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सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की CEC बैठक कल, बिहार चुनाव को लेकर तैयारी तेज

पटना कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन के मकसद से बुधवार को बैठक करेगी। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पार्टी यह बैठक उस वक्त करने जा रही है जब उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम दौर में है। निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी।

डॉ. मोहन यादव का स्वास्थ्य विभाग को संदेश – सुविधाएं बढ़ाएं, कमजोरियों पर करें काम

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ कमियों को दूर करने का करें प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वास्थ्य एवं पोषण पर कलेक्टर्स के साथ हुआ व्यापक संवाद कलेक्टर्स ने साझा किये अपने जिलों के नवाचार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक नई सुविधाए प्रारंभ की गई हैं और कमियों को दूर करने का भी पूरा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स से आयुष्मान कार्ड धारकों को पूरा लाभ दिलाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच को आसान बनाने की बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जा रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर भी अनेक कॉलेज प्रारंभ हुए हैं। वर्तमान में तीस से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। शीघ्र इनकी संख्या 50 हो जाएगी। प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले के नागरिकों को मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है, उसे अंतिम रूप देकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में नागरिकों के हित में सर्वाधिक अनुकूल वातावरण निर्मित किए जाने का प्रयास है।‍मुख्यमंत्री डॉ. यादव कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन द्वितीय सत्र 'स्वास्थ्य एवं पोषण' को संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  संदीप यादव ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति को सुदृढ़ करने कलेक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा की। सत्र में मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (एनसीडी), क्षय उन्मूलन और सिकल सेल उन्मूलन के लिए ठोस रणनीति पर विमर्श किया गया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  यादव ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत शिशुओं, किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं की नियमित हीमोग्लोबिन जांच सुनिश्चित की जाए। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHSND) में गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और ANMOL 2.0 पर सटीक डेटा एंट्री की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, उपचार और बर्थ वेटिंग होम्स में सुरक्षित प्रसव की अनिवार्यता पर जोर दिया। प्रमुख सचिव  यादव ने कहा कि पोषण ट्रैकर के प्रभावी उपयोग, छह माह तक केवल स्तनपान, मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (MMBASK) के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के प्रबंधन तथा आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह आधारित सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रसूति सहायता योजनाओं के भुगतान में समयबद्धता बनाए रखना सुनिश्चित करें। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव  यादव ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, फैटी लीवर और तीन प्रमुख कैंसर की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया। उन्होंने एनसीडी पोर्टल पर सभी प्रविष्टियों की अद्यतन स्थिति बनाए रखने, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, ईट राइट अभियान, तेल की खपत में 10 प्रतिशत कमीं, फिट इंडिया और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि क्षय उन्मूलन के लिए एक्स-रे और अन्य मशीनों से जांच की जाए, निक्षय पोर्टल पर सभी प्रकरणों की सूचना दर्ज हो, उपचार और फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए तथा निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण सहायता और डीबीटी समय पर प्रदान की जाए। इसी प्रकार, सिकल सेल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत स्क्रीनिंग, कार्ड वितरण, हाइड्रोक्सीयूरिया दवा की उपलब्धता, न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन और सिकल मित्र पहल के माध्यम से जनभागीदारी और काउंसलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभागों के बीच संयुक्त कार्ययोजना बनाकर समन्वय को सशक्त करें। VHSND के गुणवत्तापूर्ण आयोजन, उपकरणों के सार्थक उपयोग, e-KYC और DBT सक्षमता, PMSMA संचालन, नवजातों के गृह आधारित फॉलो-अप, मातृ एवं शिशु मृत्यु की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग, ईट राइट, फिट इंडिया, योग और खेलकूद के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुपोषित ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय खाद्य विविधता को प्रोत्साहित करने, आंगनवाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन, डेटा सत्यापन, और सिकल मित्र तथा निक्षय मित्र के माध्यम से फूड बास्केट वितरण जैसी गतिविधियों को परिणाममुखी बनाया जाये। उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों ने दीं अपनी प्रस्तुतियाँ बालाघाट ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर नियंत्रण पर, झाबुआ ने स्वास्थ्य एवं पोषण सुधार प्रयासों और मंदसौर ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य मॉडल पर प्रेजेन्टेशन देते हुए अपने अनुभव साझा किए।  

नारी स्वावलंबन को मिली मजबूती, सीएम योगी ने 15 सेवा शक्ति केंद्रों का किया शुभारंभ

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पूर्व विधायक स्वर्गीय डी.पी. बोरा की 85वीं जयंती के अवसर पर मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत मातृशक्ति वंदन और 15 सेवा शक्ति केंद्रों (सिलाई प्रशिक्षण केंद्र) का शुभारंभ किया। इसी दौरान उन्होंने स्व. डी.पी. बोरा की प्रतिमा का वर्चुअल अनावरण किया और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली मातृशक्तियों का सम्मान भी किया। सीएम योगी ने नारी सशक्तीकरण और सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए स्वर्गीय डी.पी. बोरा के संघर्षों और समाज सेवा के प्रति उनके समर्पण को याद किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हिए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महर्षि वाल्मीकि और परम कृष्ण भक्त मीराबाई की जयंती का दिन भी है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए विशेष महत्व रखता है। यह शरद पूर्णिमा का पावन पर्व है, जो महर्षि वाल्मीकि की जयंती और मीराबाई के जन्मदिन के साथ-साथ स्वर्गीय डी.पी. बोरा की जयंती के रूप में भी मनाया जा रहा है। मैं इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि और मीराबाई को नमन करता हूं और स्वर्गीय डी.पी. बोरा को प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सीएम योगी ने किया मातृ शक्ति का सम्मान व सेवा शक्ति केंद्रों का उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम योगी ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत 15 सेवा शक्ति केंद्रों का उद्घाटन किया गया, जो महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन केंद्रों का संचालन डी.पी. बोरा स्मृति समिति के सहयोग से किया जा रहा है। सीएम योगी ने इन केंद्रों को नारी स्वावलंबन का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये केंद्र महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली मातृ शक्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें पद्मश्री हिन्दी साहित्यकार प्रो. विद्या बिन्दु सिंह, शास्त्रीय संगीतज्ञ सुनीता झींगरन, शीला मिश्रा, शालू सिंह और डॉ. चंद्रावती जैसी विभूतियां शामिल रहीं। इन महिलाओं ने शिक्षा, साहित्य, संगीत, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी मेहनत और समर्पण से समाज को नई दिशा दी है। सीएम ने सम्मानित महिलाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन मातृ शक्तियों ने अपने कार्यों से समाज को प्रेरित किया है। इनका सम्मान हम सभी के लिए गर्व का विषय है। एक संघर्षशील नेता के साथ साथ समाज के वंचित, दलित और शोषित वर्गों की आवाज थे स्वर्गीय डी.पी. बोरा मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय डी.पी. बोरा को एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व बताते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि डी.पी. बोरा जी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में और बाद में विधायक के रूप में समाज के वंचित, दलित और शोषित वर्गों की आवाज को बुलंद किया। उस समय लखनऊ में गैंगवार और अराजकता का माहौल था, लेकिन डी.पी. बोरा जी ने अपने संघर्षों से न केवल गरीबों और व्यापारियों के हितों की रक्षा की, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी प्रदान की। उनकी मूर्ति का अनावरण और सेवा शक्ति केंद्रों का शुभारंभ उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। कार्यक्रम में प्रख्यात कवि सर्वेश अस्थाना ने अपनी कविता के माध्यम से सामाजिक संवेदनाओं को जागृत किया। उनकी कविता में नारी गरिमा, सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के साथ-साथ दहेज जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता का संदेश था। सीएम योगी ने उनकी लेखनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक कवि की लेखनी समाज की विसंगतियों पर प्रहार करती है और उसे नई दिशा देती है। सर्वेश अस्थाना अपनी कविता के माध्यम से भगवान राम के चरित्र और सामाजिक मूल्यों को उजागर किया, जो समाज के लिए प्रेरणादायी है। रामायण एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक है- सीएम योगी सीएम योगी ने महर्षि वाल्मीकि की रामायण को सामाजिक, धार्मिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से अद्वितीय बताते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि रामायण में भगवान राम का चरित्र धर्म का मूर्त रूप है। महर्षि वाल्मीकि ने समाज को एक आदर्श चरित्र प्रदान किया, जो आज भी प्रासंगिक है। सीएम योगी ने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक मंदिर का निर्माण नहीं, बल्कि रामराज्य की स्थापना की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि  रामायण काल की वनस्पतियों और पर्यावरण को पुनर्जनन करने का कार्य भी चल रहा है। यह हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने का प्रयास है। इसी तरह, मीराबाई की भक्ति और सामाजिक समरसता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मीराबाई ने अपने गुरु रविदास जी के सान्निध्य में कृष्ण भक्ति के माध्यम से समाज में आस्था और समरसता का संदेश दिया। मिशन शक्ति अभियान नारी सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण- सीएम  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनथ ने मिशन शक्ति अभियान को प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि यह अभियान महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के तहत हम महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहे हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा और सम्मान को भी सुनिश्चित कर रहे हैं। डी.पी. बोरा स्मृति समिति के माध्यम से संचालित सौ से अधिक सेवा शक्ति केंद्र इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

बिहार चुनाव में अक्षरा सिंह की एंट्री? गिरिराज सिंह से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल

पटना  बिहार में जैसे-जैसे चुनावी माहौल गर्म हो रहा है, वैसे-वैसे सियासी गलियारों में नए चेहरे सुर्खियों में आ रहे हैं. अब भोजपुरी फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने भी राजनीति में कदम रखने के संकेत दे दिए हैं. दरअसल, अक्षरा सिंह ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की है.  इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर शेयर की और लिखा- 'गिरिराज सिंह जी से आशीर्वाद मिला.' इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि क्या अक्षरा सिंह भी इस बार बिहार के चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर रही हैं?  विनोद तावड़े से मिलीं मैथिली ठाकुर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई नाम राजनीति में एंट्री कर चुके हैं. एक दिन पहले ही लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी.   मैथिली ने कहा कि उनकी बातचीत बेहद सकारात्मक रही और वह एनडीए के समर्थन में हैं. उन्होंने कहा कि मेरी आत्मा बिहार से जुड़ी है और मैं बिहार में रहकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं. कई बड़े चेहरों की राजनीति में एंट्री   इससे पहले भोजपुरी फिल्मों के एक्टर पवन सिंह की भी बीजेपी में वापसी हो चुकी है. गायक और अभिनेता रितेश पांडे भी प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज जॉइन कर चुके हैं. चर्चा है कि मशहूर गायक राधेश्याम रसिया भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.  इस लिस्ट में एक नाम भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव का भी है जिन्होंने पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. हालांकि उनके राजनीति में आने या चुनाव लड़ने को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

डॉ. मोहन यादव बोले – जनता का भरोसा ही हमारी ताकत, इसे बनाए रखना सबसे जरूरी

जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी, हमें यह विश्वास बनाए रखना है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में हमने स्थापित की है जवाबदेह शासन व्यवस्था सुशासन और समावेशी विकास पर दिया बल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का शुभांरभ भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी लोक सेवकों से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएँ। हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मुख्य सचिव  अनुराग जैन और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन  संजय कुमार शुक्ल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे विकास और कल्याण की किरण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। राज्य सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। प्रदेश में जनता का विश्वास हमें मिल रहा है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें यह जनविश्वास हर हाल में बनाए रखना है। योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से मिले जनता को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया और जनप्रतिनिधियों से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले। गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट की ओर हों अग्रसर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि लोकतंत्र एवं जनकल्याण में हम सबकी महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट भूमिका है। फील्ड में तैनात अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस से हम ग्रेट रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और हम सभी को इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश तेज़ी से विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री  मोदी ने परफॉर्म, रिफार्म एंड ट्रांसफॉर्म के रूप में जन सेवा का मंत्र दिया है। आप सभी इस मंत्र को आत्मसात करते "विकसित और आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण के लिए "विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" का निर्माण करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टर्स ऐसे जनहितैषी कार्य करें, जो आने वाले समय में जिले की जनता को याद रहें। अपने कार्यकाल का एक-एक क्षण जन-कल्याण में लगाएं और प्रदेश को नई ऊंचाईयों में ले जाएं। उन्होंने कहा कि नवाचार ऐसे हों, जो दीर्घकालिक हों। जिस विभाग से संबंधित नवाचार हो, उसकी पूरी कार्ययोजना विभाग से अनुमोदित हो, जिससे वह नवाचार स्थाई हो सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है। दाल, मसाले एवं टमाटर उत्पादन में हम देश में प्रथम स्थान पर हैं। गेहूं, मक्का और मिर्च में दूसरे स्थान पर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा चौथा स्थान है। अब हम विभिन्न प्रयासों से प्रदेश को दुग्ध कैपिटल बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा देश में योगदान 9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत तक ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे हैं, इस लक्ष्य का मार्ग सिंचाई ही है। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही सिंचाई परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देने के साथ सिंचित रकबा बढ़ाने की दिशा में प्रयास और नवाचार करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य की पूर्ति करते हुए प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को उच्च गुणवत्ता रोजगारोन्मुख एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमारा लक्ष्य न केवल शत प्रतिशत साक्षरता है बल्कि शालाओं में नामांकन दर को बढ़ाना भी अति आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को गुड गवर्नेस लाभ दिलाने के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, तो वह भी जरूर करें। जिलों में तैनात सभी अधिकारी लगातार दौरे करें, किसी गांव में रात्रि विश्राम भी करें। फील्ड दौरों में छात्रावास, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, निर्माण कार्यों, हॉस्पिटल आदि का औचक निरीक्षण भी करें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि सभी फील्ड अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता से सतत संवाद अनिवार्य रूप से बनाए रखें। आमजन से मिलने की व्यवस्था और जनसुनवाई को और भी बेहतर बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में कई बार स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया में नकारात्मक खबरें छपती हैं, इनको वेरीफाई कर इनका तत्काल खंडन किया जाना चाहिए। आज सोशल मीडिया की पहुंच जन-जन तक है। शासन के द्वारा किए जा रहे लोक-कल्याणकारी कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स-कमिश्नर से आह्वान करते हुए कहा सिंहस्थ-2028 मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता को दुनिया के सामने लाने का बहुत बड़ा अवसर है। सिंहस्थ में आने वाला हर श्रद्धालु मध्यप्रदेश के वैभव को देखे, इसके … Read more

विकास के साथ ही प्रकृति संरक्षण के लिए भी सजग हों: राज्यपाल पटेल

जहां भी उपयुक्त जगह मिले पेड़ जरूर लगाए जाएं : राज्यपाल  पटेल विकास के साथ ही प्रकृति संरक्षण के लिए भी सजग हों राज्यपाल राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह समापन समारोह में हुए शामिल राज्यपाल  पटेल ने किया 34 प्रतिभागियों को पुरस्कृत भोपाल  राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ का नतीजा है और अब जरूरी है कि जहां भी उपयुक्त जगह मिले पेड़ जरूर लगाए जाएं। विकास के साथ ही प्रकृति संरक्षण के लिए सजग और सक्रिय होना भी जरूरी है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि बच्चों को बचपन से ही मानव और प्रकृति के सह अस्तित्व की सीख दें। राज्यपाल  पटेल मंगलवार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने कहा कि वन और वन्यजीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ हैं और इनका अस्तित्व हमारे वनों, नदियों और जलवायु की संतुलित स्थिति से सीधे जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि देखकर गर्व होता है कि आज हमारी युवा पीढ़ी भी वन्यजीव संरक्षण की दिशा में रुचि दिखा रही है और सक्रिय भागीदारी कर रही है। उन्होंने कहा कि संतुलित विकास समय की जरूरत है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के छोटे-छोटे प्रयासों के महत्व को 400 विद्यार्थियों वाले कच्छ के स्कूल में शिक्षक दम्पत्ति के प्रयासों के दृष्टांत से बताया। स्कूल के लिए पेड़ों की बाउन्ड्री-वॉल बच्चों के साथ मिलकर बना ली। बच्चों को भागीदार बनाकर एक साथ पौधों का रोपण किया। हर बच्चें से पौधों की नियमित देखभाल कराई। सभी बच्चें नियमित रूप से उनके घर से फल, सब्जी धोने के बाद बचे जल को अगले दिन स्कूल में लाकर पौधें को सिंचित करते थे। इस तरह मात्र चार वर्षों में स्कूल की बाउन्ड़ी वॉल बनने का बड़ा करनामा छोटे से सहयोग से हो गया। उन्होंने बताया कि गुजरात में 18 वर्षों तक वन मंत्री रहने का उनका कीर्तिमान है। प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी विगत 4 वर्षों से निरंतर समापन समारोह के आयोजन में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने वन्य जीव संरक्षण की पारंपरिक सोच से आगे बढ़कर सहभागिता का संदेश देने के लिए वन सप्ताह के आयोजन की थीम “संरक्षण से सह-अस्तित्व की ओर" की सराहना की है। वन विभाग, पर्यावरणविद और स्वयं सेवी संस्थानों को ग्रामीण क्षेत्रों, विद्यालयों और विभिन्न समुदायों को जन-जन तक पर्यावरण शिक्षा को पहुँचाने के प्रयासों में सहयोग के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के वार्षिक प्रतिवेदन 2024-25, जैव विविधता बोर्ड के लेपल पिन बॉक्स तथा प्रथम भोपाल बर्ड फेस्टिवल पोस्टर, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम के ग्रासेस ऑफ सतपुड़ा, भोपाल बर्डस भोपाल के मध्यप्रदेश के पक्षी फील्ड गाईड प्रकाशनों का लोकार्पण किया गया। राज्यपाल ने वन विहार प्रबंधन तथा वन्य प्राणी संरक्षण में सराहनीय योगदान के लिए सुरक्षाकर्मी  गणेश राम, वनरक्षक  सचिन परसाई, वनरक्षक  कमलेश चतुर्वेदी और मती कृति जैन को पुरस्कृत किया। पांच वर्गों में चित्रकला प्रतियोगिता के और दो वर्गों में फोटोग्राफी, सहित मेहंदी, पॉम पेंटिंग, टोडलर वॉक और फेस पेंटिंग की सात प्रतियोगिताओं के कुल 34 विजेताओं को पुरस्कृत किया। राज्य मंत्री  दिलीप अहिरवार ने कहा कि जैव विविधता वन्य जीव संरक्षण ही मानवता का संरक्षण है। उन्होंने अपील की है कि पेड़ और जीव जंतुओं को सम्मान की दृष्टि से देखने और उन्हें हानि पहुंचाने वाला कोई भी कार्य नहीं करने का संकल्प करें। प्रदेश में इस दिशा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार तेजी के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में प्रधानमंत्री  मोदी की सौगात से अब चीतों की संख्या भी बढ़कर 27 हो गई है। राज्य ने गांधी सागर वन्य प्राणी उद्यान में भी चीतों को छोड़ा है। प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। नए टाइगर रिजर्व, ईको पर्यटन और भटकते जीवों के लिए रेस्‍क्यू स्क्वाड का गठन किया गया है। विधायक  भगवान दास सबनानी ने वन्य जीव के प्रति जन आकर्षण के प्रयासों में सहयोग के लिए वन्यजीव सप्ताह के प्रतिभागियों, आयोजकों और वन विभाग को बधाई दी। राज्यपाल का कार्यक्रम के प्रारंभ में तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। प्रधान वन्यजीव संरक्षक  शुभ रंजन सेन ने सप्ताह के दौरान आयोजित गतिविधियों का विवरण दिया। बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सप्ताह शुभारंभ कार्यक्रम में ई-वाहन सेवा का उद्घाटन भी किया। आभार प्रदर्शन वन विभाग राष्ट्रीय उद्यान- जू भोपाल के संचालक  विजय कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रधान वन संरक्षक  वी.एन. अम्बाड़े, प्रबंध संचालक वन विकास निगम  एच.यू. खान उपस्थित रहे।  

ADGP वाई.एस. पूरन की आत्महत्या से हरियाणा प्रशासन में शोक, उच्च पद पर कार्यरत थीं पत्नी

चंडीगढ़  हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) पद पर तैनात वाई एस पूरन ने मंगलवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पूरन की पत्नी अमनीत पी कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी है। वह वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान गए अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। पुलिस ने पूरन का शव चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित उनके निजी आवास से बरामद किया है। कैसे हुई यह चौंकाने वाली घटना? पुलिस ने बताया कि ADGP पूरन रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में तैनात थे। मंगलवार दोपहर को उनका शव चंडीगढ़ के सेक्टर 11 के मकान में पाया गया। सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ IPS पूरन के घर पहुंची और उन्हें सेक्टर 16 के अस्पताल में पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने घर में खुद को गोली मारी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा बता दें, ADGP पूरन की पत्नी अमनीत पी. कुमार 2001 बैच के हरियाणा कैडर के अधिकारी हैं. वो नागरिक उड्डयन और भविष्य विभाग के कमिश्नर और सचिव के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा, उन्हें विदेशी सहयोग का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आत्महत्या के पीछे की वास्तविक वजह का पता लगाने की कोशिश की जारी है. सभी संभावित पहलुओं को देखा जा रहा है. जल्द ही घटना का निष्पक्ष खुलासा किया जाएगा. पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें. एडीजीपी पूरन कुमार इस समय पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया में सेवा दे रहे थे। हाल ही में उनका तबादला किया गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस फरेंसिक टीम के साथ उनके आवास पर पहुंची। पूरन कुमार 2001 के आईपीएस अधिकारी थे। मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस को मौके से एक पिस्तौल भी बरामद हुई है। पुलिस घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक आईपीएस अधिकारी ने सोमवार को ही एक गनमैन से बंदूक ली थी। वहीं मंगलवार को जब पूरन कुमार की बेटी बेसमेंट में पहुंची तो वह फर्श पर घायल अवस्था में पड़े थे। बेटी ने ही लोगों को घटना की जानकारी दी। पूरन कुमार हरियाणा कैडर के एक सम्मानित आईपीएस अधिकारी थे और कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे चुके थे। वह अकसर कई मुद्दे सरकार के सामने उठाते रहते थे। बीते दिनों में उन्होंने आईपीएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर भी सरकार से शिकायत की थी। कुछ आईपीएस अफसरों के प्रमोशन पर उठाये थे सवाल वाई पूरन कुमार ने पिछले साल कुछ आईपीएस अफसरों के प्रमोशन पर सवाल उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि ये प्रमोशन गलत तरीके से किए गए हैं। वित्त विभाग ने गृह मंत्रालय के नियमों को अनदेखा करके सिर्फ अपनी सहमति से ये प्रमोशन कर दिए। साल 2020 में तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर उन्होंने उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे।  

वनडे में रोहित-विराट की वापसी का जादू, फैंस की दीवानगी में टिकट हुए ब्लैक

मुंबई   शुभमन गिल और गौतम गंभीर भविष्य के लिए एक टीम बनाने की कोशिश में लगे हैं, वहीं लाखों प्रशंसक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ देखने के लिए उत्सुक होंगे, यह देखने के लिए कि इतने लंबे ब्रेक के बाद कोहली और रोहित कैसा प्रदर्शन करते हैं. अब जब ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के लिए चयन प्रक्रिया पर धूल जम गई है, तो निष्पक्ष होकर चीज़ों पर विचार करने का समय आ गया है. साफ़ है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव अपने अंतिम चरण में है. अजीत अगरकर की चयन समिति ने कुछ हद तक निर्ममता से अपना काम किया है, और हालाँकि इस जल्दबाज़ी पर सवाल उठाया जा सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए कप्तान के पास 2027 विश्व कप से पहले अपनी टीम बनाने के लिए पर्याप्त समय हो. जहाँ तक रोहित शर्मा और विराट कोहली की बात है, तो किसा को भी नहीं लगता कि वे दोनों ज़्यादा समय तक खेलेंगे अगर वे खेलना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा, और यहीं पर समस्या खड़ी हो सकती है. यह स्पष्ट है कि उनसे ऐसा करने की उम्मीद की जाएगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों क्या करते हैं. 50 ओवर के प्रारूप में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के कारण, वे खुद को मैच के लिए कैसे तैयार रखते हैं, यही बड़ा सवाल है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से कुछ जवाब मिल जाएँगे, क्योंकि दोनों ने आईपीएल के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है.ऑस्ट्रेलिया में चेंजिंग रूम में कोहली और रोहित की मौजूदगी से गिल कैसे निपटते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. हालाँकि खेल में चीज़ें कामयाब होती हैं, लेकिन यह किसी के लिए भी आसान नहीं हो सकता.यही एक और वजह है कि अगले कुछ महीने देखना दिलचस्प हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया दौरा धमाकोदार बन गया  कोहली और रोहित दोनों ने पहले भी संकेत दिए थे कि वे 2027 तक खेलना चाहते हैं उदाहरण के लिए, अभिषेक नायर ने भी यही कहा है, क्योंकि उन्होंने रोहित के साथ मिलकर काम किया है कोहली ने भी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा कहा था हो सकता है कि वे इस मामले पर कोई सार्वजनिक घोषणा करने से पहले यह देखना चाहें कि ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद चीज़ें कैसे आकार लेती हैं. इसके अलावा, उन्हें सीरीज़ दर सीरीज़ आंकना भी अनुचित होगा. किसी की भी सीरीज़ खराब हो सकती है. उदाहरण के लिए, सूर्यकुमार यादव का एशिया कप अच्छा नहीं रहा बल्कि, उन्हें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड (कुल 9 वनडे) के खिलाफ कई मैच खेलने चाहिए, तभी किसी नतीजे पर पहुँचा जा सकता है.अगर वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो किसी को भी संन्यास लेने के लिए कहने की कोई ज़रूरत नहीं है.जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है, संन्यास एक निजी फैसला होता है. हर मैच होगा बलॉकबस्टर  चयनकर्ता कप्तान ज़रूर बदल सकते हैं, और उन्होंने बदला भी है लेकिन खेलना है या नहीं, यह खिलाड़ी का फ़ैसला है. वे अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे, और अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह उनका फ़ैसला है कि वे खुद को चयन के लिए पेश करें या नहीं. दरअसल, रोहित ने ऑस्ट्रेलिया जाने का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि वह खेलना चाहते हैं. यह जानते हुए कि वह टीम की कप्तानी नहीं करेंगे, वह खेल को अलविदा कह सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसका मतलब है कि वह खेलना चाहते हैं और मानते हैं कि उनमें अभी भी खेलने की क्षमता है. क्या वह दो साल और खेल पाएंगे और 30 की उम्र के बाद सचिन तेंदुलकर जैसा प्रदर्शन कर पाएंगे, यह देखने के लिए हमें इंतज़ार करना होगा. अब इन दोनों के बीच खेला जाने वाला हर मैच ब्लॉकबस्टर साबित होगा. एक ऐसा फॉर्मेट जो विश्व कप से दो साल दूर होने के कारण अपनी अहमियत खो सकता था, अब सबसे ज़्यादा प्रतीक्षित मैच बन गया है. हर वनडे मैच दर्शकों के बीच देखा जाएगा और प्रसारणकर्ता भी खूब मौज-मस्ती करेंगे. उनकी मौजूदगी ने इस फॉर्मेट में नई जान फूंक दी है और यही अगले कुछ महीनों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है. आखिरकार, ऑस्ट्रेलिया में नतीजे ज़्यादा मायने नहीं रखेंगे लोग यही देखना चाहेंगे कि ये दोनों दिग्गज अपना काम कैसे करते हैं. क्या रोहित भारत को अच्छी शुरुआत दे पाएंगे और क्या वह शीर्ष क्रम में भी इसी आक्रामक रवैये के साथ खेलते रहेंगे? क्या कोहली हमेशा की तरह पारी को संभाले रखेंगे? खैर, जो भी हो, दिवाली हो या काली पूजा, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच देखने में बीत जाएगी ये बात अब लाखों भारतीयों के लिए यह तय है.  

RJD में हलचल: बिहार चुनाव से पहले नेता का अचानक इस्तीफा

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के अगले ही दिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी के मधुबनी प्रभारी अनिसुर रहमान ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि पार्टी में टिकट बंटवारे को उनकी नाराजगी चल रही थी, जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ी अनिसुर रहमान ने पार्टी पर उनको किनारे कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मधुबनी सहित कई जिलों में टिकट तय करने में स्थानीय कार्यकर्ताओं और जिला इकाई से कोई राय नहीं ली गई। वहीं मधुबनी प्रभारी के इस्तीफे ने RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अनिसुर रहमान पिछले कुछ दिनों से पटना में नेतृत्व से मुलाकात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बात नहीं बन पाई। बता दें कि सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेंस कॉन्फ्रेस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने तारीखों की घोषणा की है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में अनवर ढेबर को दी अस्थायी राहत

रायपुर छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. उनकी मां के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए 4 दिन की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी गई है. पुलिस अभिरक्षा में 4 दिन मां के साथ रहने की इजाजत मिली है. दरअसल, कारोबारी अनवर ढेबर की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मां की खराब स्वास्थ्य में समय में मिलने के लिए अपील की थी. मामले में सुनवाई के दौरान ढेबर के वकीलों ने कोर्ट में बताया कि उनकी मां की हालत गंभीर है. इस वक्त वह हॉस्पिटल में एडमिट हैं. जिस पर सुप्रीम कोर्ट कहा कि ऐसे संवेदनशील समय पर परिवार के ऐसे समय में इंसान को अपने करीबियों के साथ रहने का मौका मिलना चाहिए. चार दिन की मिली अंतरिम जमानत कोर्ट ने चार दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. जिसमें साफ किया कि यह राहत सिर्फ उनकी मां की तबीयत को ध्यान में रखते हुए दी गई है. 4 दिनों तक अनवर ढेबर अपने परिवार के साथ रह सकेंगे. जमानत की तिथि खत्म होते ही उन्हें दोबारा जेल जाना होगा. 3200 करोड़ का घोटाला, 60 लाख से अधिक पेटियों की बिक्री EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है. पहले इस घोटाले का अनुमान 2161 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. लखमा, चैतन्य, टूटेजा, ढेबर समेत 15 जेल में इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, सेवानिवृत्त IAS अनिल टूटेजा और होटल व्यवसायी अनवर ढेबर समेत 15 लोग पहले से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. ईओडब्ल्यू की जांच में अब तक कुल 70 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिसमें आठ डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं. अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है.