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छठ पूजा की तैयारी जोरों पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद संभाली कमान

नई दिल्ली  दिल्ली में आस्था के महापर्व छठ की तैयारी पूरे जोश और श्रद्धा के साथ जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई छठ घाटों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सरकार छठ की तैयारियों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधायक संदीप सहरावत ने शुक्रवार को पहले भव्य पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, "पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 स्थानों पर छठ घाट बनाए गए हैं और सभी तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा, यमुना नदी के किनारे कई किलोमीटर तक 17 अलग-अलग स्थानों पर विशेष घाट बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने के लिए उचित सुविधाएं मिल सकें।" भाजपा विधायक संदीप सहरावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमारी मुख्यमंत्री ने पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और स्वयं सभी तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी तैयारियों की समीक्षा की। मैं मुख्यमंत्री को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" इसके बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया, जिसमें छठ घाट, 153 गलियां, सीवर व पानी की लाइनें और गणेश नगर कॉम्प्लेक्स में एक पुलिया शामिल है। उन्होंने धोबी समुदाय के लोगों को इलेक्ट्रिक आयरन बांटे और भाजपा की ओर से यमुना घाटों पर किए गए इंतजामों के बारे में बताया, जिससे पूर्वांचल के लोग बिना किसी परेशानी के छठ पूजा कर सकें। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह घाट न सिर्फ पूर्वांचली भाई-बहनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि दिल्ली के सांस्कृतिक गौरव और सहभागिता की पहचान भी बनेगा।" मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, "भाजपा सरकार के नेतृत्व में जिस समर्पण और संवेदनशीलता से छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही हैं, वह अभूतपूर्व है। इस बार यमुना किनारे जब हमारी बहनें सूर्य देव को अर्घ्य देंगी, तो वे स्वच्छ और निर्मल जल में खड़ी होकर अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करेंगी। यह नया घाट दिल्ली में आस्था और विकास के संगम का प्रतीक है।"

सावधान! रांची के 26 घाट घोषित किए गए Dangerous, नगर निगम ने दी चेतावनी

इस बार छठ पूजा की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को होगी और समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ होगा। झारखंड में छठ पूजा की बड़ी ही धूम होती है। वहीं, छठ पूजा से पहले रांची के 26 घाट खतरनाक घोषित कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक रांची में इस बार मानसून के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने के कारण शहर के कई तालाबों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। कहा जा रहा है कि इन घाटों में सीढ़ियों से उतरते ही 7 से 8 फीट तक पानी है, जो व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। नगर निगम ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर एनडीआरएफ जवानों की तैनाती की मांग की है। वहीं, नगर निगम ने अपील की है कि श्रद्धालु चिह्नित सुरक्षित घाटों पर ही पूजा करें और बच्चों या बुजुर्गों को पानी के गहरे हिस्से में न ले जाएं। बैरिकेडिंग पार करना सख्त वर्जित है। कांके डैम, हातमा तालाब, तिरिल बस्ती कोकर तालाब, जोड़ा तालाब बरियातू, भाभा नगर तालाब, कोकर टुनकी टोला तालाब, रिम्स, जेल तालाब, चडरी तालाब, करमटोली तालाब, हटनिया तालाब, नक्षत्र वन, बड़ा तालाब, अरगोड़ा तालाब, मधुकम तालाब, कटहल गोंदा तालाब, सरोवर नगर डैम साइड, भट्टा गढ़ा, हेहल तालाब, जगन्नाथपुर तालाब, धुर्वा डैम, धुर्वा छोटा डैम, बटन तालाब, स्वर्णरेखा घाघरा घाट, नामकुम तेतरी टोली, कैलाश नगर, नामकुम सिपाही पुल, जोजार नामकुम, हुंडरू तालाब।

हरियाणा में बढ़ेगी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की रफ्तार, सरकार ने E-CMS इंसेंटिव पर लिया बड़ा फैसला

चंडीगढ़ हरियाणा केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत निवेश आकर्षित कर प्रदेश को ’इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग’ के एक प्रमुख हब के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इस दिशा में राज्य जल्द ही अपनी ईसीएमएस पॉलिसी के तहत नई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करेगा, जिनमें निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आज यहां एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को गति देने राज्य में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की रणनीतियों की समीक्षा की गई। नई मसौदा ‘ईसीएमएस पॉलिसी’ के तहत पूंजीगत एवं परिचालन खर्च की प्रतिपूर्ति, ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर व्यय, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं नवाचार सुविधाओं के विकास हेतु समर्थन जैसे अनेक प्रोत्साहन प्रस्तावित हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य बड़े निवेश आकर्षित करना, रोजगार के नए अवसर सृजित करना और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में राज्य की भागीदारी को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन वर्ष 2015 से अब तक 17 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ा है, जबकि डिजाइन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम अभी विकास के शुरुआती चरण में है। वर्तमान में हरियाणा देश के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगभग 2.9 प्रतिशत (0.8 बिलियन यूएसडी) का योगदान दे रहा है और इस क्षेत्र में लगभग 1.3 मिलियन रोजगार का सहयोग करता है। रस्तोगी ने कहा कि लक्षित नीतिगत सहयोग, रणनीतिक निवेशक सहभागिता और आईएमटी सोहना में प्रस्तावित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसे सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण से राज्य के योगदान को बढ़ाने की अपार सम्भावनाएं हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार की ’ईसीएमएस योजना’ के अंतर्गत कई तरह के लाभ दिए जाते हैं। इनमें 1 से 25 प्रतिशत तक टर्नओवर-लिंक्ड और पूंजी निवेश आधारित लाभ शामिल हैं। आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे प्रगतिशील राज्यों की तर्ज पर हरियाणा ’अतिरिक्त टॉप-अप इंसेंटिव देने की संभावनाएं तलाश रहा है, ताकि ईसीएमएस-अनुमोदित निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति और मजबूत हो सके। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को इस संबंध में विस्तृत योजना तैयार करने और तत्परता से निवेशकों से संपर्क साधने के निर्देश दिए। इसके तहत 10 नवंबर तक उन 11 आवेदकों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की जाएंगी, जिन्होंने प्रदेश में ईसीएमएस-अनुमोदित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इसके अतिरिक्त, 50 अन्य कंपनियों से भी संपर्क किया जाएगा, जिन्होंने अभी तक अपनी परियोजना का स्थान निर्धारित नहीं किया है। बेहतर समन्वय और निवेशक सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक संभावित निवेशक के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त करेगी। ये अधिकारी भूमि की पहचान, नियामक स्वीकृतियांे, विभागीय समन्वय और इंसेंटिव प्रक्रिया से जुड़ी सहायता प्रदान करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा का दृष्टिकोण सुविधाजनक एवं प्रतिस्पर्धात्मक, दोनों तरह का होगा ताकि राज्य में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अनुकूल इकोसिस्टम विकसित हो सके। बैठक में नागरिक संसाधन सूचना विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक यश गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

अब 4 आरोपी FIR में दर्ज: ASI संदीप लाठर आत्महत्या मामले का नया खुलासा

रोहतक  आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि उसके ठीक एक हफ्ते बाद रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी लेकिन मरने से पहले उन्होंने चार पेज का सुसाइड नोट व लगभग 6:30 मिनट का एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। साथ ही उस वक्त के एसपी नरेंद्र बिजरानिया को ईमानदार तो आईपीएस वाई पूरन कुमार को भ्रष्ट अधिकारी बताया था, जिससे दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी तो वहीं, परिजनों की शिकायत पर वाई पूरन कुमार की पत्नी उनके भाई अमन रतन, गनमैन सुशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी लेकिन अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया।  दरअसल FIR की कॉपी में तीन नहीं बल्कि 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। जिन लोगों के खिलाफ FIR की गई है इसमें नया नाम आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार का है। 4 नामजद और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। FIR की कॉपी मीडिया के सामने आने से चारों तरफ हलचल मच गई है। दरसल पुलिस ने FIR की कॉपी पूरी तरह से मीडिया से दूर रखी। वह इसलिए कहीं लोगों के बीच में आपसी टकराव न हो जाए और यह मामला जातीय रंग न ले ले।   दूसरी ओर मृतक के भाई संजय चेयरमैन ने कहा है कि उसका भाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है और वह पूरा ईमानदार व्यक्ति था। इस सारे मामले की सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाई पूरन कुमार के परिवार को भी न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ भी अन्याय न हो और मामले की जांच होगी, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।  इन चार लोगों के खिलाफ FIR गौरतलब है कि मृतक संजय संदीप लाठर की पत्नी संतोष की शिकायत पर सदर थाना में वाई पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी कौर, उनके भाई अमन रतन वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार और आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार चारों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज हुई है तो वहीं, FIR में एक अन्य के खिलाफ भी शिकायत दी गई है। दूसरी ओर संजय चेयरमैन ने कहा कि इसमें और अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं जो जांच के बाद सामने आएंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनोट माता मंदिर में टेका माथा, मांगा देशवासियों की खुशहाली का आशीर्वाद

जैसलमेर  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसलमेर के दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर गए और माता के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में दर्शन कर आत्मिक शांति और आशीर्वाद का अनुभव हुआ। इस मंदिर की ऊर्जा अत्यंत अद्भुत और अलौकिक है। राजनाथ सिंह ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की और देश की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए माता से आशीर्वाद मांगा। तनोट माता मंदिर का भारतीय सेना से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यह मंदिर सैनिकों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक बना रहा। रक्षा मंत्री की यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही बल्कि उन्होंने इसे देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की अदम्य भावना और राष्ट्रभक्ति को समर्पित बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अक्टूबर की शाम को राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सेना के बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत की। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले पाकिस्तान को दो बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को कड़ी संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस की स्थिति में उसे और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हमारे पायलटों ने सिर्फ भारत की ताकत का एक नमूना दिखाया है; यदि अवसर मिला तो वे हमारी असली क्षमता प्रदर्शित करेंगे। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कि देश के विरोधी कभी निष्क्रिय नहीं रहते हैं, सशस्त्र बलों से सदैव सतर्क एवं पूरी तरह तैयार रहने और उनकी गतिविधियों के विरुद्ध उचित व प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ''यह सदी भारत की है, भविष्य हमारा है। आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति हमने की है, उससे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना निस्संदेह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में अपना स्थान रखती है।'' राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए सीमा क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

दीवाली से पहले पटाखा कारोबारियों का गुस्सा फूटा, पुलिस पर लगाया आरोप

जालंधर  शहर में पटाखा कारोबारियों और पुलिस के बीच जारी विवाद बरकरार रहा। दीवाली के बाद पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिसों के विरोध में पटाखा व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के पूर्व विधायक के.डी. भंडारी को साथ लेकर डी.सी.पी. नरेश डोगरा से मुलाकात की और सभी 20 नोटिस उनके हवाले कर दिए। पटाखा व्यापारियों का नेतृत्व प्रधान विकास भंडारी, प्रधान रवि महाजन और प्रधान संजीव बाहरी ने किया। व्यापारियों ने साफ कहा कि वे कोई स्पष्टीकरण नहीं देंगे, बल्कि पुलिस को ही अपने नोटिस वापस लेने होंगे। इस दौरान भंडारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस वर्ष दिवाली दो दिन अर्थात 20 और 21 अक्तूबर को मनाई गई, तो पुलिस ने सिर्फ 20 अक्तूबर तक का ही लाइसेंस क्यों जारी किया? उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के चलते 21 तारीख को भी दीवाली और बंदीछोड़ दिवस मनाया गया, ऐसे में व्यापारियों का दुकानें खोलना स्वाभाविक था। भंडारी ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए, न कि त्यौहार के दिन मेहनतकश व्यापारियों को परेशान करने पर। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस को यह नोटिस वापस लेने ही होंगे । गौरतलब है कि इस विवाद की गूंज डी.जी.पी. गौरव यादव तक भी पहुंची। पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने सीधे डी.जी.पी. से फोन पर बात कर जालंधर पुलिस की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार डी.जी.पी. के हस्तक्षेप के बाद ही जालंधर पुलिस इस मामले में नरम पड़ी दिखी। इस मामले में जब डी.सी.पी. नरेश डोगरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ।

मध्यप्रदेश में ग्रोथ हब’ पहल शुरू, इंदौर और भोपाल के लिए बनेगा समग्र आर्थिक मास्टर प्लान

भोपाल मुख्य सचिव  अनुराग जैन की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने के उद्देश्य से शुक्रवार को मंत्रालय में बैठक हुई। बैठक में ‘ग्रोथ हब (G-Hub)’ पहल का औपचारिक शुभारंभ किया गया। यह महत्वाकांक्षी पहल नीति आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से इंदौर एवं भोपाल क्षेत्रों के लिए व्यापक और दीर्घकालिक आर्थिक विकास रणनीति तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर नीति आयोग के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर सु एना रॉय ने किया। मुख्य सचिव  जैन ने कहा कि सुविचारित आर्थिक योजना से न केवल इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी बल्कि अनियंत्रित शहरी विकास पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। सु एना रॉय ने बताया कि इंदौर और भोपाल आर्थिक क्षेत्रों के लिए समग्र आर्थिक मास्टर प्लान अगले वित्त वर्ष के प्रारंभ तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और नीति आयोग इस दिशा में राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देगा। ‘ग्रोथ हब’ पहल के प्रथम चरण में इंदौर आर्थिक क्षेत्र (इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खरगोन, रतलाम, शाजापुर, खंडवा) और भोपाल आर्थिक क्षेत्र (भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम्) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन क्षेत्रों के लिए आर्थिक प्रोफाइल, प्राथमिक परियोजना सूची और क्रियान्वयन रोडमैप तैयार किया जाएगा। दूसरे चरण में जबलपुर, सतना-रीवा, सागर और ग्वालियर क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। बैठक के दौरान नीति आयोग ने G-Hub पहल का संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण किया। संबंधित जिलों ने अपनी आर्थिक प्रोफाइल, प्रमुख अवसर, बाधाएँ और 90-दिवसीय कार्ययोजना साझा की। बैठक में स्टियरिंग कमेटी व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा में त्वरित कार्यों पर सहमति बनी जिनमें कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (CFC), प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना, एंटरप्राइज सपोर्ट सेंटर्स, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, कौशल एवं अप्रेंटिसशिप, निवेश-प्रोत्साहन और एकीकृत मास्टर प्लानिंग जैसे बिंदु शामिल हैं। यह पहल ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के दृष्टिकोण से पूर्णतः संरेखित है जो नागरिकों को सुखद जीवन, संपन्न रोजगार अवसर और सांस्कृतिक गौरव प्रदान करने की दिशा में कार्यरत है। G-Hub कार्यक्रम के माध्यम से परियोजना-आधारित क्रियान्वयन, नीति सरलीकरण, भूमि आपूर्ति, एकीकृत अवसंरचना और निवेश प्रोत्साहन के जरिये राज्य में उच्च वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण आजीविका और बेहतर ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी  संजय कुमार शुक्ल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग  ऋषि गर्ग और विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। संबंधित जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।  

MP पुलिस बल में कमी, हर 873 नागरिकों पर एक जवान; 22 हजार भर्ती का रोडमैप तैयार

भोपाल  मध्य प्रदेश में औसतन 873 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक पुलिसकर्मी पर है। मुख्यमंत्री ने तीन वर्ष के भीतर 22,500 पुलिस आरक्षकों की भर्ती की घोषणा की है। इसे सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन सच्चाई है कि प्रतिवर्ष दो से ढाई हजार पुलिस आरक्षक सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2024 में 60 हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती की। इस वर्ष भी वहां पुलिस आरक्षक और उप निरीक्षकों के लगभग 30 हजार पदों पर भर्ती होने वाली है। मध्य प्रदेश में पुलिस बल की कमी के चलते बड़ी चुनौती वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में सुरक्षा को लेकर रहेगी। इसमें 60 हजार पुलिसकर्मियों की आवश्यकता होगी। थाने नहीं बढ़ाने से पुलिस बल भी नहीं बढ़ा प्रदेश में पुलिस आरक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तक के एक लाख 25 हजार 489 पद हैं। इनमें अभी एक लाख 600 ही पदस्थ हैं। जब कोई थाना स्वीकृत होता है, तभी उसके लिए बल स्वीकृत किया जाता है। जरूरत के अनुसार थाने नहीं बढ़ने के कारण पुलिस बल भी नहीं बढ़ा। सरकार का ही मापदंड मान लें, तो पचास हजार की आबादी पर जिला पुलिस बल का एक थाना होना चाहिए, इस हिसाब से प्रदेश की अनुमानित आठ करोड़ 90 लाख की जनसंख्या के हिसाब से 1700 से अधिक थाने होने चाहिए, पर अभी 968 ही हैं। एक साथ भर्ती में यह हैं चुनौतियां     प्रदेश में आठ पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में 7850 पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की सुविधा है। उन्हें नौ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे अधिक पदों पर भर्ती होने पर प्रशिक्षण के लिए प्रतीक्षा करनी होगी।     पुलिस आरक्षक के पदों पर आनलाइन परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों की कमी रहती है। इस कारण कर्मचारी चयन मंडल को परीक्षा कराने में दो से तीन माह लग जाते हैं। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा में दो से तीन माह लग जाते हैं। छह से सात हजार पद भरने में ही लगभग डेढ़ वर्ष लग जा रहे हैं।     तीसरा, बजट के अभाव के कारण भी सरकार एक साथ बड़ी भर्ती करने से बच रही है। खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत     जिस तरह से अपराध बढे हैं, उस तरह से पुलिसबल की संख्या बढ़ाने के साथ उसे ताकतवर बनाना होगा। विशेष रूप से खुफिया तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। सरकार आंकड़े कुछ भी दिखाए, पर स्थिति ठीक नहीं है। जैसे-जैसे बेरोजगारी बढ़ रही है, युवा अपराध की ओर जा रहे हैं। औसतन देखा जाए तो जितने पुलिसकर्मी रिटायर हो रहे हैं, सरकार उतने भी भर्ती नहीं कर पा रही है। – अरुण गुर्टू, पूर्व, डीजी, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त  

बैंकिंग सेवाएं ठहरेंगी छठ के कारण, जानें कौन-कौन से दिन रहेंगे बंद

छठ पूजा एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जिसे खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और इसका समापन सूर्यदेव को सुबह अर्घ्य देने के साथ होता है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को होगी और समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ होगा। वहीं, छठ पर्व के दौरान 4 दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं। छठ पूजा के मौके पर कब-कब बैंक बंद रहेंगे? कल यानी 25 अक्टूबर से छठ की शुरूआत हो रही है, लेकिन कल चौथा शनिवार है तो इस वजह से भी कल बैंक बंद रहेंगे। 26 अक्टूबर को रविवार है और छठ पर्व का दूसरा दिन है तो इस वजह से बैंक बंद रहेंगे। 27 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा (शाम की अर्घ्य) के कारण बैंक बंद रहेंगे। 28 अक्टूबर को बिहार और झारखंड में छठ पूजा (सुबह की अर्घ्य) पर बैंक की छुट्टी रहेगी।

तेजस्वी का बीजेपी पर वार, नीतीश पर प्यार, बोले- बिहार को चलाने का हक सिर्फ बिहारी को

पटना आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव प्रचार का शंखनाद किया। सलखुआ उच्च विद्यालय मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार पर तेजस्वी नरम दिखे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बीस साल में भी बिहार से पलायन नहीं रोक पाए। हमारी सरकार आएगी तो नया बिहार बनाएंगे। मेरी उम्र भले ही कच्ची है, लेकिन जुबान पक्की है। मेरा सपना भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने का है। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए ने अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। अमित शाह ने खुद कह दिया कि चुनाव के बाद सीएम तय करेंगे। तेजस्वी ने तंज कसते हए कहा कि एक बात तय है कि नीतीश जी अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जबकि हमने तय कर लिया है। उन्होंने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने की बात कही। तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के प्रति हमदर्दी भी जताई और कहा, हमारे चाचा नीतीश कुमार को भाजपा ने हाइजैक कर लिया है। उनके साथ नाइंसाफी की जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार को बाहरी ताकतें नियंत्रित नहीं करेंगी। बिहार को बिहारी ही चलाएगा, कोई बाहरी नहीं। हम बिहारी डरने वाले नहीं हैं। इस दौरान वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता, खगड़िया के पूर्व सांसद एवं राजद नेता चौधरी महबूब अली केसर, युसूफ सलाहउद्दीन, सरिता पासवान, गौतम कृष्ण मौजूद रहे।