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कुशीनगर में जर्जर सड़कों की सुध, 4 मुख्य मार्गों सहित 11 सड़कों के कायाकल्प को हरी झंडी

 राजापाकड़ क्षेत्र के सेमरा हर्दोपट्टी, बसंतपुर रामलगन राय, मठिया भोकरिया, बेनीभार गांव की सड़कों सहित फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र की 11 जर्जर सड़कों का कायाकल्प होगा। 8.9 किमी लंबाई वाली सड़कों के लिए 208.52 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं, शासन ने 104.20 लाख रुपये की प्रथम किस्त अवमुक्त भी कर दी है। विधायक सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने इसका प्रस्ताव भेजा था। इन सड़कों का होगा कायाकल्प 1150 मीटर सेमरा हर्दोपट्टी संपर्क मार्ग के लिए 16.17 के सापेक्ष 8.09 लाख रुपये, 400 मीटर मठिया भोकरिया मुसहर टोला मार्ग के लिए 5.88 लाख के सापेक्ष 2.94 लाख रुपये, 150 मीटर रामलगन राय संपर्क मार्ग के लिए 2.98 लाख के सापेक्ष 1.49 लाख रुपये व बेनीभार संपर्क मार्ग लंबाई 800 मीटर के लिए 21.61 लाख के सापेक्ष 10.81 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त हुई है। इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र में बीसीटी से लोहार पट्टी 500 मीटर मार्ग के लिए 25.12 लाख के सापेक्ष 12.56 लाख रुपये, कोकिलपट्टी पांडेय टोला संपर्क मार्ग लंबाई 1600 मीटर के लिए 39.21 लाख के सापेक्ष 19.61 लाख, पटहेरवा पिपरा कनक से चैनपट्टी गगलवा संपर्क मार्ग लंबाई 200 मीटर के लिए 7.53 लाख के सापेक्ष 3.77 लाख, करमैनी का मजरा नूरखार टोला संपर्क मार्ग लंबाई 700 मीटर के लिए स्वीकृत 17.84 लाख रुपये के सापेक्ष 8.92 लाख, फाजिलनगर बघौचघाट मार्ग से नरायनपुर संपर्क मार्ग लंबाई 1000 मीटर के लिए स्वीकृत 22.81 लाख रुपये के सापेक्ष 11.32 लाख, समऊर नोनिया पट्टी मार्ग से परसौनी खुर्द पश्चिम टोला संपर्क मार्ग लंबाई 1500 मीटर के लिए स्वीकृत 26.73 लाख रुपये के सापेक्ष 13.37 लाख और नरायनपुर खास टोला संपर्क मार्ग लंबाई 900 मीटर के लिए स्वीकृत धनराशि 22.64 लाख रुपये के सापेक्ष 11.32 लाख रुपये अवमुक्त हुए हैं।

सड़क सुधार की पहल: गुरुग्राम में 12 सेक्टरों की जर्जर सड़कें बनेंगी दोबारा

गुरुग्राम  गुरुग्राम के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त हुई शहर के 12 प्रमुख सेक्टरों की सड़कों की सूरत बदलने की तैयारी नगर निगम (एमसीजी) ने शुरू कर दी है। निगम ने इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापक योजना बनाई है, जिसके टेंडर जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि मानसून के दौरान नगर निगम के सेक्टरों और कॉलोनियों की सड़कें छलनी हो गई थी। अब निगम की तरफ से इन सड़कों के निर्माण के लिए निगम ने एस्टीमेट तैयार करके टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम अधिकारियों का दावा है कि नवंबर माह के पहले सप्ताह में इन सभी सड़कों के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसको लेकर 80 फीसदी सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम की इस योजना में मुख्य रूप से सेक्टर-30, 42, 43, 55, 5, 16, 17ए, 41, और सेक्टर-34 की बदहाल सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। इन सेक्टरों में रहने वाले हजारों लोगों को इससे सीधा फायदा मिलेगा। सेक्टर 16 औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 42, सेक्टर 43 (नाला), सेक्टर 43 (तुलसी पार्क), -सेक्टर 17ए, सुशांत लोक दो, सेक्टर-55, पालीवास से बंधवाड़ी, सेक्टर-47 (मॉडल रोड), सेक्टर-30, साउथ सिटी-1 (ब्लॉक सी), सेक्टर 5 (भाग-3 और 4), सेक्टर- 41 आदि में सड़कें बनेंगी। गुरुग्राम नगर निगम ने सेक्टर 43 के निवासियों को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू की है। निगम ने व्यस्त गोल्फ कोर्स रोड के पास 18 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे फुटपाथ के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। यह कार्य नगर निगम के नए वार्ड संख्या 22 के अंतर्गत आता है। यह नया फुटपाथ निवासियों और छात्रों दोनों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगा। फुटपाथ का निर्माण एचवीपीएनएल कार्यालय, गोल्फ कोर्स रोड से शुरू होगा और पारस अस्पताल रोड तक जाएगा। यह फुटपाथ गैलेक्सी अपार्टमेंट्स, एंबिएंस स्कूल और हरिजन कॉलोनी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिससे इन इलाकों के निवासियों और स्कूल आने-जाने वाले छात्रों को सुरक्षित रास्ता मिल सकेगा। इस फुटपाथ निर्माण कार्य पर अड़तालीस लाख रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। लोगों को ये सुविधा मिलेंगी सुगम आवागमन: टूटी और गड्ढों वाली सड़कों से मुक्ति मिलेगी, जिससे वाहनों का मेंटेनेंस खर्च कम होगा और आवागमन सुगम होगा। सुरक्षा: सड़कों की गुणवत्ता सुधरने और नालों के निर्माण से शहर में जलभराव की समस्या खत्म होगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा। बुनियादी ढांचा: मॉडल रोड और फुटपाथ बनने से शहर का बुनियादी ढांचा सुधरेगा और पैदल यात्रियों को सुरक्षित रास्ता मिलेगा। स्वच्छता: जल निकासी की बेहतर व्यवस्था से सड़कों पर गंदगी और जल जमाव की समस्या खत्म होगी, जिससे स्वच्छता बढ़ेगी। नगर निगम के इस कदम से उम्मीद है कि आगामी वर्षों में शहर की आंतरिक सड़कें उच्च गुणवत्ता वाली बनेंगी।

सिवनी सड़क चौड़ीकरण परियोजना की टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू, काम में होगा तीन-चार माह का इंतजार

सिवनी  सिवनी शहर के भीतर सड़क चौड़ीकरण का कार्य तीन से चार माह बाद ही शुरु हो पाएगा। हालांकि शासन की तरफ से रिवाइज बजट स्वीकृत कर दिया गया है। टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरु होगी। जिसके बाद शहर के भीतर मुख्य मार्ग की सुरत बदलेगी। वहीं यातायात सिग्नल भी सुधरेगी। सड़कों का होगा चौड़ीकरण, लगेंगे 3 महीने बता दें कि, नगर पालिका चौक से लेकर छिंदवाड़ा चौक तक सड़क की चौड़ाई कम होने एवं लगातार अतिक्रमण बढ़ने से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं चौक चौराहे पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल भी वर्षों से बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में मनमर्जी से लोग वाहन को चौराहे से लेकर निकल जाते हैं। इससे कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है। वहीं बेतरतीब वाहन चलाने से लोग घायल भी हो रहे हैं और कई बार तो लड़ाई-झगड़े तक की नौबत आ रही है। शाम के समय हालात और ज्यादा खराब हो जाते हैं। लाखों रुपए की लागत से चौराहों पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल वर्षों से धूल खा रहे हैं। नगर पालिका चौराहे जैसे व्यस्ततम इलाके का ट्रैफिक सिग्नल भी बंद है। इसके अलावा छिंदवाड़ा चौक, कचहरी चौक सहित अन्य जगह ट्रैफिक सिग्नल की यही स्थिति है। वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सात दिनों के भीतर नगर के ट्रैफिक सिग्नलों को शुरु करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अब तक कार्य पूरा नहीं हुआ। पांच चौराहे पर लगा था यातायात सिग्नल नगर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए वर्ष 2013-14 में नगर पालिका ने लाखों रुपये की लागत से कचहरी चौक, नगर पालिका चौक, छिंदवाड़ा चौक, सर्किट हाउस चौक, बाहुबली चौक में ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। हालांकि कुछ ही दिनों में सिग्नल बंद हो गए। इसके बाद जिम्मेदारों ने सुधारने को लेकर जहमत नहीं उठाई। बड़ी बात यह है कि क जगह लगे ट्रैफिक सिग्नल के पो भी गायब हो गए हैं। पुलिस कंट्रो रूम, सर्किट हाउस एवं बाहुबल चौक के तरफ लगे सिग्नल के पो गायब हैं। लगेगा तीन माह से अधिक समय एमपीआरडीसी द्वारा शहर के भीतरी हिस्से में नगझर से सीलादेही तक फोरलेन का काम कराया जा रहा है। विभाग ने सड़क चौड़ीकरण को लेकर दोबारा प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिसे मंजूर कर लिया गया है। टेंडर की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। सड़क चौड़ीकरण के बाद ही सिग्नल का भी सुधार कार्य होगा या फिर नए सिग्नल लगेंगे। दरअसल वर्ष 2022 में नगर पालिका परिषद ने बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को सुधारने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। 22 लाख 56 हजार रुपए से सिग्नलों को सुधारने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। इस बीच एमपीआरडीसी ने नगर पालिका को पत्र लिखकर सड़क चौड़ीकरण का कार्य पूरा होने के बाद ही सिग्नल का सुधार कार्य करने का आग्रह किया था। तब से मामला ठंडे बस्ते में है।

सड़क और ड्रेनेज सुधार पर ग्वालियर प्रशासन करेगा अहम निर्णय

ग्वालियर  शहर में अतिवर्षा के कारण सड़कों की स्थिति खराब है। वर्षा जल की निकासी नहीं होने के कारण डामर की सड़कें उधड़ चुकी हैं। इसका मुख्य कारण सामने आया है कि सड़कों के किनारे नाले-नालियों के अलावा ड्रेनेज का प्रविधान नहीं होने से यह स्थिति बनी है। नईदुनिया ने भी लगातार ये मुद्दा उठाया कि सड़कों के किनारे ड्रेनेज सिस्टम का प्रविधान किया जाए, जिसके बाद निगम के जनकार्य विभाग ने कई कॉलोनियों में नई सड़कें स्वीकृत करने के साथ ही उन्हें ड्रेनेज का प्रविधान करना शुरू कर दिया है। व्हाइट टॉपिंग या सीसी रोड बनाई जाएंगी जो नए टेंडर भी अपलोड किए जा रहे हैं, उनमें ड्रेनेज का प्रविधान विशेष रूप से किया जा रहा है। इसके अलावा जिन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं होगी, वहां प्रयास किया जाएगा कि डामर की सड़कें तैयार नहीं की जाएं। वहां व्हाइट टॉपिंग या सीसी रोड बनाई जाएंगी। इसके अलावा जहां-जहां बिटुमिन की नई सड़कें बनाई जा रही हैं, वहां ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। इन स्थानों पर ड्रेनेज का प्रविधान वार्ड 30 एयरटेल ऑफिस रोड और नाली निर्माण। वार्ड 19 सूर्य विहार कॉलोनी में बिटुमिन रोड के किनारे सीसी ड्रेनेज। वार्ड 55 शिवाजी नगर में चौहान हाउस से सिकरवार हाउस तक और राकेश तोमर वाली गली में सीसी रोड और ड्रेनेज। वार्ड 62 पदमपुर खेरिया के पटेल मोहल्ला में सीसी रोड व ड्रेनेज। वार्ड 63 के ग्राम रुद्रपुर में सीसी रोड और ड्रेनेज। वार्ड 63 के ग्राम मालनपुर में सीसी रोड व ड्रेनेज। वार्ड 49 हारकोटासीर में सीसी रोड व ड्रेनेज निर्माण। (इसके अलावा लगभग 20 सड़कों के निर्माण में ड्रेनेज का प्रविधान कर टेंडर किए जा रहे हैं।) निगमायुक्त ने की समीक्षा, 15 दिन में सड़कें चकाचक करने के निर्देश उधर नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने शनिवार को शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि शीघ्र सड़कों पर काम प्रारंभ करें और 15 दिवस में शहर की सड़कें चकाचक दिखने लगें। जिन सड़कों के वर्क आर्डर जारी हो गए हैं, उनमें अगले पांच दिवस में कार्य शुरू हो जाएं। साथ ही जो सड़कें स्वीकृत हो चुकी हैं और अनुबंध होना है, उसमें तत्काल अनुबंध कर कार्य प्रारंभ कराएं। सड़कों के किनारे ड्रेनेज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। सड़कों के किनारे ड्रेनेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। कई नई सड़कों को स्वीकृति देते समय ड्रेनेज का प्रविधान किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जहां हम ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, वहां डामर की सड़कें बनाई ही ना जाएं। वहां सीसी रोड या व्हाइट टापिंग कराई जाए। – संघ प्रिय, आयुक्त नगर निगम

जबलपुर-रायपुर के बीच सफर होगा आसान, बनेगी 150 KM लंबी फोरलेन सड़क

जबलपुर  जबलपुर से रायपुर की सड़क की दशा जल्द बदलेगी। इस सड़क के कुछ हिस्से पर वाहन चालक चलने से घबराते हैं। इस सड़क को अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण फोरलेन बनाने जा रहा है। सड़क की न सिर्फ चौड़ाई बढ़ेगी बल्कि नए तरह से निर्माण किया जाएगा। जबलपुर से चिल्पी तक करीब 150 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण एनएचएआइ करेगा। इस मार्ग के निर्माण में 4500 करोड़ का व्यय होगा। फिलहाल सडक निर्माण के लिए कंसल्टेंसी नियुक्त करने का प्रयास हो रहा है ताकि इसकी डिटेल प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा सके। सब कुछ ठीक रहा तो यह सड़क जो अभी एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के पास है, इसे वापस एनएचएआइ सड़क का हस्तातंरण करेगा। वन्य जीवों के लिए सुरक्षित मार्ग जबलपुर से चिल्पी के बीच मंडला क्षेत्र में आने वाला कान्हा नेशनल पार्क का कोर एरिया आता है। जहां वन्यजीवों की घनी आबादी विचरण करती है। ऐसे में एनएचएआई मार्ग में जगह-जगह अंडरपास और ओवर ब्रिज का निर्माण करेंगा ताकि वाहन निकलने से वन्य जीवों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। कई जगह साउंड प्रूफ उपकरण भी लगाए जाएंगे जिससे बंदरों और अन्य जीवों को वाहनों की आवाजाही खलल न पैदा करें। बता दें करीब 25 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आ रही है। फोरलेन बनने से बढ़ेगी रफ्तार फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग 30 जबलपुर से रायपुर के बीच दो लेन है। इस वजह से वाहनों की आवाजाही में थोड़ी परेशानी होती है। मौसम खराब होने पर वाहनों की लंबी कतार सड़क पर लग जाती है। आवागमन भी बाधित होता है। यहां कुछ जगह लैंड स्लाइडिंग की भी समस्या बनी हुई है इसके लिए लगातार एमपीआरडीसी को शिकायत होती है लेकिन वहां से कोई भी राहत नहीं मिल पा रही है।  एमपीआरडीसी द्वारा इस सड़क का निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से कराया जा रहा था। वर्षों से यह सड़क बेहद खराब स्थिति में है जिससे आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब इस सड़क को सरकार फोरलेन में तब्दील होगी तो बड़े स्तर पर राहत मिलने की संभावना है। इस सड़क के लिए गडकरी ने मांगी थी माफी जबलपुर मंडला की यह वही सड़क है जिसके लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सड़क की खराब गुणवत्ता के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी थी। गडकरी 2022 में मध्य प्रदेश दौरे पर आए थे। तब उन्होंने मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे की इस बदहाल सड़क को देखा। उन्होंने शर्मिंदगी महसूस की। सड़क की स्थिति को देखते हुए मंच से ही माफी मांगी थी। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने ये बयान सात नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के मंडला में दिया था। गडकरी ने जबलपुर से मंडला के बीच नेशनल हाईवे के टेंडर रद्द कर सड़क के इस हिस्से को फिर से बनवाने के निर्देश दिए थे। बाद में इस मार्ग को सुधारने के लिए 53 करोड़ रुपये की लागत से सुधार का काम हुआ था। 2015 में शुरू हुआ था निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 251 करोड़ की लागत से जबलपुर से मंडला के बीच इस राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन को निर्माण एजेंसी बनाया था। तीन फेस में बनने वाली इस सड़क का काम साल 2015 में शुरू हुआ था, जिसे दिसंबर 2016 तक पूरा हो जाना था। लेकिन, अब तक हाईवे का निर्माण अधूरा है और जहां हाईवे बना वो घटिया निर्माण से टूट-फूट का शिकार है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जबलपुर से चिल्पी के बीच करीब 150 किमी की सड़क को फोरलेन बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कंसल्टेंसी की तलाश हो रही है। हम जल्द डीपीआर बनाकर केंद्र को भेजेंगे यदि मंजूरी मिली तो एमपीआरडीसी से यह सड़क लेकर एनएचएआई निर्माण कराएंगा।

आज से VIP रोड पर नया ट्रैफिक नियम, उल्लंघन पर कटेगा ₹5000 का चालान

रायपुर  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज से ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के साथ-साथ सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने नई पहल शुरू की है। नवरात्र के पहले दिन से वीआईपी चौक से एयरपोर्ट तक की सड़क को आज से वन वे कर दिया गया है। करीब 9 किलोमीटर लंबी सेंट्रल रोड के वन-वे होने से लोगों को जाम से राहत मिलेगी इसके साथ ही हादसों पर भी रोक लगेगी। जानकारी के अनुसार, अब इस मार्ग से केवल एयरपोर्ट और नवा रायपुर की तरफ जाने जा सकेंगे। वहीं, इस रोड से शहर की तरफ वापस लौटने की अनुमति नहीं होगी। जिन लोगों को एयरपोर्ट से वीआईपी चौक वापस आना है उन लोगों को सर्विस रोड का उपयोग करना होगा। यह नया ट्रैफिक नियम सोमवार से लागू हो गया है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि लोगों को मुश्किल नहीं हो इसलिए नई व्यवस्था की जानकारी देने के लिए कुछ दिन तक समझाइश दी जाएगी उसके बाद कार्रवाई होगी। जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में हुआ निर्णय 10 सितंबर को जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में वीआईपी रोड को वनवे घोषित करने तथा अन्य वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद  नगर निगम, परिवहन व यातायात पुलिस की टीम ने वीआईपी रोड का निरीक्षण किया। एयरपोर्ट तक जल्दी पहुंचने के लिए इसका उपयोग लोग करेंगे। शहर की ओर के लिए सर्विस रोड माना एयरपोर्ट, ग्राम फुंडहर, टेमरी व माना पीटीएस की ओर से शहर आने वाले लोग सर्विस रोड का उपयोग कर आवागमन कर सकेंगे। श्रीराम मंदिर टर्निंग से विमानतल के अलावा अन्य गंतव्य को जाने वाले सर्विस रोड से चलेंगे। सीसीटीवी से निगरानी माना विमानतल प्रवेश मार्ग, माना पीटीएस चौक, ग्राम टेमरी ,ग्राम फुंडहर चौक, मौलश्री विहार से मध्य मार्ग में प्रवेश को रोकने के लिए इन स्थानों पर मध्य मार्ग में रांग वे डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं। इसके जरिए ई-चालान की कार्रवाई की जाएगी। वीआईपी रोड के मध्य मार्ग को वन-वे दर्शाने और वापस आने वालों को मध्य मार्ग में प्रवेश न करने की जानकारी देते हुए आवश्यक स्थानों पर संकेतक बोर्ड लगाए जाएंगे। वन-वे का उल्लंघन करने पर मोटरयान अधिनियम की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। 2500 रु. जुर्माना लगेगा। तीन मार्ग हैं वीआईपी रोड में माना विमानतल जाने वाले वीआईपी मार्ग में श्रीराम मंदिर के सामने से नवा रायपुर और विमानतल प्रवेश मार्ग तक 3 मार्ग हैं। एक मध्य मार्ग और दोनों ओर एक-एक सर्विस रोड है। माना विमानतल जाने वालों के लिए मध्य मार्ग तथा रोड के दोनों ओर होटल, मैरिज पैलेस व अन्य संस्थानों में आवागमन करने वालों के लिए सर्विस रोड दिया गया है। माना विमानतल, होटल, मैरिज पैलेस व अन्य संस्थानों, गांवों से शहर की ओर आने-जाने वाले मध्य मार्ग का ही उपयोग करते हैं, जिससे मध्य मार्ग में ट्रैफिक दबाव बढ़ गया है। ओवरटेक और रफ्तार के चलते सडक़ दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। 7 साल पहले वन-वे के कॉन्सेप्ट पर बना था एयरपोर्ट रोड वीआईपी तिराहा से माना एयरपोर्ट तक सड़क पहले सिंगल लेन थी। एक ही सड़क पर वाहन दोनों ओर से आते-जाते थे। रमन सरकार ने इस सड़क को चौड़ा करने का फैसला किया, लेकिन शर्त थी कि सड़क किनारे लगे पेड़ों को नहीं काटा जाएगा। तब बिना पेड़ काटे चौड़ीकरण की योजना बनाई गई। इसमें तीन सड़कें बनीं। बीच में 10 मीटर चौड़ी मुख्य सड़क और दोनों ओर 7-7 मीटर की सर्विस रोड। प्लानिंग के समय ही तय किया गया था कि सेंट्रल रोड को वन-वे रखा जाएगा, ताकि लोग जल्दी एयरपोर्ट पहुंच सकें। सर्विस रोड पर पार्किंग बैन किया गया और कारोबारियों को ड्रेनेज पार अपनी पार्किंग बनाने की शर्त रखी गई। फुंडहर, टेकरी चौक, पीटीएस चौक पर अंडरपास बनाने का प्रस्ताव था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। डिवाइडर को कहीं भी खुला नहीं रखने का भी निर्णय लिया गया था। 16 लोगों की हो चुकी है मौत, 59 घायल वर्तमान में वीआईपी रोड के बीच वाले हिस्से में ही दोनों ओर से वाहनों का आना-जाना होता था। वाहनों की रफ्तार अधिक होती थी। इसके चलते सडक़ दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले 20 माह में इस मार्ग पर 55 सडक़ हादसे हो चुके हैं। माना और तेलीबांधा थाने में दर्ज मामलों के अनुसार इन सडक़ हादसों में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। 59 लोग घायल भी हो चुके हैं। पुलिस की अपील एसएसपी डॉक्टर लाल ने वीआईपी मार्ग का उपयोग करने वाले नागरिकों से अपील की है कि वे माना एयरपोर्ट जाने के लिए ही बीच सडक़ का उपयोग करें। शहर की ओर वापसी के लिए सर्विस रोड का इस्तेमाल करें। बीच वाले सडक़ से शहर की ओर आने पर पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। कृपया सर्विस रोड से ही वापसी करें। जुर्माने का भी प्रावधान ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, समझाश देने के बाद भी अगर कोई गाड़ी चालक नियमों को अनदेखा करता है तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई वाहन चालक मुख्य सड़क से शहर की तरफ आता है तो उसे 2,000 से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। लगाए गए हैं साइन बोर्ड नए नियम के बारे में जानकारी देते हुए ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि वीआईपी रोड पर एयरपोर्ट और नवा रायपुर की तरफ जाने के लिए साइन बोर्ड लगा दिए गए हैं जिससे लोगों को परेशानी नहीं हो। लोगों से अपील की गई है कि शहर की तरफ लौटते समय मेन रोड की जगह सर्विस रोड का उपयोग करें। लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए निर्धारित स्थानों पर अतिरिक्त ट्रैफिक स्टाफ तैनात करने की योजना भी बनाई गई है। पार्किंग को किया गया बैन सर्विस रोड पर पार्किंग बैन किया गया है। बता दें कि हाल ही में इस सड़क पर कई हादसे हुए थे। भारी ट्रैफिक के कारण लोग रॉग साइड में भी गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए थे। जिस कारण से लंबा जाम लगता था। अब लोगों की सुरक्षा और जाम से निजात दिलाने के लिए यह फैसला किया गया है।

मध्यप्रदेश को मिलेगा सड़क विकास का बड़ा तोहफा, 2 लाख करोड़ में सुधरेंगी 35,000 KM सड़कें

भोपाल   प्रदेश में करीब ढाई करोड़ की आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। राज्य में लगभग 35 हजार किलोमीटर सड़कें हैं। शहर की सड़कें हाइवेज से अलग हैं। उन पर यातायात का काफी दबाव होता है। इसलिए जरूरी है कि नगरीय सड़कों को बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाया जाए। नगरीय विकास विभाग अगले 5 वर्षों में 2 लाख करोड़ से सड़क विकास के काम कराएगा। यह जानकारी आयुक्त नगरीय प्रशासन संकेत भोंडवे ने  सस्टेनेबल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा, इंजीनियर्स सड़क निर्माण तकनीकों को समझें, इसलिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 600 इंजीनियर्स जुड़े सड़क निर्माण तकनीक पर आधारित कार्यशाला में प्रदेशभर की निकायों के 600 इंजीनियर्स जुड़े। इसमें आइआइटी इंदौर और रुड़की के अलावा अन्य रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर नई तकनीकों और सुधार पर जानकारी दी। शहर में बिछेगा नया सीवेज नेटवर्क वहीं बारिश में पूरा भोपाल शहर जल प्लावन ग्रस्त होने के बाद नगर निगम ने शहर में नया सीवेज नेटवर्क बिछाने के लिए 545 करोड रुपए का फंड मंजूर किया है। इससे नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए जाएंगे ताकि बड़ा तालाब, छोटा तालाब, शाहपुरा झील जैसे जल स्रोत में गंदा पानी मिलने से बचाया जा सके। गुरुवार को महापौर परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश पर ग्वालियर में सड़क सुधार का बड़ा अभियान, 42 सड़कें होंगी मरम्मत

ग्वालियर शहर की बदहाल सड़कों से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। नगर निगम अब 32.55 करोड़ रुपये खर्च कर शहर की 42 सड़कों का कायाकल्प करने जा रहा है। इन सड़कों का निर्माण डामर और सीसी से किया जाएगा। जल्द ही इन सड़कों पर काम शुरू हो जाएगा। शहर की प्रमुख सड़कों के साथ-साथ गलीमोहल्लों की सड़कें भी गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। लोग रोज हादसों के खतरे के बीच सफर करने को मजबूर हैं। इसी बदहाल स्थिति से निपटने के लिए निगम ने यह कदम उठाया है। निगम ग्रामीण क्षेत्र में 9 किलोमीटर लंबी 8 सड़कें 7.19 करोड़ रुपये की लागत से बनाएगा। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में 10.50 किलोमीटर लंबी 10 सड़कें 8.69 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगी। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 11 किलोमीटर लंबी 10 सड़कों का निर्माण 11.26 करोड़ रुपये से किया जाएगा। वहीं पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 8 किलोमीटर लंबी 14 सड़कों को 5.41 करोड़ रुपये में डामरीकरण से बनाया जाएगा। सड़क पर ठेकेदार की जिम्मेदारी तय इन सड़कों के कार्यों की विस्तृत योजना बनाई गई है, जिसमें सड़कों की लंबाई, उनकी संख्या और अनुमानित लागत, अधिकारी व ठेकेदार की जिम्मेदारी भी तय की गई है। इतना ही नहीं, इन सड़कों को बनाने के बाद ठेकेदार द्वारा इनमें बोर्ड भी लगाया जाएगा, जिसमें उस सड़क के निर्माण की राशि, ठेकेदार और गारंटी पीरियड सहित अन्य सभी पैरामीटर को दर्शाया जाएगा। सड़क के तय मानकों की जांच के बाद ही ठेकेदार का भुगतान किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश पर रेड, यलो और ग्रीन जोन में सड़कों को बांटने की कवायद नगर निगम ने शुरू कर दी है। गुरुवार को दक्षिण व पूर्व की 12 सड़कोंं को चिह्नित किया है। यह सड़कें पूरी तरह से खराब हैं। रेड जोन में इन्हें शामिल किया जा सकता है। इसमें हजीरा चौराहा से बिरला नगर पुल 283 लाख, हजीरा चौराहा से चार शहर का नाका 59.65, नौ नंबर पुलिया से 50 क्वाटर तक 46.16, लक्ष्मीपुरम में डामरीकरण एवं नाली निर्माण 225, पप्पू राय जिम से गिर्राज मंदिर तक डामरीकरण व नाला निर्माण 160 व शील नगर कशिश वाटिका के सामने मुख्य मार्ग तक डामरीकरण 100 लाख सहित कुल 873.81 करोड़ के विकास कार्य को लिस्ट तैयार की है साथ ही दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में मांढरे की माता से कस्तूरबा तिराहा तक 3.43 करोड़, महाराज बाड़ा से सराफा होकर गस्त का ताजिया तक 1.02 करोड़, माधौगंज थाना से हेमसिंह की परेड 68 लाख रुपए खर्च होंगे। वहीं पारख जी का बाड़ा से जूता मार्केट दही मंडी 59 लाख, छप्पर वाला पुल से शान-ओ-शौकत तक 31 लाख और नहर पट्टर रोड 26 लाख सहित 6 करोड़ 32 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि अभी यलो और ग्रीन जोन वाली सड़कों को चिह्नित करने की बात अफसरों द्वारा बताई जा रही है। ये टीम करेगी जांच सड़कों की जांच के लिए अपर आयुक्त, अधीक्षण यंत्री, सीसीओ व जेडओ लेवल पर टीम भी गठित की जाएगी, जो कि रोजाना निरीक्षण कर रिपोर्ट आयुक्त को देगी। बारिश से जर्जर सड़कें बनाने का प्रस्ताव तैयार बारिश से जर्जर हुई ग्वालियरशहर की सड़कों को बनाने के लिए 30 करोड़ से अधिक राशि का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें चारों विधानसभा की सड़कें को शामिल किया है। जल्द ही सड़कों का कार्य शुरू कराया जाएगा। शासन से भी सड़कों के संबंध में राशि की मांग की गई है। -संघप्रिय, आयुक्त नगर निगम

सड़क गड्ढों से मौत हुई तो होगी कार्रवाई: इंदौर सांसद शंकर लालवानी का अल्टीमेटम

 इंदौर  कलेक्टर कार्यालय में  सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हुई। इसमें सिंहस्थ से पहले कान्ह एवं सरस्वती नदी को स्वच्छ और साफ करने के अलावा सड़कों के गड्ढों पर चर्चा हुई। बैठक में सांसद ने निर्देश दिए कि बरसात से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य जल्द प्रारंभ करें। सड़क के गड्ढों के कारण किसी की जान गई, तो वे स्वयं थाने जाकर जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारी पर एफआईआर कराएंगे। गड्ढों के कारण किसी की जान नहीं जानी चाहिए। बैठक में शहर और ग्रामीण के अलावा इंदौर-देवास बायपास की सड़कों पर गड्ढों का मुद्दा छाया रहा। बैठक में सांसद ने एनएचएआइ को बायपास पर राऊ से लेकर शिप्रा तक निर्माणाधीन ओवरब्रिज के लिए डायवर्शन सड़क की मरम्मत का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही आइडीए और नगर निगम को भी अपने क्षेत्र की सड़कों के सुधार के लिए निर्देशित किया गया। जवाबदेही तय कर कार्रवाई के निर्देश दिए सड़कों की तकनीकी खामियों से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए। बैठक में सांसद कविता पाटीदार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला सहित कलेक्टर शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय, आईडीए मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. परीक्षित झाड़े, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। करोड़ों खर्च किए फिर भी सफाई अधूरी कान्ह और सरस्वती नदी पर साल 2000 से 2021 तक ग्यारह सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन फिर भी साफ नहीं हो सकी। बैठक में एक बार फिर सिंहस्थ के मद्देनजर दोनों नदियों के साफ और सुंदरीकरण के लिए योजना तैयार कर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। सांसद कविता पाटीदार ने भी ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों को स्वच्छ रखने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण नदियों की स्वच्छता पर ही कान्ह और सरस्वती नदी की शुद्धता निर्भर है। ऐसे में ड्रेनेज व्यवस्था सुदृढ़ बनाएं, ताकि दूषित पानी नहीं मिले। शहर से लगे गांवों के कचरे की प्रोसेसिंग निगम करेगा बैठक में महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर की शहरी सीमा से लगे हुए गांवों और शहर की तरफ आने वाली ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को स्वच्छ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर से लगे गांवों के कचरा संग्रहण के लिए संयुक्त दल बनाकर विशेष कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए। इस कार्य में निगम द्वारा पूरी मदद दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के कचरे के प्रोसेसिंग की व्यवस्था भी निगम द्वारा की जाएगी। 54 गांवों में स्थापित होंगे आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र जिले के 54 गांवों में आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया गया है। इसमें महू जनपद के 52 गांव और इंदौर जनपद के दो गांव शामिल हैं। चयनित प्रत्येक गांव में आदि कर्मयोगी सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। सेवा पखवाड़ा के तहत सांसद खेल महोत्सव का आयोजन होगा। इसमें ग्राम से लेकर जिला स्तर तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिम्मेदारी खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा शिक्षा विभाग को सौंपी गई है।

लोक निर्माण विभाग की मकरंदगंज-बरबसपुरा सड़क का मामला

कोर कटिंग से खुली सड़क के भ्रष्टाचार की परतें, कम निकली क्रस्ट की मोटाई लोक निर्माण विभाग की मकरंदगंज-बरबसपुरा सड़क का मामला मासिक निरीक्षण अंतर्गत दो मुख्य अभियंताओं की टीम ने की जांच पन्ना  ऊपर से चिकनी और गुणवत्तापूर्ण नजर आने वाली सड़क के अंदर भ्रष्टाचार का खेल किस तरह से खेला जाता है, मकरंदगंज से बरबसपुरा व्याहा नरेंद्रपुरा सड़क इसका उदाहरण है! लोक निर्माण विभाग के दो चीफ इंजीनियरों द्वारा की गई जांच में सड़क निर्माण कार्य की गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। मकरंदगंज सड़क के Crust (क्रस्ट) यानी अर्थवर्क से लेकर डामरीकरण तक सभी परतों की कुल थिकनेस (मोटाई) निर्धारित प्रावधान से कम निकली। आबादी क्षेत्र में बनाई गई सीसी सड़क का कोर काटने पर क्रैक्स पाए गए जिससे प्रथम दृष्टया कंक्रीट मटेरियल की गुणवत्ता मानक अनरूप न होना प्रतीत होता है। मोटी रकम बचाने के चक्कर में सड़क निर्माण कार्य में जमकर की गई लीपापोती की पोल खुलने से संबंधित ठेकेदार और तकनीकी अधिकारियों में हड़कंप मचा है। जांच की आंच में झुलसने की आशंका से भयभीत स्थानीय तकनीकी अधिकारियों ने शीर्ष स्तर पर मामले को सीक्रेट तरीके से मैनेज करने की कवायद शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि गंभीर अनियमितताओं के खुलासे पर जिम्मेदारों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया जाएगा या फिर मैनेजमेंट फंडा अपना असर दिखाएगा। सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया से हुआ था चयन मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की नई व्यवस्था लागू की गई है। विभाग द्वारा प्रत्येक माह रेण्डम आधार पर चयनित निर्माण कार्यों के निरीक्षण हेतु 5 एवं 20 तारीख को मुख्य अभियंताओं के दल भेजे जाते हैं। कार्यों का रेण्डमाईजेशन डब्ल्यूएमएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभाग के उप सचिव के समक्ष किया जाता है। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों को जिन कार्यों का निरीक्षण करना है उसकी सूची उन्हें एक दिन पूर्व सॉफ्टवेयर पर लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध होती है। इस बार शुक्रवार 5 सितंबर 2025 को सागर परिक्षेत्र अंतर्गत पन्ना जिले के 4 निर्माण कार्य रेण्डम आधार पर चयनित हुए। जिनमें पीडब्ल्यूडी की 3 सड़कें और पीआईयू का एक निर्माणाधीन बिल्डिंग शामिल थी। पन्ना के निर्माण कार्यों के निरीक्षण की जिम्मेदारी इस बार केएस यादव मुख्य अभियंता भवन परिक्षेत्र भोपाल एवं बीएस मीणा मुख्य अभियंता एमपीआरडीसी को मिली थी। दोनों वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा मकरंदगंज सड़क का सघन निरीक्षण किया गया। इस दौरान लोनिवि के स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे। 3 करोड़ 68 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना से प्राप्त जानकारी अनुसार मकरंदगंज से बरबसपुरा व्याहा नरेंद्रपुरा मार्ग की कुल लंबाई 3.20 किलोमीटर है। शासन द्वारा इसके निर्माण हेतु दिनांक 22 दिसंबर 2022 को 3 करोड़ 68 लाख 98 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। जबकि निविदा की राशि (अनुबंधित राशि) 3 करोड़ 8 लाख 29 हजार रुपए थी। सड़क निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेका फर्म मेसर्स मारुति नंदन कंस्ट्रक्शन सतना को कार्यादेश क्रमांक 1280 पन्ना दिनांक 11 अप्रैल 2023 को जारी किया गया। सड़क की निविदा दर एसआर से 24.50 प्रतिशत कम थी। अनुबंध अनुसार मार्ग निर्माण कार्य दिनांक 10 सितंबर 2023 (छह माह की अवधि) में पूर्ण किया जाना था। मकरंदगंज मार्ग का कार्य लोनिवि के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एसके पाण्डेय के कार्यकाल में हुआ। जिसके अनुविभागीय अधिकारी बीके त्रिपाठी एवं प्रभारी उपयंत्री आरएम बागरी रहे। कार्य की गुणवत्ता से हुआ समझौता शुक्रवार 5 सितंबर को नवनिर्मित मकरंदगंज मार्ग का सघन निरीक्षण करने वाले चीफ इंजीनियर्स केएस यादव भोपाल एवं बीएस मीणा एमपीआरडीसी द्वारा अपने समक्ष कोर काटा गया। ऊपर से देखने में अच्छी और गुणवत्तापूर्ण नजर आ रही सड़क का कोर कटने पर अंदर दबी परतों का स्याह सच सतह पर आया तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी भी दंग रह गए। इस दौरान मौके पर उपस्थित रहे एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि, सीसी सड़क के कोर की पूर्णतः मोटाई में क्रैक्स पाए गए। सीसी सड़क की मोटाई (थिकनेस) मानक अनुरूप है लेकिन क्रैक्स होने से पीक्यूसी (Pavment Quality Concrete) की गुणवत्ता से समझौता होना प्रतीत होता है। जिसका सीधा असर सड़क की मजबूती और टिकाऊपन पर पड़ता है। सड़क की विभिन्न परतों क्रस्ट (Crust) की कुल मोटाई जांच में निर्धारित प्रावधान से कम पाई गई। सिर्फ इतना ही नहीं सड़क की डीबीएम एवं बीसी लेयर (डामर की परतें) भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरी नहीं उतरीं। हालांकि बीटी कार्य की सतह को निरीक्षणकर्ताओं ने अच्छा बताया है। राजधानी भोपाल के एक विभागीय सूत्र ने बताया कि, निरीक्षण में सड़क निर्माण कार्य की लीपापोती की परतें खुलने पर निरीक्षणकर्ता अधिकारियों ने अपनी संक्षिप्त रिपोर्ट में उन्हें गोलमोल तरीके से इंगित करते हुए अधीक्षण यंत्री से विस्तृत जांच कराने का सुझाव दिया है। हैरानी की बात है कि सड़क की जांच करने वाले दोनों वरिष्ठ अधिकारी अब कनिष्ठ अधिकारी से विस्तृत जांच कराने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। सूत्र ने बताया कि, रिपोर्ट में प्रायः इस तरह की गुंजाइश सिर्फ इसलिए छोड़ी जाती है, ताकि सिफारिश और मैनेजमेंट फंडे की स्थिति में मामले को सुविधानुसार कोई भी मोड़ दिया जा सके। इनका कहना है-  'मुख्य अभियंताद्वय ने मकरंदगंज मार्ग का निरीक्षण किया था। जांच प्रतिवेदन उनके द्वारा देर रात्रि में बंद कमरे में तैयार किया गया था इसलिए प्रतिवेदन के तथ्यों की फिलहाल जानकारी नहीं है। समीक्षा बैठक में जांच रिपोर्ट पर चर्चा होती है और जांच के तथ्यों के आधार पर संबंधितों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।' जे.पी. सोनकर प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोनिवि पन्ना।