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किचन में उतरे गौरव खन्ना! अभिषेक बजाज ने किया सरप्राइज़, मालती ने दी वाहवाही

मुंबई 'अनुपमा' के अनुज कपाड़िया उर्फ गौरव खन्ना इस वक्त सलमान खान के रियलिटी शो 'बिग बॉस 19' में नजर आ रहे हैं। उन्होंने 'सेलिब्रिटी मास्टरशेफ' जीता था लेकिन इस शो के किचन में कभी कदम नहीं रखा। लेकिन अब अभिषेक बजाज की चाल ने उनके हाथ में बेलन पकड़वा दिए हैं, जिससे एक्टर खफा भी हो गए हैं और बाकी लोग बेहद खुश। मालती चाहर भी जीके को खाना पकाते देख खुशी से झूम उठी हैं। 'बिग बॉस 19' के नए कैप्टन मृदुल तिवारी बने हैं। और जैसे ही कोई नया कप्तान बनता है, डाइनिंग टेबल पर सबको बैठाकर उनको ड्यूटी असाइन की जाती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। दो महीनों से जहां गौरव खन्ना किचन ड्यूटी से बच रहे थे। वही अभिषेक बजाज के कहने पर उन्हें रोटी बनानी ही पड़ गई, जिससे एक्टर चिढ़ भी गए। अभिषेक बजाज ने गौरव को पहुंचाया किचन लेटेस्ट प्रोमो में अभिषेक बजाज कहते हैं, 'गौरव भाई अगर खाना न बनाएं तो मजा नहीं आएगा यार…।' ये सुनते ही एक्टर बिदक जाते हैं और फिर अभिषेक से कहते हैं, 'आगे से मेरे से पूछ लिया कर ये सब समझे।' इसके बाद वह प्रणित को रोटी बेलकर दिखाते हैं। तो मालती कहती हैं, 'अरे वाह जीके किचन में।' इधर अभिषेक गार्डन में अशनूर से कहते हैं, 'यही मौका था उन्हें…।' प्रणित ने बजाज से कहा, 'अरे वो ट्रिगर हो गए न अब।' गौरव को खाना बनाता देख अभिषेक बोले- मजा आ गया अभिषेक ने प्रणित से कहा, 'किचन में डालना था मुझे। 10 हफ्ते से वो अवॉइड कर रहे हैं किचन।' इधर, जब गौरव रोटी बना रहे होते हैं तो मृदुल कैमरे पर देखकर कहते हैं, 'दोस्तों, बखूबी अपना काम कर रहे हैं किचन में। क्या आप पहचान रहे हैं, इस खूबसूरत से चेहरे को?' अभिषेक बजाज कहते हैं, 'मजा आ गया।'

डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य: छठ व्रत के समय पूजा का महत्व

लोक आस्था का महापर्व छठ  25 अक्टूबर से ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हो रहा है और 28 अक्टूबर को ‘उषा अर्घ्य’ के साथ इसका समापन होगा. चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है. इस पर्व की सबसे अनूठी और महत्वपूर्ण रीत है डूबते हुए सूर्य (संध्या अर्घ्य) और उगते हुए सूर्य (उषा अर्घ्य) को अर्घ्य देना. हिंदू धर्म में आमतौर पर उगते सूर्य को ही जल चढ़ाया जाता है, लेकिन छठ ही एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें पहले अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य और फिर उदयगामी (उगते) सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. आइए जानते हैं छठ पूजा में सुबह और शाम की पूजा में क्या अंतर है. छठ पूजा: शाम की पूजा (डूबते सूर्य को अर्घ्य) तीसरा दिन छठ पर्व के तीसरे दिन, यानी कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं. मान्यता है कि शाम के समय सूर्य देव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं, जो सूर्य की अंतिम किरण हैं. इसलिए इस अर्घ्य को प्रत्यूषा अर्घ्य भी कहा जाता है. डूबते सूर्य को अर्घ्य देना इस बात का प्रतीक है कि जीवन में हर उत्थान (उगने) के बाद पतन (डूबना) निश्चित है और हमें अपने जीवन के उतार-चढ़ावों को स्वीकार करना चाहिए. इस अर्घ्य से भक्तों के जीवन से अंधकार दूर होता है. इस दिन व्रती महिलाएं और पुरुष कमर तक पानी में खड़े होकर, बांस के सूप या पीतल की टोकरी में फल, ठेकुआ, गन्ना आदि पूजा सामग्री रखकर अर्घ्य देते हैं. छठ पूजा: सुबह की पूजा (उगते सूर्य को अर्घ्य) चौथा दिन छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन, यानी सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसे उषा अर्घ्य कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सूर्योदय के समय सूर्य देव अपनी पत्नी ऊषा के साथ होते हैं, जो सूर्य की पहली किरण हैं और जिन्हें भोर की देवी भी कहा जाता है. इसलिए इसे उदयगामी अर्घ्य या ऊषा अर्घ्य कहते हैं. उगते सूर्य को अर्घ्य देना नवजीवन, वर्तमान और सुनहरे भविष्य का प्रतीक है. व्रती सूर्य देव से शक्ति, स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और संतान के दीर्घायु होने का आशीर्वाद मांगते हैं. उदयगामी अर्घ्य देने के बाद ही छठ महापर्व का विधिवत समापन होता है और व्रती अपना 36 घंटे का निर्जला व्रत खोलते हैं. इस दिन व्रती फिर से नदी या तालाब में खड़े होकर, सूर्य की पहली किरण को दूध और जल से अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्य देव की आराधना करते हैं. डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व माना जाता है कि संध्या अर्घ्य जहां जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की प्रार्थना है, वहीं उषा अर्घ्य सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नए जीवन के आरंभ का प्रतीक है. इस प्रकार, छठ महापर्व न केवल सूर्य की उपासना का त्योहार है, बल्कि यह पवित्रता, अनुशासन, और जीवन के हर पड़ाव को सम्मान देने की भारतीय संस्कृति के गहरे मूल्यों को भी दर्शाता है.

मध्यप्रदेश में ग्रोथ हब’ पहल शुरू, इंदौर और भोपाल के लिए बनेगा समग्र आर्थिक मास्टर प्लान

भोपाल मुख्य सचिव  अनुराग जैन की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने के उद्देश्य से शुक्रवार को मंत्रालय में बैठक हुई। बैठक में ‘ग्रोथ हब (G-Hub)’ पहल का औपचारिक शुभारंभ किया गया। यह महत्वाकांक्षी पहल नीति आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से इंदौर एवं भोपाल क्षेत्रों के लिए व्यापक और दीर्घकालिक आर्थिक विकास रणनीति तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर नीति आयोग के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर सु एना रॉय ने किया। मुख्य सचिव  जैन ने कहा कि सुविचारित आर्थिक योजना से न केवल इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी बल्कि अनियंत्रित शहरी विकास पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। सु एना रॉय ने बताया कि इंदौर और भोपाल आर्थिक क्षेत्रों के लिए समग्र आर्थिक मास्टर प्लान अगले वित्त वर्ष के प्रारंभ तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और नीति आयोग इस दिशा में राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देगा। ‘ग्रोथ हब’ पहल के प्रथम चरण में इंदौर आर्थिक क्षेत्र (इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खरगोन, रतलाम, शाजापुर, खंडवा) और भोपाल आर्थिक क्षेत्र (भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम्) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन क्षेत्रों के लिए आर्थिक प्रोफाइल, प्राथमिक परियोजना सूची और क्रियान्वयन रोडमैप तैयार किया जाएगा। दूसरे चरण में जबलपुर, सतना-रीवा, सागर और ग्वालियर क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। बैठक के दौरान नीति आयोग ने G-Hub पहल का संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण किया। संबंधित जिलों ने अपनी आर्थिक प्रोफाइल, प्रमुख अवसर, बाधाएँ और 90-दिवसीय कार्ययोजना साझा की। बैठक में स्टियरिंग कमेटी व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा में त्वरित कार्यों पर सहमति बनी जिनमें कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (CFC), प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना, एंटरप्राइज सपोर्ट सेंटर्स, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, कौशल एवं अप्रेंटिसशिप, निवेश-प्रोत्साहन और एकीकृत मास्टर प्लानिंग जैसे बिंदु शामिल हैं। यह पहल ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के दृष्टिकोण से पूर्णतः संरेखित है जो नागरिकों को सुखद जीवन, संपन्न रोजगार अवसर और सांस्कृतिक गौरव प्रदान करने की दिशा में कार्यरत है। G-Hub कार्यक्रम के माध्यम से परियोजना-आधारित क्रियान्वयन, नीति सरलीकरण, भूमि आपूर्ति, एकीकृत अवसंरचना और निवेश प्रोत्साहन के जरिये राज्य में उच्च वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण आजीविका और बेहतर ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी  संजय कुमार शुक्ल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग  ऋषि गर्ग और विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। संबंधित जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।  

MP पुलिस बल में कमी, हर 873 नागरिकों पर एक जवान; 22 हजार भर्ती का रोडमैप तैयार

भोपाल  मध्य प्रदेश में औसतन 873 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक पुलिसकर्मी पर है। मुख्यमंत्री ने तीन वर्ष के भीतर 22,500 पुलिस आरक्षकों की भर्ती की घोषणा की है। इसे सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन सच्चाई है कि प्रतिवर्ष दो से ढाई हजार पुलिस आरक्षक सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2024 में 60 हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती की। इस वर्ष भी वहां पुलिस आरक्षक और उप निरीक्षकों के लगभग 30 हजार पदों पर भर्ती होने वाली है। मध्य प्रदेश में पुलिस बल की कमी के चलते बड़ी चुनौती वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में सुरक्षा को लेकर रहेगी। इसमें 60 हजार पुलिसकर्मियों की आवश्यकता होगी। थाने नहीं बढ़ाने से पुलिस बल भी नहीं बढ़ा प्रदेश में पुलिस आरक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तक के एक लाख 25 हजार 489 पद हैं। इनमें अभी एक लाख 600 ही पदस्थ हैं। जब कोई थाना स्वीकृत होता है, तभी उसके लिए बल स्वीकृत किया जाता है। जरूरत के अनुसार थाने नहीं बढ़ने के कारण पुलिस बल भी नहीं बढ़ा। सरकार का ही मापदंड मान लें, तो पचास हजार की आबादी पर जिला पुलिस बल का एक थाना होना चाहिए, इस हिसाब से प्रदेश की अनुमानित आठ करोड़ 90 लाख की जनसंख्या के हिसाब से 1700 से अधिक थाने होने चाहिए, पर अभी 968 ही हैं। एक साथ भर्ती में यह हैं चुनौतियां     प्रदेश में आठ पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में 7850 पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की सुविधा है। उन्हें नौ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे अधिक पदों पर भर्ती होने पर प्रशिक्षण के लिए प्रतीक्षा करनी होगी।     पुलिस आरक्षक के पदों पर आनलाइन परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों की कमी रहती है। इस कारण कर्मचारी चयन मंडल को परीक्षा कराने में दो से तीन माह लग जाते हैं। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा में दो से तीन माह लग जाते हैं। छह से सात हजार पद भरने में ही लगभग डेढ़ वर्ष लग जा रहे हैं।     तीसरा, बजट के अभाव के कारण भी सरकार एक साथ बड़ी भर्ती करने से बच रही है। खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत     जिस तरह से अपराध बढे हैं, उस तरह से पुलिसबल की संख्या बढ़ाने के साथ उसे ताकतवर बनाना होगा। विशेष रूप से खुफिया तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। सरकार आंकड़े कुछ भी दिखाए, पर स्थिति ठीक नहीं है। जैसे-जैसे बेरोजगारी बढ़ रही है, युवा अपराध की ओर जा रहे हैं। औसतन देखा जाए तो जितने पुलिसकर्मी रिटायर हो रहे हैं, सरकार उतने भी भर्ती नहीं कर पा रही है। – अरुण गुर्टू, पूर्व, डीजी, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त  

घर और ऑफिस में तांबे का सूरज लगाएं, करें करियर और मान-सम्मान की वृद्धि

वास्तु के अनुसार घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए हम कई तरह के उपायों को आजमाना पसंद करते हैं। घर के हर एक कोने में हम वास्तु के अनुसार ही चीजों का प्लेसमेंट करते हैं, जिससे समृद्धि बनी रहे। ऐसी ही चीजों में से एक है घर में तांबे का सूरज लगाना। वास्तुशास्त्र के अनुसार, तांबे का सूरज घर में लगाना न केवल सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि यह एक सकारात्मक और सशक्त वातावरण भी प्रदान करता है। तांबे का सूरज घर में लगाने के कई फायदे होते हैं। तांबा एक महत्वपूर्ण धातु है, जिसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। तांबे का सूरज घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करने से विशेष लाभ मिलता है। तांबा सूर्य का प्रतीक है, जो जीवन और ऊर्जा का स्रोत है। इसे घर में लगाने से घर में सकारात्मकता और जीवन शक्ति का संचार होता है। इससे परिवार के सदस्यों में स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि बढ़ती है। तांबा गर्मी को संतुलित करता है। यह घर के वातावरण को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इस प्रकार घर में ताजगी और शांति बनी रहती है। तांबे का सूरज व्यक्ति की मनोबल को भी बढ़ाता है। यह आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकता है। वास्तु की मानें तो घर में तांबे का सूर्य पूरे घर के लिए ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। यदि आप सूर्य की ऊर्जा का प्रतीक तांबे का सूरज घर में लगाते हैं तो आपके घर के चारों तरफ यश, र्कीति और खुशहाली बनी रहती है। तांबे को एक प्रभावशाली धातु के रूप में जाना जाता है और मान्यता है कि इस तरह का सूरज घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह घर के लोगों के बीच सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है और इससे निकलने वाली ऊर्जा वातावरण में समृद्धि जोड़ती है, जिससे पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलती है। यदि आप लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं तो अपने घर में तांबे का सूर्य अवश्य लगाना चाहिए। यदि आप किसी कार्यस्थल पर इसे लगाते हैं तो यह सफलता दिलाने में मदद करता है।

सिवान की वो डरावनी दास्तान, अमित शाह ने बताया लालू यादव के दौर का ‘जंगलराज’

सिवान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को बिहार विधानसभा के चुनाव प्रचार अभियान में उतरे। उन्होंने सिवान में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राजद के शासनकाल को जंगलराज बताया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों तक लालू यादव और राबड़ी देवी के जंगलराज में शहाबुद्दीन का खौफ, अत्याचार, और हत्याएं, ये सब सिवान ने सहा है। उस दौर में सिवान की भूमि लहूलुहान हो गई, मगर सिवानवासियों ने झुकने का नाम नहीं लिया। अमित शाह ने सिवान के कइलगढ़ मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गर्मा दिया। उन्होंने मंच से सिवान की आठों विधानसभा के एनडीए प्रत्याशियों की जीत का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार को एक बार फिर विकास और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ाना है। अमित शाह ने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने कभी आतंक के आगे सिर नहीं झुकाया। शाह ने सिवान में अतीत के आतंक के दौर का जिक्र करते हुए शहाबुद्दीन के शासनकाल में हुए तेजाब कांड और निर्दोष लोगों की हत्याओं को याद किया। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को दोबारा मौका मत दीजिए जो सिवान को दहशत के दौर में ले जाना चाहते हैं। गृह मंत्री ने शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा शाहब का नाम लेते हुए कहा कि अगर ऐसे प्रत्याशी जीतेंगे तो सिवान में फिर वही आतंक का माहौल लौट आएगा। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने बिहार में चारों तरफ विकास का पहिया घुमाया। मुफ्त बिजली, आशा बहनों का मानदेय बढ़ाकर, शहीद परिवारों के सम्मान जैसी योजनाओं से आमजन का जीवन आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जंगलराज की समाप्ति नीतीश कुमार की देन है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे बिहार को जंगलराज से मुक्त कराया और हम यह चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ रहे हैं। शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “राहुल बाबा घुसपैठियों को देश में बसाने की बात करते हैं, जबकि मोदी सरकार देश से घुसपैठ खत्म करने में लगी है। राहुल गांधी ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं जिनकी सोच शहाबुद्दीन जैसी है।” अंत में अमित शाह ने एनडीए प्रत्याशी मंगल पांडेय के लिए वोट की अपील करते हुए कहा, “हमने सिवान को एक बना-बनाया मंत्री दिया है, इन्हें विजयी बनाइये ताकि सिवान की आवाज दिल्ली तक और बुलंद हो।”

बैंकिंग सेवाएं ठहरेंगी छठ के कारण, जानें कौन-कौन से दिन रहेंगे बंद

छठ पूजा एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जिसे खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और इसका समापन सूर्यदेव को सुबह अर्घ्य देने के साथ होता है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को होगी और समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ होगा। वहीं, छठ पर्व के दौरान 4 दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं। छठ पूजा के मौके पर कब-कब बैंक बंद रहेंगे? कल यानी 25 अक्टूबर से छठ की शुरूआत हो रही है, लेकिन कल चौथा शनिवार है तो इस वजह से भी कल बैंक बंद रहेंगे। 26 अक्टूबर को रविवार है और छठ पर्व का दूसरा दिन है तो इस वजह से बैंक बंद रहेंगे। 27 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा (शाम की अर्घ्य) के कारण बैंक बंद रहेंगे। 28 अक्टूबर को बिहार और झारखंड में छठ पूजा (सुबह की अर्घ्य) पर बैंक की छुट्टी रहेगी।

‘स्‍त्री 2’ के म्‍यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी पर यौन शोषण के आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई बॉलीवुड सिंगर और संगीतकार सचिन सांघवी गिरफ्तार हो गए हैं। एक महिला को म्यूजिक एल्बम में मौका देने और शादी का वादा करके उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार को एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि 'स्त्री 2' और 'भेड़िया' जैसे हिट गानों के लिए मशहूर सचिन सांघवी को गुरुवार को भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि 20 साल की उम्र की शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि वह फरवरी 2024 में सांघवी के संपर्क में आई थी और उन्होंने उसे इंस्टाग्राम पर एक मैसेज भेजा था। अधिकारी ने बताया कि गायक-संगीतकार ने कथित तौर पर उसे अपने म्यूजिक एल्बम में मौका देने का वादा किया था और उन्होंने फोन नंबर एक्सचेंज किए। महिला ने लगाया ये आरोप महिला ने आरोप लगाया है कि सचिन सांघवी ने उसे अपने स्टूडियो में बुलाया, जहां उन्होंने पहले शादी का प्रस्ताव रखा और कई मौकों पर उसका यौन शोषण किया। उन्होंने बताया कि जांच के बाद कंपोजर को गिरफ्तार कर लिया गया। सचिन-जिगर की जोड़ी हिट रही सचिन सांघवी, बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने काम के लिए मशहूर लोकप्रिय संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर के सदस्य हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रीतम के सहायक के रूप में की थी और फिर जिगर सरैया के साथ मिलकर अपनी खुद की संगीतकार जोड़ी बनाई। साथ में, सचिन-जिगर ने 'जीने लगा हूं' (रमैया वस्तावैया), 'सुन साथिया' (एबीसीडी 2), 'चुनर' (एबीसीडी 2), 'अपना बना ले' (भेड़िया), और 'माना के हम यार नहीं' (मेरी प्यारी बिंदु) जैसे चार्टबस्टर्स बनाए हैं। सचिन सांघवी काम के लिए मशहूर उनका संगीत कई जॉनर, रोमांटिक, डांस ट्रैक और भक्ति गीतों में फैला हुआ है और उन्होंने वेब सीरीज, गुजराती फिल्मों और सिंगल गानों के लिए भी संगीत तैयार किया है। सचिन सांघवी और उनके साथी जिगर को उनकी आवाज, ताजा ट्रैक और इमोशनल ट्यूनिंग के लिए सराहा गया है, जिससे वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सबसे अधिक मांग वाली संगीतकार जोड़ियों में से एक बन गए हैं।

कैफ ने विराट कोहली को दी करारी सलाह: ‘श्रेयस अय्यर से अपनाओ ये तरीका’

नई दिल्ली  भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। शुरुआती दो मैचों में विराट कोहली रन बनाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखे। कोहली दोनों मैचों में खाता भी नहीं खोल सके। कोहली के लगातार मैचों में फ्लॉप शो से उनके संन्यास की चर्चा फिर से तेज हो गई है। वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने खराब फॉर्म से जूझ रहे विराट कोहली को एक बड़ी सलाह दी है। कैफ का मानना है कि कोहली को फॉर्म वापस पाने के लिए श्रेयस अय्यर से सीखना चाहिए और इंडिया ए या घरेलू क्रिकेट खेलकर मैदान पर समय बिताना चाहिए। मोहम्मद कैफ ने कहा कि जब कोई बड़ा खिलाड़ी अपनी लय खो देता है, तो उसे मैच प्रैक्टिस की सख्त जरूरत होती है। उन्होंने उपकप्तान श्रेयस अय्यर का उदाहरण दिया, जिन्होंने अपनी चोट के बाद वापसी के लिए रणजी और विजय हजारे ट्रॉफी खेलकर पर्याप्त मैच समय लिया। कैफ ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं हाल ही में श्रेयस अय्यर से मिला था, और मैंने उनसे उनके स्टांस और लय के बारे में पूछा। चूंकि वह अभी सिर्फ वनडे खेल रहे हैं। रेड-बॉल क्रिकेट से ब्रेक लिया है और टी20 भी नहीं खेल रहे हैं, मैं समझना चाहता था कि वह इतनी आसानी से बल्लेबाजी कैसे कर लेते हैं। उन्होंने जवाब दिया कि वह मानसिक रूप से सुलझे हुए हैं, अपने खेल को अंदर तक जानते हैं और उन्होंने अपने दिमाग को अच्छी तरह से तैयार कर लिया है।” कैफ ने आगे कहा, "अय्यर ने इंडिया 'ए' के मैच भी खेले थे, और इसीलिए मैं कहता हूं कि विराट और रोहित को भी ऐसा करने पर विचार करना चाहिए। अय्यर की यह बल्लेबाजी उनके एक्टिव रहने से आती है। वह कभी भी फॉर्म से बाहर नहीं लगते, जैसा कि अभी विराट दिख रहे हैं। विराट इस समय बेचैन लग रहे हैं, जबकि अय्यर लगातार खेल रहे हैं, और यह उनके खेल में साफ झलकता है।''  

रिलायंस का मिडिल ईस्ट मोड़: रूस प्रतिबंधों के बाद नए साझेदार बने ये देश

वाशिंगटन  अमेरिका द्वारा दो प्रमुख रूसी तेल उत्पादकों पर प्रतिबंध लगाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने मिडिल ईस्ट और अमेरिका से लाखों बैरल कच्चा तेल खरीद लिया है। ईटी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रिलायंस ने सऊदी अरब के खफजी, इराक के बसरा मीडियम, कतर के अल-शाहीन जैसे कई ग्रेड के कच्चे तेल के साथ-साथ अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चे तेल की खरीदारी की है। ये माल दिसंबर या जनवरी में पहुंचने की उम्मीद है। रिलायंस इस साल मात्रा के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा रूसी तेल आयातक रहा है। कंपनी ब्लैक लिस्ट में शामिल रोसनेफ्ट पीजेएससी के साथ लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट के जरिए कच्चा तेल ले रही है। व्यापारियों के अनुसार, हालांकि रिलायंस सामान्यतः मध्य पूर्वी ग्रेड के कच्चे तेल की खरीदारी करता है, लेकिन हाल की ये डीलें जिनमें अमेरिकी प्रतिबंधों से ठीक पहले इस हफ्ते की शुरुआत में हुईं कुछ लेन-देन भी शामिल हैं, सामान्य से कहीं अधिक सक्रिय रहीं। इस महीने 1 करोड़ बैरल से ज्यादा खरीदा तेल कुल मिलाकर, रिलायंस ने इस महीने हाजिर बाजार से कम से कम 1 करोड़ बैरल तेल खरीदा है, जिसमें मिडिल ईस्ट का तेल सबसे अधिक है। ज्यादातर खरीदारी अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद हुई। कंपनी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। व्यापारियों ने बताया कि अन्य भारतीय रिफाइनर भी बाजार में सक्रिय हैं और मिडिल ईस्ट, अमेरिका तथा ब्राजील से खरीदारी कर रहे हैं। गुरुवार को ओमान जैसे ग्रेड के तेल की कीमतों में मजबूती देखी गई। रूसी तेल आयात पर पड़ा असर खास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 5% से ज्यादा का इजाफा हो चुका है। रोसनेफ्ट और लुकोइल पीजेएससी पर प्रतिबंध लगने के बाद, रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड को छोड़कर, प्रमुख भारतीय रिफाइनर्स को रूसी तेल का प्रवाह तेजी से गिरने की उम्मीद है। कुछ चीनी कंपनियां भी अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव का आकलन कर रही हैं और खरीदारी रोक चुकी हैं।   4 दिनों में ब्रेंट कीमतों में 8% उछाल 20 अक्टूबर के बाद से खाड़ी देशों के कच्चे तेल की कीमतों में करीब 8% का इजाफा हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक, 20 अक्टूबर को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 61.01 डॉलर प्रति बैरल पर थीं, जो बढ़कर 66 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गई हैं। इसका मतलब है कि मात्र 4 दिनों में ब्रेंट ऑयल की कीमतों में करीब 6 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण दुनिया के बड़े आयातकों द्वारा खाड़ी देशों के कच्चे तेल की बढ़ती मांग है। यह घटनाक्रम वैश्विक तेल बाजार में भू-राजनीतिक तनाव को और गहरा रहा है, जिससे भारतीय रिफाइनर्स को वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भरता बढ़ रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में कीमतों पर दबाव बने रह सकता है।