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न्यूयॉर्क टाइम्स पर भड़के ट्रंप, 15 अरब डॉलर की मानहानि का दावा ठोकने की चेतावनी

 न्यूयॉर्क  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के नामी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स और उसके चार पत्रकारों के खिलाफ 15 अरब डॉलर का मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है. सोमवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "न्यूयॉर्क टाइम्स को बहुत लंबे समय से स्वतंत्र रूप से झूठ बोलने, बदनाम करने और मुझे बदनाम करने की अनुमति दी गई है, और अब यह बंद होगा!”. उन्होंने जानकारी दी कि इस मुकदमे को उन्होंने फ्लोरिडा में दर्ज कराया है. "आज, मुझे देश के इतिहास के सबसे खराब और सबसे पतित अखबारों में से एक, रेडिकल लेफ्ट डेमोक्रेट पार्टी के लिए एक वर्चुअल "मुखपत्र" बनने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ 15 बिलियन डॉलर का मानहानि का मुकदमा लाने का बड़ा सम्मान मिला है. मैं इसे अब तक के सबसे बड़े अवैध कैंपेन चलाने में योगदान देने वाले के रूप में देखता हूं. कमला हैरिस के उनके समर्थन को वास्तव में द न्यूयॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर केंद्र में रखा गया था, जो पहले कभी नहीं सुना गया था! "टाइम्स" आपके पसंदीदा राष्ट्रपति (यानी मेरे), मेरे परिवार, बिजनेस, अमेरिका फर्स्ट मूवमेंट, MAGA और समग्र रूप से हमारे देश के बारे में झूठ बोलने की एक दशक लंबी पद्धति में लगा हुआ है. मुझे गर्व है कि मैं एक बार सम्मानित "कचरा" को जिम्मेदार ठहराता हूं, जैसा कि हम फेक न्यूज नेटवर्क के साथ कर रहे हैं… न्यूयॉर्क टाइम्स को बहुत लंबे समय से स्वतंत्र रूप से झूठ बोलने, बदनाम करने और मुझे बदनाम करने की अनुमति दी गई है, और अब यह बंद होगा! यह मुकदमा ग्रेट स्टेट ऑफ फ़्लोरिडा में लाया जा रहा है. इस बात की ओर आपका ध्यान के लिए धन्यवाद. अमेरिका को फिर से महान बनाएं!" डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार फ्लोरिडा में अमेरिकी जिला न्यायालय में दायर मुकदमे में न्यूयॉर्क टाइम्स के दो पत्रकारों द्वारा लिखे गए और 2024 के चुनाव के पहले छापे गए कई लेखों और एक किताब का नाम दिया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि कहा गया है कि ये "न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण मानहानि के दशकों पुराने पैटर्न का हिस्सा हैं." ट्रंप द्वारा दायर इस मुकदमे में कहा गया है, "बयानों के झूठ की जानकारी के साथ, और/या उनकी सच्चाई या झूठ की लापरवाह उपेक्षा के साथ, प्रतिवादियों (NYT और 4 पत्रकार) ने लापरवाही से ऐसे बयान प्रकाशित किए." AP की रिपोर्ट के अनुसार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एजेंसी की तरफ से इस खबर पर प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया है. गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिका के कई मीडिया आउटलेट्स के पीछे पड़ गए हैं. जुलाई में उन्होंने द वॉल स्ट्रीट जर्नल और मीडिया के दिग्गज रूपर्ट मर्डोक के खिलाफ 10 बिलियन डॉलर का मानहानि का मुकदमा दायर किया था क्योंकि अखबार ने यौन शोषण के अपराधी जेफरी एपस्टीन के साथ ट्रंप के संबंधों पर एक स्टोरी छाप दी थी.

जहरीली शराब का खेल: दो की गई जान, शराब कोचिया समेत दो गिरफ्तार

जांजगीर चांपा शराब पीने से दो युवकों की मौत की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सुलझा ली. एसपी विजय कुमार पांडेय ने आज मामले का खुलासा किया. पुलिस ने दो आरोपी शराब कोचिया भोला टंडन उर्फ सुरेंद्र टंडन और अनिल टंडन को गिरफ्तार किया है. दोनों ने शराब में सुहागा मिलाकर सूरज और मनोज कश्यप को बेचा था, जिसे पीने के बाद दोनों युवकों की मौत हुई थी. एसपी ने बताया शराब पीकर आए दिन विवाद करने से परेशान होकर आरोपी सुरेंद्र टंडन ने हत्या की साजिश रची थी और अपने चचेरे बड़े भाई के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी भोला टंडन उर्फ सुरेंद्र टंडन और अनिल टंडन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपियों के कब्जे से सुहागा रेपर एवं बड़ा सूजा बरामद किया गया है. ये है पूरा मामला 15 सितंबर को मृतक सूरज यादव एवं मनोज कश्यप निवासी ग्राम करही थाना बिर्रा दोनों एक साथ शराब लेने के लिए गांव के शराब विक्रेता सुरेन्द्र उर्फ भोला टंडन के पास सुबह करीब 7 बजे पहुंचे थे. शराब खरीदकर एक दुकान से चखना खरीदा और वहीं बैठकर दोनों ने शराब पी. इसके तुरंत बाद दोनों की तबियत अचानक खराब होने से उन्हें तत्काल इलाज के लिए राधा कृष्ण अस्पताल सारंगढ़ ले जाया गया, जहां दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई. थाना सारंगढ में मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कार्रवाई की गई. इसकी सूचना मिलते ही जांजगीर पुलिस सक्रिय होकर त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना बिर्रा पुलिस ने असल मर्ग कायम किया. शराब पीने से दो युवकों की मौत होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय के निर्देशन में मर्ग जांच के दौरान घटना स्थल का निरीक्षण किया गया. मृतक के परिजनों व गवाहों का बारिकी से कथन एवं पीएम रिपोर्ट का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना पाया गया. थाना बिर्रा में अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया. दोनों युवकों की हत्या के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई. टीमो ने प्रकरण से संबंधित सभी पहलुओं एवं साक्ष्य के आधार पर प्राप्त सूचना पर संदेही आरोपी भोला टण्डन उर्फ सुरेन्द्र टंडन निवासी ग्राम करही को हिरासत में लेकर पूछताछ की. सभी तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म स्वीकार किया. आरोपी सुरेंद्र ने बताया कि मृतक सूरज यादव एवं मनोज कश्यप आए दिन मेरे दुकान, घर में आकर शराब पीकर विवाद करता था और पुलिस से पकड़वा देने की बात कहकर धमकी देता था. दोनों युवकों से रोज शराब पीकर वाद विवाद करने से काफी परेशान होकर मैंने अपने चचेरा भाई अनिल टंडन को पूरी बात बताई और हम दोनों ने मिलकर दोनों युवकों को जान से मारने की योजना बनाई. सुरेंद्र ने बताया कि मैंने अपने चचेरे भाई अनिल को अंग्रेजी शराब एवं सुहागा का व्यवस्था करने बोला. 14 सितंबर को शाम करीबन 6 बजे अनिल टंडन ने आरोपी भोला टंडन को एक अंगेजी जिप्सी शराब का पाउवा एवं सुहागा दिया, जिस पर आरोपी भोला राम टंडन ने उक्त शराब में सुहागा को रात्रि में मिलाकर रख लिया था. 15 सितंबर को सुबह जब मृतक मनोज कश्यप एवं सुरज यादव उसके पास शराब लेने आया तो आरोपी भोला टंडन ने योजना के मुताबिक उक्त सुहागा मिले शराब को उनके हत्या करने की नियत से उन्हें बेचा, जिसे पीने से दोनों युवको की तत्काल तबियत बिगड़ी और इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. गिरफ्तार आरोपी     भोला टंडन उर्फ सुरेन्द्र टंडन पिता शिवनाथ टंडन उम्र 25 साल निवासी करही थाना बिर्रा।     अनिल टंडन पिता शिवनाथ टंडन उम्र 35 साल निवासी करही थाना बिर्रा जिला जांजगीर-चाम्पा  

ड्रग रैकेट पर दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 12 करोड़ की हेरोइन के साथ 5 दबोचे गए

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने उत्तरी दिल्ली में नशे के सौदागरों के खिलाफ एक प्रभावशाली कार्रवाई की है. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने 12 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की है और पांच कथित ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई नशे के काले कारोबार पर एक करारा प्रहार माना जा रहा है. पुलिस को लंबे समय से दिल्ली के बाहरी उत्तरी इलाकों में ड्रग्स की तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं. इसके बाद पुलिस ने एक खुफिया ऑपरेशन शुरू किया. कई दिनों की मेहनत और निगरानी के बाद, पुलिस ने तस्करों के नेटवर्क को धराशायी कर दिया. इस कार्रवाई में 3.1 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसकी सड़क पर कीमत करीब 12 करोड़ रुपये आंकी गई है. पुलिस ने इस मामले में पांच शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो नशे के इस काले धंधे में लिप्त थे। इन तस्करों के पास से भारी मात्रा में हेरोइन मिली है. इसके साथ ही, पुलिस ने यह भी आशंका जताई है कि तस्करी के तार दिल्ली से बाहर तक जुड़े हो सकते हैं. पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है ताकि इस नेटवर्क के और राज खुल सकें. यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की उस मुहिम का हिस्सा है, जो राजधानी को नशे के जाल से मुक्त करने के लिए चल रही है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य नशे के इस कारोबार को जड़ से उखाड़ना है. यह ऑपरेशन उस दिशा में एक बड़ा कदम है. पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि यह हेरोइन कहां से आ रही थी और इसका नेटवर्क कितना बड़ा है. साथ ही, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य संदिग्धों की तलाश भी तेज कर दी गई है. 

अमरकंटक ताप विद्युत गृह की यूनिट ने रचा इतिहास, लगातार 350 दिन तक किया उत्पादन

भोपाल मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अभियंताओं व कार्मिकों के समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट लगातार 350 दिन तक संचालित होने में सफल हुई। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास में यह प्रथम विद्युत उत्पादन यूनिट है जिसने लगातार 350 दिन तक लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकार्ड स्थापित किया। इस बात की पूरी संभावना है कि अगले 15 दिन में यह यूनिट लगातार 365 दिन का सतत् व निर्बाध विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान बनाएगी। अमरकंटक ताप विद्युत 210 मेगावाट क्षमता की यह यूनिट 1 अक्टूबर 2024 से लगातार विद्युत उत्पादन कर रही है। इससे पूर्व इस यूनिट ने इस यूनिट ने 27 अगस्त 2023 से 22 जून 2024 तक 300 दिन सतत् विद्युत उत्पादन करने का रिकार्ड बनाया था।इस यूनिट के सतत् बिजली उत्पादन करने से प्रदेश की बिजली की आपूर्ति को विश्वसनीय बनाने के पावर जनरेटिंग कंपनी के उद्देश्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विभिन्न मापदंडों में भी मिली उपलब्धि-210 मेगावाट की यूनिट ने जिस समय 350 दिन सतत् विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान अर्जित किया तब इसने विभिन्न मापदंडों में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। यूनिट ने 98.71 फीसदी प्लांट उपलब्धता फेक्टर (पीएएफ), 95.97 फीसदी प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) व 9.18 प्रतिशत ऑक्जलरी कंजम्पशन की उपलब्धि हासिल की। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई व मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक श्री मनजीत सिंह ने अमरकंटक ताप विद्युत गृह के यूनिट नंबर 5 के अभियंताओं व कार्मिकों को बधाई देते हुए उनकी सराहना करते हुए कहा कि समर्पण, कड़ी मेहनत व प्रतिबद्धता से लक्ष्य अर्जित करने का यह सर्वश्रेष्ठ व अनुकरणीय उदाहरण है।  

आज की चूक से पाकिस्तान को होगा 141 करोड़ का नुकसान, साथ में दो और झटके तय

दुबई  पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशिया कप से हटने की धमकी देकर क्रिकेट की दुनिया में खलबली मचा दी है. पीसीबी अध्यक्ष और मौजूदा एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) प्रमुख मोहसिन नकवी ने इस धमकी की नींव आईसीसी रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट से जुड़े विवाद पर रखी. दरअसल, भारत-पाकिस्तान मुकाबले के बाद हाथ मिलाने के दौरान हुए हंगामे के लिए नकवी ने पायक्रॉफ्ट को जिम्मेदार ठहराया और उन्हें हटाने की मांग कर दी. लेकिन आईसीसी ने इस मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने एशिया कप छोड़ने की धमकी दी है.  एशिया कप 2025: पाकिस्तान को आज (17 सितंबर) यूएई के खिलाफ अपना अंतिम ग्रुप मैच खेलना है. मुकाबले से एक दिन पहले मंगलवार को पाकिस्तान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया, जिससे टीम के रुख और तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं. यह धमकी जितनी बड़ी है, उसका वित्तीय जोखिम उससे कहीं ज्यादा है. पाकिस्तान यदि टूर्नामेंट छोड़ता है तो उसे 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 105 से 141 करोड़ रुपये तक का सीधा नुकसान झेलना पड़ेगा. एसीसी की कुल कमाई में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को बराबर-बराबर 15-15 प्रतिशत हिस्सा मिलता है. यानी कुल 75 प्रतिशत राजस्व इन्हीं 5 देशों के बीच बंटता है. अकेले मौजूदा एशिया कप से पीसीबी की अनुमानित कमाई 1.2 से 1.6 करोड़ डॉलर के बीच है. आर्थिक रूप से पहले से कमजोर पीसीबी के लिए यह घाटा बहुत बड़ा साबित होगा. पाकिस्तान का वार्षिक बजट करीब 227 मिलियन डॉलर का है. ऐसे में 16 मिलियन डॉलर की चपत उसके राजस्व का लगभग 7 प्रतिशत खत्म कर देगी. इसे सह पाना किसी भी कमजोर बोर्ड के लिए आसान नहीं है. … प्रसारणकर्ता का भरोसा भी टूटेगा सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने 2024 से 2031 तक एसीसी के साथ 170 मिलियन डॉलर का करार किया है. इस डील में महिला और अंडर-19 एशिया कप भी शामिल हैं. जाहिर है, इस डील का सबसे बड़ा आकर्षण भारत-पाकिस्तान मुकाबला है. अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से हटता है तो न केवल उसका हिस्सा कटेगा, बल्कि प्रसारणकर्ता का भरोसा भी टूटेगा. भारत-पाक मैच ही वह खजाना है, जिससे टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन स्लॉट प्रीमियम दरों पर बिकते हैं. ऐसे में प्रसारणकर्ता का गुस्सा सीधे पीसीबी और नकवी पर फूट सकता है. एसीसी में अलग-थलग पड़ने का खतरा पाकिस्तान के इस कदम का दूसरा बड़ा खतरा एसीसी बोर्डरूम में है. बाकी चार टेस्ट खेलने वाले देश यह सवाल जरूर उठाएंगे कि बिना भाग लिए पीसीबी को 15 प्रतिशत राजस्व क्यों दिया जाए. इससे नकवी की एसीसी अध्यक्ष के रूप में विश्वसनीयता भी बुरी तरह प्रभावित होगी. एक तरफ वह बोर्ड के मुखिया हैं और दूसरी तरफ परिषद के प्रमुख… इस टकराव से उनकी साख दोनों जगह कमजोर हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, नकवी का यह कदम पूरी तरह क्रिकेटीय नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है. पाकिस्तान में घरेलू दबाव को देखते हुए वे अपनी ‘सख्त छवि’ बनाए रखना चाहते हैं. लेकिन असली सवाल यह है कि क्या वे अपने देशवासियों के सामने इज्जत बचाने के लिए बोर्ड को अरबों का घाटा झेलने देंगे? साफ है कि एशिया कप से हटने की धमकी पाकिस्तान के लिए आत्मघाती कदम साबित हो सकती है. उसे अरबों रुपये का नुकसान होगा, बोर्ड की साख गिरेगी और एसीसी में उसकी स्थिति कमजोर होगी. मोहसिन नकवी चाहे जितनी भी कूटनीति करें, लेकिन इस मामले में पाकिस्तान के पास खोने के लिए बहुत कुछ है और पाने के लिए लगभग कुछ भी नहीं.

30 सितंबर तक छूट प्राप्‍त करने का अवसर, ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करें आवेदन

उपभोक्‍ताओं को धारा 126 के प्रकरणों में दी 02 करोड़ 68 लाख से अधिक की छूट 30 सितंबर तक छूट प्राप्‍त करने का अवसर, ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करें आवेदन भोपाल म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के उपभोक्‍ताओं के लिए धारा 126 में लंबित प्रकरणों में लोक अदालत की तर्ज पर छूट प्रदान की जा रही है। इसी क्रम में अब तक  कंपनी कार्यक्षेत्र के उपभोक्‍ताओं को लंबित प्रकरणों में 02 करोड़ 68 लाख 66 हजार की छूट प्रदान करते हुए 5995 प्रकरणों का निपटान किया गया है। कंपनी ने बताया कि भोपाल क्षेत्र में कुल 4596 प्रकरणों में 01 करोड़ 67 लाख 46 हजार की छूट प्रदान करते हुए 02 करोड़ 58 लाख, 99 हजार रूपए कंपनी के खाते में जमा कराए गए हैं। इसी तरह ग्‍वालियर क्षेत्र में कुल 1399  प्रकरणों में 01 करोड़ 01 लाख 20 हजार की छूट प्रदान करते हुए 01 करोड़ 67 लाख 45 हजार रूपए कंपनी के खाते में जमा कराए गए हैं। उपभोक्‍ता धारा 126 के प्रकरणों में छूट का लाभ लेना चाहते हैं उन्‍हें ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है। आवेदन 30 सितंबर तक लिए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन के लिए उपभोक्‍ता कंपनी पोर्टल पर जाकर प्रदर्शित क्विक लिंक टैब में “Rebate As lokadalat in section 126” पर क्लिक कर आवेदन प्रस्‍तुत करना होगा। कंपनी के portal.mpcz.in पोर्टल पर कंज्‍यूमर आईडी की प्रविष्टि करते ही उपभोक्‍ता को धारा-126 में दर्ज लंबित प्रकरण प्रदर्शित होगा। उपभोक्‍ता को लोक अदालत की तर्ज पर धारा-126 में छूट प्राप्‍त किए जाने के लिये “उपभोक्‍ता के परिसर या अन्‍य परिसर पर संयोजन के विरूद्ध विद्युत देयक की बकाया राशि नहीं है तथा विचाराधीन प्रकरण पर धारा 127 के अंतर्गत गठित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष या किसी अन्‍य न्‍यायालय के समक्ष कोई अपील लंबित नहीं है न ही निर्णित है“ सत्‍यापित कर सबमिट करना होगा। इसके बाद उपभोक्‍ता ऑनलाइन भुगतान का विकल्‍प चयन कर भुगतान कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिये उपभोक्‍ताओं के लिए नजदीकी विद्युत वितरण केन्‍द्र/जोन पर निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने की सुविधा भी उपलब्‍ध है। कंपनी ने कहा है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के लंबित प्रकरणों में लोक अदालत की तर्ज पर छूट प्रदान कर प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माह के दौरान ही किया जाएगा। लोक अदालत की प्रक्रिया के अनुरूप निर्धारित मापदंडों के अधीन 10 लाख रूपए तक की सिविल दायित्व की राशि के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट तक गैर घरेलू व 10 अश्वशक्ति तक के औद्योगिक श्रेणी के लंबित प्रकरणों का आवेदन संबंधित उप महाप्रबंधक को दिया जाकर, आकलित राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने पश्चात प्रत्येक 6 माही चक्रवर्ती दर अनुसार 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर, 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। बशर्ते किसी प्रकरण में धारा 127 के अंतर्गत गठित अपील प्राधिकरण के समक्ष अथवा उच्‍च न्‍यायालय में कोई अपील लंबित न हो। कंपनी ने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के अंतर्गत यदि एक संयोजन पर एक से अधिक प्रकरण दर्ज हैं तो एक साथ सभी प्रकरणों का भुगतान एक मुश्‍त किया जाना अनिवार्य है। यदि किसी एक संयोजन पर एक से अधिक विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 में प्रकरण दर्ज है तो उपभोक्‍ता को वितरण केन्‍द्र/ जोन पर संपर्क कर आवेदन करना होगा।    

लाडो लक्ष्मी योजना के तहत हरियाणा में 2100 रुपये का भुगतान, तारीख तय

रोहतक   हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसर कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि महिलाओं को 1 नवंबर से 2100 रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे और 25 सितंबर को मुख्यमंत्री इसका एप लॉन्च करेंगे।  कैबिनेट मंत्री आगे कहा कि 1 फोन से 20 से 25 महिलाएं रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है वो एक ही फोन से अपना रजिस्ट्रेशन कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना पर 4 हजार 62 करोड़ रुपए सालाना खर्च होगा। वहीं, लगभग 18 से 20 लाख महिलाएं सीधा लाभ ले सकेंगी। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अन्य योजनाओं के माध्यम से भी महिलाओं को बिजनेस शुरू करने और स्वरोजगार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। 25 सितंबर से शुरू हो जाएंगे रजिस्ट्रेशन हरियाणा सरकार 25 सितंबर को बड़े कार्यक्रम के साथ लाडो लक्ष्मी योजना को लॉन्च करने जा रही है। महिलाओं के ऑनलाइन आवेदन के लिए ट्रायल्स भी शुरू हो गए हैं। ट्रायल के तौर पर हर जिले से 100-100 महिलाओं के रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। करीब 1200 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हो भी चुका है। 25 सितंबर को सीएम सैनी लाडो लक्ष्मी योजना के आवेदन के लिए ऑफिशियल पोर्टल को लॉन्च कर देंगे। इसके बाद महिलाएं इस पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकेंगी। खाते में पैसा कब आएगा 25 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे। पहले चरण में सिर्फ उन्हीं महिलाओं के फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे, जिनके परिवार की आय 1 लाख रुपये से कम है। यह जरूरी है कि परिवार पहचान पत्र में परिवार की आय 1 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए। माना जा रहा है कि 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के मौके पर पात्र महिलाओं के खाते में पैसा आ जाएगा। मतलब 2100 रुपये दिवाली के बाद ही आएंगे। ये कागज होंगे जरूरी ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र (PPP), हरियाणा निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक पासबुक की जरूरत होगी। यही नहीं योजना का लाभ सही महिलाओं तक पहुंचे। इसलिए चेहरे से बायोमैट्रिक पहचान भी जरूरी होगी। बैंक पासबुक की कॉपी में ध्यान रहे कि उसमें IFSC Code जरूर होना चाहिए। इसके अलावा बैंक खाते का आधार कार्ड से लिंक होना और ईकेवाईसी होना भी जरूरी है। इस योजना के तहत एक परिवार की अधिकतम 3 महिलाओं को लाभ मिल सकता है। इनमें सास-बहू और बेटी शामिल है। आवेदन के लिए महिला की उम्र 23 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। इस योजना के लिए शादीशुदा और कुंवारी दोनों महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। हालांकि कुंवारी महिलाओं को हरियाणा में 15 साल से ज्यादा समय से नागरिक होने का प्रमाण देना होगा। जबकि विवाहित महिलाओं का पति 15 साल से ज्यादा समय से हरियाणा का नागरिक होना चाहिए। नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, वे भी आसानी से अपना पंजीकरण करा सकेंगी। एक मोबाइल फोन से 20 से 25 महिलाएं रजिस्ट्रेशन कर पाएंगी। इसके लिए अब उन्हें किसी सीएसआर सेंटर तक बार-बार जाने की जरूरत नहीं होगी। कृष्ण बेदी ने बताया कि इस योजना पर सरकार का सालाना खर्च लगभग 4,062 करोड़ रुपये आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो महिलाएं पिछले 15 वर्षों से हरियाणा में रह रही हैं, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा। इससे हजारों परिवारों की महिलाओं को प्रत्यक्ष आर्थिक मदद मिलेगी। मंत्री ने बताया- सरकार क्यों लागू कर रही ये योजना मंत्री ने कहा कि महिलाओं को लंबे समय तक परिवार के पुरुष सदस्यों पर आर्थिक रूप से निर्भर रहना पड़ता था। सरकार चाहती है कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनें। यही वजह है कि लाडो लक्ष्मी योजना को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए अन्य योजनाएं भी चला रही है, जिनसे वे अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। बेदी ने उम्मीद जताई कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करेगी। योजना की पात्रता और शर्तें उम्र सीमा लाभार्थी महिलाओं की उम्र 23 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आय सीमा परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। स्थाई निवासी महिला स्वयं हरियाणा की स्थायी निवासी हो या फिर विवाहित महिला के पति को हरियाणा में कम से कम 15 साल रहना जरूरी है।

‘कोई खान मुंबई का मेयर न बने…’ BMC चुनाव से पहले अमित साटम का विवादित बयान

मुंबई  मुंबई में निकाय चुनाव नजदीक आते-आते सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है. बीजेपी के नवनियुक्त मुंबई अध्यक्ष अमित साटम ने इस बीच एक विवादित बयान दिया है, जो काफी सुर्खियों में है. एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय का हवाला देते हुए अमित साटम ने कहा कि आगामी नगर निकाय चुनाव शहर की सुरक्षा को लेकर हैं और कोई 'खान' मुंबई का मेयर नहीं बनना चाहिए. मुंबई बीजेपी अध्यक्ष साटम का यह बयान विजय संकल्प रैली के दौरान आया, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी हिस्सा लिया. बीएमसी चुनावों से पहले बयान पिछले महीने मुंबई अध्यक्ष नियुक्त किए गए अमित साटम ने कहा, 'लड़ाई मुंबई को सुरक्षित रखने की है. अंतरराष्ट्रीय देशों में घुसपैठ हो रही है और उनके रंग बदल रहे हैं. कुछ शहरों के मेयरों के सरनेम देखिए. क्या हम मुंबई में भी यही पैटर्न चाहते हैं?' अमित साटम के इस बयान को लंदन और अन्य पश्चिमी देशों में चल रहे एंटी इमिग्रेशन प्रोटेस्ट से जोड़कर देखा जा रहा है. साटम का 'सरनेम' वाला बयान संभवतः लंदन के मेयर सादिक खान की ओर इशारा करता है, जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं. अपनी तीखी टिप्पणी जारी रखते हुए साटम ने आगे कहा, 'वर्सोवा-मालवणी स्टाइल हर जगह फैल सकती है. मुंबईकरों के दरवाजे पर एक बांग्लादेशी होगा. कल हर वार्ड में एक हारून खान चुना जा सकता है और कोई खान मुंबई का मेयर बन सकता है. ऐसा मत होने दीजिए.' मुंबई के वर्सोवा और मालवणी में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है. यह टिप्पणी अवैध बांग्लादेशियों पर राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच आई है, जो बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के लिए एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है. साटम ने ज़ोर देकर कहा कि बीजेपी की लड़ाई सिर्फ़ राजनीतिक नहीं, बल्कि विकास और सुरक्षा की है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर घर तक पहुंचने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि महायुति का कोई महापौर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कार्यभार संभाले. एशिया की सबसे अमीर निगम कही जाने वाली बीएमसी 2022 से चुनावों का इंतजार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तय की है. फडणवीस ने ठाकरे पर हमला बोला अपने संबोधन में मुख्यमंत्री फडणवीस ने याद दिलाया कि कैसे 2017 के नगर निकाय चुनावों के बाद मुंबई में अपना मेयर बनाने के लिए पर्याप्त संख्या होने के बावजूद बीजेपी ने शिवसेना को मेयर का पद दे दिया था. फडणवीस ने कहा, 'हमारी जीत को रोका नहीं जा सकता. पिछली बार बीएमसी में हम सिर्फ़ दो सीटें पीछे रह गए थे. तब एकनाथ शिंदे और मिलिंद नार्वेकर ने मुझे बताया था कि उद्धव ठाकरे नाराज़ हैं. हमने महापौर का पद शिवसेना को दिया, बड़ा दिल रखा.' मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, '2019 में उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया. 2022 में हमें अपनी सरकार वापस मिल गई और 2024 में हमें पूर्ण बहुमत मिला. इस बार मुंबई को महायुति का मेयर मिलेगा.' कौन हैं अमित साटम पिछली महीने अगस्त में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आशीष शेलार की जगह अमित साटम को मुंबई बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह अंधेरी वेस्ट से विधायक हैं और बीएमसी पार्षद भी रह चुके हैं. अमित साटम अपनी साफगोई और आक्रामक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में कई बार विपक्ष पर तीखे हमले किए हैं. मुंबई के स्थानीय मुद्दों पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. इससे पहले उन्होंने संगठन में भी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं.  अमित साटम की नियुक्ति से बीजेपी को निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद है. उनकी नियुक्ति का ऐलान करते वक्त सीएम फडणवीस ने भरोसा जताया कि साटम की अगुवाई में बीजेपी और महायुति को बड़ी सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि साटम न सिर्फ संगठन में काम करने का अनुभव रखते हैं, बल्कि मुंबई की समस्याओं और उनके समाधान की दिशा में भी एक्टिव रोल निभाते आए हैं. 

रॉबर्ट रेडफोर्ड नहीं रहे, 89 की उम्र में हॉलीवुड ने खोया अपना ‘गोल्डन बॉय’

लंदन  हॉलीवुड जगत से एक दुखद खबर आ रही है. मशहूर अभिनेता और निर्देशक रॉबर्ट रेडफोर्ड का निधन हो गया है. उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली. रॉबर्ट को हॉलीवुड का 'गोल्डन बॉय' कहा जाता था. उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई यादगार और बेहतरीन फिल्में दीं. गोल्डन बॉय के नाम से मशहूर थे  रॉबर्ट रेडफोर्ड ने 1960 के दशक में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. उनकी सबसे पॉपुलर फिल्मों में 'बुच कैसिडी एंड द सनडांस किड', 'ऑल द प्रेसीडेंट्स मेन' और 'द स्टिंग' शामिल हैं. उनके खास बाल और मासूम मुस्कान ने उन्हें दर्शकों का पसंदीदा बना दिया. वे 1970 के दशक तक हॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में शुमार थे. निर्देशन की दुनिया में भी रेडफोर्ड ने कमाल किया. उनकी फिल्म 'ऑर्डिनरी पीपल' ने 1980 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का ऑस्कर पुरस्कार जीता. इसके अलावा उन्होंने 'ए रिवर रन थ्रू इट' जैसी संवेदनशील फिल्मों का निर्देशन किया. दो बार जीता ऑस्कर रॉबर्ट रेडफोर्ड दुनिया के सबसे बड़े सम्मान ऑस्कर अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं. ये अवॉर्ड उन्हें फिल्म "आउट ऑफ अफ्रीका" के लिए मिला था, जिसमें रेडफोर्ड ने मेर्ल स्ट्रीप के साथ लीड रोल निभाया था. इस फिल्म में उनका किरदार काफी यादगार था, जिसने उन्हें और भी लोकप्रिय बनाया. इसके अलावा, रॉबर्ट रेडफोर्ड ने 1980 में अपनी डायरेक्शन के लिए भी ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त किया था. उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार उनकी फिल्म "ऑर्डिनरी पीपल" के लिए मिला था. इंडस्ट्री से बना ली थी दूरी हालांकि रेडफोर्ड ने 2018 में अभिनय से संन्यास लेने की घोषणा कर फैंस को निराश कर दिया था. एक्टर ने 2016 में कहा था कि वो "एक्टिंग से थक चुके हैं". रेडफोर्ड ने सनडांस इंस्टीट्यूट की स्थापना करके स्वतंत्र फिल्मकारों को मंच दिया. यह संस्था बाद में सनडांस फिल्म फेस्टिवल के रूप में विकसित हुई, जो आज दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक है. उन्हें "इंडी सिनेमा का गॉडफादर" कहा जाता है. सिनेमा के अलावा, रेडफोर्ड पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक्टिव रहे. उन्होंने यूटा के प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने के लिए कई अभियानों का नेतृत्व किया. रॉबर्ट रेडफोर्ड की मौत से फिल्म जगत में एक बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन उनकी कला और सामाजिक योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे.

स्मृति मंधाना ने World Cup से पहले जमाया शतक, रचा इतिहास, 15 शतक जड़ने वाली पहली महिला बनी स्मृति

नई दिल्ली  2025 का महिला विश्व कप 30 सितंबर से शुरू होने वाला है. इसके पहले स्मृति मंधाना ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धमाकेदार शतक जड़ा है. उन्होंने मात्र 77 गेंदों में 100 पूरा किया. इसी के साथ उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो आज तक एशिया की कोई महिला सुपरस्टार नहीं कर पाई. स्मृति ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में अपनी इस पारी द्वारा अलग-अलग कमाल किए हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा ताबड़तोड़ शतक ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच दूसरे वनडे अंतर्राष्ट्रीय में स्मृति मंधाना ने धमाकेदार शुरुआत दी. मंधाना ने 77 गेंदों में 100 रन बना दिए. इसी के साथ वो भारतीय विमेंस क्रिकेट इतिहास में दूसरा सबसे तेज वनडे शतक जड़ने में सफल हुई हैं. पहले पायदान पर भी उनका ही नाम है. उन्होंने इसके पहले आयरलैंड की महिला टीम के खिलाफ राजकोट में 70 गेंदों में शतक लगाया था. उन्होंने इसके बाद भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. टीम इंडिया की पारी के 33वें ओवर में ताहलिया मैक्ग्राथ की गेंद पर स्मृति कैच आउट हो गई. इसी के साथ 91 गेंदों में 117 रन बनाकर उन्होंने अपनी पारी का अंत कर दिया. उन्होंने कुल 4 छक्के और 14 चौके जड़े. 15 शतक जड़ने वाली पहली महिला बनी स्मृति स्मृति मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने के साथ इतिहास रच दिया है. वो एशिया की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 15 शतक लगाए हैं. उन्होंने टी20 में एक और टेस्ट में 2 शतक जड़े थे. उन्होंने वनडे में 12वां शतक लगाया और इसी के साथ वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए 15 लगा चुकी हैं. कोई भी अन्य एशियाई महिला ये कारनामा नहीं कर पाई हैं. वर्ल्ड कप से पहले उन्हें इस शतक से आत्मविश्वास मिलेगा. वर्ल्ड में नंबर 1 बनने से कुछ कदम दूर स्मृति मंधाना ने वनडे करियर का 12वां शतक लगा दिया है और वो अब महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा वनडे शतक लगाने वाली खिलाडियों की लिस्ट में चौथे पायदान पर आ गई हैं. टॉप पर मेग लैनिंग हैं, जिन्होंने 15 बार 100 का आंकड़ा पार किया है. कुछ और शतक लगाकर इस लिस्ट में नंबर 1 बन सकती हैं.