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सूर्य की चमक से नहाएगा भाग्य! 27 सितंबर को इन राशियों की किस्मत देगी साथ

मेष राशि- रिश्तों में थोड़ी खटास आ सकती है, खासकर दूर के रिश्तों में। लेकिन लव लाइफ अच्छी रहेगी। नौकरीपेशा लोगों को इंटरव्यू में सफलता मिल सकती है। व्यापारी नए आइडिया पर काम शुरू करेंगे। धन की आवक बनी रहेगी और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। हाँ, निवेश सोच-समझकर करें ताकि नुकसान से बचें। वृषभ राशि- आज आत्मविश्वास ऊंचा रहेगा। कामकाज में नए मौके मिलेंगे। प्रोफेशनल लाइफ़ में स्ट्रेस कम रखें और खुद पर भरोसा करें। खर्च पर कंट्रोल रखें और भविष्य के लिए मजबूत आर्थिक प्लान बनाएं। मिथुन राशि- जीवन में नए लोग आ सकते हैं। किसी खास के प्रति आकर्षण बढ़ सकता है, प्रपोज करने का भी सही समय है। नवविवाहित दंपत्ति दिन अच्छा बिताएंगे। धन की स्थिति मजबूत है, कुछ लोग वाहन खरीद सकते हैं या निवेश कर सकते हैं। कर्क राशि- लव लाइफ में मिठास बढ़ेगी। कार्यस्थल पर बदलाव होंगे जो आगे चलकर तरक्की देंगे। अचानक धन प्राप्ति के योग हैं। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नए अवसर खोजें। सिंह राशि- रोमांस से जुड़ी उलझनें पॉजिटिविटी से सुलझाएं। रिश्तों में बदलाव आएगा। दिन के दूसरे हिस्से में शादी तय करने के लिए शुभ समय है। इंटरव्यू देने वालों को सफलता मिल सकती है। कन्या राशि- आज नए लोगों से मुलाकात हो सकती है। कार्यस्थल की चुनौतियों को संभालना होगा। आज निवेश के लिए अच्छा दिन है। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। कई स्रोतों से धन लाभ संभव है। तुला राशि- लव लाइफ में धैर्य रखें। ऑफिस पॉलिटिक्स से बचें। किसी से गॉसिप न शेयर करें। कुछ लोगों को फंड जुटाने में दिक्कत हो सकती है, लेकिन बिज़नेस करने वालों को पार्टनर का सहयोग मिलेगा। निवेश के लिए समय अच्छा है। स्वास्थ्य में सीने या पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है। वृश्चिक राशि- काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। ऑफिस पॉलिटिक्स से दूरी रखें। सोना-चांदी में निवेश फायदेमंद हो सकता है। प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बैलेंस बनाए रखें। धनु राशि- रिश्तों की दिक्कतें हल करने की कोशिश करें। धन और स्वास्थ्य में सावधानी बरतें। करियर में आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। पैसों की हल्की तंगी हो सकती है या परिवार के किसी सदस्य की दवा पर खर्च करना पड़ सकता है। मकर राशि- सिंगल लोग किसी आकर्षक व्यक्ति की ओर खिंच सकते हैं। रिलेशनशिप में नई गहराई आएगी। अपने सपने साझा करें। कार्यस्थल पर सकारात्मक बदलाव होंगे। निवेश खुद सोच-समझकर करें। कुंभ राशि- आज का दिन अपनी प्रतिभा दिखाने का है। आत्मविश्वास रखें। अप्रत्याशित मौके मिल सकते हैं। आर्थिक रूप से तरक्की होगी। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन या डायरी लिखने जैसी आदतें अपनाएं। मीन राशि- आज किसी खास से मुलाकात या प्रपोज करने का मौका मिल सकता है। प्रोफेशनल लाइफ में ऊर्जा और उत्साह रहेगा। नई जिम्मेदारियां मिलेंगी और आप उन्हें समय पर पूरा करेंगे। आय के कई रास्तों से धन लाभ होगा।

ऑपरेशन सिंदूर से घबराया पाकिस्तान, लश्कर का ट्रेनिंग कैंप अफगान सीमा पर पहुंचाया

खैबर पख्तूनख्वा  पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का नया ट्रेनिंग सेंटर बन रहा है. यह खबर पूरे इलाके की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. यह सेंटर आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है. नया ट्रेनिंग सेंटर: मरकज जिहाद-ए-अकसा यह सेंटर लोअर डिर जिले के कुम्बन मैदान इलाके में बनाया जा रहा है. यह अफगान सीमा से करीब 47 किलोमीटर दूर है. 4643 वर्ग फुट के प्लॉट पर यह बन रहा है, जो LeT के हाल ही में बने जामिया अहले सुन्नाह मस्जिद के बगल में है.  निर्माण जुलाई 2025 में शुरू हुआ, जो ऑपरेशन सिंदूर के दो महीने बाद था. यह दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर भारत की तरफ से था, जिसमें LeT के कई ठिकाने तबाह हो गए थे. मुख्य विशेषताएं और उद्देश्य     ट्रेनिंग प्रोग्राम: यहां दो मुख्य कोर्स चलेंगे – दौरा-ए-खास और दौरा-ए-लश्कर. ये आतंकियों को हथियार चलाना, हमले करना और जिहाद की ट्रेनिंग देंगे.     पुराने सेंटर की जगह: यह LeT के जान-ए-फिदाई फिदायीन यूनिट की जगह लेगा. यह यूनिट पहले भींबर-बरनाला के मरकज अहले हदीस में था, जो ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया था.     भर्ती और कट्टरवाद: यहां नए लोगों की भर्ती होगी, उन्हें कट्टर बनाया जाएगा. बड़े ग्रुप में ट्रेनिंग दी जाएगी. नेतृत्व और संचालन     कमांड: नसर जावेद को कमान सौंपी गई है. वह 2006 के हैदराबाद बम धमाके का सह-मास्टरमाइंड था. 2004 से 2015 तक वह PoK के दुलाई कैंप चला चुका है.     जिहाद की शिक्षा: मुहम्मद यासिन (उर्फ बिलाल भाई) जिहाद की धार्मिक शिक्षा देगा.     हथियार ट्रेनिंग: अनस उल्लाह खान हथियारों की ऑपरेशनल ट्रेनिंग संभालेगा. उसने 2016 में LeT के गढ़ी हबीबुल्लाह कैंप में ट्रेनिंग ली थी. रणनीतिक महत्व     स्थान बदलना: LeT ने PoK और पंजाब के पुराने ठिकानों को छोड़कर खैबर पख्तूनख्वा में शिफ्ट किया है. इसका मकसद भविष्य में भारतीय हमलों से बचना है.     दूसरे ग्रुप्स से तालमेल: यह सेंटर हिजबुल मुजाहिदीन के HM-313 कैंप से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है. इससे दोनों ग्रुप्स के बीच समन्वय या रणनीतिक सहयोग की आशंका है.     पाकिस्तानी सेना की भूमिका: जून 2025 में पाकिस्तानी सेना ने क्लीनअप ड्राइव चलाई, जिसमें 2 दर्जन से ज्यादा TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के सदस्य मारे गए. इससे इलाके को LeT के लिए साफ कर दिया गया लगता है. इलाके की सुरक्षा चिंताएं     आतंकी गतिविधियां: यह इलाका हमेशा से भारत-विरोधी आतंकवाद का केंद्र रहा है. यहां अल बद्र और TTP जैसे ग्रुप्स सक्रिय हैं.     नागरिकों की हानि: जून 2025 से पाकिस्तानी सेना और एयर फोर्स के हवाई हमलों में 40 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. इससे काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस की प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं.     पाकिस्तान की रणनीति: पाकिस्तान अच्छे आतंकवाद को बढ़ावा देता है और बुरे आतंकवाद को खत्म करता है. यह बात मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने खुद स्वीकार की है. इससे पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता पर शक होता है. यह नया सेंटर भारत और पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है. LeT जैसे ग्रुप्स की गतिविधियां बढ़ने से शांति भंग हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर नजर रखनी चाहिए. भारत को अपनी सुरक्षा मजबूत करनी होगी ताकि ऐसे हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.

अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक जारी, MP हाईकोर्ट में 29 अक्टूबर को होगी सुनवाई

 जबलपुर  हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष गुरुवार को लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो के दुरुपयोग को चुनौती के मामले में सुनवाई हुई। मेटा कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी वर्चुअल पैरवी की। उन्होंने माना कि इंटरनेट मीडिया के कई प्लेटफार्म्स पर हाई कोर्ट प्रकरणों की सुनवाई के वीडियो का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें आपत्तिजनक वीडियो के यूआरएल लिंक उपलब्ध करा दिए जाएं तो उन वीडियो को हटा दिया जाएगा। 29 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उक्त लिंक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत सभी क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। कोर्ट की बातों को मिर्च मसाला लगाकर करते हैं वायरल जबलपुर निवासी अधिवक्ता अरिहंत तिवारी और विदित शाह ने याचिका दायर कर बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर मीम्स या शार्ट्स के माध्यम से डाली जाती है। यह आपत्तिजनक है। कई बार न्यायाधीशों द्वारा ओपन कोर्ट में कही बातों को मिर्च मसाला लगाकर उन्हें वायरल किया जाता है। यह अदालत की अवमानना है। गतिविधियों की मानिटरिंग करें आईटी याचिका में मांग की गई कि यूट्यूब के स्थान पर वेबेक्स आधारित प्लेटफॉर्म के जरिए प्रकरणों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए, जो कि कुछ हद तक सुरक्षित है। यह मांग भी की गई कि रजिस्ट्रार आईटी भी इस तरह की गतिविधियों पर मानिटरिंग करें और नियंत्रण सुनिश्चित करें।

सोनम वांगचुक पर सख्त एक्शन, लेह बवाल के बाद NSA के तहत हुई गिरफ्तारी

लेह लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को आज गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ ये एक्शन लेह हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हुआ है. उन्हें जेल में शिफ्ट किया जाए या कोई अन्य व्यवस्था की जाए, इस पर फैसला लिया जा रहा है. वांगचुक के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप है. सोनम वांगचुक को डीजीपी एसडी सिंह जामवाल के नेतृत्व में लद्दाख पुलिस की एक टीम ने गिरफ़्तार किया है. वांगचुक की गिरफ़्तारी के बाद एहतियात के तौर पर लेह में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दी गई है. साथ ही ब्रॉडबैंड की स्पीड कम कर दी गई है. दरअसल, 24 सितंबर यानी बुधवार को लेह में हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 90 लोग घायल हुए थे. हिंसक झड़प के बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया. पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने कर्फ़्यू का सख्ती से पालन कराया. अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. लेह जिला मजिस्ट्रेट ने 2 दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया. क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लेह के अलावा कारगिल सहित अन्य शहरों में भी धारा 144 लागू कर दी गई. उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने हाईलेवल सुरक्षा बैठक की और हिंसा की घटनाओं को षड्यंत्र का नतीजा बताते हुए सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए. लेह हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक पर आरोप लगाया कि उनके भड़काऊ बयानों ने भीड़ को उकसाया, जिसके चलते प्रदर्शन हिंसक हो गए. मंत्रालय के मुताबिक वांगचुक ने अरब स्प्रिंग और नेपाल के Gen-Z आंदोलनों का हवाला देकर युवाओं को भड़काया, जिसके बाद लेह में बीजेपी कार्यालय और कुछ सरकारी गाड़ियों में आग लगा दी गई. गृह मंत्रालय ने कहा कि 24 सितंबर को सुबह 11:30 बजे वांगचुक के भाषण के बाद भीड़ उनके भूख हड़ताल स्थल से निकलकर बीजेपी ऑफिस और लेह के सीईसी दफ्तर पर हमला करने पहुंच गई. भूख हड़ताल और मांगें सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी, उनकी मांग थी कि लद्दाख के लिए संवैधानिक गारंटी, अधिक स्वायत्तता, राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा दिया जाए. बुधवार को हिंसा बढ़ने के बाद उन्होंने अपना 2 हफ्ते का अनशन खत्म कर दिया था. मीटिंग्स का दौर जारी सरकार ने कहा कि लद्दाख में लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस जैसे क्षेत्रीय संगठनों से उच्चस्तरीय समिति (HPC), उपसमितियों और अनौपचारिक बैठकों के जरिए बातचीत चल रही है.

ट्रंप वाइट हाउस में मौजूद, फिर भी गेट पर क्यों रुके रहे शहबाज-मुनीर?

न्यूयॉर्क पाकिस्तान का बेइज्जती शब्द से गहरा नाता है. चाहे कोई भी मंच हो, उसकी इंटरनेशनल बेइज्जती अक्सर होती है. अबकी बार अमेरिका में पाकिस्तान की बेइज्जती हुई है. जी हां, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर ट्रंप दरबार पहुंचे थे. शुक्रवार को वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की मुलाकात हुई. मगर इस मुलाकात के लिए पाकिस्तानी पीएम को अपनी बेइज्जती करवानी पड़ी. डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए आसिम मुनीर के साथ शहबाज शरीफ को वाइट हाउस के गेट पर इंतजार करना पड़ा. काफी देर बाद उन दोनों को डोनाल्ड ट्रंप का दीदार हुआ. अब सवाल है कि आखिर शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए इतना लंबा इंतजार क्यों करना पड़ा? दरअसल, पाकिस्तान की इस बेइज्जती का परोक्ष रूप से कारण चीन ही है. जी हां, डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को कुछ देर इंतजार कराया. कारण कि उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप एक अहम डील में बिजी थे. जब वाइट हाउस की दहलीज पर शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर खड़े थे, तब अंदर ट्रंप का टिकटॉक को लेकर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना और प्रेस से मुलाकात जारी रहा. इसके कारण ही ट्रंप ने अपने घर आए मेहमान शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को इंतजार कराया. हालांकि, जब टिकटॉक डील पर सिग्नेचर और प्रेस वार्ता खत्म हो गई, तब जाकर ट्रंप ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर से मुलाकात की. ट्रंप और शरीफ के बीच वार्ता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ वार्ता की. ट्रंप और शहबाज शरीफ के बीच यह मुलाकात इस बात के संकेत हैं कि अमेरिका और परमाणु शक्ति वाले पाकिस्तान के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही है. शहबाज शरीफ उन आठ अरब या मुस्लिम देशों के टॉप अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ट्रंप से मुलाकात की. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार होता दिख रहा है, क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग और रूसी तेल की वजह से अमेरिका और भारत के संबंधों में खटास है. ट्रंप ने मास्को पर अप्रत्यक्ष आर्थिक दबाव डालने के प्रयास में भारत से तेल खरीद पर टैरिफ में बढ़ोतरी की है. जब ट्रंप से हुई शरीफ की मुलाकात इससे पहले अमेरिका और पाकिस्तान ने जुलाई में एक व्यापार समझौता किया था. इससे उम्मीद है कि वाशिंगटन पाकिस्तान के बड़े पैमाने पर अप्रयुक्त तेल भंडार को विकसित करने और इस्लामाबाद के लिए टैरिफ कम करने में मदद करेगा. शहबाज शरीफ गुरुवार शाम 5 बजे (अमेरिकी समयानुसार) से कुछ पहले वाइट हाउस पहुंचे. वह तब पहुंचे जब ट्रंप कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर रहे थे और पत्रकारों से बात कर रहे थे. दोनों नेताओं के बीच बैठक मीडिया के लिए बंद थी, और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल शाम 6.18 बजे वाइट हाउस से रवाना हुआ. हालांकि, शहबाज शरीफ को ट्रंप से मुलाकात करने के लिए 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. इसके बाद दोनों के बीच यह बैठक करीब 1 घंटे 20 मिनट चली. पाक-अमेरिका कैसे आ रहे करीब? शहबाज शरीफ ने इस साल पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने के अपने प्रशासन के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था. शहबाज शरीफ और मुनीर दोनों पक्के ट्रंप समर्थक बन चुके हैं. पाकिस्तान तो बार-बार यही कह रहा है कि अमेरिका ने ही सीजफायर करवाया. जबकि भारत का इसे लेकर साफ कहना है कि पाकिस्तान की गुहार पर भारत ने सीजफायर किया. शहबाज शरीफ और मुनीर सीजफायर का क्रेडिट ट्रंप को देते हैं, मगर पीएम मोदी इससे इनकार कर चुके हैं. बहरहाल, यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ट्रंप दरबार पहुंचे हैं. इससे पहले भी ट्रंप उन्हें हलाल खिला चुके हैं.  

गृह युद्ध की साजिश रचने का आरोप: गिरिराज सिंह का बड़ा बयान

बेगूसराय,  ‘आई लव मुहम्मद’ बनाम ‘आई लव महाकाल’ विवाद को लेकर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और मुफ्ती जैसे नेता देश में लोगों को भड़काकर गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं। गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अभी दो दिन पहले लेह में जो घटना हुई, वह राहुल गांधी की ही योजना का हिस्सा है। उनका काम करने का तरीका अर्बन नक्सलियों जैसा है। ‘आई लव मुहम्मद’ विवाद भी उसी कड़ी का हिस्सा है। लेकिन अब आम जनता इनसे दूरी बना रही है। मुस्लिम समाज से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे नेताओं को लोगों को भड़काने के बजाय सामाजिक समरसता की बात करनी चाहिए। राहुल गांधी न केवल देश में आगजनी कर रहे हैं बल्कि विदेशी अखबारों के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने का काम भी कर रहे हैं। लगता है उन्हें देश से ज्यादा विदेश से प्यार हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को ‘नेपो किड’ करार देते हुए कहा कि दोनों केवल बड़े राजनीतिक घरानों से आने के कारण ही पहचाने जाते हैं। अगर ये खानदानी राजनीति के वारिस नहीं होते तो मोहल्ले के लोग भी इन्हें नहीं पहचानते। लेह से लेकर मणिपुर तक आग भड़काने का काम राहुल गांधी ने किया है। वहीं, राहुल गांधी द्वारा ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ने वाले बयान पर गुरुवार को उन्होंने कहा कि वे अर्बन नक्सल की ओर बढ़ रहे हैं। राजनीति में हाइड्रोजन और न्यूक्लियर बम नहीं होते हैं। राजनीति सामाजिक सरोकार और लोकतांत्रिक व्यवस्था का है, आग लगाने का नहीं है। वे देश में गृह युद्ध करवाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि राहुल गांधी जिस ढंग की भाषा बोल रहे हैं, अगर वह भाषा मैं बोलूं तो उन्हें बड़ा बुरा लगेगा।  

भाजपा ने मंडी में खोला नया पार्टी कार्यालय, लेह हिंसा पर बोले जयराम ठाकुर

मंडी, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले मे भारतीय जनता पार्टी के नए जिला कार्यालय का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मौजूद रहे। नए पार्टी कार्यालय के शुभारंभ उन्होंने मीडियाकर्मियों ने कहा कि भाजपा संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए हर जिले में अपना कार्यालय स्थापित कर रही है। मंडी में यह अस्थाई कार्यालय है और स्थायी भवन के लिए जमीन तलाशी जा रही है। जल्द ही इसका निर्माण भी किया जाएगा। पार्टी के नए कार्यालय के शुभारंभ की तस्वीरें शेयर करते हुए जयराम ठाकुर ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “आज मंडी में प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन जी के साथ जिला भाजपा कार्यालय का शुभारंभ किया। यह नया कार्यालय क्षेत्र में संगठन की मजबूती के साथ-साथ जनसेवा, विकास और सुशासन के हमारे संकल्प को और गति देने का केंद्र बनेगा। उपस्थित सभी विधायकगण, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।” कार्यालय का शुभारंभ करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जयराम ठाकुर ने लेह में हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन हिंसा का कोई स्थान नहीं। जो लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार इस मामले पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं,, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि वोट चोरी कर सत्ता चलाने वाली कांग्रेस आज भाजपा पर ही आरोप लगाने का काम कर रही है। राहुल गांधी की देश में कोई स्वीकार्यता नहीं है, उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। उनके आरोपों का कोई महत्व नहीं रह जाता और देश इस सच्चाई को देख रहा है। भाजपा के इस कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री सिद्धार्थन, मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, प्रदेश महामंत्री पायल वैद्य और मंडी जिला भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा समेत पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।  

ब्रह्माकुमारी प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री साय से की मुलाकात, वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिया निमंत्रण

मुख्यमंत्री साय को वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिया निमंत्रण रायपुर,  मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री  निवास कार्यालय में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर रायपुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने मुख्यमंत्री  साय को आगामी 10 से 13 अक्टूबर तक माउण्ट आबू में आयोजित होने वाले वैश्विक शिखर महासम्मेलन में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री  साय ने प्रतिनिधि मण्डल को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं तथा आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शांति, आध्यात्मिकता और मानवता के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। भेंट के दौरान सविता दीदी ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के आगामी रायपुर प्रवास के दौरान नवा रायपुर, सेक्टर-20 स्थित शान्ति शिखर के नये भवन "एकेडमी फार ए पीसफुल वर्ल्ड- शान्ति शिखर" के लोकार्पण कार्यक्रम की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। प्रतिनिधि मण्डल में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि दीदी, बीके महेश डोडवानी और बीके हीरेन्द्र नायक भी उपस्थित रहे।  

भाजपा को लाडो लक्ष्मी योजना से मिलेगी बढ़त? हरियाणा में बेटियों को मिलेंगे सबसे ज्यादा रुपये

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने लाडो लक्ष्मी योजना की शुरुआत कर देश की राजनीति में नया अध्याय लिख दिया है। यह योजना न सिर्फ हरियाणा सरकार के लिए गेम चेंजर साबित होगी बल्कि भाजपा बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और यूपी के विधानसभा चुनाव में भी इस योजना को भुनाने की कोशिश करेगी। इस योजना की सबसे बड़ी यूएसपी यही है कि जो राशि पात्र महिलाओं व लाभार्थियों को दी जा रही है, वह देश में सबसे ज्यादा है। पूरे देश में इस समय आठ योजनाएं चल रही हैं जिनके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके बैंक खाते में हर माह वित्तीय मदद दी जाती है। राज्य सरकार की लाडो लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। बाकी किसी योजना में इतने पैसे नहीं मिलते हैं। मध्य प्रदेश में 1250 रुपये, ओडिशा में 800 रुपये, महाराष्ट्र में 1500 रुपये, पश्चिम बंगाल में 1200 रुपये, झारखंड में 1000 रुपये, कर्नाटक में दो हजार रुपये, तेलगांना में दो हजार रुपये और हिमाचल प्रदेश में 11 सौ रुपये दिए जा रहे हैं। दिल्ली और पंजाब में भी योजना प्रस्तावित हैं, जहां एक-एक हजार रुपये दिए जाने हैं। भाजपा सरकार अब यही भुनाने की कोशिश करेगी कि उसने जो वादा किया था, उसे वह समय पर पूरा कर रही है। हालांकि विपक्ष सवाल उठा रहा है कि पहले सभी महिलाओं को वित्तीय मदद देने की घोषणा की गई थी, मगर अब सिर्फ कुछ ही महिलाओं को दी जा रही है। विपक्ष को जवाब देते हुए सीएम ने कहा- अभी तो सरकार को एक साल पूरा नहीं हुआ है। इस योजना को चार चरणों में पूरा जाना है। बाकी तीन चरणों की घोषणा भी बहुत जल्द किया जाएगा। सबसे ज्यादा हरियाणा में महिलाओं को दिए जाएंगे पैसे प्रदेश                       योजना        लाभ (राशि) मध्यप्रदेश             लाडली बहना      1250 ओडिशा               सुभद्रा                800 महाराष्ट्र         माझी लाडकी बहीण   1500 पश्चिम बंगाल     लक्ष्मी भंडार    1200 झारखंड          मैया सम्मान       1000 कर्नाटक       गृह लक्ष्मी योजना    2000 तेलगांना       गृह लक्ष्मी योजना    2000 योजना को लेकर महिलाओं में था गजब उत्साह लाडो लक्ष्मी योजना के लॉचिंग के मौके पर ताऊ देवी लाल स्टेडियम महिलाओं से पूरा खचाखच भरा हुआ था। योजना को लेकर महिलाओं के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिल रही थी। महिलाओं को इस बात का अहसास था कि जब उनके खाते में रुपये आएंगे तो वे उन रुपयों से अपनी ख्वाहिशों को पूरा कर पाएंगी। अंबाला से पहुंची पल्लवी ने बताया, ये पैसे उनकी जिंदगी के लिए काफी अहम रखते हैं। उनके पति एक दुकान में नौकरी करते हैं। उन पैसों से जैसे-तैसे खर्चा चल रहा है। इससे उन्हें काफी बल मिल पाएगा। वहीं, पंचकूला की सखी ने बताया, सरकार से मिलने वाली यह मदद उनके परिवार के लिए काफी मायने रखती हैं। इस महंगाई के दौर में ये पैसे उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद करेगी। अब प्रतियोगी परीक्षाओं की कर पाउंगी तैयारी : पुष्पेंद्र रायपुररानी की पुष्पेंद्र ने बताया, उसे इस योजना का बेसब्री से इंतजार था। इस योजना से आने वाले रुपयों से मैं अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर पाउंगी। मेरा सपना सरकारी नौकरी करने का है। इस वित्तीय मदद से मैं अब सीईटी की कोचिंग की तैयारी कर पाउंगी। मेरे मम्मी पापा नहीं है, इस योजना से मिलेगा सहारा : रजनी मंच से लाडो लक्ष्मी योजना में आवेदन करने वाली रजनी ने बताया, उसके मम्मी-पापा नहीं है। राज्य सरकार की इस योजना से मुझे काफी लाभ मिलेगा। इन रुपयों की मदद से मेरी आगे की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रह सकेगी। मैं नर्सरी टीचर बनना चाहती हूं। पैसे होंगे तो कुछ कर पाउंगी : कामना रायपुररानी की कामना ने बताया, वह अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं। ग्रेजुएशन के बाद कुछ सोचा नहीं है। इतने पैसे नहीं हैं कि कोई तैयारी कर पाउं। अब यदि पैसे आते हैं तो मैं कुछ आगे सोच पाउंगी। मेरे पास प्रशासन की ओर से कॉल आई थी कि आपको इस योजना में आवेदन कर सकती हैं। यह सुनते ही मैं खुश हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का दिवाली से पहले अहम फैसला, दिल्ली-NCR में चल सकेंगे ग्रीन पटाखे

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले पटाखों को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में उन निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की इजाजत दे दी, जिनके पास नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) से प्रमाणित सर्टिफिकेट हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि ये निर्माता दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अगले आदेश तक किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए हलफनामा देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री नहीं करेंगे। यह फैसला वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह हितधारकों के साथ मिलकर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित समाधान तैयार करे और इसे 8 अक्टूबर तक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। इससे पहले, एससी ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध को चुनिंदा तरीके से लागू करने पर सवाल उठाया था। इसने कहा था कि अगर स्वच्छ हवा राष्ट्रीय राजधानी के कुलीन निवासियों का अधिकार है, तो यह पूरे देश के नागरिकों को भी मिलना चाहिए। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जज विनोद चंद्रन की पीठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों के विनियमन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट का तर्क और संतुलन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिहार में खनन पर प्रतिबंध लगाने से अवैध माफिया पैदा हो गए। ऐसे में दिल्ली-NCR में भी पटाखों पर पूर्ण पाबंदी से अवैध बाजार बढ़ रहा है। कोर्ट का कहना है कि इस मसले पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। बिक्री पर अभी भी संशय हालांकि राहत सिर्फ निर्माण तक सीमित है। कोर्ट ने अभी साफ नहीं किया है कि दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री और दागने की इजाजत होगी या नहीं। इस पर अंतिम फैसला 8 अक्टूबर की सुनवाई में हो सकता है। केंद्र सरकार को आदेश सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने की स्पष्ट नीति बनाई जाए। कोर्ट ने माना कि अब तक दिल्ली-NCR में पूरी तरह बैन लागू नहीं हो सका है। अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर पर दिल्ली-NCR की जनता में उत्सुकता है कि क्या दिवाली पर सालों बाद पटाखों की आवाज गूंजेगी। अब देखना होगा कि 8 अक्टूबर की सुनवाई में कोर्ट बिक्री और आतिशबाज़ी पर क्या फैसला सुनाता है। इससे कई सवाल खड़े हुए हैं कि क्या यह कदम प्रदूषण संकट को और बढ़ाएगा या फिर “ग्रीन पटाखे” सच में समाधान साबित होंगे। पटाखा बनाने वालों को देना होगा लिखित वचन बता दें कि पटाखा निर्माताओं को यह भी लिखित वचन देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में कोई पटाखा नहीं बेचेंगे। यह आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि इस क्षेत्र में दिवाली के समय प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है। इस मामले पर अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि आगे बिक्री पर क्या कदम उठाए जाएं। पूरे देश में नहीं लगा सकते रोक- बीआर गवई  बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि वह पूरे देश में पटाखों की बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकता, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस बारे में कोई राष्ट्रीय स्तर का प्रतिबंध प्रस्तावित नहीं किया है। राजधानी में 494 तक पहुंच गया था एक्यूआई शीर्ष अदालत का यह कदम दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उठाया गया है। नवंबर 2024 में राजधानी का औसत एक्यूआई 494 तक पहुंच गया था, जिससे शहर घने स्मॉग की चादर में लिपट गया था और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया था। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिवाली से ठीक पहले आया है, जब पटाखों की बिक्री और जलाने से प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ सकता था। अब दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।  क्या NCR के शहर ही साफ हवा के हकदार? चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर एनसीआर के शहर स्वच्छ हवा के हकदार हैं, तो दूसरे शहरों के लोग क्यों नहीं? जो भी नीति होनी चाहिए, वह अखिल भारतीय स्तर पर होनी चाहिए। हम केवल इसलिए दिल्ली के लिए नीति नहीं बना सकते कि वे देश के कुलीन नागरिक हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं पिछली सर्दियों में अमृतसर में था और वहां प्रदूषण दिल्ली से भी बदतर था। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो उन्हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’ सीनियर वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि कुलीन वर्ग अपना ख्याल खुद रखता है। प्रदूषण होने पर वे दिल्ली से बाहर चले जाते हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा।