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इन 5 रात्रीकर्मों से बनें धन और कामयाबी के मालिक

जीवन में सफल होना हर कोई चाहता है। और हर कोई यह भी जानता है कि सफलता पानी है तो मेहनत से नहीं बचा जा सकता। लेकिन कई बार सिर्फ मेहनत करने से भी कुछ हाथ नहीं लगता। आप खुद भी अपने आस-पास कई लोगों को पाएंगे जो मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन उन्हें सफल दूर-दूर तक नहीं कहा जा सकता। दरअसल जीवन में कुछ करना है तो प्रॉपर प्लानिंग की भी जरूरत होती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इसी सफलता के सूत्र का जिक्र किया है। उन्होंने कुछ छोटी-छोटी आदतों के बारे में लिखा, जिन्हें आज भी यदि जीवन में उतार लिया जाए तो सफलता और धन दोनों आपके हिस्से आ सकते हैं। आचार्य की बताई इन बातों को रात में सोने से पहले फॉलो करें और अपने जीवन में पॉजिटिव बदलाव देखें। दिन कैसा गया, इसपर विचार करें आचार्य चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने कर्मों का हिसाब रखता है, वो जीवन में कभी असफल नहीं हो सकता। इसलिए रोजाना आपने दिन भर में क्या किया, इसका ब्यौरा आपके पास जरूर होना चाहिए। रात में जब भी सोने जाएं, तो कुछ देर जरूर सोचें कि आपका दिन कैसा रहा। क्या कुछ गलतियां आपने की, उनसे क्या सीखा और दिन को बेहतर बनाने के लिए आप क्या कर सकते थे। ऐसे आप आने वाले दिन की बेहतर प्लानिंग कर पाएंगे। अपने ज्ञान का विस्तार करें सोने से पहले कुछ देर अपना समय किताबों के साथ बिताएं। आधा घंटा या कम से कम बीस मिनट भी मिनट भी, कोई अच्छी किताब पढ़ें। कुछ ऐसा जो आपके ज्ञान में वृद्धि करे। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान सबसे बड़ा धन होता है। ऐसे में अगर सफल और धनवान बनना है तो ज्ञान के विस्तार की ओर ध्यान दें। अगले दिन की योजना बनाएं अगला दिन बेहतर और प्रोडक्टिव हो, इसके लिए पहले से ही प्रॉपर प्लानिंग करना जरूरी है। इसलिए रात में सोने से पहले ही एक मोटा-मोटा खाका अपने मन में तैयार कर लें कि आने वाला दिन आप कैसे बिताने वाले हैं। दिन के कुछ खास एजेंडा सेट करें। खासतौर से सुबह क्या करना है; पहले से ही डिसाइड कर लें। इस तरह आपका अगला दिन प्रोडक्टिव होगा और अपने गोल समय पर अचीव कर पाएंगे। अपने लक्ष्य के बारे में सोचें आजकल जिसे विजुलाइजेशन कहा जाता है, वो आचार्य चाणक्य ने सालों पहले अपनी नीति में बता दिया था। आचार्य कहते हैं कि व्यक्ति का मन हमेशा इसके लक्ष्य पर सधा हुआ होना चाहिए। जिसके आगे अपना लक्ष्य एकदम तय है, वो भविष्य में कभी भटकता नहीं और सफलता भी उसे जरूर मिलती है। इसलिए रात में सोने से पहले कुछ देर अपने लक्ष्य के बारे में सोचें। सोचकर देखें कि आपने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है तो उस वक्त आप कैसा महसूस करेंगे। ये बातें आपको और मेहनत के मोटिवेट करेंगे और आपके ब्रेन को भी सफलता के लिए रिप्रोग्राम करेंगी। सकारात्मक सोच से करें दिन समाप्त रात में सोते हुए कभी भी नेगेटिव विचार अपने मन में ना लाने दें। रात में जब आप कुछ नेगेटिव सोचते हैं, तो चीजें और भी ज्यादा नकारात्मक होने लगती हैं। इसलिए दिन की एंडिंग हमेशा हैप्पी रखें। सोने से पहले कुछ पॉजिटिव सोचें। आपकी लाइफ में जो भी कुछ अच्छा है, उसे याद करें और हर चीज के लिए शुक्रिया की भावना रखें। इस तरह आपको नींद भी अच्छी आएगी और जीवन को ले कर आपका नजरिया भी सकारात्मक होगा।  

केंद्रीय सरकार का बड़ा सहयोग: बिहार को 10,219 करोड़, सम्राट चौधरी ने जताया खुशी

पटना  बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विजयादशमी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य के अंशदान (टैक्स डिवॉल्यूशन) के तहत 10,219 करोड़ रुपए की राशि जारी की है, जो विकास कार्यों को नई गति देगी। चौधरी ने कहा, ‘‘ नवरात्र के शुरुआती दिन यानी 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले मॉल एवं सेवाकर (जीएसटी) में कर की दरें कम करके देशवासियों को बड़ा उपहार दिया और अब बिहार को 10,219 करोड़ रुपए की टैक्स डिवॉल्यूशन राशि प्रदान कर राज्य के करोड़ों लोगों का मनोबल बढ़ाया है। इसके लिए समस्त बिहारवासी उनकी ओर कृतज्ञता प्रकट करते हैं।'' उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह राशि राज्य के बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय करों से वर्ष 2025-26 में बिहार को करीब 1.38 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। अर्थशास्त्री डॉ. सुधांशु कुमार ने बताया कि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 15वें वित्त आयोग द्वारा तय किए गए फॉर्मूले के आधार पर निर्धारित की जाती है। इस फॉर्मूले के तहत प्रत्येक राज्य को कर संग्रहण में उसकी आबादी, भौगोलिक स्थिति, आय-व्यय क्षमता तथा अन्य आर्थिक मानकों के अनुरूप हिस्सा आवंटित किया जाता है। डॉ. कुमार ने कहा कि अनुमानित कुल राशि को केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष के दौरान 14 किश्तों में राज्यों को वितरित करती है। इससे राज्यों के विकास कार्यों और योजनाओं के लिए नियमित रूप से संसाधन उपलब्ध रहते हैं और वित्तीय स्थिरता बनी रहती है।

छत्तीसगढ़ को मिला 3,462 करोड़ का केंद्रीय अनुदान, विकास योजनाओं में होगा बड़ा योगदान

रायपुर  केंद्र सरकार ने राज्यों को कर हस्तांतरण की राशि जारी की है। इसमें छत्तीसगढ़ को 3,462 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सबसे ज्यादा 10,219 करोड़ रुपये बिहार को दिए गए, जबकि सबसे कम राशि 392 करोड़ रुपये गोवा को मिली है। मध्य प्रदेश को 7,976 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया गया है। इसपर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया है। सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि कर हस्तांतरण के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को ₹3,462 करोड़ स्वीकृत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हार्दिक आभार। इस पावन अवसर पर, यह आवंटन वास्तव में मोदी सरकार की ओर से राज्य की जनता के लिए एक उल्लेखनीय उपहार है। यह महत्वपूर्ण राशि वित्तीय संसाधनों को और सुदृढ़ करेगी, विकास परियोजनाओं को गति प्रदान करेगी और कल्याणकारी पहलों को बढ़ावा देगी। हमारी दोहरी इंजन वाली सरकार छत्तीसगढ़ में निरंतर प्रगति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के विकास में इस पैसे का होगा अहम योगदान : तोखन साहू वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि डबल इंजन की सरकार है, जो हमने कहा था वही किया। राज्य के विकास में इस पैसे का अहम योगदान होगा। पहले GST कम किया गया, अब GST राशि वापस की गई है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार किया है और हम विकास कर रहे हैं। यह सहयोग राज्य में विकास की गति को और तीव्र करेगा : ओपी चौधरी वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने राज्यों को अग्रिम कर अंशदान के रूप में ₹1,01,603 करोड़ जारी किये हैं। इसमें से छत्तीसगढ़ को ₹3,462 करोड़ की राशि प्राप्त होगी। यह सहयोग राज्य में विकास की गति को और तीव्र करेगा, जनकल्याणकारी योजनाओं को सशक्त बनाएगा और पावन पर्व-त्योहारों के इस समय में नवआशा और समृद्धि का संचार करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आदरणीय केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हृदय से आभार एंव अभिनंदन।

अवैध निर्माण पर बड़ी कार्रवाई: संभल में मदरसा-मैरिज पैलेस ध्वस्त, सुरक्षा बल तैनात

संभल उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अवैध निर्माण के खिलाफ एक बार फिर से बुलडोजर से कार्रवाई जारी है। कई एकड़ भूमि पर बने इस निर्माण में लोग मदरसा और बारात घर चला रहे थे। इसको लेकर कोई विरोध ना हो, इसके लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही माहौल तनावपूर्ण न हो, इसके लिए पूरे क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया है, साथ ही लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी इस मामले पर संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि जिले भर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। यह तालाब की जमीन है जिस पर एक बड़ा मैरिज पैलेस बना है। तहसीलदार ने 30 दिन पहले इसे गिराने का आदेश जारी किया था। इसके बाद कोई अपील दायर नहीं की गई इसलिए आज ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने आगे कहा, 'कोर्ट में सभी पक्षों को सुना गया। उसके बाद तहसीलदार कोर्ट ने आदेश जारी किया और हम उसी के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं। सभी की राय है कि अगर यह अवैध रूप से बना है तो इसे गिरा दिया जाना चाहिए।' प्रशासन ने इसे खुद गिराने का फैसला किया डीएम के अलावा संभल के एसपी केके बिश्नोई ने बताया, 'संभल के असमोली थाने के अंतर्गत राय बुजुर्ग गांव में एक तालाब और खाद के गड्ढों के लिए जमीन है। उन्हें इसे गिराने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था। 30 दिन की समय सीमा बीत जाने के बावजूद उन्होंने अभी तक इसे नहीं गिराया है। प्रशासन ने इसे खुद गिराने का फैसला किया है। यह अवैध निर्माण था। उन्हें पर्याप्त समय दिया गया था। यह अवैध निर्माण मदरसे और बारात घर की तरह उपयोग में लिया जा रहा था और कई एकड़ जमीन पर फैला हुआ था।'

दशहरे की लकड़ी से चमत्कारी उपाय: नकारात्मक ऊर्जा को करें दूर

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक, दशहरा का पर्व बहुत खास माना जाता है। इस दिन रावण दहन किया जाता है, जिसके पीछे मान्यता है कि रावण के साथ सभी नकारात्मकता, अहंकार और बुराइयां भी जलकर राख हो जाती हैं। मान्यताओं और ज्योतिषीय उपायों के अनुसार, रावण दहन की राख और जली हुई लकड़ी में एक विशेष शक्ति आ जाती है, जो घर से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में सहायक होती है। बुरी नजर और नकारात्मकता दूर करने के खास उपाय रावण दहन के तुरंत बाद, जब आग शांत हो जाए, तो वहां से बची हुई थोड़ी-सी राख या एक छोटा जला हुआ लकड़ी का टुकड़ा उठाकर घर लाएं। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। बुरी नजर से सुरक्षा का कवच रावण दहन से लाया गया जली हुई लकड़ी का छोटा टुकड़ा या थोड़ी-सी राख को एक लाल कपड़े की पोटली में बांध लें।  इस पोटली को अपने घर के मुख्य द्वार के अंदर की तरफ या दहलीज के पास टांग दें अथवा किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें।  यह उपाय आपके घर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। मान्यता है कि यह घर में नकारात्मक शक्तियों के प्रवेश को रोकता है, जिससे परिवार के सदस्यों को बुरी नजर नहीं लगती और घर में शांति बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाकर विजय प्राप्त करना रावण दहन की राख को उठाकर लाएं और उसे शुद्ध कर लें। अगले दिन, स्नान के बाद इस राख का तिलक अपने माथे पर लगाएं।  ऐसा माना जाता है कि यह तिलक व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा करता है और व्यापार तथा करियर में उन्नति के रास्ते खोलता है। धन-समृद्धि और स्थिरता के लिए विशेष उपाय रावण दहन से बचा हुआ एक छोटा-सा जला हुआ लकड़ी का टुकड़ा लें। इसे शुद्ध करके अपनी तिजोरी, कैश बॉक्स या जहां आप अपना धन और कीमती सामान रखते हैं, उस स्थान पर रख दें।  यह उपाय घर में धन के आगमन के नए रास्ते खोलता है और धन को घर में स्थिरता प्रदान करता है। इससे धीरे-धीरे आर्थिक तंगी और लगातार आ रही मुश्किलें दूर होने लगती हैं। भय और वास्तु दोष मुक्ति जली हुई लकड़ी या राख की पोटली को घर के आंगन या बालकनी में दक्षिण दिशा की ओर सुरक्षित रख दें।   ऐसा माना जाता है कि यह उपाय पारिवारिक सदस्यों को अनजाना भय और डर से मुक्ति दिलाता है। साथ ही, यह घर के वास्तु दोषों को भी कम करने में मदद करता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।

इन एप्स से बनाए अपने स्मार्टफोन को और तेज

स्मार्टफोन की स्मार्टनेस तब धरी की धरी रह जाती है जब यह स्लो चलता है। फोन की स्पीड को प्रभावित करने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे-जंक फाइल्स, कैशे फाइल्स की स्टोरेज। यूं तो गूगल प्ले स्टोर पर फोन की क्लीनिंग के लिए बहुत से एप्स उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही हैं, जो सही तरीके से फोन को क्लीन कर सकते हैं। इसलिए आज आपको कुछ ऐसे एप्स बताते हैं जो आपके फोन की स्पीड को बढ़ा सकते हैं। इन्हें फ्री में इंस्टॉल किया जा सकता है। क्लीन मास्टर 4.0: मोबाइल की फास्ट स्पीड के लिए क्लीन मास्टर लोकप्रिय एप्स में से एक है। इसकी हेल्प से अनवांटेड बैकग्राउंड एप्स को क्लोज किया जा सकता है और बेकार फाइल्स को डिलीट कर सकते हैं, जिससे फोन का स्टोरेज काफी सेव हो जाता है। बैकग्राउंड एप्स के क्लोज होने से पॉवर सेव हो जाती है और फोन की स्पीड दुरुस्त हो जाती है। सिस्टम क्लीनर: फोन की स्पीड बढ़ाने के लिए यह बेहतरीन एप्लीकेशन्स में से एक है। सिस्टम क्लीनर एप कॉल्स रिकॉर्ड, सर्च हिस्ट्री, गूगल मैप हिस्ट्री, जीमेल हिस्ट्री को डिलीट करके फोन की स्पीड बढ़ा देता है। एंड्रायड बूस्टर: एंड्रायड बूस्टर से बस एक क्लिक करके फोन की मैमोरी बढ़ाई जा सकती है, जिससे मोबाइल की प्रोसेसिंग तेज हो जाती है। स्मार्ट रैम बूस्टर: जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि यह एप रैम की स्पीड को बढ़ा देता है। स्मार्ट रैम बूस्टर को क्लीनर एप के नाम से भी जाना जाता है। इसकी मदद से बस एक क्लिक पर स्मार्टफोन की कैशे फाइल्स डिलीट हो जाती है।  

फिलीपीन में भूकंप की तबाही: जान-माल का नुकसान, लोग सुरक्षित आश्रयों में रहने को मजबूर

फिलीपीन मध्य फिलीपीन में आए विनाशकारी भूकंप के बाद बचावकर्मियों ने ढहे मकानों और अन्य क्षतिग्रस्त इमारतों में खुदाई करने वाले वाली मशीनों और खोजी कुत्तों की मदद से जीवित लोगों की तलाश की। फिलीपीन में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की रात लगभग 10 बजे 6.9 तीव्रता का भूकंप आया जिससे सेबू प्रांत के बोगो शहर और आसपास के गांवों में कई मकान, नाइट क्लब और व्यापारिक इमारतें ढह गईं तथा इनके मलबे में कई लोग फंस गए। इस भूकंप के कारण मारे गए लोगों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। छिटपुट बारिश और क्षतिग्रस्त पुलों एवं सड़कों के कारण बचाव अभियान में बाधा पैदा हुई है। नारंगी और पीले रंग की हैट पहने बचावकर्मियों ने एक ढही इमारत के मलबे में जीवित लोगों की तलाश करने के लिए स्पॉटलाइट, एक खुदाई मशीन एवं खोजी कुत्तों की मदद ली। भूकंप का केंद्र बोगो से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में पांच किलोमीटर की गहराई में था। बोगो सेबू प्रांत का एक तटीय शहर है और इसकी आबादी लगभग 90,000 है। बोगो शहर के आपदा-शमन अधिकारी रेक्स यगोट ने बुधवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि भूस्खलन और चट्टानों से प्रभावित एक पहाड़ी गांव में झुग्गियों में खोज और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए बचावर्मियों ने वहां एक खुदाई मशीन ले जाने का प्रयास किया।   एक अन्य आपदा न्यूनीकरण अधिकारी ग्लेन उर्सल ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में बचाव अभियान चलाना कठिन है क्योंकि यहां खतरनाक स्थितियां हैं।'' उन्होंने बताया कि कुछ जीवित लोगों को पहाड़ी गांव से अस्पताल लाया गया है। फिलीपीन ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने कुछ देर के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी और लोगों को सेबू तथा निकटवर्ती प्रांतों लेयते एवं बिलिरान के तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी थी लेकिन कुछ ही घंटों बाद चेतावनी हटा ली गई। घबराए हुए हजारों लोगों ने चेतावनी वापस लिए जाने के बावजूद अपने घरों में लौटने से इनकार कर दिया और वे रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद रात भर घास के खुले मैदानों और उद्यानों में ही रहे। भूकंप प्रभावित शहरों और कस्बों में स्कूल एवं सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं और इमारतों की सुरक्षा की जांच की जा रही है। ‘फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी' के निदेशक टेरेसिटो बैकोलकोल ने बताया कि मंगलवार रात आए भूकंप के बाद 600 से अधिक झटके महसूस किए गए। सेबू और अन्य प्रांत उस उष्णकटिबंधीय तूफान से अभी उबर रहे थे जिसने शुक्रवार को मध्य क्षेत्र में तबाही मचाई थी जिससे कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी।    

वो मेरी मां को बेटा कहते थे – सुकीर्ति कांडपाल ने नीम करोली बाबा संग साझा किया अनुभव

मुंबई 'दिल मिल गए' में डॉ. रिद्धिमा का किरदार निभाकर पॉपुलैरिटी बटोरने वालीं सुकीर्ति कांडपाल ने नीम करोली बाबा के बारे में बात की है। सुकीर्ति ने टीओआई डायलॉग्स- उत्तराखंड एडिशन में नीम करोली बाबा के साथ अपनी मां के कनेक्शन के बारे में बताया। साथ ही बताया कि कैसे उन्हें स्ट्रेंथ मिली और किस तरह हनुमान चालीसा के पाठ से उनकी जिंदगी बदल गई। सुकीर्ति कांडपाल ने बताया कि मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स तो काफी बाद में नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए गए थे, पर उनकी मां तो साक्षात उनसे मिली थीं। सुकीर्ति ने बताया कि वह नीम करोली बाबा को अपने दादा जैसा मानती हैं। सुकीर्ति कांडपाल ने बताया करियर में क्या हुआ चमत्कार 'प्यार की ये एक कहानी', 'बिग बॉस 8' और 'अनुपमा' जैसे टीवी शोज में काम कर चुकीं सुकीर्ति कांडपाल उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा सफर दूसरों से बहुत अलग रहा है। मेरे माता-पिता ने इसे मेरे लिए बहुत आसान बना दिया। 13 साल की उम्र में मेरे पिता ने मुझे पढ़ाई के लिए मुंबई भेज दिया। उस समय मैं एक्टिंग से जुड़ा कोई काम नहीं कर रही थी। मुझे बस इतना पता था कि मैं शायद एक एक्ट्रेस ही बनूंगी, और आखिरकार, मेरे पैरेंट्स भी मान गए। मेरे लिए यह जादुई सा था क्योंकि एक दिन मैं एक कैफे में बैठी थी, तभी 'दिल मिल गए' के एक क्रिएटिव ने मुझे देखा।' नीम करोली बाबा से साक्षात मिली थीं सुकीर्ति की मां, बताया वाकया सुकीर्ति कांडपाल ने आगे बताया, 'एक्ट्रेस बनना मेरे लिए वाकई जादुई अनुभव था। एक चीज, जिसने इस पूरे सफर में मेरी मदद की, वो है मेरी मां क नीम करोली बाबा से जुड़ाव। आज तक मैं किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिली, जिसका नीम करोली बाबा से वास्तविक जीवन में कोई संबंध रहा हो, लेकिन मेरी मां का संबंध जरूर था। वो मेरी मां को 'बेटा' कहते थे, और हमने दादाजी के रूप में उनकी कहानी सुनी है।' 'मां महाराज जी से तब मिलीं, जब कोई उन्हें जानता भी नहीं था' वह फिर बोलीं, 'मेरी मां ने मुझे बहुत छोटी उम्र में ही हनुमान चालीसा सिखाई थी। जब भी मुझे खुद पर संदेह होता था, यह सोचकर कि मैं यह कर पाऊंगी या नहीं तो उस विश्वास ने मेरी मदद की। आज मैं मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स जैसे लोगों को वहां जाते देखती हूं, लेकिन मेरी मां उस समय वहां गई थी और महाराज जी से तब मिली थीं, जब उनके बारे में कोई नहीं जानता था। इसलिए मुझे लगता है कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।' इन टीवी शोज में नजर आ चुकी हैं सुकीर्ति कांडपाल सुकीर्ति कांडपाल के करियर की बात करें, तो उन्होंने 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो', 'कैसा ये इश्क है, अजब सा रिस्क है' और 'काला टीका' जैसे टीवी शोज में भी काम किया है। वह 'दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स' और 'स्टोरी 9 मंथ्स की' में भी नजर आईं। हाल ही वह 'अनुपमा' में श्रुति आहूजा के रोल में नजर आईं।

इतिहास बनने जा रहा है: भारत का रणनीतिक फैसला, पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय संकट पर लगेगा असर

नई दिल्ली  दुनियाभर में जारी संघर्ष और युद्धग्रस्त परिस्थितियों के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक देशों (UN TCCs) का सम्मेलन बुलाया है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 14 से 16 अक्टूबर तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 30 देशों के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्देश्य शांति स्थापना अभियानों के अनुभव, दृष्टिकोण और प्रतिबद्धताओं को साझा करना है। दिलचस्प बात यह है कि इस सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है, जबकि भारत ने गाजा और यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रों में सैनिक तैनाती पर भी स्पष्ट रुख अपनाया है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि भारत केवल संयुक्त राष्ट्र के निर्देशों के तहत ही किसी विदेशी संघर्ष क्षेत्र में सैनिक तैनात करेगा। ट्रंप के लिए झटका उधर,अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी भारत का यह कदम झटका देने वाला होगा क्योंकि वह दुनियाभर में शांति दूत बनने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष, हमास-इजरायल टकराव, भारत-पाक तनाव और कई अन्य विवादित क्षेत्रों में मध्यस्थता के लिए ट्रंप हमेशा सक्रिय रहते हैं। हाल ही में उन्होंने गाजा में शांति विराम के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को व्हाइट हाउस बुलाया। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का उद्देश्य शांतिदूत बनकर नोबेल पुरस्कार जीतने की कोशिश में भी छुपा हुआ है। इसी बीच, भारत में भी शांति और सुरक्षा पर बड़ी बैठक अमेरिका, चीन और पाक के लिए  बड़ा झटका साबित हो सकती है।   सम्मेलन का महत्व और भारत का योगदान भारत ने पिछले 75 वर्षों में 50 से अधिक मिशनों में 2,90,000 से अधिक शांति सैनिकों को भेजा, जिनमें से 182 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार ‘ऑल वुमन पुलिस कंटिंजेंट’ तैनात कर इतिहास रचा। इसके अलावा, फरवरी 2025 में भारत ने ग्लोबल साउथ महिला शांति सैनिकों का सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें 35 देशों ने हिस्सा लिया। भारत ने लगातार यह संदेश दिया है कि शांति सैनिकों की तैनाती केवल यूएन के झंडे तले ही की जाएगी। इसके साथ ही, भारत ने यूएन शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों की जवाबदेही, तकनीकी समाधानों का उपयोग, और शांति स्थापना अभियानों में संसाधनों का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सम्मेलन के मुख्य बिंदु क्षमता निर्माण और सतत शांति स्थापना अभियानों के लिए संसाधन जुटाना शांति स्थापना अभियानों में तकनीक और आधुनिक समाधान का उपयोग प्रतिनिधि दल भारत की आत्मनिर्भर रक्षा पहल और तकनीकी समाधानों का अवलोकन करेंगे और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। भारत की वैश्विक छवि लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, एवीएसएम, वीएसएम, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (IS&T) ने कहा कि यह भारत के लिए गौरव की बात है कि वह इस बहुपक्षीय आयोजन की मेजबानी कर रहा है। उनका कहना था कि यह सम्मेलन साझा मंच तैयार करने का अवसर है, जहां विभिन्न देशों के अनुभव और प्रतिबद्धता संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत शांति स्थापना की जिम्मेदारी को मजबूत करेंगे। भारत का यह कदम उसकी सांस्कृतिक और नैतिक विदेश नीति, वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान, और शांति सैनिकों की सुरक्षा एवं उचित प्रतिनिधित्व के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत लगातार यह सुनिश्चित करता रहा है कि शांति अभियानों में उसका योगदान निष्पक्ष, पारदर्शी और संयुक्त राष्ट्र के मानकों के अनुरूप हो।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास में किया शस्त्र पूजन शक्ति स्वरूपा मां काली की पूजा अर्चना और वाहनों की विधि-विधान से की पूजा

मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ सुरक्षा स्टॉफ सहित अधिकारी-कर्मचारी हुए शामिल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दी विजयादशमी पर्व की मंगलकामनाएं भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजयादशमी पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पारंपरिक वस्त्र धोती कुर्ता धारण कर, शक्ति स्वरूपा मां काली की विधि-विधान से पूजा अर्चना की तथा मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुति दी। उन्होंने शक्ति-साहस और विजय के प्रतीक के रूप में शस्त्रों का पूजन किया तथा मुख्यमंत्री सुरक्षा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री समीर यादव का तिलक किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास के वाहनों की पूजन भी की। मुख्यमंत्री सुरक्षा के अधिकारी-कर्मचारियों सहित मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ समस्त अधिकारियों और स्टाफ शस्त्र पूजन में सहभागी बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को प्रसाद स्वरूप मिष्ठान खिलाकर दशहरे की मंगलकामनाएं और बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूजा अर्चना के बाद प्रदेशवासियों के लिए संदेश दिया। उन्होंने प्रभु श्रीराम तथा महिषासुर मर्दिनी मां जगदम्बा का स्मरण करते हुए कहा कि यह महापर्व अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इस अवसर पर यही कामना है कि सब पर प्रभु कृपा बनी रहे और हमसे सदैव सभी का मंगल ही मंगल हो। शस्त्र पूजा के लिए समत्व भवन में हुई विशेष साज-सज्जा समत्व भवन में शस्त्र पूजा के लिए विशेष व्यवस्था की गई। पूजा स्थल पर लगे बैकड्राप पर प्रभु श्रीराम की धनुर्धर मुद्रा व भयाक्रांत रावण के चित्र और ''या देवी सर्व भूतेषू मातृ रूपेण संस्थिता-नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:'' मंत्र के माध्यम से शक्ति के स्वरूप की आरधना का अंकन किया गया था। "शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे-शास्त्र चिंता प्रवर्तते" अर्थात शस्त्र से रक्षित राष्ट्र ही शास्त्र चिंतन के माध्यम से समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है, की पंक्ति शस्त्र पूजा का महत्व अभिव्यक्त कर रही थी। पुलिस द्वारा उपयोग किए जाने वाले अत्याधुनिक शस्त्र पूजन के लिए रखे गए थे। मुख्यमंत्री निवास में हुई शस्त्र पूजा में विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई, आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपक सक्सेना एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।