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महालक्ष्मी मंदिर की अनोखी भव्यता: 5 दिन तिजोरियों और नोट-आभूषणों से सजा रहेगा मंदिर

रतलाम  रतलाम में मां महालक्ष्मी का मंदिर सज चुका है। सजावट फूलों से नहीं, हीरे, जवाहरात और नोटों से हुई है। मंदिर की हर लड़ में नोट लगे हैं। किसी में 10 तो किसी में 500 रुपए नजर आ रहे हैं।इस अद्भुत सज्जा के लिए भक्तों ने अपनी तिजोरी खोल दी है। मंदिर में अर्पित नकदी-आभूषण को दीपोत्सव के पांच दिन के बाद प्रसादी के रूप में भक्तों को समिति वापस लौटाएगी। मंदिर की सजाने की सालों पुरानी परंपरा के तहत इस साल 2 करोड़ रुपए से मंदिर को सजाया गया है। आज तक यहां से एक रुपया इधर से उधर नहीं हुआ है। धन राशि देने वालों में रतलाम के अलावा प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। दीपोत्सव के पहले दिन यानी आज धनतेरस से मंदिर की सजावट को भक्त निहार सकते हैं। संभवत: यह देश का पहला ऐसा मंदिर है, जो पांच दिनों तक भक्तों द्वारा अर्पित आभूषण और नोटों से सजा रहता है पहले जानिए आखिर यह परंपरा शुरू कैसे हुई…? मंदिर में पूजा कराने वाले अश्विनी पुजारी बताते हैं कि करीब 300 साल पुराना महालक्ष्मी जी का यह मंदिर रियासतकालीन है। रतलाम के महाराजा रतन सिंह राठौर ने जब रतलाम शहर बसाया, तब से यहां दीपावली धूमधाम से मनाई जाने लगी। राजा वैभव, निरोगी काया और प्रजा की खुशहाली के लिए पांच दिन तक अपनी संपदा मंदिर में रखकर आराधना कराते थे। इसके लिए महाराजा शाही खजाने के सोने-चांदी के आभूषण मां लक्ष्मी जी के श्रृंगार के लिए चढ़ाते थे, तभी से ये परंपरा चली आ रही है। धीरे-धीरे व्यवस्था बदलती गई और भक्त मंदिर के लिए चढ़ावा लेकर आने लगे। पिछले कई सालों से मंदिर की सजावट नोट और आभूषणों से की जा रही है। श्रद्धालु अपनी स्वेच्छा से मंदिर की सजावट के लिए अपनी तिजोरी खोलते हैं। अभी यह मंदिर सरकारी होकर कोर्ट ऑफ वार्डस में आता है। प्रशासन भी सजावट को लेकर पूरी निगरानी रखता है। मंदिर में आखिर क्या है खास… मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी की मूर्ति के साथ ही गणेश जी व सरस्वती मां की भी मूर्ति स्थापित है। लक्ष्मी की मूर्ति के हाथ में धन की थैली रखी है, जो वैभव का प्रतीक है। साथ मंदिर में महालक्ष्मी 8 रूप में विराजमान हैं। जिनमें अधी लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजयालक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी मां विराजमान हैं। पुजारी बताते हैं कि दीपावली पर्व हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। दीपावली धन, वैभव का त्योहार है, जहां पर विष्णु भगवान के हाथों में महालक्ष्मी विराजमान हैं। सभी भक्त चाहते थे कि माताजी का वास्तविक स्वरूप, जो पुराणों, वेदों में दिखाया जाता है। यानी माता धन बरसा कर रही हैं, भक्त यहां आकर उसी रूप की अनुभूति करते हैं। मान्यता है कि जिस व्यक्ति का धन महालक्ष्मी के श्रृंगार में इस्तेमाल होता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अब जान लीजिए मंदिर की सजावट होती कैसे है… दीपावली के एक सप्ताह पहले से सजावट महालक्ष्मी मंदिर में हर साल दीपावली के एक सप्ताह पहले से सजावट की तैयारी शुरू हो जाती है। शरद पूर्णिमा से ही यहां रुपए और गहने पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मंदिर को 1 रुपए से लेकर 20, 50, 100 और 500 रुपए के नए नोटों से सजाया जाता है। इस बार सजावट के लिए रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, नीमच के अलावा गुजरात, राजस्थान के भक्त ने श्रद्धानुसार राशि जमा कराई है। कई भक्त तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक साथ 5 लाख रुपए तक मंदिर काे दिए हैं। श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले नोटों से मंदिर के लिए वंदनवार बनाया जाता है। महालक्ष्मी का आकर्षक श्रृंगार कर गर्भगृह को खजाने के रूप में सजाया जाता है। मंदिर परिसर कुबेर के खजाने के रूप में दिखाई देता है। कई भक्त अपने घरों की तिजोरी तक मंदिर में सजावट के लिए रख जाते हैं। मंदिर की सजावट के लिए एक हजार श्रद्धालुओं ने धनराशि दी है। एक रुपए का भी हेरफेर नहीं, इसलिए यह व्यवस्था मंदिर की सजावट के लिए जो भक्त श्रद्धानुसार धन राशि, आभूषण सजावट के लिए देते हैं, उनकी बाकायदा एंट्री होती है। इस बार इसमें बदलाव कर डिजिटलाइजेशन कर दिया गया। नोट गिनने की मशीन का भी इस्तेमाल किया गया है। ऑनलाइन एंट्री में नकदी व आभूषण देने वाले भक्तों का नाम, पता, पासपोर्ट फोटो और मोबाइल नंबर के साथ क्या धन राशि या आभूषण दी, उसकी डिटेल लिखी गई।ऑनलाइन टोकन पर महालक्ष्मी मंदिर की सील लगाई जाती है। साथ ही रजिस्टर में भी एंट्री की जाती है। दीपोत्सव के पांचवें दिन टोकन देखकर भक्तों को उनके द्वारा दी गई धन-राशि प्रसादी के रूप में लौटा दी जाती है। मंदिर परिसर में बंदूकधारी गार्ड तैनात मंदिर में रुपए आने का सिलसिला शुरू होते ही बंदूकधारी गार्ड भी तैनात कर दिए जाते हैं। महालक्ष्मी मंदिर में सजने वाले कुबेर के खजाने की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं। मंदिर के पीछे ही माणक चौक पुलिस थाना है, जहां 24 घंटे फोर्स तैनात रहती है।

भूपेश बघेल की नक्सलियों की सराहना पर डिप्टी CM अरुण साव का कटाक्ष, पूछा- पार्टी का या निजी मत?

रायपुर  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों के समर्पण करने पर सरकार की तारीफ की है. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए, यह पार्टी का स्टैंड है, या उनका निजी मत? उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि (बस्तर में नक्सलियों का) ऐतिहासिक आत्मसमर्पण हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तारीफ की है, इसके लिए धन्यवाद. लेकिन उन्हें स्पष्ट करना चाहिए, यह पार्टी का स्टैंड है या उनका निजी मत है? उनके प्रदेश अध्यक्ष कुछ और बात कर रहे हैं. अरुण साव ने कहा कि सरगुजा भी नक्सलवाद से प्रभावित था, जिसे हमने ही नक्सल मुक्त किया. 2018 तक नक्सलवाद थोड़े से हिस्से में ही था, लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल में नक्सलवाद पला बढ़ा. अब अबूझमाड़ जैसे इलाकों से भी नक्सलवाद का खात्मा हो रहा है. प्रधानमंत्री के संकल्प और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयास से प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाएंगे. धनतेरस पर खरीदें स्वदेशी सामग्री उप मुख्यमंत्री ने धनतेरस के अवसर पर प्रदेशवासियों को पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत के बाद से ही बाजारों में रौनक लौटी है. 350 से अधिक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है. मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे स्वदेशी सामग्री ही खरीदें ताकि स्थानीय व्यापारियों की दिवाली भी रोशन हो सके. पीएम मोदी करेंगे राज्योत्सव का शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्योत्सव को लेकर अरुण साव ने कहा कि राज्योत्सव की तैयारियां जारी है. इस बार रजत जयंती वर्ष मनाया जाएगा. राज्य स्तर पर 5 दिन तक और जिला स्तर पर 3 दिन का आयोजन होगा. शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण भी होगा. स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच अरुण साव ने कहा कि आज मुख्यमंत्री के साथ बैठक है, जिसमें राज्योत्सव की विस्तृत रूपरेखा और कार्ययोजना तय की जाएगी. इस बार स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिलेगा. कार्यक्रमों में उन्हें पर्याप्त स्थान और सम्मान दिया जाएगा.

शॉकिंग अपडेट! पंजाब में पेंशन बंद होने वाले लोगों की सूची जारी

गिद्दड़बाहा पराली जलाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए गिद्दड़बाहा के एस.डी.एम. ने किसानों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान पराली जलाते हुए पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों की पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं भी रोक दी जाएंगी। सूत्रों के अनुसार, एस.डी.एम. ने स्पष्ट किया कि पराली जलाने वाले किसानों के परिवार का कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकेगा। इस संबंध में आंगनवाड़ी वर्करों को भी विशेष ड्यूटी दी गई है, जो घर-घर जाकर किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ स्थिति की रिपोर्ट भी तैयार करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बार-बार पराली न जलाने की अपील की जा रही है, लेकिन फिर भी कुछ किसान आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। अब ऐसे मामलों में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। खास बात यह है कि गिद्दड़बाहा सबडिवीजन में आने वाली सभी आंगनवाड़ी वर्करों को इस मुहिम में शामिल किया गया है, ताकि लोगों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके।  

दिवाली तक मौसम का मिजाज, इंदौर में बारिश और भोपाल-ग्वालियर में धूप खिली रहेगी

भोपाल  मध्यप्रदेश में मौसम ने मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। शनिवार को इंदौर संभाग के चार जिलों बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत अधिकतर जिलों में मौसम साफ और धूप वाला रहने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सिय मौसम विभाग की मानें तो हवा की दिशा में बदलाव के चलते रात के तापमान में वृद्धि देखी जा रही है। बीते दो रातों में अधिकांश शहरों का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के ऊपर रहा। छतरपुर के नौगांव को छोड़ दें तो बाकी जगहों पर ठंड कम महसूस हुई। दिन में भी गर्मी का असर नजर आया इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और खजुराहो में अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, शनिवार को दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, लेकिन रविवार और सोमवार को प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। इन दिनों बारिश की कोई चेतावनी नहीं है। दिवाली के बाद बढ़ेगी ठंड, फरवरी तक रहेगा असर मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि नवंबर से जनवरी तक प्रदेश में तेज सर्दी का दौर रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर बना रह सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सर्दी 2010 के बाद की सबसे ठंडी सर्दी हो सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के चलते सामान्य से अधिक वर्षा भी देखने को मिल सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी ला-नीना स्थितियों के विकसित होने की पुष्टि की है, जिससे ठंड और अधिक तीव्र हो सकती है। विदा हुआ मानसून प्रदेश से अब पूरी तरह मानसून विदा हो चुका है। इस बार मानसून 16 जून को पहुंचा था और 13 अक्टूबर को विदाई हुई। कुल 3 महीने 28 दिन तक मानसून सक्रिय रहा। हालांकि मानसून विदा होने के बावजूद कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी। इस बार मानसून में अच्छी बारिश राज्य में इस बार मानसून ने अच्छी बारिश दी। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में हुई, जहां कुल 65.7 इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश हुई, जो सामान्य से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की बारिश ने पीने के पानी और सिंचाई दोनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की है। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा, जहां सबसे कम बारिश (81.1%) दर्ज की गई, जो  कमी की श्रेणी में आता है। भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के कुछ जिलों में बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका, लेकिन उज्जैन, बैतूल और सीहोर जैसे जिलों में बारिश सामान्य के करीब रही।  

Dangal की स्टार गीता फोगाट ने किया निकाह, जाईरा वसीम की फोटो शेयरिंग बनी चर्चा का विषय

मुंबई एक्टर आमिर खान की फेमस फिल्म ‘दंगल’ में छोटी गीता फोगाट का रोल निभाकर फेमस हुई एक्ट्रेस जायरा वसीम ने निकाह कर लिया है. एक्ट्रेस ने अपने इंस्टग्राम पर अपने निकाह की फोटोज शेयर किया है, जिसमें उनके साथ उनके शौहर भी नजर आ रहे हैं. बता दें कि जायरा वसीम ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर अपने निकाह की कुछ फोटोज शेयर किया है. शेयर किए गए पोस्ट में दो फोटो है, जिसमें पहले में वो निकाहनामे पर साइन कर रही हैं और दूसरे में अपने शौहर के साथ खड़ी हैं. सामने आए फोटोज में जायरा वसीम को निकाह में लाल जोड़े में और उनके शौहर को क्रिम कलर की शेरवानी में नजर आ रहे हैं. अपने पोस्ट के साथ एक्ट्रेस ने लिखा- ‘कुबूल है, कुबूल है, कुबूल है.’ जायरा वसीम का वर्कफ्रंट वर्कफ्रंट की बात करें, तो जायरा वसीम ने अपने करियर में ‘दंगल (2016)’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार (2017)’ और ‘द स्काय इज पिंक (2019)’ में ही काम किया है. महज चार साल के करियर के बाद अचानक एक दिन जायरा वसीम ने बॉलीवुड छोड़ने का एलान कर दिया था. उन्होंने ये जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी थी. जब जायरा ने बॉलीवुड छोड़ा तो उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी.

मध्यप्रदेश में बड़ी बदलाव की शुरुआत: पेपर स्टाम्प बंद, ई-स्टाम्प से हर साल बचेगा करोड़ों का खर्च

भोपाल  मध्य प्रदेश में 126 साल पुरानी मैनुअल स्टाम्प व्यवस्था अब बंद होने जा रही है. जैसे कभी टेलीग्राम और मनीऑर्डर बंद हुए थे, वैसे ही अब मैनुअल स्टाम्प पूरी तरह खत्म किए जा रहे हैं. सरकार अब सिर्फ ई-स्टाम्प जारी करेगी. नई व्यवस्था कुछ महीनों में लागू होने जा रही है. इससे सरकार को हर साल करीब 34 करोड़ रुपए की बचत होगी, जो अब तक स्टाम्प की छपाई, ढुलाई और सुरक्षा पर खर्च होते थे. बता दें कि 100 रुपए से ज्यादा वाले मैनुअल स्टाम्प तो साल 2015 में ही बंद किए जा चुके हैं. अभी तक 100 रुपए से नीचे वाले स्टाम्प की छपाई नीमच और हैदराबाद प्रेस में की जाती है, फिर इन्हें सुरक्षा इंतजामों के साथ अलग-अलग जिलों में भेजा जाता है. ई-स्टाम्प लागू होने के बाद ये परेशानी खत्म हो जाएगी. ई-स्टाम्प सिस्टम से ये भी ट्रैक किया जा सकेगा कि किसने, कब और कितने मूल्य का स्टाम्प खरीदा है. इससे फर्जीवाड़े और दोहरी बिक्री जैसी गड़बड़ियों पर रोक लगेगी. मैनुअल स्टाम्प बंद करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है. जल्द मैनुअल स्टाम्प बंद होगा किरायानामा से लेकर एफिडेविट तक लोगों को रोजमर्रा के कामों में स्टाम्प की जरूरत पड़ती है. किरायानामा, एफिडेविट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी और सेल एग्रीमेंट जैसे दस्तावेजों के लिए अब लोगों को लंबी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. बैंक या अधिकृत केंद्र से आसानी से ई-स्टाम्प खरीदा जा सकेगा. इसके अलावा अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर खुद भी ई-स्टाम्प जनरेट कर सकेगा. इससे आम लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे. डेटा रीयल टाइम में उपलब्ध  राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ई-स्टाम्प सिस्टम से पारदर्शिता और राजस्व संग्रहण दोनों में सुधार होगा. अब हर ट्रांजेक्शन का डेटा रीयल टाइम में उपलब्ध रहेगा. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जो अपने खुद के सॉफ्टवेयर से ई-स्टाम्प जारी करता है. बाकी राज्यों में यह काम थर्ड पार्टी एजेंसी "स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया" करती है, एमपी में पैसा सीधे राज्य सरकार के खजाने में जाता है, जबकि बाकी राज्यों में पहले एजेंसी के पास जमा होकर फिर सरकार तक पहुंचता है.  डिजिटल स्टाम्प के लाभ और खर्च में कमी डिजिटल स्टाम्प के चलन में आने से हर साल स्टाम्प पेपर की प्रिंटिंग और उसे वेंडर्स तक पहुंचाने पर होने वाले खर्च में बचत होगी। वर्तमान में, इस प्रक्रिया पर लगभग 30 से 35 करोड़ रुपए का खर्च आता है। कागजी स्टाम्प की समाप्ति के बाद, यह खर्च बच जाएगा और राज्य के वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा। पंजीकरण विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, जैसे ही राज्य सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी, कागजी स्टाम्प पेपर का प्रचलन समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, केवल डिजिटल स्टाम्प का ही उपयोग किया जाएगा, जो एक नई तकनीकी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि स्टाम्प के दुरुपयोग को भी कम करेगा। इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) का प्रभाव मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) की शुरुआत जुलाई 2013 में हुई थी। इस प्रणाली के माध्यम से, स्टाम्प पेपर को अधिकृत वेंडर के जरिए ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ईएसएस के जरिए न केवल स्टाम्प की खरीद प्रक्रिया सरल होती है, बल्कि इसकी ट्रैकिंग भी आसान होती है। इससे स्टाम्प के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है और लेनदेन की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होती है। ई-स्टाम्प कैसे खरीदें: एक सरल प्रक्रिया डिजिटल स्टाम्प खरीदने के लिए, उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करना होगा:     मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जाएं।     आवश्यक दस्तावेज श्रेणी (जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता) चुनें और लेनदेन का विवरण भरें।     नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड जैसे ऑनलाइन तरीकों से भुगतान करें।     सफल भुगतान के बाद, आपको तुरंत एक डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्रक्रिया में संकोच करता है, तो वह अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी स्टाम्प खरीद सकता है। स्टाम्प का दुरूपयोग और ट्रेकिंग आसान होगी एमपी में इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) जुलाई 2013 में शुरू हुई थी। इस सिस्टम में स्टाम्प पेपर को अधिकृत वेंडर के जरिए ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ईएसएस के जरिए स्टाम्प की ट्रेकिंग आसान होती है। ऑनलाइन ऐसे खरीद सकते हैं ई-स्टाम्प     मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जाएं।     आवश्यक दस्तावेज श्रेणी (जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता) चुनें और लेनदेन का विवरण भरें।     नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड जैसे ऑनलाइन तरीकों से भुगतान करें।     सफल भुगतान के बाद आपको तुरंत डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र मिल जाएगा। अधिकृत वेंडर से भी ले सकते हैं     अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी खरीद सकते हैं।     स्टाम्प वेंडर जरूरी स्टाम्प शुल्क और प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शन करेंगे।     जरूरी विवरण देने के बाद, आप भुगतान कर सकते हैं और स्टाम्प वेंडर से डिजिटल स्टाम्प प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। अधिकृत वेंडर से खरीदने की प्रक्रिया अधिकृत वेंडर से स्टाम्प खरीदने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:     अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से संपर्क करें।     स्टाम्प वेंडर आपको आवश्यक स्टाम्प शुल्क और प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन करेगा।     जरूरी विवरण देने के बाद, आप भुगतान कर सकते हैं और स्टाम्प वेंडर से डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इस नई प्रणाली के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार ने न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। डिजिटल स्टाम्प के माध्यम से, नागरिकों को एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपने लेनदेन में आसानी होगी। इस परिवर्तन के साथ, मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता को महत्व दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में, उम्मीद की जा रही है कि यह प्रणाली अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।

सरकारी अधिकारी की करारी नाकामी: रिश्वत लेते रंगे हाथों CBI ने किया गिरफ्तार, पेटी में जमा 10 लाख की रकम देखकर हैरान रह जाएंगे!

गुवाहाटी  गुवाहाटी में सोमवार की शाम एक हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामले ने सरकारी सिस्टम की सच्चाई को उजागर कर दिया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) के कार्यकारी निदेशक और क्षेत्रीय प्रमुख मैसनाम रितेन कुमार सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कोई सामान्य घूसखोरी का मामला नहीं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्ट तंत्र की बानगी है। कैसे रचा गया ‘ऑपरेशन ट्रैप’ CBI को पहले से ही खबर मिल चुकी थी कि एक सरकारी अधिकारी एक ठेकेदार से मोटी रकम की उगाही करने वाला है। इसके बाद जांच एजेंसी ने 14 अक्टूबर 2025 को एक सुनियोजित ऑपरेशन को अंजाम दिया। जैसे ही एक निजी प्रतिनिधि अधिकारी को ₹10 लाख की रिश्वत सौंप रहा था, टीम ने तुरंत पहुंचकर दोनों को मौके पर ही दबोच लिया। गिरफ्तार दूसरा शख्स है विनोद कुमार जैन, जो कोलकाता की निजी फर्म मेसर्स मोहनलाल जैन का प्रतिनिधि बताया गया है। यह रिश्वत NH-37 पर डेमो से मोरन बाईपास तक बन रहे चार लेन सड़क परियोजना में Completion Certificate और समय विस्तार (Extension of Time) दिलाने के नाम पर मांगी गई थी। छापेमारी में मिला 'भ्रष्टाचार का महल' गिरफ्तारी के बाद CBI की टीमें गुवाहाटी, गाजियाबाद और इंफाल स्थित उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी के लिए निकल पड़ीं। तलाशी के दौरान जो कुछ सामने आया, वह भ्रष्टाचार की गहराई को बयान करता है: ₹2.62 करोड़ नकद दिल्ली-एनसीआर में 9 हाई-एंड फ्लैट्स, 1 ऑफिस स्पेस और 3 प्लॉट बेंगलुरु में 1 फ्लैट और 1 प्लॉट गुवाहाटी में 4 अपार्टमेंट और 2 प्लॉट इंफाल में 2 भूखंड और 1 कृषि भूमि 6 लग्जरी कारों के दस्तावेज लाखों की कीमत वाली 2 ब्रांडेड घड़ियां चांदी की सिल्ली, जो संपत्ति की भव्यता को और बढ़ाती है इन जब्त सामग्रियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि घूसखोरी सिर्फ एक ट्रांजैक्शन नहीं, बल्कि एक सुनियोजित धन संग्रह अभियान था, जो वर्षों से चलता आ रहा था। अब कानून के शिकंजे में CBI ने दोनों आरोपियों को गुवाहाटी स्थित विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अब एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे भ्रष्टाचार नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है, और इतनी बड़ी रकम को कहाँ-कहाँ निवेश किया गया।  NHIDCL के लिए बड़ा झटका NHIDCL जैसी संस्था, जो देश के सड़क एवं बुनियादी ढांचे के विकास की रीढ़ मानी जाती है, उसके एक शीर्ष अधिकारी का इस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस तंत्र का पर्दाफाश है, जहां सरकारी ठेकों के नाम पर घूस की खुली मंडी चलती है।

बीजापुर के खिलाड़ियों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में रौशन किया नाम

25 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में जीते 25 पदक वन मंत्री केदार कश्यप ने खिलाड़ियों को दी बधाई रायपुर, छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकने में सक्षम खिलाड़ी छत्तीसगढ़ में हैं। खिलाड़ी कभी हारता नहीं है या तो वह जीतता है या सीखता है। बीजापुर जिले के खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और लगन से एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। कोरबा जिले में आयोजित 25 वीं छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 में बीजापुर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 25 पदक जीतकर जिले का मान बढ़ाया। खिलाड़ी अब राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहराने को तैयार खिलाड़ियों ने स्विमिंग सहित विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 10 स्वर्ण, 10 रजत और 5 कांस्य पदक अपने नाम किए और ओवरऑल द्वितीय स्थान प्राप्त किया। अंडर-19 बालिका वर्ग में सदना पोरतेटी ने 3 स्वर्ण और 1 रजत पदक जीते। अक्षिता तोड़ेम ने 3 स्वर्ण और 1 रजत पदक प्राप्त किया। अंडर-17 बालक वर्ग में बबलु ऐंजा ने 3 रजत पदक और सरैया पालदेव ने 1 कांस्य पदक जीता।  इसी तरह अंडर-14 बालिका वर्ग में रीता पोरतेटी ने 2 स्वर्ण और 1 रजत,गुंजन कोरसा ने 2 स्वर्ण और 1 रजत,सपना कोरसा ने 2 रजत और 1 कांस्य, जबकि तमन्ना ने 1 कांस्य पदक हासिल किया। अंडर-14 बालक वर्ग में खिलाड़ियों ने 1 रजत और 2 कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया। मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से बीजापुर के खिलाड़ी अब राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहराने को तैयार हैं। बीजापुर स्पोर्ट्स अकादमी मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा इन सभी खिलाड़ियों ने बीजापुर स्पोर्ट्स अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनकी सफलता में कोच दीप्ति वर्मा का मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने बच्चों को अनुशासन, फिटनेस और आत्मविश्वास के साथ खेल भावना सिखाई, जिसका परिणाम आज सामने आया। प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने खिलाड़ियों की उपलब्धि के लिए दी बधाई खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि बीजापुर के इन युवा खिलाड़ियों ने पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। यह सफलता जिले के खेल प्रेमी युवाओं के लिए प्रेरणा है। सरकार खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है ताकि बस्तर और बीजापुर जैसे अंचलों की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर चमकें। इस शानदार प्रदर्शन से पूरे बीजापुर जिले में खुशी का माहौल है। कलेक्टर संबित मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी, खेल अधिकारी एवं अन्य प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। स्थानीय खेल प्रेमियों और अभिभावकों ने भी गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बीजापुर के इन बच्चों ने जिले को गौरवान्वित किया है।

सियासी पारा गर्म: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की बिहार चुनाव में अहम भूमिका?

रायपुर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ उनका घर है और यहां का सनातनी वातावरण देश में सबसे समृद्ध है, इसलिए वे त्यौहार मनाने और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होने आते हैं। बिहार चुनाव और गौ रक्षा का संदेश शंकराचार्य ने कहा कि गौ माता की रक्षा की शपथ लेने वाले उम्मीदवार के लिए वे वोट की सिफारिश करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो उम्मीदवार गौ रक्षा की बात किए बिना वोट मांगेंगे, उन्हें वोट देने से गौ हत्या का पाप लगेगा। उन्होंने कहा, “संकल्प घोषित करना और शपथ पूर्वक बोलना अलग है। शपथ लेकर पलटना पाप है। यदि कोई शपथ लेकर पलट जाए तो दोष उसका होगा, हमारा नहीं।” ओवैसी पार्टी को समर्थन पर स्पष्टता शंकराचार्य ने कहा कि जो भी गौ माता के लिए खड़ा होगा, वे उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ओवैसी भी गौ माता को अपनी मां कहकर उनके लिए खड़े होंगे, तो उनका भी समर्थन किया जाएगा। “जो हमारी मां को अपनी मां कहेगा, वह हमारा भाई ही हुआ,” उन्होंने जोड़ा। गौ माता को राज्य माता घोषित करने पर विचार प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा गौ माता को राज्यमाता घोषित करने की मांग पर शंकराचार्य ने कहा कि घोषणा तो हो चुकी है, लेकिन कार्यान्वयन में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि गौ माता को राज्य माता घोषित किया जाए, तो वे उत्सव मनाने के लिए तैयार हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का यह प्रवास छत्तीसगढ़ में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ गौ माता संरक्षण और समाज में नैतिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

नागिन 7 में आने वाला नया ट्विस्ट: एकता कपूर ने फैंस से कराया नए विलेन से सामना

मुंबई प्रोड्यूसर एकता कपूर के बहुचर्चित टीवी शो ‘नागिन’ का सातवां सीजन जल्द शुरू हो सकता है. हाल ही में एकता ने अपने इंस्टाग्राम पर ‘नागिन 7’ से एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि इस बार नागिन का मुकाबला किस नए दुश्मन से होने वाला है. एकता कपूर का पोस्ट बता दें कि एकता कपूर ने शुक्रवार 17 अक्तूबर को अपने सबसे चर्चित टीवी शो ‘नागिन 7’  की एक खास झलक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. इस बार नागिन का कड़ा मुकाबला एक आग उगलने वाले नए दुशमन ‘ड्रैगन’ से होने वाला है. ये एक्ट्रेस निभा चुकी हैं ‘नागिन’ की भूमिका बहुचर्चित टीवी शो ‘नागिन’ के अब तक 6 सीजन आ चुके हैं. एकता कपूर के इस शो का अब ‘नागिन 7’ आने वाला है. इस शो में अब तक मौनी रॉय, अदा खान, सुरभि ज्योति, निया शर्मा, सुरभि चंदना और तेजस्वी प्रकाश ने नागिन की भूमिका निभाई है.