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लियोनेल मेसी का बड़ा निर्णय: इंटर मियामी के साथ अनुबंध 2028 तक बढ़ाया

मियामी विश्व फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी ने इंटर मियामी के साथ अपना नया तीन साल का अनुबंध साइन कर लिया है। इस समझौते के साथ मेसी अब 2028 तक मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) में खेलते नजर आएंगे। यह घोषणा मियामी के प्लेऑफ ओपनर से ठीक एक दिन पहले की गई। मेसी की टीम, इंटर मियामी, ईस्टर्न कॉन्फ्रेंस में तीसरे स्थान पर रहते हुए अब नैशविल के खिलाफ शुक्रवार को तीन मैचों की सीरीज़ के पहले मुकाबले की मेजबानी करेगी। मेसी ने अपने बयान में कहा, “यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि मैं यहां रहकर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहा हूं, जो मेरे सपने के साथ-साथ अब एक खूबसूरत हकीकत बन चुका है — मियामी फ्रीडम पार्क में खेलना। जब से मैं मियामी आया हूं, मैं बेहद खुश हूं और इस सफर को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं।” यह फैसला न केवल क्लब के लिए बल्कि पूरी एमएलएस लीग के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मेसी पिछले सीजन में एमएलएस के मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर बने थे और इस सीजन भी वह इस खिताब के प्रबल दावेदार हैं। अगर वह दोबारा जीतते हैं, तो वे लीग इतिहास में केवल दूसरे खिलाड़ी होंगे जिन्होंने यह अवार्ड दो बार जीता हो — और पहले खिलाड़ी जो लगातार दो साल इसे जीतेंगे। इंटर मियामी के कोच जावियर माशेरानो ने कहा, “मेसी को खेलते हुए देखना और उन्हें आनंद लेते देखना अद्भुत है। वह बहुत प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी हैं और टीम को प्रेरित करते हैं। जब हम मैदान पर सही काम करते हैं, तो सफलता की संभावना खुद-ब-खुद बढ़ जाती है।” मेसी ने इस सीजन में 29 गोल दागे, जो एलएएफसी के डेनिस बोआंगा और नैशविल के सैम सर्रिज से पांच अधिक हैं। उनके नाम 19 असिस्ट भी दर्ज हैं। उनकी कुल 48 गोल सहभागिताएं एमएलएस के रिकॉर्ड 49 (कार्लोस वेला, 2019) से बस एक कम रहीं। उन्होंने एक और रिकॉर्ड बनाया — लगातार पांच मैचों में एक से अधिक गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने और 10 मैचों में मल्टी-गोल प्रदर्शन करने का नया लीग रिकॉर्ड भी बनाया। 38 वर्षीय मेसी के इस अनुबंध को उनके करियर का आखिरी पेशेवर अनुबंध माना जा रहा है। उन्होंने 2004 में बार्सिलोना के साथ 17 साल की उम्र में डेब्यू किया था। उन्होंने 2022 कतर विश्व कप में अर्जेंटीना को चैंपियन बनाया और उसके बाद पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) से अनुबंध समाप्त कर इंटर मियामी का रुख किया था। अब तक मेसी इंटर मियामी के लिए 82 मैचों में 71 गोल और 27 असिस्ट कर चुके हैं और क्लब को लीग्स कप और एमएलएस सपोर्टर्स शील्ड जिताने में अहम भूमिका निभाई है।  

तापसी पन्नू की नई जिंदगी: भारत छोड़ डेनमार्क में क्यों रही बताई वजह

डेनमार्क तापसी पन्नूी उन सेलेब में से एक हैं अपने से जुड़े किसी भी अफवाह पर तुरंत रिएक्ट करती हैं। अब ऐसी खबरें आ रही थीं कि तापसी ने भारत को छोड़कर विदेश में शिफ्ट हो गई हैं अपने पति के साथ। इन अफवाहों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए तापसी ने फेक खबरें देने वालों को लताड़ा भी है। उन्होंने कहा थोड़ा रिसर्च कर लिया करो। तापसी ने क्या कहा तापसी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, 'क्या इससे ज्यादा कम झूठी और कम सेंसेशनल हेडलाइन हो सकती है? या फिर हेडलाइन गलत हो या सही, आप तक आएगी सबसे तेज पोर्टल। थोड़ा स्लो हो जाओ और थोड़ी रिसर्च करो।' तापसी ने आगे बताया कि वह मुंबई में अपने घर पर हैं। उन्होंने लिखा, मुंबई की सुबह में डोसा खाते हुए ये सब पढ़ रही हूं। क्या बोला था तापसी ने दरअसल, हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए तापसी ने बताया था कि डेनमार्क की लाइफ कैसी होती गै। उन्होंने कहा था, ‘भारत में जो कॉमन है और डेनमार्क में जो अजीब है वो ये कि मैथियाज(तापसी के पति) के पैरेंट्स हमारे साथ रहते हैं। उनका अपना स्पेस है ग्राउंड फ्लोक में, उनका अपना बेडरूम, लिविंग रूम, डाइनिंग रूम एरिया है। मुझे काफी समय लगा था उन्हें ये मनाने में कि वे हमारे साथ रहें क्योंकि डैनिश कल्चर में बड़े बच्चों के साथ रहना कॉमन नहीं है।’ 2 देशों में कैसे करती हैं एडजस्ट दोनों देशों में वह कैसे सब मैनेज करती हैं तो तापसी ने कहा, 'ये सब काम पर निर्भर करता है। अच्छी बात यह है कि कई शूट भारत में सर्दी के मौसम में होते गैं। गर्मियों और बारिश में कम शूट होते हैं तो डेनमार्क हम गर्मियों में रहते हैं। वहीं बाकी फिर हम इंडिया रहते हैं।'

प्रशांत किशोर की रणनीति पर असर? जन सुराज प्रत्याशी के नामांकन वापसी से बढ़ी मुश्किलें

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल के बीच सीतामढ़ी सीट  से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद ज्याउद्दीन खान  ने नामांकन वापस ले लिया है। यह फैसला जन सुराज के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस कदम ने जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया है। नामांकन वापसी के बाद ज्याउद्दीन ने फेसबुक पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के हितों को देखते हुए और अपने शुभचिंतकों की परेशानियों को समझते हुए, उन्होंने अपनी दूसरी बार कुर्बानी दी है। ज्याउद्दीन के इस फैसले के बाद वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। अटकलें लगााई जा रही हैं कि पार्टी के भीतर किसी आंतरिक कलह का ही यह नतीजा है या फिर किसी अन्य दल के दबाव में यह फैसला लिया गया है. मोहम्मद ज्याउद्दीन खान को क्षेत्र में एक मजबूत और लोकप्रिय उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था। उनके मैदान से हटने के बाद पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े हो गए हैं। साथ ही सीतामढ़ी विधानसभा सीट पर मुकाबला अब सीधे NDA और महागठबंधन के बीच सिमट गया है। पहले जहां मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था, वहीं अब जन सुराज समर्थक वोट दो प्रमुख गठबंधनों में बंटने की संभावना है। इससे किसी एक बड़े गठबंधन को सीधा फायदा मिल सकता है।

जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप: पाकिस्तान ने भारत में होने वाले टूर्नामेंट से हटने का निर्णय लिया

नई दिल्ली  भारत और पाकिस्तान के बीच खेल के मैदान पर चल रही लड़ाई फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही. पाकिस्तान ने भारत में नवंबर-दिसंबर में होने वाले हॉकी वर्ल्ड कप से नाम वापस ले लिया है. हॉकी की सर्वोच्च संस्था एफआईएच ने पीटीआई से इसकी पुष्टि की है. खेल के उद्घाटन मैच से सिर्फ एक महीने पहले पाकिस्तान ने एफआईएच पुरुष जूनियर विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है. टूर्नामेंट को 28 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच चेन्नई और मदुरै में खेला जाना है. पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनीतिक तनाव का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है. टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) ने अपनी सरकार से चर्चा के बाद एफआईएच को आधिकारिक सूचना भेजी है. इसकी जानकारी हॉकी इंडिया को दी जानी है. यह भारत में दूसरा आयोजन है जिससे पाकिस्तान ने नाम वापस लिया है. इससे पहले राजगीर, बिहार में पुरुष एशिया कप से भी पाकिस्तान ने नाम वापस लिया था. पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन के सचिव राणा मुजाहिद ने इस फैसले की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “हां, हमें लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में स्थिति अनुकूल नहीं है. हाल ही में हुए एशिया कप क्रिकेट आयोजन ने साबित कर दिया है कि भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ अत्यधिक भावनाएं हैं. उनके खिलाड़ियों ने हमारे खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, और फिर उन्होंने मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, जो शर्मनाक था.” पाकिस्तान को ग्रुप बी में भारत, चिली और स्विट्जरलैंड के साथ रखा गया था. अब एफआईएच यह फैसला करेगा कि किसी अन्य टीम को बुलाया जाए या नहीं. एक शीर्ष पीएचएफ अधिकारी ने कहा कि यह फैसला पाकिस्तान सरकार से चर्चा के बाद लिया गया.  

रोहित शर्मा की पारी ने दिया संतोष, अभिषेक नायर बोले– धैर्य और फोकस देखने लायक था

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सहायक कोच अभिषेक नायर ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में एडिलेड में रोहित शर्मा की खेली गई 73 रन की पारी उन्हें बहुत संतुष्टि देगी। नायर ने जियोस्टार के ‘क्रिकेट लाइव’ पर कहा, “एक खिलाड़ी के तौर पर, आप अपने कुछ बड़े शतक या दोहरे शतक भूल सकते हैं, लेकिन कुछ पारियां ऐसी होती हैं जो हमेशा याद रहती हैं, खासकर वे जिनमें आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ी हो। रोहित शर्मा भले ही इस पारी को उनके द्वारा बनाए गए रनों के लिए याद न रखें, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से इससे बहुत संतुष्टि मिलेगी। एक बल्लेबाज के तौर पर, जब आप कठिन परिस्थितियों में रन बनाते हैं, तो आपको एक अलग तरह की खुशी मिलती है, ठीक वैसे ही जैसे एक गेंदबाज सपाट पिच पर विकेट लेता है।” नायर ने कहा, “रोहित भले ही बड़ा स्कोर न बना पाने से निराश हों, लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें पता होगा कि उन्होंने आज हर रन के लिए कड़ी मेहनत की है। उनका धैर्य और दृढ़ता देखने लायक थी। आज इस भारतीय टीम में मुझे सबसे ज्यादा यही बात प्रभावित करती है। जब ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया आसानी से जीत जाएगा, तब भी उन्होंने संघर्ष जारी रखा। रोहित ने इसी जज्बे को साकार किया। कठिन परिस्थिति के बावजूद, जब भी उन्हें कोई ढीली गेंद मिली, उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया। इसी इरादे और दृढ़ता ने उनकी पारी को परिभाषित किया।” रोहित शर्मा पहले वनडे में सिर्फ 8 रन बना सके थे। पहले मैच के बाद अभिषेक नायर ने कहा था कि अगले दो मैचों में रोहित जोरदार वापसी करेंगे। रोहित शर्मा अभिषेक नायर के भरोसे पर खड़े उतरे और 73 रन की बेहतरीन पारी खेली। रोहित ने अपनी पारी से साबित किया कि उनमें अब भी क्रिकेट बाकी है।  

तेजस्वी का बीजेपी पर वार, नीतीश पर प्यार, बोले- बिहार को चलाने का हक सिर्फ बिहारी को

पटना आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव प्रचार का शंखनाद किया। सलखुआ उच्च विद्यालय मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार पर तेजस्वी नरम दिखे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बीस साल में भी बिहार से पलायन नहीं रोक पाए। हमारी सरकार आएगी तो नया बिहार बनाएंगे। मेरी उम्र भले ही कच्ची है, लेकिन जुबान पक्की है। मेरा सपना भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने का है। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए ने अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। अमित शाह ने खुद कह दिया कि चुनाव के बाद सीएम तय करेंगे। तेजस्वी ने तंज कसते हए कहा कि एक बात तय है कि नीतीश जी अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जबकि हमने तय कर लिया है। उन्होंने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कही। तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के प्रति हमदर्दी भी जताई और कहा, हमारे चाचा नीतीश कुमार को भाजपा ने हाइजैक कर लिया है। उनके साथ नाइंसाफी की जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार को बाहरी ताकतें नियंत्रित नहीं करेंगी। बिहार को बिहारी ही चलाएगा, कोई बाहरी नहीं। हम बिहारी डरने वाले नहीं हैं। इस दौरान वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता, खगड़िया के पूर्व सांसद एवं राजद नेता चौधरी महबूब अली केसर, युसूफ सलाहउद्दीन, सरिता पासवान, गौतम कृष्ण मौजूद रहे।

लंकाशायर ने स्टीवन क्रॉफ्ट को मुख्य कोच नियुक्त किया

लंदन इंग्लिश काउंटी क्रिकेट क्लब लंकाशायर ने स्टीवन क्रॉफ्ट को अपना नया मुख्य कोच (हेड कोच) नियुक्त करने की घोषणा की है। क्रॉफ्ट पिछले कुछ महीनों से अंतरिम कोच की भूमिका निभा रहे थे और उनके सफल कार्यकाल के बाद अब उन्हें स्थायी रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्रॉफ्ट ने मई में डेल बेंकेनस्टीन के पद छोड़ने के बाद कोचिंग की जिम्मेदारी संभाली थी। सीज़न के पहले आधे हिस्से में लंकाशायर एक भी काउंटी चैम्पियनशिप मैच नहीं जीत पाया था, लेकिन टीम ने शानदार वापसी करते हुए डिवीजन-2 में पांचवां स्थान हासिल किया और साथ ही टी20 ब्लास्ट फाइनल्स डे तक का सफर तय किया। स्टीवन क्रॉफ्ट ने क्लब के हवाले से कहा, “इस महान क्लब का मुख्य कोच नियुक्त होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। लैंकाशायर मेरे जीवन का बड़ा हिस्सा रहा है — एक खिलाड़ी के रूप में अकादमी से जुड़ने से लेकर टीम की कप्तानी करने तक और अब मैदान के बाहर यह नई भूमिका निभाने तक।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे गर्व है कि टीम ने पिछले सीज़न के दूसरे भाग में जिस तरह से प्रतिक्रिया दी। हमारे पास एक प्रतिभाशाली और जुनूनी दल है जो ‘रेड रोज़’ का गर्व से प्रतिनिधित्व करता है। अब मेरा लक्ष्य है कि उस प्रगति को आगे बढ़ाते हुए खिलाड़ियों के प्रदर्शन को निखारूं और क्लब को फिर से सफलता दिलाऊं।” क्रॉफ्ट, जो 41 वर्ष के हैं, 2011 में लंकाशायर की काउंटी चैम्पियनशिप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने 2023 में संन्यास लिया था, और क्लब के लिए 600 से अधिक मैच खेले थे। लंकाशायर के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट परफॉर्मेंस मार्क चिल्टन ने कहा, “हमें खुशी है कि स्टीवन ने स्थायी रूप से यह भूमिका स्वीकार की है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में जिम्मेदारी संभालते हुए शानदार नेतृत्व क्षमता दिखाई। उनका जुनून, क्रिकेट ज्ञान और खिलाड़ियों से जुड़ने की क्षमता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।” चिल्टन ने यह भी बताया कि क्रॉफ्ट अब पहली टीम की रोज़ाना कोचिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्हें सहायक कोच विल पोर्टरफील्ड का सहयोग मिलेगा, जबकि कोचिंग विभाग में और भी नियुक्तियाँ जल्द की जाएंगी।  

हरियाणा के बेटे से सुप्रीम कोर्ट तक: Justice Surya Kant की प्रेरक यात्रा

हिसार  हरियाणा के हिसार से निकलकर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी तक पहुंचने वाले जस्टिस सूर्यकांत की कहानी प्रेरणादायक है। साधारण परिवार से आने वाले इन न्यायाधीश ने मेहनत, ईमानदारी और न्याय के प्रति जुनून से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया है। वे 24 नवंबर 2025 को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI ) बनेंगे और फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हिसार जिले के पेट्वर गांव में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की और 1981 में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी की। कानूनी करियर और सफलता  1984 में उन्होंने हिसार के जिला न्यायालय में वकालत शुरू की और 1985 में चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। उन्होंने सांविधानिक, सेवा और नागरिक मामलों में प्रभावशाली दलीलों द्वारा अपनी पहचान बनाई। सामाजिक न्याय के लिए योगदान जस्टिस सूर्यकांत की न्यायिक यात्रा सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित रही। वे सार्वजनिक संसाधनों के संरक्षण, भूमि अधिग्रहण, मुआवजे, पीड़ितों के अधिकार, आरक्षण और संवैधानिक संतुलन जैसे विषयों पर संवेदनशील और न्यायसंगत दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उनके फैसलों ने सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों को मजबूती दी। प्रमुख उपलब्धियां 7 जुलाई 2000: हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल नियुक्त। 2001: वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा प्राप्त। 9 जनवरी 2004: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। 5 अक्तूबर 2018: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त। आगामी मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति केंद्र सरकार ने जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां मुख्य न्यायाधीश बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद, 24 नवंबर 2025 को जस्टिस सूर्यकांत मुख्य न्यायाधीश पद संभालेंगे। वे 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे। नियुक्ति प्रक्रिया का नियम ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर’ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का सबसे वरिष्ठ और उपयुक्त न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है। वर्तमान सीजेआई के सेवानिवृत्त होने से लगभग एक माह पहले विधि मंत्री उनकी सिफारिश मांगते हैं। वर्तमान में जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति से भारतीय न्यायपालिका को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है।

शॉकिंग हमला! मनोरंजन कालिया के घर फेंका गया ग्रेनेड, जांच में सामने आई बड़ी साजिश

मोहाली/जालंधर  पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के जालंधर स्थित घर पर हुए ग्रेनेड हमले की सुनवाई एन.आई.ए. की विशेष न्यायाधीश मनजोत कौर की अदालत में हुई। इस मामले में आरोपी सैदुल अमीन और हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी अभिजोत जांगड़ा वी.सी. के जरिए अदालत में पेश हुए। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की है। इस मामले में एन.आई.ए. ने पिछली सुनवाई में खालिस्तान समर्थकों समेत 4 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में गिरफ्तार दो आरोपियों सैदुल अमीन (उत्तर प्रदेश निवासी) और अभिजोत जांगड़ा (हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी) के अलावा दो फरार आरोपियों के नाम शामिल हैं। फरार आरोपियों की पहचान हरियाणा के यमुनानगर निवासी कुलबीर सिंह सिद्धू और करनाल निवासी मनीष उर्फ काका राणा के रूप में हुई है।  पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता के घर पर 7 अप्रैल, 2025 की रात को हमला हुआ था। कुछ दिनों बाद, 12 अप्रैल को, जांच एन.आई.ए. को सौंप दी गई। एन.आई.ए. द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बी.के.आई.) के सदस्य सिद्धू ने अपने साथी मनीष के साथ मिलकर पंजाब के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक आतंकवादी गिरोह बनाया ताकि लोगों में भय का माहौल बनाया जा सके और फिरौती के माध्यम से बी.के.आई. के लिए धन इकट्ठा किया जा सके। एन.आई.ए. के अनुसार, मनीष ने अमीन की भर्ती की थी, जिसने पूर्व मंत्री के घर पर ग्रेनेड फेंका था। जांच एजेंसी ने कहा कि सिद्धू ने अमीन को ग्रेनेड दिया था, जबकि जांगड़ा ने धन मुहैया कराया था। हमले के बाद सिद्धू ने एक पोस्टर प्रसारित किया था, जिसमें उसने मनीष के साथ साजिश रचने की जिम्मेदारी ली थी। सिद्धू के खिलाफ 'रेड कॉर्नर' नोटिस जारी किया गया है और उसकी गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

युगों पुरानी छठ परंपरा की कहानी: जानें इसका आरंभ कहाँ हुआ

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा कल से शुरू हो रही है. छठ पूजा छठी मैया और भगवान सूर्य को समर्पित की गई है. छठ पूजा में भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है. ये महापर्व चार दिनों तक चलता. कल से शुरू होने वाली छठ पूजा का समापन 28 अक्टूबर को होगा. कल नहाय-खाय से ये महापर्व शुरू होगा. 28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा. छठ पूजा वर्तमान में नहीं, बल्कि युगों से होती हुई चली आ रही है. छठ पूजा की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. छठ पूजा की शुरुआत बिहार एक जिले से हुई थी. आइए जानते हैं कि बिहार का वो कौनसा जिला है, जहां से छठ महापर्व की शुरुआत हुई? मुंगेर से हुई थी छठ पूजा की शुरुआत छठ पूजा की शुरुआत सबसे पहले बिहार के मुंगेर से हुई थी.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सीता ने सबसे पहला छठ पूजन बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर किया था. इसके बाद छठ महापर्व की शुरुआत हुई. वाल्मीकि और आनंद रामायण के अनुसार मुंगेर में माता सीता ने छह दिनों तक रहकर छठ पूजन किया था. दरअसल, भगवान राम को रावण वध का पाप लगा था. इस पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के कहने पर प्रभु ने फैसला किया वो राजसूय यज्ञ कराएंगे. इसके बाद मुग्दल ऋषि को आमंत्रण भेजा गया, लेकिन मुग्दल ऋषि ने भगवान राम और माता सीता आदेश दिया कि वो दोनों ही उनके आश्रम में आएं. इसके बाद बाद मुग्दल ऋषि ने माता सीता को सूर्य की अराधना करने की सलाह दी. मुग्दल ऋषि के कहने पर माता सीता ने व्रत किया. माता सीता ने की थी सूर्य देव की अराधना ऋषि के आदेश पर माता सीता ने कार्तिक मास की षष्ठी तिथि पर मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पश्चिमी तट पर भगवान सूर्य की अराधना की. सूर्य देव की अराधना के दौरान माता सीता ने अस्ताचलगामी सूर्य को पश्चिम दिशा की ओर उदयगामी सूर्य को पूर्व दिशा की ओर अर्घ्य दिया था. जिस जगह पर माता सीता ने व्रत किया, वह सीता चारण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इतना ही नहीं मंदिर के गर्भ गृह में पश्चिम और पूर्व दिशा की ओर माता सीता के चरणों के निशान आज भी मौजूद हैं. साथ ही शिलापट्ट पर सूप, डाला और लोटा के निशान हैं.