधन में आपसी तकरार के बाद अब साझा चुनाव प्रचार अभियान पर संकट छा गया है. कई सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' होने के बाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ती नजर आ रही है. इसके चलते साझा घोषणा पत्र पर भी बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है.  महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. आरजेडी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने चुनावी वादे हैं.सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगाया जा सकता है. इसी क्रम में अशोक गहलोत का आज पटना दौरा होगा और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात मुमकिन है. आरजेडी से रिश्ते में खटास आने के बाद बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावारु को कांग्रेस ने पीछे हटाया है. क्या है आरजेडी कांग्रेस की उम्मीद? जानकारी के मुताबिक गुरुवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है और गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि वे कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट से बचने के लिए उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए राजी कर लेंगे। मंगलवार तक महागठबंधन 12 सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ की ओर बढ़ रहा है। इनमें से तीन सीटें बछवाड़ा, राजापाकर और बिहार शरीफ हैं। यहां 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा, वहां नामांकन वापसी की तारीख भी निकल चुकी है। दोनों के बीच रिश्ते पटरी पर लौटने के मिल रहे संकेत सूत्रों ने बताया कि बची हुई सीटों में से वैशाली जिले के लालगंज से कांग्रेस ने पहले ही अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है, जबकि उसके और राजद के बीच यह सहमति बन गई है कि प्राणपुर (कटिहार) और एक अन्य सीट से केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में रहेगा। राजद ने सोमवार को 143 उम्मीदवारों की अपनी आधिकारिक सूची जारी की, जबकि कांग्रेस ने 61 उम्मीदवारों की घोषणा की है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं। महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में विकासशील इंसान पार्टी, वामपंथी दल और भारतीय समावेशी पार्टी शामिल हैं। एक महीने पहले महागठबंधन आगे बढ़ता हुआ दिख रहा था, जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने संयुक्त मतदाता अधिकार रैली निकाली थी, और ऐसा प्रतीत हुआ था कि उन्होंने चुनाव आयोग के विवादास्पद विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में एक विश्वसनीय मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर लिया है। हालांकि, उसके बाद से लगाता तनाव बढ़ता जा रहा है। तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर संशय राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तेजस्वी को महागठबंधन का आधिकारिक मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर चुनाव लड़ना चाहती है। तेजस्वी ने मतदाता अधिकार रैली के दौरान भी इस बारे में खुलकर बात की थी लेकिन यह बात हैरान करने वाली थी कि राहुल गांधी ने इसका पूरी तरह समर्थन नहीं किया। बिहार में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पार्टी इस पर प्रतिबद्ध नहीं होना चाहती थी क्योंकि इससे बिहार में गैर-यादव वोटों का एकीकरण हो सकता था। हालाँकि, नेताओं के एक वर्ग ने इस रुख को अतार्किक बताया। बिहार के एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने कहा कि महागठबंधन में सबसे ज़्यादा सीटों पर कौन चुनाव लड़ रहा है? राजद। अगर हम जीतते हैं, तो राजद के विधायक ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। फिर समस्या कहाँ है? सांसद ने कहा कि यह तर्क कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित न करना कांग्रेस का सिद्धांत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या पार्टी उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही करेगी? नहीं, ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह राजद के साथ तनाव का एक कारण था जिसे आसानी से टाला जा सकता था। बिहार में जतीय सर्वे पर सवाल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अक्सर 2022 में बिहार में शुरू हुए जातिगत सर्वेक्षण का ज़िक्र करते हैं, उस वक्त आरजेडी, जेडीयू के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा थी और वह उप-मुख्यमंत्री थे। विपक्ष द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच, बिहार ऐसी गणना करने वाले पहले राज्यों में से एक था। दूसरी ओर राहुल गांधी समेत कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस सर्वेक्षण को स्वीकार करने को लेकर उत्साहित नहीं है। जाति जनगणना को बीजेपी के खिलाफ अपने अभियान का आधार बनाकर राहुल गांधी अक्सर कहते रहे हैं कि महागठबंधन सरकार ऐसी जनगणना कराएगी और यह बिहार के जातीय सर्वेक्षण जैसा नहीं होगा, जो लोगों को बेवकूफ बनाने का एक तरीका था। दोनों दलों में अहंकार का टकराव सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नेताओं ने भी संबंधित पार्टी नेतृत्व के अहंकार को ज़िम्मेदार ठहराया। एक नेता ने बछवाड़ा सीट को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया। कांग्रेस बछवाड़ा सीट इसलिए चाहती थी क्योंकि 2020 में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और छह बार के विधायक रामदेव राय के बेटे शिव प्रकाश गरीब दास ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 39,878 वोटों से जीत हासिल की थी। सहयोगी दल सीपीआई ने अपने उम्मीदवार अवधेश कुमार राय के लिए सीट मांगी, जो 2020 में सिर्फ 484 वोटों से हार गए थे। बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा रहे एक नेता ने कहा कि कांग्रेस ने इसे अपने अहंकार का मामला बना लिया। इसलिए अब बछवाड़ा, जहां पहले चरण में मतदान होना है, वहां सीपीआई और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार होंगे, जिससे एनडीए को बढ़त मिलेगी। अन्य सूत्रों ने बताया कि अहंकार के कारण छोटी-मोटी घटनाएं भी हुईं। एक बार तो अल्लावरु ने तेजस्वी को एक घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बदले में तेजस्वी ने अल्लावरु को मुलाक़ात के लिए दो घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बिहार के एक नेता ने कहा कि यह इतनी छोटी-मोटी बात हो गई। साझा घोषणा पत्र पर सहमति अटकी आरजेडी और कांग्रेस के चुनावी वादे और घोषणाएं कई मायनों में एक जैसी हैं, लेकिन उनके साझा प्रारूप पर सहमति बननी बाकी है. महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी इस पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाई है. इसी आंतरिक संघर्ष के कारण साझा चुनाव प्रचार शुरू होने पर सवाल खड़ा हो गया है. सम्राट चौधरी ने कसा तंज… बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस संकट पर तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ही एकमात्र नेता हैं और अन्य पार्टियां महत्वहीन हैं. उन्होंने कहा, "कोई SIR के दौरान … Read more

नाराज़ RJD नेता का ड्रामा! टिकट ना मिलने पर फूट-फूटकर रोए, लालू-राबड़ी के घर मचा बवाल

पटना बिहार चुनाव को लेकर सियासी हलचल के बीच पटना में जमकर ड्रामा हुआ. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास के बाहर उस समय हंगामा मच गया, जब मधुबन विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार रहे मदन शाह अचानक वहां पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन करने लगे. मदन शाह ने आवास के बाहर गेट के ठीक सामने अपना कुर्ता फाड़ लिया और जमीन पर लेटकर जोर-जोर से रोने लगे. मौके पर मौजूद लोगों ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में मदन शाह कहते नजर आ रहे हैं कि उनसे आरजेडी टिकट के बदले पैसे मांगे गए थे. उनका आरोप है कि जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो पार्टी ने उनका टिकट काटकर डॉ. संतोष कुशवाहा को पैसे लेकर दे दिया. मदन शाह ने कहा, "मैं सालों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहा हूं, लेकिन टिकट पैसों के दम पर बांटा गया है. पार्टी ने समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर धनबल वालों को प्राथमिकता दी है." उन्होंने आरजेडी के राज्यसभा सांसद संजय यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि संजय यादव ने टिकट की दलाली की है और पैसे लेकर टिकट बेचा गया है. लालू-राबड़ी के घर के बाहर अफरा-तफरी घटना के दौरान लालू-राबड़ी आवास के बाहर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मदन शाह को वहां से हटाया और स्थिति को नियंत्रित किया. इस बीच, आरजेडी की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. महागठबंधन में सीटों को लेकर खटपट जारी बता दें कि राज्य विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में खटपट जारी है. गठबंधन दलों के बीच आपसी सहमती नहीं बन सकी है. राजद और कांग्रेस के बीच आपसी मतभेद है और कई सीटों पर आमने-सामने की लड़ाई की स्थिति बन गई है. राजद और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के बीच भी कुछ मतभेद है, जहां मधेपुरा में एक सीट पर एक ही उम्मीदवार ने दोनों पार्टियों से पर्चा भरा है. मसलन, हालात पेचीदा हो गया है.

आलमनगर में चुनावी उलटफेर: एक कैंडिडेट, दो पार्टियों से नामांकन – RJD और VIP में मचा घमासान

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन के दौरान मधेपुरा जिले के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक ही प्रत्याशी ई नवीन कुमार उर्फ नवीन निषाद ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP), दोनों के सिंबल पर अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है. यह घटना महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग विवाद की वजह से हुई है, जहां अभी तक सीटों का सटीक बंटवारा नहीं हो पाया है. नवीन कुमार, जो पिछले चुनाव में भी RJD के टिकट पर आलमनगर से चुनाव लड़ चुके हैं, इस बार विकासशील इंसान पार्टी की ओर से भी उम्मीदवार हैं. नवीन कुमार ने बताया कि उन्होंने पार्टी के आदेश का पालन किया है और आगे भी पार्टी की हिदायात के अनुसार ही काम करेंगे. इस सीट का प्रचार पहले मुकेश सहनी की पार्टी के पास था, जिसने इसे अपने खाते में ले लिया है. इस मामले से महागठबंधन के अंदरूनी संकट और सीट शेयरिंग की जटिलताओं का पता चलता है. चुनाव के अंतिम चरण में यह विवाद हल होने की संभावना है, और प्रत्याशी की ओर से भी सीट छोड़ने या समर्थन वापस लेने की संभावना बनी हुई है. महागठबंधन में वीआईपी को मिल रहीं 15 सीटें बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चली लंबी बातचीत के बाद महागठबंधन ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को करीब 15 सीटें देने पर सहमति बना ली है. हालांकि इसका आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है, लेकिन यह समझौता पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख से कुछ घंटे पहले ही तय हुआ. 30 सीटें मांग रहे थे मुकेश सहनी वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी शुरू में ज्यादा सीटों की मांग कर रहे थे. पहले उन्होंने 30 सीटों तक की मांग रखी थी, बाद में 20 सीटें मांगीं, साथ ही अगर गठबंधन की जीत होती है तो उपमुख्यमंत्री पद की भी इच्छा जताई थी. हालांकि, अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है. 

बिहार में सियासी धमाका! तेजस्वी यादव ने खेसारी लाल को बनाया उम्मीदवार

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी (RJD) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। यह लिस्ट सिर्फ नामों की घोषणा नहीं, बल्कि बिहार की सियासत में एक नया राजनीतिक संदेश देने की कोशिश है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी ने अपने पारंपरिक YM (Yadav-Muslim) समीकरण को बरकरार रखते हुए युवाओं, महिलाओं और स्टार चेहरों को शामिल किया है। राघोपुर से तेजस्वी यादव के फिर से मैदान में उतरने की घोषणा पार्टी के अंदर और बाहर एक प्रतीकात्मक संकेत है। यह सीट आरजेडी की राजनीतिक विरासत का केंद्र मानी जाती है। तेजस्वी का दोबारा राघोपुर से उतरना बताता है कि वे अभी भी पार्टी के मूल सामाजिक समीकरण और पारंपरिक वोट बैंक पर भरोसा रखते हैं। छपरा से खेसारी लाल यादव का टिकट – स्टार पावर का ‘गेम चेंजर’ मूव इस लिस्ट का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला नाम है — भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, जिन्हें छपरा सीट से मैदान में उतारा गया है। RJD का यह कदम बताता है कि पार्टी अब जातीय राजनीति से आगे बढ़कर जन-भावनाओं और स्टार अपील पर भी भरोसा कर रही है। यह फैसला पार्टी को युवा मतदाताओं और मनोरंजन जगत से जुड़ी जनता के बीच नई पहचान दिला सकता है। पुराने चेहरों को बनाए रखा, संगठन में स्थिरता का संकेत   आरजेडी ने अपनी लिस्ट में कई पुराने और भरोसेमंद नामों को बनाए रखा है। भाई वीरेंद्र (मनेर), भोला यादव (बहादुरपुर), प्रो. चंद्रशेखर (मधेपुरा), अवध बिहारी चौधरी (सीवान) जैसे वरिष्ठ नेताओं को जगह देकर पार्टी ने संगठन में स्थिरता और अनुभव का सम्मान दिखाया है। सामाजिक संतुलन और न्याय की परंपरा को बरकरार लिस्ट में यादव, मुस्लिम, दलित, सवर्ण और कुशवाहा समुदायों के उम्मीदवार शामिल हैं। तेजस्वी यादव, मुन्ना यादव, प्रेम शंकर यादव जैसे नाम पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करते हैं, जबकि मोहम्मद शाहनवाज (जोकीहाट) और युसुफ सलाहउद्दीन (सिमरी बख्तियारपुर) जैसे चेहरे मुस्लिम वोटों को आकर्षित करेंगे। दलित वर्ग से रामवृक्ष सदा और चंद्रहास चौपाल को मौका देकर पार्टी ने सामाजिक न्याय की अपनी छवि को बरकरार रखा है। महागठबंधन की दो बड़ी चूकें – कांग्रेस से टकराव और विवादास्पद चेहरे सूत्रों के अनुसार, आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर मतभेद अब भी बने हुए हैं। कई सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठे हैं। दूसरी बड़ी चुनौती है कुछ विवादास्पद चेहरों का चयन, जैसे ओसामा शहाब। भाजपा इसपर ‘जंगलराज की वापसी’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश कर सकती है। महिलाओं और EBC वर्ग को कम प्रतिनिधित्व – कमजोर कड़ी आरजेडी ने इस लिस्ट में महिलाओं और अति पिछड़े वर्गों को सीमित अवसर दिए हैं। हालांकि, अनीता (नोखा), माला पुष्पम (हसनपुर), रेखा पासवान (मसौढ़ी) जैसी महिलाएं शामिल हैं, लेकिन कुल अनुपात काफी कम है। यह पहलू विपक्षी दलों के लिए आलोचना का मुद्दा बन सकता है। नई पीढ़ी के नेताओं पर भरोसा – ‘नया बिहार’ की झलक तेजस्वी यादव ने कई युवा उम्मीदवारों को मौका दिया है। राहुल तिवारी (शाहपुर), रणविजय साहू (मोरवा), आलोक मेहता (उजियारपुर) जैसे नए चेहरे इस बात का संकेत हैं कि पार्टी संगठन में नई सोच और ऊर्जा को जगह दे रही है। संदेश साफ – ‘विरासत से विकास तक’ का सफर आरजेडी की यह लिस्ट बताती है कि पार्टी अब सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि लोकप्रियता, युवाशक्ति और प्रतिनिधित्व की राजनीति पर ध्यान दे रही है। तेजस्वी यादव ने इस सूची के जरिए साफ किया है कि RJD अब ‘विरासत की राजनीति’ से आगे बढ़कर ‘विकास और प्रतिनिधित्व की राजनीति’ की ओर बढ़ रही है।

छपरा में होगा सियासी मुकाबला, खेसारी की पत्नी RJD से, BJP की छोटी कुमारी से टक्कर

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी बेल्ट छपरा विधानसभा सीट पर दिलचस्प फाइट होने वाली है. इस सीट पर आरजेडी ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में झंडा गाड़ चुके एक्टर सिंगर खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को टिकट दिया है. खेसारी लाल यादव ने कुछ ही दिन पहले तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. वहीं बीजेपी ने इस सीट पर छोटी कुमारी को टिकट दिया है. छोटी कुमारी स्थानीय नेता हैं.  बीजेपी उम्मीदवार छोटी कुमारी बिहार के सारण जिले में छपरा विधानसभा क्षेत्र की जिला परिषद अध्यक्ष हैं. बीजेपी ने छोटी कुमारी को ये टिकट वर्तमान विधायक सीएन गुप्ता का टिकट काट कर दिया है. इस तरह से इस सीट पर स्टार पावर से लैस चंदा देवी और जमीनी कार्यकर्ता छोटी कुमारी के बीच मुकाबला है.  खेसारी लाल यादव छपरा के ही रहने वाले हैं. इस लिहाज से इस बार उनकी सिनेमाई लोकप्रियता का सियासी टेस्ट होगा. खेसारी लाल यादव ने कहा था कि वे बिहार के लिए कुछ करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी को चुनाव लड़ने के लिए मनाना चाह रहे थे तो उन्हें मुश्किल हो रही थी, क्योंकि उनकी पत्नी पारिवारिक महिला है और दो बच्चों की मां हैं. उन्होंने अपने बच्चे की परवरिश में थोड़ी सी भी कमी नहीं की है. इसलिए उन्हें लगता है अगर वे राजनीति में आएंगी तो उन्हें वक्त की दिक्कत हो सकती है. खेसारी ने कहा कि वे चार दिनों से पत्नी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अब उनकी पत्नी चुनाव लड़ने को राजी हो गई हैं. आखिरकार आरजेडी ने चंदा देवी को टिकट दे दिया है. खेसारी मुंबई में रहकर एक्टिंग और सिंगिग पर ध्यान देते हैं. उनकी पत्नी भी वहीं रहती हैं.  वहीं बीजेपी ने चंदा देवी के टक्कर में छोटी कुमारी को मैदान में उतारा है. इसके लिए पार्टी ने मौजूदा विधायक सी.एन. गुप्ता का टिकट काट दिया है.  माना जा रहा है कि यह कदम क्षेत्र में एंटी-इनकंबेंसी के कारण उठाया गया माना जा रहा है. छोटी कुमारी एक महिला उम्मीदवार के रूप में पार्टी की रणनीति का हिस्सा हैं, जो स्थानीय स्तर पर सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता रही हैं.  छपरा सीट की कहानी छपरा विधानसभा सीट पर बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. सी एन गुप्ता दो कार्यकाल से इस सीट से जीत रहे हैं. छपरा सीट पर यादव, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या निर्णायक रही है.  सीएन गुप्ता को 2020 के विधान चुनाव में 75,710 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहने वाले रणधीर सिंह को 68, 939 वोट मिले थे. यानी कि सीएन गुप्ता की जीत का मार्जिन ज्यादा नहीं था.  2015 के चुनाव में सीएन गुप्ता को 71,646 वोट मिले थे. इस चुनाव में आरजेडी के रणधीर सिंह को 60,267 वोट मिले थे.  इस बार रणधीर सिंह आरजेडी जोड़ जेडीयू में शामिल हो चुके हैं और वे बगल की सीट मांझी से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस लिहाज से यहां की पूरी टक्कर दिलचस्प हो चुकी है. 

चुनाव से पहले RJD को झटका, विधायक का BJP में शामिल होना मचा रहा हलचल

पटना राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक भरत बिंद मंगलवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।       भाजपा प्रदेश मीडिया सेंटर में आयोजित मिलन समारोह में आज भरत बिंद पार्टी में शामिल हो गये। चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने दोनों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई और उनका स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. जायसवाल ने कहा कि बिहार के मतदाता फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)की सरकार बनाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास कर रहा है। विपक्ष के पास आज कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष विकास को लेकर कोई बात नहीं कर सकता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'विपक्ष आज परेशान है कि राजग सौहार्दपूर्ण तरीके से सीट बंटवारे की घोषणा कर दी और आज से उम्मीदवारों की भी घोषणा शुरू हो गई है। विपक्ष हताशा में है और मीडिया को कुछ शिगूफा देने की कोशिश कर रहा है।' उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राजग में शामिल पांचों दल चट्टानी एकता के साथ चुनावी मैदान में चल दिए हैं। डा. जायसवाल ने कहा कि 'हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और विजयी भी होंगे।"  

संगीता कुमारी और सिद्धार्थ सौरभ ने थामा BJP का दामन, RJD-कांग्रेस में मचा हड़कंप

पटना बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की उपस्थिति में सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक मिलन समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की निवर्तमान विधायक संगीता कुमारी और कांग्रेस के निवर्तमान विधायक सिद्धार्थ सौरभ तथा पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके अलावा इस मिलन समारोह में मुख्य आयकर आयुक्त रहे सुजीत कुमार भी भाजपा में शामिल हुए। इन सभी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने सदस्यता ग्रहण करवाई और उनका पार्टी में स्वागत किया। गौरतलब हो कि भाजपा में शामिल हुई संगीता कुमारी कैमूर जिले में मोहनिया और सिद्धार्थ सौरभ पटना जिले में बिक्रम क्षेत्र के निवर्तमान विधायक हैं। भाजपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि पूरे बिहार में जो माहौल है, उससे साफ है कि बिहार में फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि राजग में शामिल सभी पांच दल चट्टानी एकता के साथ चुनावी मैदान में जा रहे हैं, जबकि महागठबंधन में भगदड़ मची है। उन्होंने कहा कि राजग में सीट शेयरिंग की घोषणा कर दी गई है और जल्द ही उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी जाएगी। जायसवाल ने कहा कि एनडीए के उम्मीदवारों के नामांकन का पर्चा दाखिल करने के दौरान राजग के बड़े नेता, राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के नेता प्रत्येक जिले में रहेंगे और नामांकन सभा आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी और विधान पार्षद संजय मयूख एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश तिवारी भी उपस्थित थे।  

RJD के दो विधायकों ने दिया इस्तीफा, बिहार चुनाव से पहले BJP को मजबूत बढ़त

पटना अगले माह होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दो विधायकों– संगीता कुमारी और चेतन आनंद ने शुक्रवार को विधानमंडल से इस्तीफा दे दिया। दोनों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया है कि संगीता कुमारी (मोहनिया) और चेतन आनंद (शिवहर) के इस्तीफे के बाद दोनों सीट रिक्त हो गई हैं। दोनों विधायक तत्काल प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। इस वर्ष की शुरुआत में जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) दोबारा भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुआ था, तब से संगीता कुमारी और चेतन आनंद विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लगातार सत्तापक्ष की बेंचों पर बैठते नजर आ रहे थे। इसके बाद राजद ने दोनों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, जो फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के समक्ष लंबित है। बता दें कि राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे, पहला चरण छह नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम और भभुआ से राजद विधायक भारत बिंद ने भी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था।  

BJP को चुनावी झटका: मिश्री लाल यादव ने छोड़ी पार्टी, RJD में एंट्री तय

पटना  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, अब दरभंगा की अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक मिश्रीलाल यादव ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन में दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों को उनका हक नहीं मिल रहा है। दरअसल, मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की और आरोप लगाया कि संगठन में दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों को उनका हक नहीं मिल रहा है। दरभंगा ज़िले की अलीनगर सीट से विधायक यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वह पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को अपना इस्तीफ़ा सौंपेंगे। पार्टी ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यादव इन अटकलों से नाराज हैं कि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा और भाजपा अलीनगर से गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतार सकती है। राजद में होंगे शामिल! विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर 2020 का चुनाव लड़ने वाले मिश्री लाल यादव ने कहा, "मैंने पहली बार एनडीए के लिए अलीनगर सीट जीती है। पहले, कई अन्य उम्मीदवार, जिनके पास बहुत पैसा और बाहुबल था, ऐसा करने में नाकाम रहे थे।" यादव ने अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन समझा जाता है कि वह राजद नीत विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के संपर्क में हैं।

JDU को झटका, वरिष्ठ नेता ने चुनाव से पहले RJD में की शामिल

पटना बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में जेडीयू को एक बड़ा झटका लगा है।  बिहार सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने जदयू से इस्तीफा देकर राजद का थामन लिया है। लक्ष्मेश्वर राय बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रह चुके है। लक्ष्मेश्वर राय ने आज ही आरजेडी की सदस्यता ग्रहण की है। गौरतलब हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर लौकहा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी को हराया था। इसके बाद उन्हें बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री बनाया गया। बता दें कि कल 10 अक्टूबर से पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। गौरतलब है कि बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। वहीं अभी भी महागठबंधन और एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है।