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फसल बचाने की जुगाड़: शाजापुर में हेलीकॉप्टर से हांका देकर हिरणों को किया काबू

शाजापुर   शाजापुर जिले में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान चलाया गया है. दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों की मदद से 45 काले हिरणों (कृष्णमृग) को पकड़ा गया और उन्हें गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया  यह ऑपरेशन जिले के इमलीखेड़ा गांव में चलाया गया. इस दौरान हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक का उपयोग करते हुए नीलगाय और काले हिरणों को पकड़ा गया.शाजापुर जिला कलेक्टर रिजु बाफना ने बताया, "दक्षिण अफ्रीका की एक टीम और वन विभाग की मदद से इमलीखेड़ा से पकड़े गए काले हिरणों को बिना किसी पशु हानि के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया." उन्होंने पुष्टि की कि 45 काले हिरणों को हेलीकॉप्टर की मदद से पकड़ा गया था. क्या है बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका की एक लोकप्रिय विधि है, जिसमें जानवरों को हेलीकॉप्टर का उपयोग करके झुंड में एक बाड़े (पेन) में खदेड़कर पकड़ा जाता है.  इस पहल का उद्देश्य जिले में जंगली जानवरों (नीलगाय और कृष्णमृग) द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करना है. वन विभाग ने एक वीडियो शेयर करते हुए इसे 'वन्यजीवों के संतुलन की दिशा में ऐतिहासिक कार्य' बताया है. सरकार के अधिकारियों के अनुसार, यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश के खेतों से काले हिरणों को दक्षिण अफ्रीकी तकनीक की मदद से पकड़कर जंगलों में छोड़ा गया है. यह अभियान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति और राज्य सरकार की सहमति से चलाया जा रहा है.

दक्षिणी मध्यप्रदेश में एक्टिव हुआ सिस्टम, 15 जिलों में बारिश और गरज-चमक की चेतावनी

 इंदौर मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट बदल चुका है। दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हुए नए सिस्टम की वजह से मंगलवार से ही आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी इंदौर, बुरहानपुर, बैतूल, खरगोन, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट समेत 15 जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है। दिवाली की रात जबलपुर में तेज बारिश ने जहां लोगों को चौंका दिया, वहीं मंगलवार को भोपाल और आसपास के जिलों में बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई। विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेजी से बढ़ने की संभावना है। अरब सागर में सिस्टम एक्टिव, असर MP तक दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है। साथ ही, समुद्र में चक्रवातीय गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में पड़ेगा। रात में ठंड, दिन में गर्मी राज्य में मौसम के इस बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। रातें ठंडी हो गई हैं, जबकि दिन में धूप के कारण गर्मी बनी हुई है। भोपाल में रात का तापमान गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री, जबकि जबलपुर में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 15.4 डिग्री रहा। नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी के अंत तक रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। साथ ही, सर्दियों में सामान्य से ज्यादा बारिश की भी संभावना है। विदा हो चुका है मानसून, फिर भी जारी है बारिश मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले सिस्टम के कारण छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। इस साल प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी और कुल 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा। बारिश में कई जिलों ने तोड़ा रिकॉर्ड इस मानसून सीजन में प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। गुना सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में औसत से दोगुनी बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई, जो भारी कमी की श्रेणी में आता है। उज्जैन, सीहोर और बैतूल में कोटा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन सामान्य के करीब वर्षा हुई। 

इंटरनेट ब्राउज़िंग में क्रांति: OpenAI का नया ब्राउज़र देगा Chrome को टक्कर

मुंबई  इंटरनेट ब्राउज़िंग का ढर्रा बदलने के लिए OpenAI ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपने लोकप्रिय चैटबॉट ChatGPT को सीधे ब्राउजर में समाहित करते हुए अपना नया ब्राउजर ChatGPT Atlas लॉन्च किया है। अब सिर्फ एक टैब खोलने या वेबसाइट बदलने की बजाय, ChatGPT आपके ब्राउज़र के भीतर एक सहायक-प्रकार की भूमिका निभाएगा चाहे आप आर्टिकल पढ़ रहे हों, प्रोडक्ट्स कॉम्पेयर कर रहे हों या ऑफिस का काम कर रहे हों। Atlas फिलहाल macOS प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और जल्दी ही Windows, iOS तथा Android के लिए भी रोल-आउट होने जा रहा है। इसमें Sidebar के माध्यम से ChatGPT आपके वर्तमान टैब को समझेगा, इनलाइन एडिटिंग करेगा और “Agent Mode” के जरिये आपके लिए सीधे काम भी कर सकता है जैसे ऑनलाइन शॉपिंग करना या डॉक्यूमेंट एडिट करना। अगर आप ब्राउज़िंग अनुभव को नया रूप देना चाहते हैं जहां सर्च, चैट, ऑटोमेशन सब एक साथ हों तो ChatGPT Atlas आपके लिए दिलचस्प ऑप्शन हो सकता है। डाउनलोड कैसे करें और किन बातों को ध्यान में रखना है। OpenAI Atlas Browser के मुख्य फीचर्स AI Integration वाला Browser Atlas Browser दुनिया का पहला ऐसा ब्राउज़र है जो ChatGPT की AI टेक्नोलॉजी से पूरी तरह इंटीग्रेटेड है। इसका मतलब है कि यूज़र्स अब किसी भी वेबसाइट पर सर्फिंग करते वक्त सीधे AI से सवाल पूछ सकते हैं, सारांश बना सकते हैं या किसी भी कंटेंट को तुरंत समझ सकते हैं। अगर आप किसी आर्टिकल या रिपोर्ट को पढ़ रहे हैं, तो Atlas खुद उसका AI Summary बना देगा। साथ ही, आप चाहें तो नोट्स सेव कर सकते हैं या किसी भी टेक्स्ट को हाइलाइट करके उसका सरल एक्सप्लेनेशन पा सकते हैं। Voice Command और Chat Mode इस ब्राउज़र में इनबिल्ट वॉइस चैट की सुविधा है। यानी आप बोलकर सवाल पूछ सकते हैं और Atlas AI आपको जवाब देगा बिना किसी टाइपिंग के। ChatGPT की तरह ही इसमें Chat Mode दिया गया है जहां आप किसी भी वेबपेज पर इंटरएक्टिव बातचीत कर सकते हैं। OpenAI ने दावा किया है कि Atlas में Zero Tracking Policy है। यानी आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, पासवर्ड या डेटा किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाता। यह Chrome या Edge की तुलना में काफी ज्यादा सिक्योर है। Atlas Browser को Windows, macOS, और iOS के लिए लॉन्च किया गया है। Android वर्ज़न पर कंपनी फिलहाल काम कर रही है, जो जल्द रिलीज़ किया जाएगा। AI Search Assistant पारंपरिक सर्च की बजाय इसमें AI-Powered Search दिया गया है जो आपके सवाल का सीधा जवाब देता है न कि सिर्फ लिंक की लिस्ट। इससे रिसर्च और ब्राउज़िंग काफी तेज़ और उपयोगी हो जाती है। Atlas Browser में आप अपने हिसाब से ChatGPT मॉडल चुन सकते हैं जैसे GPT-4 Turbo या GPT-5 ताकि परफॉर्मेंस और प्राइसिंग दोनों में बैलेंस बना रहे। अगर आप पहले से ChatGPT यूज़र हैं, तो उसी अकाउंट से Atlas में लॉगिन कर सकते हैं। इससे आपकी चैट हिस्ट्री और प्रॉम्प्ट्स अपने आप सिंक हो जाते हैं। AI Screenshot Explainer एक यूनिक फीचर है जहां आप किसी इमेज या स्क्रीनशॉट को अपलोड करें, और Atlas आपको बताएगा कि उसमें क्या दिख रहा है, उसका एनालिसिस या सारांश क्या है। Atlas सिर्फ ब्राउज़र नहीं, बल्कि एक AI Workspace भी है जहां आप अपने ईमेल, डॉक्युमेंट्स और वेबपेजेस को एक ही जगह मैनेज कर सकते हैं। OpenAI Atlas कैसे डाउनलोड करें 1. Mac पर कोई भी ब्राउजर खोलें और chatgpt.com/atlas पर जाएं। 2. macOS के लिए उपलब्ध इंस्टॉलर फ़ाइल (.dmg फ़ॉर्मेट) डाउनलोड करें 3. डाउनलोड की गई फ़ाइल खोलें और Atlas ऐप को ऐप्लिकेशन फ़ोल्डर में ले जाएं। 4. ऐप्लिकेशन से Atlas लॉन्च करें और सेटअप प्रक्रिया शुरू करें।

मोदी-ट्रंप रिश्तों में आएगा नया मोड़? जल्द हो सकती है अहम मुलाकात

नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी मलयेशिया के दौरे पर आसियान समिट में जा सकते हैं। यदि वह ASEAN समिट में गए तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात हो सकती है और इस पर दुनिया भर की नजरें होंगी। वह आसियान समिट से इतर डोनाल्ड ट्रंप से मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर इस दौरान बात हो सकती है। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बीते कुछ महीनों में करीबी बढ़ती दिखी है और ऐसी स्थिति में नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मुलाकात के मायने क्या होंगे, यह देखने वाली बात होगी। अमेरिका ने जिस तरह पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को तवज्जो दी है और उन्हें वाइट हाउस तक बुलाया था, उससे कयास लग रहे हैं कि एक बार फिर से शीत युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। तब भारत गुटनिरपेक्षता की राजनीति करते हुए एक तरह से रूस के ब्लॉक में था। वहीं अमेरिका की गोद में पाकिस्तान बैठा था। एक बार फिर से रूस और भारत का विरोध करते हुए अमेरिका उसी रणनीति पर आगे बढ़ता दिखता है। ऐसे हालात में पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग में क्या निकलता है, यह चर्चा का विषय है। अब तक सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट नहीं किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का ASEAN समिट में जाना तय है या नहीं। लेकिन दौरे से इनकार भी नहीं है। बता दें कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि वह 26 अक्तूबर से होने वाले ASEAN समिट में जाएंगे और पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की उम्मीद है। इससे पहले दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात इस साल फरवरी में हुई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय वार्ता के लिए अमेरिका गए थे। लेकिन रिश्तों के बिगड़ने की शुरुआत तब हुई, जब अमेरिका की ओर से भारत पर मोटा टैरिफ लगाया गया। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बार-बार दावे हुए कि उन्होंने जंग रुकवाई है। इस बात ने भी भारत को असहज किया है और दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंचे हैं।

Tata Motors ने दिवाली पर रचा धमाका, गाड़ियों की बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ तेजी

नई दिल्ली  दिवाली और नवरात्रि के पावन त्योहारों ने टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (Tata Motors Passenger Vehicles Ltd) के लिए बंपर खुशियाँ लाई हैं. कंपनी ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने सिर्फ़ 30 दिनों के अंदर 1 लाख से ज़्यादा गाड़ियाँ ग्राहकों को डिलीवर की हैं. यह पिछले साल की इसी अवधि के मुक़ाबले 33 फ़ीसदी की ज़बरदस्त बढ़ोतरी है. यह आँकड़ा बताता है कि भारतीय ग्राहकों के बीच टाटा मोटर्स की गाड़ियों की माँग कितनी तेज़ी से बढ़ रही है. कौन सी गाड़ियाँ हैं असली हीरो? इस रिकॉर्ड तोड़ बिक्री में सबसे बड़ा हाथ एसयूवी (SUVs) गाड़ियों का रहा है. एसयूवी सेगमेंट में टाटा मोटर्स की गाड़ियाँ ग्राहकों को ख़ूब लुभा रही हैं. Tata Nexon (टाटा नेक्सन) ने इस बिक्री में धमाकेदार प्रदर्शन किया. नेक्सन की 38,000 से ज़्यादा गाड़ियाँ बेची गईं, जो पिछले साल की तुलना में 73 फ़ीसदी की शानदार बढ़त है. नेक्सन को ग्राहकों ने हाथों-हाथ लिया है, जिससे यह टाटा की सबसे बड़ी 'हीरो' बनकर उभरी है. दूसरी सबसे ज़्यादा बिकने वाली गाड़ी रही Tata Punch (टाटा पंच). पंच ने भी 32,000 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जिसमें 29 फ़ीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. इन दोनों लोकप्रिय एसयूवी ने मिलकर बिक्री की रफ़्तार को बहुत तेज़ कर दिया. इलेक्ट्रिक गाड़ियों का जादू चल पाया? टाटा की इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने इस 30 दिन की अवधि में 10,000 से ज़्यादा यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के मुक़ाबले 37 फ़ीसदी की दमदार बढ़ोतरी है. यह आँकड़ा साफ़ बताता है कि भारतीय ग्राहक अब धीरे-धीरे पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और पेट्रोल-डीजल की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रहे हैं. इस सेगमेंट में टाटा मोटर्स सबसे आगे है. आगे क्या है Tata Motors की प्लानिंग?  इस बेहतरीन त्योहारी प्रदर्शन ने टाटा मोटर्स के लिए पूरे वित्त वर्ष (fiscal) का माहौल सेट कर दिया है. सीईओ शैलेश चंद्र ने बताया कि कंपनी अब इस साल के अंत तक नए लॉन्च की तैयारी कर रही है. ग्राहकों के निरंतर उत्साह को देखते हुए, यह उम्मीद है कि बिक्री की यह मज़बूत रफ़्तार आगे भी जारी रहेगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि टाटा मोटर्स आने वाले समय में कौन सी नई गाड़ियाँ बाज़ार में उतारती है, और क्या वे भी इतनी ही सफल हो पाती हैं! 

नदीम ने रची थी गुलशन कुमार की हत्या की साजिश? वकील ने बताई अनुराधा पौडवाल से जुड़ी चौंकाने वाली वजह

मुंबई कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या मेन मास्टरमाइंड नदीम सैफी थी। यह कहना है, लॉयर उज्ज्वल निकम का। 1997 में दिनदहाड़े गुलशन कुमार को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस हत्याकांड ने हर किसी को झकझोर दिया था। उनकी हत्या की वजह भी अभी तक किसी को ठीक से नहीं पता। कुछ लोग इसे पैसे का लेनदेन बताते हैं। वहीं उज्ज्वल निकम ने इशारा किया है कि दोनों की सिंगर अल्का याज्ञनिक और अनुराधा पौडवाल की वजह से राइवलरी थी। इसीलिए भारत नहीं आ रहा नदीम शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट में उज्ज्वल निकम से पूछा गया कि क्या गुलशन कुमार की हत्या में नदीम का हाथ था? इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'हां, उसका हाथ था। इसीलिए वह वापस नहीं आ रहा है। वह ट्रायल फेस नहीं कर रहा है। वरना ट्रायल में क्यों नहीं आता।' नदीम कई साल यूके में रहने के बाद अब दुबई में रह रहा है। ट्रायल नहीं फेस करना चाहता नदीम उज्ज्वल ने बताया कि कुछ साल पहले नदीम ने वापस आने की इच्छा जाहिर की थी। वह बोले, 'उसने प्रपोजल दिया था कि वापस आना चाहता हूं। मैंने कहा, 'बिल्कुल वापस आओ और ट्रायल फेस करो।' वह नहीं चहता था।' क्यों हुई गुलशन कुमार की हत्या उज्ज्वल से पूछा गया कि गुलशन कुमार की हत्या क्यों हुई थी? इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'वो एकदम अलग कहानी है। अनुराधा पौडवाल इनकी सिंगर थीं। अल्का याज्ञनिक उनकी सिंगर थीं। बस। पुलिस को लगता है कि नदीम इस हत्या का मुख्य षड्यंत्रकर्ता था। उसने ही सब रचा था। पुलिस का मानना है कि हत्या नदीम के कहने पर हुई और साजिश दुबई में रची गई।' कैसे हुई थी हत्या गुलशन कुमार वैष्णो देवी और शिव के परम भक्त थे। 12 अगस्त 1997 को वह मंदिर से पूजा करके वापस आ रहे थे तभी उन पर हमला कर दिया गया। गुलशन कुमार को 16 गोलियां लगी थीं और मौके पर ही उनका निधन हो गया। 30 अगस्त को इस हत्याकांड में नदीम-श्रवण की जोड़ी वाले नदीम का हाथ सामने आया। रिपोर्ट्स थीं कि गुलशन कुमार ने नदीम के अल्बम 'हाय अजनबी' की ठीक से पब्लिसिटी नहीं की तो वह नाराज था। हालांकि काफी पहले से दोनों के बीच काफी मनमुटाव चल रहा था।

भ्रष्टाचार पर फिर बरसे सीएम मान, बोले— अब नहीं चलेगा किसी का ‘राजनीतिक रसूख’

चंडीगढ़ भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि पुलिस उप महानिरीक्षक (रोपड़ रेंज) हरचरण सिंह भुल्लर को निलंबित कर दिया गया है। भुल्लर को हाल में रिश्वतखोरी के एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। भुल्लर को एक अन्य व्यक्ति के साथ आठ लाख रुपये की रिश्वतखोरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। भुल्लर की गिरफ्तारी के बाद अपनी पहली टिप्पणी में मान ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन राज्य सरकार के मूल में है, जो पिछले चार वर्षों में उसके कार्यों के माध्यम से लगातार प्रदर्शित हुआ है। मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है जिसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मान ने कहा कि इसी नीति के तहत, भ्रष्टाचार के आरोप में हाल में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मान ने कहा कि पुलिस उपमहानिरीक्षक को 16 अक्टूबर से निलंबित माना जाएगा। उन्होंने दोहराया कि समाज के खिलाफ इस गंभीर अपराध में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी अधिकारी या नेता को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट गतिविधियों में किसी भी तरह की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा ऐसे कृत्यों में लिप्त लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

क्या है कफाला सिस्टम? सऊदी में ऐतिहासिक बदलाव से प्रवासी मजदूरों को मिला आज़ादी का तोहफा

दुबई  सऊदी अरब में अब पहले के मुताबिक जॉब करना आसान हो गया है क्योंकि इस देश ने गुलामी की जंजीर कही जाने वाली दशकों पुरानी कफाला सिस्टम का अंत कर दिया है। यह लेबर स्पॉन्सरशिप सिस्टम था, जिसके तहत लाखों विदेशी कामगारों के जीवन और अधिकारों को नियंत्रित किया जाता था। जून 2025 में घोषित यह निर्णय अब प्रभावी हो गया है। यह प्रवासी कल्याण और श्रम अधिकारों में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस सुधार से लगभग 1.3 करोड़ प्रवासी कामगारों को लाभ होने की उम्मीद है, जिनमें से अधिकांश दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया से हैं। इनमें भारतीयों की भी बड़ी संख्या है। कफाला सिस्टम क्या? कफाला, अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ 'प्रायोजन' यानी स्पॉन्सरशिप होता है। यह शब्द खाड़ी देशों में जीवन के एक तरीके को उजागर करता है। इसके तहत कोई भी विदेशी कामगार या श्रमिक वहां किसी नियोक्ता के स्पॉन्सरशिप पर ही काम कर सकता था। इस सिस्टम में नियोक्ताओं का अपने कर्मचारियों पर लगभग पूरा कंट्रोल होता है। कर्मचारी अपने स्पॉन्सरशिप की इजाजत के बिना न तो नौकरी बदल सकते हैं, न देश छोड़ सकते हैं, या यहां तक ​​कि उसे कोई कानूनी मदद भी नहीं मिल सकती है। यह एक तरह से गुलामी की जंजीर थी। 1950 के दशक से ही चला आ रहा यह सिस्टम 1950 के दशक से ही चला आ रहा है। सऊदी अरब के अलावा यह कतर, कुवैत, जॉर्डन जैसे देशों में बहुत प्रचलित सिस्टम है। कफाला सिस्टम मूल रूप से तेल-समृद्ध खाड़ी अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण के लिए आवश्यक सस्ते विदेशी श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उसका प्रबंधन करने के लिए डिजाइन किया गया था। इस प्रणाली के अनुसार, प्रत्येक प्रवासी श्रमिक एक स्थानीय प्रायोजक, जिसे कफ़ील कहा जाता था, से बंधा होता था, जो उनके निवास, रोजगार और कानूनी स्थिति पर अधिकार रखता था। श्रमिकों के शोषण का जरिया था ये सिस्टम शुरुआत में यह सिस्टम प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए लाया गया था ताकि विदेशी जमीं पर उनके रहमे-सहने, खाने-पीने का इंतजाम उसके स्पॉन्सर करें लेकिन बाद में यह सिस्टम श्रमिकों के शोषण का जरिया बन गया। नियोक्ता श्रमिकों के पासपोर्ट जब्त कर लेते थे, वेतन देने में देरी या इनकार किया करते थे, और उनकी आवाजाही पर बैन लगा रहे थे। बेचारा श्रमिक उनकी मर्जी के बिना अपने घर भी नहीं लौट सकते थे, या दुर्व्यवहार की स्थिति में अधिकारियों से भी संपर्क नहीं कर सकते थे। सऊदी अरब Vision 2030 का हिस्सा हालांकि, कई अधिकार समूह अक्सर कफाला सिस्टम की तुलना 'आधुनिक गुलामी' से करते रहे हैं, और कहते हैं कि इसने श्रमिकों से उनकी बुनियादी स्वतंत्रता छीन ली और उन्हें शोषण के दलदल में धकेल दिया है। लेकिन अब सऊदी अरब के हालिया श्रम सुधारों ने कफाला सिस्टम की जगह कॉन्ट्रैक्ट एंप्लॉयमेंट मॉडल को लागू किया है। सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, नए सिस्टम में विदेशी वर्कर्स को मौजूदा कंपनी या कहें कफील की इजाजत लिए बगैर नई कंपनी ज्वाइन करने की अनुमति होगी। बता दें कि सऊदी अरब Vision 2030 के तहत देश में सुधार कर रहा है और कफाला सिस्टम को खत्म करना भी इसी पहल का हिस्सा है।

चीन को नहीं रास आई भारत की प्रगति, WTO में दर्ज कराई आपत्ति

नई दिल्ली आधुनिक भारत की अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था बन चुकी है, क्‍योंकि देश की घरेलू खपत अन्‍य देशों की तुलना में ज्‍यादा है. एग्रीकल्‍चर हो या ईवी, भारत हर सेक्‍टर्स में तरक्‍की के नए मुकाम हासिल कर रहा है. ईवी प्रोडक्‍ट्स के मामले में भारत घरेलू निर्माण पर फोकस है. यही बात ड्रैगन को पसंद नहीं आ रही है, जिस कारण उसने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के पास शिकायत कर डाली है. चीन का आरोप है कि भारत की इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी सब्सिडी योजनाएं आयात की तुलना में घरेलू उत्‍पादों को प्राथमिकता दे रही हैं, जो वैश्विक व्‍यापार नियमों का उल्लंघन करती हैं. चीन का कहना है कि भारत के विशाल ईवी बाजार तक पहुंच चाहने वाले चीनी वाहन निर्माताओं को संभवतः दरकिनार किया जा रहा है.  चीन ने भारत से रखी ये मांग WTO के एक कम्युनिकेशन लेटर के मुताबिक, बीजिंग ने WTO सेटलमेंट मैकनिज्‍म के तहत तीन भारतीय कार्यक्रमों के तहत सेटमेंट करने की रिक्‍वेस्‍ट की है. चीन ने उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना, ऑटोमोबाइल और ऑटो उद्योग के लिए पीएलआई योजना, और इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक अलग पॉलिसी की मांग रखी है.  चीन ने भारत पर और क्‍या लगाए आरोप  चीन का दावा है कि ये उपाय घरेलू स्‍तर पर बन रहे वस्‍तुओं के उपयोग पर 'पात्रता और प्रोत्साहनों के वितरण की शर्तें' लगाते हैं, जो चीनी उत्‍पादों के साथ भेदभाव है. चीन का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध सब्सिडी और प्रतिपूरक उपायों (SCM) समझौते, टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (गैट) 1994, और व्यापार-संबंधी निवेश उपायों पर समझौते (ट्रिम्स) के तहत भारत के दायित्वों का उल्लंघन करते हैं.  WTO फाइलिंग में कहा गया है कि ये उपाय चीन को मिलने वाले लाभों को रद्द या कम कर देते हैं. चीन विवाद को सुलझाने के पहले कदम के रूप में परामर्श के लिए एक डेट की मांग कर रहा है. भारत के इन योजनाओं का क्‍या है मतलब?  भारत के प्रोत्साहन कार्यक्रमों का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करते हुए स्थानीय इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देना है. मई 2021 में शुरू की गई PLI-ACC योजना में 50 GWh घरेलू बैटरी क्षमता विकसित करने के लिए ₹18,100 करोड़ का परिव्यय शामिल है. सितंबर 2021 में ₹25,938 करोड़ की लागत से स्वीकृत ऑटो-केंद्रित PLI योजना का लक्ष्य ऑटोमोटिव टेक्‍नोलॉजी का घरेलू उत्पादन और रोजगार पैदा करना है.  भारत का बढ़ा व्‍यापार घाटा  लेकिन BYD जैसे चीनी ईवी निर्माताओं को यूरोपीय संघ में घटते मुनाफे और विनियामक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 27% टैरिफ भी शामिल है. हालांकि फिर भी चीन का आयात बढ़ा है. 2024-25 में चीन को भारत के निर्यात में 14.5% की गिरावट के आई, लेकिन चीन से आयात में 11.5% की वृद्धि हुई है. इससे बीजिंग के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 बिलियन डॉलर हो गया. 

BCCI का साफ संदेश: मोहसिन नकवी, अब टालमटोल बंद करो, ट्रॉफी सौंपो भारत को!

नई दिल्ली भारतीय टीम ने हाल ही में पाकिस्तान को हराकर एशिया कप 2025 जीता था. जीत के बाद भारतीय टीम ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चीफ मोहसिन नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार दिया था. इसके बाद मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर दुबई के होटल चले आए थे. फिर पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने ये ट्रॉफी एसीसी ऑफिस में छोड़ दी. हालांकि नकवी भारतीय टीम को ट्रॉफी सौंपने को तैयार नहीं हुए. नकवी ने कहा था कि सूर्यकुमार यादव एसीसी ऑफिस आकर ट्रॉफी ले जाएं. अब भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने एसीसी प्रमुख मोहसिन नकवी को एक आधिकारिक ईमेल भेजकर कहा है कि विजेता टीम को ट्रॉफी जल्द से जल्द सौंप दी जाए. बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'हमने एसीसी को पत्र लिखा है कि ट्रॉफी चैम्पियन टीम को दी जाए. हम उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अगर प्रतिक्रिया नहीं आई या नकारात्मक रही तो हम आईसीसी को लिखेंगे. हम कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहे हैं और इसे लगातार आगे बढ़ाते रहेंगे.' देवजीत सैकिया ने साफ कर दिया है कि अगर मोहसिन नकवी एशिया कप ट्रॉफी लौटाने को राजी नहीं होते हैं, तो बीसीसीआई सख्त एक्शन लेगा. एशिया कप ट्रॉफी यदि भारत को सौंपा नहीं जाता है, तो बीसीसीआई इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को इसके लिए पत्र लिखेगा, सैकिया ने ये स्पष्ट कर दिया है. मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन भी हैं. जिद पर अड़े रहे मोहसिन नकवी 28 सितंबर को दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2025 फाइनल में सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया था. भारतीय खिलाड़ियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे. टीम ने आग्रह किया था कि ट्रॉफी उन्हें एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के वाइस चेयरमैन दें. हालांकि, मोहसिन नकवी ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया था. मैच जीतने के बावजूद भारतीय खिलाड़ी करीब एक घंटे तक मैदान पर इंतजार करते रहे, लेकिन जब स्थिति नहीं बदली, तो वे बिना एशिया कप ट्रॉफी लिए ही ड्रेसिंग रूम लौट गए. भारतीय टीम ने उस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को तीन बार धूल चटाई थी. भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हैंडशेक भी नहीं किया था, जिसपर काफी बवाल हुआ था. भारतीय टीम ने फैन्स की भावनाओं को ध्यान में रखकर ऐसा किया था.