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श्री अयोध्या धाम में स्वामी हर्याचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

– बोले योगी, सनातन धर्मावलम्बियों के लिए स्वर्ग भी तुच्छ, हम मोक्ष की कामना से करते हैं लोककल्याण के कार्य  – हर सनातनी का हो यही प्रण, धार्मिक प्रतीकों के साथ ही राष्ट्रीय प्रतीकों का भी हो सम्मान : योगी आदित्यनाथ  – सभी पूज्य संतों की यही थी अंतिम आशा, अयोध्या में बने भव्य श्रीराममंदिर : मुख्यमंत्री  – राम, कृष्ण, विश्वनाथ, गौ, गंगा, यमुना, सरयू हमारी आस्था के प्रतीक : योगी आदित्यनाथ – बर्बर विदेशी आक्रांताओं ने जिन धर्मस्थलों को किया था अपवित्र, अब उनका ससम्मान पुनर्प्रतिष्ठा होनी चाहिए : सीएम योगी अयोध्या श्री अयोध्या धाम में पूज्य स्वामी हर्याचार्य जी महाराज की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामिल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें अयोध्या की पावन धरा को नमन करने का सौभाग्य मिल रहा है। अभी हाल ही में मॉरिशस के प्रधानमंत्री अयोध्या आए थे और उन्होंने पूछा कि कितने वर्ष बाद राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। मैंने उन्हें बताया कि 500 वर्ष बाद। 500 वर्षों तक संतों और भक्तों ने संघर्ष किया और आज वह सपना साकार हुआ। संतों के बलिदान का किया स्मरण मुख्यमंत्री ने अयोध्या आंदोलन में संतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने जीवन, स्वास्थ्य और सुख की परवाह किए बिना सिर्फ एक ध्येय बनाया, “रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे”, उन्हीं संतों की साधना और तप का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य स्वामी हर्याचार्य जी महाराज का सानिध्य उन्हें कई अवसरों पर मिला। उनमें श्रीराम जन्मभूमि के लिए एक अदम्य जज्बा था और सनातन धर्म की एकता के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। संतों की इच्छाओं का जिक्र योगी आदित्यनाथ ने परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज और अन्य संतों की उन इच्छाओं का भी स्मरण किया, जिनकी एकमात्र कामना यही थी कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने बताया कि उनके पूज्य गुरुदेव भी अपने अंतिम समय में इसी विषय पर चिंतित रहते थे और यही कहते थे कि अयोध्या में रामलला विराजमान हों। उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा या वो सभी धर्मस्थल जिन्हें गुलामी के कालखंड में बर्बर विदेशी आक्रांताओं ने अपवित्र किया था, अब उनका ससम्मान पुनर्प्रतिष्ठा होनी चाहिए। सनातन धर्म और राष्ट्रीय प्रतीक अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय जीवन में जिस प्रकार राष्ट्रीय प्रतीकों का महत्व है, उसी प्रकार धार्मिक जीवन में आस्था के प्रतीकों का महत्व है। अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे धर्मस्थलों की पुनर्प्रतिष्ठा सनातन धर्म का संकल्प है। उन्होंने कहा कि हर सनातनी का यह प्रण होना चाहिए कि यदि हम अपने धार्मिक प्रतीकों का सम्मान कर रहे हैं तो हमें तिरंगे और संविधान जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों का भी सम्मान करना होगा। हमारे सैनिकों के प्रति श्रद्धा का भाव ही सच्चे सनातनी की पहचान है। सनातन धर्म की विशेषता मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म का सार यही है कि जिसने उपकार किया उसके प्रति आभार प्रकट करना। गंगा, गौ, राम, कृष्ण, विश्वनाथ, गंगा-यमुना-सरयू हमारे प्रतीक हैं। सनातन धर्मावलंबियों ने जीवन के रहस्यों को गहराई से समझा है। हमने स्वर्ग को तुच्छ माना और मोक्ष को सर्वोच्च लक्ष्य माना। यही सन्यासियों और योगियों की पहचान है कि वे अपने व्यक्तिगत मोक्ष के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने अंत में स्वामी हर्याचार्य जी महाराज के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका सानिध्य लंबे समय तक समाज को मार्गदर्शन देता रहेगा। इस अवसर पर अनेक संतजन, महंत और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में श्रीमद्जगद्गुरू रामानंदाचार्य पूज्य स्वामी रामदेवेषाचार्य जी महाराज, दशरथ गद्दी के पूज्य महंत देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज, राजकुमार दास जी महाराज, बुंदेलखंड के महंत अर्पितदास जी महाराज, जनार्दनदास जी महाराज, कृपालुदास जी महाराज, गिरीशदास जी महाराज, रामलखनदास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता सहित अत्यधिक संख्या में संत और श्रद्धालु मौजूद रहे।

PM मोदी मणिपुर पहुंचने वाले हैं, हिंसा की यादों के बीच तैयारियाँ तेज़, जानिए क्या है प्लान

मणिपुर  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर में घातक जातीय हिंसा के दो साल बाद शनिवार को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे। इस दौरान वह मणिपुर भी जाएंगे। राज्य के मुख्य सचिव ने इसकी पुष्टि की है। मुख्य सचिव ने कहा कि मिजोरम से लौटने के बाद प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12:30 बजे चुराचांदपुर पहुंचेंगे। बता दें कि यह जिला बुरी तरह हिंसा से प्रभावित था। चुराचांदपुर से प्रधानमंत्री इंफाल जाएंगे और 1200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि चुराचांदपुर कुकी बहुल है तो वहीं इंफाल में मैतेई समुदाय की संख्या ज्यादा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कुकी बहुल चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और मेइती बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। विपक्षी दल कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद राज्य का दौरा न करने को लेकर बार-बार प्रधानमंत्री की आलोचना करते रहे हैं। इस संघर्ष में मई 2023 से अब तक 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मणिपुर सरकार ने गुरुवार शाम एक बड़ा होर्डिंग लगाया, जिसमें शनिवार को चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड और इंफाल के कांगला किले में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की घोषणा की गई।मोदी के दौरे से पहले राज्य की राजधानी इंफाल में ऐसे और भी होर्डिंग लगाए गए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य सरकार ने गुरुवार को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें पीस ग्राउंड में आयोजित ‘‘वीवीआईपी कार्यक्रम’’ में शामिल होने वाले लोगों से कहा गया कि वे ‘‘चाबी, कलम, पानी की बोतल, बैग, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े का टुकड़ा, कोई भी नुकीली वस्तु या हथियार और गोला-बारूद’’ न लाएं। वहीं, एक अन्य अधिसूचना में लोगों से 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल पर लाने से बचने को कहा गया। मणिपुर सरकार ने इससे पहले मोदी के दौरे के मद्देनजर चुराचांदपुर जिले में एयर गन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि इंफाल और चुराचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इंफाल में लगभग 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में तथा उसके आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, जहां इस कार्यक्रम के लिए एक भव्य मंच तैयार किया जा रहा है। मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा संजाओबा ने प्रधानमंत्री के दौरे को लोगों और राज्य के लिए ‘‘सौभाग्य का क्षण’’ बताया। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि मोदी लोगों की कठिनाइयों को सुनेंगे…मणिपुर में पहले भी हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है। हालाँकि, किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में राज्य का दौरा नहीं किया और लोगों की बात नहीं सुनी।’’ प्रमुख कुकी-जो समूहों ने भी प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे का स्वागत किया है और इसे ‘‘ऐतिहासिक तथा दुर्लभ अवसर’’ बताया है। समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों में से एक कुकी-ज़ो काउंसिल ने दावा किया कि मोदी का यह दौरा किसी प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र में आने के लगभग चार दशक बाद हो रहा है। काउंसिल ने मोदी के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे घावों को भरने, हमारी गरिमा को बहाल करने तथा कुकी-जो लोगों के भविष्य की सुरक्षा के लिए हम आपके नेतृत्व पर भरोसा करते हैं।’’ कुकी-ज़ो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कई अन्य संगठनों ने भी प्रधानमंत्री के दौरे की सराहना की, लेकिन उनके स्वागत में नृत्य कार्यक्रम की योजना का विरोध किया। महिला संगठन ‘इमागी मीरा’ ने कहा कि मोदी को अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए कि वे मेइती लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही की अनुमति दें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।  

संतों से भेंट कर दिगंबर अखाड़ा परंपरा को बताया संस्कृति की धरोहर, श्रद्धालुओं में दौरे को लेकर दिखी प्रसन्नता

अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने दिगंबर अखाड़े के पीठाधीश्वर महंत सुरेश दास महाराज का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने महंत श्री के स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं देते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। दिगंबर अखाड़े पहुंचने पर मुख्यमंत्री का संतों और अखाड़ा परिवार ने पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत सुरेश दास जी का आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके स्वास्थ्य में निरंतर सुधार सभी के लिए सुखद संदेश है। मुख्यमंत्री ने अखाड़े में मौजूद संतों से भी भेंट की और संत परंपरा की निरंतरता को समाज की ऊर्जा और संस्कृति की धरोहर बताया।मुख्यमंत्री के इस दौरे से श्रद्धालुओं और संत समुदाय में प्रसन्नता का माहौल देखा गया।

अखिलेश यादव ने अयोध्या हार पर जताया दुख, कहा- देश में पैदा हो सकती है अस्थिरता

लखनऊ  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारत में नेपाल जैसी स्थिति पैदा होने की बात कही। उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया और कहा कि जो पड़ोस में जो जनता करती दिख रही है, हो सकता है कि वह यहां भी करती दिखाई देगी। यही नहीं उनका कहना था कि अयोध्या के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत के पीछे भी धांधली थी। अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या के चुनाव में 5000 लोग बाहर से लाए गए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि वोट चोरी न हो। पूरा देश जानता है कि इन्होंने रिवाल्वर निकाल कर वोट डाला गया था। उन्होंने कहा कि कुंदरकी के चुनाव में 77 फीसदी मतदान हुआ। अयोध्या के चुनाव में बाहर से लोग लाए गए। यहां वोट की डकैती हो रही है। नेपाल की तरह ही हो सकता है कि जनता सड़कों पर दिखाई दे। सिख समुदाय के एक डेलिगेशन से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ से बहुत नुकसान हुआ है, हमारी मांग है कि नुकसान की पूरी तरह भरपाई हो। विकास परियोजनाओं के लिए पहले पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि पंचायती राज में 60 प्रतिशत कमीशन चल रहा है। एक बात साफ है- 2027 में आ रही है सपा, हमारी सरकार होगी अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में अंदरूनी लड़ाई चल रही है, भ्रष्टाचार पीक पर है। उन्होंने कहा कि लखनऊ को स्मार्ट सिटी में तीन नंबर पर पहुंचाने वाली एजेंसी पर एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जाएगी, तभी क्राइम जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राज्य में किडनैपिंग बढ़ी है और क्राइम बढ़ा है। अखिलेश यादव ने कहा कि एक बात मैं कहने जा रहा हूं कि 2027 में सपा की सरकार आएगी। हम लोग सरकार बनाएंगे। 'हिरासत में मौतों का यूपी में बन रहा रिकॉर्ड' अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में हिरासत में मौतों का रिकॉर्ड बना रहा है। अब तक दूसरे लोग मारे जा रहे थे, अब उन्हें पता लग रहा होगा कि किसी अपने को खोने का दुख क्या होता है। उन्होंने गाजीपुर के सीताराम उपाध्याय की थाने में हुई पिटाई से मौत के प्रकरण की बात करते हुए कहा कि इसकी खुलकर निंदा होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि यह पता लगाया जाए कि आखिर इन घटनाओं के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि आज एक और किसी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री आवास पर ज़हर खा लिया। यूपी के सीएम हाउस में जहर खाने का रिकॉर्ड बन रहा है। पंजाबी में लॉन्च हुआ अखिलेश यादव के लिए गाना इस दौरान अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के परिजनों को सम्मानित किया। यही नहीं एक पंजाबी गीत भी अखिलेश यादव के लिए लॉन्च किया गया। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि इस गाने को 2027 में चलाना है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनने पर सिखों के हितों का पूरा ख्याल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेता जी ने भी सरकार में इस समुदाय से कैबिनेट मंत्री बनाया था।  

टैरिफ और भारत की शक्ति पर मोहन भागवत की खुली टिप्पणी, जानें असर

नागपुर  टैरिफ और रूस से तेल आयात के चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जिसके चलते दुनियाभर में उनकी किरकिरी हो रही है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने अमेरिका का बिना नाम लिए हुए टैरिफ को लेकर उनपर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि दुनिया में लोगों को डर लगता है कि ये बड़ा हो जाएगा तो मेरा क्या होगा? मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा, ''भारत बड़ा होगा तो हमारा स्थान कहां होगा, इसलिए लागू करो टैरिफ। हमने तो कुछ किया नहीं। जिसने किया था, उसको पुचकार रहे हैं, क्योंकि ये साथ रहेगा तो भारत पर थोड़ा दबाव बना सकते हैं। यह क्यों है, सात समंदर पार आप लोग हैं, हम यहां पर हैं। कोई संबंध तो है नहीं, लेकिन डर लगता है। मैं, मेरा के चक्कर में ये सारी बातें हो रही हैं। जब समझ में आता है कि मैं मेरा, हम हमारा है। ये सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। दुनिया को आज हल चाहिए। उन्होंने अपनी अधूरी दृष्टि के आधार पर हल निकालने का बहुत प्रयास किया, लेकिन नहीं मिला, क्योंकि मिलना संभव नहीं है।'' भागवत ने कहा कि भारत महान है और भारतीयों को भी महान बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत बड़ा है तथा वह और बड़ा होना चाहता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अगर मनुष्य अपना रवैया ‘‘मैं’’ से ‘‘हम’’ में बदल लें तो सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। दुनिया समाधान तलाश रही है। भागवत ने कहा कि मनुष्य और राष्ट्र जब तक अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक वे समस्याओं का सामना करते रहेंगे। नागपुर में ब्रह्माकुमारी विश्व शांति सरोवर के सातवें स्थापना दिवस समारोह में भागवत ने कहा कि ब्रह्माकुमारी की तरह ही आरएसएस भी आंतरिक चेतना को जागृत करने के लिए काम करता है। जब तक मनुष्य और राष्ट्र अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक वे समस्याओं का सामना करते रहेंगे। अगर हम करुणा दिखाएं और भय पर विजय पाएं, तो हमारा कोई शत्रु नहीं रहेगा। बता दें कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि चीन-रूस समेत तमाम देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते खराब हुए हैं। दरअसल, रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर ट्रंप दुनियाभर पर शुल्क लगा रहे हैं। पहले भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया, लेकिन बाद में रूस से तेल खरीदने के चलते 25 फीसदी और शुल्क लगा दिया। इससे भारत, चीन और रूस एक बार फिर से करीब आते हुए दिखाई दिए। ट्रंप को अपनी यह गलती समझ आई और हाल ही में भारत के प्रति उन्होंने अपना रुख नरम किया। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता सफल निष्कर्ष पर पहुंचेगी।  

CM मोहन का बहनों को तोहफा: लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त में 1.26 करोड़ खातों में पहुँचे ₹1541 करोड़

पेटलावद मध्य प्रदेश की करोड़ों लाड़ली बहनों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार, 12 सितंबर को झाबुआ जिले के पेटलावद से लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी कर दी है। इस बार योजना के तहत 1.26 करोड़ महिला लाभार्थियों के खातों में 1541 करोड़ रुपए से ज्यादा भेजे गए हैं।  पेंशनधारियों को भी राहत महिला लाभार्थियों के साथ ही मुख्यमंत्री ने 53.48 लाख से ज्यादा पेंशनधारियों (pensioners) के खातों में भी 320.89 करोड़ रुपए की राशि डाली। इस कदम से बुजुर्गों और पेंशन पाने वालों की जिंदगी में आर्थिक राहत की उम्मीद जगी है। गृहिणियों को मिला सिलेंडर रीफिल सहयोग कार्यक्रम में 31 लाख से ज्यादा महिलाओं को गैस सिलेंडर (gas cylinder) रीफिलिंग के लिए 48 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। यह मदद खासतौर पर गृहिणियों (housewives) को मिलेगी, जो महंगे सिलेंडर खर्च से परेशान रहती हैं। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में 345.34 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले विकास कार्यों (development works) का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। इसमें सड़क (roads), शिक्षा (education), स्वास्थ्य (health) और पेयजल (drinking water) जैसी जरूरी सुविधाओं से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। दीपावली के बाद से मिलेंगे 1500 मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि दीपावली के बाद से हर महिला को 1500 रुपए  दिए जाएंगे। यह राशि 2028 तक बढ़कर 3000 रुपए हो जाएगी, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने में मदद करेगी। लाड़ली बहना योजना की विशेषताएं     लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को सीधे बैंक खाते में सहायता राशि भेजी जाती है। इस बार 12 सितंबर को योजना की किस्त जारी की गई, जो आमतौर पर 10-11 तारीख को दी जाती थी। ऐसे में इस बार की राशि के आने में एक दिन का विलम्ब देखने को मिला है। एमपी लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त पर एक नजर…     सीएम मोहन यादव ने 12 सितंबर को झाबुआ जिले के पेटलावद से लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी की। इसमें 1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में 1541 करोड़ रुपए भेजे गए।     31 लाख से अधिक महिलाओं को गैस सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 48 करोड़ रुपए जारी किए गए।     दीपावली के बाद हर महिला को 1500 रुपए दिए जाएंगे, जो 2028 तक बढ़कर 3000 रुपए हो जाएंगे।     लाड़ली बहना योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है, जो मध्य प्रदेश की निवासी हों और जिनके परिवार में आयकर दाता या सरकारी कर्मचारी न हों। पात्रता और आवेदन प्रक्रिया लाड़ली बहना योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलता है, जो मध्य प्रदेश की निवासी हों और जिनके परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता न हो या सरकारी कर्मचारी न हो। योजना का लाभ विवाहित, तलाकशुदा, या विधवा महिलाओं को मिलता है। अगर किसी महिला को योजना से संबंधित कोई समस्या हो या सहायता राशि न मिल रही हो, तो वह 0755 2700800 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकती है। इसके अलावा, वे लाडली बहना योजना के ऑफिशियल पोर्टल cmladlibahna.mp.gov.in पर भी जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। लाडली बहना योजना: कब म‍िलेंगे 1500 रुपये मुख्‍यमंत्री लाडली बहना योजना की 28वीं क‍िस्‍त का पैसा 1.26 करोड़ मह‍िलाओं के खाते में ट्रांसफर कर द‍िया गया है। मुख्‍यमंत्री डॉक्‍टर मोहन यादव ने झाबुआ के पेटलावद से मह‍िलाओं के खाते में 1541 करोड़ रुपये ट्रांसफर क‍िए। इस दौरान उन्‍होंने फ‍िर से दोहराया कि‍ भैया दूज के बाद मह‍िलाओं के खाते में 1500 रुपये आने लगेंगे। हेलिकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाने की योजना गरीब व जरूरतमंद लोगों को मेडिकल इमरजेंसी के समय बड़े शहर के अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत हेलिकॉप्टर से मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाएगा। इसका पूरा खर्च सरकार उठाती है। कब मिलेंगे 1500, कैसे पहुंचेंगे 3000, सीएम ने खुद बताया     दिवाली के बाद भाई दूज के तुरंत बाद से हर महीने मिलेंगे 1500 रुपये     2026 से महिलाओं को 2000 रुपये महीना मिलेंगे     2027 से लाडली बहनों को 2500 रुपये मिलना शुरू हो जाएगा     2028 से लाडली बहनों की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया जाएगा LPG गैस रिफिल का पैसा भी ट्रांसफर लाडली बहना योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अलावा 31 लाख से अधिक बहनों को एलपीजी सिलेंडर रीफिलिंग की 48 करोड़ रुपये भी भेज दिए गए हैं। झाबुआ जिले के पेटलावद में 345.34 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। पेंशनधारकों के खाते में भी पहुंचा पैसा लाडली बहना योजना के अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत 53.48 लाख लाभार्थियों के खाते में 320.89 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। प्रदेश में बुजुर्गों, दिव्यांगों व महिलाओं के लिए कई तरह की पेंशन योजना चलाई जा रही हैं। लाडली बहना की 28वीं क‍िस्‍त ट्रांंसफर, ऐसे चेक करें स्‍टेटस मुख्‍यमंत्री लाडली बहना योजना की 28वीं क‍िस्‍त जारी कर दी गई है। अगर आपके मोबाइल पर मैसेज नहीं आया है तो ऑफ‍िश‍ियल पोर्टल https://cmladlibahna.mp.gov.in/ पर जाकर आवेदन एवं भुगतान की स्‍थ‍ित‍ि पर जाकर चेक कर सकते हैं। लाडली बहना योजना की 28वीं क‍िस्‍त जारी, चेक करें मोबाइल लाडली बहना योजना की 28वीं क‍िस्‍त का पैसा ट्रांसफर कर द‍िया गया है। मुख्‍यमंत्री मोहन यादव ने स‍िंगल क्‍ल‍िक के माध्‍यम से 1541 करोड़ रुपये मह‍िलाओं के खाते में भेज द‍िए हैं। Ladli Behna Yojana: 25 मार्च से शुरू हुए थे फॉर्म भरना लाडली बहना योजना की शुरुआत 25 मार्च, 2023 से हुई थी। इसके बाद बहुत सारे नाम योजना से हटाए भी गए। वर्तमान में 1.26 करोड़ महिलाओं को इस योजना का पैसा मिल रहा है। हालांकि 2023 से ही नए रजिस्ट्रेशन बंद पड़े हैं। लाडली बहना योजना: अंतिम सूची में नाम है या नहीं, ऐसे चेक करें लाडली बहना योजना की 28वीं किस्त का पैसा किसी भी समय खाते में आने वाले हैं। आपका नाम अंतिम सूची में है या हट गया है, इसका पता आप ऑनलाइन कर सकते हैं। ऑफिशियल पोर्टल पर आपको अंतिम सूची के टैब पर क्लिक करना होगा। … Read more

सिर्फ 20 रुपये में बनती है दवा, बिकती है 100 में – मेडिकल स्टोर्स कितनी कमाई कर रहे?

नई दिल्ली दवा की असली कीमत और उस पर मिलने वाला मुनाफा शायद ही आम लोगों को पता हो. हम और आप जिस दवा की स्ट्रिप 100 रुपये में खरीदते हैं, वही दवा मेडिकल स्टोर वाले को कितने में पड़ती है और उस पर कितना मार्जिन जुड़ता है, यह सुनकर आप चौंक सकते हैं. इसका जवाब जानने के लिए हमने दवाइयों के डिस्ट्रीब्यूटर  से बात की. डिस्ट्रीब्यूटर ने विस्तार से बताया कि दवाइयां बेचने पर कितना मार्जिन मिलता है. आइए, आपको भी बताते हैं. जब हमने डिस्ट्रीब्यूटर से पूछा कि मेडिकल वाले दवाइयों पर कितना प्रॉफिट कमा लेते हैं, तब उन्होंने बताया कि दवाइयों में प्रॉफिट मार्जिन, कंपनियों, दवा के प्रकार और कई जगहों पर निर्भर करता है. मुख्य तौर पर देखें तो दवाइयों का प्रॉफिट मार्जिन 4-5 तरह का होता है.  फार्मा दवाइयों पर मार्जिन सबसे पहले, फार्मा कैटेगरी की दवाइयों में 20 से 30% का मार्जिन होता है. इसमें न्यूनतम बीस प्रतिशत तो होता ही है. इस कैटेगरी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर को दवाई के लिए परामर्श देता है और उसके अनुसार जो दवाइयां बेची जाती हैं, उनमें बीस से पैंतीस प्रतिशत का मार्जिन मिल जाता है.  जेनरिक दवाइयों पर ज्यादा फायदा दूसरी तरह की दवाइयां होती हैं जेनरिक. जेनरिक दवाइयों में प्रॉफिट मार्जिन ज्यादा होता है. जेनरिक दवाइयां रिटेलर खुद अपने पास से बेचने की कोशिश करता है या ग्राहक को बेचता है. रिटेलर्स को इस तरह की दवाइयां बेचने में 50 से 75 प्रतिशत का प्रॉफिट होता है.  डॉक्टर्स के जरिए भी होती है कमाई इसके अलावा, तीसरी कैटेगरी है पर्सनल मोनोपोलाइज़्ड कंपनियां. इसमें डॉक्टरों को उन दवाइयों को रिकमेंड करने के लिए कहा जाता है, जिसमें डॉक्टर का कमीशन भी शामिल हो सकता है. इस तरह की दवाइयों में 30 से 35 फीसदी तक का प्रॉफिट मार्जिन होता है. इनमें मैटेरियल का प्रतिशत थोड़ा कम होता है. क्या क्वालिटी का मसला? इसके अलावा, कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं, जो अलग-अलग कंपनियां बनाती हैं. उनमें मैटेरियल का इस्तेमाल 90 फीसदी तक ही होता है और ऐसी दवाइयों में 90 फीसदी तक बचत होती है.  दरअसल, दवाइयों में मैटेरियल उपयोग का क्राइटेरिया 90 से 110 फीसदी तक होता है. कई कंपनियां दवाइयों में 90 फीसदी तक के मैटेरियल का इस्तेमाल करती हैं, जो रिटेलर को काफी कम कीमत में मिलती है. जेनरिक में मैटेरियल 100 फीसदी तक होता है. सरकार के नियम हैं कि दवा 90% से कम या 110% से ज्यादा नहीं हो सकती. मतलब, 90% में भी अगर सामग्री पूरी तरह से है, तो दवा शुद्ध मानी जाएगी.   यही कारण है कि कई दवा कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाती हैं, क्योंकि वे दवा में मिनिमम मात्रा तक ही मैटेरियल मिलाती हैं. वहीं, बड़ी कंपनियां दवाइयों में अच्छी मात्रा में सामग्री मिलाती हैं. ऐसे में कुछ कंपनियों की दवाइयों में 90 फीसदी तक प्रॉफिट होता है. मान लीजिए अगर दवा 100 रुपये की है तो फार्मा की बड़ी कंपनी उसे 65 रुपये में बनाएगी. वहीं, जेनरिक दवा 25 रुपये में बनकर तैयार हो जाएगी.  खांसी की दवाई पर कितना मार्जिन? अनीष बताते हैं कि जो खांसी की जेनरिक दवाई होती है, वह 8 रुपये में बनकर आती है और दुकानदारों को 20 से 30 रुपये तक मिल जाती है. अब इसकी MRP 80-100 रुपये या ज्यादा होती है और ऐसे में इसमें अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है.

रामलला की शरण में मॉरीशस सरकार, प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम का भव्य स्वागत

श्रीरामलला के दरबार में प्रधानमंत्री रामगुलाम ने टेका मत्था रामलला की शरण में मॉरीशस सरकार, प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम का भव्य स्वागत  एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया अभिनंदन, ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक कार्यक्रमों से गूंजी अयोध्या  भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर  रामलला की आरती उतारी, मंदिर निर्माण कार्यों का किया अवलोकन अयोध्या  प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या शुक्रवार को एक विशेष अवसर की साक्षी बनी, जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम अपनी पत्नी वीना रामगुलाम और करीब 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने सबसे पहले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में पत्नी के साथ विधि-विधान से दर्शन-पूजन कर लोककल्याण की कामना की। वह भूटान के प्रधानमंत्री के बाद दूसरे राष्ट्राध्यक्ष बने, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन-पूजन किए। दोपहर करीब 12 बजे महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री अपनी पत्नी वीना रामगुलाम और 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी बने स्वागत-अभिनंदन के सूत्रधार एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद रहे और उन्होंने प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत किया। योगी ने फूलों का गुलदस्ता और स्मृति चिह्न भेंट कर ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा निभाई। एयरपोर्ट परिसर में रेड कार्पेट बिछाकर, मंत्रोच्चारण और पारंपरिक कलश-आरती से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। इस दौरान ढोल-नगाड़ों और शंखनाद की गूंज ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया। रामलला के दरबार में भावविभोर प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से निकलने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला भारी सुरक्षा घेरे के बीच सीधे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचा। वहां उन्होंने पत्नी के साथ रामलला की आरती उतारी और लंबे समय तक प्रभु का दर्शन करते रहे। शीश नवाकर भगवान राम से दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती का आशीर्वाद मांगा। करीब आधा घंटे तक परिसर में रहकर उन्होंने मंदिर निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान कई बार उनके मुख से “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंजे। पीएम का आगमन सांस्कृतिक एकता का प्रतीक: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक एकता का जीवंत प्रतीक है। वहीं, प्रधानमंत्री डॉ. रामगुलाम ने भी अयोध्या की पवित्र धरती पर आने पर अपनी गहरी प्रसन्नता व्यक्त की और भगवान राम के प्रति आस्था प्रकट की। राम मंदिर परिसर में हुआ विशेष आयोजन राम मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए टाटा कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण से जुड़ी एक विशेष लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। करीब दो मिनट की इस प्रस्तुति में मंदिर की भव्यता, शिल्पकला और निर्माण की अद्भुत झलक दिखाई गई। फिल्म की जानकारी और विवरण सीडीओ कृष्ण कुमार सिंह ने विस्तार से प्रस्तुत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रधानमंत्री को राम मंदिर का मॉडल भेंट कर सम्मानित किया। वहीं, प्रधानमंत्री की पत्नी वीना रामगुलाम को अंगवस्त्र विशेष सम्मान प्रदान किया गया। इस क्षण ने पूरे माहौल को और अधिक गरिमामय बना दिया। भारत-मॉरीशस संबंधों की पृष्ठभूमि भारत और मॉरीशस के बीच संबंध सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गहराई से जुड़े हुए हैं। मॉरीशस की आबादी का बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है और वहां रामायण, भगवान राम और भारतीय परंपराओं के प्रति विशेष आस्था देखी जाती है। मॉरीशस के त्योहार, साहित्य और सांस्कृतिक जीवन में रामकथा आज भी जीवंत है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री रामगुलाम का यह अयोध्या दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है। एयरपोर्ट पर अतिथि देवो भव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद प्रधानमंत्री का स्वागत किया, रेड कार्पेट, तिलक, पुष्पवर्षा और पारंपरिक आरती से हुआ अभिनंदन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों व ढोल-नगाड़ों ने माहौल को सजा दिया था। वहीं प्रधानमंत्री रामगुलाम भी अपने स्वागत से भावविभोर होकर इसे अविस्मरणीय बताया। तगड़ी रही सुरक्षा व्यवस्था अयोध्या में प्रधानमंत्री के आगमन पर तगड़े सुरक्षा इंतजाम। एयरपोर्ट से लेकर मंदिर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस व सुरक्षा बल तैनात, सीसीटीवी से पूरे मार्ग की निगरानी। मंदिर परिसर में पुलिस बल और एटीएस की टीमों ने कमान संभाल रखी थी।

उड़ान भरते ही रनवे पर गिरा SpiceJet विमान का पहिया, मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग

मुंबई  गुजरात के कांडला से मुंबई आ रहे स्पाइसजेट के Q400 विमान का आउटर व्हील टेकऑफ के तुरंत बाद रनवे पर गिर गया. मुंबई में लैंडिंग के समय पायलट ने इमरजेंसी की घोषणा की, हालांकि विमान की सेफ लैंडिंग हुई. स्पाइसजेट का बॉम्बार्डियर DHC8-400 विमान, जिसकी उड़ान संख्या SG-2906 थी, ने शुक्रवार दोपहर 2.39 बजे कांडला एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 उड़ान भरी. टेक आफ के तुरंत बाद टावर कंट्रोलर ने विमान से एक काले रंग की बड़ी वस्तु रनवे पर गिरती देखी. इंस्पेक्शन टीम ने जाकर देखा तो प्लेन का पहिया गिरा हुआ था. फ्लाइट ने दोपहर 15:51 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर तकनीकी खराबी की सूचना के बाद इमरजेंसी लैंडिंग की. एयरपोर्ट प्रशासन ने सावधानी के तौर पर फुल इमरजेंसी घोषित किया था. हालांकि, विमान ने रनवे नंबर 27 पर सुरक्षित लैंडिंग की. विमान में चालक दल समेत करीब 78 यात्री सवार थे. वे सभी सुरक्षित हैं. लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट पर सामान्य परिचालन बहाल हो गया. बॉम्बार्डियर DHC8-400 में ट्राइसाइकिल लैंडिंग गियर सिस्टम होता है, जिसमें नोज गियर पर दो पहिये और प्रत्येक मुख्य लैंडिंग गियर पर दो मुख्य पहिये होते हैं. स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, '12 सितंबर को कांडला से मुंबई जा रहे स्पाइस जेट Q400 विमान का एक बाहरी पहिया उड़ान भरने के बाद रनवे पर पाया गया. विमान ने मुंबई की अपनी यात्रा जारी रखी और हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा. लैंडिंग के बाद, विमान टर्मिनल तक पहुंचा और सभी यात्री सामान्य रूप से उतरे.' इससे पहले 29 अगस्त को स्पाइसजेट की दिल्ली-श्रीनगर फ्लाइट की श्रीनगर एयरपोर्ट पर प्रायोरिटी लैंडिंग करानी पड़ी थी. अधिकारियों ने बताया कि फ्लाइट अचानक तेजी से नीचे आने लगी, तभी कैप्टन ने श्रीनगर एयरपोर्ट के एटीसी से प्रायोरिटी लैंडिंग की अनुमति मांगी. दरअसल, फ्लाइट में केबिन प्रेशर की चेतावनी मिली थी. इसके बाद फ्लाइट SG-385 को श्रीनगर एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतारा गया. स्पाइसजेट की इस फ्लाइट में 4 बच्चों सहित 205 यात्री और चालक दल के 7 सदस्य सवार थे. यात्रियों या चालक दल के सदस्यों ने किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता का अनुरोध नहीं किया.

राहुल गांधी के गैरहाजिरी पर BJP का हमला, उपराष्ट्रपति शपथग्रहण से चूके राहुल

नई दिल्ली  भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथग्रहण समारोह से अनुपस्थित रहने को लेकर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संवैधानिक परंपराओं का बहिष्कार किया है और वे भारतीय लोकतंत्र और संविधान का अपमान कर रहे हैं। भंडारी ने एक्स पर लिखा, “राहुल गांधी को भारतीय संविधान से नफरत है! राहुल गांधी को भारतीय लोकतंत्र से नफरत है! कुछ दिन पहले वे लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह से गायब थे और आज उपराष्ट्रपति के शपथग्रहण से। क्या ऐसा व्यक्ति, जो संवैधानिक अवसरों को नजरअंदाज करता है, सार्वजनिक जीवन के योग्य है?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी के पास मलेशिया में छुट्टियां बिताने का समय है, लेकिन संवैधानिक कार्यक्रमों में शामिल होने का नहीं है। उन्हें भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि हर संवैधानिक कार्यक्रम में विपक्ष के नेता की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। भाजपा ही संविधान को कमजोर कर रही है, जबकि राहुल गांधी उसे बचाने के लिए लड़ रहे हैं। भाजपा के सहयोगी शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विपक्ष की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद संवैधानिक कार्यक्रमों पर हावी नहीं होने चाहिए। जानकारी के अनुसार राहुल गांधी शपथग्रहण में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे गुजरात में पार्टी कार्यक्रम के लिए रवाना हुए थे। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समारोह में मौजूद थे। आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उन्होंने विपक्ष समर्थित उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया। राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं और अब वे 11 सितंबर 2030 तक इस पद पर रहेंगे। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी समारोह में मौजूद रहे।