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दीक्षांत समारोह में 37 पीएचडी, 540 स्नातक, 222 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने प्राप्त की उपाधि

भोपाल  राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि वंचित समुदाय के उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना भी है। उन्होंने उपाधि धारकों से कहा कि नानाजी द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौका आप सभी विद्यार्थियों को सौभाग्य के रूप में मिला है। उनके बौद्धिक विचारों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन की दिशा तय करें और सुखी तथा समृद्ध जीवन की ओर अग्रसर हों। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री पटेल ने दीक्षांत समारोह मे नानाजी के कार्यों का स्मरण किया। राज्यपाल श्री पटेल चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के 13 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 37 छात्रों को शोध उपाधि, 35 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पदक और 01 विद्यार्थी को नानाजी मेडल प्रदान किया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने ग्रामोदय से राष्ट्रोदय की थीम पर आधारित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित ग्राम जीवन प्रदर्शिनी , गांव से गगन तक और डीआरआई की कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई नानाजी देशमुख के जीवन पर केन्द्रित चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस मौके पर राज्यपाल ने राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा नव निर्मित किसान भवन के प्रथम तल का लोकार्पण किया।उनके समक्ष विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों से कहा है कि समृद्धि और सफलता के शिखर पर पहुंचने पर भी ये याद रखें कि आपको इस मुकाम तक पहुंचाने वाले आपके माता-पिता, शिक्षक, समाज और देश को कभी नही भूलें। उन्होंने कहा कि जैसे चित्रकूट के कण-कण में नानाजी की उदारता और उनकी संकल्प शक्ति के दर्शन होते हैं वैसे ही आपको अपने कार्यों से अपनी और विश्वविद्यालय की कीर्ति दूर-दूर तक पहुंचानी चाहिए। विकसित भारत में हमारा जीवन कैसा हो इसके लिए जो शिक्षा ग्रहण की है उसका सदुपयोग समाज और राष्ट्र के हित में करते हुए सभी का जीवन समृद्ध और सुखमय बनाये। उपाधि और पदक के साथ नानाजी के आदर्शों को भी साथ ले जाएं : श्री परमार उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने विद्यार्थियों से कहा कि उपाधि और पदक के साथ विश्वविद्यालय की नींव रखने वाले राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख के आदर्शों को साथ ले जाएं। नानाजी देशमुख ने समाज के परिवर्तन के लिए कर्मभूमि चित्रकूट मे विश्वविद्यालय की स्थापना की है। विश्वविद्यालय से दीक्षित छात्र ,छात्रा को कृषि,स्वास्थ्य, विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार करते हुए समाज की चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करने चाहिए। वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाने के प्रयासों में उद्योगपति, किसान, युवाओं सभी की भूमिका है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने अनेक चुनौतियां भारत के सामने खडी की लेकिन हमारा दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम का है। उन्होने छात्र-छात्राओं से कहा कि सत्य निष्ठा और परिश्रम से की गई पढाई हमारी अथवा हमारे परिवार की नहीं बल्कि देश की संपत्ति है। उच्च शिक्षा मंत्री ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय को देश भर में अव्वल रहने की शुभकामनायें देते हुए सरकार की ओर से निरंतर सहयोग देने का आश्वासन दिया। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि विद्यार्थी के लिए यशस्वी और सार्थक जीवन का अर्थ है कि वह व्यवसायी जीवन में सफलता प्राप्त करे | स्वयं के परिवार का पालन करते हुए समाज मे योगदान के लिए सक्षम बनें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारत रत्न नानाजी देशमुख ने 75 वर्ष की आयु में चित्रकूट आकर यहां के समाज और वंचित समुदाय के साथ संवेदना के साथ जुडकर चित्रकूट को अपनी कर्मभूमि बनाया। विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो0 भरत मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन और प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलगुरू ने उपाधि धारकों को दीक्षांत शपथ भी दिलाई। राज्यपाल श्री पटेल ने किये मां शारदा देवी के दर्शन राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने शनिवार को मैहर जिले के प्रवास के दौरान मां शारदा देवी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रदेश वासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। इस मौके पर मैहर जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती राधा सिंह, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे ।  

RJD के दो विधायकों ने दिया इस्तीफा, बिहार चुनाव से पहले BJP को मजबूत बढ़त

पटना अगले माह होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दो विधायकों– संगीता कुमारी और चेतन आनंद ने शुक्रवार को विधानमंडल से इस्तीफा दे दिया। दोनों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया है कि संगीता कुमारी (मोहनिया) और चेतन आनंद (शिवहर) के इस्तीफे के बाद दोनों सीट रिक्त हो गई हैं। दोनों विधायक तत्काल प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। इस वर्ष की शुरुआत में जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) दोबारा भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुआ था, तब से संगीता कुमारी और चेतन आनंद विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लगातार सत्तापक्ष की बेंचों पर बैठते नजर आ रहे थे। इसके बाद राजद ने दोनों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, जो फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के समक्ष लंबित है। बता दें कि राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे, पहला चरण छह नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम और भभुआ से राजद विधायक भारत बिंद ने भी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था।  

टोल कंपनी पर हिंसक तांडव, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सात घायल

दौसा दौसा जिले के भांडारेज टोल प्लाजा पर शुक्रवार को घटित हुई हिंसक घटना ने प्रशासन और स्थानीय लोगों को हिला दिया। एक्सप्रेसवे टोल कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों पर स्थानीय बदमाशों ने सुनियोजित तरीके से अचानक हमला कर दिया। बदमाशों ने टोलकर्मियों-अधिकारियों पर लाठी-डंडे और सरियों से हमला किया। मारपीट में टोल कंपनी के सात अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें पुलिस ने जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के भांडारेज टोल पर बदमाशों ने शुक्रवार को जमकर उत्पात मचाया, जिससे टोल कम और अखाड़ा ज्यादा बनता नजर आया। घटना की सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची तब तक बदमाश फरार हो गए। पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर हमलावरों की तलाश में जुट गई है। सदर थाना पुलिस के अनुसार यह हमला टोल कंपनी में बदलाव के बाद पुरानी कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को टोल पर काम पे लगाने का विवाद का परिणाम माना जा रहा है। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घायल कर्मचारियों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा। घायल कर्मचारियों में कंपनी के प्रबंधक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई गई है। पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू की घटना की सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मौका मुआयना कर बदमाशों की तलाश में टीमें रवाना कर स्थिति पर नियंत्रण पाया। पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज की और अलग-अलग टीमों का गठन कर हमलावरों की खोज शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि हमलावरों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों के बयान लिए गए हैं। इस मामले ने एक्सप्रेसवे और टोल संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि टोल प्लाजा पर सुरक्षा के कोई माकूम इंतजाम नहीं हैं। पुलिस टोल पर सुरक्षा के लिए गशत कर निगरानी रखे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। भय के साये में टोलकर्मी और अधिकारी अचानक हुए हमले के बाद टोल पर अफरातफरी मच गईं टोल कर्मियों व अधिकारियों ने इधर उधर दुबककर जान बचाई। घटना के बाद टोल पर भय का माहौल बना हुआ है। टोलकर्मी और अधिकारी इतने भयभीत हैं कि अनहोनी की आशंका के चलते कोई भी कुछ कहने को बोलने को तैयार नहीं है। टोल प्लाजा पर सुरक्षा बढ़ाई गई स्थानीय लोग भी इस घटना से चिंतित हैं। उनका कहना है कि यह घटना टोल प्लाजा पर आम जनता और कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरे में डालती है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही हमलावरों को पकड़ लिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। घायल कर्मचारियों का इलाज चल रहा है और घटनास्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने कहा कि एक्सप्रेसवे पर आने वाले यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।

हाईकोर्ट का फैसला: केवल नोटों की बरामदगी से रिश्वत का आरोप सिद्ध नहीं, तहसील क्लर्क बरी

बिलासपुर हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बिल्हा तहसील कार्यालय के तत्कालीन रीडर/क्लर्क बाबूराम पटेल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लगे आरोपों से बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी ने रिश्वत की मांग की थी, या उसे अवैध लाभ के रूप में स्वीकार किया था. यह फैसला जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बैंच ने सुनाया. 5000 की रिश्वत मांगने का आरोप दरअसल, लोकायुक्त कार्यालय, बिलासपुर में 20 फरवरी 2002 को शिकायतकर्ता मथुरा प्रसाद यादव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी बाबूराम पटेल ने उसके पिता की जमीन का खाता अलग करने के नाम पर 5000 रिश्वत की मांग की थी, जो बाद में 2000 में तय हुई. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप की कार्रवाई की. शिकायतकर्ता को 15 नोट 100 के दिए गए, जिन पर फिनाल्फ्थेलीन पाउडर लगाया गया था. आरोप था कि आरोपी ने 1500 रिश्वत ली, जिसे मौके पर पकड़ लिया गया. जांच के बाद उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(1)(डी) सहपठित 13(2) के तहत दोषी ठहराया गया था. प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, बिलासपुर ने 30 अक्टूबर 2004 को उसे एक-एक वर्ष की कठोर कारावास और 500-500 के जुर्माने की सजा सुनाई थी. आरोपी बाबूराम पटेल ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी. अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने तर्क दिया कि आरोपी के खिलाफ झूठा प्रकरण रचा गया है. शिकायतकर्ता की पत्नी पूर्व सरपंच थीं और उनके खिलाफ एक जांच में आरोपी ने भाग लिया था, जिससे निजी द्वेष के चलते झूठा फंसाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दिया गया 1500 रिश्वत नहीं, बल्कि ग्रामवासियों से पट्टा शुल्क के रूप में वसूला गया बकाया राशि था, जिसे जमा कराने के लिए आरोपी ने कहा था. इसके अलावा, कुल 3180 की जब्ती राशि में से 1500 रिश्वत के रूप में चिन्हित करना भी संदिग्ध था. राज्य की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अभियोजन के साक्ष्य पर्याप्त हैं और आरोपित ने अवैध रूप से 1500 रुपए लिए. केवल नोट मिलने से आरोपी सिद्ध नहीं होता : बिलासपुर हाईकोर्ट कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णय बी. जयाराज वर्सेज स्टेट आफ आंध्र प्रदेश (2014) और सौंदर्या राजन वर्सेज स्टेट (2023) का हवाला देते हुए कहा कि केवल नोटों की बरामदगी से रिश्वत का अपराध सिद्ध नहीं होता, जब तक मांग और स्वीकार का ठोस प्रमाण न हो. न्यायालय ने पाया कि, शिकायतकर्ता ने खुद कहा कि उसे यह स्पष्ट नहीं था कि 1500 रिश्वत थी या पट्टा शुल्क की राशि. उसने स्वीकार किया कि शिकायत लोकायुक्त एसपी के निर्देश पर लिखी गई थी और वह पूरी तरह नहीं पढ़ी गई थी. रिकार्ड किए गए वार्तालाप में भी आरोपी की आवाज स्पष्ट नहीं थी. ट्रैप टीम के तीन सदस्यों ने पैसे की बरामदगी के स्थान को लेकर विरोधाभासी बयान दिए, किसी ने दायें पाकेट, किसी ने बायें, तो किसी ने पीछे की जेब बताई. इन तथ्यों से कोर्ट ने कहा कि मांग, स्वीकारोक्ति और बरामदगी तीनों संदिग्ध और असंगत हैं. इसलिए, संदेह का लाभ आरोपी को दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कोर्ट ने कहा कि, अभियोजन अपना मामला संदेह से परे सिद्ध नहीं कर सका. ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्यों का उचित मूल्यांकन नहीं किया. अतः दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है. इस आधार पर हाई कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2004 का निर्णय रद्द करते हुए बाबूराम पटेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया.

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष और एमएलसी डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल का अखिलेश यादव पर करारा प्रहार

  बोलेः अखिलेश ने मान्यवर कांशीराम और बाबा साहब का किया अपमान, जेपीएनआईसी में जमकर लूटा जनता का पैसा योगी सरकार ने किया स्मारकों का संरक्षण, सपा राज में अंधकार में डूबा था आंबेडकर स्मारकः डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि सपा शासनकाल (2012–2017) दलितों के अपमान, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि जिस समय पूरे देश में मान्यवर कांशीराम जी के नाम से बने संस्थानों को सम्मान दिया जा रहा था, उसी समय अखिलेश यादव ने उनके नाम को मिटाने का काम किया। डॉ. निर्मल ने कहा कि लखनऊ का उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, जो मान्यवर कांशीराम जी के नाम से था, उससे नाम हटाया गया। यही नहीं, कांशीराम जी के नाम से चलने वाली सभी सरकारी योजनाओं के नाम भी बदल दिए गए। यह कृत्य दलितों के सम्मान पर गहरी चोट थी। उन्होंने कहा कि बहन मायावती जी की रैली ने समाजवादी पार्टी के असली चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है जो दलित विरोधी और महापुरुषों के प्रति अपमानजनक रवैया रखने वाली पार्टी है। अखिलेश के राज में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बना जेपीएनआईसी सपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के प्रतीक बने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना की शुरुआत ₹200 करोड़ की लागत से हुई थी, लेकिन 2017 तक इसकी लागत बढ़कर ₹867 करोड़ हो गई और फिर भी परियोजना अधूरी रही। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह केंद्र “कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा” बन गया। उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने आते ही जेपीएनआईसी समिति को भंग कर यह परियोजना एलडीए के सुपुर्द की, ताकि इसे पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सके। सरकार ने ₹882.74 करोड़ की धनराशि ऋण के रूप में स्थानांतरित कर दी है, जिसे 30 वर्षों में लौटाया जाएगा। अब इस परियोजना के अंतर्गत आधुनिक ऑडिटोरियम, कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपज कोर्ट और मल्टीलेवल पार्किंग (750 वाहनों की क्षमता) का निर्माण कराया जा रहा है। इसे अब इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की तर्ज पर लर्निंग सेंटर के रूप में जनता के लिए खोला जाएगा, न कि अखिलेश यादव के शासनकाल में लूट के केंद्र के रूप में। अखिलेश ने दलितों का किया उत्पीड़न डॉ. निर्मल ने कहा कि अखिलेश यादव जिस कांग्रेस के साथ आज गलबहियां कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने देश में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया था। यह वही कांग्रेस है जिसने बाबा साहब को भारत रत्न देने में देरी की, उनके नाम पर कोई प्रतिमा नहीं लगवाई और प्रमोशन में आरक्षण के बिल को संसद में फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं ताकि अपने पापों को छुपा सकें, लेकिन जनता सब जान चुकी है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने न सिर्फ दलितों के आरक्षण का विरोध किया, बल्कि लाखों दलित कर्मचारियों का रिवर्जन कर दिया, उनकी जमीनों पर अवैध कब्जे कराए और उत्पीड़न किया। 2012 से 2017 के बीच डॉ. आंबेडकर स्मारक में रातभर अंधेरा रहता था, लाइटें बंद थीं, पत्थर टूटे पड़े थे, पीतल की पट्टिकाएं उखाड़ी गई थीं। सपा ने स्मारकों को नष्ट करने का काम किया। इसके विपरीत, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी ईमानदारी से बाबा साहब आंबेडकर की धरोहरों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया। उन्होंने कहा कि डॉ.बाबा साहब आंबेडकर हमारी आस्था के केंद्र हैं। भारतीय जनता पार्टी ने न केवल उनके विचारों को सहेजा, बल्कि उनके सभी पांच तीर्थ स्थलों का विकास किया, दलितों को आर्थिक सशक्तिकरण दिया, संसद और विधान परिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ाया। यही सच्चा सामाजिक न्याय है।” दलित समाज को भ्रमित नहीं कर पाएंगे सपा और कांग्रेस डॉ. निर्मल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां परिवारवाद की कोई जगह नहीं, अध्यक्ष और नेताओं का चयन लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है। जबकि कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियां परिवारवाद को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि जो कहते हैं कि बसपा को योगी आदित्यनाथ की जरूरत है, उन्हें यह समझना चाहिए कि योगी जी ने जिस ईमानदारी और पारदर्शिता से बाबा साहब के स्मारकों को सम्मान दिया है वह किसी अन्य सरकार ने कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश का दलित समाज जाग चुका है। उत्तर प्रदेश की जनता जान चुकी है कि कौन दलितों के अधिकारों की रक्षा करता है और कौन उन्हें भ्रमित करता है। 2027 के चुनाव में समाजवादी पार्टी का वही हश्र होगा जो कांग्रेस का हुआ, जनता उसे पूरी तरह खारिज कर देगी। जेपी के नाम पर फाइव स्टार प्रोजेक्ट समाजवाद नहीं, अमीरों की मौज-मस्ती थीः असीम अरुण योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी कहने वाले अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण जी के नाम पर जो परियोजना बनाई थी, वह समाजवाद नहीं बल्कि विलासिता और दिखावे का प्रतीक थी। मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी ने हमेशा सादगी और गरीबों के कल्याण का संदेश दिया, जबकि अखिलेश सरकार ने उनके नाम पर फाइव स्टार सुविधाओं वाला प्रोजेक्ट खड़ा करने की योजना बनाई थी। असीम अरुण ने कहा कि यह बड़े अचरज की बात है जयप्रकाश नारायण जी के नाम पर लखनऊ में एक फाइव स्टार व्यवस्था बनाई जा रही थी। अखिलेश यादव जी द्वारा इस फाइव स्टार व्यवस्था में बिल्डिंग के ऊपर एक हेलीकॉप्टर उतरने की जगह बनाई गई थी। ऊंचे तल पर स्विमिंग पूल बनाया गया था। फाइव स्टार कमरे बनाए गए। इसको समाजवादी उद्देश्य की पूर्ति के लिए कहा जाए तो इससे ज्यादा हंसी की बात और क्या होगी। साथ ही साथ भ्रष्टाचार का इसमें जो आलम रहा वो तो और अनूठा था। एक समिति बनाई गई जिसे पहले 200 करोड रुपए दिए गए और बाद कुल 867 करोड रुपए प्रदान कर दिए गए। फिर भी वह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। अब इस पूरे प्रोजेक्ट की जांच चल रही है और सीएजी ने भी इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। योगी सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस ला रही है, लेकिन ध्यान रखा जा रहा है कि यह अमीर लोगों की मौज … Read more

BJP शीर्ष नेतृत्व की दिल्ली बैठक: बिहार चुनाव रणनीति पर शाह-नड्डा का मंथन

पटना बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बातचीत का दौर अब अंतिम चरण है। भाजपा और जदयू ने अपने कई पुराने चेहरों को हरी झंडी भी दे दी है। लेकिन, अब तक औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की है। यह घोषणा आज शाम तक संभावित है। लेकिन, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर जुटे हैं। गृह मंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। एनडीए में चिराग-मांझी की जिद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम 95 फीसदी तक हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को करीब पांच सीटें  भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 35 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का तर्क है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए आठ विधायक चाहिए। हमारे पास पहले से चार विधायक हैं। ऐसे में 15 सीटों से कम पर चुनाव हमलोग नहीं लड़ कसते हैं। वहीं आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 24 सीटों की मांग की है। तीनों पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर अपनी-अपनी बात रख दी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दावा किया है कि एनडीए के घटक दलों के कहीं कोई मतभेद नहीं है। सबलोग एकजुट हैं। जल्द ही सीट बंटवारे का एलान कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के रहते सम्मान की चिंता नहीं बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ सीट बंटवारे की बातचीत पर एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि बातचीत सकारात्मक ढंग से चल रही है और अब अपने अंतिम चरण में है। जिस घोषणा का इंतजार आपलोग कर रहे हैं, वह भी जल्द होने वाली है। हमलोग हर एक चीजों पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं। ताकि बाद में गठबंधन के अंदर किसी भी चीजों को लेकर कोई संशय नहीं हो। हम हर छोटे-बड़े मुद्दे, सीटों, उम्मीदवारों और प्रचार को लेकर विस्तृत चर्चा कर रहे हैं। जहां पर मेरे प्रधानमंत्री हैं, वहां पर मुझे अपने सम्मान करने की चिंता नहीं है। 

सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर करबला तालाब निर्माण रोक, वेटलैंड अथॉरिटी ने कलेक्टर को निर्देशित किया

रायपुर छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी ने राजधानी के करबला तालाब में किए जाने वाले डेढ़ करोड़ के नए निर्माण कार्य और अन्य कार्यों पर तत्काल रोक लगाने रायपुर कलेक्टर को रायपुर नगर निगम आयुक्त को आदेशित किया है. यह कार्रवाई सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता की शिकायत पर की गई है. दरअसल, करबला तालाब के साथ अन्य तालाब जैसे बूढ़ा तालाब, तेलीबांधा, महाराजबंध और अन्य तालाबों की जांच के लिए छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी ने रायपुर कलेक्टर को मई 2023 में आदेशित किया था. रायपुर कलेक्टर ने रायपुर वन मंडल अधिकारी की अध्यक्षता में रायपुर के बूढ़ा तालाब, तेलीबांधा, महाराजबंध और अन्य तालाबों को दरकिनार कर सिर्फ करबला तालाब के लिए जांच दल गठित किया था. रायपुर वन मंडल अधिकारी ने करबला तालाब की जांच रिपोर्ट जुलाई 2023 में कलेक्टर को सौप दी. लेकिन यह रिपोर्ट आज तक कलेक्टर ने वेटलैंड अथॉरिटी को नहीं सौंप है. इस पर रायपुर शहर के ईएनटी विशेषज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राकेश गुप्ता ने सूचना का अधिकार के तहत कलेक्टर कार्यालय से जानकारी मांगी. इस पर डॉ. राकेश गुप्ता ने सितम्बर 2025 में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य सचिव को जांच रिपोर्ट के साथ शिकायती पत्र भेजा. जांच रिपोर्ट में करबला तालाब पर निजी कंपनी द्वारा सामाजिक दायित्व के तहत 1,13,61,323.00 रुपए के कई कार्य वेटलैंड रुल के विरुद्ध कराए जाने प्रस्तावित पाए गए, इसलिए जांच दल ने इन कार्यों को न करने की सलाह दी थी. उसके बावजूद भी फरवरी-मार्च 2024 में प्रतिबंधित कार्य कराए गए, जिनमें हाईएस्ट फ्लड लेवल (अधिकतम बाढ़ स्तर) से 50 मीटर के अंदर पेवर लगाना इत्यादि. डॉक्टर गुप्ता ने शिकायत पत्र में बताया कि अब करबला तालाब पर डेढ़ करोड़ रुपए लागत की नई रिटेनिंग वॉल और अन्य कार्य करना प्रस्तावित किया गया है, जो कि वेटलैंड के नियमों के विरुद्ध है. इस पर वेटलैंड अथॉरिटी ने रायपुर कलेक्टर को आदेश जारी कर करबला तालाब की 2023 की जांच रिपोर्ट तलब करने के साथ करबला तालाब में प्रस्तावित निर्माण कार्यों पर तत्काल रोक लगाने रायपुर नगर निगम आयुक्त को निर्देशित करने कहा गया है. क्या है प्रतिबंधित गतिविधियां वेटलैंड रूल्स 2017 के अनुसार 2007 से आज तक के औसत हाईएस्ट फ्लड लेवल से 50 मीटर के अन्दर कोई भी स्थाई प्रकृति का निर्माण नहीं कराया जा सकता है जैसे कि पानी के चारों और बनाई जाने वाली रिटेनिंग वाल, मेड पर पाथवे, पेवर, सड़क, भवन इत्यादि. डॉ. गुप्ता ने बताया कि चूंकि करबला तालाब, बूढा तालाब, महाराज बंध, तेलीबांधा जैसे अन्य तालाब जो कि क्षेत्रफल में 2.25 हेक्टेयर से बड़े हैं पर मान. सर्वोच्च न्यायलय के आदेश अनुसार पुराने नियम (2010 के) लागू होते है सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस लिए औसत हाईएस्ट फ्लड लेवल साल 2000 से निकालने होंगे. क्या पाया गया 2023 की जांच में 2023 की जांच रिपोर्ट में लिखा है कि करबला जलाशय में सौंदरीकरण हेतु निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है. जिसके अंतर्गत पार्किंग व्यवस्था, सीसी रोड, रेलिंग मरम्मत, रिटेनिंग वाल मरम्मत, प्रसाधन भवन इत्यादि कार्य प्रस्तावित है. मौका स्थल जांच उपरांत पाया गया कि उक्त कार्य के क्रियांनवयन से जलाशय के जल धारण क्षमता, जल क्षेत्रफल प्रभावित क्षेत्र कम होने के साथ-साथ जलाशय पर आश्रित जीव जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है जिससे आद्र भूमि संरक्षण एवं प्रबंधन नियम 2017 में उल्लेखित नियम का उल्लंघन होगा. साथ ही इससे जलाशय का जल क्षेत्रफल गैर आद्र भूमि उपयोग हेतु परिवर्तित हो जायेगा. वेटलैंड अथॉरिटी को आरटीआई का सहारा लेने दिया सुझाव डॉ. गुप्ता ने वेटलैंड अथॉरिटी को सलाह दी कि चूंकि कलेक्टर रायपुर करबला जलाशय की जुलाई 2023 की जांच रिपोर्ट उनके बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद वेटलैंड अथॉरिटी को प्रस्तुत नहीं कर रहे है, और अन्य व्यक्तियों को आरटीआई में दे चुके हैं इसलिए वेटलैंड अथॉरिटी को भी कलेक्टर कार्यालय में सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत कर करबला जलाशय की जांच रिपोर्ट प्राप्त कर लेनी चाहिए. दूसरा आवेदन वेटलैंड अथॉरिटी को कलेक्टर कार्यालय में यह जरूर लगाना चाहिए कि वेटलैंड अथॉरिटी के मई 2023 के आदेश के बावजूद और बार-बार रिमाइंडर देने के बाद भी कलेक्टर बूढ़ा तालाब, तेलीबांधा, महाराज बंध और रायपुर के अन्य तालाबों की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं?

गजकेसरी राजयोग का असर: 12 अक्टूबर से इन 3 राशियों को मिलेगा बंपर लाभ

ग्रहों की चाल में बदलाव का असर सीधे तौर पर मानव जीवन पर पड़ता है, और जब शुभ योगों का निर्माण होता है, तब यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. आगामी 12 अक्टूबर को ज्योतिषीय जगत में एक महत्वपूर्ण और बहुत शुभ घटना होने जा रही है. इस दिन, ज्ञान और भाग्य के कारक देवगुरु बृहस्पति और मन तथा सुख के कारक चंद्रमा की युति से ‘गजकेसरी राजयोग’ का निर्माण होगा. यह योग कुछ राशियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा, जिससे उनकी तकदीर बदलने की प्रबल संभावना है. आइए जानते हैं ये योग कब बनेगा और इससे किन राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है. कब और कैसे बन रहा है ‘गजकेसरी राजयोग’? ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 12 अक्टूबर को सुबह 02 बजकर 24 मिनट पर चंद्रमा अपनी राशि बदलकर वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय देवगुरु बृहस्पति भी पहले से ही मिथुन राशि में संचरण कर रहे हैं. इस प्रकार, एक ही राशि मिथुन में गुरु और चंद्रमा का एक साथ आना ही ‘गजकेसरी राजयोग’ कहलाता है. क्या होता है गजकेसरी राजयोग? गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ किसी एक ही राशि में आते हैं या एक-दूसरे के केंद्र भाव में स्थित होते हैं. यह योग व्यक्ति को बुद्धिमान, प्रसिद्ध, धनी और सम्मानित बनाता है. जिन जातकों की कुंडली में यह योग बनता है, उनके जीवन में सौभाग्य और उन्नति के अवसर बढ़ जाते हैं. इन 3 राशि वालों को होगा बंपर लाभ! इस शक्तिशाली राजयोग का सबसे अधिक लाभ तीन राशियों को मिलने जा रहा है. इन राशि के जातकों को धन, करियर और व्यक्तिगत जीवन में अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है. मिथुन राशि     चूंकि यह राजयोग मिथुन राशि में ही बन रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों के लिए यह समय स्वर्णिम साबित हो सकता है.     व्यक्तित्व और मान-सम्मान: आपके आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी. सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोग आपके विचारों को महत्व देंगे.     करियर और व्यापार: कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता उभरकर सामने आएगी. नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या वेतन वृद्धि मिल सकती है. व्यापार में निवेश और विस्तार के लिए यह समय उत्तम है.     स्वास्थ्य: स्वास्थ्य संबंधी पुरानी समस्याओं से राहत मिलेगी और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे. सिंह राशि     सिंह राशि के जातकों के लिए यह योग आय और सामाजिक नेटवर्क के स्थान पर बन रहा है.     आय और लाभ: आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि होगी. अचानक धन लाभ या रुके हुए पैसे वापस मिलने की संभावना है.     सामाजिक संबंध: बड़े भाई-बहनों और मित्रों के सहयोग से आपके कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे होंगे. सामाजिक दायरा बढ़ेगा, जिससे भविष्य में लाभ मिलेगा.     इच्छाओं की पूर्ति: लंबे समय से अटकी हुई मनोकामनाएं और लक्ष्य इस अवधि में पूरे हो सकते हैं. मकर राशि     मकर राशि के जातकों के लिए यह योग छठा भाव (शत्रु, ऋण, रोग) से संबंधित है, जो सकारात्मक परिणाम देगा.     शत्रु और विरोधी: आपके विरोधी और शत्रु चाहकर भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी.     स्वास्थ्य और रोग: पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी और स्वास्थ्य में सुधार आएगा. नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलेगा.     वित्तीय प्रबंधन: यदि आपने कोई ऋण लिया हुआ है, तो उसे चुकाने के लिए रास्ता बनेगा और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी.  

भाजपा या कांग्रेस? नवजोत सिद्धू की वापसी पर CM मान ने खोला राज

चंडीगढ़ नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब की राजनीति में वापसी को लेकर माहौल गरम होना शुरू हो गया है। पिछले दिनों सिद्धू द्वारा प्रियंका गांधी से मुलाकात की गई, जिसके बाद उनके राजनीति में फिर सक्रिय होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बारे में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवजोत सिद्धू के राजनीति में फिर सक्रिय होने पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी जब चाहे राजनीति में शामिल होने या छोड़ने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि सिद्धू ने अपने अन्य रुचियों से हटकर एक बार फिर पंजाब को याद किया है।  उन्होंने कहा कि पूर्व क्रिकेटर (नवजोत सिद्धू) से कुछ भी नया और बेहतर अपेक्षित नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने अपना पुराना एजेंडा दोहराने के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने क्रिकेटर से राजनीति में आए नवजोत सिद्धू को अपना नया राजनीतिक सफर शुरू करने के लिए शुभकामनाएँ दीं। 

स्टेट गेम्स में पहली बार खिलाड़ियों का नया टेस्ट, हरियाणा खेल जगत में 13 साल बाद उत्सव

चंडीगढ़ हरियाणा में ओलिंपिक संघ स्टेट गेम्स की शुरुआत 2 नवंबर से होगी। गुरुग्राम से हरियाणा के सीएम नायब सैनी इन गेम्स की शुरुआत करेंगे। इस दौरान ओलिंपिक संघ अध्यक्ष पीटी ऊषा भी मौजूद रहेंगी। हरियाणा ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष कैप्टन जसविंद्र मीनू बैनीवाल ने कहा कि 2018 हरियाणा की खेल नीति में शामिल गेम्स को इसमें शामिल किया गया है। स्टेट गेम्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को डोप टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा। खिलाड़ियों का रैंडम सैंपल लिया जा सकता है। जिसके लिए गेम्स के दौरान नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की टीम मौजूद रहेगी। आपको बता दें कि हरियाणा ओलिंपिक संघ प्रदेश में 13 साल बाद स्टेट गेम्स करवाने जा रहा है। प्रदेशभर में यह गेम्स ओलिंपिक संघ प्रदेश के 11 स्थानों होंगे। हरियाणा ओलिंपिक संघ के स्टेट गेम्स में वेटलिफ्टिंग, फेंसिंग, आर्चरी, टेनिस, हैंडबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, नेटबॉल, बास्केटबॉल, कुश्ती, कबड्डी, जूडो, बैडमिंटन, साइक्लिंग, वॉलीबॉल, ट्रायथलन, स्विमिंग, वॉटरपोलो, बॉक्सिंग, कराटे, फुटबॉल, नौकायान, शूटिंग गेम्स शामिल होंगे। विजेता खिलाड़ियों को मिलेंगे सर्टिफिकेट, ग्रुप-डी की नौकरी के लिए होगा मान्य हरियाणा ओलिंपिक संघ के द्वारा आयोजित स्टेट गेम्स के विजेता खिलाड़ियों को सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। सर्टिफिकेट के द्वारा स्पोर्ट्स विभाग से खिलाड़ी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा सकेंगे। हरियाणा सरकार की खेल नीति 2018 के अनुसार ये ग्रेडेशन सर्टिफिकेट ग्रुप-डी की नौकरी के लिए मान्य होगा।   इन शहरों में होंगे गेम्स इन खेलों का आयोजन चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, झज्जर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक और हिसार शहर अपेक्षित सेंटर में होगा। प्रदेश में शूटिंग रेंज नहीं होने के कारण शूटिंग की व्यवस्था दिल्ली की करणी रेंज पर होगी। हर खेल में 8 बेस्ट टीम लेंगी हिस्सा टीम प्रतियोगिताओं में हरियाणा की 8 टीमें हिस्सा लेंगी। मेजबान जिले की एक टीम को हिस्सा लेने की अनुमति होगी। हरियाणा पुलिस व एचएसआईआईडीसी, हरियाणा पावर, स्पोर्ट्स यूनिविर्सिटी राई, शाह सतनाम सिंह खेल एकेडमी की टीम भी हिस्सा ले सकती हैं।