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महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा ठंड क्यों लगती है? साइंस ने बताया चौंकाने वाला सच!

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब कमरे का तापमान एक जैसा होता है तब भी महिलाओं को अक्सर पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड महसूस होती है? यह सिर्फ महसूस करने का अंतर नहीं है बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक और शारीरिक कारण हैं। शरीर विज्ञान और हार्मोनल अंतर इस लैंगिक असमानता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आइए जानते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा ठंड लगने के पीछे क्या वजहें हैं: कम मांसपेशियों का भार शरीर की मांसपेशियां आराम की अवस्था या गति में होने पर गर्मी पैदा करती हैं। महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में मांसपेशियों का भार कम होता है। इस वजह से उनका शरीर कुल मिलाकर कम गर्मी उत्पन्न करता है। हार्मोन का प्रभाव प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन रक्त परिसंचरण और तापमान को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है जिससे हाथ और पैरों में खून का बहाव कम हो जाता है। इस कारण शरीर के इन हिस्सों में जल्दी ठंड महसूस होती है। धीमा मेटाबॉलिज्म मेटाबॉलिज्म भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया है, जिसमें गर्मी भी पैदा होती है। महिलाओं का मेटाबॉलिक रेट पुरुषों की तुलना में धीमा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर आराम की अवस्था में कम कैलोरी जलाते हैं और परिणामस्वरूप कम गर्मी पैदा करते हैं। फैट इंसुलेशन बनाम हीट प्रोडक्शन महिलाओं में पुरुषों की तुलना में वसा (Fat) का प्रतिशत ज्यादा होता है। यह वसा हीट लॉस के खिलाफ एक इंसुलेटर के रूप में काम करती है (यानी शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती है)। हालांकि यह वसा मांसपेशियों की तरह गर्मी उत्पन्न नहीं करती इसलिए शरीर के अंदरुनी तापमान को बनाए रखने के लिए पुरुषों की तुलना में कम आंतरिक गर्मी उपलब्ध होती है। सतह क्षेत्र और आयतन का अनुपात महिलाओं का सरफेस एरिया (सतह क्षेत्र) उनके शरीर के आयतन की तुलना में ज्यादा होता है। इसका मतलब है कि उनके शरीर अपने आसपास के वातावरण में तेजी से गर्मी छोड़ते हैं (हीट लॉस), जिससे उनके लिए शरीर के आंतरिक तापमान को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। थायरॉइड और केमिकल संवेदनशीलता थायरॉइड हार्मोन जैसे कुछ रसायन मेटाबॉलिज्म और गर्मी के उत्पादन  को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं में इन केमिकल्स के प्रति संवेदनशीलता का स्तर थोड़ा अलग हो सकता है। थायरॉइड की कम गतिविधि या धीमा मेटाबॉलिज्म होना महिलाओं में आसानी से ठंड लगने की एक वजह बन सकता है।  

आत्मनिर्भरता की ज्योति: बिहान समूह की महिलाओं ने दीपावली को बनाया खास

बिहान समूह की महिलाओं की प्रेरणादायक पहल रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि ग्रामीण प्रतिभा को सही दिशा, मार्गदर्शन और मंच प्राप्त हो, तो वे अवसर को आजीविका का माध्यम बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा सकती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित बिहान योजना से जुड़ी ग्राम केवटटोला, मोहला और भोजटोला की महिलाओं ने सामूहिक प्रयासों से अपने पारंपरिक ज्ञान और रचनात्मकता का उपयोग करते हुए दीपावली के उपयोगी उत्पाद जैसे रंगोली पाउडर, रुई की बाती, माता लक्ष्मी की मिट्टी से निर्मित मूर्तियाँ, अगरबत्ती, मिट्टी के दीये, मटके, पारंपरिक साड़ियाँ एवं मनिहारी सामग्री स्वयं तैयार कीं। समूह की महिलाओं ने उत्पादों की गुणवत्ता और पारंपरिक स्वरूप बनाए रखा, जिससे बाजार में अच्छी डिमांड रही। त्योहार के आरंभ से पूर्व ही महिलाओं ने मोहला के साप्ताहिक बाजार में अपने उत्पादों की बिक्री प्रारंभ की। हस्तनिर्मित वस्तुओं को ग्राहकों द्वारा मिली सराहना ने महिलाओं का उत्साह और आत्मविश्वास दोनों बढ़ाया। बिक्री से प्राप्त आय ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप  से आत्मनिर्भरता बनाया है। इस पहल में शामिल कई महिलाओं ने पहली बार घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर व्यवसायिक गतिविधियों में भाग लिया। उन्होंने बताया कि बिहान योजना से जुड़ने के पश्चात उन्हें प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त हुआ, जिसके परिणामस्वरूप उनमें आत्मविश्वास विकसित हुआ। यह पहल केवल आय का स्रोत नहीं, बल्कि सामाजिक पहचान और सशक्तिकरण का माध्यम भी सिद्ध हुई। बिहान योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना एवं उन्हें आजीविका के स्थायी साधन उपलब्ध कराना है। मोहला की महिलाओं की दीपावली के अवसर पर आरंभ हुई यह आर्थिक यात्रा केवल एक पर्व तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण महिला उद्यमिता, स्वावलंबन और सामुदायिक विकास की दिशा में एक नई शुरुआत है। 

2500 रुपए का दिवाली गिफ्ट: हेमंत सरकार महिलाओं को दे रही सीधा लाभ

रांची दीपावली में कुछ ही दिन बचे हुए हैं। दीपावली से पहले झारखंड की महिलाओं के चेहरे चमकने वाले हैं। जी हां, हेमंत सरकार दीपावली से पहले महिलाओं के खाते में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि भेजने वाली है। लगभग 51 लाख लाभुकों के खाते में राशि भेज दी जाएगी हेमंत सरकार ने लाभुकों के खाते में आज यानी शुक्रवार तक मंईया सम्मान योजना की राशि यानी 2500 रुपए भेजने का निर्देश दिया है। 20 अक्टूबर को दीपावली है। 19 अक्टूबर तक राज्य की लगभग 51 लाख लाभुकों के खाते में मंईया सम्मान की राशि भेज दी जाएगी। यह राज्य की महिलाओं के लिए दिवाली की सबसे बड़ा गिफ्ट होगा जिससे महिलाओं के चेहरों पर खुशी की लहर एक बार फिर से दौड़ जाएगी। अगले 24 घंटे में राज्य के 12 जिलों की महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच जाएगा पैसा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंईया सम्मान योजना की 15वीं क़िस्त की राशि का पैसा सबसे पहले अगले 24 घंटे में राज्य के 12 जिलों की महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच जाएगा, जिसको लेकर सरकार ने जिलों के नाम की घोषणा भी कर दी है। इन जिलों में सबसे पहले रांची, जमशेदपुर, लोहरदगा, धनबाद, देवघर, बोकारो, गुमला, जामताड़ा, सिमडेगा, चतरा, पाकुड़ और गढ़वा जिला का नाम आ रहा है। इन जिलों में वे महिलाएं शामिल हैं जिनके आवेदन और दस्तावेज पहले ही वेरिफाई कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा इस बार दीपावली से पहले योजना की 15वीं किस्त पहले उन लाभार्थियों को दी जाएगी जिनके खातों में डीबीटी (DBT) सक्रिय है। बाकी जिलों की महिलाओं को दूसरे चरण में पैसा मिलेगा, लेकिन यह राशि दिवाली से पहले ही लाभुकों के खाते में दी जानी है जिसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। इस बार सरकार ने तय किया है कि दिवाली से पहले सभी महिलाओं को समय पर उसकी किस्त की राशि मिल जानी चाहिए ताकि कोई भी लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित न रह सके। सरकार ने यह ऐलान करते हुए कहा है कि वैसी महिलाएं जिन्हे पिछली किस्त की राशि नहीं मिल पाई थी उनके लिए इस बार दोहरी खुशी मिलने वाली है। जी हां, उन्हें अब सरकार एक साथ दोनों क़िस्त की राशि के रूप में कुल ₹5000 की राशि का भुगतान करने वाली है।  

महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के ये लक्षण पहचानें, देर होने से बढ़ सकता है खतरा

विटामिन-डी एक ऐसा विटामिन है, जिसे हमारा शरीर नेचुरली धूप की मदद से बनाता है। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों में इसकी कमी देखने को मिलती है। विटामिन-डी की कमी महिलाओं में भी काफी आम है। हालांकि, हमारा शरीर कुछ संकेतों से इसकी कमी का इशार करता है। विटामिन-डी की कमी के लक्षण इतने सामान्य और धीरे-धीरे दिखाई देते हैं कि महिलाएं अक्सर उन्हें थकान या तनाव का नाम देकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इन लक्षणों की अनदेखी आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए इनकी पहचान करना जरूरी है। आइए जानें महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के लक्षण कैसे होते हैं। पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से में, खासतौर से रीढ़ की हड्डी में, लगातार दर्द या अकड़न बनी रहती है, तो यह विटामिन-डी की कमी का एक अहम संकेत हो सकता है। विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे दर्द की शिकायत हो सकती है। हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना अगर पूरी नींद लेने के बाद भी थकान या कमजोरी महसूस होती है, तो इसका कारण विटामिन-डी कम होना भी हो सकता है। विटामिन-डी सेरोटोनिन यऔर डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर्स का फ्लो रेगुलेट करता है। इसलिए शरीर में इसकी कमी होने पर थकान महसूस होने लगती है। बालों का झड़ना बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन विटामिन-डी की कमी भी इनमें से एक है। विटामिन-डी हेयर फॉलिकल्स के स्वास्थ्य और नए बालों के विकास के लिए जरूरी है। अगर बाल सामान्य से ज्यादा मात्रा में झड़ रहे हैं, तो यह विटामिन-डी की कमी की चेतावनी हो सकती है। मांसपेशियों में दर्द और क्रैम्प्स विटामिन-डी सिर्फ हड्डियों ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और अचानक ऐंठन, खासकर रात के समय, हो सकती है। पैरों और जांघों की मांसपेशियों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। मूड स्विंग्स और उदासी महसूस होना क्या आपने कभी गौर किया है कि धूप में बैठने से मूड फ्रेश हो जाता है? इसका सीधा संबंध विटामिन-डी से है। यह विटामिन दिमाग में सेरोटोनिन नाम के 'फील-गुड' हार्मोन के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है। इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, मूड में उतार-चढ़ाव और यहां तक कि डिप्रेशन की भावना पैदा हो सकती है।  

मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में दूसरे दिन की बैठक शुरू, महिला और बालिका से जुड़े अपराधों में तत्परता पर जोर

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टर-एसपी की बैठक शुरू हो गई है. आज बैठक का दूसरा दिन है. बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है. नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा जारी है. वहीं जिलों के परफॉर्मेंस पर भी व्यापक समीक्षा हो रही है. कलेक्टर-एसपी की बैठक में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महिला और बालिका से जुड़े आपराधिक मामलों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई हो. साथ ही इन अपराधों से जुड़े मामलों में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत चालान हो. साइबर क्राइमों की समीक्षा बैठक में साइबर क्राइम और इससे जुड़े आपराधिक गतिविधियों की गहन समीक्षा की जा रही है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि साइबर अपराध के रोज तरीके बदलते है, इसलिए लोगों को जानकारी दी जाए. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ लगातार साइबर जागरूकता अभियान चलाने के लिए विशेष पहल हो. साथ ही उन्होंने कहा कि साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार होना चाहिए. वहीं सीएम ने बताया कि रेंज लेवल में वर्तमान में 5 साइबर थाने संचालित हो रहे हैं, शीघ्र ही 9 थानों का संचालन होगा. इस बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सहित रेंज आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित है.

फ्रूट फारेस्ट्री योजना से महिलाओं को मिलेगा स्व-रोजगार : राज्यपाल पटेल

राज्यपाल ने सागर के कड़ता में जन संवाद कार्यक्रम को किया संबोधित रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, संग्रहालय का किया अवलोकन जिला प्रशासन के नवाचार “उड़ान योजना” का किया शुभारंभ भोपाल राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सागर जिले में प्रारंभ की गई फ्रूट फॉरेस्ट योजना एक अभिनव योजना है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को सीधा आर्थिक लाभ होगा। आगामी तीन वर्षों में लगभग 10 लाख पौधों के रोपण से महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा। उनके जीवन में बदलाव आयेगा और वे सशक्त होंगी। राज्यपाल श्री पटेल सोमवार को सागर जिले के रहली विकासखंड के ग्राम पंचायत कड़ता में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जनजातीय वीरों के संग्रहालय का अवलोकन किया और आम का पौधा भी रोपा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए प्रारंभ की गई पीएम जनमन योजना और धरती आबा उत्कृष्ट ग्राम योजना अभूतपूर्व योजनाएं हैं। केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय परिवारों के सर्वांगीण विकास के लिए जनमन योजना में लगभग 24 हजार करोड़ रुपए और धरती आबा उत्कृष्ट ग्राम योजना में लगभग 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन योजनाओं का प्रभावी और परिणाम मूलक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। यह जनजातीय वर्ग के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने वाली योजना है। सिकल सेल बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर और आनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर उपाय जागरूकता ही है। सबको सिकल सेल एनीमिया के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में आमजन को लगातार जागरूक करना होगा। सिकल सेल रोगियों को सही समय और सही उपचार लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के शहडोल से ही सिकल सेल उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय मिशन लाँच किया है।  हम सभी संकल्प लें कि वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाएंगें। राज्यपाल पटेल ने टी.बी. रोग के ईलाज और समुचित उपाय की चर्चा कर जन सामान्य को जागरूक किया। जनजातीय महानायकों के बलिदान का सदैव स्मरण रखें राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज हम गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की कर्मभूमि में हैं। जिन्होंने अपने अदम्य शौर्य, साहस और बलिदान से मातृ भूमि की रक्षा की। गोंडवाना साम्राज्य के ही राजा शंकरशाह, राजा रघुनाथ शाह जैसे वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमें जनजातीय समाज के महानायकों के बलिदान का सदैव स्मरण रखना चाहिए और उनके देश प्रेम समर्पण से प्रेरणा लेना चाहिए।       जनसंवाद कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री कन्यादान योजना रहली विधानसभा क्षेत्र के कड़ता ग्राम से ही शुरू हुई थी। उन्होंने प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जनता के जीवन में आ रहे सकारात्मक बदलावों की जानकारी दी। जनजातीय कल्याण के सरकारी कार्यक्रमों का जिक्र भी किया। पीएम आवास हितग्राही राजेश के निवास पर किया भोजन राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कड़ता के ही जनजाति समुदाय के राजेश गौंड़ के घर पहुंचकर भोजन किया। उन्होंने पीएम आवास हितग्राही राजेश और उनके परिजनों से आत्मीय चर्चा करते हुए अन्य शासकीय योजनाओं के लाभ संबंधी जानकारी भी ली। उड़ान योजना का किया शुभारंभ       राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम में कलेक्टर संदीप जी आर के मार्गदर्शन में तैयार की गई ‘उड़ान योजना’ का शुभारंभ किया। राज्यपाल श्री पटेल को कलेक्टर ने बताया कि उड़ान कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विशेष मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। राज्यपाल श्री पटेल ने योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी अवश्य ही लाभान्वित होंगे। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान गणेश की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्हें ग्राम की सरपंच श्रीमती वंदना यादव द्वारा आदि कर्मयोगी योजना के अंतर्गत तैयार की गई ग्राम एक्शन प्लान पुस्तिका की प्रति भेंट की गई। राज्यपाल श्री पटेल को कलेक्टर द्वारा आदि कर्मयोगी योजना के संबंध में सागर विकासखंड के 73 ग्रामों की ग्राम एक्शन प्लान की जानकारी दी गई। राज्यपाल श्री पटेल ने जन संवाद कार्यक्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान किए। उन्होंने आयुष्मान निरामय भारत योजना आदि विभिन्न योजनाओं के हितलाभ सहित टी.बी. मरीजों को फूड बास्केट प्रदान किए। इस अवसर पर विधायक ब्रजबिहारी पटैरिया, विधायक वीरेन्द्र लोधी, जिला अध्यक्ष  रानी कुशवाहा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।   

भारतीय महिला टीम की जोरदार जीत, पाकिस्तान को फिर चटाई धूल – मैच के बाद बना तनावपूर्ण माहौल

कोलंबो  आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के मैच नंबर-6 में रविवार (5 अक्टूबर) को भारत का सामना चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से हुआ. कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में भारत ने 88 रनों से शानदार जीत हासिल की. मुकाबले में पाकिस्तान को जीत के लिए 248 रनों का टारगेट मिला था, जिसका वो पीछा नहीं कर पाई. पाकिस्तानी टीम 43 ओवरों में 159 रनों पर सिमट गई. भारत की ओर से तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने तीन विकेट झटके और वो 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुनी गईं. दीप्ति शर्मा ने भी तीन और स्नेह राणा ने दो विकेट हासिल किए. पाकिस्तान पर भारतीय टीम ने वूमेन्स वनडे में लगातार 12वीं जीत हासिल की है. उसने अब तक एक भी वनडे मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ गंवाया नहीं है. मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत की ये लगातार दूसरी जीत रही और वो अंकतालिका में पहले स्थान पर पहुंच गई है. भारतीय टीम ने अपने अभियान का शानदार आगाज करते हुए पहले मुकाबले में श्रीलंका को डीएलएस नियम के तहत 59 रनों से पराजित किया था. भारतीय टीम अब अपने अगले मुकाबले में 9 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका का सामना करेगी. टारगेट का पीछा करते हुए पाकिस्तानी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 6 रनों के स्कोर पर मुनीबा अली का विकेट गंवा दिया  मुनीबा 2 रनों के निजी स्कोर पर रन आउट हुईं. फिर उसने सदफ शमास (6 रन) और आलिया रियाज (2 रन) का विकेट भी सस्ते में खो दिया. 26 रनों पर तीन विकेट गिरने के बाद सिदरा अमीन और नतालिया परवेज ने चौथे विकेट के लिए 69 रन जोड़े. क्रांति गौड़ ने नतालिया को आउट करके इस पार्टनरशिप को तोड़ा. कप्तान फातिमा सना (2 रन) कुछ खास नहीं कर पाईं और उन्हें दीप्ति शर्मा ने अपनी फिरकी में फंसाया. पाकिस्तान के लिए सिदरा अमीन ने खेली अच्छी पारी पांच विकेट गिरने के बाद सिदरा अमीन और सिदरा नवाज ने मिलकर छठे विकेट के लिए 41 रन जोड़े. जरूरी रनरेट बढ़ता जा रहा था, इसी चलते पाकिस्तानी टीम बैक टू बैक ओवरों में सिदरा नवाज (14 रन) और रमीन शमीम (0 रन) के विकेट खो दिए. पाकिस्तान को फिर सिदरा अमीन के रूप में आठवां झटका लगा, जो शानदार बैटिंग कर रही थीं. सिदरा ने 106 गेंदों पर 81 रन बनाए, जिसमें 9 चौके के अलावा एक सिक्स शामिल रहा. यह वूमेन्स ओडीआई में भारत के खिलाफ किसी पाकिस्तानी बैटर का बेस्ट स्कोर रहा. सिदरा अमीन के आउट होने के बाद भारतीय टीम के लिए जीत औपचारिकता रह गई. भारतीय महिला टीम ने PAK प्लेयर्स से नहीं मिलाया हाथ स मुकाबले में नो हैंडशेक पॉलिसी देखने को मिली. टॉस के समय भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना से हाथ नहीं मिलाया. फिर मैच के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी प्लेयर्स संग हैंडशेक नहीं किया. इससे पहले एशिया कप 2025 में भारतीय मेन्स टीम ने ऐसा किया था. तब भारतीय खिलाड़ियों ने तीनों ही मैचों में पाकिस्तान प्लेयर्स संग हैंडशेक नहीं किया था. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि बोर्ड की ओर से खिलाड़ियों को पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा था, 'पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. खिलाड़ियों को हैंडशेक करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. हमारा फोकस सिर्फ खेल पर है.' मोहसिन नकवी के हाथों नहीं ली एशिया कप ट्रॉफी यह मुद्दा सबसे पहले मेन्स एशिया कप के दौरान उभरा था, जब भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने आए थे. उस समय भारतीय टीम ने मैच से पहले और उसके बाद हैंडशेक से परहेज किया थाा. पाकिस्तानी टीम के कोच माइक हेसन ने दावा किया था कि भारतीय टीम ने सुरक्षा और राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए ऐसा किया. तनाव उस समय और बढ़ गया जब भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था. भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि पाकिस्तान के साथ खेल संबंध सिर्फ आईसीसी या न्यूट्रल वेन्यू पर होने वाले टूर्नामेंट्स तक सीमित रहेंगे. दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज 2012-13 में खेली गई थी. महिला वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान की टीम कोलंबो में ही ठहरी हुई है, जबकि भारत के मुकाबले गुवाहाटी और कोलंबो में हो रहे हैं. भारत ने अपने पहले मुकाबले में श्रीलंका को 59 रनों से हराकर शानदार शुरुआत की थी.

झपटमारी गिरोह पर शिकंजा, झारखंड पुलिस ने 33 आरोपियों को किया गिरफ्तार

जमशेदपुर झारखंड के जमशेदपुर में पुलिस ने 26 महिलाओं समेत एक चेन झपटमारी गिरोह के 33 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मोबाइल फोन, चेन और पर्स छीनने जैसे अपराध करने के लिए सोमवार को यहां पहुंचे थे तथा इस गिरोह में सात पुरुष सदस्य पश्चिम बंगाल के हुगली के निवासी हैं। बिष्टुपुर थाने के प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने बताया कि मंगलवार को कालीबाड़ी मंदिर के पास चेन छीनने की वारदात की जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के उपरांत पूछताछ के लिए 2 महिलाओं को हिरासत में लिया। थाना प्रभारी ने दावा किया कि सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों महिलाओं ने सारा सच उगल दिया एवं बताया कि वे एक गिरोह का हिस्सा हैं और यह गिरोह पूजा उत्सव के दौरान अपराध करने के लिए जुगसलाई आया था। दुबे ने बताया कि पुलिस की एक टीम जुगसलाई पहुंची और सात पुरुषों समेत 31 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के काम करने के तौर-तरीके के बारे में पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर मोबाइल फोन, चेन और पर्स छीनते थे।  

2023 में महिला अपराधों के मामले बढ़े, पिछले साल की तुलना में 0.7% अधिक रिपोर्ट

नई दिल्ली  सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद साइबर अपराधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। साइबर अपराधों में 2022 की तुलना में 2023 में 31.2 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराधों में 28.8 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई है। अनुसूचित जातियों, महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध भी अपराध बढ़े हैं। जबकि हत्या के मामलों और वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराधों में मामूली कमी आई है।  2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए एनसीआरबी के अनुसार, 2022 में देशभर में साइबर अपराध से जुड़े 65,893 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए। इनमें लगभग 70 प्रतिशत (59,526) मामले धोखाधड़ी के थे। इससे देश में साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और अपराधियों के बढ़ते हौसले का अंदाजा लगाया जा सकता है। देश में बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 38968 मामले दर्ज किए गए. इसमें मध्य प्रदेश में देश में महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए. मध्य प्रदेश में बच्चियों से रेप की 3876 घटनाएं हुई हैं, यानी हर दिन 10 नाबालिग बच्चियां रेप की शिकार हो रही हैं. महाराष्ट्र में नाबालिग बच्चियों से 4666 मामले दर्ज किए गए. पति, रिश्तेदार ही सबसे ज्यादा अपराध देश में महिला अपराधों के मामलों में 0.7 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2023 में देश में 4 लाख 48 हजार 211मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4 लाख 45 हजार 256 मामले दर्ज किए गए थे. देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. महिला अपराधों के टॉप फाइव स्टेट में मध्य प्रदेश का स्थान 5 वां है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्रूरता के जख्म अपने पति, रिश्तेदारों के द्वारा ही मिल रहे हैं. देश में कुल महिला अपराधों में 14 फीसदी मामले दुष्कर्म और 19.8 फीसदी मामले अपहरण के हैं. उत्तर प्रदेश में – 66381 महिला अपराध दर्ज हुए महाराष्ट्र में – 47101 महिला अपराध दर्ज हुए राजस्थान में – 45450 महिला अपराध दर्ज हुए पश्चिम बंगाल – 34691 मामले दर्ज हुए मध्य प्रदेश – 32342 महिला अपराध दर्ज हुए मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा महिला अपराध से जुड़े मामले भोपाल और इंदौर में दर्ज किए गए, जबकि दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है. महिला अपराध के मामले में उज्जैन 5 वें स्थान पर है. कांग्रेस ने साधा भाजपा पर निशाना एनसीआरबी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, ''भाजपा की सरकार आखिर कब तक महिलाओं के साथ मजाक करती रहेगी. एक तरफ लाड़ली बहना योजना चला रहे हैं, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. क्या है कानून व्यवस्था क्या कर रही है सरकार. बच्चियों को बचाइये, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.'' शीलभंग करने के इरादे से हमले 2023 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के 4,48,211 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4,45,256 और 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज हुए थे। 2023 में सबसे अधिक अपराध पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (1.33 लाख मामले, 29.8 प्रतिशत) के थे। इसके बाद महिलाओं के अपहरण (88,605 मामले, 19.8 प्रतिशत) और शीलभंग करने के इरादे से हमले (83,891 मामले, 18.7 प्रतिशत) के थे। हालांकि, महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर लगभग अपरिवर्तित (66.2 प्रति लाख) रही। आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े  बच्चों के विरुद्ध बढ़ते अपराध भी चिंताजनक हैं। 2022 में बच्चों के विरुद्ध अपराध की दर 36.6 (प्रति एक लाख बच्चे में) थी, जो 2023 में बढ़कर 39.9 हो गई। बच्चों के विरुद्ध सबसे अधिक मामले अपहरण (45 प्रतिशत) और यौन अपराधों (38.2 प्रतिशत) से जुड़े थे।  आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े हैं। ये 1,71,418 दर्ज किए गए। इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 22,687 और तमिलनाडु में 19,483 मामले दर्ज हुए। किसानों की आत्महत्या के 10,700 मामले दर्ज हुए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 38 प्रतिशत और कर्नाटक में 22.5 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।  अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़त बुजुर्गों के विरुद्ध अपराधों के कुल 27,886 मामले दर्ज हुए। अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2022 के 1,07,588 के मुकाबले 2023 में ये 1.16 लाख दर्ज किए गए। हत्या के मामलों में 2.8 प्रतिशत की कमी आई है। ये 2022 के 28,522 की तुलना में 2023 में 27,721 दर्ज हुए। किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिनकी संख्या 2023 में 31,365 रही। दिल्ली में इसकी दर प्रति एक लाख बच्चों पर 41 थी, जो देश में सबसे अधिक है। किशोर अपराध की दर भी बढ़कर 6.9 से बढ़कर 7.1 हो गई। सभी महानगरों में किशोर अपराधों की सबसे अधिक संख्या भी दिल्ली में दर्ज की गई, जहां कुल 2,278 घटनाएं हुईं। विभिन्न वर्गों के विरुद्ध अपराध वर्ग वृद्धि (%में) कमी  बुजुर्ग 2.3 0 बच्चे 9.2 0 महिला 0.7 0 किशोर 2.7 0 एसटी 28.8 0 एससी 0.4 0 (2022 की तुलना में 2023 में) बच्चियां देश में बड़ी संख्या में लैंगिक अपराध का शिकार हो रही हैं. एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के ताजा आंकड़े चिंता में डालने वाले हैं. देश में बच्चों से जुड़े अपराधों में 9.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. देश में बच्चों से जुड़े सबसे ज्यादा अपराध मध्य प्रदेश में हुए हैं. जबकि पिछले साल मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर था. मध्य प्रदेश में आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन 10 नाबालिग लड़कियों से यौन अपराध हो रहे हैं. वहीं महिला अपराध के मामले में मध्य प्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है. बच्चों से बढ़ रहे अपराध देश में बच्चों से जुड़े आपराध के आंकड़े चिंताजनक है. आंकड़ों के मुताबिक देश में मध्य प्रदेश बच्चों के मामले में सबसे ज्यादा असुरक्षित प्रदेश बन गया है. मध्य प्रदेश में 2023 में 22 हजार 393 मामले दर्ज किए गए. साल 2022 में मध्य प्रदेश में 20 हजार 415 मामले और साल 2021 में 19173 मामले दर्ज किए गए थे. महाराष्ट्र बाल अपराधों के मामले में दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र में 22 हजार 390 मामले दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश … Read more

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को दी शारदीय नवरात्र की महानवमी व विजयदशमी पर्व की बधाई

महिलाओं के प्रति अपराध में न्यूनतम, सजा दिलाने में नम्बर वन है यूपी : मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को दी शारदीय नवरात्र की महानवमी व विजयदशमी पर्व की बधाई नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए अनेक कार्यक्रम चला रही सरकार : सीएम योगी मातृ शक्ति व नारी शक्ति के प्रति आस्था का पर्व है नवरात्र : सीएम योगी गोरखपुर  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की पावन महानवमी एवं गुरुवार को मनाए जाने वाले विजयदशमी पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि जीवन के किसी भी पक्ष में नारी शक्ति के बगैर सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती। नारी शक्ति के प्रति सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए इसी भाव के साथ अनेक कार्यक्रम चला रही है। इन कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप सुखद तथ्य यह है कि आबादी के दृष्टिकोण से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के महिलाओं के प्रति अपराध न्यूनतम है। जबकि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के मामले में यह प्रदेश देश में नम्बर वन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्मावलंबी वर्ष में दो बार शारदीय और वासंतिक नवरात्र में जगतजननी मां भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों के पूजन व अनुष्ठान के कार्यक्रम से श्रद्धा और उल्लास से जुड़ते हैं। सनातन परंपरा में मातृ शक्ति व नारी शक्ति के प्रति आस्था का यह पर्व नई प्रेरणा प्रदान करता है। नवरात्र का यह पर्व अवगत कराता है कि चराचर जगत की आदि शक्ति, नारी शक्ति का ही रूप हैं। उन्होंने कहा कि आज शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री के स्वरूप के पूजन के साथ कन्या पूजन का अनुष्ठान हो रहा है। वह सौभाग्यशाली है कि गोरक्षपीठ की पवित्र परंपरा के अनुसार उन्हें भी कन्या पूजन का अनुष्ठान करने का अवसर प्राप्त हुआ है। नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित है सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सनातन आस्था में नारी शक्ति को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। सनातन आस्था की नैतिक जिम्मेदारी के भाव से सरकार नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए शारदीय नवरात्र की पहली तिथि, 22 सितंबर से मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ किया गया है। इसमें महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही उनके स्वावलंबन जागरूकता के लिए पंचायत स्तर तक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में सराहनीय कार्य हो रहे हैं। मिशन शक्ति सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत ने सदैव नारी शक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखा है। हरेक कालखंड में इसके दर्शन होते हैं। आज भी प्रत्येक क्षेत्र में भारत की नारी शक्ति ने अपनी ताकत और सामर्थ्य का एहसास कराकर दुनिया को अचंभित किया है।  बेटी सुरक्षित तो समाज सुरक्षित मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां बेटी सुरक्षित और सम्मानित है तो वहां का समाज भी सुरक्षित और सम्मानित माना जाता है। उत्तर प्रदेश में ऐसा ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना, कन्या सुमंगला और सामूहिक विवाह जैसी योजनाएं बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए हैं। इसी क्रम में देश की सर्वोच्च पंचायतों में नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी लाया गया है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 1 करोड़ महिलाओं को किसी न किसी रूप में 12000 रुपये सालाना पेंशन दिया जा रहा है। 26 लाख बेटियों को जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 25000 रुपये के पैकेज वाले कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया है। सामूहिक विवाह योजना में धनराशि बढ़ाकर प्रति जोड़ा एक लाख रुपये करके गरीब परिवारों को बेटियों के विवाह में धन की चिंता से मुक्त कर दिया गया है।   विजयदशमी, सनातन विजय का प्रतीक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को गुरुवार को मनाए जाने वाले विजयदशमी पर्व की भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि विजयदशमी, भारत के सनातन विजय का प्रतीक है। यह अधर्म, अन्याय और अत्याचार पर धर्म, न्याय और सदाचार के विजय का पर्व है। विजयदशमी पर अत्याचार, अधर्म और अन्याय के प्रतीक रावण के पुतले जलाए जाएंगे और भगवान श्रीराम के राजतिलक के कार्यक्रम आयोजित होंगे।