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बिहार में विपक्षी एकता पर सवाल: RJD-कांग्रेस के बीच हर मोर्चे पर मतभेद

पटना  बिहार के महागठबंधन में आपसी तकरार के बाद अब साझा चुनाव प्रचार अभियान पर संकट छा गया है. कई सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' होने के बाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ती नजर आ रही है. इसके चलते साझा घोषणा पत्र पर भी बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है.  महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. आरजेडी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने चुनावी वादे हैं.सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगाया जा सकता है. इसी क्रम में अशोक गहलोत का आज पटना दौरा होगा और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात मुमकिन है. आरजेडी से रिश्ते में खटास आने के बाद बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावारु को कांग्रेस ने पीछे हटाया है. क्या है आरजेडी कांग्रेस की उम्मीद? जानकारी के मुताबिक गुरुवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है और गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि वे कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट से बचने के लिए उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए राजी कर लेंगे। मंगलवार तक महागठबंधन 12 सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ की ओर बढ़ रहा है। इनमें से तीन सीटें बछवाड़ा, राजापाकर और बिहार शरीफ हैं। यहां 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा, वहां नामांकन वापसी की तारीख भी निकल चुकी है। दोनों के बीच रिश्ते पटरी पर लौटने के मिल रहे संकेत सूत्रों ने बताया कि बची हुई सीटों में से वैशाली जिले के लालगंज से कांग्रेस ने पहले ही अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है, जबकि उसके और राजद के बीच यह सहमति बन गई है कि प्राणपुर (कटिहार) और एक अन्य सीट से केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में रहेगा। राजद ने सोमवार को 143 उम्मीदवारों की अपनी आधिकारिक सूची जारी की, जबकि कांग्रेस ने 61 उम्मीदवारों की घोषणा की है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं। महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में विकासशील इंसान पार्टी, वामपंथी दल और भारतीय समावेशी पार्टी शामिल हैं। एक महीने पहले महागठबंधन आगे बढ़ता हुआ दिख रहा था, जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने संयुक्त मतदाता अधिकार रैली निकाली थी, और ऐसा प्रतीत हुआ था कि उन्होंने चुनाव आयोग के विवादास्पद विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में एक विश्वसनीय मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर लिया है। हालांकि, उसके बाद से लगाता तनाव बढ़ता जा रहा है। तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर संशय राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तेजस्वी को महागठबंधन का आधिकारिक मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर चुनाव लड़ना चाहती है। तेजस्वी ने मतदाता अधिकार रैली के दौरान भी इस बारे में खुलकर बात की थी लेकिन यह बात हैरान करने वाली थी कि राहुल गांधी ने इसका पूरी तरह समर्थन नहीं किया। बिहार में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पार्टी इस पर प्रतिबद्ध नहीं होना चाहती थी क्योंकि इससे बिहार में गैर-यादव वोटों का एकीकरण हो सकता था। हालाँकि, नेताओं के एक वर्ग ने इस रुख को अतार्किक बताया। बिहार के एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने कहा कि महागठबंधन में सबसे ज़्यादा सीटों पर कौन चुनाव लड़ रहा है? राजद। अगर हम जीतते हैं, तो राजद के विधायक ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। फिर समस्या कहाँ है? सांसद ने कहा कि यह तर्क कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित न करना कांग्रेस का सिद्धांत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या पार्टी उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही करेगी? नहीं, ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह राजद के साथ तनाव का एक कारण था जिसे आसानी से टाला जा सकता था। बिहार में जतीय सर्वे पर सवाल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अक्सर 2022 में बिहार में शुरू हुए जातिगत सर्वेक्षण का ज़िक्र करते हैं, उस वक्त आरजेडी, जेडीयू के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा थी और वह उप-मुख्यमंत्री थे। विपक्ष द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच, बिहार ऐसी गणना करने वाले पहले राज्यों में से एक था। दूसरी ओर राहुल गांधी समेत कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस सर्वेक्षण को स्वीकार करने को लेकर उत्साहित नहीं है। जाति जनगणना को बीजेपी के खिलाफ अपने अभियान का आधार बनाकर राहुल गांधी अक्सर कहते रहे हैं कि महागठबंधन सरकार ऐसी जनगणना कराएगी और यह बिहार के जातीय सर्वेक्षण जैसा नहीं होगा, जो लोगों को बेवकूफ बनाने का एक तरीका था। दोनों दलों में अहंकार का टकराव सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नेताओं ने भी संबंधित पार्टी नेतृत्व के अहंकार को ज़िम्मेदार ठहराया। एक नेता ने बछवाड़ा सीट को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया। कांग्रेस बछवाड़ा सीट इसलिए चाहती थी क्योंकि 2020 में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और छह बार के विधायक रामदेव राय के बेटे शिव प्रकाश गरीब दास ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 39,878 वोटों से जीत हासिल की थी। सहयोगी दल सीपीआई ने अपने उम्मीदवार अवधेश कुमार राय के लिए सीट मांगी, जो 2020 में सिर्फ 484 वोटों से हार गए थे। बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा रहे एक नेता ने कहा कि कांग्रेस ने इसे अपने अहंकार का मामला बना लिया। इसलिए अब बछवाड़ा, जहां पहले चरण में मतदान होना है, वहां सीपीआई और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार होंगे, जिससे एनडीए को बढ़त मिलेगी। अन्य सूत्रों ने बताया कि अहंकार के कारण छोटी-मोटी घटनाएं भी हुईं। एक बार तो अल्लावरु ने तेजस्वी को एक घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बदले में तेजस्वी ने अल्लावरु को मुलाक़ात के लिए दो घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बिहार के एक नेता ने कहा कि यह इतनी छोटी-मोटी बात हो गई। साझा घोषणा पत्र पर सहमति अटकी आरजेडी और कांग्रेस के चुनावी वादे और घोषणाएं कई मायनों में एक जैसी हैं, लेकिन उनके साझा प्रारूप पर सहमति बननी बाकी है. महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी इस पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाई है. इसी आंतरिक संघर्ष के कारण साझा चुनाव प्रचार शुरू होने पर सवाल खड़ा हो गया है. सम्राट चौधरी ने कसा तंज… बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस संकट पर तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ही एकमात्र नेता हैं और अन्य पार्टियां महत्वहीन हैं. उन्होंने कहा, "कोई SIR के दौरान … Read more

ऋषभ टंडन का अचानक निधन, हार्ट अटैक से लिया अंतिम सांस

मुंबई  एक्टर और सिंगर ऋषभ टंडन अब हमारे बीच नहीं रहे. 22 अक्टूबर को दिल्ली में उनका निधन हुआ. जानकारी के मुताबिक, हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हुआ है. इंडिया टुडे को पूर्व टीम मेंबर ने ऋषभ की मौत की खबर को कंफर्म किया है. एक्टर की अचानक हुई मौत ने उनके परिवार को तोड़ दिया है. फैंस भी सदमे में हैं.  ऋषभ ने छोड़ी दुनिया ऋषभ मुंबई में अपनी पत्नी के साथ रहते थे. वो फैमिली संग दिवाली सेलिब्रेट करने के लिए दिल्ली आए हुए थे. लेकिन किसे पता था ऋषभ की परिवार के साथ ये आखिरी दिवाली होगी. एक्टर के परिवार ने इस मुश्किल समय में प्राइवेसी की मांग की है. एक्टर का अंतिम संस्कार अभी नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पर फैंस ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी है. किसी को भी अंदाजा नहीं था कि ऋषभ इतनी जल्दी दुनिया छोड़कर चले जाएंगे. कौन थे ऋषभ टंडन? ऋषभ पेशे से सिंगर, कंपोजर और एक्टर थे. वो शांत व्यवहार और म्यूजिक के लिए अपने प्यार के लिए जाने जाते थे. 2008 में टी-सीरीज के एलबम 'फिर से वही' से उन्होंने करियर शुरू किया था. ऋषभ ने 'फकीर- लिविंग लिमिटलेस' और 'रशना: द रे ऑफ लाइट' जैसी मूवीज में काम किया है. उनके हिट गानों में ये आशिकी, चांद तू, धू धू कर के, फकीर की जुबानी भी शामिल हैं. काम के अलावा ऋषभ को जानवरों से बेहद प्यार था. उनके मुंबई वाले घर में कई बिल्लियां, डॉगी और पक्षी थे. जानकारी के मुताबिक, ऋषभ के कई गाने अनरिलीज रह गए हैं, बीते कई दिनों से वो उनपर काम कर रहे थे. सोशल मीडिया पर ऋषभ के दोस्त और करीबी उन्हें इमोशनल ट्रिब्यूट दे रहे हैं. एक वक्त ऋषभ का नाम एक्ट्रेस सारा खान संग जुड़ा था. उनकी फोटो वायरल हुआ थी जिसमें सारा ने सिंदूर लगा रखा था. दोनों की शादी की अफवाह उड़ी थी. हालांकि बाद में दोनों ने साफ किया कि उन्होंने शादी नहीं की है. एक्टर ने रशियन लेडी Olesya Nedobegova को दुल्हन बनाया. Olesya से सेट पर उनकी मुलाकात हुई थी. ऋषभ की डिजिटल सीरीज में Olesya ने बतौर लाइन प्रोड्यूसर काम किया था. कपल ने मार्च 2023 को शादी की थी. दोनों ने साथ में इस साल करवाचौथ मनाया था. 

भारत और कतर की बढ़ती पकड़ से घबराए तुर्की-पाक, इस्लामी नेतृत्व पर मंडरा रहा टकराव

काबुल  दक्षिण एशिया और इस्लामी जगत में तेजी से बदलते समीकरणों के बीच भारत और कतर ने ऐसे कदम उठाए हैं, जिसने न केवल अफगानिस्तान बल्कि पूरे मुस्लिम वर्ल्ड में नए संकेत दे दिए हैं. भारत सरकार ने मंगलवार को काबुल में अपने मिशन को अपग्रेड कर फिर से ‘दूतावास’ का दर्जा देने की घोषणा की है. वहीं कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने अफगानिस्तान में मिर्दिफ अली अल काशूती को अफगानिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया है. ये दोनों फैसले ऐसे समय में आए हैं, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अगली वार्ता तुर्की में होने वाली है और इस्लामी जियो पॉलिटिक्स में नए शक्ति समीकरण बनते दिख रहे हैं. भारत ने काबुल में खोला दूतावास भारत सरकार ने अफगानिस्तान में काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को तत्काल प्रभाव से दूतावास में अपग्रेड करने का फैसला लिया है. भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस महीने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे के दौरान काबुल में भारतीय तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की थी. मुत्तकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत में थे. इस दौरान वह दक्षिण एशिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामिक इदारे ‘दारुल उलूम देवबंद’ का भी दौरा किया था. तालिबान की वैचारिक जड़ें जो प्रतीकात्मक रूप से इस भारतीय इदारे से भी जुड़ी मानी जाती हैं. मुत्तकी के दौरे के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें अफगानिस्तान में भारत की विकास और मानवीय सहायता की भूमिका भी शामिल थी. वहीं अब अफगानिस्तान में दोबारा से दूतावास शुरू करने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह फैसला भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को ‘हर क्षेत्र में और गहराई तक’ ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है. भारत पहले ही अफगानिस्तान में कई विकास परियोजनाओं और स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रमों का हिस्सा रहा है और अब दूतावास के दोबारा एक्टिव होने से ये संबंध औपचारिक रूप से और मजबूत होंगे. कतर ने काबुल में नियुक्त किया पूर्ण राजदूत उधर, कतर ने भी इस्लामी कूटनीति में अपनी पकड़ और भूमिका को और मज़बूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. इस खाड़ी देश ने मिर्दिफ अल काशूती को अफगानिस्तान में पूर्ण राजदूत बनाने का फैसला किया है. वह पिछले तीन वर्षों से काबुल स्थित कतर दूतावास में वरिष्ठ राजनयिक के रूप में काम कर रहे थे. कतर ने यह नियुक्ति ऐसे वक्त पर की है जब वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, और दोनों देशों की अगली बैठक तुर्किये में होने वाली है. इस्लामिक वर्ल्ड की धुरी नहीं तुर्की-पाकिस्तान एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत और कतर के ये कदम एक बड़े भू-राजनीतिक संदेश का हिस्सा हैं. यह संकेत है कि इस्लामी वर्ल्ड की धुरी अब सिर्फ तुर्की या पाकिस्तान के इर्द-गिर्द नहीं घूमेगी. तुर्की खुद को इस्लामी दुनिया का नेता बनाने की कोशिश करता रहा है. वहीं पाकिस्तान अफगानिस्तान में अपनी प्रभावशाली भूमिका बनाए रखना चाहता है. हालांकि भारत और कतर की बढ़ती उपस्थिति से इन दोनों देशों का चिंतित होना लाजमी माना जा रहा है. भारत ने जहां मुत्तकी के दौरे और देवबंद जैसी इस्लामी संस्था के माध्यम से एक ‘धार्मिक संवाद की कूटनीति’ को आगे बढ़ाया है. वहीं कतर ने अपनी ‘मध्यस्थ डिप्लोमेसी’ के जरिये इस्लामिक देशों में तुर्की की बढ़ती दखलअंदाजी को संतुलित करने की कोशिश की है. यह दोनों घटनाएं बताती हैं कि दक्षिण एशिया में इस्लामी विश्व की नई धुरी बन रही है, जिसमें भारत, कतर और अफगानिस्तान की भूमिका अहम होती जा रही है. ऐसे में तुर्की और पाकिस्तान के लिए यह एक स्पष्ट संकेत है कि ‘खलीफा बनने की कोशिश’ के दिन अब आसान नहीं रहे.  

चीन को नहीं रास आई भारत की प्रगति, WTO में दर्ज कराई आपत्ति

नई दिल्ली आधुनिक भारत की अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था बन चुकी है, क्‍योंकि देश की घरेलू खपत अन्‍य देशों की तुलना में ज्‍यादा है. एग्रीकल्‍चर हो या ईवी, भारत हर सेक्‍टर्स में तरक्‍की के नए मुकाम हासिल कर रहा है. ईवी प्रोडक्‍ट्स के मामले में भारत घरेलू निर्माण पर फोकस है. यही बात ड्रैगन को पसंद नहीं आ रही है, जिस कारण उसने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के पास शिकायत कर डाली है. चीन का आरोप है कि भारत की इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी सब्सिडी योजनाएं आयात की तुलना में घरेलू उत्‍पादों को प्राथमिकता दे रही हैं, जो वैश्विक व्‍यापार नियमों का उल्लंघन करती हैं. चीन का कहना है कि भारत के विशाल ईवी बाजार तक पहुंच चाहने वाले चीनी वाहन निर्माताओं को संभवतः दरकिनार किया जा रहा है.  चीन ने भारत से रखी ये मांग WTO के एक कम्युनिकेशन लेटर के मुताबिक, बीजिंग ने WTO सेटलमेंट मैकनिज्‍म के तहत तीन भारतीय कार्यक्रमों के तहत सेटमेंट करने की रिक्‍वेस्‍ट की है. चीन ने उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना, ऑटोमोबाइल और ऑटो उद्योग के लिए पीएलआई योजना, और इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक अलग पॉलिसी की मांग रखी है.  चीन ने भारत पर और क्‍या लगाए आरोप  चीन का दावा है कि ये उपाय घरेलू स्‍तर पर बन रहे वस्‍तुओं के उपयोग पर 'पात्रता और प्रोत्साहनों के वितरण की शर्तें' लगाते हैं, जो चीनी उत्‍पादों के साथ भेदभाव है. चीन का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध सब्सिडी और प्रतिपूरक उपायों (SCM) समझौते, टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (गैट) 1994, और व्यापार-संबंधी निवेश उपायों पर समझौते (ट्रिम्स) के तहत भारत के दायित्वों का उल्लंघन करते हैं.  WTO फाइलिंग में कहा गया है कि ये उपाय चीन को मिलने वाले लाभों को रद्द या कम कर देते हैं. चीन विवाद को सुलझाने के पहले कदम के रूप में परामर्श के लिए एक डेट की मांग कर रहा है. भारत के इन योजनाओं का क्‍या है मतलब?  भारत के प्रोत्साहन कार्यक्रमों का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करते हुए स्थानीय इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देना है. मई 2021 में शुरू की गई PLI-ACC योजना में 50 GWh घरेलू बैटरी क्षमता विकसित करने के लिए ₹18,100 करोड़ का परिव्यय शामिल है. सितंबर 2021 में ₹25,938 करोड़ की लागत से स्वीकृत ऑटो-केंद्रित PLI योजना का लक्ष्य ऑटोमोटिव टेक्‍नोलॉजी का घरेलू उत्पादन और रोजगार पैदा करना है.  भारत का बढ़ा व्‍यापार घाटा  लेकिन BYD जैसे चीनी ईवी निर्माताओं को यूरोपीय संघ में घटते मुनाफे और विनियामक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 27% टैरिफ भी शामिल है. हालांकि फिर भी चीन का आयात बढ़ा है. 2024-25 में चीन को भारत के निर्यात में 14.5% की गिरावट के आई, लेकिन चीन से आयात में 11.5% की वृद्धि हुई है. इससे बीजिंग के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 बिलियन डॉलर हो गया. 

BCCI का साफ संदेश: मोहसिन नकवी, अब टालमटोल बंद करो, ट्रॉफी सौंपो भारत को!

नई दिल्ली भारतीय टीम ने हाल ही में पाकिस्तान को हराकर एशिया कप 2025 जीता था. जीत के बाद भारतीय टीम ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चीफ मोहसिन नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार दिया था. इसके बाद मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर दुबई के होटल चले आए थे. फिर पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने ये ट्रॉफी एसीसी ऑफिस में छोड़ दी. हालांकि नकवी भारतीय टीम को ट्रॉफी सौंपने को तैयार नहीं हुए. नकवी ने कहा था कि सूर्यकुमार यादव एसीसी ऑफिस आकर ट्रॉफी ले जाएं. अब भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने एसीसी प्रमुख मोहसिन नकवी को एक आधिकारिक ईमेल भेजकर कहा है कि विजेता टीम को ट्रॉफी जल्द से जल्द सौंप दी जाए. बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'हमने एसीसी को पत्र लिखा है कि ट्रॉफी चैम्पियन टीम को दी जाए. हम उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अगर प्रतिक्रिया नहीं आई या नकारात्मक रही तो हम आईसीसी को लिखेंगे. हम कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहे हैं और इसे लगातार आगे बढ़ाते रहेंगे.' देवजीत सैकिया ने साफ कर दिया है कि अगर मोहसिन नकवी एशिया कप ट्रॉफी लौटाने को राजी नहीं होते हैं, तो बीसीसीआई सख्त एक्शन लेगा. एशिया कप ट्रॉफी यदि भारत को सौंपा नहीं जाता है, तो बीसीसीआई इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को इसके लिए पत्र लिखेगा, सैकिया ने ये स्पष्ट कर दिया है. मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन भी हैं. जिद पर अड़े रहे मोहसिन नकवी 28 सितंबर को दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2025 फाइनल में सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया था. भारतीय खिलाड़ियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे. टीम ने आग्रह किया था कि ट्रॉफी उन्हें एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के वाइस चेयरमैन दें. हालांकि, मोहसिन नकवी ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया था. मैच जीतने के बावजूद भारतीय खिलाड़ी करीब एक घंटे तक मैदान पर इंतजार करते रहे, लेकिन जब स्थिति नहीं बदली, तो वे बिना एशिया कप ट्रॉफी लिए ही ड्रेसिंग रूम लौट गए. भारतीय टीम ने उस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को तीन बार धूल चटाई थी. भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हैंडशेक भी नहीं किया था, जिसपर काफी बवाल हुआ था. भारतीय टीम ने फैन्स की भावनाओं को ध्यान में रखकर ऐसा किया था.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में शुभमन का बड़ा कदम, टीम में होगा खास फेरबदल

एडिलेड  भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में 7 विकेट से हार झेलनी पड़ी थी. अब भारतीय टीम सीरीज में वापसी के इरादे से दूसरे वनडे मैच में मैदान पर उतरेगी. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला 23 अक्टूबर (गुरुवार) को एडिलेड ओवल में खेला जाना है. भारतीय समयानुसार ये मुकाबला सुबह 9 बजे शुरू होगा. एडिलेड वनडे में रोहित शर्मा और विराट कोहली बल्ले से शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे. पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए सीरीज के पहले मुकाबले में इन दोनों दिग्गजों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था. कोहली अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे, वहीं रोहित महज 8 रन बना सके थे. इन दोंनो का ये कमबैक मैच भी था, जिसे वो यादगार नहीं बना पाए. आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भारतीय टीम की खिताबी जीत के बाद पहली बार रोहित-कोहली (ROKO) भारतीय टीम के लिए खेलने उतरे थे. एडिलेड वनडे के लिए दोनों टीमों की प्लेइंग-11 पर भी फैन्स की निगाहें हैं. भारतीय कप्तान शुभमन गिल इस मुकाबले के लिए प्लेइंग-11 में बड़ा बदलाव कर सकते हैं. चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका मिल सकता है, जो पहले ओडीआई से बाहर रहे थे. कुलदीप के खेलने पर किसकी होगी छुट्टी? कुलदीप यादव के प्लेइंग-11 में ना होने पर कुछ पूर्व क्रिकेटर्स ने हैरानी जताई थी. अब कुलदीप को इस मैच में मौका मिलने की संभावना दिख रही है. कुलदीप यदि खेलते हैं, तो वॉशिंगटन सुंदर या नीतीश कुमार रेड्डी की प्लेइंग-11 से छुट्टी हो सकती है. वैसे सुंदर के प्लेइंग-11 से बाहर होने की ज्यादा संभावना है. दूसरी ओर मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मुकाबले के लिए कम से कम दो फेरबदल जरूर करेगी. स्पिनर एडम जाम्पा और विकेटकीपर एलेक्स कैरी को प्लेइंग-11 में शामिल किया जाएगा. ये दोनों पहले वनडे के लिए स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थे. अब ये दोनों बाकी दो वनडे मैचों के लिए टीम में लौट आए हैं. एलेक्स कैरी के वापस आने के बाद अब जोश फिलिप या मैथ्यू रेनशॉ को प्लेइंग-11 से बाहर रहना पड़ सकता है. वहीं एडम जाम्पा को मैथ्यू कुह्नमैन के स्थान पर एकदाश में जगह मिलेगी. कुह्नमैन को स्क्वॉड से रिलीज कर दिया गया है और वो पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए वापसी करेंगे. इसके साथ ही बेन ड्वारशुइस भी पिंडली में लगी चोट के कारण वनडे सीरीज से बाहर हो चुके हैं. भारतीय टीम का फुल स्क्वॉड: शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर (उप-कप्तान), केएल राहुल (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश कुमार रेड्डी, हर्षित राणा, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह, यशस्वी जायसवाल, कुलदीप यादव, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर) और प्रसिद्ध कृष्णा. दूसरे वनडे के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम: मिचेल मार्श (कप्तान), ट्रेविस हेड, मैथ्यू शॉर्ट, जोश फिलिप (विकेटकीपर), मैथ्यू रेनशॉ, कूपर कोनोली, मिचेल ओवेन, मिचेल स्टार्क, नाथन एलिस, एडम जाम्पा, जोश हेजलवुड, मार्नस लाबुशेन, एलेक्स केरी (विकेटकीपर) और जेवियर बार्टलेट. दूसरे वनडे में भारत की संभावित प्लेइंग-11: शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, नीतीश कुमार रेड्डी, कुलदीप यादव, हर्षित राणा, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह. दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया की संभावित प्लेइंग-11: मिचेल मार्श (कप्तान), ट्रेविस हेड, मैथ्यू शॉर्ट, मैथ्यू रेनशॉ, एलेक्स केरी (विकेटकीपर), मिचेल ओवेन, कूपर कोनोली, मिचेल स्टार्क, नाथन एलिस, एडम जाम्पा, जोश हेजलवुड.

CM मोहन यादव आज आएंगे इंदौर, हातोद के रेशम केंद्र गोशाला में मनाएंगे गोवर्धन पूजा

इंदौर  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) आज (22 अक्टूबर) इंदौर और विदिशा जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे इन जिलों में आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। आइए जानते हैं मुख्यमंत्री के दौरे का पूरा शेड्यूल और उनके जरिए किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में… सीएम मोहन यादव का आज का कार्यक्रम भोपाल से इंदौर रवाना होंगे सुबह 11:35 बजे मुख्यमंत्री सुबह 11:35 बजे भोपाल से इंदौर के लिए रवाना होंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार वे दोपहर 12:20 बजे इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित रेशम केंद्र गौशाला, खजूरिया जाएंगे। यहां सीएम गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इंदौर कार्यक्रम के बाद दोपहर 2:00 बजे सीएम इंदौर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए रवाना होंगे। नगर निगम की हातोद स्थित रेशम केंद्र गोशाला में गोवर्धन पूजा का आयोजन बुधवार को किया गया है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए सीएम डॉ.मोहन यादव आ रहे है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सीएम डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर गोवर्धन पूजा संपन्न करेंगे और गो सेवा से जुड़े कामों का अवलोकन करेंगे। आयोजन की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी। प्रोग्राम में नगर निगम के जनप्रतिनिधि, नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। बता दे कि गोशाला में आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भोपाल से विदिशा जाएंगे सीएम सीएम मोहन यादव दोपहर 2:30 बजे भोपाल से विदिशा जिले के ग्राम पथरिया पहुंचेंगे। यहां वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद दोपहर 2:50 बजे ग्राम पथरिया से विदिशा के ग्राम बल्ला खड़ी जाएंगे। यहां भी वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। भोपाल वापसी इसके बाद मुख्यमंत्री दिन के कार्यक्रम का समापन कर शाम 4:00 बजे भोपाल वापस लौटेंगे।

निधन से पहले असरानी ने की थी आखिरी पोस्ट, बोले थे – ‘धन्यवाद ज़िंदगी’

मुंबई  दिवाली की शाम मनोरंजन जगत से बुरी खबर सामने आई. पता चला कि हिंदी सिनेमा के आइकॉनिक हीरो गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे. असरानी ने शोले के हिटलर से लेकर कई यादगार रोल दिए. जिन्हें कभी भूला नहीं जा सकता. 20 अक्टूबर को अंतिम सांसे लेने से पहले एक्टर असरानी ने अंतिम पोस्ट किया था. जो उनके निधन के बाद वायरल हुआ. दर्शकों ने इस पोस्ट को देख सोचा भी नहीं था कि ये असरानी का आखिरी पोस्ट होगा. दरअसल दिवाली की शाम करीब 4 बजे असरानी का निधन हुआ. वह पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन पर हिंदी सिनेमा से लेकर पीएम मोदी तक ने दुख जताया. वहीं फैंस भी सोशल मीडिया पर उन्हें याद कर भावुक पोस्ट कर रहे हैं. निजी रूप से हुआ अंतिम संस्कार असरानी का अंतिम संस्कार सोमवार रात 8 बजे सांताक्रूज श्मशान घाट पर किया गया। यह एक निजी समारोह था, जिसमें केवल उनके परिवार और करीबी मित्रों ने हिस्सा लिया। मैनेजर थिबा ने कहा, 'यह असरानी जी की इच्छा थी कि उनके निधन को निजी रखा जाए, इसलिए हमने किसी को सूचना नहीं दी।' हालांकि खबर फैलते ही उनके अंतिम संस्कार से कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की जाने लगीं, जिससे प्रशंसकों और शुभचिंतकों को उनके निधन की जानकारी मिली। सामने आई तस्वीरों में उनकी पत्नी और चंद करीबी लोग नजर आ रहे हैं, जो एक्टर के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे थे। बिना किसी भीड़ के उनका अंतिम संस्कार किया गया और इसके साथ ही उनकी अंतिम इच्छा भी पूरी हुई। फिल्म इंडस्ट्री ने जताया शोक असरानी के निधन की खबर आते ही फिल्म उद्योग से लेकर प्रशंसकों तक ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अभिनेता अक्षय कुमार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश लिखा, 'असरानी जी के निधन पर निशब्द हूं। कुछ दिन पहले ही 'हैवान' की शूटिंग के दौरान गले मिले थे। बेहद प्यारे इंसान थे… उनकी कॉमिक टाइमिंग अद्भुत थी। 'हेराफेरी', 'भागम भाग', 'दे दना दन', 'वेलकम' और हमारी आने वाली 'भूत बंगला' तक, मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हिंदी सिनेमा के लिए यह अपूरणीय क्षति है। ओम शांति।' निर्देशक अनीस बज्मी, जिन्होंने 'वेलकम' और 'सिंह इज किंग' जैसी फिल्मों में असरानी को निर्देशित किया था, ने कहा, 'मैं गहरे दुख में हूं। वे न सिर्फ कमाल के अभिनेता थे बल्कि एक बेहद नेकदिल इंसान भी थे। पर्दे के पीछे भी वे सभी को हँसाया करते थे। पिछले 40 सालों से मैं उन्हें जानता था। उनकी हँसी की एक अलग ही पहचान थी। वे कभी नहीं भुलाए जा सकेंगे। सेलिब्रिटीज का रिएक्शन गीतकार मनोज मुन्तशिर ने लिखा, 'अंग्रेजों के जमाने के जेलर, आप कॉमेडी का एक पूरा युग छोड़ गए! हम आपको बहुत याद करेंगे, श्रीमान असरानी! ओम शांति।' क्रिकेटर शिखर धवन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'असरानी जी की शानदार कॉमिक टाइमिंग और करिश्मा के साथ बड़ा हुआ हूँ। वे भारतीय सिनेमा के एक सच्चे प्रतीक हैं। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।' महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शोक जताते हुए कहा, 'असरानी संपूर्ण मनोरंजन के पर्याय थे। उनकी हर प्रस्तुति, चाहे वह हास्य हो या गहन अभिनय, दर्शकों के दिलों को छूती थी। यह फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों के लिए एक गहरी क्षति है।' अभिनय से निर्देशन तक का सफर असरानी का करियर पांच दशकों से भी अधिक लंबा रहा। उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 1970 के दशक में बॉलीवुड के सबसे भरोसेमंद चरित्र अभिनेताओं में शुमार हो गए थे। उनकी यादगार फिल्मों में 'बावर्ची', 'चुपके चुपके', 'परिचय', 'अभिमान', 'रफू चक्कर', 'छोटी सी बात', 'शोले' और कई और शामिल हैं। खासतौर पर 'शोले' में निभाया गया उनका अंग्रेजों के जमाने का जेलर का किरदार भारतीय पॉप संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने निर्देशन और लेखन में भी हाथ आजमाया। 1977 में उन्होंने 'चला मुरारी हीरो बनने' नामक फिल्म लिखी, निर्देशित की और उसमें अभिनय भी किया, जिसे समीक्षकों ने सराहा। इसके बाद उन्होंने 'सलाम मेमसाब' (1979) का निर्देशन किया और गुजराती सिनेमा में भी खूब काम किया। असरानी का अंतिम पोस्ट किसी ने सोचा भी नहीं था असरानी का ये अंतिम पोस्ट होगा. उन्होंने दिन में इंस्टाग्राम स्टोरी पर दिवाली से जुड़ा पोस्ट किया. जहां उन्होंने अपने तमाम फैंस को दीपावली की शुभकामनाएं दीं. इसमें लिखा था, ‘हैप्पी दिवाली’. इस पोस्ट के चंद घंटे बाद एक्टर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. अस्पताल में थे भर्ती असरानी पिछले पांच दिन से आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती थे. उम्र संबंधी परेशानियों से वह लगातार जूझ रहे थे. मगर सोमवार की शाम जूहू के अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके परिवार और दोस्तों ने उनके निधन की खबर को कंफर्म किया.  

अकील डेथ मिस्ट्री में नया मोड़: पूर्व DGP के बेटे ने वीडियो में खुद दी सफाई

 पंचकूला पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी व पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, मृतक की पत्नी और बहन के खिलाफ एमडीसी थाना पंचकूला में हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई 16 अक्तूबर की रात मोहम्मद मुस्तफा अकील अख्तर की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले में मलेरकोटला निवासी शमसुद्दीन चौधरी की शिकायत पर की गई है। शिकायतकर्ता शमसुद्दीन चौधरी ने पुलिस कमिश्नर पंचकूला को शिकायत दी थी। आरोप लगाया गया कि अकील की मौत सामान्य नहीं थी बल्कि इसके पीछे साजिश हो सकती है। शिकायत में कहा गया है कि अकील ने मौत से पहले 27 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने अपने परिवार के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए थे और उनसे जान का खतरा बताया था।   शिकायत में सोशल मीडिया वीडियो, कॉल रिकॉर्ड, डिजिटल साक्ष्य और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जांच की मांग की गई थी। डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने बताया कि बीती 16 अक्तूबर को सेक्टर-4 एमडीसी निवासी अकील अख्तर घर में मृत पाए गए थे। उस समय परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी।    पहले वीडियो में  निजी विवादों और जान को खतरे की बात कही थी प्रारंभिक जांच में कुछ संदिग्ध नहीं मिला। बाद में सोशल मीडिया पर मृतक के वीडियो पोस्ट वायरल हुए, जिनमें उन्होंने निजी विवादों और जान को खतरे की बात कही थी। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम एसआईटी गठित की गई।   डीसीपी बोलीं- जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, दोषी नहीं बच सकेगा डीसीपी ने बताया कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और सबूत आधारित जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। इसकी निगरानी एसीपी रैंक के अधिकारी करेंगे। यह टीम मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच करेगी जिसमें मृतक के डिजिटल उपकरण, सोशल मीडिया रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शामिल हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।   अकील का एक और वीडियो…परिवार को दी क्लीन चिट पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर का एक और नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो ने उसके मौत से जुड़े मामले को नया मोड़ दे दिया है। करीब तीन मिनट के इस वीडियो में अकील अख्तर ने परिवार के सदस्यों को पूरी तरह क्लीन चिट देते हुए कहा है कि उसने पहले जो भी आरोप लगाए थे, वो उसकी खराब मानसिक और शारीरिक स्थिति के कारण लगाए गए थे।   वीडियो में अकील कहता है कि पिता मोहम्मद मुस्तफा, मां, पत्नी और बहन ने उसकी बीमारी के दौरान पूरी देखभाल की। मेरे परिवार वालों ने मेरा बहुत ध्यान रखा, मैंने पहले जो भी बातें कही थीं, वो मेरी तबीयत खराब होने के कारण कही गई थी और उनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था।’ अकील अख्तर बहन का जिक्र करते हुए कहता है कि वह उसका बहुत ख्याल रखती थी।   बेटे की हत्या में पूर्व डीजीपी और परिजनों पर हुए केस से पैतृक गांव के लोग भौचक्के सहारनपुर केचिलकाना इलाके के गांव हरड़ाखेड़ी निवासी पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत के मामले में नया खुलासा होने से उनके पैतृक गांव में लोग भौचक्के हैं। तरह-तरह की चर्चाएं ग्रामीण कर रहे हैं। पूर्व डीजीपी, उनकी पत्नी, पुत्रवधू तथा बेटी के खिलाफ पंजाब के मलेरकोटला में हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई है।   बता दें कि पूर्व डीजीपी मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्तूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मलेरकोटला में मौत हो गई थी। इसके अगले दिन अकील के शव को पैतृक गांव हरडाखेड़ी में लाकर सुपुर्द ए खाक कर दिया गया था। इसमें बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक लोग शामिल हुए थे। अकील हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे तथा उनका एक बेटा और एक बेटी हैं। अकील की मौत से पहले उनके और परिवार के बीच लगातार तनाव चल रहा था। थाना मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में अकील के पिता पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, माता पूर्व कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना, बहन तथा पत्नी के खिलाफ हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।  पूर्व डीजीपी के बेटे अकील अख्तर इस महीने की शुरुआत में पंचकूला के सेक्टर 4 स्थित अपने आवास पर बेहोशी की हालत में पाए गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उस समय, पुलिस को किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला और उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया। इसके तुरंत बाद अकील का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि, इस मामले ने तब नाटकीय मोड़ आया, जब अकील की मौत से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए। इसके बाद, मलेरकोटला के रहने वाले शमशुद्दीन चौधरी ने शिकायत दर्ज कराई। फिर पंचकूला पुलिस ने मुस्तफा, उसकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। डीसीपी ने क्या बताया? पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा, “हमें एक शिकायत मिली थी और उसके आधार पर, हमने अब हत्या और साजिश की धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की है। मृतक के पिता, माता, बहन और पत्नी सहित परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता ने गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर संदेह व्यक्त किया है। मृतक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह कह रहा है कि अगर वह मृत पाया गया था, तो एक डायरी में बयान दर्ज है और क्या उसे जहर दिया गया था। हमने इन सभी बातों को अपनी जांच में शामिल किया है ताकि इस मामले में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच हो सके। हमने तुरंत एक एसीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है।”   गांव के रसूखदार परिवार के साथ घटे इस तरह के घटनाक्रम को लेकर गांव की चौपालों और नुक्कड़ों पर लोग तरह तरह की बात कर रहे हैं। हालांकि मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण कोई भी खुलकर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।   पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना चार वर्ष पहले पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थी। रजिया सुल्तान ब्लॉक सरसावा की प्रमुख भी … Read more

दिवाली की बधाई पर ट्रंप को मोदी का जवाब –दो लोकतंत्र कर रहे हैं दुनिया का नेतृत्व

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए दिवाली पर बधाई संदेश देने के लिए शुक्रिया अदा किया है. पिछले दिनों दिवाली के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन करके बधाई दी थी. नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फ़ोन कॉल और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. प्रकाश के इस पर्व पर, हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को उम्मीद की रोशनी दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें." ट्रंप ने दिवाली पर दी थी बधाई… व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोशनी के त्योहार दिवाली मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "आज, मैं दिवाली, 'रोशनी का त्योहार' मनाने वाले हर अमेरिकी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं." ट्रंप ने आगे कहा, "कई अमेरिकियों के लिए, दिवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय का एक शाश्वत स्मरण है. यह परिवारों और दोस्तों को एक साथ लाकर समुदाय का जश्न मनाने, उम्मीद से ताकत हासिल करने और नवीनीकरण की स्थायी भावना को अपनाने का भी वक्त है." उन्होंने आगे कहा, "लाखों नागरिक दीये और लालटेन जलाते हैं, और हम इस शाश्वत सत्य पर प्रसन्न होते हैं कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर विजय होती है. दिवाली मनाने वाले प्रत्येक अमेरिकी के लिए, ईश्वर करे कि यह त्यौहार स्थायी शांति, समृद्धि, आशा और शांति लाए."