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मुख्यमंत्री ने किया राष्ट्रीय युवा उत्सव-2025 में विजेता प्रतिभागियों को सम्मान

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि प्रतिभाशाली युवाओं से भरा प्रदेश भी है, जो खेल, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्र में ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और इस दिशा में ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ अभियान को अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री सोमवार को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा उत्सव-2025 और यूथ पार्लियामेंट-2025 के विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और टैबलेट प्रदान कर सम्मानित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विधायक व सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया साथ ही युवा संवर्धन केंद्रों की शुरुआत की और 16,000 युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को खेल सामग्री (स्पोर्ट्स किट) प्रदान की। मुख्यमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों को भी सम्मानित किया। युवाओं के लिए दीपावली से पहले मिला खेलों का उपहार- सीएम योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली से पहले खेल सामग्री का वितरण युवाओं के लिए सरकार का एक विशेष उपहार है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1.05 लाख से अधिक युवक और महिला मंगल दल सक्रिय रूप से कार्यरत हैं और अब तक 80 हजार से अधिक मंगल दलों को खेल किट उपलब्ध कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में खेलकूद की प्रतियोगिताएं शुरू होंगी, ग्राम स्तर से लेकर न्याय पंचायत, ब्लॉक, विधानसभा और संसदीय क्षेत्र स्तर तक यही प्रतियोगिताएँ आगे चलकर विधायक और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता का रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि खेल व्यक्ति को स्वस्थ रखने का माध्यम है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ही विकास की प्रेरणा है। लोक संस्कृति और खेल दोनों बनेगा प्रदेश के विकास का आधार- मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल खेलकूद तक सीमित न रहें, बल्कि गांवों में लोक गायन, लोक कथा, नाटक मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने सोनभद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां बुजुर्गों के बीच रस्साकशी प्रतियोगिता कराकर समाज में उत्साह का वातावरण बना दिया गया। सीएम योगी गांवों में आयोजित होने वाले रामलीला के मंचन का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां गांव के लोग खुद चंदा इकट्ठा कर रामलीला का आयोजन करते हैं और खुद अलग-अलग किरदार अदा कर मंचन भी करते हैं। हमारे युवाओं को इसमें भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक गायन और लोक कथाएँ हमारे इतिहास और पूर्वजों की गाथाएं हैं। इन्हें जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है। मिशन शक्ति कार्यक्रम से जुड़े महिला मंगल दल- सीएम सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार का महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर ‘मिशन शक्ति’ का पंचम चरण चल रहा है। इस पंचम चरण के पीछे का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता और महिलाओं के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर क्या-क्या कार्यक्रम हुए हैं, इन कार्यक्रमों के बारे में महिलाओं को जागरूक करना और उनको बताना है। महिला मंगल दल का दायित्व बनता है कि अपने-अपने ग्राम पंचायत के साथ उन कार्यक्रमों से जुड़ें और उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाएं। ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ बना जनांदोलन- मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ अभियान को लेकर प्रदेश में 28 घंटे की विधानसभा चर्चा के बाद व्यापक जनसंवाद चलाया गया। इसमें 300 से अधिक बुद्धिजीवियों को 1,000 अकादमिक संस्थानों में भेजा गया और 57,600 ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, जिला पंचायतों और ब्लॉक समितियों से सुझाव प्राप्त किए गए। उन्होंने कहा कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के अलग- अलग तबकों से अबतक 40 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी तो क्षेत्र पंचायतें और जनपद भी विकसित होंगे। जनपद विकसित होंगे तो प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और यही विकसित भारत के ‘विजन 2047’ की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि गाँव से विकास की शुरुआत होगी तो देश को आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता। खेल अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुका है- सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 500 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है। इनमें डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार और खेल अधिकारियों के पद शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा कि नेशनल और इंटरनेशनल पुलिस गेम्स में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सर्वाधिक मेडल जीते हैं, जो इस नीति की सफलता का प्रमाण है। हर गाँव में खेल मैदान और ओपन जिम का हो रहा निर्माण- मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर ग्राम पंचायत में एक खेल मैदान हो, ताकि बच्चे और युवा अपनी प्रतिभा को निखार सकें और सरकार इस पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हर ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जनपद स्तर पर मुख्य स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ओपन जिम और खेल प्रशिक्षण केंद्रों को भी तेजी से विकसित किया जा रहा है। 50 विकासखंडों में युवा केंद्रों की स्थापना शुरू की गई है- सीएम योगी मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ‘युवा साथी पोर्टल’ नामक एआई-इनेबल्ड इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म पर अब तक 12.64 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है। इसके माध्यम से युवाओं को विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही, 50 विकासखंडों में 2 करोड़ रुपये की लागत से युवा केंद्रों की स्थापना शुरू की गई है।   ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा उत्तर प्रदेश- सीएम योगी सीएम योगी ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर 1.5 लाख युवाओं ने रील प्रतियोगिता, यूनिटी मार्च और पॉडकास्ट जैसे आयोजनों में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि यह एकता और राष्ट्र निर्माण की भावना को सशक्त करने का अद्भुत उदाहरण है। सीएम योगी ने कहा कि युवा ही 2047 के विकसित भारत के निर्माता हैं। 2047 में जब भारत आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब उसकी आधारशिला आज के युवा रखेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवक मंगल दल और महिला मंगल दल इस परिवर्तन के अग्रदूत बनें। उत्तर प्रदेश न केवल जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा … Read more

डिजिटल यूपी: योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश बना नया आईटी हब

आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश को आईटी हब बनाने की दिशा में कर रहा ठोस प्रयास माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, पेटीएम, टीसीएस , मैक इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियों ने प्रदेश में किया निवेश सेक्टर में ₹5,584 करोड़ का निवेश और 53,000 रोजगार के अवसर हुए सृजित लखनऊ,  कुछ साल पहले तक उत्तर प्रदेश का नाम सुनते ही लोग कृषि और पारंपरिक उद्योगों की बात करते थे। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और सशक्त नीतियों ने अब यह धारणा बदल दी। आज लखनऊ, कानपुर और नोएडा जैसे शहरों में आईटी पार्क्स की जगमगाहट नई कहानी कह रही है। यूपी अब सिर्फ भारत का हृदय नहीं, बल्कि डिजिटल भारत का मस्तिष्क भी बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी केवल तकनीक नहीं, यह परिवर्तन की शक्ति है। सीएम योगी के इसी सूत्रवाक्य को आगे बढ़ते हुए प्रदेश के आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने हर युवा को अवसर देने और उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे बड़ा आईटी हब बनाने की दिशा में ठोस प्रयास प्रारंभ किए हैं। 15 हजार करोड़ से 75 हजार करोड़ तक बढ़ा यूपी का आईटी निर्यात 2015 में जहां प्रदेश का आईटी निर्यात केवल ₹15,000 करोड़ था, वहीं आज यह आंकड़ा ₹75,000 करोड़ से अधिक पहुंच चुका है। यह केवल एक आर्थिक उपलब्धि नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की मेहनत और योगी सरकार के तकनीकी विजन की सफलता का प्रतीक है। योगी सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी नीति 2017-2022 ने निवेशकों के लिए दरवाज़े खोले हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, पेटीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, मैक इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियों ने प्रदेश में निवेश कर भरोसे की नई मिसाल कायम की। परिणामस्वरूप ₹5,584 करोड़ का निवेश और 53,000 रोजगार अवसर सृजित हुए। नई आईटी एवं आईटी जनित सेवा नीति-2022 के तहत दो नई परियोजनाओं को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया गया है, जिनसे 900 युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं ₹48 करोड़ से अधिक निवेश वाली तीन परियोजनाएं मंज़ूरी के इंतज़ार में हैं। आईटी को मिला उद्योग का दर्जा, बदला निवेश का माहौल योगी सरकार ने आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को “उद्योग का दर्जा” देकर इतिहास रच दिया। अब आईटी कंपनियों को औद्योगिक श्रेणी की भूमि औद्योगिक दरों पर मिल रही है। इस फैसले से निवेशक आत्मविश्वास के साथ उत्तर प्रदेश को अपना ठिकाना बना रहे हैं। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के सहयोग से नोएडा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और आगरा में आईटी पार्क्स और एसटीपीआई केंद्र संचालित हो रहे हैं। अब यही रौशनी वाराणसी, बरेली और गोरखपुर की ओर बढ़ रही है, जहां नए केंद्र बन रहे हैं। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि छोटे शहर भी डिजिटल अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में शामिल होंगे। ‘युवा यूपी’ का नया चेहरा कानपुर की दीप्ति हो या गोरखपुर के आर्यन — इन युवाओं ने कभी सोचा भी नहीं था कि अपने ही शहर में बड़ी आईटी कंपनियों के साथ काम करने का मौका मिलेगा। योगी सरकार की नीति ने उनकी यह इच्छा पूरी की है। आज ये युवा अपनी प्रतिभा से न सिर्फ अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि प्रदेश को नई पहचान भी दे रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आईटी और आईटीईएस परियोजनाओं के लिए एक डेडीकेटेड ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है, जिससे आवेदन, स्वीकृति और प्रोत्साहन की प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो गई है।

वाराणसी में आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस कॉन्क्लेव में बोले मुख्यमंत्री

 8 हजार साल पुराना है यूपी में धान की खेती का इतिहास : मुख्यमंत्री यूपी के पास 80% भूमि सिंचित : सीएम योगी लखनऊ में बनेगा 250 एकड़ में सीड पार्क : मुख्यमंत्री काला नमक चावल को भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में विश्व स्तर पर बढ़ावा : योगी आदित्यनाथ वाराणसी, अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश को भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक फूड बास्केट के रूप में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि समय पर तकनीक और बीज उपलब्ध कराए जाएं तो प्रदेश आज से तीन गुना अधिक उत्पादन करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ने लक्ष्य तय किया है कि 2029-30 तक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाया जाएगा, जिसमें कृषि क्षेत्र सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरी (IRRI) और सीआईपी (CIP) जैसे संस्थानों के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। शिव और नंदी करते हैं उन्नत खेती के लिए प्रेरित योगी आदित्यनाथ ने काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान विश्वनाथ की नगरी और उनके सहयोगी वृषभ हमें उन्नत खेती की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि "अन्नं बहु कुर्वीत तद् व्रतम्" की परंपरा को आगे बढ़ाना ही हमारा संकल्प है। उर्वरता, सिंचाई और धूप हैं भारतीय कृषि की ताकत मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी कृषि के लिए उर्वरता, सिंचाई और पर्याप्त धूप सबसे आवश्यक हैं और इन तीनों दृष्टियों से भारत अत्यंत संपन्न है। देश के पास 17 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 60 फीसदी भूमि सिंचित है। यूपी तो अकेले देश का 21 फीसदी खाद्यान उत्पादन करता है। कृषि में हुए हैं क्रांतिकारी बदलाव योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते 11 सालों में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड, कृषि बीमा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, लागत से डेढ़ गुना एमएसपी और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से जोड़ा गया है। धान, गेहूं, गन्ना, आलू, दलहन और तिलहन की खेती में यूपी अग्रणी मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पास 11 फीसदी भूभाग और 17 फीसदी जनसंख्या है, लेकिन यह अकेला राज्य 21 फीसदी खाद्यान उत्पादन करता है। धान, गेहूं, गन्ना, आलू, दलहन और तिलहन की खेती में यूपी अग्रणी है। कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान यूपी के पास राज्य सरकार के चार, केंद्र सरकार के दो और एक निजी कृषि विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा 89 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को तकनीकी सहायता दे रहे हैं। 2018 में वाराणसी में ईरी का दक्षिण एशिया केंद्र खुलने के बाद धान की विभिन्न वैरायटी पर रिसर्च जारी है। काला नमक चावल और ऐतिहासिक खेती मुख्यमंत्री ने कहा कि काला नमक चावल भगवान बुद्ध द्वारा तीन हजार साल पहले दिया गया था। इसे हम भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में पूरी दुनिया में बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूपी में धान की खेती का 8 हजार साल पुराना इतिहास है। तंजावुर और रामनाथपुरम के शिलालेखों में प्राचीन भारत की उन्नत खेती के प्रमाण मिलते हैं। खाद्यान उत्पादन में हुई है पांच गुना वृद्धि आजादी के बाद यूपी में 11.77 मिलियन टन खाद्यान का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 60 ट्रिलियन टन हो गया है। रकबा भी 170 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 240 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। यह पांच गुना की वृद्धि को दर्शाता है। सीड पार्क और नई पहल की दी जानकारी मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 250 एकड़ में सीड पार्क स्थापित किया जाएगा। यहां से जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए बेहतर बीज किसानों को  उपलब्ध कराए जाएंगे। डीजी ईरी यवोन पिंटो और डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगरा में जल्द ही इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर स्थापित होगा। ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर का सीएम ने किया लोकार्पण कॉनक्लेव में आईआरआरआई और जेएनवीवी द्वारा विकसित बैट्री संचालित ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही धान की सीधी बुवाई, जीरो टिलेज गेहूं और समृद्धि धान नेटवर्क पर आधारित प्रकाशन सामग्री का विमोचन भी किया गया। लैब टू लैंड मॉडल मुख्यमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर वैज्ञानिक अब केवल लैब तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि जमीन पर उतरकर रिसर्च का डेमॉन्स्ट्रेशन करेंगे ताकि किसानों तक नई तकनीक सीधे पहुंचे। उन्होंने कहा कि यूपी में 70 लाख हेक्टेयर में धान, 100 लाख हेक्टेयर में गेहूं और 29 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती है। दलहन और तिलहन के लिए भी यहां व्यापक भूमि है। इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालु, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र कुमार, डीजी ईरी यवोन पिंटो और डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक, श्रीलंका के कृषि सचिव डीबी विक्रमसिंघे, डायरेक्टर आईएसएआरसी डॉ सुधांशु सिंह सहित बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

मिशन कर्मयोगी से दक्ष हो रहे समाज कल्याण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी

सीएम योगी के नेतृत्व में जारी मिशन कर्मयोगी अभियान में अब तक 3,900 कर्मचारी पंजीकृत, 21,150 कोर्स पूरे डिजिटल प्रशिक्षण से कार्यकौशल को निखारते हुए जनता को पारदर्शी, तेज और प्रभावी सेवाएं प्रदान कर रहे अधिकारी और कर्मचारी लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक दक्षता और सुशासन के क्षेत्र में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। इसके तहत समाज कल्याण विभाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल ‘मिशन कर्मयोगी अभियान’ को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रहा है। इस अभियान के तहत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कार्यकौशल को निखारते हुए जनता को पारदर्शी, तेज और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। दक्षता और पारदर्शिता की नई मिसाल समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सितंबर 2025 तक विभाग के 3,900 अधिकारी, नियमित/संविदा कर्मचारी एवं शिक्षक iGOT Karmayogi पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। इन सभी ने अब तक 21,150 कोर्स पूरे किए हैं, जिनमें कुल 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है। आंकड़ों के अनुसार 2,759 कर्मचारियों ने कम से कम एक कोर्स पूरा किया है। 2,289 कर्मचारियों ने तीन या उससे अधिक कोर्स पूरे किए हैं। वहीं 1,611 कर्मचारी तीन से कम कोर्स तक सीमित रहे हैं और 1,141 अभी प्रशिक्षण पूरा करने की प्रक्रिया में हैं। दक्षता से ही बढ़ेगी सेवा की गुणवत्ता मंत्री असीम अरुण ने कहा कि “मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। इस प्रशिक्षण से सरकारी कर्मचारियों में नई कार्यशैली, नीति निर्माण की समझ और प्रबंधन कौशल विकसित हो रहे हैं, जिससे जनता को अधिक गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी। नई तकनीक, पारदर्शिता और तनावमुक्त कार्यसंस्कृति की ओर कदम iGOT Karmayogi प्रशिक्षण कार्यक्रम में ऐसे विषय शामिल हैं जो कर्मचारियों को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनाते हैं, बल्कि उन्हें कार्यस्थल पर सकारात्मक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।0मुख्य कोर्स में शामिल Yoga Break at Workplace तनावमुक्त और उत्पादक कार्यसंस्कृति के लिए है। वहीं, POSH Act 2013 कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा की जागरूक करता है। Procurement Process on GeM पारदर्शी क्रय प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए लागू है। National Education Policy 2020, Basics of AI, और Right to Information (RTI) Act नीति, तकनीक और पारदर्शिता के आयामों को समझने हेतु है। योगी सरकार की डिजिटल सुशासन नीति को मिल रही गति राज्य सरकार की डिजिटल गवर्नेंस नीति के अंतर्गत मिशन कर्मयोगी जैसे अभियानों से न केवल सरकारी कामकाज की गति बढ़ रही है, बल्कि जवाबदेही और नागरिक संतुष्टि में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी विभागों को iGOT Karmayogi पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से जारी है, ताकि “प्रशासन जनता के लिए अधिक सुलभ और जवाबदेह बने।

मौसम अपडेट: दिल्ली-NCR में झमाझम बारिश, उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी बरसेंगे बादल

नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज फिर बदलने वाला है। मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इस दिन 24 घंटे बारिश होने की संभावना है। साथ ही, तेज हवाएं चलेंगी और गरज-चमक भी होगी। इस बदलाव से तापमान में गिरावट आएगी। लोगों को उमस भरी गर्मी से काफी राहत मिलेगी। सुबह से ही हल्की से मध्यम बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। यह बारिश दिनभर रुक-रुक कर जारी रह सकती है। इससे पहले आज दिल्ली-एनसीआर में कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश और तूफान देखने को मिल सकता है। वहीं 7 अक्टूबर को एनसीआर में बादल छाए रहने की संभावना है। इस दिन मध्यम बारिश हो सकती है। 8 और 9 अक्टूबर से मौसम धीरे-धीरे साफ होना शुरू होगा। 8 अक्टूबर को आसमान आंशिक रूप से बदला रहेगा। 9 अक्टूबर को मुख्य रूप से साफ मौसम की संभावना जताई गई है। इन दिनों अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, आज यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत उत्तर-भारत के अधिकांश हिस्सों में भी बारिश की संभावना बन रही हैं। इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती है। तमिलनाडु के 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट तमिलनाडु के 14 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर मौसम प्रणालियां लगातार सक्रिय हो रही हैं। नए बुलेटिन के अनुसार, 2 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी के मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में बना एक गहरा दबाव क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और शाम तक दक्षिणी ओडिशा तट पर गोपालपुर के पास पहुंच गया है। शनिवार को तिरुवल्लुर, चेन्नई, चैंगलपट्टू, कांचीपुरम, विल्लुपुरम, रानीपेट, वेल्लोर, तिरुपत्तूर, तिरुवन्नामलाई, कृष्णागिरी, धर्मपुरी और रामनाथपुरम के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश की उम्मीद है। राजस्थान में भी जमकर बरस सकते हैं बादल राजस्थान में मॉनसून की विदाई के बाद भी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार, 5 अक्टूबर से बारिश और तेज हो सकती है। विभाग के अनुसार, रविवार और सोमवार को राजस्थान के सभी जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है। राज्य के 21 जिलों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यह बारिश पिछले तीन दिनों से हो रही है और अगले तीन दिनों तक जारी रहने का अनुमान है।

पश्चिमी यूपी में 1 अक्टूबर से शुरू होगी धान खरीद, 23,500 से ज्यादा किसानों ने किया रजिस्ट्रेशन

पश्चिमी यूपी में पहली अक्टूबर से होगी धान खरीद, साढ़े 23 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीकरण पहली नवंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में की जाएगी खरीद  लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर जनपद में भी बुधवार से की जाएगी खरीद  धान (कॉमन)-2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये प्रति कुंतल एमएसपी तय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2026 तक चलेगी खरीद 3300 क्रय केंद्रों के माध्यम से 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य   48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान कराएगी योगी सरकार लखनऊ खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत पहली अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर जनपद में धान खरीद प्रारंभ होगी। पहली नवंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव में खरीद होगी। मंगलवार (30 सितंबर) सुबह 11 बजे तक साढ़े 23 हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2026 तक धान खरीद होगी। सरकार ने इस वर्ष धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि भी की है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (कॉमन)-2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। योगी सरकार ने 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान का निर्देश दिया है। क्रय केंद्र सुबह 9 से शाम पांच बजे तक खुले रहेंगे।  fcs.up.gov.in या UP KISAN MITRA  पर पंजीकरण अनिवार्य  धान बिक्री के लिए किसानों का पंजीकृत होना अनिवार्य है। किसानों को खाद्य व रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP KISAN MITRA  पर पंजीकरण कराना होगा। खरीद पंजीकृत किसानों से ही होगी। खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक किसान किसी भी सहायता या जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 नंबर पर कॉल याा अपने जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी व ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क साध सकते हैं।  पश्चिम उत्तर प्रदेश व लखनऊ के इन जनपदों में पहली अक्टूबर से होगी खरीद पश्चिम उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली अक्टूबर से धान खरीद शुरू होगी, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। यह खरीद पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली,आगरा, अलीगढ़, झांसी संभाग में होगी। वहीं लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर जनपद में भी धान खरीद इसी अवधि में होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश व लखनऊ संभाग के इन जनपदों में पहली नवंबर से शुरू होगी खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली नवम्बर से धान खरीद शुरू होगी। यह खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर व प्रयागराज संभाग में होगी। इसके साथ ही लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव में भी पहली नवंबर से खरीद होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी।   साढ़े 23 हजार से अधिक किसानों ने करा लिया पंजीकरण  30 सितंबर (सुबह 11 बजे) तक साढ़े 23 हजार से अधिक किसानों ने धान विक्रय के लिए पंजीकरण कर लिया है। विभाग के मुताबिक धान की बिक्री के लिए ओटीपी आधारित सिंगल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। किसान मोबाइल पर एसएमएस से मिले ओटीपी को भरकर पंजीकरण करा सकते हैं। वहीं किसानों को भुगतान सीधे आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा। बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर धान की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों के बायोमीट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी। 

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान

सभी 75 जनपदों से मिले अब तक लगभग 7 लाख सुझाव ग्रामीण इलाकों से 5.5 लाख तो नगरीय क्षेत्रों से मिले 1.50 लाख सुझाव 31–60 आयु वर्ग सबसे आगे, लगभग 3.60 लाख लोगों ने दिए फीडबैक सुझाव देने में महाराजगंज, कानपुर देहात और संभल शीर्ष 3 में शामिल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आईटी व इंडस्ट्री पर केंद्रित रहे सुझाव मुजफ्फर नगर से मिला सुरक्षा एवं सुशासन के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाने का सुझाव हरदोई से प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास को बढ़ावा देने के लिए मिली महत्वपूर्ण राय लखनऊ की ज्योत्सना ने दिया छोटे शहरों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विकास और निवेश पर जोर लखनऊ, समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत समस्त 75 जनपदों में जारी सक्रिय संवाद के तहत गुरुवार तक लगभग 7 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 5.5 लाख तो वहीं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.5 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके हैं। सर्वाधिक 3.60 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए हैं, जबकि लगभग 2.90 लाख सुझाव  31 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने दिए हैं। यही नहीं करीब 50 हजार सुझाव सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। उल्लेखनीय है कि अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों-छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सेवी संगठन, श्रमिक संघठनों, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों से प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि समेत कई सेक्टर में मिले सुझाव आम जनमानस द्वारा अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। सर्वाधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, समाज कल्याण, कृषि क्षेत्र, आईटी & टेक, इंडस्ट्री तथा सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर प्राप्त हुए हैं। जनपद महाराजगंज से लगभग 64 हजार फीडबैक के साथ प्रथम, लगभग 32 हजार फीडबैक के साथ कानपुर देहात द्वितीय और करीब 30 हजार फीडबैक के साथ संभल तृतीय स्थान पर है। इसके अतिरिक्त प्रयागराज, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शामली, एटा, मेरठ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी आदि जनपदों से 5 लाख से ज्यादा फीडबैक प्राप्त हुए हैं। प्राप्त हुए ये महत्वपूर्ण सुझाव मुजफ्फरनगर से त्रिस काकरण के अनुसार उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एवं सुशासन हेतु बहुआयामी रणनीति आवश्यक है। पुलिस व होम गार्ड में समन्वय, संयमित शक्ति प्रयोग, संवेदनशील प्रशिक्षण, प्रशासनिक पारदर्शिता, ई-गवर्नेस का विस्तार और हिंदी व स्थानीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देकर नागरिकों को सुलभ, सम्मानजनक व भ्रष्टाचार मुक्त सेवाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। हरदोई से मथुरा प्रसाद मिश्र का सुझाव है कि उत्तर प्रदेश 2047 का सपना तभी साकार होगा जब विकास का लाभ हर क्षेत्र और हर वर्ग तक समान रूप से पहुँचे। संतुलित विकास का अर्थ है कि शहर और गाँव, उद्योग और कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी को बराबर प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए आधुनिक तकनीक, हरित ऊर्जा और बेहतर परिवहन नेटवर्क का विस्तार आवश्यक होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर, स्वच्छ पेयजल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए। वहीं शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण, स्मार्ट योजनाएँ और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करना होगा। लखनऊ से ज्योत्सना सिंह का विचार है कि छोटे शहरों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे का विस्तार करने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे में निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे आईटी क्षेत्र का विस्तार महानगरीय क्षेत्रों से आगे होगा और छात्रों को अपने घर के पास ही व्यापक रोजगार अवसर प्राप्त होंगे। सरकार को एक ऐसा विशेष पोर्टल विकसित करना चाहिए, जो प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एमबीए स्नातकों के लिए नौकरी और इंटर्नशिप के अवसर सूचीबद्ध करे। इसमें आईटी प्रबंधन, परामर्श और अन्य प्रासंगिक भूमिकाओं को फ़िल्टर करने की सुविधा होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर बैन, FIR और गिरफ्तारी मेमो से भी बाहर

लखनऊ  यूपी सरकार ने जातिगत भेदभाव को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही सार्वजनिक जगहों, पुलिस FIR, अरेस्ट मेमो और सरकारी डॉक्यूमेंट्स में भी किसी की कास्ट नहीं लिखी जाएगी. इस संबंध में मुख्य सचिव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया ऐतिहासिक फैसले के अनुपालन में निर्देश जारी किए हैं. मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार, अब पुलिस रिकॉर्ड्स जैसे कि एफआईआर और गिरफ्तारी मेमो में किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही सरकारी और कानूनी दस्तावेजों में भी जाति से संबंधित कॉलम को हटा दिया जाएगा. ये कदम सभी के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करेगा. हालांकि, इस फैसले से कुछ मामलों में छूट रहेगी, जहां जाति एक महत्वपूर्ण कानूनी पहलू है. जाति आधारित रैलियां और कार्यक्रम पर रोक निर्देशों के मुताबिक, जाति आधारित रैलियां या कार्यक्रमों पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी और सोशल मीडिया, इंटरनेट पर जाति का महिमामंडन या नफरत फैलाने वाले कंटेंट के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने 19 सितंबर 2025 को एक शराब तस्करी मामले (प्रवीण छेत्री बनाम राज्य) में सुनवाई के दौरान ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता प्रवीण छेत्री ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान एफआईआर और जब्ती मेमो में अपनी जाति (भील) का उल्लेख करने पर आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने इसे संवैधानिक नैतिकता के विरुद्ध बताते हुए कहा कि जाति का महिमामंडन 'एंटी-नेशनल'(राष्ट्र-विरोधी) है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से पुलिस दस्तावेजीकरण प्रक्रियाओं में बदलाव करने का आदेश दिया था. जिनमें अभियुक्तों, मुखबिरों और गवाहों की जाति से संबंधित सभी कॉलम और प्रविष्टियां हटाने का स्पष्ट निर्देश शामिल है. 'जाति आधारित पहचान की जरूरत नहीं' कोर्ट ने डीजीपी के हलफनामे में दिए गए तर्कों (जैसे पहचान के लिए जाति आवश्यक) को खारिज करते हुए कहा कि फिंगरप्रिंट, आधार, मोबाइल नंबर और माता-पिता के विवरण जैसे आधुनिक साधनों से जाति आधारित पहचान की कोई जरूरत नहीं है. मुख्य सचिव के निर्देश अदालत के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव द्वारा 21 सितंबर 2025 को आदेशों में 10 बिंदु शामिल किए गए हैं जो जातिगत भेदभाव को जड़ से खत्म करने पर फोकस करते हैं.     पुलिस रिकॉर्ड्स और FIR में बदलाव: एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो, चार्जशीट आदि दस्तावेजों से जाति का उल्लेख पूरी तरह हटाया जाएगा. आरोपी की पहचान के लिए अब पिता के साथ-साथ माता का नाम भी जरूरी रूप से लिखा जाएगा.     NCRB और CCTNS सिस्टम: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में जाति भरने वाले कॉलम को खाली छोड़ा जाए. पुलिस विभाग एनसीआरबी को पत्र लिखकर इस कॉलम को डिलीट करने की अपील करेगा.     सार्वजनिक स्थलों से जातीय संकेत हटाना: थानों के नोटिस बोर्ड, वाहनों, साइनबोर्ड्स और अन्य सार्वजनिक स्थलों से जाति आधारित संकेत, नारे या प्रतीक हटाए जाएंगे. केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर वाहनों पर जाति-आधारित नारों पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाया जाएगा.     जाति आधारित रैलियों और सोशल मीडिया पर सख्ती: जाति आधारित रैलियों या कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा. सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिया पर जाति का महिमामंडन या घृणा फैलाने वाले कंटेंट के खिलाफ आईटी नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.     विशेष छूट: एससी/एसटी एक्ट जैसे मामलों में जहां जाति का उल्लेख कानूनी रूप से आवश्यक हो, वहां छूट रहेगी.  

टेक्नोलॉजी के सहारे आकार लेगा नया यूपी, एआई व डीप टेक सेक्टर बनेगा भविष्य की रीढ़

विकसित यूपी@2047 : यूपी का नया अवतार – AI से जुड़े कारोबार टेक्नोलॉजी के सहारे आकार लेगा नया यूपी, एआई व डीप टेक सेक्टर बनेगा भविष्य की रीढ़  यूपी बनेगा AI और डीप टेक का ग्लोबल हब : सीएम योगी का विजन – लखनऊ और कानपुर में बनेंगी अत्याधुनिक AI सिटी – सेमीकंडक्टर और ईवी मैन्युफैक्चरिंग में यूपी अग्रणी बनने की तैयारी – टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर – साइबर सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन हब बनेगा यूपी – ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के लिए एनसीआर, लखनऊ और नोएडा शीर्ष गंतव्य – 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य लखनऊ  उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में देश और दुनिया के लिए एक टेक्नोलॉजी पॉवरहाउस के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन “विकसित यूपी @2047” प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डीप टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का वैश्विक केंद्र बनाने का है। उनका मानना है कि तकनीक के सहारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि यूपी भारत के डिजिटल भविष्य की धुरी बनेगा। योगी सरकार का स्पष्ट मत है कि यूपी का नया अवतार तकनीक और नवाचार से ही बनेगा। साथ ही प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का भी माध्यम बनेगा। बीते 8 सालों में डिजिटल बदलाव 2017 से पहले की तस्वीर बेहद निराशाजनक थी। साल 2015-16 में प्रदेश के विद्यालयों में कम्प्यूटर की उपलब्धता मात्र 13.3 प्रतिशत थी। लेकिन बीते साढ़े आठ सालों में इस स्थिति में ऐतिहासिक सुधार हुआ। 2023-24 तक यह आंकड़ा बढ़कर 40.2 प्रतिशत तक पहुंच गया। आज प्रदेश के 25,790 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज़, 880 ब्लॉक रिसोर्स सेंटरों में आईसीटी लैब्स और शिक्षकों के लिए 2.61 लाख से अधिक टैबलेट उपलब्ध हैं। वहीं स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत करीब 50 लाख युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं, जबकि 2 करोड़ युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह पहल डिजिटल शिक्षा और स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है। 2030 तक डिजिटल प्रदेश का खाका मुख्यमंत्री योगी ने 2030 तक यूपी को टेक्नोलॉजी हब बनाने का रोडमैप तैयार किया है। इसमें कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं। लखनऊ और कानपुर में बनने वाली एआई सिटी प्रदेश को वैश्विक रिसर्च और इनोवेशन का हब बनाएगी। एनसीआर, लखनऊ और नोएडा को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के लिए देश के शीर्ष गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, हर मंडल में इनोवेशन इनक्यूबेटर स्थापित होंगे, जिससे जमीनी स्तर के युवाओं को अपने इनोवेशन को आगे ले जाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, यूपी सेमीकंडक्टर  के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहा है। 2047 तक डीप टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व मुख्यमंत्री योगी का विजन है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश डीप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाए। इसमें एआई, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉकचेन, एडवांस्ड रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और जीन एडिटिंग, नैनोटेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी और ग्रीन टेक जैसी तकनीकें शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों में महारथ हासिल करने से न केवल प्रदेश को रोजगार और निवेश मिलेगा, बल्कि यूपी भारत की डिजिटल क्रांति की धुरी बनेगा। रणनीतिक स्तंभ और फोकस एरिया योगी सरकार ने अपने विजन को तीन रणनीतिक स्तंभों पर आधारित किया है। इनमें एआई सिटी, ग्रीन आईटी और सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी तथा स्पेस टेक्नोलॉजी शामिल है। इन स्तंभों को मजबूती देने के लिए प्रदेश का फोकस एआई और डीप टेक इनोवेशन, टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी एवं डेटा प्रोटेक्शन हब बनाने पर होगा। साथ ही, योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट में पांच गुना वृद्धि हासिल की जाए। 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि एआई, डीप टेक्नोलॉजी और उभरते सेक्टर ही 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचने की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे। ‘विकसित यूपी @2047’ के तहत लखनऊ और कानपुर में बनने वाली एआई सिटी, सेमीकंडक्टर और ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब, ग्लोबल डेटा सेंटर, इनोवेशन इनक्यूबेटर और साइबर सिक्योरिटी हब जैसे कदम प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे, जिससे न सिर्फ युवाओं को ग्लोबल स्किल्स और रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रदेश की जीडीपी को लगातार 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर पर बनाए रखने की मजबूती भी मिलेगी। यही विजन 2047 तक यूपी को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की आधारशिला है।